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इतिहास का महासंग्राम: अपनी तैयारी को परखें!

इतिहास का महासंग्राम: अपनी तैयारी को परखें!

नमस्कार, भविष्य के नायकों! क्या आप इतिहास के गलियारों में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए तैयार हैं? आज के इस विशेष अभ्यास सत्र में, हम प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक विश्व तक के महत्वपूर्ण पड़ावों को छूते हुए 25 चुनिंदा प्रश्नों के साथ आपके ज्ञान का परीक्षण करेंगे। आइए, समय की धाराओं में गोता लगाएँ और अपनी परीक्षा की तैयारी को एक नई दिशा दें!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल को ‘सिंधु का बाग’ कहा जाता था?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. कालीबंगा

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: मोहनजोदड़ो, जिसका अर्थ ‘मृतकों का टीला’ है, सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल था। इसके विशाल सार्वजनिक स्नानागार और सुनियोजित सड़कें इसे विशिष्ट बनाती थीं। इसे ‘सिंधु का बाग’ कहा जाता था क्योंकि यह क्षेत्र उपजाऊ और समृद्ध था।
  • संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो वर्तमान में पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है। इसका निर्माण लगभग 2500 ईसा पूर्व में हुआ था। यहाँ मिली विशाल अन्नागार, नृत्य मुद्रा में एक कांस्य प्रतिमा और मुहरें इस सभ्यता के उन्नत नगर नियोजन और कलात्मक कौशल को दर्शाती हैं।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा पहला खोजा गया स्थल था, लोथल एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था, और कालीबंगा हल जोते हुए खेतों के साक्ष्य के लिए जाना जाता है।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सी उपाधि सम्राट अशोक ने धारण की थी?

  1. विक्रमादित्य
  2. प्रियदर्शी
  3. समुद्रगुप्त
  4. हर्षवर्धन

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: सम्राट अशोक को उनके अभिलेखों में ‘प्रियदर्शी’ (प्रियदर्शिन) के रूप में संबोधित किया गया है, जिसका अर्थ है ‘जो दूसरों को प्रिय हो’ या ‘जो सुंदर दीखे’। यह उपाधि उनके विनम्र और प्रजा-हितैषी शासन को दर्शाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: अशोक मौर्य साम्राज्य के तीसरे शासक थे, जिन्होंने कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म अपनाया और धम्म के माध्यम से अपने साम्राज्य का प्रसार किया। उनके अभिलेखों में ‘देवनांप्रिय’ (देवताओं का प्रिय) उपाधि का भी प्रयोग मिलता है।
  • गलत विकल्प: ‘विक्रमादित्य’ गुप्त काल के शासकों (जैसे चंद्रगुप्त द्वितीय) द्वारा धारण की गई उपाधि थी। समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। हर्षवर्धन एक वर्धन वंश का शासक था।

प्रश्न 3: ‘अष्टध्यायी’ नामक प्रसिद्ध व्याकरण ग्रंथ की रचना किसने की?

  1. कालिदास
  2. पाणिनी
  3. बाणभट्ट
  4. वाल्मीकि

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘अष्टध्यायी’ (आठ अध्याय) संस्कृत भाषा के व्याकरण का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और व्यवस्थित ग्रंथ है, जिसकी रचना महर्षि पाणिनी ने लगभग 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व में की थी। यह ग्रंथ पाणिनि के व्याकरणिक नियमों को संहिताबद्ध करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अष्टध्यायी को भारतीय भाषाविज्ञान का आधार माना जाता है। इसने न केवल संस्कृत बल्कि अन्य भारतीय भाषाओं के व्याकरणिक विकास को भी प्रभावित किया। पाणिनी को प्राचीन भारत के महानतम विद्वानों में से एक माना जाता है।
  • गलत विकल्प: कालिदास एक महान कवि और नाटककार थे। बाणभट्ट हर्ष के दरबारी कवि थे, जिन्होंने ‘हर्षचरित’ की रचना की। वाल्मीकि आदि कवि थे जिन्होंने ‘रामायण’ की रचना की।

प्रश्न 4: दिल्ली सल्तनत के किस शासक ने ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ नामक एक नए कृषि विभाग की स्थापना की?

