इतिहास का महासंग्राम: आज ही अपनी तैयारी परखें!
नमस्कार, इतिहास के जिज्ञासुओं! क्या आप अपने ज्ञान को परखने और प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक युग तक के सफ़र में खुद को आज़माने के लिए तैयार हैं? आज का यह मॉक टेस्ट आपके लिए इतिहास के विशाल सागर से चुने गए 25 अनमोल मोती लेकर आया है। आइए, अतीत के रहस्यों को उजागर करें और अपनी तैयारी को धार दें!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा हड़प्पा स्थल गुजरात में स्थित नहीं है?
- लोथल
- धौलावीरा
- बनावली
- सुरकोटदा
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: बनावली एक प्रमुख हड़प्पा स्थल है जो हरियाणा राज्य के फतेहाबाद जिले में स्थित है।
- संदर्भ और विस्तार: बनावली से हमें प्रागैतिहासिक और हड़प्पा काल की ईंटें, मिट्टी के खिलौने, हल की प्रतिकृति और तांबे के औजार मिले हैं। यहाँ से जल निकासी व्यवस्था का अभाव भी मिलता है, जो उस समय के अन्य हड़प्पा स्थलों से भिन्न है। लोथल, धौलावीरा और सुरकोटदा सभी गुजरात में स्थित महत्वपूर्ण हड़प्पाकालीन स्थल हैं। लोथल एक प्रसिद्ध बंदरगाह शहर था, जबकि धौलावीरा जल प्रबंधन प्रणाली के लिए जाना जाता है।
- गलत विकल्प: लोथल (गुजरात) एक महत्वपूर्ण बंदरगाह था। धौलावीरा (गुजरात) अपनी जल संरक्षण प्रणाली के लिए प्रसिद्ध है। सुरकोटदा (गुजरात) को घोड़े के अवशेष मिलने का श्रेय जाता है, हालांकि यह विवादास्पद है।
प्रश्न 2: “राष्ट्रकूट” शब्द का अर्थ क्या है?
- शाही सेवक
- प्रमुख
- सेनापति
- राजकुमार
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: “राष्ट्रकूट” शब्द का अर्थ ‘प्रमुख’ या ‘प्रभु’ होता है, जो उस काल में शासक वर्ग या एक महत्वपूर्ण अधिकारी के पद को दर्शाता था।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रकूट वंश दक्षिण भारत का एक शक्तिशाली वंश था जिसने 6वीं से 10वीं शताब्दी ईस्वी तक शासन किया। उनका शासन दक्कन क्षेत्र में केंद्रित था। वे मूल रूप से चालुक्यों के सामंत थे, लेकिन 8वीं शताब्दी में दंतिदुर्ग द्वारा चालुक्यों को हराकर उन्होंने स्वतंत्र राष्ट्रकूट साम्राज्य की स्थापना की।
- गलत विकल्प: ‘शाही सेवक’ (शाही सेवक), ‘सेनापति’ (सेनापति), और ‘राजकुमार’ (राजकुमार) उनके पद या स्थिति का सटीक अर्थ नहीं बताते हैं। ‘प्रमुख’ या ‘प्रभु’ उनके प्रशासनिक और शासकीय अधिकार को दर्शाता है।
प्रश्न 3: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: समुद्रगुप्त को उनकी सैन्य विजयों और विशाल साम्राज्य के कारण ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। यह उपाधि ब्रिटिश इतिहासकार ए.एल. श्रीवास्तव ने दी थी।
- संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त (शासनकाल लगभग 335-375 ईस्वी) गुप्त वंश के सबसे महान शासकों में से एक था। उसने उत्तर भारत के कई राज्यों पर विजय प्राप्त की और अपने साम्राज्य का विस्तार किया। उसने दक्षिणापथ के राजाओं को भी हराया और उन्हें कर देने के लिए मजबूर किया। उसके प्रयाग प्रशस्ति (अलाहाबाद शिलालेख) में उसकी विजयों का विस्तृत वर्णन है।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का संस्थापक था। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने भी विजयें प्राप्त कीं और अपने काल में कला और साहित्य का विकास किया, लेकिन समुद्रगुप्त की सैन्य विजयें अधिक व्यापक थीं। कुमारगुप्त प्रथम ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।
प्रश्न 4: शेरशाह सूरी के बचपन का नाम क्या था?
