इतिहास का महा-संग्राम: 25 प्रश्न, 100% सफलता की ओर!
तैयारी के इस सफर में, हर दिन एक नई चुनौती है! क्या आप इतिहास के गलियारों में अपनी पकड़ मज़बूत करने के लिए तैयार हैं? आज के इस विशेष क्विज़ में हम आपको प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक युग और विश्व इतिहास की यात्रा पर ले चलेंगे। अपने ज्ञान की कसौटी पर खरा उतरें और सफलता की ओर एक कदम और बढ़ाएं!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा स्थल हड़प्पा सभ्यता का सबसे पूर्वी पुरास्थल माना जाता है?
- लोथल
- कोट दीजी
- मांडा
- आलमगीरपुर
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: आलमगीरपुर, जो वर्तमान उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हिंडन नदी के किनारे स्थित है, को हड़प्पा सभ्यता का सबसे पूर्वी पुरास्थल माना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह स्थल हड़प्पा सभ्यता के विस्तार को दर्शाता है, जो पश्चिम में सुत्कागेन डोर (बलूचिस्तान) तक, उत्तर में मांडा (जम्मू-कश्मीर) तक, दक्षिण में दैमाबाद (महाराष्ट्र) तक और पूर्व में आलमगीरपुर तक फैला हुआ था। आलमगीरपुर की खुदाई 1958 में की गई थी।
- गलत विकल्प: लोथल गुजरात में एक बंदरगाह शहर था, कोट दीजी वर्तमान पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित था, और मांडा जम्मू-कश्मीर में हड़प्पा सभ्यता का सबसे उत्तरी पुरास्थल था।
प्रश्न 2: ‘अकाल तख्त’ की स्थापना किसने की थी, जिसका अर्थ है ‘सत्य का सिंहासन’?
- गुरु रामदास
- गुरु अर्जन देव
- गुरु हरगोबिंद
- गुरु तेग बहादुर
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: अकाल तख्त की स्थापना सिखों के छठे गुरु, गुरु हरगोबिंद ने 1606 ईस्वी में अमृतसर में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: अकाल तख्त सिखों की सर्वोच्च धार्मिक सत्ता का केंद्र है और यह अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में स्थित है। गुरु हरगोबिंद ने सिखों को सैन्य प्रशिक्षण लेने और हथियार रखने के लिए भी प्रोत्साहित किया, जिसे ‘मिरी’ (राजनीतिक अधिकार) और ‘पीरी’ (आध्यात्मिक अधिकार) का सिद्धांत कहा गया, और अकाल तख्त इसी का प्रतीक है।
- गलत विकल्प: गुरु रामदास ने अमृतसर शहर की स्थापना की थी, गुरु अर्जन देव ने स्वर्ण मंदिर का निर्माण पूरा करवाया और आदि ग्रंथ संकलित किया, जबकि गुरु तेग बहादुर नौवें गुरु थे।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘सहायक संधि’ (Subsidiary Alliance) के बारे में सही नहीं है?
- यह लॉर्ड वेलेजली द्वारा पेश की गई एक नीति थी।
- इसके तहत भारतीय शासकों को अपनी सेना भंग करनी पड़ती थी।
- भारतीय शासकों को संधि स्वीकार करने वाले राज्य के खर्च के लिए धन देना पड़ता था।
- सहायक सेना को बनाए रखने का खर्च संधि स्वीकार करने वाले राज्य द्वारा नहीं उठाया जाता था।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: सहायक संधि स्वीकार करने वाले भारतीय शासकों को कंपनी द्वारा प्रदान की गई सहायक सेना को बनाए रखने का खर्च उठाना पड़ता था। यह कथन सही नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड वेलेजली ने 1798 ईस्वी में सहायक संधि प्रणाली की शुरुआत की। इसके तहत, भारतीय शासक कंपनी को एक निश्चित राशि या कुछ क्षेत्र देते थे, बदले में कंपनी अपनी सेना द्वारा उनकी रक्षा करती थी। शासकों को अपने राज्य में एक ब्रिटिश सेना रखनी पड़ती थी और अपने दरबार में एक ब्रिटिश रेज़िडेंट नियुक्त करना पड़ता था। साथ ही, उन्हें अपनी सेना भंग करनी पड़ती थी और किसी अन्य यूरोपीय शक्ति के साथ समझौता करने से पहले कंपनी से अनुमति लेनी पड़ती थी।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) सहायक संधि की मुख्य शर्तों का सही वर्णन करते हैं।
प्रश्न 4: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह उपाधि इतिहासकार वी. ए. स्मिथ द्वारा दी गई थी। समुद्रगुप्त (शासनकाल लगभग 335-380 ईस्वी) एक महान योद्धा और विजेता था, जिसने अपने साम्राज्य का विस्तार उत्तरी भारत में सफलतापूर्वक किया और दक्षिणापथ के कई शासकों को हराया। उसकी विजयों का विवरण उसके दरबारी कवि हरिषेण द्वारा रचित प्रयाग प्रशस्ति (इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख) में मिलता है।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम ने गुप्त वंश की नींव रखी, चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने मालवा पर विजय प्राप्त की और कला तथा साहित्य को संरक्षण दिया, और कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना में योगदान दिया।
प्रश्न 5: 1857 के विद्रोह के दौरान, दिल्ली में विद्रोहियों का नेतृत्व किसने किया था?
