इतिहास की गहराइयों में: आज की परख!
आइए, इतिहास के विशाल सागर में गोता लगाएँ और अपने ज्ञान के मोती बटोरें! आज की इस विशेष प्रश्नोत्तरी के साथ, हम प्राचीन भारत की सभ्यता से लेकर आधुनिक विश्व की उथल-पुथल तक, समय के झरोखों को खोलेंगे। तैयार हो जाइए, यह केवल प्रश्नोत्तरी नहीं, बल्कि ज्ञान की एक अविस्मरणीय यात्रा है!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल से एक विशाल स्नानागार (Great Bath) प्राप्त हुआ है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगन
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: मोहनजोदड़ो, जिसका अर्थ है ‘मृतकों का टीला’, सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख पुरातात्विक स्थल है। यहाँ से प्राप्त विशाल स्नानागार, जो संभवतः धार्मिक अनुष्ठानों के लिए उपयोग किया जाता था, इस सभ्यता की उन्नत वास्तुकला और शहरी नियोजन का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
- संदर्भ और विस्तार: यह स्नानागार लगभग 50 फीट लंबा, 30 फीट चौड़ा और 8 फीट गहरा था। इसके निर्माण में पक्की ईंटों का प्रयोग किया गया था और इसमें पानी के रिसाव को रोकने के लिए बिटुमेन (डामर) का लेप लगाया गया था। इसके दोनों ओर सीढ़ियाँ बनी हुई थीं।
- गलत विकल्प: हड़प्पा भी एक महत्वपूर्ण स्थल था जहाँ से श्रमिक आवास और कब्रिस्तान मिले। लोथल एक बंदरगाह शहर था जहाँ डॉकयार्ड मिला, और कालीबंगन से जुते हुए खेत के प्रमाण मिले।
प्रश्न 2: ऋग्वेद में ‘अघ्न्य’ शब्द किस पशु के लिए प्रयुक्त हुआ है?
- घोड़ा
- गाय
- बैल
- भेड़
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ऋग्वेद, सबसे प्राचीन वैदिक ग्रंथ, में ‘अघ्न्य’ शब्द का प्रयोग गाय के लिए किया गया है। ‘अघ्न्य’ का अर्थ है ‘जिसे मारा न जाए’ या ‘अवध्य’, जो ऋग्वैदिक काल में गाय के अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माने जाने का संकेत देता है।
- संदर्भ और विस्तार: गाय को संपत्ति का प्रतीक माना जाता था और यह अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण आधार थी। ऋग्वेद में गायों को पाने के लिए युद्धों का भी वर्णन मिलता है।
- गलत विकल्प: घोड़े का महत्व था, खासकर युद्धों में, लेकिन इसे ‘अघ्न्य’ नहीं कहा गया। बैल कृषि के लिए महत्वपूर्ण था, और भेड़ ऊन के लिए, पर ‘अघ्न्य’ विशेष रूप से गाय के लिए था।
प्रश्न 3: किस मौर्य शासक ने ‘देवताओं का प्रिय, राजा प्रियदर्शी’ जैसी उपाधियों को अपनाया?
- चंद्रगुप्त मौर्य
- बिंदुसार
- अशोक
- बृहद्रथ
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: सम्राट अशोक, जो मौर्य वंश के एक महान शासक थे, ने अपने अभिलेखों में स्वयं के लिए ‘देवताओं का प्रिय, राजा प्रियदर्शी’ (प्रियदर्शी राजा) जैसी उपाधियों का प्रयोग किया था।
- संदर्भ और विस्तार: इन उपाधियों का अर्थ है ‘वह जो दूसरों को खुशी से देखे’ या ‘सुंदर मुख वाला’। ये उपाधियाँ उनकी प्रजा के प्रति उदारता और कल्याणकारी नीतियों को दर्शाती हैं। इन उपाधियों का प्रयोग उनके द्वारा निर्मित शिलालेखों में मिलता है, जो उनके शासनकाल और धर्म प्रचार की जानकारी देते हैं।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य मौर्य वंश के संस्थापक थे, बिंदुसार उनके पुत्र थे, और बृहद्रथ मौर्य वंश के अंतिम शासक थे। इन शासकों ने इन विशिष्ट उपाधियों का प्रयोग नहीं किया।
प्रश्न 4: गुप्त काल को भारतीय इतिहास का ‘स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?
