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इतिहास का महासंग्राम: अपनी तैयारी को दें धार!

इतिहास का महासंग्राम: अपनी तैयारी को दें धार!

समय की गहराइयों में गोता लगाने और अपनी ऐतिहासिक पकड़ को परखने के लिए तैयार हो जाइए! आज का यह मॉक टेस्ट आपको प्राचीन भारत के रहस्यों से लेकर आधुनिक भारत के संघर्षों और विश्व इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं तक की एक रोमांचक यात्रा पर ले जाएगा। हर प्रश्न एक चुनौती है, और हर उत्तर एक अवसर है सीखने का। आइए, अपनी तैयारी को परखें और परीक्षा में सफलता की ओर कदम बढ़ाएं!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस सिंधु घाटी सभ्यता स्थल पर एक उन्नत जल निकासी प्रणाली के प्रमाण मिले हैं?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. कालीबंगा

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: मोहनजोदड़ो, जिसे ‘मृतकों का टीला’ भी कहा जाता है, सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल था और यह अपनी सुनियोजित शहरी वास्तुकला, विशेष रूप से अपनी उत्कृष्ट जल निकासी प्रणाली के लिए जाना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो में मिली जल निकासी व्यवस्था में बड़े और छोटे दोनों प्रकार केनाले थे, जो घरों से अपशिष्ट जल को मुख्य सड़कों के नीचे बहने वाली बड़ी सीवरों तक ले जाते थे। प्रत्येक घर में स्नानघर और शौचालय की व्यवस्था थी, जो सीधे इन नालियों से जुड़े होते थे।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा भी एक महत्वपूर्ण स्थल था, लेकिन मोहनजोदड़ो की जल निकासी प्रणाली अधिक विकसित मानी जाती है। लोथल एक बंदरगाह शहर था, जहाँ गोदी (dockyard) के प्रमाण मिले हैं, जबकि कालीबंगा में जुते हुए खेत के प्रारंभिक साक्ष्य मिले हैं।

प्रश्न 2: अशोक के अधिकांश शिलालेख किस लिपि में हैं?

  1. ब्राह्मी
  2. खरोष्ठी
  3. ग्रीक
  4. अरामाइक

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: सम्राट अशोक के अधिकांश शिलालेख, जो उनके धम्म (धार्मिक नीति) का प्रचार करते थे, ब्राह्मी लिपि में लिखे गए हैं। यह लिपि प्राचीन भारत में व्यापक रूप से उपयोग की जाती थी।
  • संदर्भ और विस्तार: अशोक के शिलालेख देश के विभिन्न हिस्सों में पाए गए हैं, और वे उस समय की प्रमुख लिपियों में मिलते हैं, जिनमें ब्राह्मी (अधिकांश), खरोष्ठी (उत्तर-पश्चिम में), ग्रीक और अरामाइक ( the northwestern frontier regions) शामिल हैं। ब्राह्मी लिपि को भारतीय लिपियों की जननी माना जाता है।
  • गलत विकल्प: खरोष्ठी लिपि का प्रयोग मुख्य रूप से उत्तर-पश्चिम सीमांत क्षेत्रों में किया गया था, और यह दाएं से बाएं लिखी जाती थी। ग्रीक और अरामाइक का उपयोग उन क्षेत्रों के लिए किया गया था जहाँ यूनानी और फारसी प्रभाव था।

प्रश्न 3: ‘अमुक्तमाल्यद’ के लेखक कौन हैं, जिसे ‘टॉलीवुड का बाइबिल’ भी कहा जाता है?

