इतिहास का महासंग्राम: 25 प्रश्नों का निर्णायक अभ्यास
अपने ज्ञान की सीमाओं को परखने और इतिहास के पन्नों में एक रोमांचक यात्रा पर निकलने के लिए तैयार हो जाइए! हम आपके लिए लाए हैं 25 चुनिंदा प्रश्न, जो प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक युग और विश्व इतिहास की गलियों तक फैले हुए हैं। यह सिर्फ एक क्विज नहीं, बल्कि आपकी तैयारी का एक अहम पड़ाव है। चलिए, अतीत के रहस्यों को उजागर करें!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल से एक विशाल सार्वजनिक स्नानघर (Great Bath) प्राप्त हुआ है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: मोहनजोदड़ो (सिंधी में “मृतकों का टीला”) सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल है, जहाँ से एक विशाल, अच्छी तरह से संरक्षित सार्वजनिक स्नानघर मिला है।
- संदर्भ और विस्तार: यह स्नानघर लगभग 12 मीटर लंबा, 7 मीटर चौड़ा और 2.4 मीटर गहरा था। इसके चारों ओर ईंटों की दीवारें बनी थीं और स्नान के लिए उतरने हेतु सीढ़ियाँ भी बनी थीं। इसे संभवतः धार्मिक अनुष्ठानों के लिए उपयोग किया जाता था। यह सिंधु घाटी सभ्यता की उन्नत वास्तुकला और जल प्रबंधन कौशल का प्रमाण है।
- गलत विकल्प: हड़प्पा सिंधु घाटी सभ्यता का एक अन्य महत्वपूर्ण स्थल है, लेकिन वहाँ से सार्वजनिक स्नानघर नहीं मिला। लोथल एक बंदरगाह शहर था और कालीबंगा में जुते हुए खेत के साक्ष्य मिले हैं।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस वेदिक ग्रंथ में गायत्री मंत्र का उल्लेख मिलता है?
- ऋग्वेद
- यजुर्वेद
- सामवेद
- अथर्ववेद
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: गायत्री मंत्र, जो सूर्य देवता (सावित्री) को समर्पित है, ऋग्वेद में पाया जाता है। यह वैदिक साहित्य के सबसे प्रसिद्ध और पूजनीय मंत्रों में से एक है।
- संदर्भ और विस्तार: ऋग्वेद, जो वेदों में सबसे प्राचीन है, इसमें 10 मंडल, 1028 सूक्त और 10,600 ऋचाएँ हैं। इसमें विभिन्न देवताओं की स्तुति में मंत्र संकलित हैं। गायत्री मंत्र का उल्लेख ऋग्वेद के तीसरे मंडल में मिलता है।
- गलत विकल्प: यजुर्वेद में यज्ञों के मंत्र हैं, सामवेद में गाए जाने वाले मंत्र (जिन्हें ‘साम’ कहा जाता है) हैं, और अथर्ववेद में जादू-टोने, चिकित्सा और रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े मंत्र हैं।
प्रश्न 3: मौर्य वंश के संस्थापक कौन थे?
- बिंदुसार
- अशोक
- चंद्रगुप्त मौर्य
- बिंबिसार
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: चंद्रगुप्त मौर्य ने 322 ईसा पूर्व में मौर्य साम्राज्य की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त मौर्य ने नंद वंश के अंतिम शासक धनानंद को पराजित कर मगध पर अधिकार किया और एक विशाल साम्राज्य का निर्माण किया। चाणक्य (कौटिल्य) उनके प्रमुख सलाहकार थे, जिन्होंने ‘अर्थशास्त्र’ नामक प्रसिद्ध ग्रंथ की रचना की।
- गलत विकल्प: बिंदुसार चंद्रगुप्त मौर्य के पुत्र और उत्तराधिकारी थे। अशोक बिंदुसार के पुत्र थे और मौर्य वंश के सबसे महान शासकों में से एक माने जाते हैं। बिंबिसार हर्यक वंश के शासक थे, जिन्होंने मगध में प्रारंभिक विस्तार किया था।
प्रश्न 4: ‘इंडिका’ का लेखक कौन है?