- भारी मात्रा में सोने का उत्पादन
- कला, साहित्य और विज्ञान की अभूतपूर्व प्रगति
- सभी विदेशी आक्रमणों की समाप्ति
- लोकतांत्रिक व्यवस्था की स्थापना
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: गुप्त काल (लगभग 320-550 ईस्वी) को भारतीय इतिहास का ‘स्वर्ण युग’ कहा जाता है क्योंकि इस दौरान कला, साहित्य, विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान और दर्शन के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: इस काल में कालिदास जैसे महान कवियों और साहित्यकारों का उदय हुआ। आर्यभट्ट ने दशमलव प्रणाली और शून्य की अवधारणा का विकास किया, तथा खगोल विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वास्तुकला, मूर्तिकला और चित्रकला (जैसे अजंता की गुफाओं के कुछ चित्र) भी इस युग की देन हैं।
- गलत विकल्प: यद्यपि गुप्त काल में अर्थव्यवस्था समृद्ध थी, लेकिन ‘स्वर्ण युग’ का मुख्य कारण यह नहीं था। इस काल में आक्रमण हुए थे (जैसे हूणों के), और यह पूरी तरह से लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं थी।
प्रश्न 5: प्रसिद्ध खगोलशास्त्री आर्यभट्ट किस गुप्त शासक के समकालीन थे?
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- समुद्रगुप्त
- कुमारगुप्त प्रथम
- स्कंदगुप्त
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: महान खगोलशास्त्री और गणितज्ञ आर्यभट्ट, जिन्होंने ‘आर्यभटीय’ नामक ग्रन्थ लिखा, गुप्त सम्राट चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) के दरबार से जुड़े थे।
- संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त द्वितीय का शासनकाल 380-415 ईस्वी तक रहा, और इसी अवधि में आर्यभट्ट ने अपना महत्वपूर्ण कार्य किया। उन्होंने पृथ्वी की घूर्णन, सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के कारणों की सही व्याख्या की और पाई (π) का मान भी निकाला।
- गलत विकल्प: समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है, कुमारगुप्त प्रथम नालंदा विश्वविद्यालय के संस्थापक थे, और स्कंदगुप्त ने हूणों को सफलतापूर्वक हराया था। आर्यभट्ट विशेष रूप से चंद्रगुप्त द्वितीय के काल से जुड़े हैं।
प्रश्न 6: ‘महाभारत’ के मूल लेखक कौन माने जाते हैं?
- वाल्मीकि
- वेदव्यास
- कालिदास
- तुलसीदास
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘महाभारत’, भारतीय महाकाव्यों में से एक, के मूल लेखक महर्षि वेदव्यास माने जाते हैं। वे महाभारत के पात्र भी हैं और इस महागाथा के सूत्रधार भी।
- संदर्भ और विस्तार: महाभारत की रचना कई सदियों तक चली, लेकिन इसका मूल ढाँचा और उपदेश वेदव्यास द्वारा ही निर्मित माना जाता है। यह केवल एक युद्ध की कहानी नहीं, बल्कि धर्म, कर्म, और जीवन के दर्शन का भी एक विशाल ग्रंथ है।
- गलत विकल्प: वाल्मीकि ‘रामायण’ के रचयिता हैं। कालिदास प्राचीन भारत के महान कवि और नाटककार हैं, और तुलसीदास ‘रामचरितमानस’ के रचयिता हैं।
प्रश्न 7: दिल्ली सल्तनत की स्थापना किस शासक ने की थी?
- इल्तुतमिश
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- बलबन
- मोहम्मद गोरी
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: दिल्ली सल्तनत की नींव 1206 ईस्वी में कुतुबुद्दीन ऐबक ने रखी थी। वह मोहम्मद गोरी का एक गुलाम और उसका योग्य सेनापति था।
- संदर्भ और विस्तार: गोरी की मृत्यु के बाद, ऐबक ने स्वयं को दिल्ली के स्वतंत्र शासक के रूप में स्थापित किया और गुलाम वंश (या मामलुक वंश) की शुरुआत की। उसने कुतुब मीनार का निर्माण शुरू करवाया।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ऐबक का दामाद और उत्तराधिकारी था जिसने सल्तनत को मजबूत किया। बलबन भी एक महत्वपूर्ण शासक था। मोहम्मद गोरी भारत में विजय प्राप्त करके वापस चला गया था, उसने सल्तनत की स्थापना नहीं की थी।
प्रश्न 8: अलाउद्दीन खिलजी की बाजार नियंत्रण प्रणाली का मुख्य उद्देश्य क्या था?
