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इतिहास का महासंग्राम: 25 प्रश्न, 25 जवाब!

इतिहास का महासंग्राम: 25 प्रश्न, 25 जवाब!

तैयार हो जाइए इतिहास के गलियारों में एक रोमांचक यात्रा के लिए! हर दिन, हम आपके ज्ञान की कसौटी पर खरे उतरने के लिए लाए हैं 25 दमदार प्रश्न। क्या आप अतीत के रहस्यों को सुलझाने और अपनी तैयारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तैयार हैं?

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस सिंधु घाटी सभ्यता स्थल को ‘सिंधु सभ्यता का कब्रिस्तान’ कहा जाता है?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. कालीबंगन

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: हड़प्पा को ‘सिंधु सभ्यता का कब्रिस्तान’ कहा जाता है क्योंकि यहाँ से बड़ी संख्या में मानव कंकाल प्राप्त हुए हैं, जो विभिन्न कब्रिस्तानों में दफ़नाए गए थे।
  • संदर्भ और विस्तार: हड़प्पा, रावी नदी के किनारे स्थित, सिंधु घाटी सभ्यता का पहला खोजा गया स्थल था (1921 में दयाराम साहनी द्वारा)। यहाँ से अन्नागार, ईंटों के बने मकान, और तांबे की बनी बैल-गाड़ी जैसी महत्वपूर्ण वस्तुएँ मिली हैं। इन कब्रों से मिले कंकालों की अधिकता के कारण इसे यह उपनाम दिया गया।
  • गलत विकल्प: मोहनजोदड़ो से ‘विशाल स्नानागार’ और ‘नृत्य मुद्रा वाली लड़की’ की मूर्ति मिली है। लोथल एक बंदरगाह शहर था जहाँ गोदी (dockyard) के साक्ष्य मिले हैं। कालीबंगन से हल से जुते खेत के प्रारंभिक साक्ष्य मिले हैं।

प्रश्न 2: ऋग्वेद में ‘अघन्य’ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया है?

  1. घोड़ा
  2. गाय
  3. बैल
  4. भेड़

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: ऋग्वेद में ‘अघन्य’ शब्द का प्रयोग गाय के लिए किया गया है। ‘अघन्य’ का अर्थ है ‘जिसे मारा न जा सके’।
  • संदर्भ और विस्तार: प्राचीन भारतीय समाज में गाय को अत्यधिक पवित्र और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता था। संपत्ति का प्रमुख आधार गायें ही थीं, और गायों को देवताओं का प्रतीक भी माना जाता था। ऋग्वेद में गायों के महत्व को कई सूक्तों में दर्शाया गया है, और उन्हें न मारने का स्पष्ट निर्देश है।
  • गलत विकल्प: घोड़ा, बैल और भेड़ जैसे पशुओं का भी ऋग्वेद में उल्लेख है, लेकिन ‘अघन्य’ शब्द विशेष रूप से गाय के लिए ही प्रयुक्त हुआ है।

प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सा जैन धर्म का त्रिरत्न नहीं है?

  1. सम्यक दर्शन
  2. सम्यक ज्ञान
  3. सम्यक चरित्र
  4. सम्यक अहिंसा

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: ‘सम्यक अहिंसा’ जैन धर्म का त्रिरत्न नहीं है, हालांकि अहिंसा जैन धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्धांत है।
  • संदर्भ और विस्तार: जैन धर्म के त्रिरत्न हैं: 1. सम्यक दर्शन (सही आस्था/विश्वास), 2. सम्यक ज्ञान (सही ज्ञान), और 3. सम्यक चरित्र (सही आचरण)। ये तीनों मोक्ष प्राप्ति के मार्ग हैं। अहिंसा (अहिंसा) जैन धर्म के पांच महाव्रतों (अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह) में से प्रथम है, जो सम्यक चरित्र का ही एक महत्वपूर्ण अंग है, न कि अपने आप में त्रिरत्न।
  • गलत विकल्प: सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान और सम्यक चरित्र, तीनों ही जैन धर्म के मान्य त्रिरत्न हैं।

प्रश्न 4: अशोक के किस अभिलेख में कलिंग युद्ध के वर्णन के साथ-साथ उसकी हृदय परिवर्तन की बात भी कही गई है?

