इतिहास की कालरेखा: दैनिक अभ्यास से बनें महारथी!
आइए, इतिहास के विशाल सागर में गोता लगाएँ और अपने ज्ञान को परखें! यह दैनिक अभ्यास सत्र आपको प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक युग तक, और विश्व इतिहास के महत्वपूर्ण पड़ावों तक ले जाएगा। हर प्रश्न आपके ज्ञान की सीमा को बढ़ाएगा और आपको प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए और भी मज़बूत बनाएगा। कमर कस लीजिए, इतिहास का सफर शुरू होता है!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल से एक महत्वपूर्ण “नर्तकी” की कांस्य प्रतिमा प्राप्त हुई है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगा
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: मोहनजोदड़ो से प्राप्त “नृत्य करती हुई लड़की” की कांस्य प्रतिमा सिंधु घाटी सभ्यता की कला और धातु विज्ञान का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह प्रतिमा लगभग 10.5 सेंटीमीटर ऊंची है और 4,500 वर्ष पुरानी मानी जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रतिमा को ‘त्रिभंगा’ मुद्रा में दर्शाया गया है, जो उस समय की मूर्तिकला की परिपक्वता को दर्शाता है। यह उस समाज में कलात्मक विकास और सामाजिक जीवन की झलक भी प्रस्तुत करती है।
- गलत विकल्प: हड़प्पा से ‘एक पुरुष का धड़’ और ‘यज्ञवेदी’ के प्रमाण मिले हैं। लोथल से बंदरगाह के अवशेष मिले हैं, और कालीबंगा से जूते हुए खेत के प्रमाण मिले हैं।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस वेद में जादू-टोने और मंत्रों का वर्णन है?
- ऋग्वेद
- यजुर्वेद
- सामवेद
- अथर्ववेद
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: अथर्ववेद, चार वेदों में से अंतिम वेद, में जादू-टोने, तंत्र-मंत्र, वशीकरण, चिकित्सा, और रोजमर्रा के जीवन से जुड़े अन्य विषयों का वर्णन मिलता है।
- संदर्भ और विस्तार: अथर्ववेद को अथर्वन् ऋषि से जोड़ा जाता है। इसमें रोग निवारण, दीर्घायु, धन प्राप्ति, शत्रुओं पर विजय आदि के लिए मंत्र दिए गए हैं। यह उस समय के लोक-विश्वासों और चिकित्सा प्रणालियों का भी महत्वपूर्ण स्रोत है।
- गलत विकल्प: ऋग्वेद में देवताओं की स्तुति और यज्ञों के मंत्र हैं। यजुर्वेद में यज्ञों के सूत्र और मंत्र हैं। सामवेद में यज्ञों के अवसर पर गाए जाने वाले मंत्र हैं।
प्रश्न 3: चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु और महामंत्री कौन थे?
- वराहमिहिर
- आर्यभट्ट
- चाणक्य
- पाणिनि
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है, चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु और उनके महामंत्री थे। उन्होंने चंद्रगुप्त को मगध के नंद वंश को उखाड़ फेंकने और मौर्य साम्राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- संदर्भ और विस्तार: चाणक्य ने ‘अर्थशास्त्र’ नामक प्रसिद्ध ग्रंथ की रचना की, जो शासन, अर्थशास्त्र, और राजनीति पर एक विस्तृत कृति है। उनकी राजनीतिक सूझबूझ ने मौर्य साम्राज्य की नींव को मजबूत किया।
- गलत विकल्प: वराहमिहिर एक प्राचीन भारतीय खगोलशास्त्री और गणितज्ञ थे। आर्यभट्ट भी एक प्रसिद्ध गणितज्ञ और खगोलशास्त्री थे। पाणिनि प्राचीन भारत के एक महान वैयाकरण थे जिन्होंने ‘अष्टाध्यायी’ की रचना की।
प्रश्न 4: निम्नलिखित में से किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- स्कंदगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है, यह उपाधि उन्हें उनके सैन्य अभियानों और विजयों के कारण दी गई थी। उन्होंने अपने साम्राज्य का विस्तार करते हुए उत्तर भारत के कई राज्यों को जीता और दक्षिणापथ के राजाओं को भी पराजित किया।