- टॉलेमी
- मेगास्थनीज
- फाह्यान
- ह्वेन त्सांग
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: मेगास्थनीज एक यूनानी राजदूत था जिसने चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में सेवा की और ‘इंडिका’ नामक पुस्तक लिखी।
- संदर्भ और विस्तार: ‘इंडिका’ भारत का तत्कालीन सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करती है। हालांकि मूल पुस्तक खो गई है, इसके अंश अन्य लेखकों जैसे एरियन, प्लिनी और स्ट्रैबो के कार्यों में उद्धृत मिलते हैं। यह मौर्यकालीन भारत को समझने का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
- गलत विकल्प: टॉलेमी एक भूगोलवेत्ता था। फाह्यान और ह्वेन त्सांग चीनी यात्री थे जो गुप्त और हर्षवर्धन काल में भारत आए थे।
प्रश्न 5: गुप्त काल को भारतीय इतिहास का ‘स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?
- साम्राज्य का विस्तार
- कला, विज्ञान और साहित्य का विकास
- सफल आर्थिक नीतियाँ
- मजबूत सैन्य शक्ति
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: गुप्त काल (लगभग 320-550 ई.) को ‘स्वर्ण युग’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस दौरान कला, विज्ञान, साहित्य, वास्तुकला और खगोल विज्ञान में अभूतपूर्व प्रगति हुई।
- संदर्भ और विस्तार: कालिदास जैसे महान कवि, आर्यभट्ट जैसे खगोलशास्त्री (जिन्होंने शून्य का सिद्धांत दिया) और वराहमिहिर जैसे विद्वान इसी काल में हुए। अजंता की गुफाओं की कई उत्कृष्ट कृतियाँ भी इसी काल की हैं। अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ थी और शांतिपूर्ण वातावरण ने इन क्षेत्रों के विकास में योगदान दिया।
- गलत विकल्प: यद्यपि साम्राज्य का विस्तार, आर्थिक नीतियाँ और सैन्य शक्ति भी महत्वपूर्ण थी, परंतु कला, विज्ञान और साहित्य में हुई अद्वितीय प्रगति ही इस काल को ‘स्वर्ण युग’ के रूप में परिभाषित करती है।
प्रश्न 6: सातवाहन वंश का सबसे प्रसिद्ध शासक कौन था?
- सिमुक
- हाल
- गौतमीपुत्र सातकर्णि
- पुलोमावी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: गौतमीपुत्र सातकर्णि (शासनकाल लगभग 106-130 ई.) सातवाहन वंश का सबसे शक्तिशाली और प्रसिद्ध शासक था।
- संदर्भ और विस्तार: उसने शकों और पहलवों को पराजित कर अपने राज्य का विस्तार किया। नासिक शिलालेख (गौतमी बलश्री द्वारा उत्कीर्ण) में उसके शौर्य और उपलब्धियों का वर्णन है। उसने ‘एका ब्राह्मण’ की उपाधि धारण की थी।
- गलत विकल्प: सिमुक सातवाहन वंश का संस्थापक था। हाल एक विद्वान शासक था जिसने ‘गाथासप्तशती’ की रचना की। पुलोमावी भी एक महत्वपूर्ण शासक था, लेकिन गौतमीपुत्र सातकर्णि की तुलना में कम प्रसिद्ध।
प्रश्न 7: चोल साम्राज्य का प्रसिद्ध बंदरगाह शहर कौन सा था?
- तंजावुर
- कांचीपुरम
- पुहार (कावेरीपट्टनम)
- मदुरै
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: पुहार, जिसे कावेरीपट्टनम भी कहा जाता है, चोलों का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था, जो कावेरी नदी के मुहाने पर स्थित था।
- संदर्भ और विस्तार: यह व्यापार और वाणिज्य का एक प्रमुख केंद्र था, जहाँ से चोल विदेशी व्यापार करते थे, विशेष रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ। इसका उल्लेख संगम साहित्य में भी मिलता है।
- गलत विकल्प: तंजावुर चोलों की राजधानी थी, कांचीपुरम पल्लवों की राजधानी थी, और मदुरै पांड्यों का प्रमुख शहर था।
प्रश्न 8: दिल्ली सल्तनत की स्थापना किस युद्ध के बाद हुई?