- बाजारों को व्यवस्थित करना
- सैन्य अभियानों के लिए रसद की आपूर्ति सुनिश्चित करना
- गरीबों के लिए वस्तुओं की उपलब्धता बढ़ाना
- व्यापारियों पर अधिक कर लगाना
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: अलाउद्दीन खिलजी ने अपनी बाजार नियंत्रण प्रणाली (बाजार सुधार) मुख्य रूप से अपने विशाल और स्थायी सैन्य बल के लिए आवश्यक वस्तुओं की सस्ती और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लागू की थी।
- संदर्भ और विस्तार: उसने खाद्यान्न, कपड़े, पशुधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित किया। इसके लिए उसने ‘दीवान-ए-रियासत’ (बाजार अधीक्षक) और ‘शहना-ए- मंडी’ (बाजार निरीक्षक) जैसे अधिकारियों की नियुक्ति की। उसने जमाखोरी और कालाबाजारी को प्रतिबंधित किया।
- गलत विकल्प: यद्यपि इससे गरीबों को कुछ लाभ हुआ और बाजार अधिक व्यवस्थित हुए, लेकिन इसका प्राथमिक लक्ष्य सैन्य रसद था। व्यापारियों पर कर लगाने की बजाय मूल्यों को नियंत्रित करना मुख्य था।
प्रश्न 9: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना कब हुई?
- 12वीं शताब्दी
- 13वीं शताब्दी
- 14वीं शताब्दी
- 15वीं शताब्दी
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 14वीं शताब्दी में (1336 ईस्वी) हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों द्वारा की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इन भाइयों ने तुंगभद्रा नदी के किनारे विजयनगर नामक शहर की स्थापना की और दक्षिण भारत में एक शक्तिशाली हिंदू साम्राज्य की नींव रखी। यह साम्राज्य अपनी कला, साहित्य, वास्तुकला और समृद्ध व्यापार के लिए प्रसिद्ध था।
- गलत विकल्प: 12वीं शताब्दी में चोल साम्राज्य का प्रभाव था। 15वीं शताब्दी में विजयनगर अपने चरम पर था।
प्रश्न 10: मुगल सम्राट अकबर ने किस राजस्व प्रणाली को अपनाया?
- इक्ता प्रणाली
- ज़ब्ती प्रणाली (टोडरमल बंदोबस्त)
- मनसबदारी प्रणाली
- जज़िया कर
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: मुगल सम्राट अकबर ने अपने वित्त मंत्री राजा टोडरमल की सहायता से ‘ज़ब्ती प्रणाली’ या ‘टोडरमल बंदोबस्त’ नामक एक कुशल राजस्व प्रणाली लागू की।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली के तहत, भूमि को उसकी उर्वरता के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा गया था, और प्रत्येक श्रेणी के लिए औसत उपज का एक तिहाई हिस्सा कर के रूप में निर्धारित किया गया था। इसने कर संग्रह को अधिक व्यवस्थित और न्यायसंगत बनाया।
- गलत विकल्प: इक्ता प्रणाली दिल्ली सल्तनत से संबंधित थी। मनसबदारी प्रणाली सैन्य और प्रशासनिक पदक्रम से संबंधित थी, न कि सीधे राजस्व से। जज़िया एक धार्मिक कर था।
प्रश्न 11: गुरु नानक देव जी का जन्म किस स्थान पर हुआ था?
- लाहौर
- तलवंडी (नानकाना साहिब)
- अमृतसर
- आनंदपुर साहिब
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल 1469 को पंजाब के तलवंडी नामक स्थान पर हुआ था, जिसे अब नानकाना साहिब (पाकिस्तान) के नाम से जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: उन्होंने ‘एक ओंकार’ (एक ईश्वर) और ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ का संदेश दिया। उन्होंने एकेश्वरवाद, प्रेम, समानता और सेवा पर जोर दिया।
- गलत विकल्प: लाहौर एक प्रमुख शहर था, अमृतसर शहर की नींव गुरु रामदास ने रखी, और आनंदपुर साहिब को गुरु तेग बहादुर और गुरु गोबिंद सिंह जी ने बसाया था।
प्रश्न 12: 1857 के विद्रोह को ‘प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम’ किसने कहा?
