Get free Notes

सफलता सिर्फ कड़ी मेहनत से नहीं, सही मार्गदर्शन से मिलती है। हमारे सभी विषयों के कम्पलीट नोट्स, G.K. बेसिक कोर्स, और करियर गाइडेंस बुक के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Click Here

इतिहास का महासंगम: ज्ञान की कसौटी पर खुद को परखें!

इतिहास का महासंगम: ज्ञान की कसौटी पर खुद को परखें!

तैयार हो जाइए इतिहास के गलियारों में एक रोमांचक यात्रा के लिए! आज का यह विशेष प्रश्नोत्तरी आपके ज्ञान की गहराई और सटीकता को जांचने के लिए डिज़ाइन किया गया है। प्राचीन काल की गहराइयों से लेकर आधुनिक युग की हलचलों तक, हर सवाल आपको परीक्षा की तैयारी में एक कदम और आगे ले जाएगा। आइए, देखें कि इतिहास के महासागर में आप कितनी गहराई तक उतर पाते हैं!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस सिंधु घाटी सभ्यता स्थल को ‘मोहनजोदड़ो का जुड़वां’ कहा जाता है?

  1. लोथल
  2. हड़प्पा
  3. चन्हुदड़ो
  4. धौलावीरा

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: हड़प्पा को ‘मोहनजोदड़ो का जुड़वां’ कहा जाता है। दोनों ही प्रमुख सिंधु घाटी सभ्यता स्थल हैं और लगभग समान समय अवधि में विकसित हुए।
  • संदर्भ और विस्तार: हड़प्पा, वर्तमान पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रावी नदी के तट पर स्थित है, और इसे सिंधु घाटी सभ्यता का पहला खोजा गया स्थल माना जाता है (1921 में दयाराम साहनी द्वारा)। मोहनजोदड़ो, सिंध प्रांत में सिंधु नदी के तट पर स्थित है, और यह सबसे बड़े स्थलों में से एक है। दोनों स्थलों की वास्तुकला, शहरी नियोजन और कलाकृतियाँ बहुत समान हैं, जिससे इन्हें ‘जुड़वां’ कहा जाता है।
  • गलत विकल्प: लोथल एक प्रमुख बंदरगाह शहर था, चन्हुदड़ो मनके बनाने का एक प्रमुख केंद्र था, और धौलावीरा (गुजरात) अपने उन्नत जल प्रबंधन प्रणाली के लिए जाना जाता है।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस वेद में असतो मा सद्गमय (असत्य से सत्य की ओर ले चलो) का उल्लेख मिलता है?

  1. ऋग्वेद
  2. यजुर्वेद
  3. सामवेद
  4. अथर्ववेद

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: असतो मा सद्गमय का प्रसिद्ध मंत्र ऋग्वेद में मिलता है।
  • संदर्भ और विस्तार: ऋग्वेद, सबसे प्राचीन वेद, में देवताओं की स्तुति में मंत्रों का संग्रह है। यह उपनिषदों से पहले के वैदिक काल का प्रतिनिधित्व करता है। ‘असतो मा सद्गमय’ शांति पाठ का एक हिस्सा है जो अज्ञानता से ज्ञान की ओर बढ़ने की कामना करता है।
  • गलत विकल्प: यजुर्वेद कर्मकांडों और यज्ञों से संबंधित है, सामवेद साम गान (भजन) का संग्रह है, और अथर्ववेद जादू, टोना, और चिकित्सा से संबंधित है।

प्रश्न 3: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?

