इतिहास का महासंग्राम: आज ही करें अपने ज्ञान का मूल्यांकन!
नमस्कार, भावी राष्ट्र निर्माताओं! क्या आप इतिहास की गहराइयों में गोता लगाने और अपने ज्ञान की परीक्षा लेने के लिए तैयार हैं? आज का यह विशेष सत्र आपको प्राचीन भारत से लेकर विश्व के महत्वपूर्ण मोड़ों तक ले जाएगा। पेन और पेपर उठाइए, और चलिए समय की गलियों में एक रोमांचक यात्रा पर!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल से घोड़े के अवशेष प्राप्त हुए हैं?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- सुरकोतड़ा
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: सुरकोतड़ा (गुजरात) सिंधु घाटी सभ्यता का एक महत्वपूर्ण स्थल है जहाँ से घोड़े के जीवाश्म और अस्थि अवशेष पाए गए हैं।
- संदर्भ और विस्तार: सुरकोतड़ा में मिले घोड़े के अवशेष सिंधु सभ्यता में घोड़ों के अस्तित्व की पुष्टि करते हैं, हालांकि इसका उपयोग और महत्व अभी भी बहस का विषय है। अन्य प्रमुख स्थलों जैसे हड़प्पा और मोहनजोदड़ो से घोड़े के अवशेष नहीं मिले हैं। लोथल एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था।
- गलत विकल्प: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो से मुहरें, मूर्तियां और औजार मिले हैं, लेकिन घोड़ों के स्पष्ट अवशेष नहीं। लोथल अपने गोदी (dockyard) के लिए प्रसिद्ध है।
प्रश्न 2: ऋग्वैदिक काल में ‘अOtro’ (Atro) शब्द किस हेतु प्रयुक्त होता था?
- युद्ध का देवता
- पशुधन का स्वामी
- एक प्रकार का अनाज
- दूध देने वाली गाय
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ऋग्वैदिक काल में ‘अOtro’ शब्द का प्रयोग उस गाय के लिए किया जाता था जो दूध देती थी, अर्थात ‘दुधारू गाय’।
- संदर्भ और विस्तार: ऋग्वेद में गाय को ‘अघन्या’ (जिसे मारा न जाए) कहा गया है, जो इसके अत्यधिक महत्व को दर्शाता है। गाय संपत्ति का मुख्य सूचक थी और विनिमय का माध्यम भी। ‘अOtro’ विशेष रूप से उस गाय को दर्शाता था जो उत्पादन (दूध) देती थी।
- गलत विकल्प: युद्ध के देवता इंद्र थे। पशुधन के स्वामी का कोई विशेष रूप से वर्णित शब्द नहीं है, हालांकि पशुधन महत्वपूर्ण था। विभिन्न प्रकार के अनाज का उल्लेख मिलता है, लेकिन ‘अOtro’ अनाज से संबंधित नहीं था।
प्रश्न 3: जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर कौन थे?
- महावीर स्वामी
- पार्श्वनाथ
- ऋषभनाथ
- अजितनाथ
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभनाथ थे, जिन्हें आदिनाथ के नाम से भी जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: ऋषभनाथ ने जैन धर्म की स्थापना की और इसे एक व्यवस्थित रूप दिया। उन्हें जैन धर्म का संस्थापक माना जाता है। वे 24 तीर्थंकरों की श्रृंखला में पहले थे। 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ थे और 24वें और अंतिम तीर्थंकर महावीर स्वामी थे।
- गलत विकल्प: महावीर स्वामी 24वें तीर्थंकर थे और उन्होंने जैन धर्म को लोकप्रिय बनाया। पार्श्वनाथ 23वें तीर्थंकर थे, जिन्होंने चार महाव्रतों (अहिंसा, सत्य, अस्तेय, अपरिग्रह) की शिक्षा दी थी। अजितनाथ तीसरे तीर्थंकर थे।
प्रश्न 4: मौर्य काल में ‘सीताध्यक्ष’ का क्या कार्य था?
