इतिहास का महासंग्राम: ज्ञान की अग्नि परीक्षा!
तैयार हो जाइए ज्ञान के एक रोमांचक सफर के लिए! आज के इस विशेष अभ्यास सत्र में, हम प्राचीन, मध्यकालीन, आधुनिक भारत और विश्व इतिहास की गहराइयों में उतरेंगे। हर प्रश्न आपके ज्ञान को परखेगा और हर उत्तर आपको परीक्षा के करीब ले जाएगा। आइए, इतिहास के रहस्यों को खोलें और अपनी तैयारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल को ‘सिंधु का बाग’ या ‘मृतकों का टीला’ कहा जाता है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगन
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: मोहनजोदड़ो, जिसका सिंधी भाषा में अर्थ ‘मृतकों का टीला’ है, सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल था। इसे “सिंधु का बाग” भी कहा जाता है क्योंकि यह सिंधु नदी के किनारे बसा एक महत्वपूर्ण शहरी केंद्र था।
- संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो में विशाल स्नानागार, अन्नागार, नर्तकी की कांस्य मूर्ति और पुरोहित की मुहर जैसे महत्वपूर्ण पुरातात्विक अवशेष मिले हैं। यह स्थल अपनी सुनियोजित शहरी संरचना के लिए जाना जाता है।
- गलत विकल्प: हड़प्पा सिंधु सभ्यता का पहला खोजा गया स्थल था। लोथल एक प्रमुख बंदरगाह था, और कालीबंगन से जुते हुए खेत के प्रमाण मिले हैं।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा जैन धर्म का त्रिरत्न नहीं है?
- सम्यक दर्शन
- सम्यक ज्ञान
- सम्यक चरित्र
- सम्यक आचरण
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: जैन धर्म के अनुसार मोक्ष प्राप्ति के लिए तीन रत्न (त्रिरत्न) आवश्यक हैं: सम्यक दर्शन (सही विश्वास), सम्यक ज्ञान (सही ज्ञान), और सम्यक चरित्र (सही आचरण/आचरण)। ‘सम्यक आचरण’ एक अलग शब्द है, लेकिन ‘सम्यक चरित्र’ में ही समाहित है, जबकि ‘सम्यक आचरण’ को सीधे त्रिरत्न में गिना नहीं जाता।
- संदर्भ और विस्तार: त्रिरत्न जैन दर्शन का मूल सिद्धांत हैं, जो आत्म-शुद्धि और कर्मों के क्षय की ओर ले जाते हैं। इनका पालन करने से आत्मा कर्मों के बंधन से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त करती है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) जैन धर्म के त्रिरत्न हैं। विकल्प (d) ‘सम्यक आचरण’ को सीधे तौर पर त्रिरत्न के रूप में प्रस्तुत नहीं किया गया है, हालांकि यह ‘सम्यक चरित्र’ का ही एक हिस्सा है।
प्रश्न 3: ‘अमुक्तमाल्यद’ नामक ग्रंथ की रचना किसने की थी?
- कृष्णदेव राय
- हरिहर
- बुक्का
- देवराय द्वितीय
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘अमुक्तमाल्यद’ (कविताओं का हार) की रचना विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक, कृष्णदेव राय ने की थी। यह तेलुगु भाषा में लिखा गया एक महत्वपूर्ण साहित्यिक कार्य है।
- संदर्भ और विस्तार: यह ग्रंथ भगवान विष्णु को समर्पित है और इसमें राजा का अपनी प्रजा के प्रति कर्तव्य और ईश्वर के प्रति भक्ति का वर्णन है। कृष्णदेव राय स्वयं एक विद्वान और कवि थे।
- गलत विकल्प: हरिहर और बुक्का विजयनगर साम्राज्य के संस्थापक थे, जबकि देवराय द्वितीय एक अन्य महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन उन्होंने ‘अमुक्तमाल्यद’ की रचना नहीं की थी।
प्रश्न 4: ‘अष्टप्रधान’ नामक मंत्रिपरिषद का गठन किस शासक ने किया था?