- संदर्भ और विस्तार: प्रयाग प्रशस्ति (इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख) में समुद्रगुप्त की विजयों का विस्तृत वर्णन मिलता है, जो उनके दरबारी कवि हरिषेण द्वारा रचित है। वह एक महान योद्धा और कला प्रेमी भी थे।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश के संस्थापक थे। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने मालवा पर विजय प्राप्त की और वे साहित्य और कला के संरक्षक थे। स्कंदगुप्त ने हूणों को सफलतापूर्वक खदेड़ा था।
प्रश्न 5: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ (दास विभाग) की स्थापना की थी?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: फिरोज शाह तुगलक (शासनकाल: 1351-1388 ई.) ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ की स्थापना की थी, जो दास (गुलाम) विभाग था। यह विभाग गुलामों की भर्ती, प्रशिक्षण और व्यवस्था के लिए बनाया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: फिरोज शाह तुगलक ने दासों की संख्या को बढ़ाने और उन्हें विभिन्न प्रशासनिक और सैन्य पदों पर नियुक्त करने पर जोर दिया। उनकी शासन व्यवस्था में दासों का एक महत्वपूर्ण स्थान था। उन्होंने अन्य जनकल्याणकारी कार्य भी किए, जैसे कि नहरों का निर्माण और कई शहरों की स्थापना।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (तुर्क-ए-चिहलगानी) की स्थापना की। बलबन ने ‘चालीसा’ को समाप्त किया और राजत्व की अवधारणा को मजबूत किया। अलाउद्दीन खिलजी ने ‘दीवान-ए-मुस्तखराज’ (भूमि कर विभाग) की स्थापना की थी।
प्रश्न 6: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किस नदी के किनारे हुई थी?
- गोदावरी
- कृष्णा
- तुंगभद्रा
- कावेरी
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम नामक दो भाइयों द्वारा की गई थी। यह साम्राज्य तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थापित हुआ था, जहाँ विजयनगर शहर बसाया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: तुंगभद्रा नदी के जल की उपलब्धता ने साम्राज्य के कृषि और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। हंपी, जो विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी, तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित है और आज यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।
- गलत विकल्प: गोदावरी, कृष्णा और कावेरी दक्षिण भारत की अन्य महत्वपूर्ण नदियाँ हैं, लेकिन विजयनगर साम्राज्य का मुख्य केंद्र तुंगभद्रा नदी के तट पर था।
प्रश्न 7: ‘अष्टप्रधान’ का गठन किसने किया था, जो मराठा शासन में आठ महत्वपूर्ण मंत्रियों की एक परिषद थी?
- शिवाजी महाराज
- संभाजी
- राजाराम
- बाजीराव प्रथम
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: शिवाजी महाराज ने मराठा शासन की प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए ‘अष्टप्रधान’ नामक आठ मंत्रियों की एक परिषद का गठन किया था।
- संदर्भ और विस्तार: अष्टप्रधान में पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (गृह मंत्री), सुमंत (विदेश मंत्री), पंडितराव (धार्मिक कार्य), सेनापति (सैन्य प्रमुख), वाक्यनवीस (सूचना मंत्री), और न्यायाधीश (न्याय अधिकारी) शामिल थे। यह व्यवस्था शिवाजी की कुशल प्रशासनिक क्षमता का प्रतीक है।
- गलत विकल्प: संभाजी, राजाराम और बाजीराव प्रथम भी मराठा साम्राज्य के महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन अष्टप्रधान का गठन शिवाजी महाराज ने ही किया था।
प्रश्न 8: 1857 के विद्रोह के दौरान, लखनऊ का नेतृत्व किसने किया था?
