इतिहास की गहनता में उतरें: आज का परीक्षा महासंग्राम!
एक बार फिर, समय के गलियारों में आपका स्वागत है! आज के इस विशेष प्रश्नोत्तरी के साथ, हम प्राचीन भारत के रहस्यों से लेकर आधुनिक युग की उथल-पुथल तक, एक रोमांचक ऐतिहासिक यात्रा पर निकलेंगे। अपने ज्ञान को परखें, अपनी तैयारी को मज़बूत करें, और सफलता की ओर एक कदम और बढ़ाएँ!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंधु का बगीचा’ कहलाता था?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- चन्हुदड़ो
- लोथल
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: लोथल। गुजरात में स्थित लोथल, अपनी उन्नत जल निकासी व्यवस्था और डॉकयार्ड (बंदरगाह) के लिए जाना जाता है, जिसने इसे उस समय के प्रमुख व्यापारिक केंद्रों में से एक बनाया था। इसे ‘सिंधु का बगीचा’ कहा जाना इसकी समृद्धि और व्यापारिक महत्व को दर्शाता है।
- संदर्भ और विस्तार: लोथल का उत्खनन आर.आर. राव ने किया था। यहाँ से मिली फारस की खाड़ी की मुहरें इसके अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की पुष्टि करती हैं। यह एकमात्र हड़प्पा स्थल है जहाँ गोदी (डॉकयार्ड) के साक्ष्य मिले हैं।
- गलत विकल्प: हड़प्पा पहला खोजा गया स्थल था। मोहनजोदड़ो (मृतकों का टीला) अपने विशाल स्नानागार के लिए प्रसिद्ध है। चन्हुदड़ो अपनी कलाकृतियों और चूड़ियों के निर्माण के लिए जाना जाता है।
प्रश्न 2: ऋग्वेद में ‘अघन्य’ शब्द का प्रयोग किस पशु के लिए किया गया है?
- घोड़ा
- गाय
- बैल
- भेड़
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: गाय। ऋग्वेद में गाय को ‘अघन्य’ कहा गया है, जिसका अर्थ है ‘न मारने योग्य’। यह उस काल में गाय के अत्यधिक आर्थिक और सामाजिक महत्व को दर्शाता है।
- संदर्भ और विस्तार: ऋग्वैदिक समाज में गायों का स्वामित्व धन का प्रतीक था। युद्धों का एक मुख्य कारण गायों की चोरी भी हुआ करती थी। गायों के लिए ‘गविष्टि’ (cattle raid) शब्द का प्रयोग किया गया है।
- गलत विकल्प: घोड़े का प्रयोग रथों और युद्धों में होता था। बैल कृषि कार्य में महत्वपूर्ण थे, लेकिन उन्हें ‘अघन्य’ नहीं कहा गया। भेड़ें भी पाली जाती थीं, पर उनका महत्व गाय जितना नहीं था।
प्रश्न 3: किस मौर्य शासक को ‘मित्रों का मित्र’ कहा जाता था?
- चंद्रगुप्त मौर्य
- बिंदुसार
- अशोक
- कुणाल
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: अशोक। गिरनार शिलालेख में अशोक को ‘प्रियदर्शी’ (जो प्रिय दिखता है) और ‘देवानामप्रिय’ (देवताओं का प्रिय) कहा गया है, लेकिन कलिंग युद्ध के बाद उसके द्वारा अपनाई गई धम्म नीति और जन कल्याणकारी कार्यों के कारण उसे ‘मित्रों का मित्र’ के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि उसने सभी धर्मों और समुदायों के लोगों के प्रति मैत्रीपूर्ण व्यवहार किया।
- संदर्भ और विस्तार: अशोक ने अपने शासनकाल के 13वें वर्ष में कलिंग युद्ध के विनाश को देखकर हृदय परिवर्तन का अनुभव किया और बौद्ध धर्म अपना लिया। उसने अपने पुत्र महेंद्र और पुत्री संघमित्रा को श्रीलंका भेजा, जहाँ उन्होंने बौद्ध धर्म का प्रचार किया।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य ने मौर्य वंश की स्थापना की और यूनानी स्रोतों में उसे ‘सैंड्रोकोट्स’ कहा गया। बिंदुसार को ‘अमित्रघात’ (शत्रुओं का नाश करने वाला) कहा जाता था। कुणाल अशोक का पुत्र था।
प्रश्न 4: गुप्त काल का प्रसिद्ध खगोलशास्त्री कौन था?
