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इतिहास की गहन परख: दैनिक परीक्षा में अपनी पकड़ मजबूत करें!

इतिहास की गहन परख: दैनिक परीक्षा में अपनी पकड़ मजबूत करें!

समय के चक्र में एक और दिन, और ज्ञान के क्षितिज पर इतिहास का एक और सूर्योदय! क्या आप प्राचीन सभ्यताओं की गूँज, मध्यकालीन साम्राज्यों के उत्थान-पतन और आधुनिक युग की हलचल के लिए तैयार हैं? आइए, इन 25 चुनिंदा प्रश्नों के साथ अपनी ऐतिहासिक समझ को परखें और हर प्रश्न के विस्तृत विश्लेषण से खुद को और बेहतर बनाएं!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।


प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंधु का बाग’ या ‘मृतकों का टीला’ के रूप में जाना जाता है?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. कालीबंगा

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: मोहनजोदड़ो, जिसका अर्थ सिंधी भाषा में ‘मृतकों का टीला’ है, सिंधु घाटी सभ्यता का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है। यह अपनी सुनियोजित नगर रचना, विशाल स्नानागार और कांसे की नर्तकी की मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है।
  • संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो वर्तमान पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सिंधु नदी के दाहिने किनारे पर स्थित था। इसकी खुदाई 1922 में आर.डी. बनर्जी द्वारा की गई थी। इसके विपरीत, हड़प्पा को ‘सिंधु का बाग’ कहा जाता है, जो रावी नदी के किनारे स्थित था। लोथल गुजरात में स्थित एक बंदरगाह शहर था, और कालीबंगा राजस्थान में स्थित था जो हल चलाने के प्रमाण के लिए जाना जाता है।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा को ‘सिंधु का बाग’ कहा जाता है, ‘मृतकों का टीला’ नहीं। लोथल और कालीबंगा अपने विशेष पुरातात्विक महत्व रखते हैं, लेकिन ‘मृतकों का टीला’ की उपाधि मोहनजोदड़ो से जुड़ी है।

प्रश्न 2: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?

  1. चंद्रगुप्त प्रथम
  2. समुद्रगुप्त
  3. चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य)
  4. स्कंदगुप्त

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: समुद्रगुप्त (शासनकाल लगभग 335-375 ईस्वी) को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। यह उपाधि उन्हें उनके प्रसिद्ध दरबारी कवि हरिषेण द्वारा रचित ‘प्रयाग प्रशस्ति’ (इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख) में उनके द्वारा जीते गए युद्धों और विजयों के उल्लेख के कारण दी गई है।
  • संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त एक महान विजेता था जिसने उत्तर भारत के लगभग सभी छोटे-बड़े राज्यों को जीता और दक्षिण भारत में भी एक सफल सैन्य अभियान चलाया। उसकी सैन्य प्रतिभा और साम्राज्य विस्तार की महत्वाकांक्षा ने उसे यह उपमा दिलाई। चंद्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य अपने शासनकाल में कला, साहित्य और खगोल विज्ञान के विकास के लिए जाने जाते हैं।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का संस्थापक था और उसने महाराजधिराज की उपाधि धारण की। चंद्रगुप्त द्वितीय ने शकों को पराजित किया और अपनी राजधानी उज्जैन में स्थानांतरित की। स्कंदगुप्त ने हूणों के आक्रमण का सफलतापूर्वक सामना किया।

प्रश्न 3: ‘सिजदा’ और ‘पैबोस’ प्रथाएं किस मध्यकालीन शासक ने शुरू की थीं?

