इतिहास का महासंग्राम: ज्ञान की जंग, आज ही जीतें!
तैयारी के मैदान में आपका स्वागत है, योद्धाओं! समय के रथ पर सवार होकर, हम आज इतिहास के उन पन्नों को खोलेंगे जहाँ आपकी सूझबूझ और ज्ञान की अग्नि परीक्षा होगी। हर प्रश्न एक नई चुनौती है, और हर जवाब आपकी विजय का संकेत। तो कमर कस लीजिए, क्योंकि यह 25 प्रश्नों का महासंग्राम आपके ऐतिहासिक ज्ञान को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तैयार है!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस हड़प्पा स्थल से फारस की खाड़ी के प्रकार की मुहरें मिली हैं?
- लोथल
- धौलावीरा
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: लोथल, जो गुजरात में स्थित एक महत्वपूर्ण हड़प्पा स्थल था, से फारस की खाड़ी (Persian Gulf) के प्रकार की मुहरें प्राप्त हुई हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि हड़प्पा सभ्यता का पश्चिमी एशिया के साथ व्यापारिक संबंध था।
- संदर्भ और विस्तार: लोथल को अक्सर एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर के रूप में वर्णित किया जाता है। यहाँ मिली मुहरों में मेसोपोटामियाई या फारसी शैलियों की झलक मिलती है, जो तत्कालीन व्यापार नेटवर्क की ओर इशारा करती हैं।
- गलत विकल्प: धौलावीरा (गुजरात) अपनी जल प्रबंधन प्रणाली और स्टेडियम जैसी संरचनाओं के लिए जाना जाता है। हड़प्पा और मोहनजोदड़ो, दोनों ही प्रमुख हड़प्पा सभ्यता के स्थल हैं, जहाँ से मुहरें तो मिली हैं, लेकिन फारस की खाड़ी के प्रकार की विशिष्ट मुहरें लोथल से ही जुड़ी हैं।
प्रश्न 2: ‘पद्मिनी’ की कथा, जो अलाउद्दीन खिलजी के चित्तौड़ पर आक्रमण का कारण बनी, का उल्लेख किस ग्रंथ में सर्वप्रथम मिलता है?
- पृथ्वीराज रासो
- आइन-ए-अकबरी
- तारीख-ए-फिरोजशाही
- पद्मावत
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘पद्मावत’ मलिक मुहम्मद जायसी द्वारा 1540 ईस्वी में लिखा गया एक महाकाव्य है, जिसमें रानी पद्मिनी और अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण की कथा का सर्वप्रथम विस्तृत वर्णन मिलता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह कथा भारतीय साहित्य में काफी प्रसिद्ध है, हालांकि इसके ऐतिहासिक सत्यता पर विद्वानों में मतभेद है। ‘पद्मावत’ एक प्रेम कहानी और वीरगाथा के रूप में प्रस्तुत है।
- गलत विकल्प: ‘पृथ्वीराज रासो’ पृथ्वीराज चौहान के जीवन पर आधारित है। ‘आइन-ए-अकबरी’ अकबर के शासनकाल का वृत्तांत है, और ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ दिल्ली सल्तनत के फिरोज शाह तुगलक के काल का इतिवृत्त है। इनमें रानी पद्मिनी की कथा का उल्लेख नहीं है।
प्रश्न 3: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने किस नदी के तट पर की थी?
- गोदावरी
- तुंगभद्रा
- कृष्णा
- कावेरी
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने की थी, जो तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित हंपी (वर्तमान कर्नाटक) में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इन भाइयों ने दिल्ली सल्तनत के कमजोर होने के दौर में दक्षिण भारत में एक स्वतंत्र हिंदू राज्य की स्थापना की। विजयनगर अपनी समृद्ध वास्तुकला, व्यापार और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए विख्यात था।
- गलत विकल्प: गोदावरी, कृष्णा और कावेरी अन्य महत्वपूर्ण दक्षिण भारतीय नदियाँ हैं, लेकिन विजयनगर की राजधानी तुंगभद्रा के किनारे ही बसाई गई थी।
प्रश्न 4: ‘नील दर्पण’ नाटक के लेखक कौन थे, जिसने नील की खेती करने वाले किसानों की दुर्दशा को चित्रित किया?
- बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय
- दिनबंधु मित्र
- सुभाष चंद्र बोस
- सुरेंद्रनाथ बनर्जी
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘नील दर्पण’ (Nil Darpan) नामक नाटक के लेखक दिनबंधु मित्र थे। यह नाटक 1859-60 के नील विद्रोह के दौरान लिखा गया था और इसने बंगाल के नील उत्पादक किसानों के शोषण और दुर्दशा को मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस नाटक का अंग्रेजी में अनुवाद भी हुआ और इसने ब्रिटिश सरकार पर किसानों की स्थिति सुधारने के लिए दबाव बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- गलत विकल्प: बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ‘आनंद मठ’ के लिए जाने जाते हैं, सुभाष चंद्र बोस एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे, और सुरेंद्रनाथ बनर्जी एक प्रारंभिक राष्ट्रवादी नेता थे।
प्रश्न 5: किस फ्रांसीसी दार्शनिक ने ‘सामाजिक अनुबंध’ (Social Contract) के सिद्धांत का प्रतिपादन किया, जिसका प्रभाव फ्रांसीसी क्रांति पर पड़ा?
- वॉल्टेयर
- जीन-जैक्स रूसो
- डेविड ह्यूम
- इमैनुएल कांट
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: जीन-जैक्स रूसो (Jean-Jacques Rousseau) ने 1762 में प्रकाशित अपनी पुस्तक ‘सामाजिक अनुबंध’ (The Social Contract) में इस सिद्धांत का विस्तृत विवेचन किया। उन्होंने तर्क दिया कि सरकार की वैधता लोगों की सहमति पर आधारित होनी चाहिए।
- संदर्भ और विस्तार: रूसो के विचारों ने ‘संप्रभुता जनता में निहित है’ (Sovereignty resides in the people) की अवधारणा को बल दिया, जो फ्रांसीसी क्रांति के प्रमुख नारों में से एक बनी।
- गलत विकल्प: वॉल्टेयर ने धार्मिक सहिष्णुता और स्वतंत्रता की वकालत की, डेविड ह्यूम एक स्कॉटिश दार्शनिक थे, और इमैनुएल कांट एक जर्मन दार्शनिक थे। इन सभी ने ज्ञानोदय (Enlightenment) में योगदान दिया, लेकिन सामाजिक अनुबंध का मुख्य प्रतिपादक रूसो थे।
प्रश्न 6: ऋग्वेद में ‘अघन्य’ शब्द किसके लिए प्रयोग किया गया है?
- सोम
- घोड़ा
- गाय
- हाथी
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ऋग्वेद में ‘अघन्य’ शब्द का प्रयोग गाय के लिए किया गया है। ‘अघन्य’ का अर्थ है ‘जिसे मारा न जा सके’।
- संदर्भ और विस्तार: वैदिक काल में गाय को अत्यंत पवित्र और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता था। यह धन का प्रतीक थी और इसका व्यापार या वध वर्जित था।
- गलत विकल्प: घोड़ा (अश्व), हाथी, और सोम (एक पौधा जिससे पेय बनता था) ऋग्वेद में उल्लिखित अन्य महत्वपूर्ण तत्व हैं, लेकिन ‘अघन्य’ विशेष रूप से गाय के लिए प्रयुक्त होता था।
प्रश्न 7: ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ का लेखक कौन था, जिसने जलालुद्दीन खिलजी से लेकर फिरोजशाह तुगलक तक के सुल्तानों का इतिहास लिखा?
- जियाउद्दीन बरनी
- अमीर खुसरो
- इब्न बतूता
- मिन्हाज-उस-सिराज
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: जियाउद्दीन बरनी (Ziauddin Barani) ने ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ (Tarikh-i-Firuz Shahi) की रचना की। यह पुस्तक 1357 ईस्वी में पूरी हुई और इसमें जलालुद्दीन खिलजी (1290) से लेकर फिरोजशाह तुगलक (1351-1388) तक के शासकों के शासनकाल का विस्तृत विवरण है।
- संदर्भ और विस्तार: बरनी एक महत्वपूर्ण इतिहासकार था जिसने केवल घटनाओं का वर्णन ही नहीं किया, बल्कि उन घटनाओं के पीछे के कारणों और नीतियों का भी विश्लेषण किया।
- गलत विकल्प: अमीर खुसरो दिल्ली सल्तनत के एक महान कवि थे। इब्न बतूता एक मोरक्को यात्री थे जिन्होंने ‘रेहला’ लिखी। मिन्हाज-उस-सिराज ने ‘तबकात-ए-नासिरी’ लिखी, जो गुलाम वंश तक का इतिहास बताती है।
प्रश्न 8: 1905 में लॉर्ड कर्जन द्वारा किए गए बंगाल विभाजन के विरोध में ‘स्वदेशी आंदोलन’ किस वर्ष प्रारंभ हुआ?