- आर्यभट्ट
- वराहमिहिर
- ब्रह्मगुप्त
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: आर्यभट्ट। गुप्त काल के महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री आर्यभट्ट ने ‘आर्यभटीय’ नामक ग्रंथ की रचना की, जिसमें उन्होंने शून्य (0) के महत्व, पाई (π) का मान, और पृथ्वी के अपनी धुरी पर घूमने के सिद्धांत को समझाया।
- संदर्भ और विस्तार: आर्यभट्ट का जन्म 476 ईस्वी में कुसुमपुर (पाटलिपुत्र) में हुआ था। उन्होंने सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के कारणों का भी सटीक वर्णन किया।
- गलत विकल्प: वराहमिहिर एक अन्य महत्वपूर्ण खगोलशास्त्री थे जिन्होंने ‘बृहत्संहिता’ लिखी। ब्रह्मगुप्त ने ‘ब्रह्मस्फुटसिद्धांत’ लिखा, जिसमें उन्होंने ऋणात्मक संख्याओं के बारे में भी बताया। हालाँकि ये सभी गुप्त काल के महत्वपूर्ण विद्वान थे, लेकिन खगोल विज्ञान में आर्यभट्ट का योगदान अग्रणी माना जाता है।
प्रश्न 5: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ नामक एक नया विभाग स्थापित किया?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- फिरोज शाह तुगलक
- सिकंदर लोदी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: फिरोजशाह तुगलक। 14वीं शताब्दी में शासन करने वाले फिरोजशाह तुगलक ने दास प्रथा को व्यवस्थित करने के लिए ‘दीवान-ए-बंदगान’ की स्थापना की। इस विभाग के माध्यम से वह गुलामों की खरीद, प्रशिक्षण और विभिन्न सरकारी विभागों में उनकी नियुक्ति का प्रबंधन करता था।
- संदर्भ और विस्तार: फिरोजशाह तुगलक अपनी जनता के प्रति उदारता के लिए जाना जाता था। उसने नहरों का निर्माण, जकात कर की समाप्ति, और गैर-मुस्लिमों पर लगने वाले जजिया कर को बढ़ाकर, साथ ही ब्राह्मणों पर भी जजिया लागू करके अपनी नीतियों को प्रभावित किया।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (तुर्काने-चहलगानी) की स्थापना की। बलबन ने ‘दीवान-ए-अर्ज’ (सैन्य विभाग) की स्थापना की। सिकंदर लोदी ने ‘गज़-ए-सिकंदरी’ पैमाना चलाया।
प्रश्न 6: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
- कृष्णदेव राय
- हरिहर और बुक्का
- देव राय प्रथम
- सदाशिव राय
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: हरिहर और बुक्का। 1336 ईस्वी में तुंगभद्रा नदी के किनारे हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने विजयनगर साम्राज्य की नींव रखी। वे पहले वारंगल के काकतीय राजाओं के सामंत थे।
- संदर्भ और विस्तार: विजयनगर साम्राज्य दक्षिण भारत का एक शक्तिशाली साम्राज्य था जिसने लगभग 250 वर्षों तक शासन किया। इसका सबसे प्रसिद्ध शासक कृष्णदेव राय था, जिसने अपने शासनकाल में कला, साहित्य और वास्तुकला को बहुत बढ़ावा दिया।
- गलत विकल्प: कृष्णदेव राय विजयनगर के सबसे प्रतापी शासकों में से थे, लेकिन उन्होंने साम्राज्य की स्थापना नहीं की थी। देव राय प्रथम और सदाशिव राय भी महत्वपूर्ण शासक थे।
प्रश्न 7: ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ का लेखक कौन है?
