इतिहास का महासंग्राम: अपनी तैयारी को परखें!
तैयार हो जाइए समय की गहराइयों में उतरने के लिए! आज हम आपके लिए लेकर आए हैं इतिहास के पन्नों से चुने हुए 25 सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न, जो आपकी तैयारी की अंतिम कसौटी साबित होंगे। हर काल, हर घटना, हर व्यक्तित्व – सब कुछ यहाँ है। तो पेन उठाएं, दिमाग को तेज करें और शुरू हो जाइए इस ज्ञानवर्धक सफर पर!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सी सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल था जो वर्तमान पाकिस्तान में स्थित है?
- हड़प्पा
- लोथल
- कालीबंगन
- रोपड़
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: हड़प्पा सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल था, जिसकी खोज 1921 में की गई थी। यह वर्तमान पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रावी नदी के तट पर स्थित है।
- संदर्भ और विस्तार: हड़प्पा की खुदाई से प्राप्त अवशेषों में पकी हुई ईंटें, अन्न भंडार, कांसे की बैलगाड़ी और टेराकोटा की मूर्तियाँ शामिल हैं। यह स्थल मोहनजोदड़ो के साथ, सिंधु सभ्यता के दो सबसे बड़े शहरों में से एक था।
- गलत विकल्प: लोथल गुजरात (भारत) में, कालीबंगन राजस्थान (भारत) में और रोपड़ पंजाब (भारत) में स्थित थे।
प्रश्न 2: प्राचीन भारत में ‘महाजनपद’ काल के दौरान, सबसे शक्तिशाली महाजनपदों में से एक मगध की राजधानी कहाँ थी?
- वैशाली
- राजगृह (गिरिव्रज)
- कौशांबी
- वाराणसी
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: महाजनपद काल (लगभग 600-300 ईसा पूर्व) में मगध की प्रारंभिक राजधानी राजगृह (वर्तमान राजगीर) थी, जिसे गिरिव्रज भी कहा जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: बिम्बिसार और अजातशत्रु जैसे शासकों ने राजगृह को मगध की राजधानी बनाया। बाद में, पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना) को उदयीन द्वारा राजधानी बनाया गया। मगध अपनी विशाल सेना, उपजाऊ भूमि और भौगोलिक स्थिति के कारण सबसे शक्तिशाली महाजनपद बना।
- गलत विकल्प: वैशाली लिच्छवियों की राजधानी थी, कौशांबी वत्स महाजनपद की राजधानी थी, और वाराणसी कोसल महाजनपद से संबंधित थी।
प्रश्न 3: मौर्य वंश के किस शासक को ‘भारत का महान सम्राट’ कहा जाता है और जिसने बौद्ध धर्म को अपनाया?
- चंद्रगुप्त मौर्य
- बिन्दुसार
- अशोक
- कुणाल
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: सम्राट अशोक, जो मौर्य वंश के तीसरे शासक थे, को ‘भारत का महान सम्राट’ माना जाता है। कलिंग युद्ध (261 ईसा पूर्व) के बाद उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाया और शांति, अहिंसा और धर्म के प्रसार पर जोर दिया।
- संदर्भ और विस्तार: अशोक के शिलालेख (धम्म अभिलेख) पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाते हैं, जो उनके शासन और धम्म (नैतिक आचरण) के सिद्धांतों को दर्शाते हैं। उन्होंने बौद्ध धर्म को श्रीलंका, मध्य एशिया और पश्चिम एशिया तक फैलाया।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य ने मौर्य वंश की स्थापना की, बिन्दुसार अशोक के पिता थे, और कुणाल अशोक के पुत्र थे।
प्रश्न 4: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?