- राजस्व एकत्र करना
- भूमि का सर्वेक्षण करना
- कृषि का पर्यवेक्षण करना
- सिक्कों का निरीक्षण करना
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: मौर्य काल में ‘सीताध्यक्ष’ पद का प्रमुख कार्य कृषि और राजकीय भूमि (जो ‘सीता’ कहलाती थी) का पर्यवेक्षण करना था।
- संदर्भ और विस्तार: अर्थशास्त्र में 18 प्रकार के तीर्थों (उच्च अधिकारियों) का वर्णन है, जिनमें सीताध्यक्ष एक प्रमुख अधिकारी था। उसका काम कृषि उत्पादन की देखरेख करना, भूमि की व्यवस्था करना और उससे संबंधित राजस्व या उपज का प्रबंधन करना था।
- गलत विकल्प: राजस्व एकत्र करने का कार्य ‘समाहर्ता’ का था। भूमि सर्वेक्षण ‘प्रदेष्टा’ या ‘युक्त’ जैसे अधिकारियों द्वारा किया जाता था। सिक्कों का निरीक्षण ‘लक्षणाध्यक्ष’ करता था।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: गुप्त सम्राट समुद्रगुप्त को भारतीय इतिहासकार वी. ए. स्मिथ ने अपनी पुस्तक ‘Early History of India’ में ‘भारत का नेपोलियन’ कहा है।
- संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त एक महान विजेता और कुशल प्रशासक था। उसने अपने साम्राज्य का विस्तार उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में कांचीपुरम तक किया था। उसके सिक्कों पर वीणा बजाते हुए चित्र मिले हैं, जिससे उसकी संगीत प्रियता का भी पता चलता है। उसकी विजयों का वर्णन प्रयाग प्रशस्ति में मिलता है।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का संस्थापक था। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने भी अपने शासनकाल में कला और साहित्य को बढ़ावा दिया और मालवा की विजय के उपलक्ष्य में ‘विक्रमांक’ की उपाधि धारण की। कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना में योगदान दिया।
प्रश्न 6: चोल साम्राज्य का राजकीय चिह्न क्या था?
- बाघ
- हाथी
- मछली
- शेर
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: चोल साम्राज्य का राजकीय चिह्न ‘मछली’ था।
- संदर्भ और विस्तार: चोल शासकों के झंडे पर मछली का प्रतीक अंकित होता था। यह प्रतीक उनकी समुद्री शक्ति और नौसैनिक प्रभुत्व का भी प्रतीक माना जाता है। चोलों का साम्राज्य दक्षिण भारत में अत्यंत शक्तिशाली था और उनका नौसैनिक बेड़ा पूर्वी एशिया तक प्रभावी था।
- गलत विकल्प: बाघ चेर राजवंश का राजकीय चिह्न था, जबकि पांड्य राजवंश का चिह्न मछली था, जिसे चोलों ने भी अपनाया। शेर का संबंध अक्सर उत्तर भारतीय राजवंशों से रहा है। हाथी का प्रयोग भी विभिन्न राजवंशों द्वारा किया गया, लेकिन मछली चोलों के लिए विशिष्ट थी।
प्रश्न 7: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ नामक एक स्वतंत्र विभाग की स्थापना की थी?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- फिरोज शाह तुगलक
- अलाउद्दीन खिलजी
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: फिरोज शाह तुगलक ने 1351-1388 ईस्वी तक शासन किया और उसने ‘दीवान-ए-बंदगान’ नामक विभाग की स्थापना की, जो दासों (गुलामों) के कल्याण और व्यवस्था के लिए था।
- संदर्भ और विस्तार: फिरोजशाह तुगलक ने गुलामों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए इस विभाग का गठन किया था। इसने गुलामों को प्रशिक्षण देकर विभिन्न सरकारी पदों पर नियुक्त किया। उसने नहरों का निर्माण, सार्वजनिक निर्माण कार्य और कई शहरों की स्थापना जैसे जनकल्याणकारी कार्य भी किए।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (तुर्क-ए-चिहलगानी) नामक सरदारों का एक समूह बनाया था। बलबन ने राजत्व सिद्धांत को मजबूत किया। अलाउद्दीन खिलजी ने ‘दीवान-ए-मुस्तखराज’ (बकाया लगान वसूलने हेतु) और ‘दीवान-ए-आरिज’ (सैन्य विभाग) जैसे विभागों की स्थापना की थी।
प्रश्न 8: विजयनगर साम्राज्य के किस शासक ने ‘आमुक्तमाल्यदा’ नामक प्रसिद्ध ग्रंथ की रचना की?