  1. शिलालेख 1
  2. शिलालेख 8
  3. शिलालेख 13
  4. शिलालेख 14

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: अशोक का 13वां शिलालेख कलिंग युद्ध के वर्णन और उसके पश्चात् अशोक के हृदय परिवर्तन की बात करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह शिलालेख कलिंग युद्ध (लगभग 261 ईसा पूर्व) के भयावह परिणामों का विस्तृत विवरण देता है, जिसमें लाखों लोगों की मृत्यु और विस्थापन हुआ था। इस युद्ध की क्रूरता से प्रभावित होकर अशोक ने बौद्ध धर्म स्वीकार किया और भविष्य में युद्ध न करने का संकल्प लिया। उसने इसके बजाय धर्म (नैतिकता और सामाजिक कल्याण) के प्रसार का मार्ग अपनाया।
  • गलत विकल्प: अन्य शिलालेखों में अशोक की धम्म नीतियों, सामाजिक सुधारों, और राज्य के विभिन्न पहलुओं पर आदेशों का उल्लेख है, लेकिन कलिंग युद्ध का विशद वर्णन और उसका परिणाम 13वें शिलालेख में ही मिलता है।

प्रश्न 5: गुप्त काल को ‘भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग’ कहने का प्रमुख कारण क्या था?

  1. सैनिक विजयों की अधिकता
  2. कला, साहित्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी का अभूतपूर्व विकास
  3. न्याय व्यवस्था का अत्यंत कठोर होना
  4. विदेशी आक्रमणों से पूर्ण सुरक्षा

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: गुप्त काल को ‘भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस काल में कला, साहित्य, विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान, चिकित्सा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अत्यधिक प्रगति हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस युग में कालिदास जैसे महान साहित्यकारों, आर्यभट्ट जैसे खगोलशास्त्री और गणितज्ञ, और चरक-सुश्रुत जैसे आयुर्वेद के चिकित्सकों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। अजंता की गुफाओं की चित्रकला, सारनाथ की बुद्ध प्रतिमाएँ, और मेहरौली लौह स्तंभ इसी काल की उत्कृष्ट कृतियाँ हैं। अर्थव्यवस्था भी समृद्ध थी और शांति का माहौल था, जिसने इन विकासों को बढ़ावा दिया।
  • गलत विकल्प: यद्यपि गुप्त शासकों ने कई विजयें प्राप्त कीं, लेकिन केवल सैनिक विजयें स्वर्ण युग का एकमात्र कारण नहीं हैं। न्याय व्यवस्था के बारे में विशिष्ट कठोरता का कोई सर्वमान्य प्रमाण नहीं है, और विदेशी आक्रमणों से पूर्ण सुरक्षा के बजाय आंतरिक स्थिरता अधिक महत्वपूर्ण थी।

प्रश्न 6: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?

  1. कृष्ण देव राय
  2. हरिहर और बुक्का
  3. देव राय प्रथम
  4. बुक्का प्रथम

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम नामक दो भाइयों ने की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इन दोनों भाइयों ने 1336 ईस्वी में तुंगभद्रा नदी के तट पर विजयनगर की नींव रखी थी। इन्होंने संगम राजवंश की स्थापना की, जो विजयनगर के चार प्रमुख राजवंशों में से पहला था। इनका उद्देश्य दक्षिण भारत में दिल्ली सल्तनत के विस्तार को रोकना और एक शक्तिशाली हिंदू साम्राज्य स्थापित करना था।
  • गलत विकल्प: कृष्ण देव राय विजयनगर के सबसे महान शासकों में से एक थे, जिन्होंने अपने शासनकाल में साम्राज्य को उसकी पराकाष्ठा पर पहुँचाया, लेकिन उन्होंने साम्राज्य की स्थापना नहीं की थी। देव राय प्रथम और बुक्का प्रथम भी महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन स्थापना हरिहर और बुक्का ने की थी।

प्रश्न 7: दिल्ली सल्तनत का कौन सा शासक ‘बाजार नियंत्रण प्रणाली’ के लिए जाना जाता है?