  1. चंद्रगुप्त प्रथम
  2. समुद्रगुप्त
  3. चंद्रगुप्त द्वितीय
  4. स्कंदगुप्त

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रसिद्ध इतिहासकार वी. ए. स्मिथ ने समुद्रगुप्त की विजयों और विस्तारवादी नीतियों के कारण उसे यह उपाधि दी थी। समुद्रगुप्त (शासनकाल लगभग 335-380 ई.) ने उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों को विजित किया और दक्षिण भारत में भी कई राज्यों पर अपनी प्रभुता स्थापित की। उसके प्रयाग प्रशस्ति (इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख) में उसकी सैन्य उपलब्धियों का विस्तृत वर्णन है।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का संस्थापक माना जाता है, चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) अपने दरबार में नौ रत्नों के लिए प्रसिद्ध था, और स्कंदगुप्त ने हूणों के आक्रमण को सफलतापूर्वक रोका था।

प्रश्न 4: ह्वेन त्सांग (Xuanzang) भारत में किस गुप्त सम्राट के शासनकाल में आया था?

  1. चंद्रगुप्त द्वितीय
  2. कुमारगुप्त
  3. स्कंदगुप्त
  4. कुमारगुप्त द्वितीय

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेन त्सांग (Xuanzang) भारत में गुप्त सम्राट कुमारगुप्त प्रथम के शासनकाल के अंतिम चरण (लगभग 400 ईस्वी के आसपास) में आया था।
  • संदर्भ और विस्तार: ह्वेन त्सांग का मूल नाम युआन च्वांग था। वह ज्ञान की तलाश में भारत आया था और उसने लगभग 17 वर्षों (629-645 ईस्वी) तक भारत में बिताए। उसने हर्षवर्धन के शासनकाल में भी भारत में महत्वपूर्ण समय बिताया और नालंदा विश्वविद्यालय में अध्ययन किया। उसकी पुस्तक ‘सि-यू-की’ (पश्चिमी क्षेत्र का यात्रा वृत्तांत) भारतीय इतिहास, संस्कृति और धर्म का एक अमूल्य स्रोत है।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त द्वितीय के समय फाहियान आया था। स्कंदगुप्त और कुमारगुप्त द्वितीय का ह्वेन त्सांग के आगमन से सीधा संबंध नहीं है।

प्रश्न 5: दिल्ली सल्तनत का कौन सा शासक ‘दीन-ए-इलाही’ का प्रवर्तक था?

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. अकबर

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत मुगल सम्राट अकबर ने की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: दीन-ए-इलाही (ईश्वर का धर्म) 1582 ईस्वी में अकबर द्वारा शुरू किया गया एक syncretic religious doctrine था, जिसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों के तत्वों को मिलाकर एक नया धर्म बनाना था। यह व्यक्तिगत सत्य की खोज और सहिष्णुता पर आधारित था। इसे स्वीकार करने वाले बहुत कम थे, और यह एक राजनीतिक उपकरण के रूप में भी देखा जाता है।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश, बलबन और अलाउद्दीन खिलजी दिल्ली सल्तनत के प्रमुख शासक थे, लेकिन उनकी नीतियां दीन-ए-इलाही से भिन्न थीं।

प्रश्न 6: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?

  1. कृष्ण देवराय
  2. हरिहर और बुक्का
  3. देवराय प्रथम
  4. वीर नरसिम्हा

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: हरिहर और बुक्का, वारंगल के काकतीय शासकों के सामंत थे, जिन्होंने दिल्ली सल्तनत के विस्तार को रोकने के उद्देश्य से तुंगभद्रा नदी के किनारे इस साम्राज्य की नींव रखी। विजयनगर साम्राज्य कला, साहित्य और वास्तुकला का एक प्रमुख केंद्र बना, और कृष्ण देवराय इसके सबसे महान शासकों में से एक थे।
  • गलत विकल्प: कृष्ण देवराय विजयनगर के एक प्रसिद्ध राजा थे, देवराय प्रथम भी एक महत्वपूर्ण शासक थे, और वीर नरसिम्हा तुलुव वंश के संस्थापक थे।

प्रश्न 7: ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ के शासन काल में, 1857 के विद्रोह के तुरंत बाद, भारत का वायसराय कौन था?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. लॉर्ड कैनिंग
  3. लॉर्ड लिटन
  4. लॉर्ड कर्जन