- मंगल पांडे
- रानी लक्ष्मीबाई
- बहादुर शाह ज़फ़र
- बख्त खान
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: 1857 के विद्रोह के दौरान, दिल्ली में विद्रोहियों का सैन्य नेतृत्व बख्त खान ने किया था।
- संदर्भ और विस्तार: बख्त खान, अवध के एक सैनिक अधिकारी थे, जो अपनी सेना के साथ दिल्ली पहुँचे और मुगल सम्राट बहादुर शाह द्वितीय (जफर) को विद्रोह का नेता घोषित किया। यद्यपि बहादुर शाह ज़फ़र को प्रतीकात्मक नेता बनाया गया था, वास्तविक सैन्य संचालन का नेतृत्व बख्त खान ने संभाला।
- गलत विकल्प: मंगल पांडे वह सैनिक थे जिन्होंने बैरकपुर छावनी में विद्रोह की चिंगारी जलाई थी। रानी लक्ष्मीबाई कानपुर के पास विद्रोह का नेतृत्व कर रही थीं, और बहादुर शाह ज़फ़र केवल नाममात्र के नेता थे।
प्रश्न 6: ‘कुतुब मीनार’ का निर्माण किसने शुरू करवाया था?
- इल्तुतमिश
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- अलाउद्दीन खिलजी
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: कुतुब मीनार का निर्माण कार्य दिल्ली सल्तनत के संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1193 ईस्वी में शुरू करवाया था।
- संदर्भ और विस्तार: इसका निर्माण सूफी संत ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की याद में शुरू किया गया था। हालांकि, ऐबक केवल आधारशिला रख पाए और पहली मंजिल का निर्माण करवा पाए। बाद में, इल्तुतमिश ने मीनार की शेष तीन मंजिलों का निर्माण पूरा करवाया, और फिरोजशाह तुगलक ने पांचवीं मंजिल को पुनर्निर्मित करवाया और उसमें कुछ अतिरिक्त संरचनाएं जोड़ीं।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने निर्माण पूरा करवाया, अलाउद्दीन खिलजी ने निर्माण में कोई विशेष योगदान नहीं दिया, और फिरोजशाह तुगलक ने अंतिम जीर्णोद्धार किया।
प्रश्न 7: निम्नलिखित में से किस हड़प्पा स्थल से ‘मोहनजोदड़ो’ नामक स्थल मिला है?
- सिंध
- गुजरात
- पंजाब
- राजस्थान
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: मोहनजोदड़ो, जिसका अर्थ है ‘मृतकों का टीला’, वर्तमान में पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लरकाना जिले में स्थित है।
- संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो सिंधु घाटी सभ्यता के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक था। यहाँ से विशाल स्नानागार, अन्नागार, कांसे की नर्तकी की मूर्ति, पशुपति की मुहर आदि मिली हैं, जो तत्कालीन नगरीय योजना, वास्तुकला और संस्कृति की समृद्धि को दर्शाती हैं।
- गलत विकल्प: गुजरात, पंजाब और राजस्थान में भी हड़प्पा सभ्यता के स्थल मिले हैं (जैसे लोथल, रोपड़, कालीबंगन), लेकिन मोहनजोदड़ो सिंध में स्थित है।
प्रश्न 8: ‘आत्मीय सभा’ की स्थापना किसने की थी?
