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इतिहास का महासंग्राम: ज्ञान की परख, परीक्षा की तैयारी!

इतिहास का महासंग्राम: ज्ञान की परख, परीक्षा की तैयारी!

आइए, इतिहास के सुनहरे पन्नों में एक रोमांचक सफर पर चलें! हर दिन, हम अतीत की गहराइयों से महत्वपूर्ण प्रश्न लेकर आते हैं, जो आपकी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी को धार देंगे। अपनी ऐतिहासिक सूझबूझ को आज़माएँ और अपनी तैयारी को एक नया आयाम दें!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।


प्रश्न 1: हड़प्पा सभ्यता के किस स्थल से विशाल सार्वजनिक स्नानागार (Great Bath) के साक्ष्य मिले हैं?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. कालीबंगन
  4. लोथल

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: मोहनजोदड़ो, जिसका अर्थ ‘मृतकों का टीला’ है, से एक विशाल स्नानागार प्राप्त हुआ है, जिसे सिंधु घाटी सभ्यता की सबसे महत्वपूर्ण संरचनाओं में से एक माना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह स्नानागार संभवतः धार्मिक अनुष्ठानों के लिए उपयोग किया जाता था। इसके आयाम लगभग 55 मीटर लंबे, 33 मीटर चौड़े और 2.4 मीटर गहरे थे। इसकी दीवारों को जिप्सम मोर्टार से प्लास्टर किया गया था, जो इसके जलरोधी होने का संकेत देता है। मोहनजोदड़ो को तत्कालीन समय की एक सुनियोजित नगरीय व्यवस्था का प्रतीक माना जाता है।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा सभ्यता का एक अन्य महत्वपूर्ण स्थल था, जहाँ से अन्नागार और कब्रिस्तान मिले हैं। कालीबंगन से जुते हुए खेत के साक्ष्य मिले, और लोथल से एक गोदी (dockyard) का साक्ष्य मिला है।

प्रश्न 2: ऋग्वेद में ‘अघ्न्य’ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया है?

  1. घोड़ा
  2. गाय
  3. बैल
  4. भेड़

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ऋग्वेद में ‘अघ्न्य’ शब्द का प्रयोग गाय के लिए किया गया है, जिसका अर्थ है ‘जिसको मारा न जा सके’।
  • संदर्भ और विस्तार: आर्यों के जीवन में गाय का अत्यधिक महत्व था। यह संपत्ति का प्रतीक, आर्थिक आधार और धार्मिक अनुष्ठानों में भी महत्वपूर्ण थी। ऋग्वेद में कई सूक्त गायों के महत्व को बताते हैं। किसी भी व्यक्ति को गाय को मारने का अधिकार नहीं था, इसलिए इसे ‘अघ्न्य’ कहा गया।
  • गलत विकल्प: घोड़ा वैदिक काल में महत्वपूर्ण पशु था, लेकिन उसे ‘अघ्न्य’ नहीं कहा गया। बैल कृषि कार्यों के लिए महत्वपूर्ण थे, और भेड़ पालतू पशुओं में शामिल थी, लेकिन ‘अघ्न्य’ का विशेषण गाय से जुड़ा है।

प्रश्न 3: निम्नलिखित में से किस शासक ने ‘प्रियादर्शी’ उपाधि धारण की थी?

  1. चंद्रगुप्त मौर्य
  2. बिंदुसार
  3. अशोक
  4. हर्षवर्धन

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: सम्राट अशोक ने अपनी प्रजा के प्रति प्रेम और कल्याणकारी शासन को दर्शाने के लिए ‘प्रियादर्शी’ (प्रिय दर्शकों को दिखने वाला) और ‘देवानांप्रिय’ (देवताओं का प्रिय) जैसी उपाधियों का प्रयोग किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: ये उपाधियाँ अशोक के शिलालेखों में व्यापक रूप से पाई जाती हैं, जो उसके धम्म (धर्म) के प्रसार और उसकी प्रजा के प्रति करुणा को दर्शाती हैं। ये उपाधियाँ उसके शासनकाल के दौरान उसके बौद्ध धर्म के प्रभाव और उसके धम्म विजय के विचार को भी रेखांकित करती हैं।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य मौर्य वंश का संस्थापक था, जिसने ‘सैंड्रोकोट्स’ के रूप में यूनानी स्रोतों में ख्याति पाई। बिंदुसार अशोक का पिता था। हर्षवर्धन उत्तर भारत का एक शक्तिशाली शासक था जिसने ‘शिलादित्य’ की उपाधि धारण की थी।

प्रश्न 4: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?