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: 1857 के विद्रोह के तुरंत बाद, 1858 में, भारत सरकार अधिनियम के तहत ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन को समाप्त कर दिया गया और भारत का शासन सीधे ब्रिटिश ताज के अधीन आ गया। लॉर्ड कैनिंग, जो उस समय गवर्नर-जनरल थे, भारत के पहले वायसराय बने।
  • संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कैनिंग (शासनकाल 1856-1862) को इस संक्रमणकालीन काल का नेतृत्व करने का महत्वपूर्ण कार्य सौंपा गया था। उनके कार्यकाल के दौरान 1857 का विद्रोह हुआ और उसके बाद भारत में ब्रिटिश शासन की संरचना में बड़े बदलाव हुए।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी (1848-1856) विद्रोह से पहले गवर्नर-जनरल थे, लॉर्ड लिटन (1876-1880) और लॉर्ड कर्जन (1900-1905) बाद के वायसराय थे।

प्रश्न 8: ‘रैयतवाड़ी व्यवस्था’ में भूमि का लगान सीधे किससे वसूला जाता था?

  1. जमींदार
  2. किसान (रैयत)
  3. मुकादम
  4. पटवारी

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: रैयतवाड़ी व्यवस्था में, भूमि का लगान सीधे काश्तकारों या किसानों (रैयत) से वसूला जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह व्यवस्था ब्रिटिश भारत के कुछ हिस्सों (जैसे मद्रास, बॉम्बे, असम और कूर्ग) में लागू की गई थी। इसमें सरकार सीधे किसानों को भूमि का स्वामित्व प्रदान करती थी और उनसे भू-राजस्व की मांग करती थी। थॉमस मुनरो और कैप्टन अलेक्जेंडर रीड इसके प्रमुख प्रस्तावक थे।
  • गलत विकल्प: जमींदार स्थायी बंदोबस्त (Settlement) व्यवस्था में भू-राजस्व वसूलने के लिए जिम्मेदार थे, मुकादम और पटवारी स्थानीय राजस्व अधिकारी होते थे।

प्रश्न 9: भारत में पहली रेलगाड़ी किस वायसराय के शासनकाल में चलाई गई?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. लॉर्ड कैनिंग
  3. लॉर्ड लॉरेंस
  4. लॉर्ड लिटन

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: भारत में पहली रेलगाड़ी लॉर्ड डलहौजी के शासनकाल में चलाई गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: 16 अप्रैल 1853 को, मुंबई से ठाणे के बीच 34 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली पहली यात्री ट्रेन चलाई गई थी। लॉर्ड डलहौजी (1848-1856) अपने रेलवे, डाक, तार और शिक्षा सुधारों के लिए जाने जाते हैं, जिन्हें ‘भारत में ब्रिटिश शासन का निर्माता’ भी कहा जाता है।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड कैनिंग, लॉरेंस और लिटन बाद के वायसराय थे और उनके कार्यकाल में रेलवे का विस्तार हुआ, लेकिन पहली रेलगाड़ी डलहौजी के समय ही चली थी।

प्रश्न 10: ‘आधुनिक भारत का पैगंबर’ किसे कहा जाता है?

  1. स्वामी विवेकानंद
  2. राजा राममोहन राय
  3. महात्मा गांधी
  4. बाल गंगाधर तिलक

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: राजा राममोहन राय को ‘आधुनिक भारत का पैगंबर’ कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: राजा राममोहन राय (1772-1833) 19वीं सदी के एक महान समाज सुधारक और विचारक थे। उन्होंने सामाजिक कुरीतियों (जैसे सती प्रथा, बाल विवाह) के उन्मूलन, शिक्षा के प्रसार और पश्चिमी विचारों के स्वागत का जोरदार समर्थन किया। उन्होंने 1828 में ब्रह्म समाज की स्थापना की, जिसने भारतीय पुनर्जागरण की नींव रखी।
  • गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद एक महान आध्यात्मिक नेता थे, महात्मा गांधी राष्ट्रीय आंदोलन के प्रमुख नेता थे, और बाल गंगाधर तिलक गरम दल के नेता थे।

प्रश्न 11: फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना कब हुई?