- चंद्रगुप्त मौर्य
- अशोक
- शिवाजी महाराज
- अकबर
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज ने अपनी प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए आठ मंत्रियों की एक परिषद का गठन किया था, जिसे ‘अष्टप्रधान’ कहा जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: अष्टप्रधान में पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (गृह मंत्री), सुमंत (विदेश मंत्री), सर-ए-नौबत (सेनापति), पंडितराव (धर्माध्यक्ष), न्यायाधीश (न्याय मंत्री) और मंत्री (गुप्तचर मंत्री) जैसे पद शामिल थे।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य और अशोक मौर्य साम्राज्य से संबंधित थे, जबकि अकबर मुगल साम्राज्य का शासक था। इन शासकों की अपनी प्रशासनिक संरचनाएं थीं, लेकिन ‘अष्टप्रधान’ शिवाजी महाराज की विशिष्ट व्यवस्था थी।
प्रश्न 5: ‘इब्न बतूता’ किसके शासनकाल में भारत आया था?
- इल्तुतमिश
- गयासुद्दीन तुगलक
- मुहम्मद बिन तुगलक
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: प्रसिद्ध मोरक्को यात्री इब्न बतूता 14वीं शताब्दी में दिल्ली सल्तनत के एक सुल्तान, मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में भारत आया था।
- संदर्भ और विस्तार: मुहम्मद बिन तुगलक ने इब्न बतूता को काजी (न्यायाधीश) और बाद में दिल्ली का काजी नियुक्त किया, और फिर उसे चीन के दूत के रूप में भी भेजा। इब्न बतूता ने अपनी यात्रा वृत्तांत ‘सफरनामा’ (या ‘किताब-उल-रेहला’) में भारत का विस्तृत वर्णन किया है।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश, गयासुद्दीन तुगलक और फिरोज शाह तुगलक अन्य तुगलक वंश के शासक थे, जिनके शासनकाल में इब्न बतूता भारत नहीं आया था।
प्रश्न 6: ‘बाँस वन’ (Bamboo Grove) के चित्र के लिए प्रसिद्ध चित्रकार कौन थे?
- वांग वेई
- गुओ ज़िशिय
- फैन क्वान
- ली चेन्ग
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: वांग वेई (Wang Wei), तांग राजवंश के एक प्रसिद्ध चीनी चित्रकार, कवि और संगीतकार थे। उन्हें विशेष रूप से प्राकृतिक दृश्यों, विशेषकर ‘बाँस वन’ (Bamboo Grove) के चित्रण के लिए जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: वांग वेई की चित्रकला शैली में मोनक्रोम इंक (काली स्याही) का प्रयोग प्रमुख था, और उन्होंने अपनी कला में प्रकृति की शांति और सुंदरता को दर्शाया। उन्हें “चित्रकार कवि” के रूप में भी जाना जाता है।
- गलत विकल्प: गुओ ज़िशिय, फैन क्वान और ली चेन्ग भी तांग राजवंश के महत्वपूर्ण चित्रकार थे, लेकिन वांग वेई बाँस वन के चित्रण के लिए सबसे अधिक ख्यातिप्राप्त थे।
प्रश्न 7: ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ की स्थापना कब हुई थी?
- 1857
- 1885
- 1905
- 1947
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को हुई थी। यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक दल था।
- संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना ए.ओ. ह्यूम, जो एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी थे, और भारत के प्रमुख बुद्धिजीवियों के सहयोग से हुई थी। इसका पहला अधिवेशन बंबई (अब मुंबई) में हुआ था, जिसकी अध्यक्षता व्योमेश चंद्र बनर्जी ने की थी।
- गलत विकल्प: 1857 का वर्ष प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का है, 1905 बंगाल विभाजन का वर्ष है, और 1947 भारत की स्वतंत्रता का वर्ष है।
प्रश्न 8: ‘गीत गोविंद’ के रचयिता कौन हैं?
