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इतिहास का महासंग्राम: 25 प्रश्नों का दैनिक प्रहार

इतिहास का महासंग्राम: 25 प्रश्नों का दैनिक प्रहार

आइए, इतिहास की गहराइयों में गोता लगाएँ और अपनी ज्ञान की मशाल जलाएँ! प्रस्तुत है आज का ऐतिहासिक महासंग्राम, 25 बहुविकल्पीय प्रश्नों का एक अनूठा संग्रह जो आपके सामान्य ज्ञान को परखेगा और आपकी परीक्षा की तैयारी को धार देगा। हर प्रश्न आपको बीते युगों की एक झलक दिखाएगा, इसलिए कमर कस लें और इस ज्ञान यात्रा पर निकल पड़ें!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा पुरातात्विक स्थल ‘सिंधु का नखलिस्तान’ (Sindhu ka Nakshtan) के रूप में जाना जाता है?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. धोलावीरा

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही क्यों: मोहनजोदड़ो, जिसका अर्थ ‘मृतकों का टीला’ है, सिंधु घाटी सभ्यता का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और विशाल स्थल था। इसकी सुनियोजित नगर रचना, विशाल स्नानागार और जल निकास प्रणाली इसे अन्य स्थलों से विशिष्ट बनाती थी। इसकी भव्यता और महत्व के कारण इसे ‘सिंधु का नखलिस्तान’ कहा गया।
  • संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो वर्तमान पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सिंधु नदी के तट पर स्थित था। यह सभ्यता 2600 ईसा पूर्व से 1900 ईसा पूर्व के बीच अपने चरम पर थी। यहाँ से प्राप्त प्रमुख वस्तुएं विशाल स्नानागार, पुजारी की मूर्ति, पशुपति की मुहर आदि हैं।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा पहला खोजा गया स्थल था। लोथल गुजरात में एक प्रमुख बंदरगाह था। धोलावीरा अपनी जल प्रबंधन प्रणाली के लिए जाना जाता है।

प्रश्न 2: वैदिक काल में ‘राजा’ को ‘गोप’ (Gop) या ‘गोपति’ (Gopati) क्यों कहा जाता था?

  1. क्योंकि वह भूमि का स्वामी होता था
  2. क्योंकि वह राष्ट्र की रक्षा करने वाला होता था
  3. क्योंकि वह गायों का संरक्षक या स्वामी होता था
  4. क्योंकि वह लोगों का नेता होता था

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही क्यों: वैदिक समाज में गायों का अत्यधिक महत्व था। गायों को धन, समृद्धि और सामाजिक स्थिति का प्रतीक माना जाता था। राजा, जो कबीले का प्रमुख होता था, गायों की रक्षा और उनके झुंडों का संरक्षक भी होता था, इसलिए उसे ‘गोप’ या ‘गोपति’ (गायों का स्वामी/रक्षक) कहा जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: वैदिक काल (लगभग 1500-1000 ईसा पूर्व) में, अर्थव्यवस्था काफी हद तक पशुपालन पर आधारित थी, विशेष रूप से गायों पर। राजा का मुख्य कर्तव्य अपने कबीले और उसकी संपत्ति (जिसमें गायें प्रमुख थीं) की रक्षा करना था।
  • गलत विकल्प: राजा भूमि का स्वामी अप्रत्यक्ष रूप से था, लेकिन ‘गोपति’ उपाधि सीधे तौर पर गायों से जुड़ी थी। राष्ट्र की रक्षा करना एक भूमिका थी, लेकिन ‘गोपति’ उपाधि का मूल कारण गायों की प्रधानता था। ‘लोगों का नेता’ एक सामान्य उपाधि है, ‘गोपति’ अधिक विशिष्ट है।

प्रश्न 3: अशोक के किस शिलालेख में सर्वप्रथम कलिंग युद्ध का उल्लेख मिलता है?