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. मुहम्मद बिन तुगलक

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: मुहम्मद बिन तुगलक (1325-1351 ई.) ने कृषि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ नामक एक स्वतंत्र कृषि विभाग की स्थापना की थी। इसका उद्देश्य किसानों को ऋण देना, बंजर भूमि को खेती योग्य बनाना और नई कृषि तकनीकों को बढ़ावा देना था।
  • संदर्भ और विस्तार: हालांकि इस विभाग का उद्देश्य सराहनीय था, लेकिन तुगलक की अन्य नीतियों की तरह यह भी असफल साबित हुआ। इस विभाग के माध्यम से दोआब क्षेत्र में खेती का विस्तार करने का प्रयास किया गया था।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (तुर्क-ए-चहलगानी) की स्थापना की। बलबन ने राजत्व के दैवीय सिद्धांत का प्रतिपादन किया। अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण और स्थायी सेना जैसी महत्वपूर्ण व्यवस्थाएं लागू कीं।

प्रश्न 5: विजयनगर साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध शासक कौन था, जिसने ‘कृष्णादेव राय’ के नाम से जाना जाता है?

  1. हरिहर प्रथम
  2. बुक्का प्रथम
  3. कृष्ण देव राय
  4. सदाशिव राय

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: कृष्ण देव राय (1509-1529 ई.) विजयनगर साम्राज्य के तुलुव वंश के सबसे महान शासक थे। वे एक कुशल प्रशासक, महान योद्धा और कला एवं साहित्य के संरक्षक थे। उनके शासनकाल को विजयनगर साम्राज्य का स्वर्णकाल माना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: कृष्ण देव राय ने साहित्य में ‘अमुक्तमाल्यदा’ की रचना की और उनके दरबार में तेलुगु साहित्य के आठ महान विद्वान (अष्टदिग्गज) थे। उन्होंने बीजापुर के सुल्तान को हराकर कई युद्ध जीते और अपनी राजधानी विजयनगर को समृद्ध बनाया।
  • गलत विकल्प: हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम ने विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की थी। सदाशिव राय के समय में तालीकोटा का युद्ध हुआ था।

प्रश्न 6: 1857 के विद्रोह के दौरान, कानपुर से इसका नेतृत्व किसने किया था?

  1. रानी लक्ष्मीबाई
  2. बेगम हजरत महल
  3. नाना साहब
  4. कुंवर सिंह

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: 1857 के विद्रोह के दौरान कानपुर से विद्रोह का नेतृत्व नाना साहब ने किया था। वे पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र थे और पेंशन न मिलने से ब्रिटिश सरकार से नाराज़ थे।
  • संदर्भ और विस्तार: नाना साहब ने कानपुर पर अधिकार कर लिया और खुद को पेशवा घोषित कर दिया। उनके साथ तात्या टोपे जैसे योद्धा भी थे। उन्होंने अजीमुल्ला खान जैसे सलाहकारों की भी मदद ली।
  • गलत विकल्प: रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी से, बेगम हजरत महल ने लखनऊ से, और कुंवर सिंह ने जगदीशपुर (बिहार) से विद्रोह का नेतृत्व किया था।

प्रश्न 7: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना कब और कहाँ हुई थी?

  1. 1913, लंदन
  2. 1913, सैन फ्रांसिस्को
  3. 1915, बर्लिन
  4. 1914, कनाडा

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: गदर पार्टी की स्थापना 1913 में सैन फ्रांसिस्को, अमेरिका में हुई थी। इसके संस्थापक लाला हरदयाल थे, जो एक प्रमुख राष्ट्रवादी नेता थे।
  • संदर्भ और विस्तार: इस पार्टी का मुख्य उद्देश्य भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराना था। इसके सदस्य मुख्य रूप से भारतीय प्रवासी थे जो अमेरिका और कनाडा में रहते थे। पार्टी ने ‘गदर’ नामक एक साप्ताहिक पत्र भी प्रकाशित किया, जो स्वतंत्रता संग्राम के लिए प्रेरणा का स्रोत बना।
  • गलत विकल्प: लंदन में ‘इंडिया हाउस’ जैसे संगठन थे, लेकिन गदर पार्टी की स्थापना सैन फ्रांसिस्को में हुई थी। बर्लिन में मित्र भारत समिति थी, और कनाडा में भी प्रवासी भारतीय सक्रिय थे।

प्रश्न 8: जलियाँवाला बाग हत्याकांड कब हुआ था?