- कृष्णदेवराय
- देवराय प्रथम
- राम राय
- बुक्का प्रथम
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासक कृष्णदेवराय (शासनकाल 1509-1529 ईस्वी) ने तेलुगु भाषा में ‘आमुक्तमाल्यदा’ नामक महाकाव्य की रचना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: ‘आमुक्तमाल्यदा’ भगवान विष्णु की कथा पर आधारित है और यह विजयनगर काल के साहित्य का एक महत्वपूर्ण रत्न है। कृष्णदेवराय स्वयं एक विद्वान और कवि थे और उन्होंने ‘जम्बवती कल्याणम’ नामक एक अन्य ग्रंथ की भी रचना की थी। उनके दरबार में तेलुगु के आठ महान विद्वान रहते थे, जिन्हें ‘अष्टदिग्गज’ कहा जाता था।
- गलत विकल्प: देवराय प्रथम ने अपनी पुत्री का विवाह शाहरुख मिर्जा से किया था। राम राय ने तालीकोटा के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बुक्का प्रथम ने विजयनगर साम्राज्य की नींव रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
प्रश्न 9: 1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर-जनरल कौन था?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड कर्जन
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: 1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर-जनरल लॉर्ड कैनिंग था।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कैनिंग (1856-1862) वह गवर्नर-जनरल थे जिनके कार्यकाल में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन का अंत हुआ और भारत सीधे ब्रिटिश क्राउन के अधीन आ गया (1858 का भारत सरकार अधिनियम)। विद्रोह के बाद उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण नीतियों को लागू किया, जैसे कि भारत सरकार अधिनियम 1858।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी की ‘व्यपगत सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) नीतियों को विद्रोह के कारणों में गिना जाता है। लॉर्ड लिटन ने वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट लागू किया था। लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया था।
प्रश्न 10: ‘नील दर्पण’ के लेखक कौन हैं?
- बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय
- दिनबंधु मित्र
- सुभाष चंद्र बोस
- रवींद्रनाथ टैगोर
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘नील दर्पण’ नाटक के लेखक दिनबंधु मित्र थे।
- संदर्भ और विस्तार: यह नाटक 1860 में प्रकाशित हुआ था और इसमें बंगाल के नील किसानों पर यूरोपीय नील उत्पादकों द्वारा किए गए अत्याचारों का मार्मिक चित्रण किया गया था। इसने 1859-60 के नील विद्रोह को भी प्रेरित किया। यह भारत में पहला यथार्थवादी नाटक माना जाता है।
- गलत विकल्प: बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने ‘आनंद मठ’ लिखा था, जिसमें ‘वंदे मातरम’ गीत शामिल है। सुभाष चंद्र बोस एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। रवींद्रनाथ टैगोर प्रसिद्ध कवि और लेखक थे, जिन्हें गीतांजलि के लिए नोबेल पुरस्कार मिला था।
प्रश्न 11: खिलाफत आंदोलन का नेतृत्व गांधीजी ने कब किया?
- 1919
- 1920
- 1921
- 1922
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: महात्मा गांधी ने खिलाफत आंदोलन का नेतृत्व 1920 में संभाला था।
- संदर्भ और विस्तार: यह आंदोलन तुर्की के खलीफा के पद को बनाए रखने और प्रथम विश्व युद्ध के बाद तुर्की के साथ ब्रिटेन द्वारा किए गए व्यवहार के विरोध में शुरू हुआ था। गांधीजी ने इस आंदोलन को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ने का प्रयास किया और हिंदू-मुस्लिम एकता को बढ़ावा दिया। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश सरकार पर दबाव बनाना था।
- गलत विकल्प: 1919 में रॉलेट एक्ट का विरोध हुआ था। 1921 में असहयोग आंदोलन अपने चरम पर था। 1922 में चौरी-चौरा कांड के बाद असहयोग आंदोलन स्थगित कर दिया गया था।
प्रश्न 12: ‘सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है’ – यह प्रसिद्ध नारा किसने दिया था?