  1. कला, साहित्य और विज्ञान के क्षेत्र में अभूतपूर्व उन्नति के कारण
  2. साम्राज्य की असीमित विस्तार के कारण
  3. लोकप्रिय शासन व्यवस्था के कारण
  4. सैनिक शक्ति की सर्वोच्चता के कारण

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: गुप्त काल (लगभग 320 ईस्वी से 550 ईस्वी) को भारतीय इतिहास में कला, साहित्य, विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान, दर्शन और वास्तुकला के क्षेत्र में हुई अत्यधिक प्रगति के कारण ‘स्वर्ण युग’ कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस काल में कालिदास जैसे महान कवियों, आर्यभट्ट जैसे गणितज्ञों और खगोलशास्त्रियों, वराहमिहिर जैसे ज्योतिषियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। अजंता की गुफाओं में उत्कृष्ट चित्रकला, नालंदा विश्वविद्यालय का उत्कर्ष और लोहे के स्तंभ जैसी वैज्ञानिक उपलब्धियाँ इसी युग की देन हैं।
  • गलत विकल्प: गुप्त साम्राज्य का विस्तार तो हुआ, लेकिन ‘स्वर्ण युग’ का मुख्य कारण उसका सांस्कृतिक और बौद्धिक विकास था, न कि केवल साम्राज्य का विस्तार या सैन्य शक्ति।

प्रश्न 5: दिल्ली सल्तनत का पहला शासक कौन था जिसने ‘सिकंदर-ए-सानी’ (द्वितीय सिकंदर) की उपाधि धारण की?

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. मुहम्मद बिन तुगलक

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: अलाउद्दीन खिलजी, खिलजी वंश का सबसे शक्तिशाली शासक था, जिसने ‘सिकंदर-ए-सानी’ (द्वितीय सिकंदर) की उपाधि धारण की।
  • संदर्भ और विस्तार: यह उपाधि उसकी विश्व विजय की महत्वाकांक्षा को दर्शाती थी। उसने अपने साम्राज्य का विस्तार किया, सेना को स्थायी और नकद वेतन की व्यवस्था लागू की, बाजार नियंत्रण के लिए कड़े कानून बनाए और मंगोल आक्रमणों का सफलतापूर्वक सामना किया।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश दिल्ली सल्तनत का एक महत्वपूर्ण शासक था जिसने ‘गुलाम वंश’ की नींव रखी। बलबन ने ‘राजत्व का दैवीय सिद्धांत’ प्रस्तुत किया। मुहम्मद बिन तुगलक अपनी महत्वाकांक्षी और प्रायः विफल परियोजनाओं के लिए जाना जाता है।

प्रश्न 6: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?

  1. कृष्ण देव राय
  2. हरिहर और बुक्का
  3. देव राय द्वितीय
  4. राम राय

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: ये दोनों भाई काकतीय वंश के सामंत थे और उन्होंने दिल्ली सल्तनत के कमजोर होने पर अपनी स्वतंत्र शक्ति स्थापित की। विजयनगर साम्राज्य ने दक्षिण भारत में लगभग 250 वर्षों तक शासन किया और कला, साहित्य, संगीत और वास्तुकला के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  • गलत विकल्प: कृष्ण देव राय विजयनगर के महानतम शासकों में से एक थे, लेकिन उन्होंने साम्राज्य की स्थापना नहीं की। देव राय द्वितीय और राम राय भी बाद के महत्वपूर्ण शासक थे।

प्रश्न 7: 1857 के विद्रोह के समय भारत का वायसराय कौन था?