- फरीद खान
- जलाल खान
- खुशरू खान
- बहादुर खान
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: शेरशाह सूरी का बचपन का नाम फरीद खान था।
- संदर्भ और विस्तार: फरीद खान का जन्म 1472 ईस्वी में हुआ था। उसने बिहार के शासक जमाल खान लोहानी के यहाँ काम किया और एक शेर को मार गिराने के बाद उसे ‘शेर खान’ की उपाधि मिली। बाद में उसने बंगाल के शासक को हराकर ‘शेर शाह’ की उपाधि धारण की और सूरी साम्राज्य की स्थापना की। वह अपने प्रशासनिक सुधारों, जैसे ‘रुपये’ का प्रचलन और ‘सड़क-ए-आजम’ (जिसे अब जीटी रोड कहा जाता है) के निर्माण के लिए जाना जाता है।
- गलत विकल्प: जलाल खान उसके संरक्षक का नाम था। खुशरू खान और बहादुर खान संबंधित नहीं हैं।
प्रश्न 5: प्रथम विश्व युद्ध की अवधि क्या थी?
- 1905-1910
- 1914-1918
- 1920-1925
- 1939-1945
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: प्रथम विश्व युद्ध 1914 से 1918 तक चला।
- संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध 28 जुलाई 1914 को ऑस्ट्रिया-हंगरी द्वारा सर्बिया पर युद्ध की घोषणा के साथ शुरू हुआ और 11 नवंबर 1918 को जर्मनी द्वारा युद्धविराम पर हस्ताक्षर के साथ समाप्त हुआ। इसमें केंद्रीय शक्तियां (जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, तुर्की, बुल्गारिया) मित्र राष्ट्रों (फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, इटली, जापान, अमेरिका) के खिलाफ लड़ी थीं।
- गलत विकल्प: 1905-1910 तक का समय विभिन्न देशों में सामाजिक और राजनीतिक उथल-पुथल का था (जैसे रूस-जापान युद्ध)। 1920-1925 में वर्साय की संधि लागू हुई और लीग ऑफ नेशंस की स्थापना हुई। 1939-1945 द्वितीय विश्व युद्ध की अवधि थी।
प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘दीन-ए-इलाही’ के बारे में सत्य है?
- यह केवल इस्लाम धर्म पर आधारित एक संप्रदाय था।
- इसे अकबर ने 1582 में शुरू किया था।
- इसका मुख्य उद्देश्य सभी धर्मों को एकजुट करना था।
- यह एक कट्टरपंथी इस्लामी आंदोलन था।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘दीन-ए-इलाही’ का मुख्य उद्देश्य विभिन्न धर्मों के सार को मिलाकर एक सार्वभौमिक धर्म बनाना था, जिसे अकबर ने 1582 में शुरू किया था।
- संदर्भ और विस्तार: दीन-ए-इलाही (ईश्वर का धर्म) अकबर द्वारा प्रस्तुत एक धर्म-सुधारक प्रस्ताव था, जो विभिन्न धार्मिक दर्शनों, जैसे इस्लाम, हिंदू धर्म, पारसी धर्म, जैन धर्म और ईसाई धर्म के तत्वों का मिश्रण था। इसका उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देना और सभी धर्मों के अनुयायियों के बीच सद्भाव स्थापित करना था। हालाँकि, यह व्यापक रूप से नहीं फैला और केवल कुछ ही लोग इसके अनुयायी बने।
- गलत विकल्प: यह केवल इस्लाम पर आधारित नहीं था, बल्कि सभी धर्मों के तत्वों को शामिल करता था। इसे 1582 में शुरू किया गया था, लेकिन यह सभी धर्मों को एकजुट करने का एक प्रयास था, न कि केवल एक धर्म का प्रचार। यह कट्टरपंथी इस्लामी आंदोलन नहीं था, बल्कि एक समावेशी पहल थी।
प्रश्न 7: इंडस घाटी सभ्यता के किस स्थल से ‘नर्तकी की कांस्य प्रतिमा’ मिली है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- कालीबंगन
- लोथल
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: मोहनजोदड़ो से प्रसिद्ध ‘नर्तकी की कांस्य प्रतिमा’ प्राप्त हुई है।