- 1900
- 1905
- 1906
- 1907
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: लॉर्ड कर्जन ने 1905 में बंगाल का विभाजन किया। इस विभाजन के तत्काल विरोध में, उसी वर्ष (1905) स्वदेशी आंदोलन प्रारंभ हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: स्वदेशी आंदोलन का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश वस्तुओं का बहिष्कार करना और भारतीय उत्पादों को बढ़ावा देना था। इसने भारतीय राष्ट्रवाद को एक नई दिशा दी और इसमें कला, साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी नई चेतना आई।
- गलत विकल्प: 1900 विभाजन से पहले का समय है। 1906 में मुस्लिम लीग की स्थापना हुई और कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में स्वदेशी आंदोलन को औपचारिक रूप से अपनाया गया। 1907 में सूरत अधिवेशन में कांग्रेस का विभाजन हुआ।
प्रश्न 9: ‘ऑपरेशन बारबारोसा’ (Operation Barbarossa) द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान किस देश पर जर्मनी के आक्रमण का कोड नाम था?
- ब्रिटेन
- सोवियत संघ
- फ्रांस
- जापान
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘ऑपरेशन बारबारोसा’ 22 जून, 1941 को जर्मनी द्वारा सोवियत संघ पर किए गए आक्रमण का कोड नाम था। यह द्वितीय विश्व युद्ध का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: इस आक्रमण का उद्देश्य सोवियत संघ के संसाधनों पर कब्जा करना और साम्यवाद को नष्ट करना था। इसने पूर्वी मोर्चे पर एक क्रूर और बड़े पैमाने पर युद्ध की शुरुआत की।
- गलत विकल्प: जर्मनी ने ब्रिटेन पर हवाई हमले (बैटल ऑफ ब्रिटेन) किए थे, फ्रांस पर 1940 में आक्रमण किया था, और जापान मित्र राष्ट्रों के साथ था (हालांकि बाद में धुरी राष्ट्रों के साथ युद्ध में शामिल हुआ)।
प्रश्न 10: मौर्य साम्राज्य का संस्थापक कौन था, जिसने चंद्रगुप्त नाम से सिंहासन पर बैठा?
- बिंदुसार
- अशोक
- चंद्रगुप्त मौर्य
- बिंदुसार
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: मौर्य साम्राज्य का संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य था। उसने 322 ईसा पूर्व में नंद वंश के अंतिम शासक धनानंद को हराकर सिंहासन प्राप्त किया।
- संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त मौर्य ने चाणक्य (कौटिल्य) की सहायता से एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की, जो उस समय के सबसे बड़े साम्राज्यों में से एक था।
- गलत विकल्प: बिंदुसार चंद्रगुप्त मौर्य का पुत्र और अशोक का पिता था। अशोक मौर्य वंश का सबसे प्रसिद्ध शासक था। (यहां बिंदुसार दो बार विकल्प में था, यह एक टाइपो है, लेकिन प्रश्न के संदर्भ में चंद्रगुप्त मौर्य ही सही उत्तर है।)
प्रश्न 11: इल्तुतमिश के शासनकाल में निम्नलिखित में से किस विद्वान ने ‘ताज-उल-मासिर’ की रचना की?