- रानी लक्ष्मीबाई
- बेगम हजरत महल
- तात्या टोपे
- कुंवर सिंह
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: 1857 के विद्रोह के दौरान, लखनऊ की बागडोर अवध की बेगम हजरत महल ने संभाली थी, जब उनके नाबालिग पुत्र बृजिस कद्र को नवाब घोषित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: बेगम हजरत महल ने अंग्रेजों के खिलाफ अवध के लोगों को संगठित किया और लखनऊ में एक प्रभावी प्रतिरोध का नेतृत्व किया। हालाँकि, अंततः ब्रिटिश सेना ने इस विद्रोह को दबा दिया और उन्हें नेपाल भागना पड़ा।
- गलत विकल्प: रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी से, तात्या टोपे ने कानपुर और मध्य भारत से, और कुंवर सिंह ने बिहार (आरा) से विद्रोह का नेतृत्व किया था।
प्रश्न 9: ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?
- 1929
- 1930
- 1931
- 1932
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था। यह समझौता वायसराय लॉर्ड इरविन और महात्मा गांधी के बीच हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस समझौते ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित करने के बदले में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की कुछ मांगों को स्वीकार किया, जिसमें भारतीयों को नमक बनाने और बेचने की अनुमति देना, और गिरफ्तार किए गए भारतीयों को रिहा करना शामिल था। इस समझौते को ‘दिल्ली की संधि’ के नाम से भी जाना जाता है।
- गलत विकल्प: 1929 में लाहौर अधिवेशन हुआ। 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ और नमक सत्याग्रह हुआ। 1932 में पूना पैक्ट हुआ।
प्रश्न 10: फ्रांसीसी क्रांति (1789) का तात्कालिक कारण क्या था?
- राजा लुई XVI की लोकप्रियता
- आमदनी का अभाव और अत्यधिक कर
- संतों का विद्रोह
- प्रबुद्ध दार्शनिकों का प्रभाव
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: फ्रांसीसी क्रांति का तात्कालिक कारण राज्य का दिवालियापन और आम जनता पर लगाए गए भारी करों के कारण उत्पन्न असंतोष था।
- संदर्भ और विस्तार: लंबे युद्धों (जैसे सप्तवर्षीय युद्ध) और शाही खर्चों ने फ्रांस की अर्थव्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित किया था। किसानों और मध्यम वर्ग पर करों का बोझ असहनीय हो गया था, जबकि पादरी और कुलीन वर्ग करों से मुक्त थे। इस आर्थिक संकट ने सामाजिक असमानता को और बढ़ाया और क्रांति के लिए जमीन तैयार की।
- गलत विकल्प: लुई XVI लोकप्रिय नहीं था, बल्कि उसकी नीतियां आलोचना का शिकार थीं। संतों का विद्रोह कोई ज्ञात कारण नहीं है। प्रबुद्ध दार्शनिकों का प्रभाव एक महत्वपूर्ण कारण था, लेकिन तात्कालिक नहीं।
प्रश्न 11: ‘दास प्रथा’ का उन्मूलन किस अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यकाल में हुआ?
- जॉर्ज वाशिंगटन
- थॉमस जेफरसन
- अब्राहम लिंकन
- एंड्रयू जैक्सन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: दास प्रथा का उन्मूलन अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के कार्यकाल में हुआ था। उन्होंने 1863 में ‘मुक्ति उद्घोषणा’ (Emancipation Proclamation) जारी की और 13वें संशोधन के माध्यम से दास प्रथा को पूरी तरह समाप्त किया।
- संदर्भ और विस्तार: लिंकन के राष्ट्रपति बनने के बाद, संयुक्त राज्य अमेरिका में दास प्रथा को लेकर गृहयुद्ध (Civil War, 1861-1865) छिड़ गया था। उनके प्रयासों से दासों को स्वतंत्रता मिली, जिसने अमेरिकी इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाया।
- गलत विकल्प: जॉर्ज वाशिंगटन, थॉमस जेफरसन और एंड्रयू जैक्सन अमेरिका के पहले के राष्ट्रपति थे, और उनके समय में दास प्रथा एक जटिल मुद्दा बना रहा।
प्रश्न 12: बहमनी सल्तनत का संस्थापक कौन था?