- क्योंकि इस काल में सोने के सिक्कों का सर्वाधिक प्रचलन था।
- क्योंकि इस काल में कला, साहित्य, विज्ञान और गणित का अभूतपूर्व विकास हुआ।
- क्योंकि इस काल में गुप्त वंश का साम्राज्य सबसे विशाल था।
- क्योंकि इस काल में शांति और समृद्धि का अभाव था।
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: गुप्त काल (लगभग 320-550 ईस्वी) को ‘भारत का स्वर्ण युग’ कहा जाता है क्योंकि इस अवधि में कला, साहित्य (जैसे कालिदास के नाटक), विज्ञान (जैसे आर्यभट्ट का कार्य) और गणित (शून्य की अवधारणा) में महत्वपूर्ण प्रगति हुई।
- संदर्भ और विस्तार: इस काल में खगोल विज्ञान, चिकित्सा और वास्तुकला में भी उल्लेखनीय विकास हुआ। चंद्रगुप्त प्रथम, समुद्रगुप्त और चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) जैसे शासकों ने एक मजबूत और समृद्ध साम्राज्य की स्थापना की।
- गलत विकल्प: हालांकि सोने के सिक्कों का प्रचलन था (a), लेकिन यह केवल एक कारण था, मुख्य कारण सांस्कृतिक और वैज्ञानिक विकास था। साम्राज्य विशाल था (c), लेकिन यह भी मुख्य कारण नहीं है। शांति और समृद्धि थी, अभाव नहीं (d)।
प्रश्न 5: राष्ट्रकूट वंश का सबसे महान शासक किसे माना जाता है, जिसने एलोरा में कैलाश मंदिर का निर्माण करवाया?
- कृष्ण प्रथम
- ध्रुव
- गोविन्द तृतीय
- अमोघवर्ष
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: राष्ट्रकूट वंश के राजा कृष्ण प्रथम (शासनकाल लगभग 756-773 ईस्वी) को एलोरा के प्रसिद्ध कैलाश मंदिर (गुफा 16) के निर्माण का श्रेय दिया जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह मंदिर एक अद्वितीय पाषाण-शिला से काटकर बनाया गया है, जो द्रविड़ वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। कृष्ण प्रथम के शासनकाल को राष्ट्रकूटों के सैन्य और सांस्कृतिक उत्कर्ष का काल माना जाता है।
- गलत विकल्प: ध्रुव, गोविंद तृतीय और अमोघवर्ष भी महत्वपूर्ण राष्ट्रकूट शासक थे, लेकिन कैलाश मंदिर का निर्माण कार्य मुख्य रूप से कृष्ण प्रथम के संरक्षण में हुआ। अमोघवर्ष एक महान विद्वान और कला संरक्षक था।
प्रश्न 6: दिल्ली सल्तनत के किस शासक ने ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ नामक एक नए कृषि विभाग की स्थापना की?
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- इल्तुतमिश
- गयासुद्दीन तुगलक
- मुहम्मद बिन तुगलक
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: दिल्ली सल्तनत के सबसे विवादास्पद लेकिन दूरदर्शी शासकों में से एक, मुहम्मद बिन तुगलक (शासनकाल 1325-1351 ईस्वी) ने ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ नामक एक कृषि विभाग की स्थापना की।
- संदर्भ और विस्तार: इस विभाग का उद्देश्य कृषि का विस्तार करना, किसानों को सीधे सहायता देना और बंजर भूमि को खेती योग्य बनाना था। यह उस समय की एक महत्वपूर्ण राजस्व और आर्थिक सुधार नीति थी।
- गलत विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक ने गुलाम वंश की स्थापना की, इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (तुर्क-ए-चहलगानी) की शुरुआत की, और गयासुद्दीन तुगलक ने तुगलक वंश की नींव रखी।
प्रश्न 7: विजयनगर साम्राज्य के किस शासक को ‘आंध्र भोज’ के नाम से भी जाना जाता है?
- कृष्णदेवराय
- देवराय द्वितीय
- हर्षवर्धन
- बुक्का प्रथम
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक, कृष्णदेवराय (शासनकाल 1509-1529 ईस्वी) को ‘आंध्र भोज’ की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: वह एक कुशल प्रशासक, महान विद्वान और कवि थे। उन्होंने तेलुगु साहित्य को बहुत बढ़ावा दिया और ‘अमुक्तमाल्यादा’ नामक एक प्रसिद्ध कृति की रचना की। उनके शासनकाल को विजयनगर साम्राज्य का स्वर्ण काल माना जाता है।
- गलत विकल्प: कृष्णदेवराय के पूर्ववर्ती देवराय द्वितीय भी एक शक्तिशाली शासक थे, लेकिन ‘आंध्र भोज’ विशेष रूप से कृष्णदेवराय से जुड़ा है। हर्षवर्धन गुप्तोत्तर काल के एक शासक थे, और बुक्का प्रथम विजयनगर के संस्थापक हरिहर प्रथम के भाई थे।
प्रश्न 8: मध्यकालीन भारत में ‘इक्तादारी’ प्रणाली का संबंध किससे था?
