इतिहास का रणक्षेत्र: अपनी पकड़ मज़बूत करें!
तैयारी के मैदान में उतरने के लिए तैयार हो जाइए! आज हम इतिहास के विशाल महासागर में गोता लगाएंगे और 25 ऐसे प्रश्नों का सामना करेंगे जो आपकी ज्ञान की गहराई को परखेंगे। हर प्रश्न आपको अतीत की एक नई झलक दिखाएगा और आपकी तैयारी को और मज़बूत करेगा। आइए, समय की यात्रा पर चलें और अपनी पकड़ को और पैना करें!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल से एक विशाल सार्वजनिक स्नानघर (Great Bath) के अवशेष प्राप्त हुए हैं?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: मोहनजोदड़ो। मोहनजोदड़ो, जिसे ‘मृतकों का टीला’ भी कहा जाता है, सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल था। यहाँ से मिले विशाल स्नानघर को सिंधु घाटी की वास्तुकला का एक उत्कृष्ट नमूना माना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह स्नानघर लगभग 12 मीटर लंबा, 7 मीटर चौड़ा और 2.4 मीटर गहरा था। इसके चारों ओर ईंटों से निर्मित गलियारे थे और स्नानागार में उतरने के लिए उत्तर और दक्षिण दिशा में सीढ़ियाँ बनी थीं। यह संभवतः किसी धार्मिक अनुष्ठान के लिए उपयोग किया जाता था।
- गलत विकल्प: हड़प्पा मोहनजोदड़ो के बाद दूसरा सबसे बड़ा स्थल था जहाँ से श्रमिकों के बैरक मिले। लोथल एक प्रमुख बंदरगाह था जहाँ से गोदी (dockyard) के अवशेष मिले। कालीबंगा से जुते हुए खेत के प्राचीनतम साक्ष्य मिले हैं।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस वेद में गायत्री मंत्र का उल्लेख मिलता है?
- ऋग्वेद
- यजुर्वेद
- सामवेद
- अथर्ववेद
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ऋग्वेद। गायत्री मंत्र, जो सूर्य देव (सवितृ) को समर्पित है, ऋग्वेद के तीसरे मंडल में पाया जाता है। यह वैदिक साहित्य का एक अत्यंत महत्वपूर्ण मंत्र है।
- संदर्भ और विस्तार: ऋग्वेद, सबसे प्राचीन वेद है, जिसमें 10 मंडल, 1028 सूक्त और 10,600 ऋचाएँ हैं। इसके तीसरे मंडल की रचना विश्वामित्र ने की थी।
- गलत विकल्प: यजुर्वेद मुख्य रूप से यज्ञों और अनुष्ठानों की विधियों से संबंधित है। सामवेद में यज्ञों के अवसर पर गाए जाने वाले मंत्रों का संग्रह है, जो ऋग्वेद के मंत्रों पर आधारित हैं। अथर्ववेद में जादू, टोना, औषधि और दैनिक जीवन से संबंधित मंत्रों का वर्णन है।
प्रश्न 3: चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में यूनानी राजदूत मेगस्थनीज ने किस पुस्तक की रचना की?
- अर्थशास्त्र
- इंडिका
- महाभाष्य
- हिन्द
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: इंडिका। मेगस्थनीज सेल्यूकस प्रथम निकेटर का राजदूत था, जिसने चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में काफी समय बिताया था। उसने अपनी पुस्तक ‘इंडिका’ में मौर्यकालीन समाज, प्रशासन और संस्कृति का विस्तृत वर्णन किया है।
- संदर्भ और विस्तार: हालाँकि ‘इंडिका’ का मूल ग्रंथ अब उपलब्ध नहीं है, लेकिन अन्य प्राचीन लेखकों (जैसे एरियन, प्लिनी) के लेखों में इसके उद्धरण मिलते हैं, जिनसे मौर्य साम्राज्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है।
- गलत विकल्प: अर्थशास्त्र कौटिल्य (चाणक्य) द्वारा रचित है, जो मौर्यकालीन प्रशासन पर एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। महाभाष्य पतंजलि द्वारा रचित है, जो पाणिनि के अष्टाध्यायी पर एक टीका है। ‘हिन्द’ एक आधुनिक शब्द है जिसका प्रयोग उस काल में प्रचलित नहीं था।
प्रश्न 4: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?