  1. पहला शिलालेख
  2. दूसरा शिलालेख
  3. तेरहवां शिलालेख
  4. चौदहवां शिलालेख

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही क्यों: अशोक का तेरहवां शिलालेख कलिंग युद्ध (लगभग 261 ईसा पूर्व) के विनाशकारी प्रभावों का विशद वर्णन करता है। इसी शिलालेख में अशोक ने युद्ध के बाद हुए पश्चाताप और बौद्ध धर्म अपनाने के अपने निर्णय का उल्लेख किया है।
  • संदर्भ और विस्तार: कलिंग युद्ध के भयानक रक्तपात और पीड़ा को देखकर अशोक का हृदय परिवर्तन हुआ। इस घटना के बाद ही उसने धम (धर्म) के प्रचार का संकल्प लिया और यह परिवर्तन उसके शिलालेखों में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है।
  • गलत विकल्प: अन्य शिलालेखों में अशोक के नैतिक उपदेश, जनकल्याण के कार्य और धम्म विजय का उल्लेख है, लेकिन कलिंग युद्ध का प्रत्यक्ष उल्लेख केवल तेरहवें शिलालेख में है।

प्रश्न 4: गुप्त काल को ‘भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?

  1. क्योंकि इस काल में सोने के सिक्कों का सर्वाधिक प्रचलन था
  2. क्योंकि इस काल में कला, साहित्य, विज्ञान और वास्तुकला का अभूतपूर्व विकास हुआ
  3. क्योंकि इस काल में गुप्त सम्राटों ने सर्वाधिक स्वर्ण मंदिर बनवाए
  4. क्योंकि इस काल में भारत ने विदेशी आक्रमणों से सर्वाधिक विजय प्राप्त की

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही क्यों: गुप्त काल (लगभग 320-550 ईस्वी) को ‘भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग’ कहा जाता है क्योंकि इस दौरान कला, साहित्य (जैसे कालिदास की रचनाएँ), विज्ञान (जैसे आर्यभट्ट का गणित और खगोल विज्ञान), खगोल विज्ञान, चिकित्सा और वास्तुकला में अत्यंत प्रगति हुई।
  • संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त प्रथम, समुद्रगुप्त और चंद्रगुप्त द्वितीय जैसे शासकों के अधीन साम्राज्य का विस्तार हुआ और आर्थिक समृद्धि आई। यह काल शांति और सुशासन के लिए भी जाना जाता है, जिसने सांस्कृतिक और बौद्धिक विकास को बढ़ावा दिया।
  • गलत विकल्प: हालांकि सोने के सिक्कों का प्रचलन था, यह ‘स्वर्ण युग’ का एकमात्र कारण नहीं था। मंदिरों का निर्माण हुआ, लेकिन ‘सर्वाधिक स्वर्ण मंदिर’ कहना अतिशयोक्ति हो सकती है। विदेशी आक्रमणों से विजय की तुलना में आंतरिक विकास अधिक महत्वपूर्ण था।

प्रश्न 5: दिल्ली सल्तनत की स्थापना किस युद्ध के बाद हुई?

  1. तराइन का प्रथम युद्ध
  2. तराइन का द्वितीय युद्ध
  3. पानीपत का प्रथम युद्ध
  4. खानवा का युद्ध

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही क्यों: तराइन का द्वितीय युद्ध (1192 ईस्वी) में मुहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज चौहान को निर्णायक रूप से पराजित किया। इस विजय के बाद ही भारत में तुर्की शासन की नींव पड़ी, जिसने अंततः दिल्ली सल्तनत (1206 ईस्वी) की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध के बाद मुहम्मद गोरी ने अपने सेनापति कुतुबुद्दीन ऐबक को भारतीय प्रदेशों का प्रभारी नियुक्त किया। कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1206 ईस्वी में दिल्ली सल्तनत की स्थापना की।
  • गलत विकल्प: तराइन का प्रथम युद्ध (1191 ईस्वी) पृथ्वीराज चौहान ने जीता था। पानीपत का प्रथम युद्ध (1526) मुगल साम्राज्य की स्थापना से संबंधित है। खानवा का युद्ध (1527) भी बाबर से संबंधित है।

प्रश्न 6: विजयनगर साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध शासक कौन था, जिसने ‘आंध्र भोज’ की उपाधि धारण की?