- भूमि अनुदान और राजस्व संग्रह
- न्याय प्रशासन
- सैन्य व्यवस्था
- धार्मिक सुधार
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: ‘इक्तादारी’ प्रणाली, जिसे इल्तुतमिश द्वारा शुरू किया गया था, भूमि को इक्ताओं (प्रदेशों) में विभाजित करके उन्हें अधिकारियों (इक्तादारों) को सौंपने से संबंधित थी। ये अधिकारी अपनी इक्ता से राजस्व वसूलते थे और उसके बदले में राज्य को सैनिक सहायता प्रदान करते थे।
- संदर्भ और विस्तार: यह प्रणाली भूमि के वितरण और राजस्व संग्रह को सुव्यवस्थित करने तथा सत्ता के विकेंद्रीकरण को रोकने का एक प्रयास था। इक्तादार अपनी इक्ता में एक प्रकार के सामंती शासक की तरह काम करता था।
- गलत विकल्प: यह सीधे तौर पर न्याय प्रशासन (b), सैन्य व्यवस्था (c) या धार्मिक सुधार (d) से संबंधित नहीं था, हालांकि इन क्षेत्रों पर इसका प्रभाव पड़ सकता था।
प्रश्न 9: मुगल सम्राट अकबर ने किस धार्मिक नीति के तहत सभी प्रमुख धर्मों के विद्वानों को आमंत्रित किया और उनके विचारों पर चर्चा की?
- सुलह-ए-कुल (सार्वभौमिक शांति)
- जजिया की समाप्ति
- दीन-ए-इलाही
- मनसबदारी प्रथा
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: अकबर की ‘सुलह-ए-कुल’ (सार्वभौमिक शांति) की नीति के तहत, वह विभिन्न धर्मों के अनुयायियों के बीच सहिष्णुता और सद्भाव को बढ़ावा देना चाहते थे। इसके तहत उन्होंने इबादतखाना में सभी प्रमुख धर्मों के विद्वानों को आमंत्रित किया और उनके विचारों पर चर्चा की।
- संदर्भ और विस्तार: सुलह-ए-कुल ने विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को संभव बनाया और अकबर को एक धर्मनिरपेक्ष शासक के रूप में स्थापित किया। 1582 में दीन-ए-इलाही की स्थापना इसी नीति का एक चरम परिणाम थी।
- गलत विकल्प: जजिया की समाप्ति (b) सुलह-ए-कुल का एक हिस्सा थी, लेकिन पूरी नीति नहीं। दीन-ए-इलाही (c) एक नया धर्म था, जबकि सुलह-ए-कुल एक नीति थी। मनसबदारी प्रथा (d) अकबर की प्रशासनिक और सैन्य सुधारों से संबंधित थी।
प्रश्न 10: 1857 के विद्रोह को ‘भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम’ किसने कहा?
- कार्ल मार्क्स
- सर जॉन लॉरेंस
- एच. एम. सावरकर
- लॉर्ड कैनिंग
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: विनायक दामोदर सावरकर (वी. डी. सावरकर) ने अपनी पुस्तक ‘द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस, 1857’ में 1857 के विद्रोह को भारत का प्रथम सुनियोजित स्वतंत्रता संग्राम कहा।
- संदर्भ और विस्तार: सावरकर ने इसे एक राष्ट्रीय विद्रोह के रूप में चित्रित किया, जो ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक व्यापक आंदोलन था। यह कथन विद्रोह की प्रकृति और उसके ऐतिहासिक महत्व पर एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।
- गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स ने इसे ‘सामंतवाद के खिलाफ जन विद्रोह’ कहा। सर जॉन लॉरेंस और लॉर्ड कैनिंग (उस समय के गवर्नर-जनरल) ने इसे केवल एक सिपाही विद्रोह या सांप्रदायिक विद्रोह के रूप में देखा।
प्रश्न 11: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना किस वर्ष हुई थी?