- कार्ल मार्क्स
- सर जॉन लॉरेंस
- आर. सी. मजूमदार
- विनायक दामोदर सावरकर
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: विनायक दामोदर सावरकर (वीर सावरकर) ने अपनी पुस्तक ‘The Indian War of Independence, 1857’ में 1857 के विद्रोह को सुनियोजित ‘प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम’ के रूप में वर्णित किया।
- संदर्भ और विस्तार: सावरकर ने इस विद्रोह को केवल सैनिक विद्रोह से बढ़कर भारत की स्वतंत्रता के लिए एक संगठित राष्ट्रीय प्रयास माना।
- गलत विकल्प: सर जॉन लॉरेंस और अन्य ब्रिटिश इतिहासकारों ने इसे केवल एक सैनिक विद्रोह कहा था। आर. सी. मजूमदार ने भी इसे प्रथम स्वतंत्रता संग्राम मानने से इनकार किया था। कार्ल मार्क्स ने इसे भारत में सामंतवाद के अंत और पूंजीवाद की शुरुआत के रूप में देखा।
प्रश्न 13: भारत में ‘स्थायी बंदोबस्त’ (Permanent Settlement) प्रणाली किसने लागू की?
- लॉर्ड वेलेजली
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कॉर्नवालिस
- लॉर्ड विलियम बेंटिक
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: लॉर्ड कॉर्नवालिस, जो 1786 से 1793 तक भारत के गवर्नर-जनरल रहे, ने 1793 में बंगाल, बिहार, उड़ीसा और बनारस में ‘स्थायी बंदोबस्त’ प्रणाली लागू की।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली के तहत, जमींदारों को भू-राजस्व का एक निश्चित हिस्सा ब्रिटिश सरकार को सालाना देना तय किया गया। जमींदारों को भू-स्वामी माना गया और वे किसानों से लगान वसूलने का अधिकार रखते थे। इसने राजस्व का एक स्थिर स्रोत सुनिश्चित किया, लेकिन किसानों की स्थिति अक्सर दयनीय हो गई।
- गलत विकल्प: लॉर्ड वेलेजली ‘सहायक संधि’ के लिए जाने जाते हैं, लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए, और लॉर्ड विलियम बेंटिक ने सती प्रथा को समाप्त किया था।
प्रश्न 14: ‘वेदांत कॉलेज’ की स्थापना किसने की थी?
- स्वामी विवेकानंद
- राजा राम मोहन राय
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
- दयानंद सरस्वती
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: आधुनिक भारत के अग्रदूत और समाज सुधारक राजा राम मोहन राय ने 1825 में कलकत्ता में ‘वेदांत कॉलेज’ की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस कॉलेज का उद्देश्य भारतीय युवाओं को पश्चिमी विज्ञान और भारतीय दर्शन दोनों का ज्ञान प्रदान करना था, ताकि वे दोनों परंपराओं का समन्वय स्थापित कर सकें।
- गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने ‘विधवा पुनर्विवाह’ को बढ़ावा दिया। दयानंद सरस्वती ने ‘आर्य समाज’ की स्थापना की।
प्रश्न 15: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन की अध्यक्षता किसने की थी?
- ए. ओ. ह्यूम
- व्योमेश चंद्र बनर्जी
- दादाभाई नौरोजी
- सुरेंद्रनाथ बनर्जी
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन 28-30 दिसंबर 1885 को बंबई (अब मुंबई) में हुआ था, और इसकी अध्यक्षता व्योमेश चंद्र बनर्जी ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन में 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। इस अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य भारतीयों को राजनीतिक अधिकारों के लिए एकजुट करना और ब्रिटिश सरकार के सामने अपनी माँगें रखना था। ए. ओ. ह्यूम ने कांग्रेस की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, लेकिन वे केवल महा सचिव थे।
- गलत विकल्प: दादाभाई नौरोजी ने कांग्रेस के तीन अधिवेशन की अध्यक्षता की और ‘ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ इंडिया’ कहलाए। सुरेंद्रनाथ बनर्जी भी एक प्रमुख राष्ट्रवादी नेता थे।
प्रश्न 16: ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?
- 1929
- 1930
- 1931
- 1932
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था। यह महात्मा गांधी और भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच एक राजनीतिक समझौता था।
- संदर्भ और विस्तार: इस समझौते के तहत, सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित कर दिया गया था और इसके बदले में लॉर्ड इरविन ने राजनीतिक कैदियों की रिहाई और नमक सत्याग्रह के दौरान जब्त की गई संपत्तियों को वापस करने का वादा किया था। इस समझौते के परिणामस्वरूप गांधीजी दूसरे गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए लंदन गए।
- गलत विकल्प: 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ था, 1931 में समझौता हुआ, और 1932 में गांधी-पुनर्वित्त समझौता (Poona Pact) हुआ।
प्रश्न 17: किस भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का नारा था – ‘करो या मरो’?