  1. कृष्ण देव राय
  2. देवराय द्वितीय
  3. हर्षवर्धन
  4. बुक्का प्रथम

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही क्यों: कृष्ण देव राय (शासनकाल 1509-1529 ईस्वी) विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक थे। वे एक कुशल प्रशासक, योद्धा और कला तथा साहित्य के महान संरक्षक थे। उन्होंने ‘आंध्र भोज’ की उपाधि धारण की थी और तेलुगु साहित्य में उनका महत्वपूर्ण योगदान है।
  • संदर्भ और विस्तार: उनके शासनकाल में विजयनगर साम्राज्य अपनी शक्ति और समृद्धि के शिखर पर था। उन्होंने कई महत्वपूर्ण मंदिरों का निर्माण कराया और साहित्यकारों को संरक्षण दिया।
  • गलत विकल्प: देवराय द्वितीय एक महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन कृष्ण देव राय अधिक प्रसिद्ध हैं। हर्षवर्धन एक प्राचीन भारतीय राजा थे, विजयनगर से संबंधित नहीं। बुक्का प्रथम ने हरिहर प्रथम के साथ मिलकर विजयनगर की स्थापना की थी।

प्रश्न 7: ‘इबादत खाना’ (Ibadat Khana) का निर्माण किसने करवाया था?

  1. अकबर
  2. जहाँगीर
  3. शाहजहाँ
  4. औरंगजेब

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही क्यों: मुगल सम्राट अकबर ने 1575 ईस्वी में फतेहपुर सीकरी में ‘इबादत खाना’ का निर्माण करवाया था। यह एक सभा भवन था जहाँ विभिन्न धर्मों के विद्वान और धार्मिक नेता एकत्रित होकर धार्मिक विषयों पर चर्चा करते थे।
  • संदर्भ और विस्तार: अकबर सभी प्रमुख धर्मों के प्रति सहिष्णुता की नीति रखता था और धार्मिक संवाद को बढ़ावा देना चाहता था। इबादत खाना इसी नीति का एक महत्वपूर्ण अंग था, जहाँ ईसाई, हिंदू, मुस्लिम, जैन और पारसी विद्वान विचारों का आदान-प्रदान करते थे।
  • गलत विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब अपने-अपने शासनकाल के लिए जाने जाते हैं, लेकिन इबादत खाना का निर्माण अकबर ने करवाया था।

प्रश्न 8: 1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर-जनरल कौन था?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. लॉर्ड कैनिंग
  3. लॉर्ड लिटन
  4. लॉर्ड रिपन

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही क्यों: 1857 के विद्रोह के समय लॉर्ड कैनिंग भारत के गवर्नर-जनरल थे। विद्रोह को दबाने और उसके बाद की प्रशासनिक व्यवस्था को संभालने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण थी।
  • संदर्भ और विस्तार: 1857 के विद्रोह के बाद, भारत शासन अधिनियम 1858 के तहत भारत का शासन ब्रिटिश क्राउन के अधीन आ गया और गवर्नर-जनरल का पद ‘वॉयसराय’ में बदल दिया गया, जिसमें लॉर्ड कैनिंग पहले वॉयसराय बने।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी के शासनकाल में व्यपगत का सिद्धांत (Doctrine of Lapse) लागू हुआ, जो विद्रोह के कारणों में से एक था। लॉर्ड लिटन और लॉर्ड रिपन बाद के गवर्नर-जनरल थे।

प्रश्न 9: ‘The Spirit of Laws’ (द स्पिरिट ऑफ लॉज) नामक पुस्तक के लेखक कौन हैं?