- 1857
- 1885
- 1905
- 1919
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की स्थापना 28 दिसंबर, 1885 को हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना का श्रेय एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी, ए.ओ. ह्यूम को जाता है। पहले अधिवेशन में 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था और इसके पहले अध्यक्ष व्योमेश चंद्र बनर्जी थे। इसका उद्देश्य भारतीयों को राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्र में अधिक प्रतिनिधित्व प्रदान करना था, लेकिन धीरे-धीरे यह स्वतंत्रता आंदोलन का मुख्य मंच बन गया।
- गलत विकल्प: 1857 के विद्रोह का वर्ष है, 1905 बंगाल विभाजन का वर्ष है, और 1919 जलियांवाला बाग हत्याकांड का वर्ष है।
प्रश्न 12: ‘सर्वोदय’ की अवधारणा, जिसका अर्थ है ‘सबका उत्थान’, किससे संबंधित है?
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- सरदार पटेल
- डॉ. बी.आर. अम्बेडकर
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: ‘सर्वोदय’ की अवधारणा महात्मा गांधी के दर्शन का एक अभिन्न अंग थी। इसका अर्थ है ‘सबका उत्थान’ या ‘सभी का कल्याण’, जिसमें समाज के सबसे कमजोर वर्ग का उत्थान भी शामिल है।
- संदर्भ और विस्तार: गांधीजी ने ‘हिन्द स्वराज’ और ‘ग्राम स्वराज’ जैसी अपनी अवधारणाओं के माध्यम से सर्वोदय समाज की कल्पना की थी, जहाँ प्रत्येक व्यक्ति को सम्मान, समानता और आर्थिक स्वतंत्रता मिले। उन्होंने जॉन रस्किन की पुस्तक ‘अनटू दिस लास्ट’ का अनुवाद ‘सर्वोदय’ नाम से किया था, जिसने उनके विचारों को और प्रभावित किया।
- गलत विकल्प: अन्य नेताओं के अपने-अपने महत्वपूर्ण विचार थे, लेकिन ‘सर्वोदय’ शब्द और इसकी व्यापक अवधारणा महात्मा गांधी से सबसे अधिक जुड़ी हुई है।
प्रश्न 13: भारत में ‘लॉर्ड कर्जन’ के कार्यकाल की एक प्रमुख घटना क्या थी?
- बंगाल का विभाजन
- भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम
- पुलिस सुधार
- ये सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: लॉर्ड कर्जन (गवर्नर-जनरल 1899-1905) के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण और विवादास्पद घटनाएं हुईं, जिनमें बंगाल का विभाजन (1905), भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम (1904) और पुलिस सुधार शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: बंगाल का विभाजन भारतीय राष्ट्रवाद को कमजोर करने के प्रयास के रूप में देखा गया और इसने देशव्यापी विरोध को जन्म दिया। विश्वविद्यालय अधिनियम ने भारतीय विश्वविद्यालयों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाया। पुलिस सुधारों का उद्देश्य पुलिस व्यवस्था को अधिक कुशल बनाना था। इन सभी ने उनके कार्यकाल को बहुत महत्वपूर्ण बना दिया।
- गलत विकल्प: कोई भी एक विकल्प अधूरा है क्योंकि कर्जन के कार्यकाल में उपरोक्त सभी घटनाएं महत्वपूर्ण थीं।
प्रश्न 14: ‘ऑपरेशन पोलो’ का संबंध किस भारतीय रियासत के भारत में विलय से है?
- जूनागढ़
- हैदराबाद
- कश्मीर
- त्रावणकोर
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: ‘ऑपरेशन पोलो’ वह सैन्य कार्रवाई थी जिसके द्वारा भारत सरकार ने सितंबर 1948 में हैदराबाद रियासत का भारत में विलय सुनिश्चित किया।
- संदर्भ और विस्तार: हैदराबाद के निज़ाम, उस्मान अली खान, ने भारत में शामिल होने से इनकार कर दिया था और पाकिस्तान के साथ संबंध बनाए रखने की कोशिश कर रहे थे। भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन पोलो’ नाम से एक अभियान चलाया, जिसके बाद हैदराबाद को भारतीय संघ में शामिल कर लिया गया।
- गलत विकल्प: जूनागढ़ का विलय जनमत संग्रह द्वारा हुआ, कश्मीर का मुद्दा एक जटिल राजनीतिक और सैन्य मामला रहा, और त्रावणकोर ने स्वेच्छा से विलय किया।
प्रश्न 15: फ्रांस की क्रांति (1789) का मुख्य नारा क्या था?