  1. 13 अप्रैल 1919
  2. 10 मार्च 1919
  3. 19 मई 1919
  4. 15 अगस्त 1920

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: जलियाँवाला बाग हत्याकांड 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर, पंजाब में हुआ था। इसी दिन बैसाखी का त्यौहार था, और लोग जलियाँवाला बाग में शांतिपूर्वक सभा कर रहे थे।
  • संदर्भ और विस्तार: ब्रिटिश ब्रिगेडियर जनरल डायर के आदेश पर निहत्थे लोगों की भीड़ पर गोलियाँ चलाई गईं, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए और हजारों घायल हुए। इस जघन्य हत्याकांड ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को और अधिक उग्र बना दिया और रविंद्रनाथ टैगोर ने अपनी ‘नाइटहुड’ की उपाधि त्याग दी।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प गलत तिथियां हैं। 10 मार्च 1919 को रॉलेट एक्ट लागू हुआ था, जिससे इस विरोध प्रदर्शन का जन्म हुआ।

प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘पूर्ण स्वराज’ की मांग से संबंधित है?

  1. साइमन कमीशन
  2. भारत छोड़ो आंदोलन
  3. कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन (1929)
  4. गोलमेज सम्मेलन

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन (1929) में पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) की मांग को आधिकारिक रूप से स्वीकार किया गया था। इसी अधिवेशन में 26 जनवरी 1930 को स्वतंत्रता दिवस मनाने का भी निर्णय लिया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की विचारधारा में एक महत्वपूर्ण बदलाव को चिह्नित किया, जिसने डोमिनियन स्टेटस के बजाय पूर्ण स्वतंत्रता को अपना लक्ष्य बनाया। इसने सविनय अवज्ञा आंदोलन के लिए मंच तैयार किया।
  • गलत विकल्प: साइमन कमीशन का भारत आगमन 1928 में हुआ था और इसका बहिष्कार किया गया था। भारत छोड़ो आंदोलन 1942 में शुरू हुआ। गोलमेज सम्मेलनों (1930-32) में डोमिनियन स्टेटस पर चर्चा हुई थी।

प्रश्न 10: ‘संथाल विद्रोह’ का नेतृत्व किसने किया था?

  1. बिरसा मुंडा
  2. तिलका मांझी
  3. सिधू और कान्हू
  4. रानी गिडालियु

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: 1855-56 का संथाल विद्रोह, ब्रिटिश शासन और जमींदारों के शोषण के खिलाफ एक प्रमुख आदिवासी विद्रोह था, जिसका नेतृत्व संथाल भाइयों सिधू और कान्हू ने किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह विद्रोह मुख्य रूप से भागलपुर और संथाल परगना (वर्तमान झारखंड) में हुआ था। संथालों ने जमीन, जंगल और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया। उनके विद्रोह को आखिरकार ब्रिटिश सेना द्वारा क्रूरतापूर्वक दबा दिया गया।
  • गलत विकल्प: बिरसा मुंडा ने 19वीं सदी के अंत में छोटा नागपुर में ‘उलगुलान’ विद्रोह का नेतृत्व किया। तिलका मांझी 18वीं शताब्दी में एक प्रमुख आदिवासी नेता थे। रानी गिडालियु का संबंध नागा विद्रोह से था।

प्रश्न 11: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ के संबंध में सत्य है?