- संदर्भ और विस्तार: यह प्रतिमा लगभग 4,500 साल पुरानी है और इंडस घाटी सभ्यता की कलात्मक और तकनीकी कौशल का एक अद्भुत उदाहरण है। यह लगभग 10.5 सेमी ऊंची है और तिरछी खड़ी मुद्रा में एक युवा महिला को दर्शाती है। यह प्रतिमा आधुनिक नृत्य मुद्राओं की याद दिलाती है। मोहनजोदड़ो (सिंधी में ‘मृतकों का टीला’) इंडस घाटी सभ्यता के सबसे बड़े शहरों में से एक था।
- गलत विकल्प: हड़प्पा से हमें ‘आदमी का पुतला’ (Redstone Male Torso) और ‘दाढ़ी वाले पुजारी’ की मूर्तियाँ मिली हैं। कालीबंगन से हमें जुते हुए खेत के प्रमाण मिले हैं। लोथल एक बंदरगाह शहर था।
प्रश्न 8: निम्नलिखित में से किसने ‘सरफ़रोशी की तमन्ना’ गीत लिखा?
- भगत सिंह
- रामप्रसाद बिस्मिल
- अशफ़ाक़उल्ला खान
- चंद्रशेखर आज़ाद
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘सरफ़रोशी की तमन्ना’ गीत के मुख्य रचयिता रामप्रसाद बिस्मिल थे।
- संदर्भ और विस्तार: यह गीत काकोरी षड्यंत्र (1925) के अभियुक्तों में से एक, रामप्रसाद बिस्मिल द्वारा लिखा गया था। हालाँकि, यह गीत का सबसे प्रसिद्ध संस्करण बाद में बिस्मिल अज़ीमाबादी द्वारा लिखा गया था, जिसे बिस्मिल ने अपनी राष्ट्रभक्ति की भावना व्यक्त करने के लिए इस्तेमाल किया। यह गीत भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक शक्तिशाली प्रेरणा स्रोत बना।
- गलत विकल्प: भगत सिंह, अशफ़ाक़उल्ला खान और चंद्रशेखर आज़ाद सभी महान क्रांतिकारी थे, लेकिन यह गीत विशेष रूप से बिस्मिल से जुड़ा है।
प्रश्न 9: वेदों में ‘ऋग्वेद’ का अर्थ क्या है?
- मंत्रों का वेद
- यज्ञों का वेद
- ज्ञान का वेद
- साम का वेद
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ऋग्वेद का अर्थ ‘श्लोकों या मंत्रों का ज्ञान’ है।
- संदर्भ और विस्तार: ऋग्वेद सबसे प्राचीन और सबसे महत्वपूर्ण वेदों में से एक है। इसमें 10 मंडल, 1028 सूक्त और 10,600 ऋचाएँ (मंत्र) हैं। यह प्राचीन आर्यों के धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। इसमें विभिन्न देवताओं की स्तुति में रचे गए मंत्र शामिल हैं।
- गलत विकल्प: यजुर्वेद यज्ञों और अनुष्ठानों से संबंधित है। सामवेद साम (धुन) से संबंधित है। अथर्ववेद जादू-टोना, चिकित्सा और दर्शन से संबंधित है।
प्रश्न 10: बक्सर का युद्ध कब हुआ था?
- 1757
- 1764
- 1761
- 1789
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: बक्सर का युद्ध 1764 ईस्वी में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: बक्सर का युद्ध एक निर्णायक युद्ध था जो ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और बंगाल के नवाब मीर कासिम, अवध के नवाब शुजा-उद-दौला और मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय की संयुक्त सेना के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध में ब्रिटिश सेना की जीत हुई, जिससे भारत में कंपनी का शासन और अधिक मजबूत हुआ। इसने प्लासी के युद्ध (1757) के बाद कंपनी के प्रभुत्व को और स्थापित किया।
- गलत विकल्प: 1757 में प्लासी का युद्ध हुआ था। 1761 में पानीपत का तीसरा युद्ध हुआ था। 1789 में फ्रांसीसी क्रांति की शुरुआत हुई थी।
प्रश्न 11: किस गुप्त शासक ने ‘विक्रमांक’ की उपाधि धारण की थी?