- स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
- सब्र और शांति
- धर्म, राष्ट्र, नेता
- लोकतंत्र, गणराज्य, वोट
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: 1789 की फ्रांसीसी क्रांति का प्रमुख नारा ‘Liberté, égalité, fraternité’ था, जिसका अर्थ है ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’।
- संदर्भ और विस्तार: यह नारा क्रांति के मूल आदर्शों को दर्शाता है, जिसने राजशाही को समाप्त किया और फ्रांस में गणतांत्रिक सरकार की नींव रखी। इसने दुनिया भर के लोकतांत्रिक आंदोलनों को भी प्रेरित किया।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प किसी अन्य राजनीतिक दर्शन या नारे से संबंधित हो सकते हैं, लेकिन फ्रांसीसी क्रांति का मूल मंत्र स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व था।
प्रश्न 16: ‘साम्राज्यवाद’ (Imperialism) की परिभाषा के अनुसार, यह किस से संबंधित है?
- एक राष्ट्र द्वारा दूसरे राष्ट्रों या प्रदेशों पर प्रभुत्व स्थापित करना और उनका शोषण करना।
- देश के भीतर आंतरिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित करना।
- व्यापार और वाणिज्य को पूरी तरह से प्रतिबंधित करना।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी का विकास।
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: साम्राज्यवाद का अर्थ है एक शक्तिशाली राष्ट्र द्वारा कम विकसित या कमजोर राष्ट्रों पर राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक नियंत्रण स्थापित करना और उनके संसाधनों का शोषण करना।
- संदर्भ और विस्तार: 19वीं और 20वीं शताब्दी में यूरोपीय शक्तियों द्वारा अफ्रीका, एशिया और अमेरिका के बड़े हिस्सों पर हुए औपनिवेशीकरण को साम्राज्यवाद का प्रमुख उदाहरण माना जाता है। इसका उद्देश्य आर्थिक लाभ, कच्चे माल की आपूर्ति और राजनीतिक शक्ति बढ़ाना था।
- गलत विकल्प: आंतरिक सुधार (b), व्यापार पर प्रतिबंध (c) या केवल विज्ञान का विकास (d) साम्राज्यवाद की परिभाषा में शामिल नहीं हैं।
प्रश्न 17: द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) का तत्कालीन कारण क्या था?
- जर्मनी द्वारा पोलैंड पर आक्रमण
- जापान द्वारा पर्ल हार्बर पर हमला
- ऑस्ट्रिया का जर्मनी में विलय (Anschluss)
- वेरसेल्स की संधि
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: द्वितीय विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण 1 सितंबर, 1939 को जर्मनी द्वारा पोलैंड पर किया गया आक्रमण था। इसके जवाब में, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
- संदर्भ और विस्तार: इस आक्रमण के बाद, सोवियत संघ ने भी पूर्वी पोलैंड पर आक्रमण किया। जर्मनी का ‘ब्लिट्ज़क्रेग’ (तेज आक्रमण) रणनीति प्रभावी साबित हुई। वर्साय की संधि (d) युद्ध के दीर्घकालिक कारणों में से एक थी, और पर्ल हार्बर (b) अमेरिका के युद्ध में प्रवेश का कारण बना, लेकिन पोलैंड पर आक्रमण पहला सैन्य कदम था। Anschluss (c) भी युद्ध के पूर्ववर्ती कारणों में से एक था।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प युद्ध की ओर ले जाने वाली महत्वपूर्ण घटनाएं थीं, लेकिन आक्रमण ही तत्कालिक ट्रिगर था।
प्रश्न 18: ‘शीत युद्ध’ (Cold War) का मुख्य कारण क्या था?
- संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ के बीच वैचारिक मतभेद और प्रतिद्वंद्विता
- दो महाशक्तियों के बीच सीधा सैन्य संघर्ष
- विश्व व्यापार संगठन (WTO) की स्थापना
- यूरोपीय देशों का औपनिवेशीकरण
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: शीत युद्ध (लगभग 1947-1991) संयुक्त राज्य अमेरिका (पूंजीवाद) और सोवियत संघ (साम्यवाद) के बीच वैचारिक मतभेद, राजनीतिक अस्थिरता और सैन्य प्रतिद्वंद्विता का परिणाम था।
- संदर्भ और विस्तार: यह प्रत्यक्ष सैन्य संघर्ष के बजाय छद्म युद्धों, हथियारों की दौड़, प्रचार और अंतरिक्ष दौड़ के माध्यम से लड़ा गया था। दोनों महाशक्तियों ने दुनिया को अपने-अपने प्रभाव क्षेत्रों में बांटने की कोशिश की।
- गलत विकल्प: सीधा सैन्य संघर्ष (b) शीत युद्ध की विशेषता नहीं थी। WTO (c) का गठन शीत युद्ध के बाद हुआ, और औपनिवेशीकरण (d) शीत युद्ध से पहले की एक प्रक्रिया थी, हालांकि शीत युद्ध के दौरान इसके अंतिम चरण देखे गए।
प्रश्न 19: प्राचीन रोमन गणराज्य की सर्वोच्च कार्यकारी शक्ति किसके पास थी?
- सम्राट
- सेनेट
- दो कौंसल
- जनता (Assembly)
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: रोमन गणराज्य (509 ईसा पूर्व – 27 ईसा पूर्व) में, सर्वोच्च कार्यकारी शक्ति दो कौंसलों के पास होती थी। प्रत्येक कौंसल के पास वीटो की शक्ति होती थी और वे एक वर्ष के लिए चुने जाते थे।
- संदर्भ और विस्तार: कौंसल सेना का नेतृत्व करते थे, कानूनों को लागू करते थे और रोम की सरकार का संचालन करते थे। सेनेट (b) एक शक्तिशाली सलाहकार निकाय थी, लेकिन कार्यकारी शक्ति कौंसलों के पास थी। सम्राट (a) रोमन साम्राज्य काल से संबंधित है, जो गणराज्य के बाद आया।
- गलत विकल्प: सेनेट एक महत्वपूर्ण लेकिन सलाहकार निकाय थी। सम्राट रोमन गणराज्य का हिस्सा नहीं था।
प्रश्न 20: ‘गुलामी प्रथा’ (Slavery) के उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति कौन थे?
- जॉर्ज वाशिंगटन
- थॉमस जेफरसन
- अब्राहम लिंकन
- एंड्रयू जैक्सन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: अब्राहम लिंकन (राष्ट्रपति 1861-1865) ने गृह युद्ध के दौरान गुलामी प्रथा को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने 1863 में ‘मुक्ति उद्घोषणा’ (Emancipation Proclamation) जारी की और 13वें संविधान संशोधन (1865) के पारित होने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- संदर्भ और विस्तार: लिंकन का मानना था कि गुलामी अमेरिकी गणतंत्र के आदर्शों के विपरीत है। उनके नेतृत्व में, अमेरिकी गृह युद्ध (1861-1865) गुलामी को खत्म करने की दिशा में एक निर्णायक मोड़ साबित हुआ।
- गलत विकल्प: जॉर्ज वाशिंगटन और थॉमस जेफरसन जैसे संस्थापक पिता भी दास प्रथा से जुड़े थे, हालांकि उनके विचार अलग-अलग थे। एंड्रयू जैक्सन एक प्रभावशाली लेकिन विवादास्पद राष्ट्रपति थे।
प्रश्न 21: ‘मेसोपोटामिया’ की सभ्यता किन दो नदियों के बीच विकसित हुई?
- नील और कांगो
- सिंधु और गंगा
- टाइगरिस और यूफ्रेट्स
- यांग्त्से और पीली नदी
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: मेसोपोटामिया की सभ्यता, जिसे अक्सर ‘सभ्यता का पालना’ कहा जाता है, का विकास टाइगरिस (दजला) और यूफ्रेट्स (फरात) नदियों के उपजाऊ क्षेत्र में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह क्षेत्र आज के इराक का हिस्सा है। सुमेरियन, अक्काडियन, बेबीलोनियन और असीरियन जैसी महान सभ्यताओं का उदय यहीं हुआ। इन नदियों ने कृषि, परिवहन और जीवन के अन्य पहलुओं के लिए आवश्यक जल संसाधन प्रदान किए।
- गलत विकल्प: नील नदी मिस्र से, सिंधु नदी भारतीय उपमहाद्वीप से, और यांग्त्से व पीली नदी चीन से संबंधित हैं।
प्रश्न 22: पुनर्जागरण काल (Renaissance) की शुरुआत कहाँ हुई?