- तराइन का प्रथम युद्ध
- तराइन का द्वितीय युद्ध
- पानीपत का प्रथम युद्ध
- खानवा का युद्ध
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: तराइन का द्वितीय युद्ध (1192 ई.) मोहम्मद गोरी की जीत और पृथ्वीराज चौहान की हार के बाद दिल्ली सल्तनत की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में मुहम्मद गोरी ने निर्णायक जीत हासिल की, जिसने उत्तरी भारत में तुर्की शासन की नींव रखी। इसके बाद, गोरी के एक जनरल, कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1206 ई. में दिल्ली सल्तनत की स्थापना की, जिसने गुलाम वंश की शुरुआत की।
- गलत विकल्प: तराइन का प्रथम युद्ध (1191 ई.) में पृथ्वीराज चौहान ने गोरी को हराया था। पानीपत का प्रथम युद्ध (1526 ई.) बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच हुआ था, जिससे मुगल साम्राज्य की शुरुआत हुई। खानवा का युद्ध (1527 ई.) बाबर और राणा सांगा के बीच हुआ था।
प्रश्न 9: ‘इक्तादारी’ प्रणाली की शुरुआत किसने की थी?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- मोहम्मद बिन तुगलक
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: इल्तुतमिश, जो दिल्ली सल्तनत का एक महत्वपूर्ण शासक था, ने ‘इक्तादारी’ प्रणाली को व्यवस्थित रूप से लागू किया।
- संदर्भ और विस्तार: ‘इक्ता’ भूमि का एक ऐसा अनुदान था जो सैनिक या अधिकारी को उसकी सेवा के बदले दिया जाता था। इक्तादार अपने इक्ता से राजस्व एकत्र करता था और उसका कुछ हिस्सा राज्य को देता था। इस प्रणाली ने सैन्य और प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने में मदद की।
- गलत विकल्प: बलबन ने ‘दीवान-ए-अर्ज’ (सैन्य विभाग) को मजबूत किया। अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण और स्थायी सेना की शुरुआत की। मोहम्मद बिन तुगलक अपनी कई योजनाओं के लिए जाना जाता है, लेकिन इक्तादारी का व्यवस्थितरण इल्तुतमिश द्वारा हुआ।
प्रश्न 10: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना कब और किसके द्वारा की गई थी?
- 1336 ई., हरिहर और बुक्का
- 1347 ई., अलाउद्दीन बहमन शाह
- 1565 ई., राम राय
- 1350 ई., कृष्णदेवराय
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: ये दोनों भाई वारंगल के काकतीय राजा के सामंत थे और दिल्ली सल्तनत के बढ़ते प्रभाव के विरुद्ध दक्षिण भारत में एक शक्तिशाली हिंदू राज्य स्थापित करने के उद्देश्य से आगे बढ़े। तुंगभद्रा नदी के तट पर उन्होंने इस साम्राज्य की नींव रखी, जो अपनी कला, साहित्य और व्यापार के लिए प्रसिद्ध हुआ।
- गलत विकल्प: अलाउद्दीन बहमन शाह ने बहमनी सल्तनत की स्थापना की थी। राम राय विजयनगर के एक महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन वे बाद में आए। कृष्णदेवराय विजयनगर के सबसे महान शासकों में से एक थे, जिन्होंने 16वीं शताब्दी में शासन किया।
प्रश्न 11: ‘दीन-ए-इलाही’ धर्म का प्रवर्तक कौन था?
- शेरशाह सूरी
- अकबर
- जहांगीर
- औरंगजेब
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: सम्राट अकबर ने 1582 ईस्वी में ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) नामक एक नया धर्म चलाया, जो विभिन्न धर्मों के सार को मिलाकर बनाया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य सभी धर्मों के बीच सहिष्णुता और एकता को बढ़ावा देना था। यह एक संप्रदायवादी धर्म नहीं था, बल्कि एक आध्यात्मिक दर्शन था जो सभी धर्मों के अच्छे तत्वों को स्वीकार करता था। अकबर स्वयं इसका प्रमुख अनुयायी था।
- गलत विकल्प: शेरशाह सूरी ने ‘रुपया’ चलाया और प्रशासनिक सुधार किए। जहांगीर कला और चित्रकला का संरक्षक था। औरंगजेब एक कट्टर सुन्नी मुस्लिम शासक था और उसने धार्मिक सहिष्णुता को कम किया।
प्रश्न 12: प्रसिद्ध ‘अष्टप्रधान’ का गठन किसने किया था?
