इतिहास का रणक्षेत्र: 25 प्रश्न, आपकी तैयारी का अंतिम प्रहार!
आइए, समय की गलियों में एक रोमांचक यात्रा पर निकल पड़ें! यह दैनिक अभ्यास सत्र आपको इतिहास के हर दौर से रूबरू कराएगा, जहाँ आपके ज्ञान की कसौटी होगी। क्या आप अतीत की गहराइयों में उतरने और अपनी तैयारी को धार देने के लिए तैयार हैं? चलिए, आज के इतिहास के रणक्षेत्र में अपना शौर्य दिखाएं!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: हड़प्पा सभ्यता के किस स्थल से एक विशाल सार्वजनिक स्नानघर (Great Bath) प्राप्त हुआ है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगन
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: मोहनजोदड़ो, जिसे ‘मृतकों का टीला’ भी कहा जाता है, से विशाल सार्वजनिक स्नानघर के साक्ष्य मिले हैं। यह संरचना हड़प्पा सभ्यता की वास्तुकला और सामाजिक जीवन का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
- संदर्भ और विस्तार: यह स्नानागार लगभग 12 मीटर लंबा, 7 मीटर चौड़ा और 2.4 मीटर गहरा था। इसके किनारों पर ईंटों का प्रयोग किया गया था और जलरोधन के लिए बिटुमेन (तारकोल) का लेप था। इसके चारों ओर छोटे-छोटे कमरे और सीढ़ियाँ बनी थीं। ऐसा माना जाता है कि इसका उपयोग धार्मिक या अनुष्ठानिक अवसरों पर स्नान के लिए किया जाता था।
- गलत विकल्प: हड़प्पा से हड़प्पा सभ्यता का नामकरण हुआ, लेकिन स्नानागार नहीं मिला। लोथल से गोदी (डॉकयार्ड) का साक्ष्य मिला है, और कालीबंगन से जूते हुए खेत के साक्ष्य मिले हैं।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस वेद को ‘भारतीय संगीत का जनक’ कहा जाता है?
- ऋग्वेद
- यजुर्वेद
- सामवेद
- अथर्ववेद
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: सामवेद को भारतीय संगीत का जनक माना जाता है। इसमें मुख्य रूप से ऋग्वेद के मंत्रों का ही संकलन है, लेकिन उन्हें गेय रूप में प्रस्तुत किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: सामवेद के मंत्रों का उच्चारण विशेष स्वर-लहरियों में किया जाता था, जो यज्ञों के अवसर पर गाए जाते थे। इसमें 1875 ऋचाएं (मंत्र) हैं, जिनमें से 1504 ऋग्वेद से ली गई हैं।
- गलत विकल्प: ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद है और इसमें यज्ञों के लिए मंत्र और प्रार्थनाएं हैं। यजुर्वेद में यज्ञों के लिए गद्य रूप में मंत्र दिए गए हैं। अथर्ववेद में जादू-टोना, वशीकरण और चिकित्सा से संबंधित मंत्र हैं।
प्रश्न 3: चंद्रगुप्त मौर्य ने अपने शासनकाल के अंतिम वर्षों में किस धर्म को अपनाया था?