- जियाउद्दीन बरनी
- हसन निजामी
- अमीर खुसरो
- मिन्हाज-उस-सिराज
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: हसन निजामी (Hasan Nizami) ने इल्तुतमिश के शासनकाल के दौरान ‘ताज-उल-मासिर’ (Taj-ul-Masir) की रचना की। यह पुस्तक दिल्ली सल्तनत के प्रारंभिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, विशेषकर कुतुबुद्दीन ऐबक के शासनकाल पर केंद्रित है।
- संदर्भ और विस्तार: हसन निजामी कुतुबुद्दीन ऐबक के संरक्षण में था और उसने ऐबक की विजयों का वर्णन भी किया है। ‘ताज-उल-मासिर’ को दिल्ली सल्तनत का पहला आधिकारिक इतिहास माना जाता है।
- गलत विकल्प: जियाउद्दीन बरनी ने ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ लिखी। अमीर खुसरो ने कई ग्रंथ लिखे, लेकिन ‘ताज-उल-मासिर’ उनकी नहीं है। मिन्हाज-उस-सिराज ने ‘तबकात-ए-नासिरी’ लिखी।
प्रश्न 12: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ नामक राजनीतिक दल की स्थापना किसने की थी?
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- सुभाष चंद्र बोस
- सरदार वल्लभभाई पटेल
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: सुभाष चंद्र बोस ने 1939 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ नामक एक राजनीतिक दल की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना का उद्देश्य राजनीतिक रूप से अधिक कट्टरपंथी और साम्राज्यवाद विरोधी मंच प्रदान करना था। बोस ने इसे भारत की पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए एक जन आंदोलन के रूप में देखा।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता थे और उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना नहीं की थी।
प्रश्न 13: 1789 में फ्रांसीसी क्रांति की शुरुआत किस घटना से मानी जाती है?
- बास्तील का पतन
- स्टेट्स-जनरल का अधिवेशन
- टेनिस कोर्ट की शपथ
- मानव अधिकारों की घोषणा
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: 14 जुलाई, 1789 को बास्तील के किले पर हमला और उसका पतन फ्रांसीसी क्रांति की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: बास्तील उस समय शाही सत्ता और दमन का प्रतीक था। इसके पतन ने आम जनता के विद्रोह को दर्शाया और क्रांति की दिशा को तेज़ कर दिया।
- गलत विकल्प: स्टेट्स-जनरल का अधिवेशन (मई 1789) क्रांति का तात्कालिक कारण बना, और टेनीस कोर्ट की शपथ (जून 1789) ने राष्ट्रीय सभा के गठन की नींव रखी, लेकिन बास्तील का पतन ही क्रांति का आरंभिक शक्तिशाली प्रतीक था। मानव अधिकारों की घोषणा बाद में हुई।
प्रश्न 14: बौद्ध धर्म की किस संगीति की अध्यक्षता ‘मोग्गलिपुत्त तिस्स’ ने की थी, और इसमें ‘कथावत्थु’ नामक ग्रंथ को संकलित किया गया?
- प्रथम संगीति (राजगृह)
- द्वितीय संगीति (वैशाली)
- तृतीय संगीति (पाटलिपुत्र)
- चतुर्थ संगीति (कुंडलवन)
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: तृतीय बौद्ध संगीति की अध्यक्षता मोग्गलिपुत्त तिस्स ने पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना) में सम्राट अशोक के संरक्षण में की थी। इसी संगीति में ‘कथावत्थु’ नामक ग्रंथ का संकलन किया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस संगीति का मुख्य उद्देश्य बौद्ध धर्म के उपदेशों को शुद्ध करना और भिक्षुओं के बीच अनुशासन स्थापित करना था। ‘कथावत्थु’ बौद्ध दर्शन का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है।
- गलत विकल्प: प्रथम संगीति राजगृह में अजातशत्रु के संरक्षण में, द्वितीय संगीति वैशाली में कालाशोक के संरक्षण में, और चतुर्थ संगीति कुंडलवन (कश्मीर) में कनिष्क के संरक्षण में हुई थी।
प्रश्न 15: प्रसिद्ध ‘मीनाक्षी मंदिर’ किस साम्राज्य के शासनकाल में अपनी चरमोत्कर्ष पर पहुंचा और उसका विस्तार हुआ?