  1. कम्बन
  2. तिरुवल्लुवर
  3. कृष्णदेव राय
  4. बुक्क प्रथम

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘अमुक्तमाल्यद’ विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक, कृष्णदेव राय द्वारा संस्कृत में लिखी गई एक महत्वपूर्ण कृति है। इसे तेलुगु साहित्य में एक उत्कृष्ट रचना माना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: कृष्णदेव राय स्वयं एक विद्वान और कवि थे। ‘अमुक्तमाल्यद’ भगवान विष्णु को समर्पित है और गोदा देवी (आंडाल) की कहानी बताती है, जिन्होंने विष्णु से विवाह करने की इच्छा में उन्हें समर्पित फूल मालाओं से खुद को सजाया।
  • गलत विकल्प: कम्बन ने तमिल में ‘रामायणम’ लिखी थी, और तिरुवल्लुवर ने ‘तिरुकुरल’ की रचना की थी, जो एक नीतिग्रंथ है। बुक्क प्रथम विजयनगर साम्राज्य के संस्थापक थे।

प्रश्न 4: किस दिल्ली सल्तनत के शासक ने ‘दीवान-ए-खैरात’ (दान विभाग) और ‘दीवान-ए-बंदगान’ (दास विभाग) की स्थापना की?

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. फिरोज शाह तुगलक

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: फिरोज शाह तुगलक (शासनकाल 1351-1388) एक लोक-कल्याणकारी शासक के रूप में जाने जाते हैं, जिन्होंने ‘दीवान-ए-खैरात’ (जरूरतमंदों के लिए दान विभाग) और ‘दीवान-ए-बंदगान’ (दास या गुलामों के लिए एक विशेष विभाग) की स्थापना की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘दीवान-ए-खैरात’ से गरीब मुसलमानों, विधवाओं और लड़कियों को वित्तीय सहायता मिलती थी। ‘दीवान-ए-बंदगान’ में बड़ी संख्या में गुलाम थे, जिनकी देखरेख और प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई थी, जो बाद में सैन्य और प्रशासनिक कार्यों में उपयोग किए जाते थे। उन्होंने कई नहरें भी बनवाईं और कुछ करों को समाप्त किया।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (40 सरदारों का समूह) का गठन किया था। बलबन ने ‘राजत्व के सिद्धांत’ को मजबूत किया और ‘चालीसा’ को भंग किया। अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण प्रणाली और स्थायी सेना की शुरुआत की।

प्रश्न 5: 1857 के विद्रोह के दौरान, कानपुर में विद्रोह का नेतृत्व किसने किया था?

  1. रानी लक्ष्मीबाई
  2. तात्या टोपे
  3. नाना साहेब
  4. कुंवर सिंह

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान, कानपुर में विद्रोह का नेतृत्व पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र नाना साहेब ने किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: नाना साहेब ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी से अपने पेंशन और उपाधि को बहाल करने की मांग की थी, जिसे लॉर्ड डलहौजी ने अस्वीकार कर दिया था। जब विद्रोह शुरू हुआ, तो उन्होंने कानपुर पर कब्जा कर लिया और खुद को पेशवा घोषित किया। उनके सेनापति तात्या टोपे ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • गलत विकल्प: रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी से नेतृत्व किया था, कुंवर सिंह ने बिहार के जगदीशपुर से, और तात्या टोपे ने कई जगहों पर विद्रोह में सक्रिय भूमिका निभाई, जिसमें नाना साहेब के साथ कानपुर भी शामिल था।

प्रश्न 6: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?

  1. चंद्रगुप्त प्रथम
  2. समुद्रगुप्त
  3. चंद्रगुप्त द्वितीय
  4. कुमारगुप्त

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: गुप्त वंश के महान शासक समुद्रगुप्त को उनके विजय अभियानों और साम्राज्य विस्तार के कारण ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। यह उपाधि इतिहासकार वी. ए. स्मिथ ने दी थी।
  • संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त ने उत्तर भारत के कई राज्यों को जीता और दक्षिण भारत में भी एक सफल अभियान चलाया, जिससे गुप्त साम्राज्य का प्रभाव काफी बढ़ गया। उनके सिक्कों पर उन्हें वीणा बजाते हुए दर्शाया गया है, जो उनकी कलात्मक रुचि को दर्शाता है।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम ने गुप्त वंश की स्थापना की और ‘महाराजाधिराज’ की उपाधि धारण की। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने शक शासकों को हराकर अपनी शक्ति बढ़ाई और ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि धारण की। कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना में योगदान दिया।

प्रश्न 7: ‘इंडिपेंडेंस’ समाचार पत्र किसने शुरू किया था?