- शैव धर्म
- वैष्णव धर्म
- बौद्ध धर्म
- जैन धर्म
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: चंद्रगुप्त मौर्य ने अपने जीवन के अंतिम वर्षों में भद्रबाहु नामक जैन साधु से जैन धर्म की दीक्षा ली और उपवास (संलेखना) द्वारा अपने प्राण त्यागे थे।
- संदर्भ और विस्तार: यह घटना श्रवणबेलगोला (कर्नाटक) में हुई थी, जहाँ चंद्रगिरि पहाड़ी पर उनका स्मारक भी है। यह मौर्य काल के प्रारंभिक विस्तार और भारतीय धर्मों के विकास में एक महत्वपूर्ण कड़ी है।
- गलत विकल्प: शैव, वैष्णव और बौद्ध धर्म उस समय प्रचलित थे, लेकिन चंद्रगुप्त मौर्य का झुकाव जैन धर्म की ओर था। अशोक, जो बाद में मौर्य शासक बने, बौद्ध धर्म के प्रमुख अनुयायी थे।
प्रश्न 4: ‘सती प्रथा’ का अंत करने में किस गवर्नर-जनरल की भूमिका प्रमुख थी?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड कैनिंग
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने 1829 ईस्वी में राजा राममोहन राय के प्रयासों से ‘सती प्रथा’ को गैर-कानूनी घोषित किया और इसे समाप्त करने के लिए कानून बनाया।
- संदर्भ और विस्तार: यह भारतीय समाज सुधार की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम था। बेंटिंक ने कन्या भ्रूण हत्या और दास प्रथा के उन्मूलन में भी योगदान दिया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी को ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए जाना जाता है। लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया था। लॉर्ड कैनिंग भारत के पहले वायसराय थे।
प्रश्न 5: 1857 के विद्रोह के समय भारत का वायसराय कौन था?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड रिपन
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: 1857 के विद्रोह के समय, भारत में गवर्नर-जनरल के पद पर लॉर्ड कैनिंग थे, जो बाद में भारत के पहले वायसराय बने।
- संदर्भ और विस्तार: यह विद्रोह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के अंत और ब्रिटिश क्राउन के सीधे शासन की शुरुआत का एक महत्वपूर्ण मोड़ था। कैनिंग ने विद्रोह को दबाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी विद्रोह से पहले गवर्नर-जनरल थे। लॉर्ड लिटन और लॉर्ड रिपन बाद के वायसराय थे, जो सामाजिक और प्रशासनिक सुधारों के लिए जाने जाते हैं।
प्रश्न 6: ‘गीत गोविंद’ के रचनाकार कौन हैं?
- बाणभट्ट
- कल्लण
- जयदेव
- भट्टनारायण
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘गीत गोविंद’ के रचनाकार कवि जयदेव थे। वे बंगाल के सेन वंश के शासक लक्ष्मण सेन के दरबारी कवि थे।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक संस्कृत काव्य है जिसमें भगवान कृष्ण और राधा के प्रेम प्रसंग का सुंदर वर्णन है। इसकी रचना 12वीं शताब्दी में हुई थी और यह भारतीय साहित्य में भक्ति और शृंगार रस का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
- गलत विकल्प: बाणभट्ट ने ‘हर्षचरित’ और ‘कादंबरी’ लिखी थी। कल्लण ने ‘राजतरंगिणी’ (कश्मीर का इतिहास) लिखी थी। भट्टनारायण ‘वेणीसंहार’ नाटक के रचयिता थे।
प्रश्न 7: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
- कृष्णदेव राय
- हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम
- देवराय प्रथम
- सदाशिव राय
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम नामक दो भाइयों ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह साम्राज्य वर्तमान कर्नाटक राज्य में तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित था। यह दक्षिण भारत के सबसे शक्तिशाली साम्राज्यों में से एक था और इसने कला, साहित्य और वास्तुकला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- गलत विकल्प: कृष्णदेव राय विजयनगर के सबसे प्रसिद्ध शासकों में से एक थे, लेकिन उन्होंने साम्राज्य की स्थापना नहीं की थी। देवराय प्रथम और सदाशिव राय अन्य महत्वपूर्ण शासक थे।
प्रश्न 8: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना किसने की थी?
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- सुभाष चंद्र बोस
- सरदार वल्लभभाई पटेल
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: सुभाष चंद्र बोस ने 1939 ईस्वी में कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य राष्ट्रीय स्वयंसेवकों को संगठित करना और ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक मजबूत राजनीतिक और सैन्य मोर्चा बनाना था। बोस का मानना था कि भारत को स्वतंत्रता के लिए उग्र संघर्ष करना चाहिए।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ के सबसे प्रमुख नेता थे और उन्होंने अहिंसक आंदोलन का नेतृत्व किया। जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे। सरदार पटेल ने कांग्रेस के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रश्न 9: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत किस मुगल सम्राट ने की थी?