- अल्लाउद्दीन बहमन शाह
- मुहम्मद बिन तुगलक
- गयासुद्दीन तुगलक
- सिकंदर लोदी
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: बहमनी सल्तनत की स्थापना 1347 ईस्वी में जफर खान ने की थी, जिसने ‘अल्लाउद्दीन बहमन शाह’ की उपाधि धारण की।
- संदर्भ और विस्तार: बहमनी सल्तनत मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल के दौरान दिल्ली सल्तनत से अलग होकर दक्षिण भारत में स्थापित हुई थी। यह मध्यकालीन भारत की प्रमुख सल्तनतों में से एक थी जिसने लगभग 150 वर्षों तक शासन किया और अपनी सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक विकास और वास्तुकला के लिए जानी जाती थी।
- गलत विकल्प: मुहम्मद बिन तुगलक और गयासुद्दीन तुगलक दिल्ली सल्तनत के शासक थे। सिकंदर लोदी लोदी वंश का महत्वपूर्ण शासक था।
प्रश्न 13: ‘अकबरनामा’ का लेखक कौन है?
- अबुल फजल
- फैजी
- बदायूनी
- ईश्वर दास
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘अकबरनामा’ का लेखन सम्राट अकबर के दरबारी इतिहासकार अबुल फजल ने किया था। यह अकबर के जीवन, शासनकाल और मुगल साम्राज्य के इतिहास का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
- संदर्भ और विस्तार: अकबरनामा तीन खंडों में विभाजित है। पहला खंड अकबर के पूर्वजों और जन्म का वर्णन करता है, दूसरा खंड अकबर के शासनकाल के 17वें वर्ष तक की घटनाओं का वर्णन करता है, और तीसरा खंड ‘आइने-अकबरी’ कहलाता है, जो अकबर के साम्राज्य के प्रशासन, राजस्व, भूगोल, सामाजिक रीति-रिवाजों और प्रजा के बारे में विस्तृत जानकारी देता है।
- गलत विकल्प: फैजी अबुल फजल का भाई और अकबर का दरबारी कवि था। बदायूनी भी एक इतिहासकार था, लेकिन उसने ‘मुन्तखब-उत-तवारीख’ लिखी। ईश्वर दास ने ‘फतुहात-ए-आलमगीरी’ लिखी।
प्रश्न 14: गुप्त काल को ‘भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?
- क्योंकि इस काल में सोने के सिक्के अधिक मात्रा में ढाले गए।
- क्योंकि इस काल में कला, साहित्य, विज्ञान और वास्तुकला का अभूतपूर्व विकास हुआ।
- क्योंकि इस काल में विदेशी आक्रमण नहीं हुए।
- क्योंकि इस काल में शांति और समृद्धि थी।
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: गुप्त काल को ‘भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग’ कहा जाता है क्योंकि इस अवधि (लगभग 320 ईस्वी से 550 ईस्वी) में कला, साहित्य, विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान, वास्तुकला और दर्शन के क्षेत्र में अत्यधिक प्रगति हुई।
- संदर्भ और विस्तार: इस काल में कालिदास जैसे महान कवियों ने अपने उत्कृष्ट साहित्य की रचना की, आर्यभट्ट ने दशमलव प्रणाली और पाई के मान का आविष्कार किया, और वास्तुकला में मंदिरों का निर्माण अपनी चरम सीमा पर था (जैसे अजंता की गुफाओं के कुछ चित्र और देवगढ़ का दशावतार मंदिर)। इस काल की सांस्कृतिक और बौद्धिक उपलब्धियाँ अद्वितीय थीं।
- गलत विकल्प: यद्यपि सोने के सिक्के ढाले गए (a), और शांति/समृद्धि भी थी (d), लेकिन ये ‘स्वर्ण युग’ का मुख्य कारण नहीं थे। विदेशी आक्रमण (जैसे हूण) भी हुए थे (c), विशेषकर उत्तर-पश्चिमी सीमा पर। इसलिए, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक विकास ही मुख्य कारण है।
प्रश्न 15: ‘महात्मा’ की उपाधि गांधीजी को किस घटना के बाद दी गई?