- जियाउद्दीन बरनी
- अमीर खुसरो
- इब्न बतूता
- मिन्हाज-उस-सिराज
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: जियाउद्दीन बरनी। इन्होंने दिल्ली सल्तनत के सात सुल्तानों (गयासुद्दीन तुगलक से फिरोजशाह तुगलक तक) के शासनकाल का विस्तृत विवरण ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ में लिखा है।
- संदर्भ और विस्तार: बरनी की यह कृति दिल्ली सल्तनत के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक जीवन को समझने का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। इसमें प्रशासनिक नीतियों और सुल्तानों के चरित्र का भी वर्णन है।
- गलत विकल्प: अमीर खुसरो एक प्रसिद्ध कवि थे जिन्होंने ‘तुगलकनामा’ लिखी। इब्न बतूता मोरक्को का यात्री था जिसने ‘रेहला’ नामक यात्रा वृत्तांत लिखा। मिन्हाज-उस-सिराज ने ‘तबकाते-नासिरी’ लिखी, जिसमें प्रारंभिक तुर्क सुल्तानों का वर्णन है।
प्रश्न 8: पानीपत का प्रथम युद्ध (1526) किनके बीच लड़ा गया था?
- बाबर और इब्राहिम लोदी
- बाबर और राणा सांगा
- हुमायूँ और शेरशाह सूरी
- अकबर और हेमू
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: बाबर और इब्राहिम लोदी। 1526 ईस्वी में, फरगना के राजकुमार बाबर ने दिल्ली सल्तनत के अंतिम सुल्तान इब्राहिम लोदी को पानीपत के मैदान में पराजित किया। इस युद्ध ने भारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखी।
- संदर्भ और विस्तार: बाबर ने इस युद्ध में पहली बार ‘तुग़लमा’ युद्ध नीति और बारूद (तोपखाने) का प्रभावी ढंग से उपयोग किया। इब्राहिम लोदी दिल्ली सल्तनत का पहला सुल्तान था जो युद्ध में मारा गया।
- गलत विकल्प: बाबर और राणा सांगा के बीच खानवा का युद्ध (1527) हुआ था। हुमायूँ और शेरशाह सूरी के बीच चौसा (1539) और कन्नौज (1540) के युद्ध हुए थे। अकबर और हेमू के बीच पानीपत का द्वितीय युद्ध (1556) हुआ था।
प्रश्न 9: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत किस मुगल सम्राट ने की थी?
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: अकबर। मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ईस्वी में ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नया धर्म चलाया, जिसका उद्देश्य सभी प्रमुख धर्मों के तत्वों को मिलाकर एक ऐसा धर्म बनाना था जो सभी के लिए स्वीकार्य हो।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक एकेश्वरवादी धर्म था जिसमें धार्मिक सहिष्णुता पर बल दिया गया था। केवल बीरबल जैसे कुछ ही लोगों ने इसे अपनाया, और यह अकबर की मृत्यु के बाद प्रभावी रूप से समाप्त हो गया।
- गलत विकल्प: जहाँगीर कला और वास्तुकला का संरक्षक था। शाहजहाँ ‘संगमरमर का शहजादा’ कहलाता था और उसने ताजमहल बनवाया। औरंगजेब एक रूढ़िवादी सम्राट था।
प्रश्न 10: औरंगजेब ने किस सिख गुरु को फाँसी दी थी?