  1. जीन-जैक्स रूसो
  2. जॉन लॉक
  3. मोंटेस्क्यू
  4. वॉल्टेयर

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही क्यों: ‘द स्पिरिट ऑफ लॉज’ (De l’esprit des lois) 1748 में फ्रांसीसी दार्शनिक चार्ल्स-लुई डी सेकोंडा, बैरन डी ला ब्रेडे एट डी मोंटेस्क्यू (Montesquieu) द्वारा लिखी गई एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कृति है। इस पुस्तक में शक्ति पृथक्करण (separation of powers) के सिद्धांत की विस्तृत व्याख्या की गई है।
  • संदर्भ और विस्तार: मोंटेस्क्यू का यह विचार कि सरकार की शक्तियों को विधायी, कार्यकारी और न्यायिक अंगों में विभाजित किया जाना चाहिए, आधुनिक लोकतांत्रिक सरकारों की संरचना का एक आधार स्तंभ बना। यह फ्रांसीसी क्रांति और अमेरिकी संविधान पर भी गहरा प्रभाव डाला।
  • गलत विकल्प: रूसो ‘द सोशल कॉन्ट्रैक्ट’ के लिए जाने जाते हैं, लॉक ‘टू ट्रीटाइसेस ऑफ गवर्नमेंट’ के लिए, और वॉल्टेयर स्वतंत्रता और सहिष्णुता के पैरोकार थे।

प्रश्न 10: किस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया?

  1. कोलकाता अधिवेशन, 1928
  2. लाहौर अधिवेशन, 1929
  3. कराची अधिवेशन, 1931
  4. त्रिपुरी अधिवेशन, 1939

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही क्यों: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन (1929) में पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित किया गया। इसी अधिवेशन में 26 जनवरी 1930 को ‘स्वतंत्रता दिवस’ मनाने का भी संकल्प लिया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अधिवेशन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। इसने ब्रिटिश शासन से पूर्ण स्वतंत्रता को राष्ट्रीय आंदोलन का अंतिम लक्ष्य घोषित किया।
  • गलत विकल्प: कोलकाता अधिवेशन (1928) में मोतीलाल नेहरू रिपोर्ट पर विचार किया गया था, जिसमें डोमिनियन स्टेटस की मांग थी। कराची अधिवेशन (1931) में मौलिक अधिकारों और आर्थिक नीति का प्रस्ताव पारित हुआ। त्रिपुरी अधिवेशन (1939) सुभाष चंद्र बोस और गांधीजी के बीच मतभेदों के कारण चर्चित रहा।

प्रश्न 11: ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा किसने दिया?

  1. स्वामी विवेकानंद
  2. स्वामी दयानंद सरस्वती
  3. राजा राम मोहन राय
  4. ईश्वर चंद्र विद्यासागर

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही क्यों: ‘वेदों की ओर लौटो’ का प्रसिद्ध नारा स्वामी दयानंद सरस्वती ने दिया था। वे आर्य समाज के संस्थापक थे और वेदों को ज्ञान का स्रोत मानते थे।
  • संदर्भ और विस्तार: स्वामी दयानंद सरस्वती (1824-1883) ने भारत में सामाजिक और धार्मिक सुधारों की शुरुआत की। उन्होंने वेदों के सार्वभौमिक सत्य पर जोर दिया और मूर्ति पूजा, बाल विवाह तथा जाति व्यवस्था जैसी कुरीतियों का विरोध किया। उन्होंने सत्यार्थ प्रकाश नामक पुस्तक भी लिखी।
  • गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद ने ‘उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए’ जैसे नारे दिए। राजा राम मोहन राय ब्रह्म समाज के संस्थापक थे और ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने विधवा पुनर्विवाह के लिए कार्य किया।

प्रश्न 12: प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण क्या था?

  1. जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण
  2. ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फर्डिनेंड की हत्या
  3. रूस का ऑस्ट्रिया पर युद्ध की घोषणा
  4. फ्रांस और जर्मनी के बीच युद्ध