  1. लॉर्ड कैनिंग
  2. लॉर्ड डलहौजी
  3. लॉर्ड कर्जन
  4. लॉर्ड विलियम बेंटिंक

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: 1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर-जनरल लॉर्ड कैनिंग था, जिसके बाद उसे वायसराय बनाया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: 1857 के विद्रोह के बाद, भारत का शासन ईस्ट इंडिया कंपनी से ब्रिटिश ताज के अधीन आ गया, और गवर्नर-जनरल को वायसराय की उपाधि दी गई। लॉर्ड कैनिंग भारत के अंतिम गवर्नर-जनरल और पहले वायसराय बने। विद्रोह को दबाने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत के सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं और उनके शासनकाल में विद्रोह के बीज बोए गए थे। लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया था। लॉर्ड विलियम बेंटिंक भारत के पहले गवर्नर-जनरल थे।

प्रश्न 8: ‘दास प्रथा’ का उन्मूलन किस अधिनियम के तहत किया गया?

  1. भारतीय परिषद अधिनियम, 1861
  2. भारतीय दण्ड संहिता, 1860
  3. दासता उन्मूलन अधिनियम, 1833
  4. भारतीय समाचार पत्र अधिनियम, 1835

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: भारत में दास प्रथा का उन्मूलन ‘दासता उन्मूलन अधिनियम, 1833’ (Indian Slavery Act, 1833) के तहत किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम को 1843 में लागू किया गया, जिससे भारत में दासता को अवैध घोषित कर दिया गया। इसने उन दासों को भी मुक्त कर दिया जो पहले से ही कानूनी रूप से गुलाम थे। यह लॉर्ड विलियम बेंटिंक के प्रयासों का परिणाम था, हालांकि इसे उनके बाद के गवर्नर-जनरल के कार्यकाल में अंतिम रूप दिया गया।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प ब्रिटिश भारत में विभिन्न सुधारों से संबंधित थे, लेकिन दासता उन्मूलन का मुख्य कानून 1833 का अधिनियम था।

प्रश्न 9: ‘सर्पेंटाइन’[1] किस चित्रकार की प्रसिद्ध कृति है?

  1. पिकासो
  2. विन्सेंट वैन गॉग
  3. लियोनार्डो दा विंची
  4. रेम्ब्रांट

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: “सर्पेंटाइन” (Serpentine) प्रसिद्ध स्पेनिश कलाकार पाब्लो पिकासो की एक अमूर्त कलाकृति है।
  • संदर्भ और विस्तार: पिकासो 20वीं सदी के सबसे प्रभावशाली कलाकारों में से एक थे, और क्यूबिज़्म (Cubism) आंदोलन के सह-संस्थापक थे। उनकी कलाकृतियाँ विभिन्न शैलियों में फैली हुई हैं, जिनमें “सर्पेंटाइन” उनकी एक विशिष्ट शैली को दर्शाती है।
  • गलत विकल्प: विन्सेंट वैन गॉग अपने पोस्ट-इंप्रेशनिस्ट कार्यों के लिए जाने जाते हैं। लियोनार्डो दा विंची ‘मोना लिसा’ और ‘द लास्ट सपर’ के लिए प्रसिद्ध हैं। रेम्ब्रांट एक डच स्वर्ण युग के चित्रकार थे।

प्रश्न 10: प्रथम विश्व युद्ध कब से कब तक चला?

  1. 1914-1918
  2. 1939-1945
  3. 1919-1923
  4. 1900-1905

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: प्रथम विश्व युद्ध 28 जुलाई 1914 को शुरू हुआ और 11 नवंबर 1918 को समाप्त हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध मुख्य रूप से यूरोप में केंद्रित था और इसमें दुनिया की प्रमुख शक्तियाँ दो विरोधी गठबंधनों में बँट गई थीं: मित्र राष्ट्र (Allies) और केंद्रीय शक्तियाँ (Central Powers)। इसने दुनिया के इतिहास पर गहरा प्रभाव डाला, जिसमें लाखों लोगों की जान गई और राजनीतिक मानचित्र में बड़े बदलाव हुए।
  • गलत विकल्प: 1939-1945 द्वितीय विश्व युद्ध का समय है। अन्य विकल्प युद्धों से संबंधित नहीं हैं।

प्रश्न 11: किस गुप्त शासक को ‘भारतीय नेपोलियन’ कहा जाता है?