- चंपारण सत्याग्रह
- असहयोग आंदोलन
- नमक सत्याग्रह
- गोलमेज सम्मेलन
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: महात्मा की उपाधि महात्मा गांधी को चंपारण सत्याग्रह (1917) के बाद रवींद्रनाथ टैगोर ने दी थी।
- संदर्भ और विस्तार: चंपारण सत्याग्रह बिहार में हुआ था और यह भारत में गांधीजी का पहला जन-आंदोलन था, जिसने किसानों की समस्याओं को उठाया। इस सत्याग्रह में गांधीजी की सफलता और उनके अहिंसक दृष्टिकोण से प्रभावित होकर रवींद्रनाथ टैगोर ने उन्हें ‘महात्मा’ कहकर संबोधित किया।
- गलत विकल्प: असहयोग आंदोलन (1920-22), नमक सत्याग्रह (1930) और गोलमेज सम्मेलन (1930-32) भी गांधीजी के महत्वपूर्ण आंदोलन थे, लेकिन ‘महात्मा’ की उपाधि चंपारण सत्याग्रह के बाद दी गई थी।
प्रश्न 16: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) का तात्कालिक कारण क्या था?
- जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण
- ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या
- रूस की क्रांति
- ब्रिटेन और जर्मनी के बीच नौसैनिक प्रतिस्पर्धा
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण 28 जून 1914 को सारायेवो में ऑस्ट्रिया-हंगरी के सिंहासन के उत्तराधिकारी आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड और उनकी पत्नी सोफी की बोस्नियाई सर्ब राष्ट्रवादी गैवरिलो प्रिंसिप द्वारा हत्या थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस हत्या ने यूरोप में तनाव को बढ़ा दिया। ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया को अल्टीमेटम दिया, और इसके बाद राष्ट्रों की जटिल गठबंधन प्रणाली के कारण युद्ध तेजी से फैल गया। हालांकि, अन्य विकल्प (जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण द्वितीय विश्व युद्ध का कारण था, रूस की क्रांति 1917 में हुई, और नौसैनिक प्रतिस्पर्धा एक दीर्घकालिक कारण थी) तात्कालिक कारण नहीं थे।
- गलत विकल्प: जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण द्वितीय विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण था। रूस की क्रांति 1917 में हुई, जो प्रथम विश्व युद्ध के दौरान हुई थी। ब्रिटेन और जर्मनी के बीच नौसैनिक प्रतिस्पर्धा युद्ध के मूल कारणों में से एक थी, लेकिन तात्कालिक नहीं।
प्रश्न 17: ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति किस ऐतिहासिक काल में प्रमुखता से अपनाई गई?
- मुगल काल
- मराठा काल
- ब्रिटिश शासन काल
- गुप्त काल
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘फूट डालो और राज करो’ (Divide and Rule) की नीति ब्रिटिश शासन काल के दौरान भारत में अपनी शक्ति को बनाए रखने और भारतीय समाज को विभाजित करने के लिए प्रमुखता से अपनाई गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: अंग्रेजों ने विभिन्न धार्मिक, जातीय और क्षेत्रीय समूहों के बीच मतभेद पैदा करके और उन्हें एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करके अपने शासन को मजबूत किया। इसका एक प्रमुख उदाहरण सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देना था, जिससे समुदायों के बीच खाई और चौड़ी हो गई।
- गलत विकल्प: मुगल काल (a) में आंतरिक शक्ति संघर्ष थे, लेकिन यह नीति इस रूप में नहीं अपनाई गई। मराठा काल (b) में भी आंतरिक कलहें थीं। गुप्त काल (d) में भारत में राजनीतिक एकता थी।
प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन सी गुफाएं बौद्ध धर्म से संबंधित हैं?