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही क्यों: 28 जून 1914 को बोस्निया की राजधानी साराजेवो में ऑस्ट्रिया-हंगरी के सिंहासन के उत्तराधिकारी आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड और उनकी पत्नी की हत्या एक सर्बियाई राष्ट्रवादी द्वारा कर दी गई थी। इस घटना ने प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) की शुरुआत को चिंगारी दी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह हत्या यूरोपीय शक्तियों के बीच पहले से मौजूद तनावों (जैसे राष्ट्रवाद, साम्राज्यवाद, सैन्यीकरण और गठबंधन की जटिल प्रणाली) को और बढ़ा गई, जिससे एक के बाद एक युद्ध की घोषणाएं हुईं और यह एक विश्व युद्ध में बदल गया।
  • गलत विकल्प: जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण द्वितीय विश्व युद्ध का कारण बना। रूस का ऑस्ट्रिया पर युद्ध की घोषणा उसी श्रृंखला की कड़ी थी, जो फर्डिनेंड की हत्या के बाद शुरू हुई, लेकिन हत्या स्वयं तात्कालिक कारण थी। फ्रांस और जर्मनी के बीच युद्ध प्रथम विश्व युद्ध का हिस्सा था, न कि उसका मूल कारण।

प्रश्न 13: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत किसने की थी?

  1. हुमायूँ
  2. अकबर
  3. जहाँगीर
  4. शाहजहाँ

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही क्यों: मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ईस्वी में ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) की शुरुआत की थी। यह एक संश्लेषित धर्म था जिसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों के सार को एक साथ लाना था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अकबर की धार्मिक सहिष्णुता और सभी धर्मों के बीच सामंजस्य स्थापित करने की इच्छा का परिणाम था। हालांकि, इसे व्यापक रूप से स्वीकार नहीं किया गया और यह अकबर की मृत्यु के बाद प्रभावी रूप से समाप्त हो गया। बीरबल ही एकमात्र प्रमुख व्यक्ति थे जिन्होंने इसे अपनाया था।
  • गलत विकल्प: हुमायूँ, जहाँगीर और शाहजहाँ ने अपने-अपने शासनकाल में महत्वपूर्ण कार्य किए, लेकिन ‘दीन-ए-इलाही’ की अवधारणा और शुरुआत अकबर से जुड़ी है।

प्रश्न 14: सविनय अवज्ञा आंदोलन (Civil Disobedience Movement) का प्रारंभ गांधीजी ने किस प्रसिद्ध मार्च से किया?

  1. भारत छोड़ो आंदोलन
  2. असहयोग आंदोलन
  3. नमक मार्च (दांडी मार्च)
  4. सविनय अवज्ञा मार्च

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही क्यों: महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से दांडी तक की प्रसिद्ध ‘नमक मार्च’ (दांडी मार्च) के साथ सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत की। इस मार्च का उद्देश्य ब्रिटिश सरकार द्वारा लगाए गए नमक कानून को तोड़ना था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस आंदोलन के तहत, भारतीय लोगों ने ब्रिटिश कानूनों का शांतिपूर्ण ढंग से उल्लंघन किया, जैसे नमक बनाना, शराब की दुकानों पर धरना देना और सरकारी संस्थानों का बहिष्कार करना। यह ब्रिटिश सरकार के खिलाफ एक अहिंसक लेकिन सशक्त प्रतिरोध था।
  • गलत विकल्प: भारत छोड़ो आंदोलन 1942 में शुरू हुआ। असहयोग आंदोलन 1920 में शुरू हुआ था। ‘सविनय अवज्ञा मार्च’ एक सामान्य शब्द है, जबकि ‘नमक मार्च’ या ‘दांडी मार्च’ इस आंदोलन के विशिष्ट प्रारंभिक कार्य का नाम है।

प्रश्न 15: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?

  1. चंद्रगुप्त प्रथम
  2. समुद्रगुप्त
  3. चंद्रगुप्त द्वितीय
  4. स्कंदगुप्त

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही क्यों: इतिहासकार वी. ए. स्मिथ ने समुद्रगुप्त (शासनकाल लगभग 335-375 ईस्वी) को उसकी विजयों और साम्राज्य विस्तार के कारण ‘भारत का नेपोलियन’ कहा है।
  • संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त एक महान योद्धा और कुशल शासक था। उसने उत्तर भारत के कई राज्यों को जीता और दक्षिण भारत में भी सैन्य अभियान चलाए, जिससे उसका साम्राज्य लगभग पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैल गया। उसकी वीरता और विस्तारवादी नीतियों के कारण यह उपमा दी गई।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का संस्थापक था। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) का काल भी स्वर्ण युग माना जाता है, लेकिन विजयों के संदर्भ में समुद्रगुप्त प्रमुख हैं। स्कंदगुप्त ने हूणों के आक्रमणों का सफलतापूर्वक सामना किया।

प्रश्न 16: **विश्व इतिहास**: **रूसी क्रांति** (Russian Revolution) किस वर्ष हुई?