- असहयोग आंदोलन
- सविनय अवज्ञा आंदोलन
- भारत छोड़ो आंदोलन
- बंगाल विभाजन विरोधी आंदोलन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘करो या मरो’ (Do or Die) का प्रसिद्ध नारा महात्मा गांधी ने 1942 में शुरू हुए ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के दौरान दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह आंदोलन भारत को तुरंत आज़ाद कराने की मांग को लेकर चलाया गया था। गांधीजी ने लोगों से अपील की थी कि वे आजादी के लिए अंतिम संघर्ष के रूप में इसे अपनाएं और या तो अपने जीवन में आजादी हासिल करें या फिर इस प्रयास में अपने प्राण न्यौछावर कर दें।
- गलत विकल्प: असहयोग आंदोलन (1920-22) का नारा ‘एक वर्ष में स्वराज’ था। सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930-34) में ‘कर या मरो’ का नारा नहीं था, बल्कि अहिंसक प्रतिरोध पर जोर था। बंगाल विभाजन विरोधी आंदोलन (1905) का नारा ‘स्वदेशी और बहिष्कार’ था।
प्रश्न 18: भारत की स्वतंत्रता के समय ब्रिटिश प्रधानमंत्री कौन था?
- विंस्टन चर्चिल
- क्लेमेंट एटली
- लॉर्ड माउंटबेटन
- लॉर्ड वेवेल
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: 1947 में भारत की स्वतंत्रता के समय, क्लेमेंट एटली ब्रिटेन के प्रधान मंत्री थे। वे लेबर पार्टी के नेता थे।
- संदर्भ और विस्तार: एटली सरकार ने ही भारत को सत्ता सौंपने का निर्णय लिया था। लॉर्ड माउंटबेटन भारत के अंतिम वायसराय थे, जो भारत की आज़ादी और विभाजन की प्रक्रिया के प्रभारी थे, न कि प्रधानमंत्री। विंस्टन चर्चिल द्वितीय विश्व युद्ध के समय प्रधानमंत्री थे।
- गलत विकल्प: चर्चिल उस समय विपक्ष में थे। माउंटबेटन वायसराय थे, प्रधानमंत्री नहीं। वेवेल पहले के वायसराय थे।
प्रश्न 19: 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड किस शहर में हुआ था?
- दिल्ली
- लाहौर
- अमृतसर
- कलकत्ता
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: 13 अप्रैल 1919 को, जलियांवाला बाग हत्याकांड अमृतसर शहर में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: जनरल डायर के आदेश पर, शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे निहत्थे भारतीयों पर गोलियां चलाई गईं, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए और हजारों घायल हुए। यह घटना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक काला दिन है और इसने भारतीयों को ब्रिटिश शासन के खिलाफ और उग्र कर दिया।
- गलत विकल्प: अन्य शहर प्रमुख थे, लेकिन यह विशेष घटना अमृतसर में हुई थी।
प्रश्न 20: फ्रांसीसी क्रांति का प्रमुख नारा क्या था?
- एक राष्ट्र, एक नेता, एक लक्ष्य
- स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
- रक्त और लोहे की नीति
- राष्ट्रवाद जिंदाबाद
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: फ्रांसीसी क्रांति (1789-1799) का केंद्रीय नारा ‘लिबर्टे, इगलिटे, फ्रेटरनिटी’ था, जिसका अर्थ है ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’।
- संदर्भ और विस्तार: इस नारे ने फ्रांसीसी क्रांति के मुख्य आदर्शों को व्यक्त किया, जो राजशाही के पतन और एक गणतंत्र की स्थापना की ओर ले गए। इसने आधुनिक लोकतांत्रिक विचारों को प्रभावित किया।
- गलत विकल्प: ‘एक राष्ट्र, एक नेता, एक लक्ष्य’ नाजी जर्मनी का नारा था। ‘रक्त और लोहे की नीति’ बिसमार्क से जुड़ी है। ‘राष्ट्रवाद जिंदाबाद’ विभिन्न राष्ट्रवादी आंदोलनों का नारा रहा है।
प्रश्न 21: प्रथम विश्व युद्ध की अवधि क्या थी?