- कला, साहित्य और विज्ञान की अभूतपूर्व उन्नति
- सैन्य विजयों की अत्यधिक संख्या
- धार्मिक सहिष्णुता का अभाव
- विदेशों से निरंतर युद्ध
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: कला, साहित्य और विज्ञान की अभूतपूर्व उन्नति। गुप्त काल (लगभग 320 ईस्वी से 550 ईस्वी) में कला, वास्तुकला, साहित्य (कालिदास, विष्णु शर्मा), खगोल विज्ञान (आर्यभट्ट) और गणित (शून्य और दशमलव प्रणाली का विकास) के क्षेत्र में अत्यधिक प्रगति हुई, जिसके कारण इसे ‘भारत का स्वर्ण युग’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस काल में अजंता की गुफाओं में चित्रकला का विकास हुआ, मथुरा और सारनाथ में बौद्ध कला की विशिष्ट शैलियाँ विकसित हुईं, और महत्वपूर्ण साहित्यिक कृतियों की रचना हुई।
- गलत विकल्प: जबकि कुछ सैन्य विजयें हुईं, वे इस युग की प्रमुख पहचान नहीं थीं। इस काल में धार्मिक सहिष्णुता थी, विशेषकर बौद्ध और जैन धर्म के प्रति। विदेशों से निरंतर युद्ध भी इसकी मुख्य विशेषता नहीं थी, बल्कि आंतरिक स्थिरता और विकास अधिक था।
प्रश्न 5: दिल्ली सल्तनत की स्थापना किस युद्ध के बाद हुई?
- पानीपत का प्रथम युद्ध
- तराइन का द्वितीय युद्ध
- खानवा का युद्ध
- तालिकाेा का युद्ध
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: तराइन का द्वितीय युद्ध (1192 ईस्वी)। इस युद्ध में मुहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज चौहान को हराकर उत्तरी भारत में तुर्की शासन की नींव रखी। इसी घटना के पश्चात् दिल्ली सल्तनत की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: तराइन का द्वितीय युद्ध मोहम्मद गोरी और पृथ्वीराज चौहान के मध्य लड़ा गया था। इस युद्ध में विजय के बाद, गोरी ने अपने विश्वसनीय गुलाम कुतुबुद्दीन ऐबक को भारतीय प्रदेशों का सूबेदार नियुक्त किया, जिसने बाद में दिल्ली सल्तनत की स्थापना की।
- गलत विकल्प: पानीपत का प्रथम युद्ध (1526) बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच हुआ था, जिसने मुगल साम्राज्य की शुरुआत की। खानवा का युद्ध (1527) बाबर और राणा सांगा के बीच हुआ था। तालीकोटा का युद्ध (1565) विजयनगर साम्राज्य के पतन का कारण बना।
प्रश्न 6: निम्नलिखित में से किस शासक को ‘बाजार नियंत्रण प्रणाली’ के लिए जाना जाता है?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- मोहम्मद बिन तुगलक
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: अलाउद्दीन खिलजी। अलाउद्दीन खिलजी (1296-1316) ने अपनी विशाल सेना के लिए वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने हेतु एक प्रभावी बाजार नियंत्रण प्रणाली लागू की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली के तहत, उसने विभिन्न वस्तुओं (अनाज, कपड़े, घोड़े आदि) के लिए अधिकतम मूल्य तय किए थे, और इन नियमों को लागू करने के लिए ‘दीवान-ए-रियासत’ जैसे अधिकारियों की नियुक्ति की थी। इस प्रणाली का मुख्य उद्देश्य सैन्य अभियानों के लिए रसद की आपूर्ति सुनिश्चित करना और महंगाई को रोकना था।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश को दिल्ली सल्तनत का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। बलबन ने ‘दिवान-ए-आरिज’ (सैन्य विभाग) की स्थापना की और मंगोल आक्रमणों से बचाव पर ध्यान केंद्रित किया। मोहम्मद बिन तुगलक अपनी सांकेतिक मुद्रा और दौलत-ए-कोह (कृषि विकास विभाग) जैसी योजनाओं के लिए जाना जाता है।