- कबीर
- सूरदास
- जयदेव
- तुलसीदास
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘गीत गोविंद’ नामक प्रसिद्ध संस्कृत काव्य की रचना 12वीं शताब्दी के एक संस्कृत कवि जयदेव ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह ग्रंथ राधा और कृष्ण के प्रेम प्रसंगों का काव्यात्मक वर्णन करता है और भारतीय भक्ति साहित्य का एक उत्कृष्ट उदाहरण माना जाता है। इसे ओडिसी नृत्य के लिए भी प्रेरणा का स्रोत माना जाता है।
- गलत विकल्प: कबीर, सूरदास और तुलसीदास भक्ति काल के महान संत-कवि थे, लेकिन उन्होंने ‘गीत गोविंद’ की रचना नहीं की थी।
प्रश्न 9: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना किस वर्ष हुई थी?
- 1910
- 1913
- 1915
- 1918
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना 1913 में सैन फ्रांसिस्को, अमेरिका में हुई थी। इसका उद्देश्य भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराना था।
- संदर्भ और विस्तार: इस पार्टी की स्थापना लाला हरदयाल, सोहन सिंह भकना और अन्य भारतीय क्रांतिकारियों द्वारा की गई थी। पार्टी ‘गदर’ नामक एक साप्ताहिक समाचार पत्र भी प्रकाशित करती थी।
- गलत विकल्प: अन्य दिए गए वर्ष पार्टी की स्थापना से संबंधित नहीं हैं।
प्रश्न 10: ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ का संबंध किस घटना से है?
- 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में भारतीय सेना की कार्रवाई
- 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध
- 1962 में भारत-चीन युद्ध
- 1999 में कारगिल युद्ध
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर भारतीय सेना द्वारा अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में की गई एक सैन्य कार्रवाई थी, जिसका उद्देश्य अलगाववादी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले और उनके समर्थकों को मंदिर से बाहर निकालना था।
- संदर्भ और विस्तार: इस कार्रवाई के कारण मंदिर को काफी नुकसान हुआ था और इसने भारतीय इतिहास में एक विवादास्पद अध्याय जोड़ा, जिसका सिख समुदाय पर गहरा प्रभाव पड़ा।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प अलग-अलग युद्धों और घटनाओं से संबंधित हैं।
प्रश्न 11: हड़प्पा सभ्यता का सबसे पूर्वी पुरातात्विक स्थल कौन सा है?
- लोथल
- मांडा
- आलमगीरपुर
- दायमाबाद
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: आलमगीरपुर, जो उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हिंडन नदी के किनारे स्थित है, हड़प्पा सभ्यता का सबसे पूर्वी पुरातात्विक स्थल माना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: आलमगीरपुर से हड़प्पा काल की ईंटों के ढांचे, मिट्टी के बर्तन (विशेषकर चित्रित लाल मृदभांड), और चूड़ियाँ मिली हैं, जो इस सभ्यता के विस्तार को दर्शाती हैं।
- गलत विकल्प: लोथल गुजरात में स्थित एक बंदरगाह था, मांडा जम्मू और कश्मीर में सबसे उत्तरी स्थल था, और दायमाबाद महाराष्ट्र में सबसे दक्षिणी स्थल था।
प्रश्न 12: ‘गुप्त काल’ को भारत का ‘स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?