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- राजा राम मोहन राय
- स्वामी विवेकानंद
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: राजा राम मोहन राय ने 1815 ईस्वी में ‘आत्मीय सभा’ की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: आत्मीय सभा बंगाल में स्थापित एक प्रारंभिक सुधारवादी संगठन था, जिसने हिंदू धर्म में व्याप्त कुरीतियों, जैसे सती प्रथा, बाल विवाह, जातिगत भेदभाव आदि के विरुद्ध आवाज उठाई। यह राजा राम मोहन राय द्वारा स्थापित संगठनों में से पहला था, जिसने बाद में 1828 में ‘ब्रह्म समाज’ की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया।
- गलत विकल्प: स्वामी दयानंद सरस्वती ने ‘आर्य समाज’ की स्थापना की, स्वामी विवेकानंद ने ‘रामकृष्ण मिशन’ की स्थापना की, और ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने विधवा पुनर्विवाह और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए।
प्रश्न 9: मगध साम्राज्य का कौन सा शासक, जिसने अपनी राजधानी राजगृह से पाटलिपुत्र स्थानांतरित की?
- बिम्बिसार
- अजातशत्रु
- उदयन
- नागदशक
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: मगध के हर्यंक वंश के शासक उदयन ने अपनी राजधानी राजगृह से पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना) स्थानांतरित की थी।
- संदर्भ और विस्तार: उदयन (शासनकाल लगभग 460-444 ईसा पूर्व) ने गंगा और सोन नदियों के संगम पर पाटलिपुत्र नामक एक नया नगर बसाया और उसे अपनी राजधानी बनाया। इस रणनीतिक स्थान के कारण यह शहर व्यापार और सैन्य दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया, और बाद में यह मौर्य साम्राज्य की भी राजधानी बना।
- गलत विकल्प: बिम्बिसार ने राजगृह को अपनी राजधानी बनाया था और हर्यंक वंश की नींव रखी थी। अजातशत्रु भी राजगृह से ही शासन करता था, जिसने अपने पिता बिम्बिसार की हत्या की थी। नागदशक हर्यंक वंश का अंतिम शासक था।
प्रश्न 10: ‘सर्वोदय’ की अवधारणा किस भारतीय विचारक से जुड़ी है?
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- डॉ. बी.आर. अम्बेडकर
- सरदार वल्लभभाई पटेल
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘सर्वोदय’ की अवधारणा महात्मा गांधी से गहराई से जुड़ी हुई है।
- संदर्भ और विस्तार: सर्वोदय का अर्थ है ‘सभी का उदय’ या ‘सबका उत्थान’। गांधीजी की सर्वोदय की अवधारणा में सभी वर्गों, विशेषकर समाज के अंतिम व्यक्ति (अंतिम व्यक्ति का सिद्धांत) का समग्र विकास शामिल था। उन्होंने जॉन रस्किन की पुस्तक ‘अनटू दिस लास्ट’ का अनुवाद ‘सर्वोदय’ नाम से किया था, जिसने उनकी इस विचारधारा को काफी प्रभावित किया। यह एक ऐसे समाज की कल्पना थी जहाँ समानता, न्याय और आत्मनिर्भरता हो।
- गलत विकल्प: जवाहरलाल नेहरू का दृष्टिकोण औद्योगिकरण और आधुनिक राष्ट्र-निर्माण पर अधिक केंद्रित था। डॉ. अम्बेडकर ने मुख्य रूप से सामाजिक न्याय और दलितों के अधिकारों पर जोर दिया। सरदार पटेल ने भारत के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रश्न 11: चंपारण सत्याग्रह का संबंध किस वायसराय के कार्यकाल से था?
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड मिंटो
- लॉर्ड चेम्सफोर्ड
- लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: चंपारण सत्याग्रह (1917) का संबंध लॉर्ड चेम्सफोर्ड के वायसराय काल से था, जिनका कार्यकाल 1916 से 1921 तक था।
- संदर्भ और विस्तार: महात्मा गांधी द्वारा भारत में पहला जन सत्याग्रह चंपारण (बिहार) में किसानों की समस्याओं के विरुद्ध किया गया था। उस समय बिहार के किसान यूरोपीय नील बागान मालिकों के अत्याचारों के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे, जिन्हें ‘तीन-कठिया’ प्रणाली के तहत अपनी भूमि के 3/20वें हिस्से पर नील की खेती करना अनिवार्य था।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन (1905-1910) के समय बंगाल विभाजन हुआ। लॉर्ड मिंटो (1905-1910) मार्ले-मिंटो सुधारों के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय (1910-1916) के समय दिल्ली दरबार और राजधानी का स्थानांतरण हुआ।
प्रश्न 12: निम्नलिखित में से कौन सा वेद ‘गद्य’ और ‘पद्य’ दोनों में लिखा गया है?