  1. महात्मा गांधी
  2. पंडित जवाहरलाल नेहरू
  3. मोतीलाल नेहरू
  4. सरदार वल्लभभाई पटेल

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘इंडिपेंडेंस’ (The Independent) नामक साप्ताहिक समाचार पत्र का शुभारंभ 1919 में मोतीलाल नेहरू द्वारा इलाहाबाद से किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस समाचार पत्र का उद्देश्य ब्रिटिश शासन की नीतियों की आलोचना करना और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को बढ़ावा देना था। यह कांग्रेस के भीतर स्वराज पार्टी के विचारों को फैलाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बना।
  • गलत विकल्प: महात्मा गांधी ने ‘यंग इंडिया’ और ‘हरिजन’ जैसे समाचार पत्र निकाले। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ‘नेशनल हेराल्ड’ की शुरुआत की। सरदार वल्लभभाई पटेल ने मुख्य रूप से गुजरात में ‘नवजीवन’ और ‘ब्लिट्ज़’ जैसे प्रकाशनों से जुड़े रहे।

प्रश्न 8: प्राचीन भारत में ‘गोत्र’ व्यवस्था का क्या अर्थ था?

  1. जाति व्यवस्था का एक उप-वर्ग
  2. एक ही पूर्वज से उत्पन्न लोगों का समूह
  3. एक विशिष्ट व्यवसाय करने वाले लोगों का समूह
  4. एक धार्मिक अनुष्ठान

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: प्राचीन भारतीय समाज में ‘गोत्र’ का अर्थ एक सामान्य पितृवंशीय पूर्वज से उत्पन्न व्यक्तियों का एक समूह था। समान गोत्र के लोगों के बीच विवाह को वर्जित माना जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह व्यवस्था वेदों के काल में विकसित हुई और इसका मुख्य उद्देश्य वंश की पवित्रता और पहचान बनाए रखना था। ऋषियों के नाम पर गोत्र रखे जाते थे, और उसी गोत्र के सदस्य समान वंश के माने जाते थे।
  • गलत विकल्प: यह जाति व्यवस्था से भिन्न थी, हालांकि इसका प्रभाव था। यह किसी विशिष्ट व्यवसाय या धार्मिक अनुष्ठान से सीधे तौर पर संबंधित नहीं थी।

प्रश्न 9: किस मुगल सम्राट ने ‘दिन-ए-इलाही’ नामक एक नया धर्म चलाया?

  1. अकबर
  2. जहांगीर
  3. शाहजहाँ
  4. औरंगजेब

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ईस्वी में ‘दिन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) नामक एक संश्लेषित धर्म की शुरुआत की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: अकबर विभिन्न धर्मों के विद्वानों के साथ चर्चाओं से प्रभावित थे और उन्होंने सभी प्रमुख धर्मों के सार को मिलाकर एक नया धर्म बनाने का प्रयास किया। इसका उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देना और साम्राज्य में एकता स्थापित करना था। हालांकि, यह धर्म बहुत लोकप्रिय नहीं हुआ और अकबर के बाद इसका प्रचलन समाप्त हो गया।
  • गलत विकल्प: जहांगीर कला और साहित्य के संरक्षक थे। शाहजहाँ स्थापत्य कला के लिए जाने जाते हैं, जैसे ताजमहल। औरंगजेब अधिक रूढ़िवादी थे और उन्होंने धार्मिक मामलों में उदारता नहीं दिखाई।

प्रश्न 10: बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला को प्लासी के युद्ध में किसने धोखा दिया था?