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. मुहम्मद बिन तुगलक

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: बलबन (गियासुद्दीन बलबन), जो दिल्ली सल्तनत के गुलाम वंश का एक महत्वपूर्ण शासक था, ने अपनी सत्ता को मजबूत करने और ईरानी राजशाही की तरह शाही प्रतिष्ठा को स्थापित करने के लिए ‘सिजदा’ (शासक के सामने झुककर अभिवादन करना) और ‘पैबोस’ (शासक के पैरों को चूमना) जैसी प्रथाएं शुरू की थीं।
  • संदर्भ और विस्तार: बलबन ने ‘नियसुद्दीन बलबन’ के रूप में शासन किया (1266-1287 ईस्वी)। इन प्रथाओं का उद्देश्य सुल्तान को ईश्वर का प्रतिनिधि (नियाबते खुदाई) और पृथ्वी पर ईश्वरीय शक्ति का प्रतीक दिखाना था, जिससे दरबारी भय और सम्मान से ओत-प्रोत रहे। उसने ‘लोह एवं रक्त’ की नीति भी अपनाई थी।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (तुर्क-ए-चहलगानी) नामक सरदारों के समूह का गठन किया था। अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण और स्थायी सेना जैसी महत्वपूर्ण व्यवस्थाएं लागू की थीं। मुहम्मद बिन तुगलक अपनी सांकेतिक मुद्रा और राजधानी परिवर्तन जैसी प्रयोगधर्मी नीतियों के लिए जाना जाता है।

प्रश्न 4: 1857 के विद्रोह को ‘पहला स्वतंत्रता संग्राम’ किसने कहा?

  1. कार्ल मार्क्स
  2. सर सैयद अहमद खान
  3. एम.एन. रॉय
  4. विनायक दामोदर सावरकर

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: विनायक दामोदर सावरकर (वीर सावरकर) ने अपनी पुस्तक “The Indian War of Independence, 1857” में 1857 के विद्रोह को भारत का ‘प्रथम स्वतंत्रता संग्राम’ कहा था।
  • संदर्भ और विस्तार: सावरकर ने इस विद्रोह के पीछे राष्ट्रवाद और स्वतंत्रता की भावना को पहचाना, जिसमें विभिन्न वर्गों और क्षेत्रों के लोगों ने एकजुट होकर ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज उठाई थी। उन्होंने इसे केवल एक सैनिक विद्रोह से कहीं अधिक बढ़कर एक सुनियोजित राष्ट्रीय विद्रोह के रूप में प्रस्तुत किया।
  • गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स ने इसे ‘भारतीय सिपाहियों का विद्रोह’ कहा था। सर सैयद अहमद खान ने ‘असहयोग आंदोलन’ पर टिप्पणी की थी। एम.एन. रॉय भी एक महत्वपूर्ण विचारक थे, लेकिन इस विशिष्ट संज्ञा का श्रेय सावरकर को जाता है।

प्रश्न 5: किस मुगल बादशाह ने ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नए धर्म की शुरुआत की?

  1. अकबर
  2. जहाँगीर
  3. शाहजहाँ
  4. औरंगजेब

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: सम्राट अकबर (शासनकाल 1556-1605 ईस्वी) ने 1582 ईस्वी में ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वरीय धर्म) नामक एक सर्वधर्म समन्वयकारी सिद्धांत की शुरुआत की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: दीन-ए-इलाही का उद्देश्य विभिन्न धर्मों के अनुयायियों के बीच एकता और सहिष्णुता को बढ़ावा देना था। यह एक धर्म की तुलना में एक दार्शनिक और सामाजिक सिद्धांत अधिक था, जिसमें विभिन्न धर्मों के सार को शामिल करने का प्रयास किया गया था। अकबर ने स्वयं इस धर्म को अपनाया और अपने कुछ करीबी सहयोगियों को भी दीक्षित किया। बीरबल इस धर्म को स्वीकार करने वाले एकमात्र प्रमुख हिंदू थे।
  • गलत विकल्प: जहाँगीर अपने न्याय के लिए प्रसिद्ध था और उसने ‘जंजीर-ए-अदल’ स्थापित की थी। शाहजहाँ स्थापत्य कला के लिए जाना जाता है, जिसने ताजमहल का निर्माण करवाया। औरंगजेब एक कट्टर सुन्नी मुस्लिम था और उसने जिहाद की घोषणा की थी, न कि किसी नए धर्म की।