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- समुद्रगुप्त
- स्कंदगुप्त
- कुमारगुप्त
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: चंद्रगुप्त द्वितीय ने ‘विक्रमांक’ और ‘विक्रमादित्य’ जैसी उपाधियाँ धारण की थीं।
- संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त द्वितीय (लगभग 375-415 ईस्वी) गुप्त वंश के सबसे प्रतापी राजाओं में से एक था। उन्होंने शकों को पराजित किया और अपनी राजधानी को पाटलिपुत्र से उज्जैन स्थानांतरित कर दिया। उनके दरबार में कालिदास जैसे महान विद्वान थे। ‘विक्रमादित्य’ उपाधि उन्हें उनकी विजयों और न्यायप्रिय शासन के कारण दी गई थी।
- गलत विकल्प: समुद्रगुप्त अपनी विजयों के लिए जाना जाता था। स्कंदगुप्त ने हूणों के आक्रमण का सफलतापूर्वक सामना किया था। कुमारगुप्त प्रथम ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।
प्रश्न 12: ‘सती प्रथा’ को समाप्त करने का श्रेय किस गवर्नर-जनरल को जाता है?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
- लॉर्ड कैनिंग
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: सती प्रथा को समाप्त करने का श्रेय लॉर्ड विलियम बेंटिंक को जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: राजा राम मोहन राय के अथक प्रयासों और राजा राममोहन राय के आग्रह पर, लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने 1829 में बंगाल सती रेगुलेशन (Regulation XVII) पारित कर सती प्रथा को प्रतिबंधित कर दिया। यह भारतीय समाज सुधार के इतिहास में एक मील का पत्थर था।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ने व्यपगत का सिद्धांत (Doctrine of Lapse) लागू किया था। लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया था। लॉर्ड कैनिंग भारत के पहले वायसराय थे।
प्रश्न 13: फ्रांसीसी क्रांति कब हुई?
- 1776
- 1789
- 1815
- 1848
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: फ्रांसीसी क्रांति 1789 में शुरू हुई।
- संदर्भ और विस्तार: फ्रांसीसी क्रांति 1789 से 1799 तक चली। यह एक सामाजिक और राजनीतिक क्रांति थी जिसने फ्रांस में राजशाही को समाप्त कर दिया और गणतंत्र की स्थापना की। इसके प्रमुख नारे ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ थे। इस क्रांति ने पूरे यूरोप और दुनिया पर गहरा प्रभाव डाला।
- गलत विकल्प: 1776 में अमेरिकी क्रांति हुई थी। 1815 में वाटरलू का युद्ध हुआ था। 1848 में यूरोप में कई क्रांतियाँ हुईं।
प्रश्न 14: जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर कौन थे?
- महावीर
- पार्श्वनाथ
- ऋषभदेव
- अजितनाथ
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव थे, जिन्हें आदिनाथ के नाम से भी जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: जैन परंपरा के अनुसार, 24 तीर्थंकर हुए हैं, जिनमें से प्रत्येक ने धर्म के सिद्धांतों को सिखाया। ऋषभदेव को जैन धर्म का संस्थापक माना जाता है। वेदों और पुराणों में भी उनके उल्लेख मिलते हैं। 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ थे और 24वें एवं अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर थे।
- गलत विकल्प: महावीर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे। पार्श्वनाथ 23वें तीर्थंकर थे। अजितनाथ तीसरे तीर्थंकर थे।
प्रश्न 15: ‘हरिजन’ शब्द का प्रयोग किसने किया?