  1. मीर जाफ़र
  2. जगत सेठ
  3. राय दुर्लभ
  4. इनमें से सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: 1757 के प्लासी के युद्ध में, बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला को उनके अपने सेनापति मीर जाफ़र, साथ ही धनी बैंकर जगत सेठ और अमीर राय दुर्लभ सहित कई प्रमुख व्यक्तियों ने धोखा दिया था।
  • संदर्भ और विस्तार: ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के रॉबर्ट क्लाइव ने मीर जाफ़र को बंगाल का नवाब बनाने का लालच देकर उसे अपनी ओर मिला लिया था। युद्ध के दौरान, मीर जाफ़र ने अपनी सेना को निष्क्रिय रखा, जिससे सिराजुद्दौला की हार हुई और अंततः उसकी हत्या कर दी गई। जगत सेठ और राय दुर्लभ ने भी कंपनी को वित्तीय सहायता और अपनी सेनाओं को युद्ध से हटाकर सिराजुद्दौला को कमजोर किया।
  • गलत विकल्प: चूंकि तीनों प्रमुख व्यक्तियों ने धोखा दिया था, इसलिए ‘इनमें से सभी’ सही उत्तर है।

प्रश्न 11: फ्रांस की क्रांति का प्रमुख नारा क्या था?

  1. रक्त और लोहा
  2. स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
  3. धर्म, राजा, देश
  4. सैनिक शक्ति ही राष्ट्र की शक्ति

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: फ्रांस की क्रांति (1789) का सबसे प्रसिद्ध नारा ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह नारा फ्रांसीसी गणराज्य के आदर्शों का प्रतीक बन गया और आज भी फ्रांस का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य है। यह क्रांति के मुख्य उद्देश्यों को दर्शाता था – निरंकुश राजशाही से स्वतंत्रता, सभी नागरिकों के लिए समानता, और राष्ट्र के सभी लोगों के बीच भाईचारा।
  • गलत विकल्प: ‘रक्त और लोहा’ बिस्मार्क से जुड़ा एक नारा था। ‘धर्म, राजा, देश’ अक्सर रूढ़िवादी या राष्ट्रवादी विचारधाराओं से जुड़ा होता है। ‘सैनिक शक्ति ही राष्ट्र की शक्ति’ एक सैन्यवादी या फासीवादी सोच का प्रतिनिधित्व करता है।

प्रश्न 12: निम्नलिखित में से किसने ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ की स्थापना की थी?

  1. दादाभाई नौरोजी
  2. सुरेन्द्रनाथ बनर्जी
  3. गोपाल कृष्ण गोखले
  4. बाल गंगाधर तिलक

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ की स्थापना 1866 में दादाभाई नौरोजी ने लंदन में की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश जनता और संसद को भारत की राजनीतिक और आर्थिक स्थिति के बारे में शिक्षित करना था, ताकि वे भारत के प्रति अधिक न्यायपूर्ण नीति अपनाने के लिए प्रेरित हों। दादाभाई नौरोजी को ‘भारत का वयोवृद्ध नेता’ भी कहा जाता है।
  • गलत विकल्प: सुरेन्द्रनाथ बनर्जी ने ‘इंडियन नेशनल एसोसिएशन’ की स्थापना की थी। गोपाल कृष्ण गोखले ने ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ की स्थापना की थी। बाल गंगाधर तिलक ‘होम रूल लीग’ आंदोलन से जुड़े थे।

प्रश्न 13: किस गुप्त शासक ने विक्रम संवत की शुरुआत की थी?