प्रश्न 7: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
- कृष्ण देवराय
- हरिहर और बुक्का
- देवराय द्वितीय
- राम राय
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: हरिहर और बुक्का। विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम नामक दो भाइयों ने की थी। यह साम्राज्य दक्षिण भारत का एक अत्यंत शक्तिशाली और समृद्ध साम्राज्य था।
- संदर्भ और विस्तार: माना जाता है कि ये भाई वारंगल के काकतीय वंश के सामंत थे और मोहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल के दौरान उन्होंने विजयनगर में तुंगभद्रा नदी के किनारे एक स्वतंत्र राज्य की स्थापना की। कृष्ण देवराय इस साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक थे।
- गलत विकल्प: कृष्ण देवराय 16वीं शताब्दी के एक प्रमुख शासक थे। देवराय द्वितीय ने ‘वनवासी’ (वनवासियों का स्वामी) की उपाधि धारण की थी। राम राय ने अंततः तालीकोटा के युद्ध में सल्तनतों के गठबंधन के विरुद्ध नेतृत्व किया था।
प्रश्न 8: ‘अष्टप्रधान’ नामक मंत्रिपरिषद किस साम्राज्य में थी?
- मौर्य साम्राज्य
- गुप्त साम्राज्य
- मुगल साम्राज्य
- मराठा साम्राज्य
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: मराठा साम्राज्य। छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने शासनकाल में एक प्रभावशाली मंत्रिपरिषद की व्यवस्था की थी, जिसे ‘अष्टप्रधान’ कहा जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: अष्टप्रधान में आठ मंत्री शामिल थे, जिनमें पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (सरकारी पत्र व्यवहार), सुमंत (विदेश मंत्री), पंडितराव (धार्मिक मामले), न्यायाधीश (न्याय अधिकारी), सेनापति (सैन्य प्रमुख) और प्रतिनिधि (राजा के अनुपस्थिति में कार्य करने वाला) पद शामिल थे।
- गलत विकल्प: मौर्य साम्राज्य में ‘मंत्रिपरिषद’ थी, लेकिन ‘अष्टप्रधान’ नहीं। गुप्त और मुगल साम्राज्यों में भी मंत्रियों की परिषदें थीं, लेकिन उनकी संरचना और नाम अलग थे।
प्रश्न 9: ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ का लेखक कौन है?
- जियाउद्दीन बरनी
- अमीर खुसरो
- इब्न बतूता
- मिन्हाज-उस-सिराज
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: जियाउद्दीन बरनी। जियाउद्दीन बरनी एक प्रसिद्ध इतिहासकार था जिसने दिल्ली सल्तनत के शासकों, विशेष रूप से ग्यासुद्दीन तुगलक से फिरोज शाह तुगलक तक के शासनकाल का विस्तृत विवरण ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ में लिखा है।
- संदर्भ और विस्तार: यह पुस्तक सल्तनत काल के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक जीवन की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है। इसमें बरनी ने राज्य, सुल्तान की जिम्मेदारियों और शासन कला पर भी अपने विचार व्यक्त किए हैं।
- गलत विकल्प: अमीर खुसरो ने ‘तुगलकनामा’ और ‘खजाइन-उल-फुतूह’ जैसी रचनाएँ कीं। इब्न बतूता ने ‘रेहला’ में मोरक्को से भारत की अपनी यात्रा का वर्णन किया। मिन्हाज-उस-सिराज ने ‘तबकाते-नासिरी’ लिखी, जो प्रारंभिक तुर्की शासकों का इतिहास है।
प्रश्न 10: औरंगजेब ने किस गुरु को फाँसी दी थी?