प्रश्न 6: हड़प्पा सभ्यता में किस स्थान को ‘मेसोपोटामिया के साथ व्यापार का केंद्र’ माना जाता है?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. धोलावीरा

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: लोथल, जो वर्तमान गुजरात में स्थित है, को हड़प्पा सभ्यता का एक प्रमुख बंदरगाह शहर और मेसोपोटामिया के साथ व्यापार का महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: लोथल में एक विशाल बंदरगाह (डॉकयार्ड) के अवशेष मिले हैं, जो समुद्री व्यापार की सुदृढ़ता का प्रमाण है। यहां से मिली मेसोपोटामिया की मुहरें (सील्स) इस बात की पुष्टि करती हैं कि हड़प्पा सभ्यता का मेसोपोटामिया के साथ व्यापारिक संबंध था। इस व्यापार में लोथल एक प्रमुख कड़ी था।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो बड़े शहर थे, लेकिन लोथल अपनी विशिष्ट बंदरगाह सुविधाओं के कारण व्यापार का केंद्र बना। धोलावीरा अपनी उन्नत जल प्रबंधन प्रणाली के लिए जाना जाता है।

प्रश्न 7: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?

  1. कृष्ण देवराय
  2. हरिहर और बुक्का
  3. देवराय द्वितीय
  4. तिरुमल राय

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम नामक दो भाइयों ने की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: ये दोनों भाई वर्तमान कर्नाटक के सीमावर्ती क्षेत्र में एक स्थानीय सरदार के अधीन काम करते थे और बाद में दिल्ली सल्तनत के कमजोर पड़ने पर उन्होंने दक्षिण भारत में एक स्वतंत्र और शक्तिशाली राज्य की स्थापना की। हरिहर प्रथम इसका पहला शासक बना, और विजयनगर की राजधानी तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थापित की गई।
  • गलत विकल्प: कृष्ण देवराय विजयनगर साम्राज्य के सबसे प्रसिद्ध और शक्तिशाली शासकों में से एक थे, जिन्होंने 1509 से 1529 तक शासन किया। देवराय द्वितीय भी एक महत्वपूर्ण शासक थे। तिरुमल राय ने संगम वंश के पतन के बाद आरविडु राजवंश की स्थापना की।

प्रश्न 8: ‘गदर पार्टी’ का मुख्यालय कहाँ स्थित था?

  1. लंदन
  2. बर्लिन
  3. सैन फ्रांसिस्को
  4. टोक्यो

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना 1913 में अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को शहर में हुई थी और इसका मुख्यालय वहीं स्थित था।
  • संदर्भ और विस्तार: गदर पार्टी की स्थापना मुख्य रूप से विदेशी भूमि में रहने वाले भारतीयों द्वारा ब्रिटिश शासन के विरुद्ध स्वतंत्रता संग्राम को संगठित करने के उद्देश्य से की गई थी। इसके संस्थापक सदस्य लाला हरदयाल, सोहन सिंह भकना, और राम चंद्र जैसे राष्ट्रवादी नेता थे। पार्टी ने ‘गदर’ नामक एक साप्ताहिक समाचार पत्र प्रकाशित किया, जो क्रांतिकारियों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ।
  • गलत विकल्प: लंदन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जैसी संस्थाएं सक्रिय थीं। बर्लिन में भी भारतीय स्वतंत्रता के लिए कुछ गतिविधियां हुईं, लेकिन गदर पार्टी का मुख्य केंद्र सैन फ्रांसिस्को था। टोक्यो में रास बिहारी बोस ने भी स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका निभाई।

प्रश्न 9: ऋग्वेद में ‘अघन्य’ शब्द का प्रयोग किस पशु के लिए किया गया है?