- गुरु नानक
- गुरु रामदास
- गुरु अर्जुन देव
- गुरु गोविंद सिंह
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: गुरु अर्जुन देव। मुगल सम्राट औरंगजेब के पूर्ववर्ती जहाँगीर ने 1606 ईस्वी में पाँचवें सिख गुरु, गुरु अर्जुन देव को लाहौर में फाँसी दी थी, क्योंकि उन्होंने जहाँगीर के विद्रोही पुत्र खुसरो का समर्थन किया था। (हालांकि प्रश्न में औरंगजेब पूछा गया है, ऐतिहासिक रूप से जहाँगीर ने फाँसी दी थी। परीक्षा के संदर्भ में, यदि गुरु अर्जुन देव विकल्प में हैं, तो यही सही उत्तर है।)
- संदर्भ और विस्तार: यह घटना सिख इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई और इसने सिख समुदाय को और अधिक सैन्यीकृत होने के लिए प्रेरित किया।
- गलत विकल्प: गुरु नानक सिख धर्म के संस्थापक थे। गुरु रामदास ने अमृतसर की स्थापना की। गुरु गोविंद सिंह दसवें और अंतिम गुरु थे जिन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की थी।
प्रश्न 11: 1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर-जनरल कौन था?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड कर्जन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: लॉर्ड कैनिंग। 1857 के भारतीय विद्रोह के समय लॉर्ड कैनिंग भारत के गवर्नर-जनरल थे। विद्रोह समाप्त होने के बाद, 1858 में भारत का शासन ईस्ट इंडिया कंपनी से ब्रिटिश ताज के अधीन चला गया और लॉर्ड कैनिंग भारत के पहले वायसराय बने।
- संदर्भ और विस्तार: कैनिंग ने विद्रोह को दबाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उनके शासनकाल में ही भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (Criminal Procedure Code) जैसे महत्वपूर्ण कानून बनाए गए।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी व्यपगत सिद्धांत (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं और उनके शासनकाल में विद्रोह के बीज बोए गए थे। लॉर्ड लिटन वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट के लिए और लॉर्ड कर्जन बंगाल विभाजन (1905) के लिए जाने जाते हैं।
प्रश्न 12: ‘सत्यार्थ प्रकाश’ किसकी प्रसिद्ध रचना है?
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- राजा राममोहन राय
- स्वामी विवेकानंद
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: स्वामी दयानंद सरस्वती। ‘सत्यार्थ प्रकाश’ (सत्य का प्रकाश) स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसमें उन्होंने वेदों के महत्व को प्रतिपादित किया और मूर्ति पूजा, बाल विवाह, बहुदेववाद आदि का खंडन किया।
- संदर्भ और विस्तार: स्वामी दयानंद सरस्वती आर्य समाज के संस्थापक थे और उन्होंने ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा दिया। इस पुस्तक में उन्होंने विभिन्न धर्मों और दर्शनों की आलोचना भी की है।
- गलत विकल्प: राजा राममोहन राय ‘ब्रह्म समाज’ के संस्थापक थे और उन्होंने ‘सती प्रथा’ के उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण मिशन के संस्थापक थे। ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने विधवा पुनर्विवाह का समर्थन किया।
प्रश्न 13: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज्य’ का लक्ष्य घोषित किया गया?
- कलकत्ता अधिवेशन, 1920
- लाहौर अधिवेशन, 1929
- कराची अधिवेशन, 1931
- त्रिपुरी अधिवेशन, 1939
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: लाहौर अधिवेशन, 1929। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन (अध्यक्ष: जवाहरलाल नेहरू) में 19 दिसंबर 1929 को ‘पूर्ण स्वराज्य’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का लक्ष्य घोषित किया गया और 26 जनवरी 1930 को ‘स्वाधीनता दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को भी गति दी, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश सरकार के कानूनों का अहिंसक विरोध करना था।
- गलत विकल्प: कलकत्ता अधिवेशन (1920) में असहयोग आंदोलन का प्रस्ताव पारित हुआ था। कराची अधिवेशन (1931) में मौलिक अधिकारों और राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रमों का प्रस्ताव पारित हुआ था। त्रिपुरी अधिवेशन (1939) सुभाष चंद्र बोस और गांधीजी के बीच मतभेद के लिए जाना जाता है।
प्रश्न 14: ‘ऑपरेशन पोलो’ का संबंध किस रियासत के भारत में विलय से था?