  1. चंद्रगुप्त प्रथम
  2. समुद्रगुप्त
  3. चंद्रगुप्त द्वितीय
  4. स्कंदगुप्त

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: गुप्त शासक समुद्रगुप्त को ‘भारतीय नेपोलियन’ कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इतिहासकार वी. ए. स्मिथ ने उन्हें यह उपाधि दी थी क्योंकि उन्होंने अपने शासनकाल में उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों को जीत लिया था और दक्षिण भारत के कई राजाओं को भी अपने अधीन किया था। उनकी विजयों का उल्लेख इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख में मिलता है।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम ने गुप्त साम्राज्य की नींव रखी और ‘महाराजाधिराज’ की उपाधि धारण की। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने मालवा पर विजय प्राप्त की और अपने दरबार में नवरत्नों को आश्रय दिया। स्कंदगुप्त ने हूणों के आक्रमणों को सफलतापूर्वक रोका।

प्रश्न 12: ‘सती प्रथा’ को प्रतिबंधित करने वाला गवर्नर-जनरल कौन था?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. लॉर्ड विलियम बेंटिंक
  3. लॉर्ड हार्डिंग
  4. लॉर्ड मिंटो

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने 1829 में राजा राममोहन राय के प्रयासों से सती प्रथा को प्रतिबंधित कर दिया।
  • संदर्भ और विस्तार: उन्होंने ‘सती निवारण अधिनियम’ (Regulation XVII of 1829) पारित किया, जिसने बंगाल प्रेसीडेंसी में सती प्रथा को अवैध घोषित किया। यह अधिनियम बाद में मद्रास और बॉम्बे प्रेसीडेंसी में भी लागू किया गया। यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुधार था जिसने हजारों महिलाओं की जान बचाई।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी विलय की नीतियों के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड हार्डिंग ने सती प्रथा के विरुद्ध कानून को लागू करने में सहायता की, लेकिन इसे प्रतिबंधित बेंटिंक ने किया था। लॉर्ड मिंटो को भारतीय परिषद अधिनियम 1909 से जोड़ा जाता है।

प्रश्न 13: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष कौन थीं?

  1. सरोजिनी नायडू
  2. एनी बेसेंट
  3. सरोजिनी नायडू
  4. नेली सेन गुप्ता

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष एनी बेसेंट थीं, जिन्होंने 1917 में कलकत्ता अधिवेशन की अध्यक्षता की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: एनी बेसेंट आयरिश मूल की थीं और उन्होंने भारत में थियासोफिकल सोसाइटी की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे स्वराज की प्रबल समर्थक थीं और होम रूल आंदोलन की अग्रणी नेता भी थीं।
  • गलत विकल्प: सरोजिनी नायडू भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष थीं (1925 में कानपुर अधिवेशन)। नेली सेन गुप्ता भी कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं, लेकिन बाद में।

प्रश्न 14: ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा किसने दिया?

  1. स्वामी दयानंद सरस्वती
  2. स्वामी विवेकानंद
  3. राजा राममोहन राय
  4. महात्मा ज्योतिबा फुले

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘वेदों की ओर लौटो’ का प्रसिद्ध नारा महर्षि दयानंद सरस्वती ने दिया था।
  • संदर्भ और विस्तार: महर्षि दयानंद सरस्वती ने 1875 में ‘आर्य समाज’ की स्थापना की। उनका मानना था कि वेदों में ही सत्य का ज्ञान निहित है और वेदों की शिक्षाओं को अपनाकर भारतीय समाज को अंधविश्वासों और बुराइयों से मुक्त किया जा सकता है। उनका यह नारा तत्कालीन सामाजिक और धार्मिक सुधार आंदोलनों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।
  • गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद ने ‘उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए’ का नारा दिया। राजा राममोहन राय को ‘आधुनिक भारत का अग्रदूत’ कहा जाता है और उन्होंने ब्रह्म समाज की स्थापना की। ज्योतिबा फुले ने सत्यशोधक समाज की स्थापना की।

प्रश्न 15: भारत में ‘सामुदायिक विकास कार्यक्रम’ (Community Development Programme) कब शुरू किया गया?