- डॉ. बी.आर. अम्बेडकर
- महात्मा गांधी
- ज्योतिबा फुले
- ई.वी. रामासामी नायकर
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘हरिजन’ शब्द का प्रयोग महात्मा गांधी ने दलित वर्ग के लोगों के लिए किया था।
- संदर्भ और विस्तार: गांधीजी ने इस शब्द का प्रयोग यह दर्शाने के लिए किया कि वे ईश्वर के बच्चे हैं, न कि ‘अछूत’। उन्होंने दलितों के उत्थान के लिए बहुत काम किया और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया। हालाँकि, बी.आर. अम्बेडकर और अन्य दलित नेताओं ने इस शब्द को आपत्तिजनक माना क्योंकि उनका मानना था कि यह उन्हें परायापन का एहसास कराता है और वे आत्म-सम्मान के साथ ‘दलित’ कहलाना पसंद करते थे।
- गलत विकल्प: डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ने दलितों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया और ‘शोषित वर्ग’ या ‘दलित’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया। ज्योतिबा फुले ने ‘अछूतों’ के उत्थान के लिए काम किया और सत्यशोधक समाज की स्थापना की। ई.वी. रामासामी ‘पेरियार’ के नाम से जाने जाते थे और उन्होंने द्रविड़ आंदोलन का नेतृत्व किया।
प्रश्न 16: विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हंपी किस नदी के तट पर स्थित थी?
- गोदावरी
- कृष्णा
- तुंगभद्रा
- कावेरी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हंपी तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित थी।
- संदर्भ और विस्तार: हंपी, जो वर्तमान में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, विजयनगर साम्राज्य (1336-1646) की राजधानी थी। यह एक अत्यंत समृद्ध और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण शहर था। इसकी वास्तुकला और कलात्मक अवशेष आज भी उस युग की भव्यता को दर्शाते हैं।
- गलत विकल्प: गोदावरी, कृष्णा और कावेरी अन्य प्रमुख दक्षिण भारतीय नदियाँ हैं, लेकिन हंपी तुंगभद्रा के किनारे बसा था।
प्रश्न 17: 1905 में बंगाल के विभाजन की घोषणा किसने की?
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड मिंटो
- लॉर्ड चेम्सफोर्ड
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: 1905 में बंगाल के विभाजन की घोषणा लॉर्ड कर्जन ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: तत्कालीन वायसराय लॉर्ड कर्जन ने 20 जुलाई 1905 को बंगाल के विभाजन की घोषणा की, जिसे 16 अक्टूबर 1905 को लागू किया गया। सरकारी तौर पर प्रशासनिक सुविधा का कारण बताया गया था, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य बंगाल में पनप रहे राष्ट्रवाद को कमजोर करना था। इस विभाजन के कारण स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन शुरू हुआ।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी 1856 में भारत से चले गए थे। लॉर्ड मिंटो (1905-1910) और लॉर्ड चेम्सफोर्ड (1916-1921) बाद के वायसराय थे।
प्रश्न 18: ** ‘ग़दर’ आंदोलन का मुख्यालय कहाँ था?**
- लंदन
- बर्लिन
- सैन फ्रांसिस्को
- टोक्यो
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ग़दर आंदोलन का मुख्य मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को (अमेरिका) में था।
- संदर्भ और विस्तार: ग़दर आंदोलन 1913 में उत्तरी अमेरिका में रहने वाले भारतीय प्रवासियों द्वारा शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह को बढ़ावा देना था। ‘ग़दर’ नामक एक साप्ताहिक समाचार पत्र भी यहीं से प्रकाशित होता था, जिसने आंदोलन को लोकप्रिय बनाया। इसके प्रमुख नेताओं में लाला हरदयाल, सोहन सिंह भाकना और करतार सिंह सराभा शामिल थे।
- गलत विकल्प: लंदन में इंडिया हाउस (श्यामजी कृष्ण वर्मा द्वारा स्थापित) जैसे क्रांतिकारी केंद्र थे, लेकिन ग़दर का मुख्य मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को था। बर्लिन में भी कुछ भारतीय राष्ट्रवादी गतिविधियाँ हुई थीं, लेकिन वह मुख्य केंद्र नहीं था।
प्रश्न 19: मेसोपोटामिया की सभ्यता किस नदी के किनारे विकसित हुई?