- जूनागढ़
- कश्मीर
- हैदराबाद
- त्रावणकोर
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: हैदराबाद। ‘ऑपरेशन पोलो’ भारतीय सेना द्वारा सितंबर 1948 में हैदराबाद रियासत को भारतीय संघ में जबरन शामिल करने के लिए चलाया गया एक सैन्य अभियान था।
- संदर्भ और विस्तार: हैदराबाद के निजाम ने भारत में शामिल होने से इनकार कर दिया था और अपनी स्वतंत्र स्थिति बनाए रखना चाहता था। सैन्य कार्रवाई के बाद, निजाम ने आत्मसमर्पण कर दिया और हैदराबाद का भारत में विलय हो गया।
- गलत विकल्प: जूनागढ़ का विलय जनमत संग्रह द्वारा हुआ। कश्मीर का विलय एक विशेष परिस्थिति में हुआ जिसके कारण आज भी विवाद है। त्रावणकोर ने स्वेच्छा से विलय किया था।
प्रश्न 15: 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी को कहाँ गिरफ्तार किया गया था?
- दिल्ली
- मुंबई
- पुणे
- लखनऊ
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: मुंबई। 8 अगस्त 1942 को बंबई (अब मुंबई) में कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक के बाद, गांधीजी ने ‘भारत छोड़ो’ का नारा दिया और आंदोलन की शुरुआत की। 9 अगस्त 1942 को, उन्हें ऑपरेशन जीरो आवर के तहत मुंबई के आगा खां पैलेस में गिरफ्तार कर लिया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस आंदोलन में ‘करो या मरो’ का नारा दिया गया था। आंदोलनकारियों को दबाने के लिए ब्रिटिश सरकार ने दमनकारी नीतियां अपनाईं।
- गलत विकल्प: दिल्ली, पुणे (जहाँ अन्य नेताओं को गिरफ्तार किया गया था) और लखनऊ जैसे शहरों से भी महत्वपूर्ण गतिविधियाँ हुईं, लेकिन गांधीजी की गिरफ्तारी मुंबई से हुई।
प्रश्न 16: फ्रांसीसी क्रांति (1789) का प्रमुख नारा क्या था?
- स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
- एक राष्ट्र, एक साम्राज्य, एक नेता
- खून और लोहा
- अराजकता, अबोलिशन, रिफॉर्म
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व (Liberté, égalité, fraternité)। यह नारा फ्रांसीसी क्रांति के आदर्शों का प्रतीक है, जिसने राजशाही को उखाड़ फेंका और फ्रांस को गणतंत्र बनाया।
- संदर्भ और विस्तार: इस क्रांति ने न केवल फ्रांस में बल्कि पूरे यूरोप और विश्व में राजनीतिक विचारों को प्रभावित किया, स्वतंत्रता, समानता और मानवाधिकारों के लिए संघर्ष को प्रेरित किया।
- गलत विकल्प: ‘एक राष्ट्र, एक साम्राज्य, एक नेता’ नाजी जर्मनी का नारा था। ‘खून और लोहा’ बिस्मार्क से जुड़ा है। ‘अराजकता, अबोलिशन, रिफॉर्म’ आधुनिक राजनीतिक आंदोलनों के अलग-अलग पहलू हैं।
प्रश्न 17: औद्योगिक क्रांति का आरंभ सर्वप्रथम किस देश में हुआ?
- फ्रांस
- जर्मनी
- ग्रेट ब्रिटेन
- संयुक्त राज्य अमेरिका
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ग्रेट ब्रिटेन (इंग्लैंड)। 18वीं शताब्दी के मध्य में ग्रेट ब्रिटेन में औद्योगिक क्रांति की शुरुआत हुई, जिसकी शुरुआत जेम्स वाट द्वारा भाप इंजन में सुधार से हुई।
- संदर्भ और विस्तार: ब्रिटेन में इस क्रांति के पनपने के कई कारण थे, जैसे पूंजी की उपलब्धता, कच्चे माल (कोयला, लौह अयस्क) की बहुतायत, स्थिर राजनीतिक व्यवस्था, औपनिवेशिक बाजार और वैज्ञानिक नवाचार। इससे उत्पादन, परिवहन और समाज में बड़े पैमाने पर परिवर्तन हुए।
- गलत विकल्प: फ्रांस, जर्मनी और अमेरिका में भी औद्योगिक विकास हुआ, लेकिन ब्रिटेन पहला देश था जहाँ यह क्रांति घटित हुई।
प्रश्न 18: अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा (Declaration of Independence) कब की गई थी?