- इस दौरान गुप्त साम्राज्य अपने चरम पर था।
- कला, साहित्य, विज्ञान और वास्तुकला का अभूतपूर्व विकास हुआ।
- सांस्कृतिक और बौद्धिक उपलब्धियाँ बहुत उच्च स्तर पर थीं।
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: गुप्त काल (लगभग 320-550 ईस्वी) को भारतीय इतिहास का ‘स्वर्ण युग’ कहा जाता है क्योंकि इस दौरान राजनीतिक स्थिरता, आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ कला, साहित्य, विज्ञान, खगोल विज्ञान, गणित और चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में महान उपलब्धियाँ हासिल हुईं।
- संदर्भ और विस्तार: कालिदास जैसे महान कवियों, आर्यभट्ट जैसे खगोलविदों और गणितज्ञों, और गुप्तकालीन मूर्तिकला व वास्तुकला (जैसे अजंता की गुफाएँ, सारनाथ की बुद्ध प्रतिमाएँ) ने इस काल को विशेष बना दिया।
- गलत विकल्प: सभी दिए गए कारण गुप्त काल को स्वर्ण युग कहने के लिए प्रासंगिक हैं।
प्रश्न 13: ‘खिलाफत आंदोलन’ का संबंध किससे था?
- तुर्की के खलीफा के पद को बनाए रखने का समर्थन
- भारतीय स्वतंत्रता की मांग
- शरणार्थियों के पुनर्वास की व्यवस्था
- किसानों के अधिकारों की सुरक्षा
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: खिलाफत आंदोलन (1919-1924) एक अखिल भारतीय मुस्लिम आंदोलन था जिसका उद्देश्य प्रथम विश्व युद्ध के बाद तुर्की के खलीफा के पद को बनाए रखने और उस्मानिया साम्राज्य की रक्षा के लिए ब्रिटिश सरकार पर दबाव बनाना था।
- संदर्भ और विस्तार: भारत में, यह आंदोलन मोहम्मद अली जिन्नाह, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, शौकत अली और मोहम्मद अली जैसे नेताओं द्वारा चलाया गया था। बाद में, गांधीजी ने इस आंदोलन को असहयोग आंदोलन से जोड़ दिया।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प आंदोलन के मुख्य उद्देश्य नहीं थे।
प्रश्न 14: ‘कुतुब मीनार’ का निर्माण किसने शुरू करवाया था?
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- इल्तुतमिश
- अलाउद्दीन खिलजी
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: दिल्ली सल्तनत के पहले शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1199 ईस्वी में कुतुब मीनार का निर्माण शुरू करवाया था।
- संदर्भ और विस्तार: कुतुबुद्दीन ऐबक ने इसका निर्माण सूफी संत ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की याद में करवाया था। मीनार का पहला मंजिल उन्होंने बनवाया, जबकि शेष मंजिलों का निर्माण इल्तुतमिश ने पूरा करवाया। बाद में फिरोजशाह तुगलक ने इसे और नवीनीकृत किया।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने निर्माण पूरा करवाया, और अलाउद्दीन खिलजी और फिरोजशाह तुगलक ने इसके जीर्णोद्धार या विस्तार में योगदान दिया, लेकिन शुरुआत कुतुबुद्दीन ऐबक ने की थी।
प्रश्न 15: ‘पुनर्जागरण’ (Renaissance) शब्द का अर्थ क्या है?
- कला और साहित्य का पतन
- पुरातन ज्ञान का पुनरुद्धार और नवीन चेतना का उदय
- धार्मिक सुधारों का आंदोलन
- वैज्ञानिक क्रांति की शुरुआत
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘पुनर्जागरण’ (Renaissance) एक फ्रेंच शब्द है जिसका अर्थ है ‘पुनर्जन्म’ या ‘पुनरुद्धार’। यह 14वीं से 16वीं शताब्दी के दौरान यूरोप में हुए कला, साहित्य, विज्ञान और संस्कृति के एक बड़े सांस्कृतिक, बौद्धिक और कलात्मक आंदोलन को दर्शाता है, जिसने प्राचीन ग्रीक और रोमन सभ्यताओं के ज्ञान को फिर से जगाया।
- संदर्भ और विस्तार: इस काल ने मध्ययुगीनता के अंत और आधुनिक युग की शुरुआत को चिह्नित किया। लियोनार्डो दा विंची, माइकल एंजेलो, राफेल जैसे कलाकारों और मैकियावेली जैसे विचारकों ने इस युग को समृद्ध किया।
- गलत विकल्प: पुनर्जागरण कला, साहित्य और विज्ञान का विकास था, पतन नहीं। यह धार्मिक सुधारों और वैज्ञानिक क्रांति का अग्रदूत था, लेकिन उसका प्रत्यक्ष अर्थ पुनरुद्धार ही है।
प्रश्न 16: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का प्रारंभ कब हुआ?