  1. इसकी स्थापना महात्मा गांधी ने की थी।
  2. इसका उद्देश्य भारत की ब्रिटिश शासन से पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करना था।
  3. यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का एक गुट था।
  4. इसकी स्थापना 1942 में हुई थी।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: सुभाष चंद्र बोस ने 1939 में कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना की थी। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य भारत को ब्रिटिश साम्राज्य से पूरी तरह मुक्त कराना और एक स्वतंत्र भारत का निर्माण करना था।
  • संदर्भ और विस्तार: फॉरवर्ड ब्लॉक ने क्रांतिकारी और राष्ट्रवादी विचारधारा को बढ़ावा दिया, और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नेताजी ने अपने प्रयासों को तेज कर दिया।
  • गलत विकल्प: फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना महात्मा गांधी ने नहीं, बल्कि सुभाष चंद्र बोस ने की थी। यह कांग्रेस से अलग एक स्वतंत्र राजनीतिक दल था, न कि उसका गुट। इसकी स्थापना 1939 में हुई थी, न कि 1942 में।

प्रश्न 12: ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ की स्थापना कब हुई थी?

  1. 1885
  2. 1905
  3. 1919
  4. 1947

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress – INC) की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को हुई थी। इसकी स्थापना ए.ओ. ह्यूम, एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी, ने की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: पहला अधिवेशन बंबई (अब मुंबई) में हुआ था, जिसकी अध्यक्षता व्योमेश चंद्र बनर्जी ने की थी। कांग्रेस की स्थापना का उद्देश्य भारतीयों को राजनीतिक शिक्षा देना और ब्रिटिश सरकार के साथ संवाद स्थापित करना था, जो धीरे-धीरे स्वतंत्रता आंदोलन का प्रमुख मंच बन गया।
  • गलत विकल्प: 1905 में बंगाल का विभाजन हुआ, 1919 में जलियाँवाला बाग हत्याकांड हुआ, और 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिली।

प्रश्न 13: ‘अभिनव भारत’ नामक गुप्त क्रांतिकारी संगठन की स्थापना किसने की थी?

  1. भगत सिंह
  2. चंद्रशेखर आजाद
  3. विनायक दामोदर सावरकर
  4. राम प्रसाद बिस्मिल

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: विनायक दामोदर सावरकर (वीर सावरकर) ने 1904 में ‘अभिनव भारत’ (युवा भारत) नामक एक गुप्त क्रांतिकारी संगठन की स्थापना की थी। इसका मूल नासिक में ‘मित्र मेला’ के रूप में शुरू हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संगठन का उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र क्रांति के माध्यम से भारत को स्वतंत्र कराना था। इसके सदस्यों ने कई क्रांतिकारी गतिविधियों को अंजाम दिया, जैसे कि नासिक षड्यंत्र केस।
  • गलत विकल्प: भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और राम प्रसाद बिस्मिल हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (बाद में सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन) से जुड़े थे।

प्रश्न 14: भारत में ‘स्थानीय स्वशासन’ का जनक किसे माना जाता है?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. लॉर्ड कैनिंग
  3. लॉर्ड लिटन
  4. लॉर्ड रिपन

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: लॉर्ड रिपन (1880-1884) को भारत में ‘स्थानीय स्वशासन’ का जनक माना जाता है। उन्होंने 1882 में स्थानीय स्वशासन संबंधी प्रस्ताव पारित किया, जिसने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय निकायों को अधिक शक्ति और स्वायत्तता प्रदान की।
  • संदर्भ और विस्तार: रिपन का मानना था कि स्थानीय स्वशासन के माध्यम से भारतीयों को राजनीतिक प्रशिक्षण मिलेगा। उनके कार्यकाल में पारित ‘स्थानीय स्वशासन प्रस्ताव’ ने जिला परिषदों और नगर पालिकाओं की स्थापना को प्रोत्साहित किया, जिससे जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को बढ़ावा मिला।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी को ‘व्यपगत सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए जाना जाता है। लॉर्ड कैनिंग भारत के पहले वायसराय थे। लॉर्ड लिटन ‘वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट’ के लिए कुख्यात थे।

प्रश्न 15: ‘संविधान सभा’ के संवैधानिक सलाहकार कौन थे?