- चोल
- पल्लव
- पांड्य
- होयसल
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: मदुरै का प्रसिद्ध मीनाक्षी मंदिर मुख्य रूप से पांड्य (Pandya) साम्राज्य के शासनकाल में अपनी भव्यता और विस्तार को प्राप्त हुआ। पांड्य शासकों ने मंदिर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- संदर्भ और विस्तार: मंदिर की वर्तमान संरचना का अधिकांश भाग 16वीं-17वीं शताब्दी के दौरान पांड्य शासकों द्वारा करवाया गया, जो विजयनगर साम्राज्य के अधीन थे। यह मंदिर द्रविड़ वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
- गलत विकल्प: चोल, पल्लव और होयसल दक्षिण भारत के अन्य महत्वपूर्ण राजवंश थे, जिन्होंने अपनी वास्तुकला में योगदान दिया, लेकिन मीनाक्षी मंदिर का मुख्य विकास पांड्यों के अधीन हुआ।
प्रश्न 16: ‘रैयतवाड़ी बंदोबस्त’ प्रणाली भारत के किन क्षेत्रों में लागू की गई थी?
- पूर्वी और उत्तरी भारत
- पश्चिमी और दक्षिणी भारत
- उत्तरी और पश्चिमी भारत
- पूर्वी और दक्षिणी भारत
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: रैयतवाड़ी बंदोबस्त (Ryotwari Settlement) मुख्य रूप से मद्रास, बंबई प्रेसीडेंसी, असम और पूर्वी पंजाब के कुछ हिस्सों में लागू किया गया था, जो मोटे तौर पर पश्चिमी और दक्षिणी भारत के क्षेत्र थे।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली में, किसानों (रैयत) को सीधे सरकार को भू-राजस्व का भुगतान करना होता था, और उनकी भूमि पर मालिकाना हक उनका ही होता था। थॉमस मुनरो और कैप्टन रीड इसके प्रमुख प्रस्तावक थे।
- गलत विकल्प: पूर्वी और उत्तरी भारत (जैसे बंगाल) में स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement) लागू था, और उत्तर-पश्चिमी सीमांत क्षेत्रों में महालवाड़ी बंदोबस्त।
प्रश्न 17: ‘पुनर्जागरण’ (Renaissance) शब्द का क्या अर्थ है?
- पुनर्विवाह
- नया जन्म
- पुनर्जन्म
- पुनरुद्धार
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘पुनर्जागरण’ (Renaissance) एक फ्रेंच शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ ‘नया जन्म’ (Rebirth) होता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह शब्द 14वीं से 16वीं शताब्दी के दौरान यूरोप में हुए उस सांस्कृतिक, कलात्मक, राजनीतिक और आर्थिक पुनरुत्थान को वर्णित करने के लिए प्रयोग किया जाता है, जिसमें प्राचीन ग्रीक और रोमन सभ्यताओं की शास्त्रीय परंपराओं को फिर से खोजा गया और उन्हें महत्व दिया गया।
- गलत विकल्प: पुनर्विवाह, पुनर्जन्म और पुनरुद्धार इसके अर्थ के करीब हो सकते हैं, लेकिन ‘नया जन्म’ (Rebirth) सबसे सटीक और स्वीकार्य अनुवाद है।
प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘अर्थशास्त्र’ के बारे में सत्य है?
- यह प्रेम कहानियों का संग्रह है।
- यह व्याकरण और भाषा पर आधारित एक ग्रंथ है।
- यह राजनीति, अर्थशास्त्र और सैन्य रणनीति पर एक शास्त्रीय ग्रंथ है।
- यह चिकित्सा विज्ञान पर लिखा गया एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है।
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: कौटिल्य (चाणक्य) द्वारा रचित ‘अर्थशास्त्र’ राजनीति, अर्थशास्त्र, शासन कला, कूटनीति और सैन्य रणनीति पर एक प्राचीन भारतीय ग्रंथ है।
- संदर्भ और विस्तार: इस ग्रंथ को मौर्य साम्राज्य के शासनकाल के दौरान लिखा गया माना जाता है। यह राज्य के संचालन, लोक कल्याण, न्याय व्यवस्था और आर्थिक नीतियों जैसे विभिन्न विषयों पर गहन अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
- गलत विकल्प: ‘अर्थशास्त्र’ में प्रेम कहानियों, व्याकरण या चिकित्सा विज्ञान का प्रमुखता से वर्णन नहीं है, बल्कि यह एक राज्य-केंद्रित, व्यावहारिक और नीति-शास्त्र से संबंधित ग्रंथ है।
प्रश्न 19: ‘इबादत खाना’ (House of Worship) की स्थापना किस मुगल बादशाह ने की थी, जहाँ विभिन्न धर्मों के विद्वान चर्चा के लिए एकत्र होते थे?