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. मोहम्मद बिन तुगलक

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: अलाउद्दीन खिलजी (1296-1316 ईस्वी) अपनी कठोर और प्रभावी ‘बाजार नियंत्रण प्रणाली’ के लिए प्रसिद्ध है।
  • संदर्भ और विस्तार: अलाउद्दीन खिलजी ने सेना के खर्चों को नियंत्रित करने और अपनी विशाल सेना को सस्ते दामों पर उपलब्ध कराने के लिए बाजार में वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए एक व्यवस्था लागू की थी। इसमें अनाज, कपड़ा, घोड़े, और अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए अलग-अलग बाजार और नियुक्त अधिकारी (जैसे ‘शहना-ए-मंडी’) थे, जो कीमतों की निगरानी करते थे और धांधली रोकने के लिए सख्त दंड का प्रावधान था।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश और बलबन प्रारंभिक दिल्ली सल्तनत के महत्वपूर्ण शासक थे जिन्होंने प्रशासनिक सुधार किए, लेकिन अलाउद्दीन जैसी विस्तृत बाजार प्रणाली उन्होंने नहीं चलाई। मोहम्मद बिन तुगलक ने अपनी कई महत्वाकांक्षी योजनाओं के लिए जाना जाता है, लेकिन बाजार नियंत्रण उसका मुख्य कार्य नहीं था।

प्रश्न 8: ‘अष्टप्रधान’ नामक मंत्रिपरिषद किस साम्राज्य से संबंधित थी?

  1. मुगल साम्राज्य
  2. चोल साम्राज्य
  3. विजयनगर साम्राज्य
  4. मराठा साम्राज्य

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: ‘अष्टप्रधान’ नामक मंत्रिपरिषद मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज से संबंधित थी।
  • संदर्भ और विस्तार: शिवाजी ने अपने शासन को सुचारू रूप से चलाने के लिए आठ मंत्रियों की एक परिषद का गठन किया था, जिसे ‘अष्टप्रधान’ कहा जाता था। इसमें पेशवा (प्रधान मंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (राजकीय पत्र व्यवहार), सुमंत (विदेश मंत्री), पंडितराव (धर्म अधिकारी), सेनापति (सेना प्रमुख), दबीर (गृह मंत्री), और न्यायाधीश (न्याय प्रमुख) जैसे पद शामिल थे। यह व्यवस्था प्रशासन में दक्षता लाने के लिए बनाई गई थी।
  • गलत विकल्प: मुगल साम्राज्य में ‘वजीर’ और अन्य अधिकारी होते थे, चोल साम्राज्य में भी मंत्री परिषद होती थी, और विजयनगर साम्राज्य में भी प्रशासनिक ढाँचा था, लेकिन ‘अष्टप्रधान’ का विशिष्ट ढाँचा मराठों से जुड़ा है।

प्रश्न 9: 1857 के विद्रोह को ‘सिपाही विद्रोह’ की बजाय ‘प्रथम राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम’ किसने कहा?

  1. कार्ल मार्क्स
  2. वी.डी. सावरकर
  3. सर जॉन सीले
  4. आर.सी. मजूमदार

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: विनायक दामोदर सावरकर (वी.डी. सावरकर) ने 1857 के विद्रोह को ‘सिपाही विद्रोह’ की सीमित परिभाषा से ऊपर उठाकर ‘प्रथम राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम’ कहा था।
  • संदर्भ और विस्तार: अपनी पुस्तक ‘The Indian War of Independence, 1857’ में सावरकर ने इस विद्रोह को केवल सैनिकों के असंतोष का परिणाम न मानकर, इसे भारतीय जनता द्वारा ब्रिटिश शासन के विरुद्ध एक संगठित राष्ट्रीय प्रयास बताया। उन्होंने इस विद्रोह को स्वतंत्रता के लिए पहला सुनियोजित युद्ध घोषित किया।
  • गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स ने इसे ‘सिपाही विद्रोह’ कहा था, जॉन सीले ने इसे ‘सिपाही विद्रोह’ या ‘मुस्लिम षड्यंत्र’ कहा, और आर.सी. मजूमदार ने इसे ‘राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम’ नहीं माना, बल्कि कहा कि इसमें राष्ट्रीयता का अभाव था।

प्रश्न 10: ‘नील दर्पण’ नाटक के लेखक कौन थे, जिसने नील बागान मालिकों के अत्याचारों का चित्रण किया?