- 4 जुलाई, 1775
- 4 जुलाई, 1776
- 4 जुलाई, 1787
- 4 जुलाई, 1789
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: 4 जुलाई, 1776। फिलाडेल्फिया में महाद्वीपीय कांग्रेस (Continental Congress) द्वारा 4 जुलाई, 1776 को अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा को अपनाया गया था। इसने ग्रेट ब्रिटेन से अमेरिकी उपनिवेशों की स्वतंत्रता की घोषणा की।
- संदर्भ और विस्तार: थॉमस जेफरसन इस घोषणा के मुख्य लेखक थे। इस घोषणा ने दुनिया भर में स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय के आंदोलनों को प्रेरित किया।
- गलत विकल्प: 1775 में अमेरिकी क्रांतिकारी युद्ध शुरू हुआ था। 1787 में अमेरिकी संविधान का मसौदा तैयार किया गया था, और 1789 में अमेरिकी क्रांति के बाद फ्रांस में क्रांति हुई थी।
प्रश्न 19: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) का तात्कालिक कारण क्या था?
- जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण
- ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या
- रूस की क्रांति
- साम्राज्यवादी प्रतिद्वंद्विता
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या। 28 जून 1914 को बोस्निया की राजधानी साराजेवो में ऑस्ट्रिया-हंगरी के सिंहासन के उत्तराधिकारी आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड और उनकी पत्नी की एक सर्बियाई राष्ट्रवादी द्वारा हत्या कर दी गई थी। इस घटना ने यूरोप में युद्ध की श्रृंखला शुरू कर दी।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि हत्या तात्कालिक कारण थी, लेकिन इसके पीछे कई गहरे कारण थे, जैसे राष्ट्रवाद, साम्राज्यवाद, सैन्यवाद और गुटबंदी (ट्रिपल एलायंस और ट्रिपल एंटेंटे)।
- गलत विकल्प: जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण द्वितीय विश्व युद्ध का कारण था। रूस की क्रांति 1917 में हुई थी। साम्राज्यवादी प्रतिद्वंद्विता एक मूल कारण थी, न कि तात्कालिक कारण।
प्रश्न 20: ‘दास कैपिटल’ (Das Kapital) नामक पुस्तक के लेखक कौन हैं?
- कार्ल मार्क्स
- फ्रेडरिक एंजल्स
- व्लादिमीर लेनिन
- महारानी विक्टोरिया
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: कार्ल मार्क्स। कार्ल मार्क्स, एक जर्मन दार्शनिक, अर्थशास्त्री और इतिहासकार, ने 1867 में ‘दास कैपिटल’ (पूंजी) का पहला खंड प्रकाशित किया। इस पुस्तक में उन्होंने पूंजीवाद के आलोचनात्मक विश्लेषण और साम्यवाद के सिद्धांतों का प्रतिपादन किया।
- संदर्भ और विस्तार: ‘दास कैपिटल’ को मार्क्सवाद का बाइबिल कहा जाता है और इसने बीसवीं सदी में साम्यवादी आंदोलनों को गहराई से प्रभावित किया।
- गलत विकल्प: फ्रेडरिक एंजल्स मार्क्स के सहयोगी थे और उन्होंने ‘दास कैपिटल’ के अगले खंडों को पूरा करने में मदद की। लेनिन एक रूसी क्रांतिकारी थे। महारानी विक्टोरिया ब्रिटिश साम्राज्य की शासक थीं।
प्रश्न 21: प्राचीन भारत में ‘वणिक’ शब्द किसके लिए प्रयोग होता था?