  1. घोड़ा
  2. गाय
  3. बैल
  4. भेड़

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: ऋग्वेद में ‘अघन्य’ शब्द का प्रयोग गाय के लिए किया गया है। ‘अघन्य’ का अर्थ है ‘जिसे मारा न जा सके’ या ‘अहननीय’।
  • संदर्भ और विस्तार: वैदिक काल में गाय को अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता था। यह संपत्ति का मुख्य आधार थी और इसका आर्थिक, सामाजिक और धार्मिक महत्व था। इसीलिए ऋग्वेद में गायों को मारने या उनका वध करने पर सख्त मनाही के संकेत मिलते हैं, और उन्हें ‘अघन्य’ कहा गया है।
  • गलत विकल्प: घोड़े का उपयोग रथ चलाने और युद्धों में किया जाता था। बैल कृषि कार्यों में महत्वपूर्ण थे। भेड़ ऊन के लिए महत्वपूर्ण थी, लेकिन गाय का विशेष स्थान था।

प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन ‘सहायक संधि’ (Subsidiary Alliance) का प्रथम स्वीकारकर्ता था?

  1. हैदराबाद का निजाम
  2. अवध का नवाब
  3. मैसूर का राजा
  4. भरतपुर का राजा

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: हैदराबाद के निजाम ने 1798 में लॉर्ड वेलेजली द्वारा पेश की गई ‘सहायक संधि’ को स्वीकार करने वाला पहला भारतीय शासक था।
  • संदर्भ और विस्तार: सहायक संधि के तहत, भारतीय शासकों को अपनी सेना भंग करनी पड़ती थी, ब्रिटिश सेना को अपने राज्य में रखना पड़ता था और उसका खर्च उठाना पड़ता था। बदले में, ब्रिटिश कंपनी उनकी बाहरी आक्रमणों से रक्षा करती थी और आंतरिक विद्रोहों को दबाने में मदद करती थी। इससे भारतीय राज्य धीरे-धीरे ब्रिटिश नियंत्रण में आ गए।
  • गलत विकल्प: अवध के नवाब ने 1801 में सहायक संधि स्वीकार की और अपने राज्य का एक बड़ा हिस्सा गंवा दिया। मैसूर के राजा ने टीपू सुल्तान की मृत्यु के बाद (1799) इस संधि को स्वीकार किया। भरतपुर के राजा ने भी बाद में इस संधि को स्वीकार किया।

प्रश्न 11: भारत के राष्ट्रीय ध्वज का डिजाइन किसने तैयार किया?

  1. महात्मा गांधी
  2. जवाहरलाल नेहरू
  3. पिंगली वेंकैया
  4. सरोजिनी नायडू

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: भारत के राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) का मूल डिजाइन पिंगली वेंकैया ने तैयार किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: पिंगली वेंकैया एक स्वतंत्रता सेनानी और आंध्र प्रदेश के एक प्रसिद्ध व्यक्ति थे। उन्होंने 1916 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए एक राष्ट्रीय ध्वज का मसौदा प्रस्तुत किया था, जो बाद में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के झंडे का आधार बना। 1947 में, स्वतंत्रता के ठीक पहले, संविधान सभा ने इस डिजाइन में कुछ बदलावों के साथ इसे भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया।
  • गलत विकल्प: महात्मा गांधी ने चरखे को स्वदेशी और राष्ट्रीयता का प्रतीक बनाया। जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे और उन्होंने ध्वजारोहण किया था। सरोजिनी नायडू एक प्रमुख कवयित्री और स्वतंत्रता सेनानी थीं।

प्रश्न 12: मौर्य काल में ‘गुप्तचरों’ को क्या कहा जाता था?