- भगत सिंह
- राम प्रसाद बिस्मिल
- अशफाक उल्ला खान
- चंद्रशेखर आजाद
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: यह प्रसिद्ध देशभक्ति गीत का अशफाक उल्ला खान को संबोधित प्रसिद्ध पंक्तियाँ हैं, जिन्हें राम प्रसाद बिस्मिल ने काकोरी ट्रेन डकैती (1925) से पहले लिखा था। हालांकि, यह गीत बिस्मिल अज़ीमाबादी द्वारा लिखा गया था, लेकिन बिस्मिल ने इसे अपना बना लिया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह पंक्तियाँ काकोरी कांड के अभियुक्तों में से एक, राम प्रसाद बिस्मिल की देशभक्ति की भावना को दर्शाती हैं। यह नारा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान क्रांतिकारियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना।
- गलत विकल्प: भगत सिंह ने ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा दिया था, जो बाद में लोकप्रिय हुआ। अशफाक उल्ला खान भी काकोरी कांड के प्रमुख क्रांतिकारी थे। चंद्रशेखर आजाद ने कभी भी ब्रिटिशों के सामने आत्मसमर्पण नहीं किया।
प्रश्न 13: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का लक्ष्य घोषित किया गया?
- लाहौर अधिवेशन, 1929
- कलकत्ता अधिवेशन, 1920
- कराची अधिवेशन, 1931
- लखनऊ अधिवेशन, 1916
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन (1929) में पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) के लक्ष्य को आधिकारिक रूप से घोषित किया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन में यह भी निर्णय लिया गया कि 26 जनवरी, 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। इसी अधिवेशन में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू करने का भी प्रस्ताव पारित हुआ।
- गलत विकल्प: कलकत्ता अधिवेशन (1920) में असहयोग आंदोलन का प्रस्ताव पारित हुआ। कराची अधिवेशन (1931) में मौलिक अधिकारों और आर्थिक नीति पर प्रस्ताव पारित हुए, जिसकी अध्यक्षता सरदार पटेल ने की थी। लखनऊ अधिवेशन (1916) में कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच समझौता (लखनऊ समझौता) हुआ था।
प्रश्न 14: ‘भूमि सुधार’ का संबंध भारतीय अर्थव्यवस्था के किस क्षेत्र से है?
- सेवा क्षेत्र
- उद्योग क्षेत्र
- कृषि क्षेत्र
- निर्माण क्षेत्र
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: भूमि सुधारों का सीधा संबंध भारतीय अर्थव्यवस्था के कृषि क्षेत्र से है।
- संदर्भ और विस्तार: भूमि सुधारों का उद्देश्य भूमि वितरण में समानता लाना, किसानों के शोषण को रोकना, कृषि उत्पादकता बढ़ाना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। इसमें चकबंदी, काश्तकारी सुधार, भूमि सीमा निर्धारण जैसे उपाय शामिल हैं।
- गलत विकल्प: सेवा क्षेत्र में वित्तीय सेवाएं, आईटी, पर्यटन आदि शामिल हैं। उद्योग क्षेत्र में विनिर्माण और उत्पादन शामिल है। निर्माण क्षेत्र में भवन निर्माण और बुनियादी ढांचा शामिल है। इन क्षेत्रों का भूमि सुधारों से प्रत्यक्ष संबंध नहीं है।
प्रश्न 15: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370, जिसे हाल ही में निरस्त किया गया, किस राज्य से संबंधित था?
- पंजाब
- हिमाचल प्रदेश
- जम्मू और कश्मीर
- उत्तराखंड
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370, जिसे अगस्त 2019 में राष्ट्रपति के आदेश द्वारा निरस्त किया गया, जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करता था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अनुच्छेद के तहत, जम्मू और कश्मीर को अपना अलग संविधान, ध्वज और स्वायत्तता प्राप्त थी। भारत के संविधान के कुछ प्रावधान वहां लागू नहीं होते थे जब तक कि राज्य की विधानसभा द्वारा अनुमोदित न हों। इसके निरस्त होने से जम्मू और कश्मीर को अब देश के अन्य राज्यों के समान दर्जा प्राप्त है।
- गलत विकल्प: पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड भारतीय संघ के अन्य राज्य हैं और उनके पास अनुच्छेद 370 जैसा विशेष दर्जा कभी नहीं था।
प्रश्न 16: प्रथम विश्व युद्ध कब से कब तक चला?