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) की शुरुआत मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ईस्वी में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक सर्वधर्म समभाव की कोशिश थी, जिसमें विभिन्न धर्मों के प्रमुख सिद्धांतों को मिलाकर एक नया धर्म बनाने का प्रयास किया गया था। हालांकि, यह आम जनता के बीच लोकप्रिय नहीं हो सका और इसे अपनाने वाले कुछ ही लोग थे, जिनमें से बीरबल प्रमुख थे।
- गलत विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब अकबर के बाद के शासक थे और उन्होंने ‘दीन-ए-इलाही’ को आगे नहीं बढ़ाया।
प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सी घटना भारत छोड़ो आंदोलन का परिणाम थी?
- साइमन कमीशन का गठन
- गांधी-इरविन समझौता
- ‘ऑपरेशन जीरो आवर’ के तहत कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी
- पूर्ण स्वराज की घोषणा
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: भारत छोड़ो आंदोलन (1942) की शुरुआत के साथ ही, ब्रिटिश सरकार ने ‘ऑपरेशन जीरो आवर’ चलाया, जिसके तहत कांग्रेस के लगभग सभी प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस आंदोलन का नारा ‘करो या मरो’ था। नेताओं की गिरफ्तारी के बाद भी, आंदोलन जमीनी स्तर पर जारी रहा, लेकिन नेतृत्वविहीन हो गया।
- गलत विकल्प: साइमन कमीशन 1927 में गठित हुआ था। गांधी-इरविन समझौता 1931 में हुआ था। पूर्ण स्वराज की घोषणा 1929 में की गई थी।
प्रश्न 11: ‘अष्टप्रधान’ नामक मंत्रिपरिषद का गठन किस शासक के शासनकाल में हुआ था?
- चंद्रगुप्त मौर्य
- समुद्रगुप्त
- हर्षवर्धन
- शिवाजी
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: शिवाजी महाराज ने अपनी प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए ‘अष्टप्रधान’ नामक आठ मंत्रियों की एक परिषद का गठन किया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस परिषद में प्रधानमंत्री (पेशवा), आमात्य (वित्त मंत्री), सचिव, सुमंत (विदेश मंत्री), सेनापति, पंडितराव (धार्मिक मामलों के प्रमुख), न्यायाधीश और मंत्री (रोज़मर्रा के मामले) जैसे पद शामिल थे। यह मराठा प्रशासन की एक महत्वपूर्ण विशेषता थी।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य, समुद्रगुप्त और हर्षवर्धन के शासनकाल में भी मंत्रिपरिषदें थीं, लेकिन वे ‘अष्टप्रधान’ के नाम से नहीं जानी जाती थीं।
प्रश्न 12: ‘जजिया कर’ को पुनः किस शासक ने लागू किया था?
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: मुगल सम्राट औरंगजेब ने 1679 ईस्वी में हिंदुओं पर ‘जजिया कर’ (गैर-मुस्लिमों पर लगने वाला धार्मिक कर) को फिर से लागू किया था।
- संदर्भ और विस्तार: अकबर ने इस कर को समाप्त कर दिया था, लेकिन औरंगजेब ने धार्मिक कट्टरता के चलते इसे पुनः प्रारंभ किया। इस निर्णय का भारतीय समाज पर गहरा प्रभाव पड़ा।
- गलत विकल्प: अकबर ने जजिया समाप्त किया था। जहाँगीर और शाहजहाँ ने इस कर को जारी नहीं रखा।
प्रश्न 13: ‘गीत गोविंद’ के रचनाकार कौन हैं?