- नील
- सिंधु
- टाइगरिस और यूफ्रेट्स
- यांग्त्ज़ी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: मेसोपोटामिया की सभ्यता दजला (टाइगरिस) और फरात (यूफ्रेट्स) नदियों के बीच की उपजाऊ भूमि में विकसित हुई।
- संदर्भ और विस्तार: मेसोपोटामिया, जिसका अर्थ ‘नदियों के बीच की भूमि’ है, दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है। यहाँ सुमेरियन, अक्काडियन, बेबीलोनियन और असीरियन जैसी प्रमुख सभ्यताओं का उदय हुआ। इन सभ्यताओं ने लेखन (कीलाक्षर), पहिया, गणित और खगोल विज्ञान जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- गलत विकल्प: नील नदी मिस्र की सभ्यता का आधार थी। सिंधु नदी सिंधु घाटी सभ्यता (हड़प्पा) का आधार थी। यांग्त्ज़ी नदी चीन की सभ्यता से जुड़ी है।
प्रश्न 20: ‘अष्टाध्यायी’ के लेखक कौन हैं?
- पतंजलि
- पाणिनि
- कालिदास
- वाल्मीकि
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘अष्टाध्यायी’ के लेखक महर्षि पाणिनि हैं।
- संदर्भ और विस्तार: अष्टाध्यायी (लगभग 5वीं-4थी शताब्दी ईसा पूर्व) संस्कृत व्याकरण का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और व्यवस्थित ग्रंथ है। यह संस्कृत भाषा के नियमों और संरचना का गहन विश्लेषण प्रस्तुत करता है। यह प्राचीन भारतीय व्याकरण परंपरा का एक आधार स्तंभ है और इसका प्रभाव आज भी संस्कृत विद्वानों पर है।
- गलत विकल्प: पतंजलि ने ‘महाभाष्य’ लिखा, जो पाणिनि के अष्टाध्यायी पर एक भाष्य है। कालिदास एक महान कवि और नाटककार थे। वाल्मीकि ने रामायण की रचना की।
प्रश्न 21: विजयनगर साम्राज्य के किस शासक ने ‘अष्टदिग्गज’ के संरक्षण के लिए जाना जाता है?
- देवराय प्रथम
- कृष्णदेव राय
- अच्युत देव राय
- सदाशिव राय
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: विजयनगर साम्राज्य के सबसे प्रसिद्ध शासक कृष्णदेव राय (शासनकाल 1509-1529) ‘अष्टदिग्गज’ के संरक्षण के लिए जाने जाते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: ‘अष्टदिग्गज’ तेलुगु साहित्य के आठ महान विद्वानों का समूह था, जो कृष्णदेव राय के दरबार में रहते थे। वे कला, साहित्य और दर्शन के संरक्षक थे। कृष्णदेव राय स्वयं एक विद्वान थे और उन्होंने ‘आमक्तमाल्यदा’ नामक तेलुगु ग्रंथ की रचना भी की। उनके शासनकाल को विजयनगर साम्राज्य का स्वर्ण युग माना जाता है।
- गलत विकल्प: अन्य शासकों ने भी कला और साहित्य को संरक्षण दिया, लेकिन ‘अष्टदिग्गज’ विशेष रूप से कृष्णदेव राय से जुड़े हैं।
प्रश्न 22: ‘द थ्योरी ऑफ इकॉनॉमिक ड्रेन’ (Theory of Economic Drain) की वकालत किसने की?
- महादेव गोविंद रानाडे
- दादाभाई नौरोजी
- सुरेन्द्रनाथ बनर्जी
- गोपाल कृष्ण गोखले
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘द थ्योरी ऑफ इकॉनॉमिक ड्रेन’ (आर्थिक अपवाह का सिद्धांत) की मुख्य वकालत दादाभाई नौरोजी ने की।
- संदर्भ और विस्तार: दादाभाई नौरोजी, जिन्हें ‘भारत का ग्रैंड ओल्ड मैन’ भी कहा जाता है, ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘पावर्टी एंड अन-ब्रिटिश रूल इन इंडिया’ (1901) में इस सिद्धांत को प्रस्तुत किया। उन्होंने तर्क दिया कि ब्रिटिश शासन भारत से लगातार धन का दोहन कर रहा है, जो भारत के आर्थिक पिछड़ापन का मुख्य कारण है।
- गलत विकल्प: महादेव गोविंद रानाडे, सुरेंद्रनाथ बनर्जी और गोपाल कृष्ण गोखले सभी महत्वपूर्ण राष्ट्रवादी नेता थे, जिन्होंने आर्थिक मुद्दों पर भी काम किया, लेकिन आर्थिक अपवाह सिद्धांत का श्रेय दादाभाई नौरोजी को जाता है।
प्रश्न 23: किस मुगल बादशाह ने ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत की?