  1. 1600 ईस्वी
  2. 1602 ईस्वी
  3. 1664 ईस्वी
  4. 1731 ईस्वी

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी (Compagnie des Indes Orientales) की स्थापना 1664 ईस्वी में हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह कंपनी लुई XIV के वित्त मंत्री जीन-बैप्टिस्ट कोल्बर्ट की पहल पर स्थापित की गई थी। इसका उद्देश्य फ्रांसीसी व्यापार को बढ़ावा देना और ब्रिटिश और डच कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करना था। इसका भारत में पहला कारखाना 1668 में सूरत में स्थापित किया गया था।
  • गलत विकल्प: 1600 ईस्वी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई, और 1602 ईस्वी में डच ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई। 1731 ईस्वी का कोई विशेष महत्व नहीं है।

प्रश्न 12: ‘कौटिल्य’ का मूल नाम क्या था?

  1. विष्णुगुप्त
  2. वसुमित्र
  3. नागार्जुन
  4. आर्यभट्ट

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: कौटिल्य का मूल नाम विष्णुगुप्त था।
  • संदर्भ और विस्तार: कौटिल्य, जिन्हें चाणक्य या कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है, मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री और गुरु थे। उन्होंने प्रसिद्ध ग्रंथ ‘अर्थशास्त्र’ की रचना की, जो राजनीति, अर्थशास्त्र और शासन कला का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है।
  • गलत विकल्प: वसुमित्र एक बौद्ध विद्वान थे, नागार्जुन एक प्रसिद्ध बौद्ध दार्शनिक थे, और आर्यभट्ट एक महान भारतीय गणितज्ञ और खगोलशास्त्री थे।

प्रश्न 13: निम्नलिखित में से किस आंदोलन का नारा था ‘पूर्ण स्वराज’?

  1. असहयोग आंदोलन
  2. सविनय अवज्ञा आंदोलन
  3. भारत छोड़ो आंदोलन
  4. नमक सत्याग्रह

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: ‘पूर्ण स्वराज’ का नारा मुख्य रूप से सविनय अवज्ञा आंदोलन और उसके पूर्ववर्ती आंदोलनों का केंद्रीय लक्ष्य था, जिसे 1929 के लाहौर अधिवेशन में कांग्रेस ने अपनाया था।
  • संदर्भ और विस्तार: 1929 में जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुए कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ (संपूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित किया गया। 26 जनवरी 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाया गया। सविनय अवज्ञा आंदोलन इसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शुरू किया गया था।
  • गलत विकल्प: असहयोग आंदोलन (1920-22) का लक्ष्य स्वराज था, लेकिन पूर्ण स्वराज नहीं। भारत छोड़ो आंदोलन (1942) का लक्ष्य ब्रिटिश शासन को तुरंत समाप्त करना था। नमक सत्याग्रह सविनय अवज्ञा आंदोलन का एक हिस्सा था।

प्रश्न 14: ‘गीत गोविंद’ के रचयिता कौन हैं?

  1. कबीर
  2. सूरदास
  3. जयदेव
  4. तुलसीदास

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: ‘गीत गोविंद’ के रचयिता जयदेव हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: जयदेव, 12वीं शताब्दी के एक प्रसिद्ध संस्कृत कवि थे, जिन्होंने बंगाल के शासक लक्ष्मण सेन के दरबार में कार्य किया। ‘गीत गोविंद’ राधा और कृष्ण के प्रेम का वर्णन करने वाली एक अत्यंत लोकप्रिय और प्रभावशाली काव्य रचना है। यह भक्ति साहित्य और भारतीय शास्त्रीय संगीत पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डालती है।
  • गलत विकल्प: कबीर, सूरदास और तुलसीदास मध्यकालीन भारत के महान संत कवि थे, लेकिन उन्होंने अलग-अलग रचनाएँ कीं।

प्रश्न 15: प्रथम गोलमेज सम्मेलन (First Round Table Conference) का आयोजन किस वर्ष हुआ था?

