इतिहास का दंगल: 25 प्रश्न, 25 पड़ाव – ज्ञान की कसौटी!
नमस्कार, इतिहास के जिज्ञासु साथियों! आज हम समय की गलियों में एक रोमांचक यात्रा पर निकलेंगे, जहाँ प्राचीन साम्राज्यों से लेकर आधुनिक क्रांतियों तक, हर कालखंड अपने रहस्यों को खोलेगा। क्या आप अपने ज्ञान की गहराई को परखने के लिए तैयार हैं? आइए, इस 25 प्रश्नों के महासंग्राम में अपनी ऐतिहासिक समझ को धार दें!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के किस पुरास्थल से ‘नर्तकी की कांस्य प्रतिमा’ प्राप्त हुई है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: मोहनजोदड़ो (अर्थात् ‘मृतकों का टीला’) से खुदाई के दौरान मिली नर्तकी की कांस्य प्रतिमा सिंधु घाटी सभ्यता की सबसे प्रतिष्ठित कलाकृतियों में से एक है। यह लगभग 11 सेंटीमीटर लंबी है और उस समय की धातु विज्ञान की उन्नति को दर्शाती है।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह प्रतिमा लगभग 4,500 साल पुरानी मानी जाती है और इसकी लचीली मुद्रा, झुके हुए सिर और हाथ में चूड़ियों की भरमार उस काल की कलात्मक उत्कृष्टता को इंगित करती है।
- गलत विकल्प: हड़प्पा से ‘पुरुष धड़’ की लाल पत्थर की प्रतिमा मिली है। लोथल एक प्रमुख बंदरगाह था जहाँ डॉकयार्ड के अवशेष मिले हैं, और कालीबंगा से जुते हुए खेत के प्रमाण मिले हैं।
प्रश्न 2: ऋग्वेद में ‘सर्वाधिक प्रयुक्त होने वाला देव’ कौन है?
- अग्नि
- इंद्र
- वरुण
- सूर्य
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ऋग्वेद में इंद्र का उल्लेख सर्वाधिक बार (लगभग 250 बार) किया गया है। उन्हें वर्षा, मेघ, गर्जन और युद्ध का देवता माना जाता था और वे आर्यों के प्रमुख देवता थे।
- संदर्भ एवं विस्तार: इंद्र को ‘पुरंदर’ (किले को तोड़ने वाला) भी कहा गया है, जो उनकी युद्ध-प्रिय प्रकृति को दर्शाता है। ऋग्वेद के लगभग एक-चौथाई सूक्त इंद्र को समर्पित हैं।
- गलत विकल्प: अग्नि का उल्लेख दूसरा सबसे अधिक (लगभग 200 बार) है, जो यज्ञों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। वरुण जल के देवता और नैतिक व्यवस्था के रक्षक थे, जबकि सूर्य प्रकाश के देवता थे।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से किस शासक ने ‘इक्तादारी प्रणाली’ का प्रारम्भ किया?
- इल्तुतमिश
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: इल्तुतमिश, दिल्ली सल्तनत का वास्तविक संस्थापक माना जाता है, जिसने ‘इक्तादारी’ या ‘इक्ता’ प्रणाली की शुरुआत की। इस प्रणाली के तहत, राज्य की भूमि को ‘इक्ता’ नामक इकाइयों में विभाजित किया जाता था, जिन्हें सैन्य या प्रशासनिक अधिकारियों (इक्तादार) को उनकी सेवा के बदले राजस्व संग्रह के अधिकार के साथ सौंपा जाता था।
- संदर्भ एवं विस्तार: इस प्रणाली ने दिल्ली सल्तनत के प्रशासनिक और सैन्य ढांचे को मजबूत किया, जिससे केंद्रीय सत्ता को मजबूत करने में मदद मिली। इक्तादार अपनी आय का एक हिस्सा केंद्र को भेजते थे और शेष का उपयोग अपनी सेना के रखरखाव और अपने प्रशासनिक व्यय के लिए करते थे।
- गलत विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक ने सल्तनत की नींव रखी लेकिन इक्तादारी को व्यवस्थित रूप से लागू नहीं किया। बलबन ने ‘गैर-इक्ता’ प्रणाली पर जोर दिया और इक्तादारों की शक्ति को सीमित करने की कोशिश की। अलाउद्दीन खिलजी ने केंद्रीय नियंत्रण को और मजबूत किया और भूमि को अधिक प्रत्यक्ष रूप से राज्य के अधीन लाया, हालांकि इक्तादारी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई थी।
प्रश्न 4: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किस नदी के तट पर हुई थी?