- बाणभट्ट
- कल्लण
- जयदेव
- भट्टनारायण
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘गीत गोविंद’ के रचनाकार कवि जयदेव थे। वे बंगाल के सेन वंश के शासक लक्ष्मण सेन के दरबारी कवि थे।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक संस्कृत काव्य है जिसमें भगवान कृष्ण और राधा के प्रेम प्रसंग का सुंदर वर्णन है। इसकी रचना 12वीं शताब्दी में हुई थी और यह भारतीय साहित्य में भक्ति और शृंगार रस का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
- गलत विकल्प: बाणभट्ट ने ‘हर्षचरित’ और ‘कादंबरी’ लिखी थी। कल्लण ने ‘राजतरंगिणी’ (कश्मीर का इतिहास) लिखी थी। भट्टनारायण ‘वेणीसंहार’ नाटक के रचयिता थे।
प्रश्न 14: ‘अस्थायी सरकार’ (Interim Government) के उपाध्यक्ष कौन थे, जो 1946 में बनी थी?
- डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
- महात्मा गांधी
- सरदार वल्लभभाई पटेल
- जवाहरलाल नेहरू
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: 1946 में गठित अंतरिम सरकार में, जवाहरलाल नेहरू को उपाध्यक्ष (Vice President of the Viceroy’s Executive Council) बनाया गया था, जबकि वायसराय अध्यक्ष होते थे।
- संदर्भ और विस्तार: इस सरकार का मुख्य उद्देश्य भारत को स्वतंत्रता मिलने तक देश का शासन चलाना और संविधान सभा के गठन में सहायता करना था।
- गलत विकल्प: डॉ. राधाकृष्णन बाद में राष्ट्रपति बने। महात्मा गांधी इस सरकार का हिस्सा नहीं थे। सरदार पटेल को गृह मंत्रालय का कार्यभार मिला था, लेकिन उपाध्यक्ष का पद नेहरू के पास था।
प्रश्न 15: ‘बुद्धचरित’ के लेखक कौन थे?
- नागार्जुन
- आर्यभट्ट
- अश्वघोष
- चरक
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘बुद्धचरित’ महाकाव्य के लेखक अश्वघोष थे, जो कनिष्क (कुषाण शासक) के दरबारी कवि थे।
- संदर्भ और विस्तार: यह संस्कृत में रचित बुद्ध के जीवन पर आधारित एक महत्वपूर्ण रचना है। इसे ‘बुद्ध का कार्य’ या ‘बुद्ध का जीवन’ भी कहा जाता है।
- गलत विकल्प: नागार्जुन एक महान बौद्ध दार्शनिक थे। आर्यभट्ट एक खगोलशास्त्री और गणितज्ञ थे। चरक एक प्रसिद्ध चिकित्सक थे, जिन्होंने ‘चरक संहिता’ लिखी।
प्रश्न 16: ‘गुप्त संवत्’ की शुरुआत किसने की थी?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: गुप्त संवत् की शुरुआत 320 ईस्वी में गुप्त वंश के संस्थापक चंद्रगुप्त प्रथम ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस संवत् की शुरुआत चंद्रगुप्त प्रथम के राज्याभिषेक के उपलक्ष्य में हुई थी। यह भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण कालक्रम है।
- गलत विकल्प: समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) गुप्त वंश के सबसे शक्तिशाली शासकों में से एक थे। कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।
प्रश्न 17: ‘अजंता की गुफाएं’ किस काल की महत्वपूर्ण कृतियों को दर्शाती हैं?
- मौर्य काल
- शुंग काल
- गुप्त काल
- सातवाहन काल
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: अजंता की गुफाओं में पाई जाने वाली अधिकतर चित्रकला और मूर्तियां गुप्त काल (लगभग 4थी से 6ठी शताब्दी ईस्वी) की उत्कृष्ट कृतियां हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इन गुफाओं में मुख्य रूप से बौद्ध जातक कथाओं और बुद्ध के जीवन से संबंधित दृश्यों का चित्रण किया गया है। यह भारतीय कला के स्वर्ण काल का प्रतीक हैं।
- गलत विकल्प: मौर्य काल की कला में अशोक स्तंभ प्रमुख हैं। शुंग काल की कला सांची स्तूप से संबंधित है। सातवाहन काल की कला में अमरावती शैली प्रमुख है, लेकिन अजंता का शिखर गुप्त काल में ही हुआ।
प्रश्न 18: ‘जकात’ क्या था?