  1. 1905
  2. 1917
  3. 1922
  4. 1929

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही क्यों: रूसी क्रांति, जिसने जारशाही को समाप्त किया और सोवियत संघ की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया, मुख्यतः 1917 में हुई। इस वर्ष दो प्रमुख क्रांतियाँ हुईं: फरवरी क्रांति (जिससे जार निकोलस द्वितीय ने पदत्याग किया) और अक्टूबर क्रांति (जिसमें बोल्शेविकों ने सत्ता संभाली)।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रथम विश्व युद्ध में रूस की भागीदारी, आर्थिक कठिनाइयाँ और सामाजिक असमानताएँ क्रांति के प्रमुख कारण थे। व्लादिमीर लेनिन के नेतृत्व में बोल्शेविक पार्टी सत्ता में आई।
  • गलत विकल्प: 1905 में भी रूस में क्रांति हुई थी, जिसे ‘1905 की रूसी क्रांति’ कहा जाता है, लेकिन यह 1917 की क्रांति जितनी निर्णायक नहीं थी। 1922 में सोवियत संघ की औपचारिक स्थापना हुई। 1929 विश्वव्यापी आर्थिक मंदी का वर्ष था।

प्रश्न 17: ‘अष्टप्रधान’ (Ashtapradhan) नामक मंत्रिपरिषद की व्यवस्था किस साम्राज्य में थी?

  1. मौर्य साम्राज्य
  2. गुप्त साम्राज्य
  3. चोल साम्राज्य
  4. मराठा साम्राज्य

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही क्यों: ‘अष्टप्रधान’ आठ मंत्रियों की एक मंत्रिपरिषद थी, जो मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रशासनिक व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अंग थी।
  • संदर्भ और विस्तार: शिवाजी ने अपने राज्य के सुचारू संचालन के लिए आठ विभागों का गठन किया था, जिनका नेतृत्व आठ मंत्रियों द्वारा किया जाता था। इन मंत्रियों में पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सुमंत (विदेश मंत्री) आदि प्रमुख थे।
  • गलत विकल्प: मौर्य, गुप्त और चोल साम्राज्यों की अपनी-अपनी प्रशासनिक व्यवस्थाएँ थीं, लेकिन ‘अष्टप्रधान’ शब्द विशेष रूप से मराठा प्रशासन से जुड़ा है।

प्रश्न 18: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ (Forward Bloc) की स्थापना किसने की थी?

  1. महात्मा गांधी
  2. जवाहरलाल नेहरू
  3. सुभाष चंद्र बोस
  4. सरदार वल्लभभाई पटेल

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही क्यों: फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना 1939 में सुभाष चंद्र बोस ने की थी। यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अलग होकर बनाई गई एक राजनीतिक पार्टी थी।
  • संदर्भ और विस्तार: कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में अपने इस्तीफे के बाद, बोस ने राष्ट्रवाद को मजबूत करने और भारत की स्वतंत्रता के लिए एक अधिक कट्टरपंथी दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस पार्टी की स्थापना की।
  • गलत विकल्प: गांधीजी, नेहरू और पटेल कांग्रेस के प्रमुख नेता थे, लेकिन फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना का श्रेय सुभाष चंद्र बोस को जाता है।

प्रश्न 19: **विश्व इतिहास**: **फ्रांसीसी क्रांति** (French Revolution) कब हुई?