- गोदावरी
- कृष्णा
- तुंगभद्रा
- कावेरी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम (संगम राजवंश के) द्वारा की गई थी। साम्राज्य का मुख्य केंद्र तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित था, जहाँ विजयनगर शहर की स्थापना हुई थी।
- संदर्भ एवं विस्तार: तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित होने के कारण, साम्राज्य को कृषि और जल आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण लाभ मिला। हंपी, जो विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी, इसी नदी के किनारे स्थित है और आज यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।
- गलत विकल्प: गोदावरी, कृष्णा और कावेरी दक्षिण भारत की अन्य प्रमुख नदियाँ हैं, लेकिन विजयनगर साम्राज्य की स्थापना तुंगभद्रा के तट पर हुई थी।
प्रश्न 5: ‘बक्सर का युद्ध’ कब लड़ा गया था?
- 1757
- 1764
- 1761
- 1789
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: बक्सर का युद्ध 22 अक्टूबर 1764 को लड़ा गया था। यह एक निर्णायक युद्ध था जिसने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को भारत में अपनी सर्वोच्च शक्ति के रूप में स्थापित किया।
- संदर्भ एवं विस्तार: इस युद्ध में, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना का नेतृत्व हेक्टर मुनरो ने किया था, और उनका सामना बंगाल के तत्कालीन नवाब मीर कासिम, अवध के नवाब शुजा-उद-दौला और मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय की संयुक्त सेना से हुआ था। इस युद्ध में अंग्रेजों की विजय ने उन्हें बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी अधिकार प्रदान किए, जो बाद में इलाहाबाद की संधि (1765) द्वारा औपचारिक रूप दिए गए।
- गलत विकल्प: 1757 में प्लासी का युद्ध हुआ था, जिसने कंपनी के शासन की शुरुआत की। 1761 में पानीपत का तीसरा युद्ध हुआ था, और 1789 फ्रांसीसी क्रांति का वर्ष है।
प्रश्न 6: 1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर-जनरल कौन था?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
- लॉर्ड लिटन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: 1857 के भारतीय विद्रोह के समय भारत के गवर्नर-जनरल लॉर्ड कैनिंग थे। वे 1856 से 1862 तक इस पद पर रहे।
- संदर्भ एवं विस्तार: लॉर्ड कैनिंग के कार्यकाल में ही 1857 का महान विद्रोह हुआ। इस विद्रोह के बाद, ब्रिटिश सरकार ने भारत के शासन की बागडोर सीधे ब्रिटिश ताज के हाथों में ले ली, और भारत सरकार अधिनियम 1858 पारित किया गया, जिसके तहत गवर्नर-जनरल को ‘वायसराय’ भी कहा जाने लगा।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी 1857 के विद्रोह से ठीक पहले गवर्नर-जनरल थे और उनकी ‘व्यपगत सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) नीति को विद्रोह का एक प्रमुख कारण माना जाता है। लॉर्ड विलियम बेंटिंक पहले भारत के गवर्नर-जनरल (1833 के चार्टर अधिनियम के बाद) थे, और लॉर्ड लिटन 1876-1880 के दौरान वायसराय थे।
प्रश्न 7: ‘अकाल संहिता’ (Famine Code) का निर्माण किस वायसराय के कार्यकाल में हुआ?