- गुरु नानक
- गुरु अंगद
- गुरु तेग बहादुर
- गुरु गोविंद सिंह
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: गुरु तेग बहादुर। मुगल सम्राट औरंगजेब ने 1675 ईस्वी में नौवें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर को धर्म परिवर्तन के दबाव के विरुद्ध खड़े होने के कारण दिल्ली में फाँसी पर चढ़वा दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह घटना सिख समुदाय और मुगल शासन के बीच संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ थी। गुरु तेग बहादुर की शहादत ने सिख समुदाय को और अधिक संगठित किया, और इसके बाद गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की।
- गलत विकल्प: गुरु नानक सिख धर्म के संस्थापक थे। गुरु अंगद दूसरे सिख गुरु थे। गुरु गोविंद सिंह दसवें और अंतिम मानव गुरु थे, जिन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की और मुगलों से संघर्ष किया।
प्रश्न 11: ‘दीन-ए-इलाही’ की स्थापना किस मुगल सम्राट ने की थी?
- हुमायूँ
- अकबर
- जहांगीर
- शाहजहाँ
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: अकबर। मुगल सम्राट अकबर ने 1581 ईस्वी में ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नवीन धर्म या ‘ईश्वरीय विश्वास’ की शुरुआत की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों के बीच सद्भाव स्थापित करना और सभी धर्मों के सार को एक साथ लाना था। यह किसी एक धर्म के अनुयायियों के लिए नहीं था, बल्कि यह अकबर के व्यक्तिगत प्रयासों का प्रतीक था। केवल कुछ ही लोगों ने इसे अपनाया, और यह लोकप्रिय नहीं हो सका।
- गलत विकल्प: हुमायूँ ने 1555 में मुगल सत्ता पुनः स्थापित की। जहांगीर कला और चित्रकला के संरक्षण के लिए जाना जाता है। शाहजहाँ स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है, जैसे ताजमहल।
प्रश्न 12: बक्सर का युद्ध कब हुआ था?
- 1757 ईस्वी
- 1764 ईस्वी
- 1761 ईस्वी
- 1765 ईस्वी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: 1764 ईस्वी। बक्सर का युद्ध 22 अक्टूबर 1764 को लड़ा गया था। यह ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना और बंगाल के नवाब मीर कासिम, अवध के नवाब शुजा-उद्द-दौला और मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय की संयुक्त सेना के बीच हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में कंपनी की जीत निर्णायक साबित हुई और इसने भारत में ब्रिटिश सर्वोच्चता को स्थापित कर दिया। इस युद्ध के परिणामस्वरूप इलाहाबाद की संधि (1765) हुई, जिसने कंपनी को बंगाल, बिहार और ओडिशा की दीवानी (राजस्व वसूली का अधिकार) प्रदान की।
- गलत विकल्प: 1757 में प्लासी का युद्ध हुआ था। 1761 में पानीपत का तीसरा युद्ध हुआ था। 1765 में इलाहाबाद की संधि हुई थी।
प्रश्न 13: 1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण क्या था?
- डलहौजी की हड़प नीति
- सहायक संधि प्रणाली
- एनफील्ड राइफल में चर्बी लगे कारतूस
- भारतीयों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने का प्रयास
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: एनफील्ड राइफल में चर्बी लगे कारतूस। 1857 के विद्रोह का मुख्य तात्कालिक कारण एनफील्ड राइफल के नए कारतूसों का प्रचलन था, जिनके बारे में अफवाह थी कि वे गाय और सूअर की चर्बी से चिकनाए जाते थे।
- संदर्भ और विस्तार: यह कारतूसों को बंदूक में भरने से पहले दांतों से खोलना पड़ता था, जिससे हिंदू और मुस्लिम सैनिकों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। मंगल पांडे द्वारा इस कारतूस के प्रयोग का विरोध और बैरकपुर में की गई कार्रवाई ने विद्रोह की चिंगारी जलाई।
- गलत विकल्प: डलहौजी की हड़प नीति और सहायक संधि प्रणाली जैसे कारण विद्रोह की पृष्ठभूमि तैयार करने वाले महत्वपूर्ण कारक थे, लेकिन वे तात्कालिक कारण नहीं थे। ईसाइयत में परिवर्तन का प्रयास भी असंतोष का एक कारण था, लेकिन एनफील्ड कारतूस सबसे तात्कालिक कारण बना।
प्रश्न 14: ‘वेदांत कॉलेज’ की स्थापना राजा राममोहन राय ने कहाँ की थी?