  1. डॉ. बी.आर. अंबेडकर
  2. डॉ. राजेंद्र प्रसाद
  3. सर बी.एन. राव
  4. जे.बी. कृपलानी

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: भारत की संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार सर बेनेगल नरसिंह राव (बी.एन. राव) थे। वे एक प्रख्यात विधिवेत्ता और अंतर्राष्ट्रीय न्यायाधीश थे।
  • संदर्भ और विस्तार: सर बी.एन. राव ने भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने विभिन्न देशों के संविधानों का अध्ययन किया और भारत के संविधान के लिए उपयुक्त प्रावधानों की सिफारिश की। डॉ. बी.आर. अंबेडकर प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे।
  • गलत विकल्प: डॉ. बी.आर. अंबेडकर प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे और उन्होंने संविधान के मसौदे पर अंतिम रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे। जे.बी. कृपलानी कांग्रेस के एक प्रमुख नेता थे।

प्रश्न 16: ‘प्रथम पंचवर्षीय योजना’ किस मॉडल पर आधारित थी?

  1. पी.सी. महालनोबिस मॉडल
  2. जॉन लुईस मॉडल
  3. हेराल्ड डोमर मॉडल
  4. एडम स्मिथ मॉडल

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: भारत की पहली पंचवर्षीय योजना (1951-1956) मुख्य रूप से हेराल्ड डोमर मॉडल पर आधारित थी। इस मॉडल ने अर्थव्यवस्था में बचत और निवेश के महत्व पर जोर दिया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र के विकास और सिंचाई परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करना था, क्योंकि देश को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करनी थी। पी.सी. महालनोबिस मॉडल का प्रभाव बाद की पंचवर्षीय योजनाओं, विशेषकर दूसरी पंचवर्षीय योजना में अधिक था, जिसने औद्योगीकरण पर जोर दिया।
  • गलत विकल्प: जॉन लुईस मॉडल भी विकास अर्थशास्त्र से संबंधित है, लेकिन प्रथम पंचवर्षीय योजना पर इसका सीधा प्रभाव डोमर मॉडल जितना नहीं था। एडम स्मिथ शास्त्रीय अर्थशास्त्र के जनक थे।

प्रश्न 17: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ कब प्रारंभ हुआ?

  1. 1940
  2. 1942
  3. 1945
  4. 1946

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ 8 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की बंबई बैठक में प्रारंभ किया गया था। गांधीजी ने इस आंदोलन में ‘करो या मरो’ का नारा दिया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश सरकार को भारत छोड़ने के लिए मजबूर करना था, विशेषकर द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान। इस आंदोलन के तुरंत बाद, कांग्रेस के अधिकांश प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया, जिससे यह आंदोलन स्वतःस्फूर्त हो गया।
  • गलत विकल्प: 1940 में व्यक्तिगत सत्याग्रह हुआ था। 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हुआ और 1946 में कैबिनेट मिशन भारत आया।

प्रश्न 18: ‘दास प्रथा’ का उन्मूलन ब्रिटिश भारत में कब हुआ?

  1. 1833
  2. 1843
  3. 1857
  4. 1858

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: दास प्रथा का उन्मूलन भारत में 1843 में ‘भारतीय दासता उन्मूलन अधिनियम, 1843’ (Indian Slavery Act, 1843) के द्वारा किया गया था। इस अधिनियम ने भारत में दासता को गैरकानूनी घोषित कर दिया।
  • संदर्भ और विस्तार: हालांकि, इस अधिनियम ने उन दासों को मुक्त नहीं किया जो पहले से ही गुलाम थे, बल्कि इसने भविष्य में दासता के निर्माण को रोका। इस दिशा में शुरुआती कदम 1833 के चार्टर अधिनियम में उठाए गए थे, जिसने बंगाल प्रेसीडेंसी में दासता को धीरे-धीरे समाप्त करने का प्रावधान किया था।
  • गलत विकल्प: 1833 का चार्टर अधिनियम दास प्रथा को धीरे-धीरे समाप्त करने का समर्थक था, लेकिन पूर्ण उन्मूलन 1843 में हुआ। 1857 का विद्रोह और 1858 का भारत सरकार अधिनियम ब्रिटिश ताज के शासन की शुरुआत से संबंधित हैं।

प्रश्न 19: ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ को अपना मुख्य लक्ष्य घोषित किया गया?