  1. चंद्रगुप्त प्रथम
  2. समुद्रगुप्त
  3. चंद्रगुप्त द्वितीय
  4. कुमारगुप्त

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: चंद्रगुप्त द्वितीय, जिन्हें विक्रमादित्य के नाम से भी जाना जाता है, ने शक शासकों पर विजय प्राप्त करने की स्मृति में विक्रम संवत की शुरुआत की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: विक्रम संवत ईसा पूर्व 57 में शुरू हुआ था, जबकि चंद्रगुप्त द्वितीय का शासनकाल 375-415 ईस्वी तक रहा। यह प्रश्न थोड़ा भ्रामक है क्योंकि ‘विक्रमीय कैलेंडर’ या ‘विक्रम संवत’ का नाम राजा विक्रमादित्य के नाम पर है, लेकिन यह उसी शासक से जुड़ा है जिसने शकों को हराया था। गुप्त शासक चंद्रगुप्त द्वितीय ने इस नाम का प्रयोग किया और शकों पर विजय को महत्व दिया।
  • गलत विकल्प: समुद्रगुप्त अपने सैन्य अभियानों के लिए जाने जाते थे। चंद्रगुप्त प्रथम ने गुप्त वंश की नींव रखी। कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना में योगदान दिया।

प्रश्न 14: ‘दीनबंधु’ की उपाधि किसे दी गई थी?

  1. महात्मा गांधी
  2. लाला लाजपत राय
  3. सी. एफ. एंड्रयूज
  4. डॉ. राजेंद्र प्रसाद

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: चार्ल्स फ्रेडरिक एंड्रयूज (C.F. Andrews) को महात्मा गांधी द्वारा ‘दीनबंधु’ (गरीबों का मित्र) की उपाधि दी गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: एंड्रयूज एक ब्रिटिश ईसाई मिशनरी थे जो भारत में शिक्षा और स्वतंत्रता आंदोलन के समर्थक थे। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अथक प्रयास किए और गांधीजी के करीबी सहयोगी बने। उन्होंने भारतीय मजदूरों और किसानों की दयनीय स्थिति के प्रति गहरी सहानुभूति दिखाई।
  • गलत विकल्प: महात्मा गांधी को ‘बापू’ कहा जाता था। लाला लाजपत राय को ‘पंजाब केसरी’ के नाम से जाना जाता था। डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारतीय गणराज्य के पहले राष्ट्रपति थे।

प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सा कथन तराइन के द्वितीय युद्ध (1192 ई.) के संदर्भ में सही है?

  1. इस युद्ध में पृथ्वीराज चौहान की विजय हुई।
  2. इस युद्ध में मुहम्मद गोरी की हार हुई।
  3. इस युद्ध ने भारत में तुर्की शासन की नींव रखी।
  4. यह युद्ध चंदावर के युद्ध के बाद हुआ।

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: तराइन का द्वितीय युद्ध (1192 ई.) मुहम्मद गोरी और पृथ्वीराज चौहान के बीच लड़ा गया था, जिसमें मुहम्मद गोरी विजयी हुआ और इस युद्ध ने भारत में तुर्की शासन की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया।
  • संदर्भ और विस्तार: पहले तराइन के युद्ध (1191 ई.) में पृथ्वीराज चौहान विजयी हुए थे, लेकिन दूसरे युद्ध में रणनीति की कमी और विश्वासघात के कारण वे हार गए। इस हार के बाद, मुहम्मद गोरी ने भारत में अपने शासन की नींव रखी, और उसके सेनापति कुतुबुद्दीन ऐबक ने बाद में दिल्ली सल्तनत की स्थापना की।
  • गलत विकल्प: पृथ्वीराज चौहान की हार हुई थी। मुहम्मद गोरी जीता था। यह युद्ध चंदावर के युद्ध (1194 ई.) से पहले हुआ था, जिसमें मुहम्मद गोरी ने जयचंद को हराया था।

प्रश्न 16: ‘द वेल्थ ऑफ नेशंस’ (The Wealth of Nations) के लेखक कौन हैं?