- दिल्ली
- मुंबई
- कोलकाता
- मद्रास
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: कोलकाता। राजा राममोहन राय, जिन्हें ‘आधुनिक भारत का अग्रदूत’ भी कहा जाता है, ने 1825 ईस्वी में कोलकाता में वेदांत कॉलेज की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस कॉलेज का उद्देश्य पाश्चात्य विज्ञान और भारतीय दर्शनशास्त्र का समन्वय स्थापित करना था, ताकि भारतीय छात्र पश्चिमी विचारों से अवगत हो सकें और साथ ही अपनी प्राचीन ज्ञान परंपरा से जुड़े रहें।
- गलत विकल्प: ये अन्य प्रमुख शहर थे जहाँ ब्रिटिश शासन के दौरान महत्वपूर्ण शैक्षणिक संस्थान स्थापित हुए, लेकिन वेदांत कॉलेज की स्थापना विशेष रूप से कोलकाता में हुई थी।
प्रश्न 15: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पहला अधिवेशन कब और कहाँ आयोजित हुआ था?
- 1885, मुंबई
- 1886, कोलकाता
- 1887, मद्रास
- 1888, इलाहाबाद
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: 1885, मुंबई। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को ए.ओ. ह्यूम द्वारा की गई थी, और इसका पहला अधिवेशन मुंबई (तत्कालीन बंबई) के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत पाठशाला में आयोजित हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन में 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था और इसके पहले अध्यक्ष व्योमेश चंद्र बनर्जी थे। इस संस्था का मुख्य उद्देश्य भारतीयों को एक राजनीतिक मंच प्रदान करना था।
- गलत विकल्प: ये अन्य महत्वपूर्ण कांग्रेस अधिवेशन स्थल थे, लेकिन पहला अधिवेशन 1885 में मुंबई में ही हुआ था।
प्रश्न 16: ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?
- 1929
- 1930
- 1931
- 1932
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: 1931। गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था। यह महात्मा गांधी और भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच एक राजनीतिक समझौता था।
- संदर्भ और विस्तार: इस समझौते के तहत, गांधीजी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित करने पर सहमति व्यक्त की, और इरविन ने राजनीतिक कैदियों की रिहाई और कुछ अन्य रियायतों का वादा किया। इस समझौते ने गोलमेज सम्मेलन में कांग्रेस की भागीदारी का मार्ग प्रशस्त किया।
- गलत विकल्प: 1929 में कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज्य की मांग की। 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ। 1932 में पूना पैक्ट (गांधी-अंबेडकर समझौता) हुआ था।
प्रश्न 17: ‘हिंद स्वराज’ पुस्तक के लेखक कौन हैं?
- सरदार वल्लभभाई पटेल
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- सरोजिनी नायडू
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: महात्मा गांधी। ‘हिंद स्वराज’ महात्मा गांधी द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जो 1909 में गुजराती भाषा में प्रकाशित हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस पुस्तक में गांधीजी ने आधुनिक सभ्यता, मशीनीकरण, औद्योगीकरण, पश्चिमी शिक्षा और सरकार की अपनी आलोचना प्रस्तुत की है, और ‘हिंद स्वराज’ (भारतीय स्वराज्य) की अपनी अवधारणा को समझाया है। यह उनके राजनीतिक और दार्शनिक विचारों का सार है।
- गलत विकल्प: सरदार पटेल ने भारत के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे और उन्होंने ‘मेरी कहानी’ लिखी। सरोजिनी नायडू एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी और कवयित्री थीं।
प्रश्न 18: जलियांवाला बाग हत्याकांड किस वायसराय के कार्यकाल में हुआ था?