- 1940
- 1942
- 1945
- 1947
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ (Quit India Movement) 8 अगस्त 1942 को प्रारंभ हुआ था। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण चरण था।
- संदर्भ और विस्तार: महात्मा गांधी ने इस आंदोलन का आह्वान किया था, जिसमें उन्होंने ‘करो या मरो’ (Do or Die) का नारा दिया था। इस आंदोलन का उद्देश्य ब्रिटिश शासन को तुरंत भारत छोड़ने के लिए मजबूर करना था। इसके जवाब में, ब्रिटिश सरकार ने लगभग सभी प्रमुख कांग्रेसी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प भारत छोड़ो आंदोलन के प्रारंभ वर्ष से संबंधित नहीं हैं।
प्रश्न 17: ‘अजंता की गुफाएँ’ किस धर्म से संबंधित हैं?
- बौद्ध धर्म
- हिंदू धर्म
- जैन धर्म
- सिख धर्म
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: अजंता की गुफाएँ मुख्य रूप से बौद्ध धर्म से संबंधित हैं। ये गुफाएँ बौद्ध भिक्षुओं के निवास स्थान और प्रार्थना स्थलों के रूप में इस्तेमाल की जाती थीं।
- संदर्भ और विस्तार: इन गुफाओं में बौद्ध धर्म से संबंधित चित्रकला और मूर्तिकला के उत्कृष्ट उदाहरण मिलते हैं, जिनमें बुद्ध के पूर्व जन्म की कहानियाँ (जातक कथाएँ) और बुद्ध के जीवन की घटनाओं का चित्रण है। ये गुफाएँ गुप्त काल की कला का महत्वपूर्ण प्रतीक हैं।
- गलत विकल्प: हालाँकि कुछ गुफाओं में हिन्दू या जैन धर्म के भी कुछ अवशेष मिल सकते हैं, लेकिन इसका मुख्य संबंध बौद्ध धर्म से है।
प्रश्न 18: ‘फ्रांसीसी क्रांति’ कब हुई थी?
- 1776
- 1789
- 1815
- 1848
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: फ्रांसीसी क्रांति 1789 में शुरू हुई और लगभग एक दशक तक चली। यह आधुनिक यूरोपीय इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है।
- संदर्भ और विस्तार: इस क्रांति ने फ्रांस में राजशाही को समाप्त कर दिया और गणतंत्र की स्थापना की। इसने ‘स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) के आदर्शों को बढ़ावा दिया, जिसका विश्व भर में गहरा प्रभाव पड़ा। बास्तील का पतन 14 जुलाई 1789 को हुआ, जिसे क्रांति की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।
- गलत विकल्प: 1776 में अमेरिकी क्रांति हुई थी, 1815 वाटरलू की लड़ाई और नेपोलियन के पतन का वर्ष है, और 1848 यूरोप में क्रांतियों का वर्ष था।
प्रश्न 19: ‘पानीपत का दूसरा युद्ध’ किनके बीच हुआ था?