- ऋग्वेद
- यजुर्वेद
- सामवेद
- अथर्ववेद
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: यजुर्वेद एकमात्र ऐसा वेद है जो गद्य और पद्य दोनों में लिखा गया है।
- संदर्भ और विस्तार: यजुर्वेद का मुख्य उद्देश्य यज्ञों और अनुष्ठानों की प्रक्रिया को समझना है। इसमें यज्ञों के मंत्रों के साथ-साथ उनके विधान (गद्य रूप में) भी शामिल हैं। यजुर्वेद के दो मुख्य भाग हैं: कृष्ण यजुर्वेद (जो मिश्रित रूप में है) और शुक्ल यजुर्वेद (जो केवल पद्य में है)। इसलिए, समग्र रूप से यजुर्वेद को गद्य और पद्य दोनों का मिश्रण माना जाता है।
- गलत विकल्प: ऋग्वेद मुख्य रूप से पद्य (ऋचाओं) में है। सामवेद भी पद्य (मंत्रों) में है और इसे भारतीय संगीत का मूल स्रोत माना जाता है। अथर्ववेद में अधिकतर मंत्र गद्य और पद्य दोनों में हैं, लेकिन यजुर्वेद ही वह वेद है जिसे पूर्ण रूप से गद्य और पद्य दोनों का मिश्रण माना जाता है।
प्रश्न 13: ‘अष्टप्रधान’ नामक मंत्रिपरिषद किस साम्राज्य से संबंधित थी?
- मौर्य
- गुप्त
- चोल
- मराठा
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘अष्टप्रधान’ नामक मंत्रिपरिषद मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज से संबंधित थी।
- संदर्भ और विस्तार: शिवाजी महाराज ने अपनी शासन व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए आठ महत्वपूर्ण मंत्रियों की एक परिषद बनाई थी, जिसे ‘अष्टप्रधान’ कहा जाता था। इनमें पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (गृह मंत्री), सुमंत (विदेश मंत्री), सेनापति (सैन्य कमांडर), पंडितराव (धर्माध्यक्ष), न्यायाधीश (न्याय मंत्री), और मंत्री (गुप्तचर) शामिल थे।
- गलत विकल्प: मौर्य साम्राज्य में ‘मंत्रिपरिषद’ होती थी, गुप्त और चोल शासकों की भी अपनी प्रशासनिक व्यवस्थाएं थीं, लेकिन ‘अष्टप्रधान’ शिवाजी से विशेष रूप से जुड़ी है।
प्रश्न 14: 1905 में बंगाल के विभाजन की घोषणा किसने की थी?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड लिटन
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: 1905 में बंगाल के विभाजन की घोषणा वायसराय लॉर्ड कर्जन ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कर्जन ने 20 जुलाई 1905 को बंगाल के विभाजन की घोषणा की, जिसका उद्देश्य प्रशासनिक सुविधा बताया गया था, लेकिन वास्तव में यह ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति का हिस्सा था, जिससे राष्ट्रीयता की भावना को कमजोर किया जा सके। इस विभाजन के विरोध में स्वदेशी आंदोलन चलाया गया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी (1848-1856) विलय की नीति के लिए जाने जाते हैं, लॉर्ड कैनिंग (1856-1862) 1857 के विद्रोह के समय वायसराय थे, और लॉर्ड लिटन (1876-1880) ने वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट लागू किया था।
प्रश्न 15: जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर कौन थे?