  1. 1776
  2. 1789
  3. 1815
  4. 1848

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही क्यों: फ्रांसीसी क्रांति की शुरुआत 1789 में बास्तील के पतन (14 जुलाई 1789) के साथ हुई। यह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तन का काल था जिसने फ्रांस के राजशाही शासन को समाप्त कर दिया।
  • संदर्भ और विस्तार: क्रांति के प्रमुख कारण असमानता, आर्थिक संकट, निरंकुश राजशाही और ज्ञानोदय के विचारों का प्रसार थे। इसने ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberty, Equality, Fraternity) के आदर्शों को जन्म दिया, जिसने दुनिया भर के राजनीतिक आंदोलनों को प्रभावित किया।
  • गलत विकल्प: 1776 अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा का वर्ष है। 1815 वाटरलू का युद्ध और नेपोलियन का अंत का वर्ष है। 1848 यूरोप में क्रांतियों का वर्ष था।

प्रश्न 20: **पुरातत्व**: **सिंधु घाटी सभ्यता** के किस स्थल पर **घोड़े की अस्थियाँ** मिली हैं?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. सुरकोटदा

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही क्यों: गुजरात में स्थित सुरकोटदा नामक पुरातात्विक स्थल पर सिंधु घाटी सभ्यता के संदर्भ में घोड़े की अस्थियाँ मिली हैं। यह स्थान घोड़े के पालतूकरण या उसके उपयोग का प्रमाण प्रस्तुत करता है, हालाँकि इस पर अभी भी बहस जारी है।
  • संदर्भ और विस्तार: सुरकोटदा से हड़प्पा काल के किलेबंदी के भी प्रमाण मिलते हैं। घोड़े की अस्थियों की खोज ने सिंधु सभ्यता में घोड़े की भूमिका पर नए दृष्टिकोण खोले हैं।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा, मोहनजोदड़ो और लोथल से घोड़े के जीवाश्म या अवशेषों के प्रत्यक्ष प्रमाण (जैसा सुरकोटदा में मिला है) नहीं मिले हैं, हालांकि कुछ मुहरों पर घोड़े के चित्र मिल सकते हैं।

प्रश्न 21: **मध्यकालीन इतिहास**: **कुतुबुद्दीन ऐबक** द्वारा निर्मित **कुतुब मीनार** का निर्माण किस सूफी संत को समर्पित है?

  1. शेख निजामुद्दीन औलिया
  2. शेख सलीम चिश्ती
  3. ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती
  4. कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही क्यों: कुतुब मीनार का निर्माण दिल्ली सल्तनत के संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक ने प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की स्मृति में शुरू करवाया था।
  • संदर्भ और विस्तार: ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी एक बहुत ही प्रभावशाली चिश्ती सिलसिले के सूफी संत थे, जिनकी मृत्यु 1235-36 ईस्वी में हुई थी। ऐबक उनका एक भक्त था। मीनार का निर्माण 1199 ईस्वी में शुरू हुआ और बाद में इल्तुतमिश द्वारा पूरा किया गया।
  • गलत विकल्प: शेख निजामुद्दीन औलिया 14वीं शताब्दी के सूफी संत थे, शेख सलीम चिश्ती अकबर के समकालीन थे, और ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती अजमेर में स्थित हैं।

प्रश्न 22: **आधुनिक भारत**: **’हरिजन’** (Harijan) नामक समाचार पत्र का प्रकाशन किसने किया?

  1. बाल गंगाधर तिलक
  2. महात्मा गांधी
  3. लाला लाजपत राय
  4. गोपाल कृष्ण गोखले

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही क्यों: महात्मा गांधी ने ‘हरिजन’ नामक साप्ताहिक समाचार पत्र का प्रकाशन किया था। इसका उद्देश्य दलितों (जिन्हें वे ‘हरिजन’ या ईश्वर के पुत्र कहते थे) की स्थिति में सुधार करना और छुआछूत के विरुद्ध जनमत तैयार करना था।
  • संदर्भ और विस्तार: गांधीजी ने यह पत्रिका 1932 में शुरू की थी, जो पूना पैक्ट के बाद उनके दलितों के प्रति समर्पण का प्रतीक थी। यह पत्रिका कई भाषाओं में छपती थी और इसने सामाजिक समानता के संदेश को फैलाया।
  • गलत विकल्प: बाल गंगाधर तिलक ‘केसरी’ और ‘मराठा’ के संपादक थे। लाला लाजपत राय ‘पंजाब केसरी’ के रूप में जाने जाते हैं और उन्होंने ‘यंग इंडिया’ (जो गांधीजी का भी एक प्रकाशन था) और ‘द पीपल’ का संपादन किया। गोपाल कृष्ण गोखले ‘गIFTed India’ के लिए जाने जाते हैं।

प्रश्न 23: **विश्व इतिहास**: **अमेरिकी गृहयुद्ध** (American Civil War) किस अवधि के बीच लड़ा गया?