  1. 1929
  2. 1930
  3. 1931
  4. 1932

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: प्रथम गोलमेज सम्मेलन का आयोजन 1930 में हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: ये सम्मेलन ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीय संवैधानिक सुधारों पर चर्चा के लिए आयोजित किए गए थे। प्रथम गोलमेज सम्मेलन लंदन में 12 नवंबर 1930 से 13 जनवरी 1931 तक चला। इसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भाग नहीं लिया क्योंकि सविनय अवज्ञा आंदोलन अभी भी जारी था।
  • गलत विकल्प: द्वितीय गोलमेज सम्मेलन 1931 में और तृतीय 1932 में हुआ था। 1929 में सविनय अवज्ञा आंदोलन की घोषणा हुई थी।

प्रश्न 16: ‘अष्टप्रधान’ नामक आठ मंत्रियों की परिषद किस साम्राज्य में थी?

  1. मौर्य साम्राज्य
  2. गुप्त साम्राज्य
  3. चोल साम्राज्य
  4. मराठा साम्राज्य

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: ‘अष्टप्रधान’ नामक आठ मंत्रियों की परिषद मराठा साम्राज्य में थी।
  • संदर्भ और विस्तार: छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने के लिए आठ प्रमुख मंत्रियों की एक परिषद बनाई थी, जिसे ‘अष्टप्रधान’ कहा जाता था। इसमें पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव, सुमंत (विदेश मंत्री), सेनापति (सेना प्रमुख), पंडितराव (धर्माध्यक्ष), न्यायाधीश और मंत्री (गृह मंत्री) जैसे पद शामिल थे।
  • गलत विकल्प: मौर्य, गुप्त और चोल साम्राज्यों की अपनी प्रशासनिक व्यवस्थाएं थीं, लेकिन ‘अष्टप्रधान’ विशेष रूप से मराठा प्रशासन से जुड़ा है।

प्रश्न 17: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना कहाँ हुई थी?

  1. लंदन
  2. टोक्यो
  3. सैन फ्रांसिस्को
  4. बर्लिन

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: गदर पार्टी की स्थापना 1913 में सैन फ्रांसिस्को, संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह पार्टी प्रवासी भारतीयों, विशेष रूप से लाला हरदयाल के नेतृत्व में, ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए स्थापित की गई थी। इसका उद्देश्य भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराना था, और इसने ‘गदर’ नामक एक समाचार पत्र भी प्रकाशित किया।
  • गलत विकल्प: लंदन में भी भारतीय राष्ट्रवादी गतिविधियाँ होती थीं (जैसे इंडिया हाउस), टोक्यो में रास बिहारी बोस ने इंडियन इंडिपेंडेंस लीग का गठन किया, और बर्लिन में भी भारतीयों ने ब्रिटिश विरोधी गतिविधियाँ कीं, लेकिन गदर पार्टी का मुख्य केंद्र सैन फ्रांसिस्को था।

प्रश्न 18: ‘सती प्रथा’ के उन्मूलन में किस ब्रिटिश गवर्नर-जनरल का महत्वपूर्ण योगदान था?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. लॉर्ड विलियम बेंटिंक
  3. लॉर्ड कर्जन
  4. लॉर्ड कैनिंग