- एक प्रकार का भू-राजस्व
- मुसलमानों द्वारा दिया जाने वाला धार्मिक कर
- व्यापारियों पर लगने वाला सीमा शुल्क
- अनाज का एक निश्चित हिस्सा
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘जकात’ इस्लामी धर्म का पांचवां स्तंभ है, जो मुसलमानों द्वारा अपनी आय का एक निश्चित हिस्सा (आमतौर पर 2.5%) गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता के लिए दान के रूप में देते थे। मध्यकालीन भारत में, यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक कर था।
- संदर्भ और विस्तार: इसे इस्लामिक शासन व्यवस्था में एक प्रकार के कर के रूप में भी देखा जाता था, जिसका उपयोग लोक कल्याणकारी कार्यों में होता था।
- गलत विकल्प: भू-राजस्व को ‘खराज’ या ‘उश्र’ जैसे नामों से जाना जाता था। सीमा शुल्क को ‘तकावी’ कहा जाता था।
प्रश्न 19: ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ का प्रथम अधिवेशन कब और कहाँ हुआ था?
- 1885, कलकत्ता
- 1886, मद्रास
- 1885, बंबई
- 1887, इलाहाबाद
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पहला अधिवेशन 28 दिसंबर 1885 को बंबई (वर्तमान मुंबई) के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत पाठशाला में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना ए.ओ. ह्यूम ने की थी और इसके पहले अध्यक्ष व्योमेश चंद्र बनर्जी थे। इस अधिवेशन में 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प सही वर्ष या स्थान नहीं बताते हैं। कलकत्ता में दूसरा अधिवेशन (1886) हुआ था।
प्रश्न 20: ‘इल्तुतमिश’ को किस वंश का वास्तविक संस्थापक माना जाता है?
- खिलजी वंश
- सैय्यद वंश
- तुगलक वंश
- गुलाम वंश (दास वंश)
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: इल्तुतमिश को गुलाम वंश (दास वंश) का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। यद्यपि कुतुबुद्दीन ऐबक ने वंश की नींव रखी थी, परंतु इल्तुतमिश ने दिल्ली को राजधानी बनाया, अपने शासन को सुदृढ़ किया और गुलाम वंश को एक स्थायी साम्राज्य का रूप दिया।
- संदर्भ और विस्तार: इल्तुतमिश ने 1210 से 1236 ईस्वी तक शासन किया। उसने ‘तुर्क-ए-चहलगानी’ (40 सरदारों का समूह) का गठन किया और सिक्के पर ‘टंका’ (चांदी) और ‘जीतल’ (तांबा) जारी किए।
- गलत विकल्प: खिलजी, सैय्यद और तुगलक वंश दिल्ली सल्तनत के बाद के वंश थे।
प्रश्न 21: ‘विश्व का इतिहास’ के संदर्भ में, ‘औद्योगिक क्रांति’ सर्वप्रथम किस देश में शुरू हुई?
- फ्रांस
- जर्मनी
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- ग्रेट ब्रिटेन
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: औद्योगिक क्रांति की शुरुआत 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में ग्रेट ब्रिटेन (इंग्लैंड) में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह क्रांति उत्पादन की विधि में हुए बड़े बदलावों, जैसे भाप इंजन, कताई जेनी और मशीनी औजारों के आविष्कार से चिह्नित होती है। इसने कृषि प्रधान समाज को औद्योगिक समाज में बदल दिया।
- गलत विकल्प: अन्य देशों में औद्योगीकरण बाद में हुआ, जैसे जर्मनी और अमेरिका 19वीं शताब्दी में।
प्रश्न 22: ‘अमेरिकी क्रांति’ का प्रमुख नारा क्या था?
- ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’
- ‘कोई प्रतिनिधित्व नहीं, तो कोई कर नहीं’
- ‘जनता का, जनता के द्वारा, जनता के लिए’
- ‘शांति, रोटी, भूमि’
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: अमेरिकी क्रांति का प्रमुख नारा ‘No Taxation Without Representation’ (बिना प्रतिनिधित्व के कराधान नहीं) था। यह नारा इस विचार को व्यक्त करता था कि ब्रिटिश संसद द्वारा अमेरिका की कॉलोनियों पर कर लगाया जाना अन्यायपूर्ण था, क्योंकि कॉलोनियों का संसद में कोई प्रतिनिधित्व नहीं था।
- संदर्भ और विस्तार: यह नारा ब्रिटिश नीतियों के विरोध का प्रतीक बन गया और अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम के लिए प्रेरणा स्रोत बना।
- गलत विकल्प: ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ फ्रांसीसी क्रांति का नारा था। ‘जनता का, जनता के द्वारा, जनता के लिए’ अब्राहम लिंकन के गेटिसबर्ग भाषण से जुड़ा है। ‘शांति, रोटी, भूमि’ रूसी क्रांति से संबंधित था।
प्रश्न 23: ‘फ्रांसीसी क्रांति’ का संबंध किस वर्ष से है?
- 1776
- 1789
- 1815
- 1917
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: फ्रांसीसी क्रांति 1789 ईस्वी में शुरू हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस क्रांति ने फ्रांस की राजशाही को समाप्त कर दिया और गणतंत्र की स्थापना की, जिसका आदर्श ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ था। बास्तील के पतन (14 जुलाई 1789) को क्रांति की शुरुआत माना जाता है।
- गलत विकल्प: 1776 अमेरिकी क्रांति का वर्ष है। 1815 वाटरलू का युद्ध और नेपोलियन का अंत दर्शाता है। 1917 रूसी क्रांति का वर्ष है।
प्रश्न 24: ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?
- 1920
- 1925
- 1930
- 1931
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस समझौते के तहत, महात्मा गांधी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित करने पर सहमति व्यक्त की, जबकि ब्रिटिश सरकार ने राजनीतिक कैदियों को रिहा करने और नमक सत्याग्रह के दौरान जब्त की गई संपत्तियों को वापस करने पर सहमति जताई। इस समझौते ने गोलमेज सम्मेलन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की भागीदारी का मार्ग प्रशस्त किया।
- गलत विकल्प: 1920 असहयोग आंदोलन की शुरुआत का वर्ष था। 1925 में साइमन कमीशन की नियुक्ति हुई थी। 1930 सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत का वर्ष था।
प्रश्न 25: ‘तात्या टोपे’ का मूल नाम क्या था?
- रामचंद्र पांडुरंग
- मंगल पांडे
- बिस्सा मुंडा
- रंगाजी बापू
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: तात्या टोपे का मूल नाम रामचंद्र पांडुरंग भट था। वे 1857 के भारतीय विद्रोह के एक प्रमुख नेता थे।
- संदर्भ और विस्तार: तात्या टोपे ने कानपुर में नाना साहब के अधीन लड़ाई लड़ी और ग्वालियर पर कब्ज़ा करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे अपनी गुरिल्ला युद्ध की रणनीति के लिए जाने जाते थे।
- गलत विकल्प: मंगल पांडे 1857 के विद्रोह के पहले शहीद माने जाते हैं। बिरसा मुंडा ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक आदिवासी नेता थे। रंगाजी बापू भी 1857 के विद्रोह से जुड़े थे, लेकिन तात्या टोपे का मूल नाम रामचंद्र पांडुरंग था।