  1. बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय
  2. दिनबंधु मित्र
  3. सुरेन्द्रनाथ बनर्जी
  4. स्वामी विवेकानंद

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: ‘नील दर्पण’ नाटक के लेखक दिनबंधु मित्र थे।
  • संदर्भ और विस्तार: यह नाटक 1859-1860 के नील विद्रोह के दौरान लिखा गया था और इसने ब्रिटिश नील बागान मालिकों द्वारा भारतीय किसानों पर किए जाने वाले अमानवीय अत्याचारों का सजीव चित्रण किया। इस नाटक का अंग्रेजी में अनुवाद होने के बाद यह भारत में काफी चर्चित हुआ और इसने नील विद्रोह को जनता का समर्थन दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • गलत विकल्प: बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ‘आनंदमठ’ के लेखक थे, सुरेन्द्रनाथ बनर्जी एक प्रमुख राष्ट्रवादी नेता थे, और स्वामी विवेकानंद एक महान आध्यात्मिक गुरु थे।

प्रश्न 11: कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ को कांग्रेस का लक्ष्य घोषित किया गया?

  1. 1929 लाहौर अधिवेशन
  2. 1931 कराची अधिवेशन
  3. 1937 फैजपुर अधिवेशन
  4. 1942 बंबई अधिवेशन

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: 1929 में लाहौर अधिवेशन में कांग्रेस ने ‘पूर्ण स्वराज’ को अपना मुख्य लक्ष्य घोषित किया।
  • संदर्भ और विस्तार: पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुए इस अधिवेशन में एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें यह तय किया गया कि कांग्रेस का अंतिम लक्ष्य पूर्ण स्वराज प्राप्त करना है। इसी अधिवेशन में 26 जनवरी 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ मनाने का निर्णय लिया गया और रावी नदी के तट पर तिरंगा फहराया गया।
  • गलत विकल्प: 1931 कराची अधिवेशन में मौलिक अधिकारों और राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रमों का प्रस्ताव पारित हुआ। 1937 फैजपुर अधिवेशन कांग्रेस का पहला अधिवेशन था जो किसी गांव में हुआ था। 1942 बंबई अधिवेशन भारत छोड़ो आंदोलन से जुड़ा था।

प्रश्न 12: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना कब और कहाँ हुई थी?

  1. 1913, बर्लिन
  2. 1907, पेरिस
  3. 1913, सैन फ्रांसिस्को
  4. 1915, लंदन

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: गदर पार्टी की स्थापना 1913 में सैन फ्रांसिस्को, अमेरिका में हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह पार्टी मुख्य रूप से अमेरिका और कनाडा में रह रहे भारतीय क्रांतिकारियों द्वारा स्थापित की गई थी। इसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत में सशस्त्र क्रांति लाना था। लाला हरदयाल, सोहन सिंह भकना, और राम चंद्र इसके प्रमुख नेता थे। इस पार्टी ने ‘गदर’ नामक एक साप्ताहिक पत्र भी निकाला, जो विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित होता था और क्रांति का संदेश फैलाता था।
  • गलत विकल्प: बर्लिन में 1915 में ‘इंडियन इंडिपेंडेंस कमेटी’ का गठन हुआ था। पेरिस और लंदन में भी भारतीय राष्ट्रवादी गतिविधियाँ हुईं, लेकिन गदर पार्टी की मुख्य स्थापना सैन फ्रांसिस्को में ही हुई।

प्रश्न 13: किस वायसराय के कार्यकाल में भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित की गई?

