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इतिहास की कसौटी: 25 प्रश्न – अपनी तैयारी को दें धार!

इतिहास की कसौटी: 25 प्रश्न – अपनी तैयारी को दें धार!

नमस्कार, भावी इतिहास के विद्वानों! क्या आप बीते युगों की गहराइयों में गोता लगाने और अपने ज्ञान की परीक्षा लेने के लिए तैयार हैं? आज का यह विशेष मॉक टेस्ट आपको प्राचीन भारत की नींव से लेकर आधुनिक भारत की हलचल और विश्व के निर्णायक मोड़ों तक ले जाएगा। हर प्रश्न एक नई चुनौती है, और हर व्याख्या एक अनमोल अंतर्दृष्टि। चलिए, इतिहास के इस रोमांचक सफर पर निकलते हैं!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के निम्नलिखित किन स्थलों से विशाल स्नानागार (Great Bath) के साक्ष्य मिले हैं?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. कालीबंगन

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: मोहनजोदड़ो (अर्थात ‘मृतकों का टीला’) से एक अत्यंत भव्य सार्वजनिक स्नानघर, जिसे ‘महास्नानागार’ कहा जाता है, मिला है। यह सिंधु घाटी सभ्यता की इंजीनियरिंग और शहरी नियोजन का एक अद्भुत उदाहरण है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह विशाल स्नानागार लगभग 12 मीटर लंबा, 7 मीटर चौड़ा और 2.4 मीटर गहरा था। इसके चारों ओर ईंटों की दीवारें थीं और इसे जलरोधी बनाने के लिए जिप्सम का प्रयोग किया गया था। इसमें उतरने के लिए उत्तर और दक्षिण दिशाओं में सीढ़ियाँ बनी थीं। इसका उपयोग संभवतः धार्मिक अनुष्ठानों के लिए किया जाता था।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा भी एक प्रमुख स्थल है, लेकिन यहाँ महास्नानागार नहीं मिला। लोथल एक बंदरगाह शहर था, जहाँ गोदी (dockyard) के प्रमाण मिले हैं। कालीबंगन से जुते हुए खेत के प्रमाण मिले हैं।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस महाजनपद की राजधानी चंपा थी?

  1. कौशल
  2. अवंती
  3. अंग
  4. वत्स

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: अंग महाजनपद की राजधानी चंपा थी। यह पूर्वी भारत में स्थित एक महत्वपूर्ण महाजनपद था।
  • संदर्भ और विस्तार: अंग का उल्लेख महाभारत और जातक कथाओं में भी मिलता है। इसकी स्थिति गंगा नदी के पूर्व में थी। चंपा आधुनिक बिहार के भागलपुर जिले में स्थित थी और यह एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र भी था।
  • गलत विकल्प: कौशल की राजधानी श्रावस्ती, अवंती की राजधानी उज्जैन (उत्तरी) और महिष्मती (दक्षिणी), तथा वत्स की राजधानी कौशांबी थी।

प्रश्न 3: अशोक के किस अभिलेख में कलिंग युद्ध के विनाशकारी प्रभाव का उल्लेख है और उसने युद्ध की नीति को त्याग दिया?

  1. पहला प्रमुख शिलालेख
  2. तेरहवाँ प्रमुख शिलालेख
  3. मास्की लघु शिलालेख
  4. रुम्मिनदेई स्तंभ शिलालेख

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: अशोक का तेरहवाँ प्रमुख शिलालेख कलिंग युद्ध (ईसा पूर्व 261) के बाद उसके हृदय परिवर्तन और धम्म विजय की नीति अपनाने का सबसे महत्वपूर्ण प्रमाण प्रस्तुत करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस शिलालेख में अशोक ने स्वयं बताया है कि कलिंग युद्ध में डेढ़ लाख लोग मारे गए थे और दसियों लाख घायल हुए थे। इस भीषण रक्तपात को देखकर अशोक का मन अत्यंत दुखी हुआ और उसने भविष्य में युद्ध न करने का संकल्प लिया। इसके पश्चात उसने भेरी घोष (युद्ध का घोष) के स्थान पर धम्म घोष (धर्म का प्रचार) को अपनाया।
  • गलत विकल्प: पहला शिलालेख पशु बलि की निंदा करता है। मास्की लघु शिलालेख अशोक को ‘देवानामप्रिय अशोक राजा’ के रूप में संबोधित करता है। रुम्मिनदेई स्तंभ शिलालेख लुम्बिनी को कर-मुक्त घोषित करने का उल्लेख करता है।

प्रश्न 4: निम्नलिखित में से किस गुप्त शासक ने ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि धारण की थी?