- ऋषभदेव
- पार्श्वनाथ
- महावीर
- अजितनाथ
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव थे, जिन्हें आदिनाथ के नाम से भी जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: ऋषभदेव को जैन परंपरा में संस्थापक माना जाता है। उन्हें चक्रवर्ती सम्राट के रूप में भी चित्रित किया गया है। परंपरा के अनुसार, वे 24 तीर्थंकरों की श्रृंखला में प्रथम थे, जिन्होंने जैन धर्म की शिक्षाओं का प्रसार किया।
- गलत विकल्प: पार्श्वनाथ 23वें तीर्थंकर थे, और महावीर 24वें और अंतिम तीर्थंकर थे, जो ऐतिहासिक रूप से अधिक जाने जाते हैं। अजितनाथ तीसरे तीर्थंकर थे।
प्रश्न 16: 1922 में असहयोग आंदोलन को स्थगित करने का मुख्य कारण क्या था?
- जलियांवाला बाग हत्याकांड
- चौरी-चौरा की हिंसक घटना
- गांधीजी का स्वास्थ्य खराब होना
- मुस्लिम लीग का विरोध
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: 1922 में महात्मा गांधी ने चौरी-चौरा (गोरखपुर, उत्तर प्रदेश) में हुई हिंसक घटना के कारण असहयोग आंदोलन को स्थगित कर दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: 5 फरवरी 1922 को, गुस्साई भीड़ ने चौरी-चौरा पुलिस स्टेशन में आग लगा दी, जिसमें 22 पुलिसकर्मी मारे गए। गांधीजी, जो अहिंसा के प्रबल समर्थक थे, इस हिंसा से बहुत आहत हुए और उन्होंने आंदोलन को वापस लेने का निर्णय लिया। इस निर्णय की काफी आलोचना भी हुई, लेकिन गांधीजी अपनी अहिंसा की नीति पर अटल रहे।
- गलत विकल्प: जलियांवाला बाग हत्याकांड (1919) असहयोग आंदोलन का एक महत्वपूर्ण कारण था, न कि उसे स्थगित करने का। गांधीजी के स्वास्थ्य की समस्या आंदोलन को स्थगित करने का प्रत्यक्ष कारण नहीं थी, और मुस्लिम लीग का विरोध आंदोलन का एक पहलू था, लेकिन मुख्य कारण नहीं।
प्रश्न 17: ‘तंजौर का वृहदेश्वर मंदिर’ किस शासक ने बनवाया था?
- राजराज प्रथम
- राजेंद्र प्रथम
- कुलोतुंग प्रथम
- विक्रम चोल
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: तंजौर (तंजावुर) में स्थित वृहदेश्वर मंदिर का निर्माण चोल शासक राजराज प्रथम (शासनकाल 985-1014 ईस्वी) ने करवाया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और द्रविड़ वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इसे ‘पेरिया कोविल’ (महान मंदिर) के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर की भव्यता, विशेषकर इसके शिखर (विमान), उस समय की चोल वास्तुकला की उन्नति को प्रदर्शित करता है। यह मंदिर यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का हिस्सा है।
- गलत विकल्प: राजेंद्र प्रथम राजराज प्रथम का पुत्र और उत्तराधिकारी था, जिसने अपनी विजयों के माध्यम से चोल साम्राज्य का विस्तार किया। कुलोतुंग प्रथम और विक्रम चोल बाद के चोल शासक थे।
प्रश्न 18: भारत में ‘स्थायी बंदोबस्त’ (Permanent Settlement) व्यवस्था किसने लागू की?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड वेलेजली
- लॉर्ड कॉर्नवालिस
- विलियम बेंटिंक
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: स्थायी बंदोबस्त व्यवस्था को लॉर्ड कॉर्नवालिस ने 1793 ईस्वी में लागू किया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह ब्रिटिश भारत में भू-राजस्व के संग्रह की एक व्यवस्था थी, जिसके तहत जमींदारों को भूमि का मालिक माना गया और उनसे यह अपेक्षा की गई कि वे किसानों से लगान वसूलकर सरकार को एक निश्चित राशि जमा करें। यह व्यवस्था बंगाल, बिहार, उड़ीसा और मद्रास के कुछ हिस्सों में लागू की गई थी। इसका उद्देश्य कंपनी के लिए राजस्व का एक स्थिर स्रोत सुनिश्चित करना था।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी (विलय नीति), लॉर्ड वेलेजली (सहायक संधि), और विलियम बेंटिंक (सती प्रथा का उन्मूलन) अन्य महत्वपूर्ण गवर्नर-जनरल थे, लेकिन स्थायी बंदोबस्त से सीधे तौर पर संबंधित नहीं थे।
प्रश्न 19: ‘गीत गोविंद’ की रचना किसने की थी?