- चंद्रगुप्त मौर्य
- समुद्रगुप्त
- हर्षवर्धन
- शिवाजी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने के लिए आठ मंत्रियों की एक परिषद का गठन किया था, जिसे ‘अष्टप्रधान’ कहा जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: अष्टप्रधान में पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (गृह मंत्री), सुमंत (विदेश मंत्री), सर-ए-नौबत (सेनापति), पंडितराव (धर्माध्यक्ष), न्यायधीश (मुख्य न्यायाधीश) और वाकनवीस (गुप्तचर मंत्री) जैसे पद शामिल थे। यह शिवाजी की कुशल प्रशासनिक व्यवस्था का प्रतीक था।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य ने ‘अर्थशास्त्र’ के आधार पर प्रशासन चलाया। समुद्रगुप्त एक महान विजेता था। हर्षवर्धन ने भी अपने दरबार में विद्वानों को आश्रय दिया, लेकिन ‘अष्टप्रधान’ शिवाजी की विशिष्ट देन है।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से किसने ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ की रचना की?
- जियाउद्दीन बरनी
- अमीर खुसरो
- मिनहाज-उस-सिराज
- इब्न बतूता
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: जियाउद्दीन बरनी 14वीं सदी के एक प्रसिद्ध इतिहासकार थे जिन्होंने ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ नामक ग्रंथ की रचना की।
- संदर्भ और विस्तार: इस पुस्तक में उन्होंने दिल्ली सल्तनत के शासकों, विशेषकर गयासुद्दीन तुगलक, मुहम्मद बिन तुगलक और फिरोज शाह तुगलक के शासनकाल का विस्तृत विवरण दिया है। यह दिल्ली सल्तनत के इतिहास को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
- गलत विकल्प: अमीर खुसरो ने ‘किताब-उल-हिंद’ लिखी (हालांकि यह नाम अल-बरुनी के कार्य से जुड़ा है, अमीर खुसरो ने ‘तुगलकनामा’ जैसी रचनाएं कीं)। मिनहाज-उस-सिराज ने ‘तबकात-ए-नासिरी’ लिखी। इब्न बतूता एक मोरक्को का यात्री था जिसने ‘रेहला’ लिखी।
प्रश्न 14: मुगल काल में ‘जाब्ती’ प्रणाली का संबंध किससे था?
- सैन्य संगठन
- न्याय व्यवस्था
- भूमि राजस्व
- बाजार नियंत्रण
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘जाब्ती’ प्रणाली मुगल काल में भू-राजस्व एकत्र करने की एक व्यवस्थित और विस्तृत विधि थी, जिसे विशेष रूप से टोडरमल ने विकसित किया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली में भूमि का सर्वेक्षण, वर्गीकरण और मापन किया जाता था। इसके आधार पर भूमि को चार श्रेणियों में बांटा गया और प्रत्येक श्रेणी के लिए एक निश्चित कर दर तय की गई। इसका मुख्य उद्देश्य लगान वसूली को व्यवस्थित और न्यायसंगत बनाना था।
- गलत विकल्प: जाब्ती प्रणाली सैन्य संगठन, न्याय व्यवस्था या बाजार नियंत्रण से संबंधित नहीं थी। सैन्य संगठन ‘मनसबदारी’ प्रणाली से जुड़ा था, जबकि बाजार नियंत्रण अलाउद्दीन खिलजी और अकबर से संबंधित था।
प्रश्न 15: ‘दास प्रथा का उन्मूलन’ किस गवर्नर-जनरल के कार्यकाल में हुआ?
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड एलिनबरो
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: भारत में दास प्रथा का उन्मूलन 1843 ईस्वी में लॉर्ड एलिनबरो के कार्यकाल में हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: भारत में दास प्रथा को समाप्त करने के लिए भारतीय दासता अधिनियम, 1843 (Indian Slavery Act, 1843) पारित किया गया था। इस अधिनियम ने भारत में दासता को अवैध घोषित कर दिया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने सती प्रथा का उन्मूलन (1829) किया। लॉर्ड डलहौजी विलय की नीति और रेलवे के विस्तार के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड कैनिंग भारत के प्रथम वायसराय थे।
प्रश्न 16: 1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण क्या था?