- हुमायूँ
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: मुगल बादशाह अकबर ने ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत की थी।
- संदर्भ और विस्तार: जैसा कि प्रश्न 6 में भी उल्लेख किया गया है, दीन-ए-इलाही अकबर द्वारा 1582 में शुरू किया गया एक धार्मिक-सुधारवादी प्रस्ताव था, जिसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों के तत्वों को मिलाकर एक सार्वभौमिक धर्म बनाना था। इसका लक्ष्य धार्मिक सहिष्णुता और सभी समुदायों के बीच एकता स्थापित करना था।
- गलत विकल्प: हुमायूँ, जहाँगीर और शाहजहाँ अन्य महत्वपूर्ण मुगल बादशाह थे, लेकिन उन्होंने दीन-ए-इलाही की शुरुआत नहीं की थी।
प्रश्न 24: ‘दास कैपिटल’ (Das Kapital) के लेखक कौन थे?
- कार्ल मार्क्स
- फ्रेडरिक एंगेल्स
- व्लादिमीर लेनिन
- रोज़ा लक्ज़मबर्ग
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘दास कैपिटल’ (Das Kapital) के लेखक कार्ल मार्क्स थे।
- संदर्भ और विस्तार: ‘दास कैपिटल’ (पूँजी) को कार्ल मार्क्स के सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक माना जाता है, जिसका पहला खंड 1867 में प्रकाशित हुआ था। यह पुस्तक पूंजीवादी उत्पादन प्रणाली के विश्लेषण और आलोचना पर केंद्रित है, और इसमें मार्क्स ने “पूँजीवाद के नियम” और “श्रम के मूल्य” जैसी अवधारणाओं को समझाया है। यह मार्क्सवादी सिद्धांत का आधार बनी।
- गलत विकल्प: फ्रेडरिक एंगेल्स मार्क्स के साथी थे और उन्होंने ‘दास कैपिटल’ के बाद के संस्करणों को संपादित किया, लेकिन मुख्य लेखक मार्क्स ही थे। लेनिन और लक्ज़मबर्ग मार्क्सवादी विचारक थे, लेकिन उन्होंने ‘दास कैपिटल’ नहीं लिखी।
प्रश्न 25: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का सूरत अधिवेशन (1907) क्यों महत्वपूर्ण था?
- इसमें पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित हुआ।
- इसमें खिलाफत आंदोलन का समर्थन किया गया।
- इसमें कांग्रेस का गरम दल और नरम दल में विभाजन हुआ।
- इसमें भारत छोड़ो आंदोलन का निर्णय लिया गया।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: 1907 का सूरत अधिवेशन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था क्योंकि इसी अधिवेशन में कांग्रेस का गरम दल और नरम दल में विभाजन हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: सूरत अधिवेशन में, गरम दल के नेता (जैसे बाल गंगाधर तिलक) और नरम दल के नेता (जैसे गोपाल कृष्ण गोखले) के बीच अध्यक्ष पद को लेकर विवाद हुआ। गरम दल का मानना था कि लाला लाजपत राय को अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए, जबकि नरम दल रास बिहारी घोष को अध्यक्ष बनाना चाहता था। इस असहमति के कारण कांग्रेस दो गुटों में बंट गई, जो 1916 में लखनऊ अधिवेशन में फिर से एकजुट हुई।
- गलत विकल्प: पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव 1929 के लाहौर अधिवेशन में पारित हुआ। खिलाफत आंदोलन का समर्थन 1919-1920 के आसपास हुआ। भारत छोड़ो आंदोलन का निर्णय 1942 के मुंबई अधिवेशन में लिया गया था।