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: मुगल बादशाह अकबर ने 1575 ईस्वी में फतेहपुर सीकरी में ‘इबादत खाना’ की स्थापना करवाई थी। यह एक ऐसी जगह थी जहाँ विभिन्न धार्मिक विद्वान, जैसे कि हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, पारसी, आदि, आकर अपने विचारों पर चर्चा करते थे।
- संदर्भ और विस्तार: अकबर का उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देना और विभिन्न धर्मों के सार को समझना था। इबादत खाने में हुई चर्चाओं ने अंततः अकबर के दीन-ए-इलाही की अवधारणा को भी प्रभावित किया।
- गलत विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब अपने-अपने शासनकाल के लिए जाने जाते हैं, लेकिन इबादत खाने की स्थापना का श्रेय अकबर को ही जाता है।
प्रश्न 20: ‘वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट’ (Vernacular Press Act) को किस वायसराय ने 1878 में लागू किया था?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड कैनिंग
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: लॉर्ड लिटन (Lord Lytton) ने 1878 में ‘वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट’ लागू किया था, जिसे ‘गायकवाड़ की हत्या’ के नाम से भी जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम का उद्देश्य भारतीय भाषाओं में प्रकाशित होने वाले समाचार-पत्रों पर नियंत्रण रखना था, ताकि ब्रिटिश शासन के विरुद्ध उठने वाली आलोचना को दबाया जा सके। इसने भारतीय प्रेस की स्वतंत्रता को गंभीर रूप से प्रतिबंधित कर दिया था।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी को ‘डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स’ के लिए जाना जाता है, लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया, और लॉर्ड कैनिंग भारत के पहले वायसराय थे।
प्रश्न 21: ‘कुलीन वर्ग का पतन’ (Decline of the Aristocracy) किस क्रांति की एक प्रमुख विशेषता थी?
- अमेरिकी क्रांति
- फ्रांसीसी क्रांति
- रूसी क्रांति
- चीनी क्रांति
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: फ्रांसीसी क्रांति (1789) की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक कुलीन वर्ग (Aristocracy) के विशेषाधिकारों का अंत और उनके पतन की शुरुआत थी।
- संदर्भ और विस्तार: क्रांति ने सदियों से चले आ रहे सामंती व्यवस्था और कुलीन वर्ग के विशेष दर्जे को समाप्त कर दिया। उनकी संपत्ति जब्त कर ली गई और कई कुलीनों को गिलोटिन पर चढ़ाया गया। इसने समानता और बंधुत्व के नए सिद्धांतों को स्थापित करने का प्रयास किया।
- गलत विकल्प: अमेरिकी क्रांति ने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की। रूसी क्रांति (1917) ने ज़ारशाही का अंत किया और साम्यवाद की स्थापना की। चीनी क्रांति (1949) ने साम्यवादी शासन की स्थापना की। इन सभी में सामाजिक परिवर्तन हुए, लेकिन कुलीन वर्ग के पतन का सबसे सीधा और तीव्र प्रभाव फ्रांसीसी क्रांति में देखा गया।
प्रश्न 22: गुप्त काल को ‘भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?