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड मिंटो
- लॉर्ड चेम्सफोर्ड
- लॉर्ड रीडिंग
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: लॉर्ड चेम्सफोर्ड। जलियांवाला बाग हत्याकांड 13 अप्रैल 1919 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था, और उस समय लॉर्ड चेम्सफोर्ड भारत के वायसराय थे।
- संदर्भ और विस्तार: यह नरसंहार जनरल डायर के आदेश पर निहत्थे प्रदर्शनकारियों की भीड़ पर गोली चलाने से हुआ था, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे और हजारों घायल हुए थे। यह घटना भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में एक अत्यंत दुखद घटना है।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन (1905) के कार्यकाल में बंगाल का विभाजन हुआ था। लॉर्ड मिंटो (1909) ने मार्ले-मिंटो सुधार प्रस्तुत किए। लॉर्ड रीडिंग (1921-26) के कार्यकाल में चौरी-चौरा कांड हुआ था।
प्रश्न 19: भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव कांग्रेस के किस अधिवेशन में पारित हुआ?
- दिल्ली
- कलकत्ता
- लखनऊ
- बम्बई
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: बम्बई। भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव 8 अगस्त 1942 को बम्बई (अब मुंबई) में हुई कांग्रेस की बैठक में पारित हुआ था, जिसकी अध्यक्षता मौलाना अबुल कलाम आजाद ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: महात्मा गांधी ने इसी अधिवेशन में ‘करो या मरो’ का नारा दिया और देशव्यापी सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू करने की घोषणा की। हालांकि, आंदोलन शुरू होने से पहले ही कांग्रेस के प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था।
- गलत विकल्प: दिल्ली, कलकत्ता और लखनऊ कांग्रेस के महत्वपूर्ण अधिवेशन स्थल रहे हैं, लेकिन भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव बम्बई में ही पारित हुआ था।
प्रश्न 20: ‘रयतवाड़ी व्यवस्था’ किसके द्वारा लागू की गई थी?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
- सर थॉमस मनरो
- लॉर्ड कॉर्नवालिस
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: सर थॉमस मनरो। रयतवाड़ी व्यवस्था को 1820 के दशक में मद्रास प्रेसीडेंसी के गवर्नर सर थॉमस मनरो द्वारा पेश किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस व्यवस्था में, भूमि पर सीधा अधिकार किसानों (रयत) को दिया गया था, और उन्हें सीधे सरकार को लगान चुकाना पड़ता था। यह व्यवस्था मद्रास, बॉम्बे और असम के कुछ हिस्सों में लागू की गई थी।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी को हड़प नीति के लिए जाना जाता है। लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने सती प्रथा को समाप्त किया। लॉर्ड कॉर्नवालिस ने स्थायी बंदोबस्त (ज़मींदारी व्यवस्था) लागू की थी।
प्रश्न 21: असहयोग आंदोलन के दौरान ‘चौरी-चौरा कांड’ किस वर्ष हुआ था?
- 1919
- 1920
- 1922
- 1921
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: 1922। चौरी-चौरा कांड 5 फरवरी 1922 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के चौरी-चौरा नामक स्थान पर हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस घटना में, असहयोग आंदोलन के प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस थाने में आग लगा दी थी, जिसमें 22 पुलिसकर्मी मारे गए थे। इस हिंसात्मक घटना से आहत होकर महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन को तत्काल निलंबित कर दिया था।
- गलत विकल्प: असहयोग आंदोलन 1920 में शुरू हुआ था। 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड और रौलेट एक्ट आया था। 1921 में प्रिंस ऑफ वेल्स का भारत आगमन हुआ था।
प्रश्न 22: प्रथम विश्व युद्ध कब से कब तक चला?