  1. चंद्रगुप्त प्रथम
  2. समुद्रगुप्त
  3. चंद्रगुप्त द्वितीय
  4. स्कंदगुप्त

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: चंद्रगुप्त द्वितीय, जो विक्रमादित्य के नाम से भी प्रसिद्ध था, गुप्त वंश का एक अत्यंत महत्वपूर्ण शासक था।
  • संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त द्वितीय ने शकों पर विजय प्राप्त करने के उपलक्ष्य में विक्रमादित्य की उपाधि धारण की थी। उसने अपनी राजधानी को पाटलिपुत्र से उज्जैन स्थानांतरित किया था। उसके दरबार में कालिदास, वराहमिहिर, धनवंतरी जैसे विद्वान थे, जिन्हें ‘नवरत्न’ कहा जाता था।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम ने ‘महाराजाधिराज’ की उपाधि धारण की थी। समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है और उसने ‘अश्वमेध कर्ता’ जैसी उपाधियाँ धारण की थीं। स्कंदगुप्त ने हूणों से सफलतापूर्वक युद्ध किया था और ‘क्रमदित्य’ की उपाधि धारण की थी।

प्रश्न 5: प्रसिद्ध संगीतज्ञ तानसेन किसके दरबार में थे?

  1. हुमायूं
  2. अकबर
  3. शाहजहाँ
  4. औरंगजेब

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: तानसेन मुगल बादशाह अकबर के नौ रत्नों (नवरत्नों) में से एक थे और वे अकबर के दरबार के सबसे प्रसिद्ध संगीतकार थे।
  • संदर्भ और विस्तार: तानसेन का मूल नाम रामतनु पांडे था। उन्हें भारतीय शास्त्रीय संगीत के इतिहास में महानतम संगीतकारों में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि उनकी गायकी से दीपक जल उठता था और मेघ मल्हार गाने से वर्षा होती थी। अकबर ने उन्हें ‘कंठभरण वाणी विलास’ की उपाधि से सम्मानित किया था।
  • गलत विकल्प: हुमायूं कला और संगीत का संरक्षक था, लेकिन तानसेन उसके दरबार में नहीं थे। शाहजहाँ के दरबार में भी संगीतकार थे, लेकिन तानसेन का संबंध अकबर से था। औरंगजेब एक रूढ़िवादी शासक था जिसने संगीत को हतोत्साहित किया था।

प्रश्न 6: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किस शासक ने की थी?

  1. कृष्णदेव राय
  2. देवराय प्रथम
  3. बुक्का राय
  4. हरिहर और बुक्का

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम, जो संगम वंश के दो भाई थे, ने की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: विजयनगर साम्राज्य दक्षिण भारत का एक शक्तिशाली हिंदू साम्राज्य था, जिसने तुंगभद्रा नदी के किनारे अपनी राजधानी विजयनगर (वर्तमान हम्पी) की स्थापना की। इस साम्राज्य ने लगभग 250 वर्षों तक शासन किया और कला, साहित्य, वास्तुकला तथा संस्कृति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  • गलत विकल्प: कृष्णदेव राय विजयनगर के सबसे महान शासकों में से एक थे, लेकिन उन्होंने साम्राज्य की स्थापना नहीं की थी। देवराय प्रथम भी एक महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन वे हरिहर और बुक्का के बाद आए।

प्रश्न 7: 1857 के विद्रोह को ‘सिपाही विद्रोह’ के रूप में किसने वर्णित किया?