- 1914 – 1918
- 1939 – 1945
- 1905 – 1910
- 1920 – 1925
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: प्रथम विश्व युद्ध 28 जुलाई 1914 से 11 नवंबर 1918 तक चला।
- संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध मुख्यतः केंद्रीय शक्तियों (जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ओटोमन साम्राज्य) और मित्र राष्ट्रों (ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, इटली, जापान, अमेरिका) के बीच लड़ा गया था। इसने विश्व इतिहास को गहराई से प्रभावित किया और कई देशों की सीमाओं और राजनीतिक व्यवस्थाओं में बड़े बदलाव लाए।
- गलत विकल्प: 1939-1945 द्वितीय विश्व युद्ध का काल है। अन्य विकल्प प्रथम विश्व युद्ध से संबंधित नहीं हैं।
प्रश्न 17: फ्रांसीसी क्रांति (1789) का प्रमुख नारा क्या था?
- शांति, रोटी और भूमि
- स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
- एक राष्ट्र, एक नेता, एक भाग्य
- राष्ट्रवाद, सैन्यवाद, साम्राज्यवाद
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: फ्रांसीसी क्रांति (1789) का प्रसिद्ध नारा ‘Liberté, égalité, fraternité’ (स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व) था।
- संदर्भ और विस्तार: यह नारा फ्रांसीसी क्रांति के आदर्शों और आकांक्षाओं का प्रतीक बन गया, जिसने न केवल फ्रांस बल्कि पूरे यूरोप में राजनीतिक और सामाजिक विचारों को प्रभावित किया। इसने राजशाही और सामंती व्यवस्था को चुनौती दी और आधुनिक गणतंत्रवाद की नींव रखी।
- गलत विकल्प: ‘शांति, रोटी और भूमि’ रूसी क्रांति (1917) के नारे से जुड़ा है। ‘एक राष्ट्र, एक नेता, एक भाग्य’ नाजी जर्मनी के एडॉल्फ हिटलर से संबंधित था। ‘राष्ट्रवाद, सैन्यवाद, साम्राज्यवाद’ 19वीं और 20वीं सदी की कई यूरोपीय शक्तियों की नीतियों का वर्णन करता है।
प्रश्न 18: ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ का संबंध किस ऐतिहासिक घटना से है?
- जलियांवाला बाग हत्याकांड
- भारत छोड़ो आंदोलन
- सिखों का अमृतसर में स्वर्ण मंदिर पर भारतीय सेना की कार्रवाई
- विभाजन के दौरान सांप्रदायिक दंगे
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ जून 1984 में भारतीय सेना द्वारा अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर परिसर में हुई एक सैन्य कार्रवाई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह कार्रवाई खालिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले और उनके समर्थकों को मंदिर परिसर से निकालने के लिए की गई थी। इस ऑपरेशन के कारण मंदिर को काफी नुकसान हुआ और बड़ी संख्या में लोग मारे गए, जिसने सिख समुदाय के बीच गहरा आक्रोश पैदा किया।
- गलत विकल्प: जलियांवाला बाग हत्याकांड 1919 में हुआ था। भारत छोड़ो आंदोलन 1942 में शुरू हुआ था। विभाजन के दौरान सांप्रदायिक दंगे 1947 में हुए थे।
प्रश्न 19: किस मुगल सम्राट ने ‘तुलसीदास’ को संरक्षण दिया था?