- कबीर
- तुलसीदास
- जयदेव
- सूरदास
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘गीत गोविंद’ की रचना 12वीं शताब्दी के संस्कृत कवि जयदेव ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: जयदेव बंगाल के सेन राजवंश के शासक लक्ष्मण सेन के दरबारी कवि थे। ‘गीत गोविंद’ भगवान कृष्ण और राधा के प्रेम पर आधारित एक उत्कृष्ट काव्य है, जो संस्कृत साहित्य में अपने माधुर्य और भक्ति भावना के लिए प्रसिद्ध है। इसमें राधा और कृष्ण के प्रेम की लीलाओं का वर्णन किया गया है।
- गलत विकल्प: कबीर 15वीं शताब्दी के निर्गुण भक्ति के संत थे। तुलसीदास 16वीं शताब्दी के रामभक्त कवि थे, जिन्होंने रामचरितमानस की रचना की। सूरदास 16वीं शताब्दी के कृष्णभक्त कवि थे, जिन्होंने सूरसागर की रचना की।
प्रश्न 20: भारत के विभाजन का ‘डिकी बर्क योजना’ (Dickie Bird Plan) से क्या तात्पर्य है?
- विभाजन का एक अप्रत्यक्ष प्रस्ताव
- भारत को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापित करने की योजना
- विभाजन का एक ब्रिटिश मसौदा, जो माउंटबेटन योजना के नाम से प्रसिद्ध हुआ
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा प्रस्तावित एक योजना
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘डिकी बर्क योजना’ लॉर्ड माउंटबेटन द्वारा तैयार की गई विभाजन की योजना का एक अनौपचारिक या आंतरिक नाम था, जिसे बाद में ‘माउंटबेटन योजना’ के नाम से जाना गया।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड माउंटबेटन, भारत के अंतिम वायसराय, को भारत को सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया को गति देने के लिए भेजा गया था। उन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों (कांग्रेस और मुस्लिम लीग) से परामर्श के बाद विभाजन की एक योजना तैयार की, जिसे 3 जून 1947 को प्रस्तुत किया गया। इस योजना के आधार पर ही भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ। ‘डिकी बर्क’ लॉर्ड माउंटबेटन की पत्नी एडविना माउंटबेटन के पालतू कुत्ते का नाम था, और इसी के नाम पर इस योजना का अनौपचारिक नाम पड़ा।
- गलत विकल्प: यह विभाजन का एक अप्रत्यक्ष प्रस्ताव नहीं था, बल्कि प्रत्यक्ष था। यह भारत को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापित करने की योजना का हिस्सा था, लेकिन विभाजन का विशिष्ट रूप से उल्लेख करता था। यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा प्रस्तावित योजना नहीं थी।
प्रश्न 21: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
- कृष्णदेवराय
- हरिहर और बुक्का
- देवराय द्वितीय
- वीर नरसिंह
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने 1336 ईस्वी में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह साम्राज्य दक्षिण भारत में तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित था और इसने लगभग 200 वर्षों तक शासन किया। हरिहर प्रथम ने प्रारंभिक साम्राज्य को संगठित किया और बुक्का प्रथम ने इसे और विस्तारित किया। विजयनगर साम्राज्य अपनी समृद्धि, कला, साहित्य और वास्तुकला के लिए जाना जाता है।
- गलत विकल्प: कृष्णदेवराय विजयनगर के सबसे महान शासकों में से एक थे, लेकिन वे बाद के शासक थे। देवराय द्वितीय ने भी साम्राज्य के विस्तार में योगदान दिया। वीर नरसिंह ने तुलुव राजवंश की शुरुआत की।
प्रश्न 22: ‘दास प्रथा’ का उन्मूलन किस ब्रिटिश गवर्नर-जनरल के कार्यकाल में हुआ?