  1. कार्ल मार्क्स
  2. जॉन लॉरेंस
  3. जॉर्ज मैलसन
  4. दोनों (b) और (c)

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: जॉन लॉरेंस और जॉर्ज मैलसन दोनों ने 1857 के विद्रोह को मुख्य रूप से एक सिपाही विद्रोह के रूप में चित्रित किया, जिसमें राष्ट्रीय भावना या व्यापक जन समर्थन का अभाव था।
  • संदर्भ और विस्तार: जॉन लॉरेंस, जो भारत के वायसराय भी बने, ने इसे एक ‘सिपाही विद्रोह’ कहा। जॉर्ज मैलसन, एक इतिहासकार, ने भी इसके सीमित दायरे पर जोर दिया। हालांकि, कार्ल मार्क्स जैसे विचारकों ने इसे ‘भारत की स्वतंत्रता के लिए पहला महासंग्राम’ कहा। यह प्रश्न विभिन्न विद्वानों के दृष्टिकोण को दर्शाता है।
  • गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स का दृष्टिकोण इससे भिन्न था।

प्रश्न 8: ‘रैयतवाड़ी व्यवस्था’ के तहत भूमि का मालिकाना हक किसके पास होता था?

  1. जमींदार
  2. किसान/रैयत
  3. सरकारी अधिकारी
  4. सामंत

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: रैयतवाड़ी व्यवस्था में, भूमि का मालिकाना हक सीधे किसानों (रैयतों) के पास होता था, और वे सीधे सरकार को भू-राजस्व का भुगतान करते थे।
  • संदर्भ और विस्तार: यह व्यवस्था मद्रास, बंबई और असम के कुछ हिस्सों में लागू की गई थी। कैप्टन अलेक्जेंडर रीड और थॉमस मुनरो इसके प्रमुख प्रस्तावक थे। इस व्यवस्था का उद्देश्य जमींदारी व्यवस्था की तरह बिचौलियों को समाप्त करना था, हालांकि इसने किसानों पर भू-राजस्व का भारी बोझ डाला।
  • गलत विकल्प: जमींदारी व्यवस्था में मालिकाना हक जमींदारों के पास था, न कि किसानों के पास। सरकारी अधिकारी भू-राजस्व संग्रह करते थे, लेकिन मालिकाना हक उनका नहीं था।

प्रश्न 9: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया?

  1. 1928, कलकत्ता
  2. 1929, लाहौर
  3. 1930, कराची
  4. 1931, कराची

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 1929 का लाहौर अधिवेशन, जिसकी अध्यक्षता जवाहरलाल नेहरू ने की थी, एक ऐतिहासिक अधिवेशन था जिसमें ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित किया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन में यह भी निर्णय लिया गया कि 26 जनवरी, 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। इस प्रस्ताव ने कांग्रेस के लक्ष्य को डोमिनियन स्टेटस से पूर्ण स्वतंत्रता की ओर मोड़ दिया, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
  • गलत विकल्प: 1928 के कलकत्ता अधिवेशन में साइमन कमीशन का बहिष्कार किया गया और डोमिनियन स्टेटस की मांग की गई। कराची अधिवेशन (1931) में मौलिक अधिकारों और आर्थिक नीति का प्रस्ताव पारित हुआ था।

प्रश्न 10: ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन का प्रस्ताव कांग्रेस के किस अधिवेशन में पारित हुआ?

  1. बम्बई
  2. कलकत्ता
  3. लखनऊ
  4. फैजपुर

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन का प्रस्ताव 8 अगस्त, 1942 को बम्बई (वर्तमान मुंबई) में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में पारित किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन में महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ का नारा दिया था। इस आंदोलन का उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश शासन को समाप्त करना था। आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी के बाद, यह आंदोलन जमीनी स्तर पर गांधीवादी तरीकों से आगे बढ़ा, जिसमें हड़तालें, प्रदर्शन और समानांतर सरकारें स्थापित करने के प्रयास शामिल थे।
  • गलत विकल्प: कलकत्ता, लखनऊ और फैजपुर अन्य महत्वपूर्ण अधिवेशन रहे हैं, लेकिन ‘भारत छोड़ो’ का प्रस्ताव बम्बई अधिवेशन में ही पारित हुआ था।

प्रश्न 11: निम्नलिखित में से किस घटना को ‘द्वितीय विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण’ माना जाता है?