- क्योंकि इस काल में साहित्य, कला, विज्ञान और वास्तुकला का अभूतपूर्व विकास हुआ।
- क्योंकि इस काल में गुप्तों ने सबसे बड़ा साम्राज्य स्थापित किया।
- क्योंकि इस काल में बौद्ध धर्म का अत्यधिक प्रसार हुआ।
- क्योंकि इस काल में विदेशी आक्रमण नहीं हुए।
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: गुप्त काल (लगभग 320-550 ईस्वी) को ‘भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग’ कहा जाता है क्योंकि इस अवधि में साहित्य (कालिदास), कला (अजंता की गुफा चित्रकला), विज्ञान (आर्यभट्ट का खगोल विज्ञान और गणित), और वास्तुकला (सारनाथ का स्तूप, देवगढ़ का दशावतार मंदिर) में अभूतपूर्व उन्नति और विकास हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: यह काल शांति, समृद्धि और सांस्कृतिक उत्कृष्टता का प्रतीक था, जिसने भारतीय कला और विज्ञान की नींव को मजबूत किया।
- गलत विकल्प: यद्यपि गुप्तों ने एक बड़ा साम्राज्य स्थापित किया, लेकिन यह एकमात्र कारण नहीं था। बौद्ध धर्म का प्रसार भी जारी रहा, लेकिन इसका चरमोत्कर्ष अन्य कालों में भी था। विदेशी आक्रमण (जैसे हूणों द्वारा) पूर्णतः नहीं रुके थे। इसलिए, सांस्कृतिक और बौद्धिक विकास ही स्वर्ण युग का मुख्य कारण है।
प्रश्न 23: ‘बाबरनामा’ (तुज़ुक-ए-बाबरी) किस भाषा में लिखा गया था?
- फारसी
- अरबी
- तुर्की
- उर्दू
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘बाबरनामा’, जो भारत में मुगल साम्राज्य के संस्थापक बाबर की आत्मकथा है, तुर्की (चगताई तुर्की) भाषा में लिखी गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह प्रथम मुगल सम्राट बाबर द्वारा स्वयं लिखा गया था और यह उस काल के जीवन, सैन्य अभियानों और व्यक्तिगत विचारों का एक अनमोल दर्पण है। बाद में इसका फारसी में अनुवाद किया गया।
- गलत विकल्प: फारसी मुगल दरबार की आधिकारिक भाषा थी, लेकिन बाबर ने अपनी आत्मकथा मूल रूप से अपनी मातृभाषा, तुर्की में लिखी। अरबी और उर्दू उस समय इस रूप में इसका माध्यम नहीं थे।
प्रश्न 24: 1946 में संविधान सभा की अंतरिम सरकार में उपाध्यक्ष (Vice-President of the Interim Government) कौन थे?
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद
- डॉ. भीमराव अंबेडकर
- जवाहरलाल नेहरू
- सरदार वल्लभभाई पटेल
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: 1946 में बनी अंतरिम सरकार में, उपाध्यक्ष का पद जवाहरलाल नेहरू के पास था। वे कार्यकारी परिषद के उपाध्यक्ष और विदेश मामलों के मंत्री भी थे।
- संदर्भ और विस्तार: वायसराय (लॉर्ड वेवेल) इस सरकार के पदेन अध्यक्ष थे, लेकिन नेहरू को वास्तविक कार्यकारी शक्ति प्राप्त थी और वे सरकार के प्रमुख व्यक्ति के रूप में उभरे।
- गलत विकल्प: डॉ. राजेंद्र प्रसाद खाद्य एवं कृषि मंत्री थे, डॉ. भीमराव अंबेडकर विधि मंत्री थे, और सरदार वल्लभभाई पटेल गृह, सूचना एवं प्रसारण मंत्री थे।
प्रश्न 25: ‘शीत युद्ध’ (Cold War) मुख्य रूप से किन दो महाशक्तियों के बीच वैचारिक, राजनीतिक और आर्थिक प्रतिद्वंद्विता का दौर था?
- संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम
- सोवियत संघ और जर्मनी
- संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ
- फ्रांस और चीन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: शीत युद्ध (लगभग 1947-1991) मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) और सोवियत संघ (USSR) के बीच वैचारिक, राजनीतिक, सैन्य और आर्थिक प्रतिद्वंद्विता का दौर था।
- संदर्भ और विस्तार: यह प्रत्यक्ष सैन्य संघर्ष का काल नहीं था, बल्कि दोनों गुटों (पश्चिमी ब्लॉक और पूर्वी ब्लॉक) द्वारा एक-दूसरे को अस्थिर करने, जासूसी करने, हथियारों की दौड़ में भाग लेने और प्रॉक्सी युद्धों (proxy wars) का समर्थन करने का काल था।
- गलत विकल्प: यूनाइटेड किंगडम अमेरिका का सहयोगी था। जर्मनी शीत युद्ध के दौरान विभाजित था। फ्रांस और चीन महाशक्तियाँ थे, लेकिन शीत युद्ध की मुख्य धुरी अमेरिका और सोवियत संघ थे।
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