- बाबर और इब्राहिम लोदी
- अकबर और हेमू
- अकबर और महाराणा प्रताप
- बाबर और राणा सांगा
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: पानीपत का दूसरा युद्ध 5 नवंबर 1556 को मुगल सम्राट अकबर और सूर्यवंश के अफगान शासक हेमू (हेमचंद्र विक्रमादित्य) के बीच लड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में अकबर की जीत हुई और उसने दिल्ली पर अपना अधिकार पुनः स्थापित किया। यह युद्ध अकबर के शासनकाल में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसने मुगल साम्राज्य की नींव को मजबूत किया। इस युद्ध में बैरम खान ने अकबर की ओर से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- गलत विकल्प: पानीपत का पहला युद्ध बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच (1526) हुआ था। अकबर और महाराणा प्रताप के बीच हल्दीघाटी का युद्ध (1576) हुआ था। बाबर और राणा सांगा के बीच खानवा का युद्ध (1527) हुआ था।
प्रश्न 20: ‘तिलक स्वराज फंड’ की स्थापना किस आंदोलन के दौरान की गई थी?
- सविनय अवज्ञा आंदोलन
- असहयोग आंदोलन
- भारत छोड़ो आंदोलन
- रौलट सत्याग्रह
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: तिलक स्वराज फंड की स्थापना 1920-21 में महात्मा गांधी द्वारा शुरू किए गए असहयोग आंदोलन के दौरान की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस फंड का उद्देश्य आंदोलन के लिए धन जुटाना और चरखा चलाने को बढ़ावा देना था, जो आत्मनिर्भरता और स्वदेशी का प्रतीक था। तिलक स्वराज फंड के तहत एक करोड़ रुपये एकत्र करने का लक्ष्य रखा गया था, जो तिलक की मृत्यु के बाद उनके सम्मान में स्थापित किया गया था।
- गलत विकल्प: सविनय अवज्ञा आंदोलन 1930 में, भारत छोड़ो आंदोलन 1942 में और रौलट सत्याग्रह 1919 में हुआ था।
प्रश्न 21: ‘चीनी क्रांति’ (Chinese Revolution) का प्रमुख नारा क्या था?
- लाल क्रांति
- साम्राज्यवाद का विरोध
- चीन का आधुनिकीकरण
- जनता की शक्ति
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: 20वीं सदी की चीनी क्रांतियों (विशेष रूप से 1949 की माओवादी क्रांति) का एक प्रमुख लक्ष्य साम्राज्यवाद, विशेषकर पश्चिमी और जापानी साम्राज्यवाद के प्रभाव को समाप्त करना था। “साम्राज्यवाद का विरोध” एक मुख्य प्रेरक शक्ति थी।
- संदर्भ और विस्तार: चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में हुई क्रांति का उद्देश्य चीन को विदेशी शक्तियों के नियंत्रण से मुक्त कराना और एक समाजवादी राष्ट्र का निर्माण करना था। ‘लाल क्रांति’ शब्द कम्युनिस्ट क्रांति से जुड़ा है, लेकिन ‘साम्राज्यवाद का विरोध’ इसका मूल आधार था।
- गलत विकल्प: जबकि ‘लाल क्रांति’ और ‘चीन का आधुनिकीकरण’ परिणाम या लक्ष्य थे, ‘साम्राज्यवाद का विरोध’ क्रांति का मुख्य कारण और नारा था। ‘जनता की शक्ति’ एक सामान्य नारा है।
प्रश्न 22: ‘वैदिक काल’ में ‘सभा’ और ‘समिति’ क्या थीं?
- भूमि मापन की इकाइयाँ
- धार्मिक अनुष्ठान
- राजकीय सभाएँ या परिषदें
- व्यापारिक संगठन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: वैदिक काल में ‘सभा’ और ‘समिति’ दो महत्वपूर्ण राजकीय सभाएँ या परिषदें थीं, जो राजा के निर्णयों को प्रभावित करती थीं और लोगों के प्रतिनिधित्व का कार्य करती थीं।
- संदर्भ और विस्तार: ‘सभा’ एक संभ्रांत वर्ग की परिषद थी, जिसमें प्रमुख व्यक्ति और बुजुर्ग सदस्य होते थे, जबकि ‘समिति’ एक व्यापक जनसभा थी जिसमें आम लोग भी भाग लेते थे। ये संस्थाएँ उस समय की राजनीतिक व्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग थीं।
- गलत विकल्प: ये भूमि मापन, धार्मिक अनुष्ठान या व्यापारिक संगठन नहीं थीं।
प्रश्न 23: ‘मुगल बादशाह जहाँगीर’ ने ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ को भारत में व्यापार करने की अनुमति कब दी?