  1. लॉर्ड कर्जन
  2. लॉर्ड मिंटो
  3. लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय
  4. लॉर्ड चेम्सफोर्ड

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय (1910-1916) के कार्यकाल में भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित की गई।
  • संदर्भ और विस्तार: 1911 में दिल्ली दरबार के अवसर पर वायसराय लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय ने घोषणा की कि भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित कर दी जाएगी। इसका मुख्य कारण बंगाल के विभाजन (1905) के बाद उत्पन्न हुए राष्ट्रीय असंतोष को कम करना और उत्तर भारत में अपनी प्रशासनिक पकड़ मजबूत करना था। नई राजधानी का उद्घाटन 1912 में हुआ।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन (1905 में बंगाल का विभाजन) और लॉर्ड मिंटो (1909 का मार्ले-मिंटो सुधार) इससे पहले के वायसराय थे, और लॉर्ड चेम्सफोर्ड (1916-1921) बाद के थे।

प्रश्न 14: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ का गठन किसने किया था?

  1. जवाहरलाल नेहरू
  2. सरदार पटेल
  3. सुभाष चंद्र बोस
  4. मौलाना आजाद

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ का गठन सुभाष चंद्र बोस ने किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: 1939 में कांग्रेस के त्रिपुरा अधिवेशन के बाद, गांधीजी के साथ मतभेदों के चलते सुभाष चंद्र बोस ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद, उन्होंने 1939 में ही ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ नामक एक नई राजनीतिक पार्टी का गठन किया। इसका उद्देश्य देश में एक ऐसे आंदोलन का नेतृत्व करना था जो ब्रिटिश शासन से पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए क्रांतिकारी तरीकों का उपयोग करे।
  • गलत विकल्प: जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल और मौलाना आजाद कांग्रेस के प्रमुख नेता थे, लेकिन फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन सुभाष चंद्र बोस ने किया था।

प्रश्न 15: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष कौन थीं?

  1. सरोजिनी नायडू
  2. एनी बेसेंट
  3. इंदिरा गांधी
  4. नेल्ली सेनगुप्ता

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष एनी बेसेंट थीं।
  • संदर्भ और विस्तार: एनी बेसेंट, एक आयरिश मूल की थियोसोफिस्ट, समाज सुधारक और राष्ट्रवादी नेता थीं। उन्होंने 1917 में कलकत्ता अधिवेशन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला। वे भारतीय स्वशासन की प्रबल समर्थक थीं।
  • गलत विकल्प: सरोजिनी नायडू कांग्रेस की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष थीं (1925 कानपुर अधिवेशन), इंदिरा गांधी बाद में प्रधानमंत्री बनीं और कांग्रेस अध्यक्ष भी रहीं, और नेल्ली सेनगुप्ता भी एक कांग्रेस अध्यक्ष थीं (1933 कलकत्ता अधिवेशन) लेकिन एनी बेसेंट पहली महिला थीं।

प्रश्न 16: ‘सहायक संधि प्रणाली’ (Subsidiary Alliance) का जन्मदाता किसे माना जाता है?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. लॉर्ड क्लाइव
  3. लॉर्ड वेलेजली
  4. लॉर्ड हेस्टिंग्स

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: सहायक संधि प्रणाली का जन्मदाता लॉर्ड वेलेजली को माना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड वेलेजली (1798-1805) भारत में ब्रिटिश सत्ता का विस्तार करने के लिए इस नीति का उपयोग किया। इस प्रणाली के तहत, भारतीय रियासतों को अपनी सेनाएँ भंग करनी पड़ती थीं और अपनी सुरक्षा के लिए कंपनी की सेना रखनी पड़ती थी, जिसका खर्च रियासत को उठाना पड़ता था। इसके बदले में, कंपनी रियासत की रक्षा करने का वादा करती थी। इसने भारतीय राज्यों की संप्रभुता को गंभीर रूप से कमजोर किया।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत के सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड क्लाइव ने प्लासी का युद्ध जीता और कंपनी की सत्ता की नींव रखी। लॉर्ड हेस्टिंग्स ने सहायक संधि के विस्तार और आंग्ल-मराठा युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

प्रश्न 17: 1923-24 में ‘चितरंजन दास’ और ‘मोतीलाल नेहरू’ द्वारा कांग्रेस के भीतर एक नए गुट का गठन किया गया था। उसका नाम क्या था?