- अकबर
- जहांगीर
- शाहजहां
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: यह एक विवादास्पद प्रश्न है, क्योंकि ऐतिहासिक प्रमाण बताते हैं कि तुलसीदास का जीवनकाल (लगभग 1532-1623) अकबर (1556-1605) और जहांगीर (1605-1627) दोनों के शासनकाल में रहा। कुछ विद्वान मानते हैं कि अकबर ने उन्हें संरक्षण दिया, जबकि अन्य मानते हैं कि उनका कोई सीधा संपर्क नहीं था। हालांकि, अधिकांश सामान्य समझ और इतिहास की पुस्तकों में अकबर का नाम आता है।
- संदर्भ और विस्तार: तुलसीदास ने ‘रामचरितमानस’ की रचना की, जो हिंदी साहित्य का एक उत्कृष्ट ग्रंथ है। यह माना जाता है कि उन्होंने अकबर के शासनकाल में ही इसकी रचना पूरी की थी। कुछ आख्यानों के अनुसार, अकबर ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें सम्मानित किया।
- गलत विकल्प: जहांगीर के शासनकाल में भी तुलसीदास जीवित थे, लेकिन अकबर के साथ उनका संबंध अधिक चर्चा में रहा है। शाहजहां और औरंगजेब तुलसीदास के बाद आए, इसलिए उनका कोई संबंध नहीं था।
प्रश्न 20: ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ की स्थापना किसने की थी?
- दादाभाई नौरोजी
- सुरेन्द्रनाथ बनर्जी
- गोपाल कृष्ण गोखले
- बाल गंगाधर तिलक
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ की स्थापना 1866 में दादाभाई नौरोजी ने लंदन में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस संगठन का मुख्य उद्देश्य भारत में ब्रिटिश शासन की आलोचना करना, भारत के प्रति ब्रिटिश जनता में जागरूकता फैलाना और ब्रिटिश संसद में भारतीय हितों की वकालत करना था। दादाभाई नौरोजी को ‘भारत का वयोवृद्ध नेता’ (Grand Old Man of India) भी कहा जाता है।
- गलत विकल्प: सुरेन्द्रनाथ बनर्जी ने ‘इंडियन नेशनल एसोसिएशन’ की स्थापना की थी। गोपाल कृष्ण गोखले ने ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ की स्थापना की थी। बाल गंगाधर तिलक ‘आर्य महिला समाज’ और ‘पुणे सार्वजनिक सभा’ जैसे संगठनों से जुड़े रहे।
प्रश्न 21: निम्नलिखित में से किस वायसराय ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को ‘आधारहीन अल्पसंख्यक’ कहा था?
- लॉर्ड डफरिन
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड मिंटो
- लॉर्ड चेम्सफोर्ड
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: लॉर्ड डफरिन, जो 1884 से 1888 तक भारत के वायसराय रहे, उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को ‘आधारहीन अल्पसंख्यक’ (a microscopic minority) कहकर संबोधित किया था।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड डफरिन का मानना था कि कांग्रेस केवल कुछ पढ़े-लिखे भारतीयों का प्रतिनिधित्व करती है और वह आम जनता की आवाज नहीं है। यह टिप्पणी कांग्रेस की बढ़ती लोकप्रियता और उसके द्वारा उठाए जा रहे मुद्दों पर ब्रिटिश सरकार की प्रतिक्रिया को दर्शाती है।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन ने 1905 में बंगाल का विभाजन किया था। लॉर्ड मिंटो (1905-1910) ने मार्ले-मिंटो सुधार लागू किए थे। लॉर्ड चेम्सफोर्ड (1916-1921) के कार्यकाल में मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार आए थे।
प्रश्न 22: ‘पुनर्जागरण’ (Renaissance) शब्द का अर्थ क्या है?