  1. कार्ल मार्क्स
  2. एडम स्मिथ
  3. जॉन मेनार्ड कीन्स
  4. अल्फ्रेड मार्शल

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘द वेल्थ ऑफ नेशंस’ (The Wealth of Nations) 1776 में प्रकाशित एडम स्मिथ की एक मौलिक कृति है, जो आधुनिक अर्थशास्त्र का आधार मानी जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस पुस्तक में स्मिथ ने मुक्त बाजार, अदृश्य हाथ (invisible hand) के सिद्धांत और श्रम के विभाजन जैसे विचारों का प्रतिपादन किया, जिन्होंने आर्थिक विचारों पर गहरा प्रभाव डाला। यह पुस्तक पूंजीवाद के विकास की व्याख्या करती है।
  • गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स ने ‘दास कैपिटल’ लिखी, जो साम्यवाद का आधार है। जॉन मेनार्ड कीन्स ने मैक्रोइकॉनॉमिक्स के क्षेत्र में काम किया, और अल्फ्रेड मार्शल ने ‘प्रिंसिपल्स ऑफ इकोनॉमिक्स’ लिखी।

प्रश्न 17: किस गुप्त शासक ने चांदी के सिक्के जारी किए और ‘रूपक’ कहलाए?

  1. चंद्रगुप्त प्रथम
  2. समुद्रगुप्त
  3. चंद्रगुप्त द्वितीय
  4. कुमारगुप्त

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने अपने शासनकाल में चांदी के सिक्के जारी किए, जिन्हें ‘रूपक’ कहा जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त द्वितीय ने शकों पर विजय के उपलक्ष्य में बड़ी संख्या में चांदी के सिक्के जारी किए। ये सिक्के भारतीय सिक्कों के इतिहास में महत्वपूर्ण माने जाते हैं और उन पर विभिन्न आकृतियाँ उत्कीर्ण होती थीं। उनके स्वर्ण सिक्के भी काफी प्रचलित थे।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम और समुद्रगुप्त ने भी सिक्के जारी किए, लेकिन चांदी के ‘रूपक’ विशेष रूप से चंद्रगुप्त द्वितीय से जुड़े हैं। कुमारगुप्त का भी सिक्का प्रचलन था, लेकिन चंद्रगुप्त द्वितीय का योगदान महत्वपूर्ण था।

प्रश्न 18: ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ की स्थापना किसने की थी?

  1. दादाभाई नौरोजी
  2. गोपाल कृष्ण गोखले
  3. बाल गंगाधर तिलक
  4. लाला लाजपत राय

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: गोपाल कृष्ण गोखले ने 1905 में पुणे में ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ की स्थापना की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संस्था का उद्देश्य भारत में युवाओं को सार्वजनिक जीवन के लिए प्रशिक्षित करना और देश की सेवा के लिए समर्पित करना था। गोखले ने भारतीयों में राष्ट्रवाद और सार्वजनिक सेवा की भावना को बढ़ावा देने के लिए यह संगठन बनाया था।
  • गलत विकल्प: दादाभाई नौरोजी ने ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ की स्थापना की थी। बाल गंगाधर तिलक ‘होम रूल लीग’ से जुड़े थे। लाला लाजपत राय ने ‘सर्वेंट्स ऑफ पीपल सोसाइटी’ की स्थापना की थी।

प्रश्न 19: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित हुआ?

  1. कलकत्ता अधिवेशन, 1928
  2. लाहौर अधिवेशन, 1929
  3. कराची अधिवेशन, 1931
  4. फैजपुर अधिवेशन, 1936

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन, जो 1929 में हुआ था, में ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन की अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी। यह प्रस्ताव भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ, क्योंकि इसने ब्रिटिश शासन से पूर्ण स्वतंत्रता की मांग को सर्वोपरि बना दिया। 26 जनवरी 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाया गया।
  • गलत विकल्प: कलकत्ता अधिवेशन (1928) में नेहरू रिपोर्ट पर विचार हुआ। कराची अधिवेशन (1931) में गांधी-इरविन समझौते का अनुमोदन हुआ और मौलिक अधिकारों का प्रस्ताव पारित हुआ। फैजपुर अधिवेशन (1936) कांग्रेस का पहला ग्रामीण अधिवेशन था।

प्रश्न 20: विजयनगर साम्राज्य में ‘अष्टदिग्गज’ कौन थे?