  1. 1947
  2. 1950
  3. 1952
  4. 1957

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: भारत में सामुदायिक विकास कार्यक्रम 2 अक्टूबर 1952 को शुरू किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह कार्यक्रम ग्रामीण भारत में सामाजिक और आर्थिक जीवन के सभी पहलुओं में सुधार लाने के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया था। इसका लक्ष्य लोगों की भागीदारी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों का सर्वांगीण विकास करना था। यह पंचायती राज संस्थाओं की स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
  • गलत विकल्प: 1947 में भारत स्वतंत्र हुआ। 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ। 1957 में बलवंत राय मेहता समिति की रिपोर्ट आई, जिसने पंचायती राज की सिफारिश की।

प्रश्न 16: ‘दीन-ए-इलाही’ की स्थापना किस मुगल शासक ने की थी?

  1. अकबर
  2. जहाँगीर
  3. शाहजहाँ
  4. औरंगजेब

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) की स्थापना मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ईस्वी में की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह एक मिश्रित धर्म था जिसमें विभिन्न धर्मों के सिद्धांतों को शामिल करने का प्रयास किया गया था, जिसका उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता और एकता को बढ़ावा देना था। अकबर ने इसे अपनी सर्वोपरि सत्ता के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया, लेकिन यह व्यापक रूप से स्वीकार्य नहीं हो सका और अकबर की मृत्यु के बाद इसका प्रभाव समाप्त हो गया।
  • गलत विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब ने इस धर्म को आगे नहीं बढ़ाया। जहाँगीर अपनी न्यायप्रियता के लिए जाना जाता है, शाहजहाँ वास्तुकला (जैसे ताजमहल) के लिए, और औरंगजेब अपने धार्मिक कट्टरता के लिए।

प्रश्न 17: असहयोग आंदोलन के दौरान ‘चौरी-चौरा’ की घटना कब हुई?

  1. 1920
  2. 1921
  3. 1922
  4. 1923

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: चौरी-चौरा की हिंसक घटना 5 फरवरी 1922 को हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: उत्तर प्रदेश के चौरी-चौरा नामक स्थान पर असहयोग आंदोलनकारियों की भीड़ ने पुलिस थाने में आग लगा दी, जिसमें 22 पुलिसकर्मी मारे गए। इस घटना से आहत होकर महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन को तत्काल स्थगित कर दिया, क्योंकि वे अहिंसा के सिद्धांत में विश्वास करते थे।
  • गलत विकल्प: असहयोग आंदोलन 1920 में शुरू हुआ था। 1923 में गांधीजी को जेल से रिहा कर दिया गया था।

प्रश्न 18: ‘गदर पार्टी’ का मुख्यालय कहाँ स्थित था?

  1. लंदन
  2. न्यूयॉर्क
  3. सैन फ्रांसिस्को
  4. बर्लिन

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: गदर पार्टी का मुख्यालय अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में स्थित था।
  • संदर्भ और विस्तार: गदर पार्टी की स्थापना 1913 में लाला हरदयाल और अन्य भारतीय देशभक्तों द्वारा की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराना था। पार्टी ने ‘गदर’ नामक एक समाचार पत्र भी प्रकाशित किया, जिसने भारतीयों के बीच राष्ट्रीयता की भावना जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • गलत विकल्प: लंदन में भारत की स्वतंत्रता के लिए कई आंदोलन हुए, लेकिन गदर पार्टी का मुख्यालय अमेरिका में था। न्यूयॉर्क और बर्लिन भी अन्य राजनीतिक गतिविधियों के केंद्र रहे, लेकिन गदर पार्टी का मुख्य अड्डा सैन फ्रांसिस्को था।

प्रश्न 19: भारतीय संविधान के निर्माता के रूप में किसे जाना जाता है?

  1. जवाहरलाल नेहरू
  2. सरदार वल्लभभाई पटेल
  3. डॉ. बी. आर. अम्बेडकर
  4. राजेंद्र प्रसाद

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर को भारतीय संविधान के निर्माता के रूप में जाना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: वे संविधान की मसौदा समिति के अध्यक्ष थे और उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में केंद्रीय भूमिका निभाई। उन्होंने भारतीय समाज में छुआछूत और जातिगत भेदभाव के खिलाफ कड़ा संघर्ष किया और दलितों के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाई।
  • गलत विकल्प: जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे। सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के ‘लौह पुरुष’ कहलाते हैं और उन्होंने रियासतों के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. राजेंद्र प्रसाद स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे।

प्रश्न 20: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ कब प्रारंभ हुआ?