  1. 1850-1855
  2. 1861-1865
  3. 1870-1871
  4. 1914-1918

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही क्यों: अमेरिकी गृहयुद्ध, जो संयुक्त राज्य अमेरिका के भीतर संघीय सरकार (Union) और ग्यारह दक्षिणी राज्यों (Confederacy) के बीच लड़ा गया था, 1861 से 1865 तक चला।
  • संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध मुख्य रूप से दासता (slavery) के प्रश्न पर लड़ा गया था। इसके परिणामस्वरूप दासता का उन्मूलन हुआ और संयुक्त राज्य अमेरिका एक अविभाज्य राष्ट्र के रूप में मजबूत हुआ।
  • गलत विकल्प: 1850-1855 के दशक में दासता को लेकर तनाव बढ़ रहा था। 1870-1871 में फ्रैंको-प्रशिया युद्ध हुआ। 1914-1918 प्रथम विश्व युद्ध का काल है।

प्रश्न 24: **प्राचीन भारत**: **चरक संहिता** (Charaka Samhita) किस विषय पर एक प्राचीन ग्रंथ है?

  1. ज्योतिष
  2. दर्शन
  3. चिकित्सा
  4. भाषा विज्ञान

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही क्यों: चरक संहिता, जो आयुर्वेद के महानतम ग्रंथों में से एक है, चिकित्सा विज्ञान पर आधारित एक प्राचीन भारतीय ग्रंथ है। इसे महान चिकित्सक चरक (लगभग दूसरी शताब्दी ईस्वी) द्वारा संकलित किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह ग्रंथ मानव शरीर रचना, रोग निदान, औषधियों, और उपचार विधियों का विस्तृत वर्णन करता है। यह आयुर्वेद के सिद्धांतों का एक आधारभूत पाठ है और इसने भारतीय चिकित्सा पद्धति को गहराई से प्रभावित किया है।
  • गलत विकल्प: ज्योतिष, दर्शन और भाषा विज्ञान के क्षेत्र में भी प्राचीन भारतीय ग्रंथ हैं, लेकिन चरक संहिता विशेष रूप से चिकित्सा से संबंधित है।

प्रश्न 25: **आधुनिक भारत**: **’गदर पार्टी’** (Ghadar Party) की स्थापना कहाँ हुई थी?

  1. लंदन
  2. भारत
  3. संयुक्त राज्य अमेरिका
  4. जर्मनी

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही क्यों: गदर पार्टी की स्थापना 1913 में सैन फ्रांसिस्को, संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई थी। इसके संस्थापक लाला हरदयाल, सोहन सिंह भकना जैसे भारतीय देशभक्त थे जो विदेश में रह रहे थे।
  • संदर्भ और विस्तार: पार्टी का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत में सशस्त्र क्रांति को बढ़ावा देना था। उन्होंने ‘गदर’ नामक एक समाचार पत्र भी प्रकाशित किया, जो भारत में स्वतंत्रता संग्राम के प्रति लोगों को प्रेरित करता था।
  • गलत विकल्प: लंदन में भी भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन सक्रिय थे, लेकिन गदर पार्टी का मुख्य केंद्र सैन फ्रांसिस्को था। भारत में भी स्वतंत्रता आंदोलन चल रहा था, लेकिन पार्टी की स्थापना विदेशी धरती पर हुई। जर्मनी में भी कुछ क्रांतिकारी गतिविधियों को समर्थन मिला, लेकिन गदर पार्टी का मूल स्थान अमेरिका है।

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