  1. कांग्रेस समाजवादी दल
  2. स्वराज दल
  3. फॉरवर्ड ब्लॉक
  4. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: 1923-24 में चितरंजन दास और मोतीलाल नेहरू ने कांग्रेस के भीतर ‘स्वराज दल’ (या कांग्रेस-खिलाफत स्वराज पार्टी) का गठन किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: असहयोग आंदोलन (1920-22) के स्थगन के बाद, कांग्रेस में दो गुट बन गए थे। एक गुट ‘नो चेंजर्स’ था जो विधानमंडलों में प्रवेश के खिलाफ था, जबकि दूसरा गुट, जिसे ‘प्रो-चेंजर्स’ भी कहा गया, ने चुनाव लड़कर विधानमंडलों में प्रवेश करने और सरकारी नीतियों में बाधा डालने का प्रस्ताव रखा। इसी ‘प्रो-चेंजर्स’ गुट ने स्वराज दल का गठन किया।
  • गलत विकल्प: कांग्रेस समाजवादी दल की स्थापना 1934 में हुई थी, फॉरवर्ड ब्लॉक 1939 में बना, और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना 1925 में हुई थी।

प्रश्न 18: ‘द इल्बर्ट बिल’ का संबंध किस वायसराय के कार्यकाल से था?

  1. लॉर्ड लिटन
  2. लॉर्ड कर्जन
  3. लॉर्ड रिपन
  4. लॉर्ड डलहौजी

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: इल्बर्ट बिल का संबंध लॉर्ड रिपन (1876-1880) के कार्यकाल से था।
  • संदर्भ और विस्तार: इल्बर्ट बिल 1883 में सर कोर्टनी इल्बर्ट द्वारा प्रस्तुत किया गया था। इस बिल का उद्देश्य भारतीय न्यायाधीशों को उसी तरह के दंड संबंधी मामलों की सुनवाई करने का अधिकार देना था, जिसमें यूरोपीय अभियुक्त शामिल हों, जैसे कि उन्हें यूरोपीय न्यायाधीशों द्वारा मिलती थी। इस बिल ने ब्रिटिश समुदाय में भारी हंगामा मचाया, जिसके कारण इसमें संशोधन करना पड़ा, जिससे यह भारतीय न्यायाधीशों के लिए कुछ हद तक सीमित हो गया। इसने भारत में नस्लीय भेदभाव को उजागर किया।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड लिटन (1876-1880) ने वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट जैसे दमनकारी कानून लाए। लॉर्ड कर्जन (1899-1905) ने बंगाल का विभाजन किया। लॉर्ड डलहौजी (1848-1856) व्यपगत के सिद्धांत के लिए जाने जाते हैं।

प्रश्न 19: निम्नलिखित में से कौन सा कथन गदर पार्टी के बारे में सत्य है?

  1. इसकी स्थापना कनाडा में हुई थी।
  2. इसका मुख्य उद्देश्य प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारत में ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकना था।
  3. इसने कभी भी भारत में कोई विद्रोह आयोजित नहीं किया।
  4. इसके संस्थापक महात्मा गांधी थे।

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: गदर पार्टी का मुख्य उद्देश्य प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारत में ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकना था।
  • संदर्भ और विस्तार: गदर पार्टी की स्थापना 1913 में सैन फ्रांसिस्को, अमेरिका में हुई थी, न कि कनाडा में (हालांकि कनाडा में भी इसके सदस्य थे)। पार्टी ने ‘गदर’ नामक पत्र के माध्यम से भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ प्रचार किया। प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) के दौरान, गदर पार्टी ने भारत में क्रांति भड़काने के लिए कई प्रयास किए, जिनमें कामागाटामारू प्रकरण और विभिन्न भारतीय सैनिक छावनी में विद्रोह की योजनाएं शामिल थीं। ये प्रयास पूर्ण रूप से सफल नहीं हुए। इसके संस्थापक महात्मा गांधी नहीं थे, बल्कि लाला हरदयाल और अन्य देशभक्त थे।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a) गलत है क्योंकि मुख्य स्थापना अमेरिका में हुई। विकल्प (c) गलत है क्योंकि उन्होंने विद्रोहों की योजना बनाई और प्रयास किए। विकल्प (d) गलत है क्योंकि संस्थापक महात्मा गांधी नहीं थे।