- 1910-1914
- 1914-1918
- 1918-1922
- 1939-1945
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: 1914-1918। प्रथम विश्व युद्ध, जिसे ‘महायुद्ध’ या ‘सब युद्धों का अंत करने वाला युद्ध’ भी कहा जाता है, 1914 में शुरू हुआ और 1918 में समाप्त हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: युद्ध की शुरुआत ऑस्ट्रिया-हंगरी के आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या से हुई और इसमें मुख्य रूप से केंद्रीय शक्तियाँ (जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ओटोमन साम्राज्य) और मित्र राष्ट्र (ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, बाद में अमेरिका) शामिल थे।
- गलत विकल्प: 1939-1945 द्वितीय विश्व युद्ध की अवधि है।
प्रश्न 23: किस फ्रांसीसी यात्री ने भारत की यात्रा के समय ‘सुरत’ नामक एक महत्त्वपूर्ण बंदरगाह शहर का वर्णन किया है?
- मैनुची
- बर्नियर
- टैवरनियर
- फ्रांकोइस बर्नियर
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: फ्रांकोइस बर्नियर। फ्रांस्वा बर्नियर एक फ्रांसीसी चिकित्सक और यात्री था जिसने 1656 से 1668 तक भारत में यात्रा की थी। उसने अपनी पुस्तक ‘ट्रेवल्स इन द मुगल एम्पायर’ में सूरत, दारा शिकोह और औरंगजेब के शासनकाल का विस्तृत विवरण दिया है।
- संदर्भ और विस्तार: बर्नियर की रचनाएँ मुगल कालीन भारत के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक जीवन की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती हैं, खासकर जहांगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब के प्रारंभिक काल के बारे में।
- गलत विकल्प: निकोला मनुची एक इतालवी यात्री था जिसने ‘स्टोरियो डो मोगोर’ लिखी। टैवरनियर एक फ्रांसीसी जौहरी था जो भारत आया था। जबकि फ्रांकोइस बर्नियर और फ्रांकोइस टैवरनियर दोनों फ्रांसीसी थे, विवरण फ्रांकोइस बर्नियर से संबंधित है। (प्रश्न में विकल्प ‘फ्रांसिस बर्नियर’ के बजाय ‘फ्रांकोइस बर्नियर’ होना चाहिए था, पर दिए गए विकल्प में ‘फ्रांकोइस बर्नियर’ सबसे उपयुक्त है।)
प्रश्न 24: 1947 में भारत विभाजन के समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष कौन थे?
- पंडित जवाहरलाल नेहरू
- सरदार वल्लभभाई पटेल
- जे.बी. कृपलानी
- मौलाना अबुल कलाम आजाद
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: जे.बी. कृपलानी। 1947 में भारत की स्वतंत्रता और विभाजन के समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष आचार्य जे.बी. कृपलानी थे।
- संदर्भ और विस्तार: वह कांग्रेस के मेरठ अधिवेशन (1946) में अध्यक्ष चुने गए थे और उनका कार्यकाल स्वतंत्रता और विभाजन के अत्यंत महत्वपूर्ण दौर से गुजरा। उन्होंने विभाजन की त्रासदी के बावजूद कांग्रेस की बागडोर संभाले रखी।
- गलत विकल्प: पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। सरदार पटेल उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री थे। मौलाना अबुल कलाम आजाद 1940-46 तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे थे, लेकिन 1947 में नहीं।
प्रश्न 25: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना किस वर्ष हुई थी?
- 1910
- 1913
- 1915
- 1917
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: 1913। गदर पार्टी की स्थापना 1 नवंबर 1913 को सैन फ्रांसिस्को, अमेरिका में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस पार्टी की स्थापना लाला हरदयाल, सोहन सिंह भकना और अन्य भारतीय राष्ट्रवादियों द्वारा की गई थी, जिनका उद्देश्य ब्रिटिश शासन से भारत को मुक्त कराना था। ‘गदर’ नामक साप्ताहिक समाचार पत्र के माध्यम से उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के विचारों का प्रसार किया।
- गलत विकल्प: ये अन्य महत्वपूर्ण वर्ष हैं जो स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े हैं, लेकिन गदर पार्टी की स्थापना 1913 में हुई थी।