- 1905-1910
- 1914-1918
- 1939-1945
- 1945-1950
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: प्रथम विश्व युद्ध 1914 में शुरू हुआ और 1918 में समाप्त हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध यूरोप में शुरू हुआ था और इसमें दुनिया भर के देशों ने हिस्सा लिया था। इसने राजनीतिक मानचित्र को बदल दिया और लाखों लोगों की जान ली।
- गलत विकल्प: 1939-1945 द्वितीय विश्व युद्ध की अवधि थी।
प्रश्न 22: किस वायसराय के समय में भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित की गई?
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड मिंटो
- लॉर्ड हार्डिंग्ज द्वितीय
- लॉर्ड चेम्सफोर्ड
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: लॉर्ड हार्डिंग्ज द्वितीय के वायसरायकाल (1910-1916) के दौरान, 1911 में यह घोषणा की गई कि भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित की जाएगी। दिल्ली दरबार (1911) में इसकी घोषणा हुई और 1912 में यह स्थानांतरित हो गई।
- संदर्भ और विस्तार: यह निर्णय पूर्वी बंगाल के विभाजन को रद्द करने और बंगाल के राष्ट्रवाद को शांत करने के प्रयासों का भी हिस्सा था, साथ ही दिल्ली की ऐतिहासिक महत्ता को देखते हुए उसे राजधानी बनाने का विचार था।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन (1905) किया था। मिंटो ने मार्ले-मिंटो सुधार (1909) पेश किए। चेम्सफोर्ड के समय रॉलेट एक्ट और जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ।
प्रश्न 23: ‘सत्यार्थ प्रकाश’ के लेखक कौन हैं?
- स्वामी विवेकानंद
- राजा राम मोहन राय
- दयानंद सरस्वती
- महात्मा गांधी
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘सत्यार्थ प्रकाश’ महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ है, जो आर्य समाज के संस्थापक थे।
- संदर्भ और विस्तार: इस पुस्तक में उन्होंने वेदों के महत्व पर जोर दिया और तत्कालीन समाज में व्याप्त कुरीतियों, जैसे जातिवाद, मूर्तिपूजा, और धार्मिक पाखंड की आलोचना की। यह वेदों के सार और सार्वभौमिक सत्य की व्याख्या करती है।
- गलत विकल्प: विवेकानंद ने ‘कर्मयोग’, ‘ज्ञानयोग’ जैसे ग्रन्थ लिखे। राजा राम मोहन राय ने ‘ब्रह्मवादिनी’ के विचारों का प्रचार किया। महात्मा गांधी ने ‘हिंद स्वराज’ लिखी।
प्रश्न 24: ताशकंद समझौता किन दो देशों के बीच हुआ था?
- भारत और पाकिस्तान
- भारत और चीन
- पाकिस्तान और अफगानिस्तान
- ईरान और इराक
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ताशकंद समझौता 10 जनवरी 1966 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के बीच ताशकंद (तब सोवियत संघ में) में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह समझौता 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद हुआ था, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच तनाव को कम करना और शांति स्थापित करना था। इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के कुछ ही घंटों बाद लाल बहादुर शास्त्री का निधन हो गया।
- गलत विकल्प: भारत और चीन के बीच 1962 के युद्ध के बाद संबंध तनावपूर्ण रहे। अन्य विकल्प गलत हैं।
प्रश्न 25: पुनर्जागरण (Renaissance) का प्रारंभ किस यूरोपीय देश में हुआ?
- फ्रांस
- इंग्लैंड
- इटली
- स्पेन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: पुनर्जागरण, एक सांस्कृतिक और बौद्धिक आंदोलन था जिसने यूरोप में मध्ययुगीन काल से आधुनिक काल की ओर परिवर्तन को चिह्नित किया। इसका प्रारंभ 14वीं शताब्दी में इटली में हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: इटली के शहरों, विशेष रूप से फ्लोरेंस, वेनिस और रोम, ने कला, साहित्य, वास्तुकला और विज्ञान में महान उपलब्धियाँ हासिल कीं। लियोनार्डो दा विंची, माइकल एंजेलो, राफेल जैसे महान कलाकारों ने इसी काल में काम किया। यह आंदोलन प्राचीन ग्रीक और रोमन संस्कृति के पुनरुद्धार पर आधारित था।
- गलत विकल्प: पुनर्जागरण बाद में फ्रांस, इंग्लैंड और अन्य यूरोपीय देशों में फैला, लेकिन इसकी शुरुआत इटली से ही हुई थी।