  1. साम्राज्य के आठ प्रमुख सेनापति
  2. कृष्णदेव राय के दरबार के आठ महान तेलुगु कवि
  3. साम्राज्य के आठ प्रमुख मंत्री
  4. आठ प्रमुख धार्मिक नेता

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: विजयनगर साम्राज्य के महानतम शासक कृष्णदेव राय के दरबार में तेलुगु साहित्य के आठ महान कवियों का समूह ‘अष्टदिग्गज’ कहलाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: इन कवियों ने कृष्णदेव राय के संरक्षण में अपनी उत्कृष्ट कृतियों की रचना की। अष्टदिग्गज में प्रमुख थे अल्लसानी पेडन्ना (जिन्हें ‘आंध्र कविता पितामह’ कहा जाता है), नंदी तिम्मना, धुरजति आदि। यह विजयनगर काल को तेलुगु साहित्य का स्वर्ण युग बनाता है।
  • गलत विकल्प: वे सेनापति, मंत्री या धार्मिक नेता नहीं थे, बल्कि साहित्यिक हस्ती थे।

प्रश्न 21: निम्नलिखित में से किस घटना को ‘भारत का दूसरा स्वतंत्रता संग्राम’ भी कहा जाता है?

  1. 1857 का विद्रोह
  2. भारत छोड़ो आंदोलन
  3. सविनय अवज्ञा आंदोलन
  4. खिलाफत आंदोलन

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: 1857 के विद्रोह को अक्सर ‘भारत का दूसरा स्वतंत्रता संग्राम’ कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: हालांकि यह विद्रोह असफल रहा, लेकिन इसने पहली बार भारतीय स्वतंत्रता के लिए एक बड़े पैमाने पर संगठित प्रयास का प्रतिनिधित्व किया। इसने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीयों के प्रतिरोध की भावना को जगाया और भविष्य के राष्ट्रवादी आंदोलनों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना। यह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन को समाप्त करने और ब्रिटिश ताज के प्रत्यक्ष शासन की ओर ले जाने वाला एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
  • गलत विकल्प: भारत छोड़ो आंदोलन (1942), सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930) और खिलाफत आंदोलन (1919-1924) स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण चरण थे, लेकिन 1857 के विद्रोह को इसकी व्यापकता और औपनिवेशिक शासन के खिलाफ पहले बड़े सशस्त्र विद्रोह के रूप में ‘दूसरा स्वतंत्रता संग्राम’ कहा जाता है।

प्रश्न 22: अशोक के किस शिलालेख में कलिंग युद्ध के विनाशकारी परिणामों का उल्लेख है और उसने धम्म की नीति क्यों अपनाई?

  1. प्रथम शिलालेख
  2. पंचम शिलालेख
  3. तेरहवाँ शिलालेख
  4. सोलहवाँ शिलालेख

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: सम्राट अशोक के तेरहवें शिलालेख में कलिंग युद्ध (लगभग 261 ईसा पूर्व) के भयानक परिणामों का विस्तृत वर्णन है और इसी युद्ध की विभीषिका ने अशोक को बौद्ध धर्म अपनाने और धम्म (धार्मिक नीति) के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।
  • संदर्भ और विस्तार: यह शिलालेख युद्ध में हुई भारी जनहानि और पीड़ा का वर्णन करता है, जिससे अशोक का हृदय परिवर्तन हुआ। इसके बाद, उन्होंने विजय के लिए युद्ध की नीति को छोड़कर धम्म विजय की नीति अपनाई, जिसमें वे अपने संदेशों को धर्म और नैतिकता के माध्यम से फैलाते थे।
  • गलत विकल्प: प्रथम शिलालेख में पशु बलि की निंदा है, पंचम शिलालेख में धम्म महामात्रों की नियुक्ति का उल्लेख है, और सोलहवाँ शिलालेख में अशोक की व्यक्तिगत जीवन से जुड़ी कुछ बातें बताई गई हैं।

प्रश्न 23: ‘सत्यार्थ प्रकाश’ के लेखक कौन हैं?