- धार्मिक पुनर्जीवन
- कला और साहित्य का नया जन्म
- ज्ञान और संस्कृति का पुनर्जन्म
- वैज्ञानिक क्रांति
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘पुनर्जागरण’ (Renaissance) शब्द फ्रांसीसी भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘पुनर्जन्म’ या ‘नया जन्म’। यह विशेष रूप से यूरोप में 14वीं से 16वीं शताब्दी के दौरान कला, साहित्य, विज्ञान और दर्शन के क्षेत्र में हुए व्यापक परिवर्तनों और पुनरुत्थान को दर्शाता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस काल में प्राचीन ग्रीक और रोमन सभ्यताओं के ज्ञान और कला का पुनरुद्धार हुआ, जिससे मानववाद (Humanism) का उदय हुआ। लियोनार्डो दा विंची, माइकल एंजेलो, राफेल जैसे कलाकारों ने इस युग में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- गलत विकल्प: जबकि कला और साहित्य का पुनर्जन्म इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, यह केवल इसी तक सीमित नहीं था, बल्कि इसमें ज्ञान और संस्कृति के अन्य क्षेत्रों का भी समावेश था। धार्मिक पुनर्जीवन सुधार आंदोलन (Reformation) का हिस्सा था, जो पुनर्जागरण के बाद आया। वैज्ञानिक क्रांति पुनर्जागरण के बाद की घटनाओं में से एक थी।
प्रश्न 23: किस गुप्त शासक के काल में चीनी यात्री ‘फाहियान’ भारत आया था?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: चीनी बौद्ध भिक्षु फाहियान (Fa-Hien) गुप्त सम्राट चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) के शासनकाल (लगभग 399-414 ईस्वी) के दौरान भारत आया था।
- संदर्भ और विस्तार: फाहियान लगभग 15 वर्षों तक भारत में रहा और उसने गुप्तकालीन भारत के समाज, धर्म, संस्कृति और राजनीतिक स्थिति का विस्तृत वर्णन किया। उसके यात्रा वृत्तांत ‘फो-कुओ-की’ (Countries of Buddha) के नाम से जाने जाते हैं। उसने अपने विवरणों में चंद्रगुप्त द्वितीय के सुशासन और प्रजा की सुख-समृद्धि का उल्लेख किया है।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का संस्थापक था। समुद्रगुप्त एक महान विजेता था। कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना में योगदान दिया।
प्रश्न 24: ‘अष्टप्रधान’ का गठन किस मराठा शासक ने किया था?
- शिवाजी
- संभाजी
- बाजीराव प्रथम
- माधवराव
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने प्रशासन को सुव्यवस्थित करने के लिए ‘अष्टप्रधान’ (आठ मंत्रियों की परिषद) का गठन किया था।
- संदर्भ और विस्तार: अष्टप्रधान में आठ मंत्री शामिल थे: पेशवा (प्रधान मंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), मंत्री/वाकयानवीस (गृह सचिव), सुमंत/दबीर (विदेश मंत्री), सचिव (राजकीय पत्र व्यवहार), पंडितराव (धार्मिक मामले), सेनापति (सेना प्रमुख) और न्यायाधीश (न्याय प्रमुख)। यह शिवाजी के कुशल प्रशासन का प्रतीक था।
- गलत विकल्प: संभाजी शिवाजी के पुत्र थे और उन्होंने भी शासन किया। बाजीराव प्रथम पेशवा पद पर रहते हुए प्रमुख मराठा विस्तारवादी शासक बने। माधवराव बाजीराव प्रथम के पुत्र थे और एक सक्षम पेशवा थे।
प्रश्न 25: निम्नलिखित में से किस आंदोलन का संबंध ‘गांधी-इरविन समझौता’ से है?
- असहयोग आंदोलन
- सविनय अवज्ञा आंदोलन
- भारत छोड़ो आंदोलन
- खिलाफत आंदोलन
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: गांधी-इरविन समझौता (1931) सविनय अवज्ञा आंदोलन से संबंधित था।
- संदर्भ और विस्तार: 1930 में शुरू हुए सविनय अवज्ञा आंदोलन को ब्रिटिश सरकार द्वारा बलपूर्वक दबाने का प्रयास किया गया। इस आंदोलन को समाप्त करने और गोलमेज सम्मेलन (Round Table Conference) में भाग लेने के लिए लॉर्ड इरविन (तत्कालीन वायसराय) और महात्मा गांधी के बीच 5 मार्च 1931 को एक समझौता हुआ, जिसे गांधी-इरविन समझौता के नाम से जाना जाता है। इस समझौते के तहत सरकार ने राजनीतिक बंदियों को रिहा करने और जब्त की गई संपत्तियों को लौटाने का वादा किया, जबकि कांग्रेस ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित करने पर सहमति जताई।
- गलत विकल्प: असहयोग आंदोलन (1920-22) का संबंध गांधी-इरविन समझौते से नहीं है। भारत छोड़ो आंदोलन (1942) एक बाद का आंदोलन था। खिलाफत आंदोलन (1919-24) भी इस समझौते से असंबद्ध था।