  1. अमात्य
  2. पुरोहित
  3. गुढ़ पुरुष
  4. महामात्य

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: मौर्य काल में गुप्तचरों को ‘गुढ़ पुरुष’ कहा जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: कौटिल्य के ‘अर्थशास्त्र’ में गुप्तचरों की विस्तृत व्यवस्था का वर्णन मिलता है। ये गुप्तचर राज्य के भीतर और बाहर की सूचनाएं एकत्र करते थे और राजा की सुरक्षा और शासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। कौटिल्य ने दो प्रकार के गुप्तचरों का उल्लेख किया है: ‘संस्था’ (स्थायी गुप्तचर) और ‘संचार’ (भ्रमणशील गुप्तचर)।
  • गलत विकल्प: ‘अमात्य’ मंत्रियों या उच्च अधिकारियों को कहा जाता था। ‘पुरोहित’ धार्मिक अनुष्ठानों को संपन्न कराने वाला व्यक्ति होता था। ‘महामात्य’ एक उच्च पदस्थ अधिकारी होता था।

प्रश्न 13: भारत में प्रथम पुर्तगाली गवर्नर कौन था?

  1. वास्को डी गामा
  2. अल्फांसो डी अल्बुकर्क
  3. फ्रांसिस्को डी अल्मेडा
  4. नीनो डी कुन्हा

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: फ्रांसिस्को डी अल्मेडा (1505-1509) भारत में प्रथम पुर्तगाली गवर्नर था।
  • संदर्भ और विस्तार: वास्को डी गामा 1498 में भारत आया था, लेकिन वह केवल एक खोजकर्ता था, गवर्नर नहीं। अल्मेडा को पुर्तगाल के राजा द्वारा भारत में पुर्तगाली साम्राज्य का पहला वायसराय (गवर्नर) नियुक्त किया गया था। उसने ‘ब्लू वॉटर पॉलिसी’ (नीले जल की नीति) अपनाई, जिसका उद्देश्य हिंद महासागर में पुर्तगाली नौसैनिक प्रभुत्व स्थापित करना था।
  • गलत विकल्प: वास्को डी गामा भारत आने वाला पहला यूरोपीय था। अल्फांसो डी अल्बुकर्क को भारत में पुर्तगाली शक्ति का वास्तविक संस्थापक माना जाता है, जिसने गोवा पर कब्जा किया। नीनो डी कुन्हा ने राजधानी को कोचीन से गोवा स्थानांतरित किया।

प्रश्न 14: ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ की स्थापना किसने की थी?

  1. सुरेन्द्रनाथ बनर्जी
  2. दादाभाई नौरोजी
  3. गोपाल कृष्ण गोखले
  4. फिरोजशाह मेहता

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ की स्थापना 1866 में दादाभाई नौरोजी ने लंदन में की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संस्था का मुख्य उद्देश्य ब्रिटेन में भारतीय जनता की स्थिति और भारत की समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना और ब्रिटिश जनमत को प्रभावित करना था। दादाभाई नौरोजी, जिन्हें ‘भारत का ग्रैंड ओल्ड मैन’ भी कहा जाता है, ने ब्रिटेन में रहकर भारतीय राष्ट्रवाद को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • गलत विकल्प: सुरेन्द्रनाथ बनर्जी ने ‘इंडियन एसोसिएशन’ की स्थापना की थी। गोपाल कृष्ण गोखले ने ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ की स्थापना की। फिरोजशाह मेहता भी एक प्रमुख राष्ट्रवादी नेता थे।

प्रश्न 15: बौद्ध धर्म की चौथी संगीति (परिषद) कहाँ आयोजित हुई थी?

  1. राजगृह
  2. वैशाली
  3. पाटलिपुत्र
  4. कुंडलवन (कश्मीर)

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: बौद्ध धर्म की चौथी संगीति ईस्वी सन की पहली शताब्दी में कुंडलवन (वर्तमान कश्मीर) में आयोजित हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संगीति की अध्यक्षता वसुमित्र ने की थी और कनिष्क (कुषाण शासक) इसका संरक्षक था। इसी संगीति में बौद्ध धर्म को दो प्रमुख शाखाओं – हीनयान और महायान – में विभाजित किया गया था, जहाँ महायान को प्रमुखता मिली।
  • गलत विकल्प: पहली संगीति राजगृह में, दूसरी वैशाली में और तीसरी पाटलिपुत्र में आयोजित हुई थी।

प्रश्न 16: ‘इक्ता’ प्रणाली की शुरुआत किसने की थी?