  1. स्वामी विवेकानंद
  2. स्वामी दयानंद सरस्वती
  3. राजा राम मोहन राय
  4. ईश्वर चंद्र विद्यासागर

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘सत्यार्थ प्रकाश’ (सत्य का प्रकाश) आर्य समाज के संस्थापक महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण कृति है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस पुस्तक में स्वामी दयानंद सरस्वती ने वेदों के महत्व को प्रतिपादित किया और तत्कालीन समाज में व्याप्त अंधविश्वासों, मूर्ति पूजा, जाति प्रथा और अन्य कुरीतियों का खंडन किया। यह आर्य समाज के दार्शनिक और सामाजिक विचारों का आधार है।
  • गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद ने ‘राज योग’ जैसी रचनाएं कीं। राजा राम मोहन राय ने ‘ब्रह्म समाज’ की स्थापना की। ईश्वर चंद्र विद्यासागर शिक्षा सुधारक थे।

प्रश्न 24: पुनर्जागरण काल (Renaissance) मुख्य रूप से किन यूरोपीय देशों में शुरू हुआ?

  1. फ्रांस और जर्मनी
  2. इंग्लैंड और स्पेन
  3. इटली
  4. नीदरलैंड्स और बेल्जियम

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: पुनर्जागरण काल, जो कला, साहित्य, विज्ञान और दर्शन में नवजागरण का काल था, मुख्य रूप से 14वीं शताब्दी में इटली में शुरू हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: फ्लोरेंस, वेनिस और रोम जैसे इतालवी शहर पुनर्जागरण के प्रमुख केंद्र बने। प्राचीन ग्रीक और रोमन सभ्यताओं के अध्ययन, कला और वास्तुकला में नवाचार, और मानवतावाद (Humanism) का उदय इस काल की मुख्य विशेषताएं थीं। बाद में, यह आंदोलन पूरे यूरोप में फैल गया।
  • गलत विकल्प: हालांकि इन देशों में भी पुनर्जागरण का प्रभाव पड़ा, लेकिन इसकी शुरुआत और मुख्य केंद्र इटली ही था।

प्रश्न 25: निम्नलिखित में से किस अधिनियम ने भारत में सांप्रदायिक निर्वाचन प्रणाली की शुरुआत की?

  1. भारतीय परिषद अधिनियम, 1861
  2. भारतीय परिषद अधिनियम, 1892
  3. भारतीय परिषद अधिनियम, 1909 (मार्ले-मिंटो सुधार)
  4. भारत सरकार अधिनियम, 1919 (मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार)

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: भारतीय परिषद अधिनियम, 1909, जिसे मार्ले-मिंटो सुधार के नाम से भी जाना जाता है, ने भारत में सांप्रदायिक निर्वाचन प्रणाली की शुरुआत की।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम के तहत, मुसलमानों के लिए अलग निर्वाचन क्षेत्रों की व्यवस्था की गई, जिसका अर्थ था कि मुस्लिम मतदाता केवल मुस्लिम उम्मीदवारों को ही वोट दे सकते थे। इसका उद्देश्य फूट डालो और राज करो की नीति को लागू करना था और इसने भारतीय समाज को धार्मिक आधार पर विभाजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • गलत विकल्प: 1861 का अधिनियम भारतीयों को विधान परिषदों में शामिल करने का प्रारंभिक कदम था। 1892 के अधिनियम ने अप्रत्यक्ष चुनाव की व्यवस्था की। 1919 के अधिनियम ने द्वैध शासन (Dyarchy) की शुरुआत की और सांप्रदायिक निर्वाचन का विस्तार किया, लेकिन शुरुआत 1909 में हुई थी।

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