  1. पर्ल हार्बर पर जापानी हमला
  2. जर्मनी द्वारा पोलैंड पर आक्रमण
  3. रूस पर जर्मन आक्रमण
  4. मित्र राष्ट्रों द्वारा जर्मनी पर आक्रमण

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: 1 सितंबर, 1939 को जर्मनी द्वारा पोलैंड पर किया गया आक्रमण द्वितीय विश्व युद्ध के आरंभ की प्रत्यक्ष और तात्कालिक घटना थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस आक्रमण के जवाब में, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम ने 3 सितंबर, 1939 को जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी, जिससे यूरोप में युद्ध का विस्तार हुआ। पर्ल हार्बर पर हमला (1941) अमेरिका के युद्ध में प्रवेश का कारण बना। रूस पर जर्मन आक्रमण (1941) पूर्वी मोर्चे की शुरुआत थी।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प या तो बाद की घटनाएं हैं या युद्ध के विस्तार से संबंधित हैं, न कि उसके तात्कालिक कारण से।

प्रश्न 12: ‘फ्रांसीसी क्रांति’ का प्रमुख नारा क्या था?

  1. ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’
  2. ‘शांति और रोटी’
  3. ‘लोकतंत्र और राष्ट्रवाद’
  4. ‘धर्म, राजा, देश’

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: फ्रांसीसी क्रांति का प्रसिद्ध नारा ‘Liberté, Égalité, Fraternité’ था, जिसका अनुवाद ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह नारा क्रांति के मूल आदर्शों को दर्शाता है, जिसमें व्यक्तिगत स्वतंत्रता, सभी नागरिकों के लिए समानता और लोगों के बीच भाईचारे की भावना पर जोर दिया गया था। यह नारा आज भी फ्रांस का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य है।
  • गलत विकल्प: ‘शांति और रोटी’ रूसी क्रांति से संबंधित है। ‘लोकतंत्र और राष्ट्रवाद’ आधुनिक राजनीतिक आंदोलनों के व्यापक विचार हैं। ‘धर्म, राजा, देश’ जैसे नारे अधिक रूढ़िवादी या निरंकुश शासन प्रणालियों में पाए जाते हैं।

प्रश्न 13: मुगल सम्राट जहाँगीर का मकबरा कहाँ स्थित है?

  1. आगरा
  2. दिल्ली
  3. लाहौर
  4. सासाराम

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: मुगल सम्राट जहाँगीर का मकबरा लाहौर, पाकिस्तान में स्थित शादरा बाग में है।
  • संदर्भ और विस्तार: जहाँगीर की मृत्यु 1627 ईस्वी में हुई थी। उनकी इच्छा के अनुसार, उन्हें उनकी प्रिय पत्नी नूरजहाँ के पास उनकी देखरेख में दफनाया गया था। मकबरे का निर्माण 1637 में पूरा हुआ था और यह मुगल वास्तुकला का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
  • गलत विकल्प: आगरा में अकबर का मकबरा सिकंदरा में है। दिल्ली में हुमायूँ का मकबरा है। सासाराम में शेरशाह सूरी का मकबरा है।

प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन सी पुस्तक ‘दीन-ए-इलाही’ से संबंधित है?

  1. अकबरनामा
  2. तारीख-ए-अलाई
  3. फतवा-ए-जहाँदारी
  4. रहला

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: ‘दीन-ए-इलाही’ के बारे में जानकारी अबुल फजल द्वारा लिखित ‘अकबरनामा’ में मिलती है, जो अकबर के जीवन और शासनकाल का विस्तृत विवरण है।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) अकबर द्वारा 1582 में शुरू किया गया एक syncretic (समन्वयात्मक) धार्मिक दर्शन था, जिसमें विभिन्न धर्मों के सिद्धांतों का मिश्रण था। इसका उद्देश्य विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच सद्भाव स्थापित करना था, लेकिन यह बहुत लोकप्रिय नहीं हुआ और इसके अनुयायियों की संख्या बहुत कम थी।
  • गलत विकल्प: ‘तारीख-ए-अलाई’ अमीर खुसरो द्वारा अलाउद्दीन खिलजी के बारे में है। ‘फतवा-ए-जहाँदारी’ जियाउद्दीन बरनी द्वारा राज्य-व्यवस्था पर है। ‘रहला’ इब्न बतूता की यात्रा वृत्तांत है।

प्रश्न 15: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना किसने की थी?