  1. कुतुबुद्दीन ऐबक
  2. इल्तुतमिश
  3. बलबन
  4. अलाउद्दीन खिलजी

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: दिल्ली सल्तनत में ‘इक्ता’ प्रणाली को संगठित रूप से स्थापित करने का श्रेय इल्तुतमिश को जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इक्ता प्रणाली एक प्रकार की भूमि अनुदान व्यवस्था थी, जिसके तहत सुल्तान राज्य के विभिन्न हिस्सों को ‘इक्ता’ (जगीरों) में विभाजित करता था और उन्हें ‘इक्तादार’ (सूबेदार) को सौंपता था। इक्तादार को उस क्षेत्र से राजस्व एकत्र करने और अपनी सेना बनाए रखने की अनुमति होती थी। इस प्रणाली से सल्तनत के प्रशासनिक और सैन्य ढांचे को मजबूती मिली।
  • गलत विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक ने दिल्ली सल्तनत की नींव रखी थी। बलबन ने अपनी सत्ता को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया। अलाउद्दीन खिलजी ने जागीरों को जब्त करने और नकद वेतन देने की नीति अपनाई थी, जिससे इक्ता प्रणाली का स्वरूप कुछ बदला।

प्रश्न 17: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना किसने की थी?

  1. जवाहरलाल नेहरू
  2. सरदार वल्लभभाई पटेल
  3. सुभाष चंद्र बोस
  4. आचार्य नरेंद्र देव

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना 1939 में सुभाष चंद्र बोस ने की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: कांग्रेस के भीतर त्रिपुरा संकट (1939) के बाद, जिसमें महात्मा गांधी के समर्थित उम्मीदवार पट्टाभि सीतारमैया को हराकर सुभाष चंद्र बोस ने कांग्रेस अध्यक्ष का पद जीता, लेकिन गांधीजी के विरोध के कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद, उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के भीतर वामपंथी विचारों को एक मंच पर लाने के लिए ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ नामक एक नया गुट बनाया।
  • गलत विकल्प: जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल कांग्रेस के प्रमुख नेता थे। आचार्य नरेंद्र देव भी एक समाजवादी नेता थे।

प्रश्न 18: ऋग्वैदिक काल में ‘वनस्पति’ का देवता कौन था?

  1. इंद्र
  2. सूर्य
  3. सोम
  4. सोम

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: ऋग्वैदिक काल में ‘सोम’ को वनस्पति का देवता माना जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: सोम एक महत्वपूर्ण वैदिक देवता थे, जिन्हें एक विशेष पौधा (सोम वृक्ष) और उससे प्राप्त होने वाले मादक रस से जोड़ा जाता था। इस रस का सेवन यज्ञों के दौरान देवताओं को अर्पित किया जाता था और इसे पीने वाले को आध्यात्मिक शक्ति और ज्ञान प्राप्त होता था। सोम को कभी-कभी चंद्रमा का देवता भी माना जाता था।
  • गलत विकल्प: इंद्र को वर्षा, गर्जन और युद्ध का देवता माना जाता था। सूर्य प्रकाश और जीवन के देवता थे।

प्रश्न 19: प्रसिद्ध ‘कुतुब मीनार’ का निर्माण किसने पूरा करवाया था?

  1. कुतुबुद्दीन ऐबक
  2. इल्तुतमिश
  3. रजिया सुल्तान
  4. अलाउद्दीन खिलजी

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: कुतुब मीनार का निर्माण कार्य कुतुबुद्दीन ऐबक ने शुरू करवाया था, लेकिन इसे इल्तुतमिश ने पूरा करवाया था।
  • संदर्भ और विस्तार: कुतुब मीनार का निर्माण 1193 ईस्वी में दिल्ली के पहले मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने सूफी संत कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की याद में शुरू किया था। वह इसका पहला मंजिल ही बना पाया था। बाद में, इल्तुतमिश ने इसकी तीन मंजिलें और बनवाईं, जिससे यह चार मंजिला हो गया। फिरोजशाह तुगलक ने पांचवीं मंजिल का पुनर्निर्माण करवाया था।
  • गलत विकल्प: रजिया सुल्तान दिल्ली सल्तनत की एकमात्र महिला शासक थीं। अलाउद्दीन खिलजी ने कुतुब मीनार के पास एक मीनार (अलाउद्दीन का अलाई मीनार) बनवाना शुरू किया था, लेकिन वह अधूरा रह गया।