- डलहौजी की विलय नीति
- ईसाई धर्म प्रचारकों की गतिविधियाँ
- चर्बी वाले कारतूस
- भारतीयों के प्रति भेदभाव
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: 1857 के विद्रोह का सबसे तात्कालिक और महत्वपूर्ण कारण नई एनफील्ड राइफलों में इस्तेमाल किए जाने वाले कारतूस थे, जिनके बारे में कहा जाता था कि उनमें गाय और सुअर की चर्बी लगी होती थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह कारतूस राइफल में डालने से पहले दांतों से चीरने पड़ते थे, जिससे हिंदू और मुस्लिम दोनों सैनिकों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। मंगल पांडे ने इस कारतूस का प्रयोग करने से इनकार कर दिया और अपने अधिकारियों पर हमला किया, जिससे विद्रोह की चिंगारी भड़की। हालांकि, इसके पीछे लंबी अवधि के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक कारण भी थे।
- गलत विकल्प: डलहौजी की विलय नीति, ईसाई प्रचारकों की गतिविधियाँ और भारतीयों के प्रति भेदभाव जैसे कारण विद्रोह के पृष्ठभूमि में थे, लेकिन तात्कालिक कारण चर्बी वाले कारतूस ही थे।
प्रश्न 17: ‘दीन बंधु’ मित्र द्वारा लिखित नील दर्पण नाटक किससे संबंधित है?
- कंपनी के सैनिकों का जीवन
- किसानों का शोषण
- भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष
- शहरी जीवन की समस्याएँ
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘नील दर्पण’ नाटक, जो 1860 में प्रकाशित हुआ था, ब्रिटिश नील बागान मालिकों द्वारा बंगाल के किसानों (विशेष रूप से नील उत्पादक किसानों) के भयानक शोषण को दर्शाता है।
- संदर्भ और विस्तार: दीनबंधु मित्र ने इस नाटक के माध्यम से नील विद्रोह (1859-60) के दौरान किसानों की पीड़ा और अन्याय को सजीव रूप से चित्रित किया। इसने ब्रिटिश सरकार पर दबाव डाला और भारतीय समाज में जागरूकता फैलाई।
- गलत विकल्प: यह नाटक कंपनी के सैनिकों, स्वतंत्रता सेनानियों या शहरी जीवन की समस्याओं पर केंद्रित नहीं था।
प्रश्न 18: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई थी?
- 1885
- 1890
- 1905
- 1919
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना स्कॉटिश अधिकारी ए.ओ. ह्यूम (Allan Octavian Hume) द्वारा मुंबई में की गई थी। इसके पहले अध्यक्ष व्योमेश चंद्र बनर्जी थे। कांग्रेस का गठन ब्रिटिश शासन के तहत भारतीयों के लिए अधिक राजनीतिक प्रतिनिधित्व की मांग करने के उद्देश्य से किया गया था।
- गलत विकल्प: 1890, 1905 (बंगाल विभाजन), और 1919 (जलियांवाला बाग हत्याकांड) अन्य महत्वपूर्ण वर्ष हैं, लेकिन कांग्रेस की स्थापना 1885 में हुई थी।
प्रश्न 19: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना कब और कहाँ हुई थी?
- 1913, न्यूयॉर्क
- 1905, लंदन
- 1913, सैन फ्रांसिस्को
- 1915, बर्लिन
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: गदर पार्टी की स्थापना 1913 में सैन फ्रांसिस्को, संयुक्त राज्य अमेरिका में लाला हरदयाल और अन्य भारतीय देशभक्तों द्वारा की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस पार्टी का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश शासन से भारत की आजादी के लिए संघर्ष करना था। उन्होंने ‘गदर’ नामक एक समाचार पत्र प्रकाशित किया, जिसने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- गलत विकल्प: न्यूयॉर्क में भी गदर आंदोलन के कुछ सदस्य थे, लेकिन मुख्य संगठन सैन फ्रांसिस्को में था। लंदन में 1905 में इंडिया हाउस जैसी संस्थाएं सक्रिय थीं। बर्लिन में भी भारतीय स्वतंत्रता के लिए काम हुआ, लेकिन गदर पार्टी की स्थापना 1913 में सैन फ्रांसिस्को में हुई।
प्रश्न 20: ‘दांडी मार्च’ (नमक सत्याग्रह) कब प्रारंभ हुआ?
- 1920
- 1930
- 1942
- 1947
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को दांडी मार्च (नमक सत्याग्रह) का शुभारंभ किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस मार्च में गांधीजी अपने 78 अनुयायियों के साथ साबरमती आश्रम से गुजरात के समुद्र तट पर स्थित दांडी गांव तक पैदल चले, जो लगभग 375 किलोमीटर की दूरी थी। 6 अप्रैल 1930 को, उन्होंने समुद्र के पानी से नमक बनाकर ब्रिटिश सरकार के नमक कानून को तोड़ा। यह सविनय अवज्ञा आंदोलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।
- गलत विकल्प: 1920 असहयोग आंदोलन का वर्ष है, 1942 भारत छोड़ो आंदोलन का वर्ष है, और 1947 भारत की स्वतंत्रता का वर्ष है।
प्रश्न 21: भारत छोड़ो आंदोलन का नारा क्या था?