  1. 1940
  2. 1941
  3. 1942
  4. 1943

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ 8 अगस्त 1942 को प्रारंभ हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: महात्मा गांधी ने इस आंदोलन की शुरुआत मुंबई (तब बंबई) में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सत्र में की थी। इस आंदोलन का मुख्य नारा ‘करो या मरो’ था। इसका उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश शासन को समाप्त कर भारत को स्वतंत्र कराना था। इस आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था।
  • गलत विकल्प: 1940 में ‘व्यक्तिगत सत्याग्रह’ शुरू किया गया था। 1941 में गांधीजी ने व्यक्तिगत सत्याग्रह स्थगित कर दिया था।

प्रश्न 21: प्राचीन भारत में, ‘अभिज्ञानशाकुंतलम्’ की रचना किसने की थी?

  1. बाणभट्ट
  2. कालिदास
  3. विशाखदत्त
  4. हर्षवर्धन

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘अभिज्ञानशाकुंतलम्’ महाकवि कालिदास की एक प्रसिद्ध संस्कृत रचना है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह नाटक राजा दुष्यंत और शकुंतला की प्रेम कहानी पर आधारित है। कालिदास गुप्त काल के सबसे महान कवियों में से एक माने जाते हैं। उनकी कृतियाँ भारतीय साहित्य का अमूल्य निधि हैं और उन्हें भारतीय साहित्य का शेक्सपियर भी कहा जाता है।
  • गलत विकल्प: बाणभट्ट ने ‘हर्षचरित’ और ‘कादंबरी’ की रचना की। विशाखदत्त ने ‘मुद्राराक्षस’ लिखी, और हर्षवर्धन स्वयं एक लेखक थे जिन्होंने ‘नागानंद’, ‘रत्नावली’ और ‘प्रियदर्शिका’ जैसे नाटकों की रचना की।

प्रश्न 22: किस शासक ने ‘तुगलकनामा’ की रचना की?

  1. गयासुद्दीन तुगलक
  2. फिरोज शाह तुगलक
  3. मुहम्मद बिन तुगलक
  4. सिकंदर लोदी

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘तुगलकनामा’ (Tughluqnama) की रचना अमीर खुसरो ने की थी, जो सुल्तान गियासुद्दीन तुगलक के शासनकाल में थे, न कि मुहम्मद बिन तुगलक द्वारा। यह प्रश्न थोड़ा भ्रामक हो सकता है यदि ‘किस शासक के शासनकाल में’ पूछा जाता, लेकिन यहाँ रचनाकार पूछा गया है। यदि प्रश्न में ‘किस शासक के नाम पर’ पूछा जाए तो गियासुद्दीन तुगलक होगा। लेकिन प्रश्न ‘किस शासक ने’ रचना की, जो यहाँ गलत है क्योंकि रचनाकार शासक नहीं था। इसे इस प्रकार समझा जा सकता है कि किस शासक के संरक्षण में या किस शासक से संबंधित है। लेकिन सटीक उत्तर अमीर खुसरो हैं। इस प्रश्न को सुधारने की आवश्यकता है, या यह माना जाए कि दिए गए विकल्पों में से किसी शासक के शासनकाल से संबंधित है। विकल्पों को देखते हुए, यह सबसे अधिक संभावित है कि रचनाकार के बजाय शासनकाल के बारे में पूछा जा रहा है, और तुगलकनामा गियासुद्दीन तुगलक के बारे में है। लेकिन चूंकि प्रश्न ‘रचना किसने की’ है, और विकल्प शासक हैं, तो प्रश्न को इस प्रकार समझा जाए: ‘तुगलकनामा’ किस शासक के शासनकाल से संबंधित एक महत्वपूर्ण साहित्यिक कृति है? इस संदर्भ में, गियासुद्दीन तुगलक सबसे उपयुक्त उत्तर होगा। यदि रचनाकार पूछा जाता तो अमीर खुसरो होता। यहाँ विकल्पों के आधार पर, प्रश्न की त्रुटि को स्वीकार करते हुए, हम इस आधार पर उत्तर चुनेंगे कि किस शासक के नाम पर यह कृति लिखी गई।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘तुगलकनामा’ अमीर खुसरो द्वारा लिखी गई एक फारसी कविता है जो गियासुद्दीन तुगलक के गद्दी पर बैठने के घटनाक्रम का वर्णन करती है। अमीर खुसरो दिल्ली सल्तनत के कई शासकों के दरबार में रहे, लेकिन ‘तुगलकनामा’ विशेष रूप से गियासुद्दीन तुगलक से संबंधित है।
  • गलत विकल्प: फिरोजशाह तुगलक ने ‘फतुहात-ए-फिरोजशाही’ नामक आत्मकथा लिखी। मुहम्मद बिन तुगलक विद्वान था लेकिन उसने कोई ऐसी प्रसिद्ध कृति नहीं लिखी जिसे ‘तुगलकनामा’ कहा जाता हो। सिकंदर लोदी ने भी साहित्य में योगदान दिया।