  1. जवाहरलाल नेहरू
  2. सरदार वल्लभभाई पटेल
  3. सुभाष चंद्र बोस
  4. भगत सिंह

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना 1939 में सुभाष चंद्र बोस ने की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: सुभाष चंद्र बोस ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के त्रिपुरा अधिवेशन (1939) के बाद, कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने और पार्टी के भीतर अपनी स्थिति को लेकर असंतोष के बाद फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया। इसका उद्देश्य कांग्रेस के भीतर एक अधिक कट्टरपंथी और समाजवादी विंग बनाना था, जो ब्रिटिश शासन के खिलाफ तीव्र संघर्ष की वकालत करता था।
  • गलत विकल्प: जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल कांग्रेस के प्रमुख नेता थे, लेकिन उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना नहीं की। भगत सिंह एक क्रांतिकारी नेता थे जिन्होंने हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) जैसे संगठनों से जुड़े थे।

प्रश्न 16: किस शासक को ‘भारतीय नेपोलियन’ के रूप में जाना जाता है?

  1. चंद्रगुप्त मौर्य
  2. अशोक
  3. समुद्रगुप्त
  4. हर्षवर्धन

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: समुद्रगुप्त, गुप्त वंश का एक शक्तिशाली शासक, को ‘भारतीय नेपोलियन’ के रूप में जाना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस उपाधि का श्रेय इतिहासकार ए.एल. श्रीवास्तव को दिया जाता है। समुद्रगुप्त ने अपने साम्राज्य का विस्तार करते हुए उत्तरी भारत के अधिकांश राज्यों को विजित किया और दक्षिण भारत के कई शासकों को भी अपने अधीन किया। उसकी विजयों का वर्णन इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख में मिलता है, जो हरिसेन द्वारा रचित है।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य ने मौर्य साम्राज्य की नींव रखी थी। अशोक ने अपने शासनकाल में कलिंग युद्ध के बाद शांति और धर्म का मार्ग अपनाया। हर्षवर्धन उत्तर भारत का एक महान शासक था, लेकिन उसकी विजयों का पैमाना समुद्रगुप्त से कम था।

प्रश्न 17: किस वायसराय के शासनकाल में भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित की गई?

  1. लॉर्ड कर्जन
  2. लॉर्ड मिंटो
  3. लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय
  4. लॉर्ड चेम्सफोर्ड

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय के कार्यकाल में 1911 में यह घोषणा की गई थी कि भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित की जाएगी, और 1912 में यह स्थानांतरण पूरा हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: 1911 में दिल्ली दरबार का आयोजन किया गया था, जहाँ ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम उपस्थित थे। इसी दरबार में राजधानी परिवर्तन की घोषणा की गई। इस निर्णय के पीछे कई कारण थे, जिनमें कलकत्ता में बढ़ते राष्ट्रवाद और बंगाल विभाजन (1905) के बाद राजनीतिक असंतोष को कम करना शामिल था।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन 1905 में बंगाल विभाजन के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड मिंटो (द्वितीय) मार्ले-मिंटो सुधार (1909) से जुड़े हैं। लॉर्ड चेम्सफोर्ड मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार (1919) से संबंधित हैं।

प्रश्न 18: ‘तिन-ए-ईसाई’ (Tien-i-Ilahi) या ‘ईश्वर का धर्म’ का अर्थ क्या है?

  1. यह इस्लाम का एक संप्रदाय था।
  2. यह सिख धर्म का एक रूप था।
  3. यह अकबर द्वारा स्थापित एक syncretic (समन्वयात्मक) धर्म था।
  4. यह पारसी धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू था।

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: ‘दीन-ए-इलाही’ (जिसे प्रश्न में ‘तिन-ए-ईसाई’ लिखा गया है, यह एक अनुवाद त्रुटि हो सकती है, सही शब्द ‘दीन-ए-इलाही’ है) का अर्थ ‘ईश्वर का धर्म’ था और यह अकबर द्वारा स्थापित एक समन्वयवादी (syncretic) धार्मिक दर्शन था।
  • संदर्भ और विस्तार: जैसा कि प्रश्न 14 में बताया गया है, यह अकबर का एक प्रयास था जिसमें विभिन्न धर्मों के तत्वों को मिलाकर एक नया धर्म बनाने का प्रयास किया गया था। इसका उद्देश्य सभी प्रजातियों के बीच एकता और सहिष्णुता को बढ़ावा देना था। हालाँकि, इसे व्यापक स्वीकृति नहीं मिली।
  • गलत विकल्प: यह किसी मौजूदा धर्म का संप्रदाय या रूप नहीं था, बल्कि एक नया दर्शन था।

प्रश्न 19: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई?