- 1600
- 1608
- 1613
- 1615
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: मुगल बादशाह जहाँगीर ने 1613 ईस्वी में ईस्ट इंडिया कंपनी को भारत में सूरत में पहली फैक्ट्री स्थापित करने और व्यापार करने की अनुमति दी थी।
- संदर्भ और विस्तार: जहाँगीर के दरबार में आए अंग्रेजी राजदूत सर थॉमस रो (1615-1618) के प्रयासों से यह अनुमति प्राप्त हुई थी, हालांकि कंपनी ने 1608 में भी सूरत में एक अस्थायी कारखाना स्थापित किया था। 1613 की अनुमति कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था।
- गलत विकल्प: 1600 में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई थी। 1608 में पहली अस्थायी उपस्थिति थी, और 1615 में थॉमस रो भारत आए थे, लेकिन स्थायी व्यापारिक अनुमति 1613 में मिली।
प्रश्न 24: ‘आजाद हिंद फौज’ का गठन किसने किया था?
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- सुभाष चंद्र बोस
- सरदार वल्लभभाई पटेल
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: आजाद हिंद फौज (Indian National Army – INA) का गठन मूल रूप से मोहन सिंह द्वारा 1942 में सिंगापुर में भारतीय युद्ध बंदियों को लेकर किया गया था, लेकिन इसे पुनर्गठित कर और अधिक प्रभावी बनाने का श्रेय नेताजी सुभाष चंद्र बोस को जाता है, जिन्होंने 1943 में इसका नेतृत्व संभाला।
- संदर्भ और विस्तार: सुभाष चंद्र बोस ने सिंगापुर में ‘आजाद हिंद सरकार’ की भी स्थापना की और ‘चलो दिल्ली’ का नारा दिया। आजाद हिंद फौज ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
- गलत विकल्प: अन्य प्रमुख राष्ट्रवादी नेता थे, लेकिन आजाद हिंद फौज के गठन और नेतृत्व में सुभाष चंद्र बोस की भूमिका सर्वोपरि थी।
प्रश्न 25: ‘वेटिकन सिटी’ में ‘सिस्टिन चैपल’ की छत पर भित्तिचित्र (fresco) किसने बनाए थे?
- लियोनार्डो दा विंची
- माइकल एंजेलो
- राफेल
- डोनाटेलो
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: सिस्टिन चैपल की छत पर बनाए गए विश्व प्रसिद्ध भित्तिचित्रों (frescoes) का निर्माण इतालवी पुनर्जागरण काल के महान कलाकार माइकल एंजेलो ने किया था।
- संदर्भ और विस्तार: उन्होंने 1508 से 1512 तक इस विशाल कार्य को पूरा किया, जिसमें बाइबिल की प्रमुख कहानियों, जैसे ‘सृष्टि का दिन’ (The Creation of Adam) और ‘अंतिम निर्णय’ (The Last Judgment) का चित्रण है। यह कला के इतिहास में एक मील का पत्थर माना जाता है।
- गलत विकल्प: लियोनार्डो दा विंची (मोना लिसा), राफेल (एथेंस का स्कूल) और डोनाटेलो (डेविड की मूर्ति) भी पुनर्जागरण काल के महान कलाकार थे, लेकिन सिस्टिन चैपल की छत पर चित्र माइकल एंजेलो ने ही बनाए थे।