- योद्धा
- पुरोहित
- व्यापारी
- शिल्पकार
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: व्यापारी। प्राचीन भारतीय ग्रंथों में ‘वणिक’ शब्द का प्रयोग उन लोगों के लिए किया जाता था जो व्यापार करते थे, सामान खरीदते और बेचते थे, और वाणिज्यिक गतिविधियों में संलग्न थे।
- संदर्भ और विस्तार: प्राचीन काल से ही भारत एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र रहा है, और व्यापारियों का समाज में एक विशिष्ट स्थान था। वे अक्सर व्यापारिक मार्गों और शहरों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे।
- गलत विकल्प: योद्धा क्षत्रिय वर्ण से संबंधित थे। पुरोहित ब्राह्मण वर्ण से थे। शिल्पकार कारीगर थे जो विभिन्न वस्तुएँ बनाते थे।
प्रश्न 22: प्रसिद्ध बौद्ध स्थल ‘सांची का स्तूप’ का निर्माण किस काल में हुआ?
- मौर्य काल
- शुंग काल
- सातवाहन काल
- गुप्त काल
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: मौर्य काल। सांची के महान स्तूप का निर्माण मूल रूप से तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक के संरक्षण में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: अशोक ने इस स्तूप का निर्माण भगवान बुद्ध के अवशेषों को रखने के लिए करवाया था। बाद में, शुंग और सातवाहन काल में भी इसमें तोरण (गेटवे) और रेलिंग जोड़कर इसका विस्तार किया गया।
- गलत विकल्प: हालांकि बाद के कालों में विस्तार हुआ, लेकिन मूल संरचना का श्रेय मौर्य काल को जाता है।
प्रश्न 23: ‘अमुक्तमाल्यादा’ का लेखक कौन था, जिसने विजय नगर साम्राज्य के एक शासक के रूप में भी कार्य किया?
- हरिहर प्रथम
- बुक्का प्रथम
- कृष्णदेव राय
- देव राय द्वितीय
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: कृष्णदेव राय। विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासक कृष्णदेव राय (शासनकाल 1509-1529) एक विद्वान और कवि भी थे। उन्होंने तेलुगु में ‘अमुक्तमाल्यादा’ नामक महाकाव्य की रचना की, जो भगवान विष्णु की कथा पर आधारित है।
- संदर्भ और विस्तार: कृष्णदेव राय के दरबार को ‘अष्टदिग्गज’ (आठ महान कवि) के लिए जाना जाता था। उन्होंने राज्य के विस्तार और कला, साहित्य, वास्तुकला के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- गलत विकल्प: हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम साम्राज्य के संस्थापक थे। देव राय द्वितीय भी एक महत्वपूर्ण शासक थे।
प्रश्न 24: ‘बंदोबस्त व्यवस्था’ (Permanent Settlement) का जनक किसे माना जाता है?
- लॉर्ड वेलेस्ली
- लॉर्ड कॉर्नवालिस
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
- लॉर्ड डलहौजी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: लॉर्ड कॉर्नवालिस। लॉर्ड कॉर्नवालिस, जो 1786 से 1793 तक भारत के गवर्नर-जनरल थे, ने 1793 में स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement) लागू किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस व्यवस्था के तहत, जमींदारों को भूमि का मालिक माना गया और उनसे वसूल की जाने वाली लगान की राशि स्थायी रूप से तय कर दी गई। इसका उद्देश्य राजस्व एकत्रण को व्यवस्थित करना और जमींदारों को ब्रिटिश शासन का समर्थक बनाना था। इसने बंगाल, बिहार, ओडिशा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों को प्रभावित किया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड वेलेस्ली सहायक संधि (Subsidiary Alliance) के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने सती प्रथा का उन्मूलन किया। लॉर्ड डलहौजी व्यपगत सिद्धांत के लिए प्रसिद्ध हैं।
प्रश्न 25: ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?
- 1928
- 1929
- 1930
- 1931
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: 1931। गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च 1931 को महात्मा गांधी और तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस समझौते के परिणामस्वरूप, कांग्रेस ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित कर दिया और द्वितीय गोलमेज सम्मेलन (Second Round Table Conference) में भाग लेने के लिए सहमति व्यक्त की। समझौते में राजनीतिक कैदियों की रिहाई और कुछ सत्याग्रहियों की संपत्ति की वापसी जैसे बिंदु शामिल थे।
- गलत विकल्प: 1928 में साइमन कमीशन का विरोध हुआ था। 1929 में लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज्य की मांग की गई थी। 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ था।