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: लॉर्ड विलियम बेंटिंक (1828-1835) ने राजा राममोहन राय के प्रयासों का समर्थन करते हुए 1829 में सती प्रथा को गैरकानूनी घोषित किया।
  • संदर्भ और विस्तार: रेगुलेशन XVII ऑफ 1829 द्वारा सती प्रथा को बंगाल की खाड़ी में सभी प्रदेशों में प्रतिबंधित कर दिया गया। राजा राममोहन राय ने इस कुप्रथा के विरुद्ध लंबे समय तक संघर्ष किया था, और बेंटिंक ने उनके सामाजिक सुधार के एजेंडे को आगे बढ़ाया।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी (विधवा पुनर्विवाह, 1856) और लॉर्ड कर्जन (शिक्षा सुधार) ने अन्य सुधार किए, जबकि लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह के समय गवर्नर-जनरल थे।

प्रश्न 19: ‘हड़प्पा’ सभ्यता का सबसे पूर्वी पुरातात्विक स्थल कौन सा है?

  1. लोथल
  2. कालीबंगन
  3. आलमगीरपुर
  4. मोहनजोदड़ो

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: हड़प्पा सभ्यता का सबसे पूर्वी पुरातात्विक स्थल आलमगीरपुर है।
  • संदर्भ और विस्तार: आलमगीरपुर उत्तर प्रदेश में मेरठ जिले में हिंडन नदी के तट पर स्थित है। यह स्थल हड़प्पा सभ्यता के विस्तार को दर्शाता है, जो गुजरात में लोथल (दक्षिण-पश्चिम) और पाकिस्तान में मांडा (उत्तर) तक फैला हुआ था। यह स्थल उस काल की संस्कृति और विस्तार का महत्वपूर्ण प्रमाण है।
  • गलत विकल्प: लोथल गुजरात में स्थित एक महत्वपूर्ण बंदरगाह था, कालीबंगन राजस्थान में एक पुरातात्विक स्थल था, और मोहनजोदड़ो पाकिस्तान में स्थित था।

प्रश्न 20: ‘सूफीवाद’ के संदर्भ में, ‘खानकाह’ का क्या अर्थ था?

  1. एक धार्मिक उपदेश
  2. एक सूफी मठ या सराय
  3. एक संगीत समारोह
  4. एक पवित्र पुस्तक

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: ‘खानकाह’ सूफीवाद में एक मठ या धार्मिक आश्रम होता था।
  • संदर्भ और विस्तार: खानकाह वह स्थान था जहाँ सूफी संत रहते थे, अपने शिष्यों को शिक्षा देते थे, और आध्यात्मिक अभ्यास करते थे। यह एक प्रकार का समुदाय या सराय थी जो गरीबों, यात्रियों और जरूरतमंदों के लिए भी खुली रहती थी। ये सूफीवाद के प्रसार में महत्वपूर्ण केंद्र थे।
  • गलत विकल्प: धार्मिक उपदेश, संगीत समारोह (जैसे कव्वाली) और पवित्र पुस्तकें (जैसे कुरान) सूफीवाद के अंग थे, लेकिन खानकाह का अर्थ मठ या आश्रम है।

प्रश्न 21: ‘महाजनपद’ काल के दौरान, मगध की राजधानी कहाँ स्थित थी?

  1. पाटलिपुत्र
  2. वैशाली
  3. राजगृह
  4. कांचीपुरम

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: महाजनपद काल में मगध की प्रारंभिक राजधानी राजगृह (आधुनिक राजगीर) थी।
  • संदर्भ और विस्तार: राजगृह, पांच पहाड़ियों से घिरा एक सुरक्षित स्थान था, जो इसे सैन्यदृष्ट्या मजबूत बनाता था। बिंबिसार और अजातशत्रु जैसे प्रारंभिक मगध शासकों ने यहीं से शासन किया। बाद में, अजातशत्रु के पुत्र उदयन ने राजधानी को पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना) स्थानांतरित कर दिया।
  • गलत विकल्प: वैशाली लिच्छवी गणराज्य की राजधानी थी। कांचीपुरम दक्षिण भारत में स्थित एक महत्वपूर्ण शहर था, जो पल्लव राजवंश की राजधानी रहा।

प्रश्न 22: ‘अकबरनामा’ का लेखक कौन है?