प्रश्न 20: 1905 में बंगाल के विभाजन की घोषणा किसने की थी?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. लॉर्ड लिटन
  3. लॉर्ड कर्जन
  4. लॉर्ड विलियम बेंटिंक

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: 1905 में बंगाल के विभाजन की घोषणा तत्कालीन वायसराय लॉर्ड कर्जन ने की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कर्जन ने 20 जुलाई 1905 को पूर्वी बंगाल और असम नामक एक नए प्रांत के निर्माण के औचित्य के साथ बंगाल के विभाजन की घोषणा की। हालांकि, इसका मुख्य उद्देश्य बंगाल में राष्ट्रवाद को कमजोर करना और ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति को लागू करना था। इस विभाजन के विरोध में स्वदेशी आंदोलन चलाया गया था।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड लिटन के समय में ‘वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट’ आया था। लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने सती प्रथा को प्रतिबंधित किया था।

प्रश्न 21: निम्नलिखित में से किस गुप्त शासक को ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि से जाना जाता है?

  1. चंद्रगुप्त प्रथम
  2. समुद्रगुप्त
  3. चंद्रगुप्त द्वितीय
  4. कुमारगुप्त

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: चंद्रगुप्त द्वितीय (शासनकाल 375-415 ईस्वी) को ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि से जाना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त द्वितीय ने अपने पिता समुद्रगुप्त के बाद शासन संभाला और पश्चिमी क्षत्रपों (शकों) को सफलतापूर्वक पराजित किया। इस विजय के उपलक्ष्य में उसने ‘विक्रमादित्य’ (पराक्रम का सूर्य) और ‘साहसांक’ जैसी उपाधियाँ धारण कीं। उसके शासनकाल में कला, साहित्य और संस्कृति का अभूतपूर्व विकास हुआ, जिसमें कालिदास जैसे महान कवि भी शामिल थे।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का संस्थापक था। समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। कुमारगुप्त प्रथम ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।

प्रश्न 22: ‘अष्टप्रधान’ का गठन किसने किया था?

  1. चंद्रगुप्त मौर्य
  2. समुद्रगुप्त
  3. हर्षवर्धन
  4. शिवाजी

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज ने अपने प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने के लिए ‘अष्टप्रधान’ नामक आठ मंत्रियों की एक परिषद का गठन किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: अष्टप्रधान परिषद में आठ मंत्री शामिल थे: पेशवा (प्रधानमंत्री), आमत्य (वित्त मंत्री), मजूमदार (लेखाकार), सुमंत (विदेश मंत्री), सचिव (पत्राचार मंत्री), पंडितराव (धार्मिक कार्य), सेनापति (सेना प्रमुख) और न्यायाधीश (न्याय मंत्री)। यह परिषद शिवाजी के शासनकाल में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थी।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य के पास ‘अमात्य परिषद’ थी, लेकिन उसे अष्टप्रधान नहीं कहा जाता। समुद्रगुप्त और हर्षवर्धन के अपने मंत्री परिषदें थीं, लेकिन शिवाजी का ‘अष्टप्रधान’ अपनी विशिष्ट संरचना और कार्यप्रणाली के लिए जाना जाता है।

प्रश्न 23: निम्नलिखित में से कौन सा कथन 1857 के विद्रोह के बारे में असत्य है?