प्रश्न 20: ‘दांडी मार्च’ (नमक सत्याग्रह) कब शुरू हुआ?

  1. 12 मार्च 1930
  2. 6 अप्रैल 1930
  3. 30 जून 1930
  4. 15 अगस्त 1942

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: दांडी मार्च (नमक सत्याग्रह) 12 मार्च 1930 को शुरू हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम से अपने 78 साथियों के साथ गुजरात के दांडी नामक स्थान तक 240 मील की यात्रा की। इस यात्रा का उद्देश्य ब्रिटिश सरकार द्वारा लगाए गए नमक कानून का विरोध करना था, जो भारतीयों को नमक बनाने, बेचने और खरीदने से रोकता था और उन पर नमक कर लगाता था। 6 अप्रैल 1930 को दांडी पहुँचकर गांधीजी ने कानून तोड़ा और सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत की।
  • गलत विकल्प: 6 अप्रैल 1930 को नमक कानून तोड़ा गया था, लेकिन मार्च 12 मार्च से शुरू हुआ था। 30 जून 1930 और 15 अगस्त 1942 अन्य महत्वपूर्ण तिथियां हैं, लेकिन नमक सत्याग्रह से संबंधित नहीं हैं।

प्रश्न 21: किस मुगल बादशाह ने ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नया धर्म चलाया?

  1. हुमायूँ
  2. अकबर
  3. जहांगीर
  4. शाहजहाँ

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: मुगल बादशाह अकबर ने 1582 ईस्वी में ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) नामक एक नया धर्म चलाया।
  • संदर्भ और विस्तार: अकबर एक सहिष्णु शासक था और विभिन्न धर्मों के प्रति उसकी गहरी रुचि थी। दीन-ए-इलाही कोई नया धर्म नहीं था, बल्कि यह विभिन्न धर्मों के सार को मिलाकर एक सामाजिक-धार्मिक सिद्धांत था। इसका उद्देश्य सभी धर्मों के अनुयायियों को एक साथ लाना और धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देना था। इसमें एकेश्वरवाद, न्याय, करुणा और अन्य नैतिक मूल्यों पर जोर दिया गया। हालाँकि, यह विचार अधिक प्रचलित नहीं हो सका और केवल कुछ ही लोगों ने इसे अपनाया।
  • गलत विकल्प: हुमायूँ, जहांगीर और शाहजहाँ अपनी-अपनी धार्मिक नीतियों के लिए जाने जाते हैं, लेकिन दीन-ए-इलाही का संबंध केवल अकबर से है।

प्रश्न 22: ‘तैमूर लंग’ ने भारत पर कब आक्रमण किया?

  1. 1192
  2. 1398
  3. 1526
  4. 1600

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: तैमूर लंग ने 1398 ईस्वी में भारत पर आक्रमण किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: मध्य एशिया के महान विजेता तैमूर (तैमूर लंग) ने दिल्ली सल्तनत के कमजोर पड़ते शासनकाल में भारत पर आक्रमण किया। उसने नसीरुद्दीन मुहम्मद शाह तुगलक के शासनकाल में दिल्ली पर कब्जा कर लिया और बड़े पैमाने पर लूटपाट की, जिससे दिल्ली की जनसंख्या और अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ। इस आक्रमण के बाद दिल्ली सल्तनत और भी कमजोर हो गई।
  • गलत विकल्प: 1192 तराइन का दूसरा युद्ध था, 1526 पानीपत का पहला युद्ध था (जिसमें बाबर ने इब्राहिम लोदी को हराकर मुगल साम्राज्य की नींव रखी), और 1600 ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना का वर्ष है।