- एलोरा
- अजंता
- एलिफेंटा
- खजुराहो
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: अजंता की गुफाएँ मुख्य रूप से बौद्ध धर्म से संबंधित हैं। इनमें बौद्ध धर्म से जुड़े चित्र (जातक कथाएँ) और मूर्तियाँ पाई जाती हैं।
- संदर्भ और विस्तार: अजंता की गुफाएँ महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित हैं और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं। यहाँ 29 चट्टानों को काटकर बनाई गई गुफाएँ हैं, जिनमें प्रारंभिक बौद्ध मठ और प्रार्थना कक्ष शामिल हैं। चित्रों में बुद्ध के पूर्व जन्मों की कहानियों (जातक कथाओं) और उनके जीवन की घटनाओं का चित्रण है।
- गलत विकल्प: एलोरा की गुफाएँ (a) बौद्ध, हिंदू और जैन धर्मों का मिश्रण हैं। एलिफेंटा की गुफाएँ (c) मुख्य रूप से शैव धर्म (हिंदू धर्म) से संबंधित हैं। खजुराहो (d) मंदिर अपनी कामुक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं और मुख्य रूप से हिंदू और जैन धर्म से संबंधित हैं।
प्रश्न 19: ‘तैमूर’ ने भारत पर कब आक्रमण किया था?
- 1336 ईस्वी
- 1398 ईस्वी
- 1498 ईस्वी
- 1526 ईस्वी
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: तैमूर लंग (Timur) ने 1398 ईस्वी में भारत पर आक्रमण किया था। उसने दिल्ली पर कब्ज़ा करके भारी लूटपाट मचाई थी।
- संदर्भ और विस्तार: तैमूर के आक्रमण ने दिल्ली सल्तनत को अत्यंत कमजोर कर दिया, जो अंततः सैय्यद और लोदी वंशों के शासन के पतन का एक कारण बना। उसने भारत में विनाश का तांडव किया और अपने साथ अपार धन और कलाकृतियाँ ले गया।
- गलत विकल्प: 1336 ईस्वी में विजयनगर साम्राज्य की स्थापना हुई। 1498 ईस्वी में वास्को-डा-गामा भारत आया। 1526 ईस्वी में बाबर ने पानीपत का पहला युद्ध जीता और मुगल साम्राज्य की स्थापना की।
प्रश्न 20: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पहले मुस्लिम अध्यक्ष कौन थे?
- मौलाना अबुल कलाम आज़ाद
- सर सैयद अहमद खान
- बदरुद्दीन तैयबजी
- रफी अहमद किदवई
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: बदरुद्दीन तैयबजी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पहले मुस्लिम अध्यक्ष थे। उन्होंने 1887 में मद्रास अधिवेशन की अध्यक्षता की थी।
- संदर्भ और विस्तार: तैयबजी एक प्रसिद्ध वकील और सामाजिक सुधारक थे। उनकी अध्यक्षता ने कांग्रेस की समावेशिता को दर्शाया और यह संदेश दिया कि कांग्रेस सभी भारतीयों का प्रतिनिधित्व करती है, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो।
- गलत विकल्प: मौलाना अबुल कलाम आज़ाद कांग्रेस के एक प्रमुख नेता और आज़ाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे, और वे कई बार कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। सर सैयद अहमद खान कांग्रेस के विरोधी थे और उन्होंने अलीगढ़ आंदोलन का नेतृत्व किया। रफी अहमद किदवई भी कांग्रेसी नेता थे।
प्रश्न 21: ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा’ – यह नारा किसने दिया था?
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- बाल गंगाधर तिलक
- सुभाष चंद्र बोस
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा’ का प्रसिद्ध नारा लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: तिलक ने इस नारे के माध्यम से भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में जन-जन को ऊर्जावान किया। उनका मानना था कि स्वशासन (स्वराज) किसी भी राष्ट्र के लिए एक प्राकृतिक अधिकार है और इसे छीनने या देने की बजाय प्राप्त करना होता है। उन्होंने ‘केसरी’ और ‘मराठा’ नामक समाचार पत्रों के माध्यम से अपने विचारों का प्रसार किया।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सुभाष चंद्र बोस भी स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेता थे, लेकिन यह विशिष्ट नारा बाल गंगाधर तिलक से जुड़ा है।
प्रश्न 22: गुप्तकालीन प्रसिद्ध खगोलशास्त्री कौन था जिसने कहा कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है?