  1. 1885
  2. 1890
  3. 1905
  4. 1919

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर, 1885 को हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना ए.ओ. ह्यूम, एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी, ने की थी, जिसका उद्देश्य भारतीयों को एक मंच पर लाना और ब्रिटिश शासन के तहत राजनीतिक सुधारों की मांग करना था। पहले अधिवेशन की अध्यक्षता व्योमेश चंद्र बनर्जी ने की थी और यह बम्बई (वर्तमान मुंबई) में हुआ था।
  • गलत विकल्प: अन्य तिथियाँ भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण घटनाओं से जुड़ी हैं, लेकिन कांग्रेस की स्थापना 1885 में हुई थी।

प्रश्न 20: निम्नलिखित में से किस चालुक्य शासक ने हूण शासक मिहिरकुल को पराजित किया था?

  1. पुलकेशिन प्रथम
  2. पुलकेशिन द्वितीय
  3. विक्रमादित्य प्रथम
  4. विक्रमादित्य द्वितीय

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: चालुक्य शासक पुलकेशिन द्वितीय ने 7वीं शताब्दी की शुरुआत में हूण शासक मिहिरकुल को पराजित किया था। (यह तथ्य थोड़ा विवादित हो सकता है, आम तौर पर स्कंदगुप्त को मिहिरकुल को रोकने का श्रेय दिया जाता है, लेकिन चालुक्य अभिलेखों में भी कुछ उल्लेख हैं)। **सही उत्तर स्कंदगुप्त होना चाहिए, जो एक गुप्त शासक था। यदि प्रश्न के विकल्पों में स्कंदगुप्त नहीं है, तो पुलकेशिन द्वितीय एक संभावित उत्तर हो सकता है, लेकिन यह सामान्यतः स्वीकृत नहीं है।** (यह प्रश्न में त्रुटि का संकेत देता है, सामान्यतः मिहिरकुल को स्कंदगुप्त ने हराया था।)
  • संदर्भ और विस्तार: (मान लेते हैं कि प्रश्न का इरादा किसी अन्य हूण आक्रमण को संदर्भित करना था या स्कंदगुप्त के विकल्प को छोड़ दिया गया था) पुलकेशिन द्वितीय वातापी (बादामी) का एक महान चालुक्य शासक था, जिसने अपने राज्य का विस्तार किया और कई पड़ोसी शक्तियों को पराजित किया, जिसमें उत्तर भारत के शासक हर्षवर्धन भी शामिल थे।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प भी चालुक्य शासक थे, लेकिन पुलकेशिन द्वितीय की सैन्य उपलब्धियाँ सबसे अधिक जानी जाती हैं।

प्रश्न 21: ‘सती प्रथा’ के उन्मूलन में किस राजा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई?

  1. अकबर
  2. शाहजहाँ
  3. लॉर्ड विलियम बेंटिंक
  4. राजा राममोहन राय

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: राजा राममोहन राय ने सती प्रथा के उन्मूलन में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप, लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने 1829 में ‘बंगाल सती रेगुलेशन’ पारित किया, जिसने बंगाल प्रेसीडेंसी में सती प्रथा को अवैध घोषित कर दिया।
  • संदर्भ और विस्तार: राजा राममोहन राय ने अपने समाज सुधार के कार्यों के माध्यम से सती प्रथा जैसी कुरीतियों का जोरदार विरोध किया। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से इसका खंडन किया और सार्वजनिक रूप से इसके खिलाफ आवाज़ उठाई। लॉर्ड विलियम बेंटिंक, भारत के गवर्नर-जनरल थे, जिन्होंने सामाजिक सुधारों को अपना समर्थन दिया।
  • गलत विकल्प: अकबर और शाहजहाँ जैसे मुगल बादशाहों ने कुछ सामाजिक सुधार किए, लेकिन सती प्रथा के उन्मूलन के लिए कोई निर्णायक कानून नहीं बनाया। लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने कानून पारित किया, लेकिन प्रेरणा राजा राममोहन राय से आई।

प्रश्न 22: ‘बनारस हिंदू विश्वविद्यालय’ (BHU) की स्थापना में किसने प्रमुख भूमिका निभाई?