प्रश्न 23: ‘सुरक्षा प्रकोष्ठ की नीति’ (Policy of the Ring Fence) का संबंध किस ब्रिटिश गवर्नर-जनरल से था?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. लॉर्ड वेलेजली
  3. वारेन हेस्टिंग्स
  4. लॉर्ड विलियम बेंटिंक

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: ‘सुरक्षा प्रकोष्ठ की नीति’ का संबंध वारेन हेस्टिंग्स (1772-1785) से था।
  • संदर्भ और विस्तार: वारेन हेस्टिंग्स ने भारत में ब्रिटिश सत्ता को सुरक्षित रखने और अपने पड़ोसियों से उसकी रक्षा के लिए एक ऐसी नीति अपनाई, जिसमें उसने प्रत्यक्ष रूप से लड़ने के बजाय अपने पड़ोसियों के बीच युद्धों में हस्तक्षेप किया या उन्हें एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा किया। यह एक प्रकार से ‘चारों ओर सुरक्षा का घेरा’ बनाने की नीति थी, ताकि बाहरी शत्रुओं से कंपनी के क्षेत्र सुरक्षित रहें। इस नीति का उद्देश्य कंपनी की सीमाओं को सुरक्षित रखना था।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत के सिद्धांत’ के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड वेलेजली ‘सहायक संधि प्रणाली’ के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने सामाजिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया।

प्रश्न 24: प्रथम विश्व युद्ध कब समाप्त हुआ?

  1. 1914
  2. 1916
  3. 1918
  4. 1920

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: प्रथम विश्व युद्ध 11 नवंबर 1918 को समाप्त हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रथम विश्व युद्ध, जिसे ‘महायुद्ध’ के नाम से भी जाना जाता है, 1914 में शुरू हुआ था और चार वर्षों तक चला। इस युद्ध में केंद्रीय शक्तियों (मुख्य रूप से जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, तुर्क साम्राज्य) और मित्र राष्ट्रों (मुख्य रूप से फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, इटली, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका) के बीच भयंकर लड़ाई हुई। युद्ध का अंत जर्मनी के आत्मसमर्पण और 11 नवंबर 1918 को युद्धविराम पर हस्ताक्षर के साथ हुआ। वर्साय की संधि (1919) ने औपचारिक रूप से युद्ध को समाप्त कर दिया।
  • गलत विकल्प: 1914 युद्ध की शुरुआत का वर्ष था। 1916 में महत्वपूर्ण लड़ाइयाँ हुईं। 1920 में लीग ऑफ नेशंस की स्थापना हुई, जो युद्ध के बाद की व्यवस्था का हिस्सा था।

प्रश्न 25: ‘फ्रांसीसी क्रांति’ का प्रमुख नारा क्या था?

  1. स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
  2. वोट दो या दंगे करो
  3. भगवान, सम्राट और देश
  4. शांति, रोटी और भूमि

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति का प्रमुख नारा ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह नारा फ्रांसीसी क्रांति के मुख्य आदर्शों को दर्शाता है, जिसने 1789 में फ्रांस में निरंकुश राजशाही को उखाड़ फेंका और आधुनिक लोकतांत्रिक सिद्धांतों की नींव रखी। ‘स्वतंत्रता’ (Liberté) का अर्थ था व्यक्तिगत अधिकारों की सुरक्षा और दमन से मुक्ति। ‘समानता’ (égalité) का अर्थ था सभी नागरिकों के लिए कानून के समक्ष समानता और विशेषाधिकारों का अंत। ‘बंधुत्व’ (fraternité) का अर्थ था राष्ट्र के नागरिकों के बीच एकता और सहयोग।
  • गलत विकल्प: ‘वोट दो या दंगे करो’ नारे का प्रयोग इंग्लैंड में मताधिकार आंदोलन से जुड़ा है। ‘भगवान, सम्राट और देश’ सामंतशाही का नारा था। ‘शांति, रोटी और भूमि’ रूसी क्रांति (1917) के प्रमुख नारों में से एक था।

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