  1. कलकत्ता अधिवेशन, 1928
  2. लाहौर अधिवेशन, 1929
  3. कराची अधिवेशन, 1931
  4. लखनऊ अधिवेशन, 1916

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन (1929) में, पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में, ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) को कांग्रेस का मुख्य लक्ष्य घोषित किया गया। इसी अधिवेशन में 26 जनवरी 1930 को ‘पूर्ण स्वतंत्रता दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की दिशा को बदल दिया, जहाँ से डोमिनियन स्टेटस की मांग के बजाय पूर्ण स्वतंत्रता पर जोर दिया जाने लगा। इसने सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत के लिए आधार तैयार किया।
  • गलत विकल्प: कलकत्ता अधिवेशन (1928) में नेहरू रिपोर्ट पर विचार किया गया था, कराची अधिवेशन (1931) में मौलिक अधिकारों और राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रमों को अपनाया गया, और लखनऊ अधिवेशन (1916) में कांग्रेस-लीग समझौता हुआ था।

प्रश्न 20: ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा किसने दिया था?

  1. महात्मा गांधी
  2. बाल गंगाधर तिलक
  3. भगत सिंह
  4. सुभाष चंद्र बोस

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘इंकलाब जिंदाबाद’ (क्रांति अमर रहे) का नारा एक लोकप्रिय क्रांतिकारी नारा था, जिसे मुख्य रूप से भगत सिंह और उनके साथियों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान प्रयोग किया। हालाँकि, यह नारा मूल रूप से उर्दू कवि मौलाना हसरत मोहानी द्वारा गढ़ा गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: भगत सिंह ने इस नारे को अपने राजनीतिक उद्घोषणाओं में प्रमुखता से इस्तेमाल किया, और यह उनकी राजनीतिक विचारधारा का प्रतीक बन गया। यह नारा ब्रिटिश राज के खिलाफ क्रांति की भावना का प्रतिनिधित्व करता था।
  • गलत विकल्प: गांधीजी, तिलक और बोस के अपने विशिष्ट नारे थे (जैसे ‘करो या मरो’, ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’, ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’)।

प्रश्न 21: ‘द्वितीय विश्व युद्ध’ कब से कब तक चला?

  1. 1914-1918
  2. 1939-1945
  3. 1935-1940
  4. 1941-1945

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: द्वितीय विश्व युद्ध 1 सितंबर 1939 को जर्मनी द्वारा पोलैंड पर आक्रमण के साथ शुरू हुआ और 2 सितंबर 1945 को जापान के आत्मसमर्पण के साथ समाप्त हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध मुख्य रूप से मित्र राष्ट्रों (जैसे ब्रिटेन, फ्रांस, सोवियत संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन) और धुरी राष्ट्रों (जैसे जर्मनी, इटली, जापान) के बीच लड़ा गया था। इसने दुनिया को बड़े पैमाने पर तबाह कर दिया और वैश्विक शक्ति संतुलन को बदल दिया।
  • गलत विकल्प: 1914-1918 प्रथम विश्व युद्ध की अवधि थी। अन्य विकल्प द्वितीय विश्व युद्ध के काल के सही नहीं हैं।

प्रश्न 22: ‘फ्रांसीसी क्रांति’ का प्रमुख नारा क्या था?

  1. स्वेच्छा, समानता, बंधुत्व
  2. नियतिवाद, स्वतंत्रता, प्रगति
  3. गणतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद
  4. राष्ट्रीयता, शक्ति, शांति

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: फ्रांसीसी क्रांति (1789-1799) का प्रमुख नारा ‘लिबर्टे, इगैलिते, फ्रेटरनिटी’ (Liberté, égalité, fraternité) था, जिसका अर्थ है ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’।
  • संदर्भ और विस्तार: यह नारा क्रांति के आदर्शों का प्रतिनिधित्व करता है और आज भी फ्रांस का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य है। इसने पूरे यूरोप और विश्व में लोकतांत्रिक और स्वतंत्रतावादी आंदोलनों को प्रेरित किया।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प क्रांति के प्रमुख आदर्शों को सटीक रूप से नहीं दर्शाते हैं।

प्रश्न 23: ‘बोअर युद्ध’ किनके बीच लड़ा गया था?