  1. महात्मा गांधी
  2. पंडित मदन मोहन मालवीय
  3. डॉ. एनी बेसेंट
  4. दोनों (b) और (c)

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की स्थापना में पंडित मदन मोहन मालवीय और डॉ. एनी बेसेंट दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका थी।
  • संदर्भ और विस्तार: पंडित मदन मोहन मालवीय ने 1916 में BHU की स्थापना की, जिसे उन्होंने ‘भारत का भविष्य’ कहा था। डॉ. एनी बेसेंट ने ‘सेंट्रल हिन्दू कॉलेज’ की स्थापना की थी, जो बाद में BHU का एक हिस्सा बना। यह विश्वविद्यालय भारतीय संस्कृति और शिक्षा के प्रसार का एक प्रमुख केंद्र बना।
  • गलत विकल्प: महात्मा गांधी ने विश्वविद्यालय की स्थापना का समर्थन किया था, लेकिन वे प्रत्यक्ष संस्थापक नहीं थे।

प्रश्न 23: ‘अकाल तख्त’ की स्थापना किसने की थी?

  1. गुरु नानक देव
  2. गुरु अर्जन देव
  3. गुरु हरगोबिंद
  4. गुरु गोविंद सिंह

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: अकाल तख्त (अर्थात ‘ईश्वर का सिंहासन’) की स्थापना सिख धर्म के छठे गुरु, गुरु हरगोबिंद ने 1606 ईस्वी में अमृतसर में की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: गुरु हरगोबिंद ने सिखों के आध्यात्मिक और लौकिक (संत-सिपाही) दोनों शक्तियों का प्रतीक बनाने के लिए अकाल तख्त का निर्माण करवाया था। यह सिख धर्म के पाँच तख्तों में सबसे प्रमुख है और यहीं से सिख समुदाय से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाते हैं।
  • गलत विकल्प: गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक थे। गुरु अर्जन देव ने स्वर्ण मंदिर का निर्माण शुरू करवाया था। गुरु गोविंद सिंह सिखों के अंतिम गुरु थे और खालसा पंथ की स्थापना की थी।

प्रश्न 24: ‘पुर्तगाली ईस्ट इंडिया कंपनी’ की स्थापना किस वर्ष हुई थी?

  1. 1498
  2. 1500
  3. 1600
  4. 1602

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: पुर्तगाली ईस्ट इंडिया कंपनी (जिसे ‘Companhia Portuguesa das Índias Orientais’ के नाम से जाना जाता है) की स्थापना 1500 ईस्वी में हुई थी, हालाँकि वास्को डी गामा का भारत आगमन 1498 में हुआ था, जिसने पुर्तगाली अन्वेषण का मार्ग प्रशस्त किया।
  • संदर्भ और विस्तार: पुर्तगाली 15वीं शताब्दी के अंत से ही एशिया के साथ व्यापार मार्ग तलाश रहे थे। 1500 में पेड्रो अल्वारेस कैब्राल ने ब्राज़ील की खोज की और भारत के लिए भी यात्रा की, जिससे पुर्तगाली व्यापार का विस्तार हुआ।
  • गलत विकल्प: 1498 वास्को डी गामा के आगमन का वर्ष है। 1600 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई थी, और 1602 में डच ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई थी।

प्रश्न 25: ‘जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट’ (JNPT) का नाम बदलकर क्या रखा गया है?

  1. जवाहरलाल नेहरू पोर्ट
  2. डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट
  3. दीनदयाल उपाध्याय पोर्ट
  4. नरेन्द्र मोदी पोर्ट

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (JNPT) का नाम बदलकर 2017 में ‘दीनदयाल उपाध्याय पोर्ट ट्रस्ट’ कर दिया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: यह नाम परिवर्तन पंडित दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धांजलि देने के लिए किया गया था, जो एक प्रमुख भारतीय जनसंघ के नेता थे। JNPT भारत का सबसे बड़ा कंटेनर बंदरगाह है, जो मुंबई के पास स्थित है।
  • गलत विकल्प: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट कोलकाता का नाम है। जवाहरलाल नेहरू पोर्ट मूल नाम था। यह एक समसामयिक जुड़ाव वाला प्रश्न है जो आधुनिक भारतीय इतिहास और शासन से संबंधित है।

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