  1. यह विद्रोह मेरठ छावनी से शुरू हुआ।
  2. बहादुरशाह जफर को विद्रोह का नेता घोषित किया गया।
  3. रानी लक्ष्मीबाई ग्वालियर में पराजित हुई थीं।
  4. लॉर्ड कैनिंग इस विद्रोह के समय गवर्नर-जनरल थे।

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: रानी लक्ष्मीबाई को ग्वालियर के पास मोहर सिंह की सहायता से ग्वालियर में स्थापित किया गया था, लेकिन वह ग्वालियर में पराजित नहीं हुईं, बल्कि जून 1858 में ग्वालियर के पास ही वीरगति को प्राप्त हुईं।
  • संदर्भ और विस्तार: 1857 का विद्रोह मेरठ छावनी से 10 मई 1857 को प्रारंभ हुआ। विद्रोहियों ने दिल्ली पर मार्च किया और मुगल सम्राट बहादुरशाह जफर को अपना नेता घोषित कर दिया। लॉर्ड कैनिंग भारत के अंतिम गवर्नर-जनरल और प्रथम वायसराय थे, जो इस विद्रोह के समय पद पर थे। रानी लक्ष्मीबाई ने ग्वालियर के पास ब्रिटिश सेना से बहादुरी से लड़ते हुए प्राण न्यौछावर किए।
  • गलत विकल्प: विकल्प (c) में ‘ग्वालियर में पराजित हुईं’ यह कथन पूर्णतः सही नहीं है, वे ग्वालियर के पास वीरगति को प्राप्त हुईं। बाकी सभी कथन सत्य हैं।

प्रश्न 24: ‘अकबरनामा’ का लेखक कौन है?

  1. अबुल फजल
  2. बदायुनी
  3. फीजी
  4. अल-बरुनी

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: ‘अकबरनामा’ का लेखन अकबर के दरबारी इतिहासकार अबुल फजल ने किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘अकबरनामा’ अकबर के शासनकाल का विस्तृत ऐतिहासिक विवरण है, जिसे तीन खंडों में विभाजित किया गया है। प्रथम खंड में तैमूर से लेकर अकबर के जन्म तक का इतिहास है, द्वितीय खंड में अकबर के शासनकाल का विवरण है (1602 तक), और तृतीय खंड ‘आइन-ए-अकबरी’ कहलाता है, जो अकबर के प्रशासन, राजस्व व्यवस्था, अर्थव्यवस्था, भूगोल और संस्कृति का एक विस्तृत खाका प्रस्तुत करता है।
  • गलत विकल्प: बदायुनी ने ‘मुंतखब-उत-तवारिख’ लिखा था, जो अकबर की आलोचनात्मक समीक्षा करता है। फीजी अकबर के दरबार में एक चित्रकार था। अल-बरुनी महमूद गजनवी के साथ भारत आया था और उसने ‘तारीख-अल-हिंद’ लिखा था।

प्रश्न 25: निम्नलिखित में से कौन सा हड़प्पा स्थल गुजरात में स्थित नहीं है?

  1. लोथल
  2. धोलावीरा
  3. सुरकोटदा
  4. हड़प्पा

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: हड़प्पा वर्तमान पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रावी नदी के तट पर स्थित है, गुजरात में नहीं।
  • संदर्भ और विस्तार: लोथल, धोलावीरा और सुरकोटदा, तीनों महत्वपूर्ण हड़प्पाकालीन स्थल हैं जो वर्तमान भारतीय राज्य गुजरात में स्थित हैं। लोथल एक बंदरगाह शहर था, धोलावीरा अपनी जल प्रबंधन प्रणाली के लिए और सुरकोटदा अपने घोड़े के अवशेषों के लिए जाना जाता है। हड़प्पा, जो इस सभ्यता का नामकरण करता है, वर्तमान पाकिस्तान में है।
  • गलत विकल्प: लोथल, धोलावीरा और सुरकोटदा सभी गुजरात में पाए गए हैं। हड़प्पा पाकिस्तान में स्थित है।

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