  1. ब्रिटेन और फ्रांस
  2. ब्रिटेन और जर्मनी
  3. ब्रिटेन और डच उपनिवेशवादी (बोअर)
  4. फ्रांस और जर्मनी

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: बोअर युद्ध (जिसे दक्षिण अफ्रीकी युद्ध भी कहा जाता है) मुख्य रूप से ब्रिटिश साम्राज्य और ट्रांसवाल तथा ऑरेंज फ्री स्टेट की डच मूल की बस्तियों, जिन्हें बोअर या अफ्रिकानर्स कहा जाता था, के बीच लड़ा गया था। यह 1899 से 1902 तक चला।
  • संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध का मुख्य कारण हीरे और सोने जैसे खनिजों से समृद्ध ट्रांसवाल क्षेत्र पर ब्रिटिश नियंत्रण स्थापित करने की इच्छा थी। युद्ध अत्यंत क्रूर था और इसमें ब्रिटिशों ने एकाग्रता शिविरों (concentration camps) का उपयोग किया, जिसके कारण बड़ी संख्या में बोअर नागरिक मारे गए।
  • गलत विकल्प: यह युद्ध अन्य यूरोपीय शक्तियों के बीच नहीं लड़ा गया था।

प्रश्न 24: ‘रूसी क्रांति’ का प्रमुख कारण क्या नहीं था?

  1. जार का निरंकुश शासन
  2. प्रथम विश्व युद्ध में रूस की भागीदारी
  3. किसानों और मजदूरों की दयनीय स्थिति
  4. पूंजीवाद का तीव्र विकास

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: रूसी क्रांति (1917) के प्रमुख कारणों में जार निकोलस द्वितीय का निरंकुश और अक्षम शासन, प्रथम विश्व युद्ध में रूस की विनाशकारी भागीदारी, और किसानों व मजदूरों का अत्यधिक शोषण और उनकी दयनीय आर्थिक-सामाजिक स्थिति शामिल थी। पूँजीवाद का तीव्र विकास रूस की क्रांति का प्रमुख कारण नहीं था, बल्कि पूँजीवाद का अभाव और उसका अविकसित स्वरूप एक कारण था।
  • संदर्भ और विस्तार: युद्ध के कारण खाद्य पदार्थों की कमी, भारी जनहानि और आर्थिक अव्यवस्था पैदा हुई, जिससे जनता का आक्रोश बढ़ गया। साम्यवादी नेता व्लादिमीर लेनिन ने इस असंतोष का फायदा उठाया।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प रूसी क्रांति के महत्वपूर्ण कारण थे।

प्रश्न 25: ‘क्यूबा मिसाइल संकट’ किस वर्ष हुआ था?

  1. 1959
  2. 1961
  3. 1962
  4. 1963

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: क्यूबा मिसाइल संकट अक्टूबर 1962 में हुआ था। यह शीत युद्ध के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ के बीच सबसे गंभीर टकरावों में से एक था।
  • संदर्भ और विस्तार: सोवियत संघ ने क्यूबा में परमाणु मिसाइलें तैनात कर दी थीं, जिससे अमेरिका को सीधे खतरे का सामना करना पड़ा। इसके परिणामस्वरूप अमेरिका ने क्यूबा की नाकाबंदी कर दी और दोनों महाशक्तियों के बीच परमाणु युद्ध का खतरा उत्पन्न हो गया। अंततः, सोवियत संघ ने मिसाइलों को हटाने पर सहमति व्यक्त की।
  • गलत विकल्प: 1959 में क्यूबा क्रांति हुई थी, 1961 में बे ऑफ पिग्स आक्रमण हुआ था, और 1963 में यह संकट समाप्त हो चुका था।

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