[पुनः स्पष्टीकरण: मूल प्रश्न में त्रुटि है। “किस शासक ने ‘तुगलकनामा’ की रचना की?” के बजाय, प्रश्न “किस शासक के शासनकाल में ‘तुगलकनामा’ की रचना हुई?” या “तुगलकनामा के मुख्य पात्र कौन थे?” होना चाहिए था। दिए गए विकल्पों में से, यदि हम यह मानें कि प्रश्न ‘तुगलकनामा’ के मुख्य पात्र या जिसके बारे में यह लिखा गया है, उसके बारे में पूछ रहा है, तो गियासुद्दीन तुगलक सबसे उपयुक्त होगा। हालांकि, दिए गए विकल्पों में गियासुद्दीन तुगलक नहीं है। मुहम्मद बिन तुगलक एक तुगलक शासक थे, लेकिन उन्होंने तुगलकनामा नहीं लिखा। इस प्रश्न को अमान्य माना जा सकता है या एक वैकल्पिक व्याख्या के साथ आगे बढ़ना होगा। विकल्पों को देखते हुए, यदि प्रश्न को ‘तुगलक वंश के किस शासक से संबंधित यह रचना है’ के रूप में समझा जाए, और रचना का नाम ‘तुगलकनामा’ हो, तो यह सबसे अधिक संभव है कि यह गियासुद्दीन तुगलक के बारे में हो, लेकिन वह विकल्प में नहीं है। यदि प्रश्न का उद्देश्य यह पूछना है कि किस शासक ने साहित्य को बढ़ावा दिया या किस शासक के अधीन यह लिखा गया, तो यह जटिल हो जाता है। लेकिन यदि दिए गए विकल्पों में से ही चुनना है, और यह मानते हुए कि प्रश्न की मंशा तुगलक शासकों से संबंधित है, और ‘तुगलकनामा’ शब्द तुगलक वंश से जुड़ा है, तो यह सवाल गलत पूछा गया है। सही रचनाकार अमीर खुसरो थे, जो शासक नहीं थे। यदि प्रश्न में ‘तुगलकनामा’ शब्द के बजाय किसी अन्य रचना का नाम होता जो मुहम्मद बिन तुगलक ने लिखी होती, तो उत्तर (c) सही हो सकता था। वर्तमान प्रश्न प्रारूप में, यह प्रश्न अनुत्तरित रहता है या गलत विकल्प प्रदान करता है। हम यहाँ प्रश्न को ‘किस शासक के काल में तुगलकनामा का महत्व था?’ मानकर आगे बढ़ रहे हैं, और उस आधार पर, यदि गियासुद्दीन तुगलक विकल्प में होता तो वह सही होता। विकल्प (c) मुहम्मद बिन तुगलक भी एक महत्वपूर्ण तुगलक शासक थे, लेकिन यह उनका नाम विशेष रूप से ‘तुगलकनामा’ से नहीं जुड़ा है। यह एक समस्याग्रस्त प्रश्न है। हम इसे छोड़ सकते हैं या एक ऐसे उत्तर का चयन कर सकते हैं जो सबसे कम गलत हो। सामान्य ज्ञान के आधार पर, ‘तुगलकनामा’ गियासुद्दीन तुगलक से संबंधित है। चूंकि वह विकल्प में नहीं है, और यह एक अभ्यास है, हम इस पर आगे नहीं बढ़ेंगे, या प्रश्न को अनदेखा करेंगे। लेकिन यदि चयन करना ही है, तो यह सबसे खराब प्रश्न में से एक है। मान लीजिए कि प्रश्न का इरादा तुगलक वंश के किसी शासक के बारे में पूछना है, और ‘तुगलकनामा’ उस काल को दर्शाता है। इस स्थिति में, किसी भी तुगलक शासक को सीधे तौर पर नहीं जोड़ा जा सकता। यह प्रश्न छोड़ दिया जाता है।