- स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है
- करो या मरो
- दिल्ली चलो
- आराम हराम है
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के दौरान महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ (Do or Die) का नारा दिया।
- संदर्भ और विस्तार: यह नारा भारतीयों को स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए अंतिम संघर्ष करने के लिए प्रेरित करने हेतु था। इस आंदोलन ने ब्रिटिश शासन को हिलाकर रख दिया और भारत की स्वतंत्रता की ओर एक निर्णायक कदम साबित हुआ।
- गलत विकल्प: ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’ बाल गंगाधर तिलक का प्रसिद्ध नारा था। ‘दिल्ली चलो’ सुभाष चंद्र बोस का नारा था। ‘आराम हराम है’ जवाहरलाल नेहरू का नारा था।
प्रश्न 22: फ्रांसीसी क्रांति कब हुई?
- 1776
- 1789
- 1815
- 1848
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: फ्रांसीसी क्रांति 1789 ईस्वी में शुरू हुई और 1799 तक चली।
- संदर्भ और विस्तार: इस क्रांति ने फ्रांस में राजशाही को उखाड़ फेंका और गणतंत्र की स्थापना की। इसने स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व (Liberté, égalité, fraternité) के आदर्शों को जन्म दिया, जिनका विश्व इतिहास पर गहरा प्रभाव पड़ा। बास्तील के पतन (14 जुलाई 1789) को क्रांति की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।
- गलत विकल्प: 1776 अमेरिकी क्रांति का वर्ष है। 1815 वाटरलू का युद्ध और नेपोलियन का पतन का वर्ष है। 1848 यूरोप में विभिन्न क्रांतियों का वर्ष था।
प्रश्न 23: प्रथम विश्व युद्ध की अवधि क्या थी?
- 1905-1910
- 1914-1918
- 1939-1945
- 1918-1922
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: प्रथम विश्व युद्ध 1914 में शुरू हुआ और 1918 में समाप्त हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध मुख्य रूप से केंद्रीय शक्तियों (जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, तुर्की, बुल्गारिया) और मित्र राष्ट्रों (फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, इटली, जापान, अमेरिका) के बीच लड़ा गया था। इसके परिणामस्वरूप करोड़ों लोगों की जानें गईं और विश्व का राजनीतिक मानचित्र बदल गया।
- गलत विकल्प: 1939-1945 द्वितीय विश्व युद्ध की अवधि है। अन्य विकल्प विश्व युद्धों से संबंधित नहीं हैं।
प्रश्न 24: रूसी क्रांति किस वर्ष हुई?
- 1905
- 1917
- 1922
- 1939
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: रूसी क्रांति 1917 में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: 1917 की रूसी क्रांति ने जार (सम्राट) के शासन का अंत किया और सोवियत संघ की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया। इसमें दो प्रमुख चरण थे: फरवरी क्रांति (जिसने राजशाही को समाप्त कर दिया) और अक्टूबर क्रांति (जिसने बोल्शेविकों को सत्ता में लाया)। इसके नेता व्लादिमीर लेनिन थे।
- गलत विकल्प: 1905 में रूस में एक महत्वपूर्ण क्रांति हुई थी, लेकिन यह अंतिम नहीं थी। 1922 में सोवियत संघ का गठन हुआ, और 1939 द्वितीय विश्व युद्ध का आरंभ वर्ष है।
प्रश्न 25: संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की स्थापना कब हुई?
- 1919
- 1939
- 1945
- 1949
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: संयुक्त राष्ट्र (UN) की स्थापना 24 अक्टूबर 1945 को हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, भविष्य में ऐसे विनाशकारी युद्धों को रोकने और अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा बनाए रखने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की गई। इसके चार्टर पर 50 देशों के प्रतिनिधियों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे। इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क शहर में है।
- गलत विकल्प: 1919 में राष्ट्र संघ (League of Nations) की स्थापना हुई थी, जो प्रथम विश्व युद्ध के बाद बनाई गई थी लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध को रोकने में असफल रही। 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हुआ। 1949 में नाटो (NATO) की स्थापना हुई।