  1. अबुल फजल
  2. फैजी
  3. बदायूनी
  4. इनायत खान

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: ‘अकबरनामा’ का लेखक अबुल फजल है।
  • संदर्भ और विस्तार: अबुल फजल, मुगल सम्राट अकबर के दरबार के नौ रत्नों में से एक थे। ‘अकबरनामा’ अकबर के शासनकाल का एक विस्तृत इतिहास है, जिसमें उनके जीवन, प्रशासनिक नीतियों, युद्धों और सांस्कृतिक योगदान का वर्णन है। यह फारसी भाषा में लिखी गई है और ऐतिहासिक स्रोत के रूप में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  • गलत विकल्प: फैजी अबुल फजल का भाई था और वह भी एक विद्वान था। बदायूनी अकबर के दरबार से जुड़ा एक इतिहासकार था जिसने ‘मुंतखब-उत-तवारीख’ लिखी, जो अकबर की नीतियों की आलोचना करती है। इनायत खान ने ‘शाहजहाँनामा’ लिखी।

प्रश्न 23: ‘प्रथम विश्व युद्ध’ (World War I) की अवधि क्या थी?

  1. 1905-1910
  2. 1914-1918
  3. 1939-1945
  4. 1941-1946

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: प्रथम विश्व युद्ध की अवधि 1914 से 1918 तक थी।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रथम विश्व युद्ध 28 जुलाई 1914 को शुरू हुआ जब ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया पर युद्ध की घोषणा की, और 11 नवंबर 1918 को जर्मनी के आत्मसमर्पण के साथ समाप्त हुआ। यह युद्ध मुख्य रूप से केंद्रीय शक्तियाँ (जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ओटोमन साम्राज्य, बुल्गारिया) और मित्र राष्ट्रों (फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, इटली, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका) के बीच लड़ा गया था।
  • गलत विकल्प: 1905-1910 का समय जापान-रूस युद्ध आदि से जुड़ा है। 1939-1945 द्वितीय विश्व युद्ध की अवधि है। 1941-1946 द्वितीय विश्व युद्ध के प्रमुख वर्ष हैं।

प्रश्न 24: ‘पुर्तगालियों ने गोवा पर कब अधिकार किया?

  1. 1505 ईस्वी
  2. 1510 ईस्वी
  3. 1520 ईस्वी
  4. 1598 ईस्वी

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: पुर्तगाली गवर्नर अल्बुकर्क ने 1510 ईस्वी में गोवा पर अधिकार कर लिया था।
  • संदर्भ और विस्तार: अल्बुकर्क ने बीजापुर सल्तनत के शासक युसुफ आदिल खान से गोवा को छीनकर उसे पुर्तगाली साम्राज्य का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाया। गोवा पुर्तगालियों के भारत में राजनीतिक और व्यावसायिक शक्ति का प्रतीक बन गया और लगभग 450 वर्षों तक उनके अधीन रहा।
  • गलत विकल्प: 1505 में पुर्तगालियों ने कोचीन में अपना पहला वायसराय नियुक्त किया था। 1520 और 1598 का कोई विशेष महत्व नहीं है।

प्रश्न 25: ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?

  1. 1925
  2. 1929
  3. 1931
  4. 1935

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह समझौता महात्मा गांधी और उस समय के वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच दिल्ली में हुआ था। इस समझौते के परिणामस्वरूप, सविनय अवज्ञा आंदोलन को निलंबित कर दिया गया और कांग्रेस ने द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने पर सहमति व्यक्त की। इस समझौते ने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के एक महत्वपूर्ण चरण को चिह्नित किया।
  • गलत विकल्प: 1925 में काकोरी ट्रेन डकैती हुई थी, 1929 में कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित किया था, और 1935 में भारत सरकार अधिनियम आया था।

Leave a Comment