[यह प्रश्न छोड़ दिया गया है क्योंकि यह असंगत है]


प्रश्न 23: ‘सर्वोदय’ की अवधारणा किसने प्रस्तुत की?

  1. महात्मा गांधी
  2. पंडित दीनदयाल उपाध्याय
  3. जे. पी. नारायण
  4. विनोबा भावे

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘सर्वोदय’ (सभी का उदय या सबका कल्याण) की अवधारणा महात्मा गांधी ने प्रस्तुत की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: गांधीजी ने जॉन रस्किन की पुस्तक ‘अनटू दिस लास्ट’ (Unto This Last) से प्रेरित होकर ‘सर्वोदय’ की अवधारणा को अपनाया। इसका अर्थ था समाज के अंतिम व्यक्ति (सबसे गरीब और सबसे कमजोर) का उत्थान। यह अवधारणा आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक समानता पर आधारित थी। विनोबा भावे ने भूदान आंदोलन के माध्यम से सर्वोदय के विचारों को फैलाने का प्रयास किया।
  • गलत विकल्प: पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने ‘एकात्म मानववाद’ की अवधारणा प्रस्तुत की। जयप्रकाश नारायण (जे. पी.) ने ‘संपूर्ण क्रांति’ का नारा दिया। विनोबा भावे गांधीजी के अनुयायी थे और उन्होंने सर्वोदय के विचारों को आगे बढ़ाया, लेकिन इसकी मूल अवधारणा गांधीजी की थी।

प्रश्न 24: ऋग्वेद का कौन सा मंडल ‘सोम’ को समर्पित है?

  1. पहला मंडल
  2. सातवाँ मंडल
  3. नवाँ मंडल
  4. दसवाँ मंडल

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ऋग्वेद का नवाँ मंडल (नौवां मंडल) पूरी तरह से ‘सोम’ नामक देवता को समर्पित है।
  • संदर्भ और विस्तार: सोम एक महत्वपूर्ण वैदिक देवता थे, जो एक पवित्र पौधे और उससे बनने वाले पेय से जुड़े थे। इस मंडल में सोम की स्तुति में कई मंत्र (सूक्त) हैं, और यह उस काल में सोम के धार्मिक और सामाजिक महत्व को दर्शाता है।
  • गलत विकल्प: ऋग्वेद के अन्य मंडल विभिन्न देवताओं और विषयों पर केंद्रित हैं। पहला मंडल भी महत्वपूर्ण है, और सातवाँ मंडल विशेष रूप से वशिष्ठ ऋषि से जुड़ा है, जबकि दसवाँ मंडल पुरुष सूक्त और वर्ण व्यवस्था से संबंधित है।

प्रश्न 25:TCP/IP प्रोटोकॉल के आविष्कारक कौन थे?

  1. टिम बर्नर्स-ली
  2. विंट सर्फ और बॉब कान
  3. बिल गेट्स
  4. स्टीव जॉब्स

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: TCP/IP (Transmission Control Protocol/Internet Protocol) प्रोटोकॉल के मुख्य आविष्कारक विंट सर्फ (Vint Cerf) और बॉब कान (Bob Kahn) थे।
  • संदर्भ और विस्तार: उन्हें अक्सर ‘इंटरनेट का जनक’ कहा जाता है। उन्होंने 1970 के दशक में इस प्रोटोकॉल का विकास किया, जिसने विभिन्न कंप्यूटर नेटवर्कों को आपस में जोड़ने की नींव रखी, जिससे आज के इंटरनेट का उदय हुआ।
  • गलत विकल्प: टिम बर्नर्स-ली ने वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) का आविष्कार किया। बिल गेट्स माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक हैं, और स्टीव जॉब्स एप्पल के सह-संस्थापक थे।

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