- ब्रह्मगुप्त
- आर्यभट्ट
- वराहमिहिर
- भास्कराचार्य
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: गुप्त काल के महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री आर्यभट्ट थे, जिन्होंने यह सिद्धांत प्रतिपादित किया था कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है।
- संदर्भ और विस्तार: आर्यभट्ट ने अपने ग्रंथ ‘आर्यभटीय’ में यह विचार प्रस्तुत किया था कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है, जिसके कारण सूर्योदय और सूर्यास्त होता है। उन्होंने यह भी बताया कि ग्रहण (सूर्य और चंद्र ग्रहण) ग्रहों के कारण होते हैं, न कि किसी दैवीय कारण से। उन्होंने पाई (π) का मान भी निकाला और बीजगणित में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- गलत विकल्प: ब्रह्मगुप्त ने भी खगोलशास्त्र में योगदान दिया, लेकिन पृथ्वी के घूर्णन का सिद्धांत विशेष रूप से आर्यभट्ट से जुड़ा है। वराहमिहिर एक खगोलशास्त्री और गणितज्ञ थे जिन्होंने ‘पंचसिद्धांतिका’ लिखी। भास्कराचार्य मध्यकालीन भारत के एक प्रसिद्ध गणितज्ञ थे।
प्रश्न 23: ‘कुतुब मीनार’ का निर्माण किस शासक ने शुरू करवाया था?
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- इल्तुतमिश
- अलाउद्दीन खिलजी
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: कुतुब मीनार का निर्माण दिल्ली सल्तनत के पहले शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने शुरू करवाया था।
- संदर्भ और विस्तार: ऐबक ने इस मीनार का निर्माण सूफी संत ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की याद में शुरू करवाया था। यह मीनार लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बनी है और भारतीय-इस्लामी वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। ऐबक के जीवनकाल में इसका पहला मंजिल ही पूरा हो पाया था।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने कुतुब मीनार के शेष तीन मंजिलों का निर्माण पूरा करवाया। अलाउद्दीन खिलजी ने कुतुब मीनार के पास एक द्वार (अलाई दरवाजा) बनवाया। फिरोजशाह तुगलक ने मीनार की ऊपरी मंजिलों की मरम्मत करवाई थी।
प्रश्न 24: अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा (Declaration of Independence) किस वर्ष की गई?
- 1775
- 1776
- 1783
- 1789
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा 4 जुलाई 1776 को की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह घोषणा फिलाडेल्फिया में महाद्वीपीय कांग्रेस (Continental Congress) द्वारा अपनाई गई थी और इसने तेरह अमेरिकी उपनिवेशों को ग्रेट ब्रिटेन से स्वतंत्र घोषित किया। थॉमस जेफरसन इस घोषणा के मुख्य लेखक थे। यह घटना अमेरिकी क्रांति का एक महत्वपूर्ण पड़ाव थी।
- गलत विकल्प: 1775 में अमेरिकी क्रांति की शुरुआत हुई। 1783 में पेरिस की संधि द्वारा अमेरिकी स्वतंत्रता को मान्यता दी गई। 1789 में फ्रांस में क्रांति हुई और अमेरिकी संविधान लागू हुआ।
प्रश्न 25: ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा किसने दिया था?
- स्वामी विवेकानंद
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- राजा राम मोहन राय
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘वेदों की ओर लौटो’ का प्रसिद्ध नारा स्वामी दयानंद सरस्वती ने दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: स्वामी दयानंद सरस्वती 19वीं सदी के एक प्रमुख समाज सुधारक और आर्य समाज के संस्थापक थे। उन्होंने पाखंड, मूर्ति पूजा, और धार्मिक कर्मकांडों का विरोध करते हुए वेदों को ज्ञान काAuthentic स्रोत बताया। इस नारे के माध्यम से उन्होंने भारतीय समाज को वेदों के मूल सिद्धांतों की ओर लौटने का आह्वान किया।
- गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण मिशन के संस्थापक थे और उन्होंने भारतीय दर्शन को पश्चिमी देशों में लोकप्रिय बनाया। राजा राम मोहन राय ब्रह्म समाज के संस्थापक थे और उन्होंने सती प्रथा जैसी कुरीतियों का विरोध किया। ईश्वर चंद्र विद्यासागर एक प्रसिद्ध शिक्षाविद और समाज सुधारक थे।
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