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड एल्गिन
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: दास प्रथा का उन्मूलन लॉर्ड विलियम बेंटिंक के कार्यकाल में 1833 ईस्वी के चार्टर एक्ट के माध्यम से हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड विलियम बेंटिंक (1828-1835) भारत के एक प्रगतिशील गवर्नर-जनरल थे। 1833 के चार्टर एक्ट में यह प्रावधान किया गया कि भारत से दासता और दास व्यापार को समाप्त कर दिया जाएगा। हालांकि, इसका पूर्ण उन्मूलन 1843 में लॉर्ड एलेनबरो के कार्यकाल में हुआ, जब दासता को पूरी तरह से गैरकानूनी घोषित कर दिया गया। लेकिन उन्मूलन की शुरुआत बेंटिंक के समय में ही हो गई थी।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी (1848-1856) विलय की नीति और रेलवे विस्तार के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड कैनिंग (1856-1862) 1857 के विद्रोह के समय वायसराय थे। लॉर्ड एल्गिन (1864-1869) एक बाद के वायसराय थे।
प्रश्न 23: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) का तात्कालिक कारण क्या था?
- जर्मनी द्वारा फ्रांस पर आक्रमण
- ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या
- ब्रिटेन द्वारा जर्मनी पर युद्ध की घोषणा
- रूस द्वारा सर्बिया का समर्थन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण 28 जून 1914 को ऑस्ट्रिया-हंगरी के सिंहासन के उत्तराधिकारी आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की साराजेवो (बोस्निया) में हत्या थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस हत्या को सर्बियाई राष्ट्रवादी समूह ‘ब्लैक हैंड’ से जुड़े गैवरिलो प्रिंसिप नामक व्यक्ति ने अंजाम दिया था। इस घटना के बाद ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया को अल्टीमेटम दिया, जिसे सर्बिया द्वारा पूरी तरह से स्वीकार न किए जाने पर ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया पर युद्ध की घोषणा कर दी। इसके बाद, यूरोप की जटिल गठबंधन प्रणाली के कारण, विभिन्न देश युद्ध में खिंचते चले गए, जिससे प्रथम विश्व युद्ध छिड़ गया।
- गलत विकल्प: जर्मनी द्वारा फ्रांस पर आक्रमण युद्ध का एक महत्वपूर्ण चरण था, लेकिन तात्कालिक कारण नहीं। ब्रिटेन द्वारा जर्मनी पर युद्ध की घोषणा और रूस द्वारा सर्बिया का समर्थन युद्ध के फैलने के कारण बने, लेकिन मूल चिंगारी फर्डिनेंड की हत्या थी।
प्रश्न 24: ‘बुद्धचरित’ नामक महाकाव्य की रचना किसने की थी?
- नागार्जुन
- आर्यभट्ट
- अश्वघोष
- चरक
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘बुद्धचरित’ नामक महाकाव्य की रचना कनिष्क के दरबारी कवि अश्वघोष ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: अश्वघोष प्रथम शताब्दी ईस्वी के एक प्रमुख बौद्ध विद्वान और कवि थे। ‘बुद्धचरित’ भगवान बुद्ध के जीवन पर आधारित एक प्रसिद्ध महाकाव्य है, जिसमें उनके जन्म से लेकर ज्ञान प्राप्ति तक की कथा का काव्यात्मक वर्णन है। इसे बौद्ध साहित्य का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है।
- गलत विकल्प: नागार्जुन एक महान बौद्ध दार्शनिक थे (माध्यमिक मत के संस्थापक)। आर्यभट्ट एक प्रसिद्ध गणितज्ञ और खगोलशास्त्री थे। चरक एक प्रसिद्ध चिकित्सक थे और उन्होंने ‘चरक संहिता’ की रचना की।
प्रश्न 25: ‘कुका आंदोलन’ कहाँ हुआ था?
- बंगाल
- पंजाब
- महाराष्ट्र
- बिहार
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: कुका आंदोलन 19वीं शताब्दी के मध्य में पंजाब में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह आंदोलन 1840 के दशक में भगत जवाहर मल और बाद में भगत राम सिंह के नेतृत्व में शुरू हुआ था। यह मुख्य रूप से सिख धर्म में सामाजिक और धार्मिक सुधारों से संबंधित था, जिसमें मूर्ति पूजा, जाति व्यवस्था और अन्य रूढ़ियों का विरोध शामिल था। धीरे-धीरे, इस आंदोलन ने राजनीतिक रंग भी ले लिया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक विरोध आंदोलन बन गया।
- गलत विकल्प: बंगाल, महाराष्ट्र और बिहार में उस दौरान अन्य सामाजिक और धार्मिक सुधार आंदोलन हुए थे, लेकिन कुका आंदोलन विशेष रूप से पंजाब से जुड़ा है।
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