- फ्रांस
- इंग्लैंड
- इटली
- स्पेन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: पुनर्जागरण काल, जो मध्य युग के अंत और आधुनिक युग की शुरुआत के बीच का संक्रमण काल था, की शुरुआत 14वीं शताब्दी में इटली के फ्लोरेंस शहर में हुई।
- संदर्भ और विस्तार: यह काल शास्त्रीय ग्रीक और रोमन कला, साहित्य और दर्शन के पुनरुद्धार से चिह्नित था। लियोनार्डो दा विंची, माइकल एंजेलो, राफेल और दांते जैसे महान कलाकारों और विचारकों ने इस आंदोलन को गति दी।
- गलत विकल्प: अन्य यूरोपीय देशों में भी पुनर्जागरण का प्रभाव पड़ा, लेकिन इसकी जड़ें और प्रारंभिक विकास इटली में ही हुआ।
प्रश्न 23: ‘संथाल विद्रोह’ (1855-56) का नेतृत्व किसने किया था?
- बिरसा मुंडा
- सिद्धू और कान्हू
- रानी लक्ष्मीबाई
- ताना भगत
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: 1855-56 का संथाल विद्रोह, जो ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन और स्थानीय जागीरदारों के उत्पीड़न के खिलाफ एक महत्वपूर्ण आदिवासी विद्रोह था, का नेतृत्व सिद्धू और कान्हू मुर्मू नामक दो भाइयों ने किया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह विद्रोह झारखंड और पश्चिम बंगाल के संथाल परगना क्षेत्र में हुआ था। विद्रोहियों ने डिकुओं (बाहरी लोगों) और ब्रिटिश सरकार के खिलाफ संघर्ष किया।
- गलत विकल्प: बिरसा मुंडा 19वीं सदी के अंत में छोटानागपुर क्षेत्र में एक अन्य महत्वपूर्ण आदिवासी नेता थे। रानी लक्ष्मीबाई 1857 के विद्रोह से जुड़ी हैं। ताना भगत आंदोलन भी एक आदिवासी आंदोलन था।
प्रश्न 24: 1929 में कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का लक्ष्य घोषित किया गया?
- लाहौर अधिवेशन
- कराची अधिवेशन
- फैजपुर अधिवेशन
- त्रिपुरी अधिवेशन
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में, जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में, ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) के लक्ष्य को कांग्रेस के मुख्य उद्देश्य के रूप में घोषित किया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन में यह भी तय किया गया कि 26 जनवरी, 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। इसने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई दिशा दी और सविनय अवज्ञा आंदोलन के लिए मार्ग प्रशस्त किया।
- गलत विकल्प: कराची अधिवेशन (1931) में मौलिक अधिकारों और आर्थिक नीति का प्रस्ताव पारित किया गया। फैजपुर (1936) और त्रिपुरी (1939) अन्य महत्वपूर्ण अधिवेशन थे।
प्रश्न 25: ‘कनिष्क’ किस वंश का शासक था और किस धर्म का अनुयायी था?
- गुप्त वंश, शैव
- मौर्य वंश, बौद्ध
- कुषाण वंश, बौद्ध
- हर्यक वंश, जैन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: कनिष्क, कुषाण वंश का सबसे महान शासक था (शासनकाल लगभग 78-101 ईस्वी)। वह बौद्ध धर्म, विशेष रूप से महायान बौद्ध धर्म का एक प्रबल अनुयायी था।
- संदर्भ और विस्तार: कनिष्क ने कश्मीर के कुंडलवन में चौथी बौद्ध संगीति (परिषद) का आयोजन किया था, जहाँ महायान बौद्ध धर्म के सिद्धांतों का व्यवस्थित अध्ययन और प्रसार हुआ। उसने शक संवत (78 ईस्वी) की शुरुआत भी की, जिसे भारत सरकार द्वारा आधिकारिक कैलेंडर के रूप में अपनाया गया है।
- गलत विकल्प: गुप्त और मौर्य वंशों के शासक अलग थे। कनिष्क शैव या जैन धर्म का अनुयायी नहीं था।
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