- लॉर्ड डफरिन
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड रिपन
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘अकाल संहिता’ (Famine Code) का निर्माण लॉर्ड रिपन के कार्यकाल में 1883 में हुआ था।
- संदर्भ एवं विस्तार: ब्रिटिश भारत में कई गंभीर अकालों के बाद, सरकार ने अकालों से निपटने के लिए एक व्यवस्थित नीति की आवश्यकता महसूस की। इस संहिता का उद्देश्य अकालों के दौरान राहत कार्यों का मानकीकरण करना और प्रभावित आबादी को सहायता प्रदान करना था। लॉर्ड रिपन को उनके सामाजिक सुधारों के लिए भी जाना जाता है।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डफरिन के कार्यकाल में तीसरे एंग्लो-बर्मी युद्ध और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई। लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया। लॉर्ड लिटन के समय वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट और आर्म्स एक्ट जैसे विवादास्पद कानून लाए गए।
प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘असहयोग आंदोलन’ के संबंध में सत्य है?
- इसका उद्देश्य स्वदेशी और बहिष्कार को बढ़ावा देना था।
- यह जलियांवाला बाग हत्याकांड के विरोध में शुरू हुआ था।
- इसमें विदेशी कपड़ों का बहिष्कार और सरकारी उपाधियों का त्याग शामिल था।
- यह आंदोलन पूर्णतः अहिंसक था।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: असहयोग आंदोलन (1920-22) में विदेशी कपड़ों का बहिष्कार, अदालतों, स्कूल-कॉलेजों और सरकारी उपाधियों का त्याग प्रमुख चरण थे।
- संदर्भ एवं विस्तार: महात्मा गांधी के नेतृत्व में शुरू हुए इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश सरकार को भारतीय असहयोग के माध्यम से प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर करना था। इसमें तिलक स्वराज फंड की स्थापना, राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और खादी का प्रचार जैसे कार्यक्रम शामिल थे।
- गलत विकल्प: स्वदेशी और बहिष्कार (a) स्वदेशी आंदोलन (1905) का मुख्य नारा था, हालांकि असहयोग आंदोलन में भी इसका प्रयोग हुआ। जलियांवाला बाग हत्याकांड (1919) ने निश्चित रूप से लोगों में रोष बढ़ाया, लेकिन असहयोग आंदोलन मुख्य रूप से खिलाफत आंदोलन के साथ मिलकर शुरू हुआ था। हालांकि आंदोलन का आधार अहिंसा था, चौरी-चौरा की घटना (1922) के कारण गांधीजी ने इसे अचानक स्थगित कर दिया था, जिससे यह पूरी तरह अहिंसक नहीं रहा।
प्रश्न 9: ‘राजतरंगिणी’ के लेखक कौन हैं?
- कौटिल्य
- वात्स्यायन
- कल्हण
- बाणभट्ट
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘राजतरंगिणी’ (अर्थात् ‘राजाओं की नदी’) के लेखक कश्मीरी कवि कल्हण हैं।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह ग्रंथ 12वीं शताब्दी में लिखा गया था और कश्मीर के शासकों के इतिहास का वर्णन करता है। इसे भारत का पहला प्रामाणिक ऐतिहासिक ग्रंथ माना जाता है, जो घटनाओं का कालानुक्रमिक वर्णन प्रस्तुत करता है।
- गलत विकल्प: कौटिल्य ‘अर्थशास्त्र’ के लेखक हैं, वात्स्यायन ‘कामसूत्र’ के, और बाणभट्ट ‘हर्षचरित’ और ‘कादंबरी’ के लेखक हैं।
प्रश्न 10: सल्तनत काल में ‘दीवान-ए-अर्ज’ नामक विभाग का प्रमुख कार्य क्या था?
- राजस्व का संग्रह
- न्याय व्यवस्था
- सैन्य व्यवस्था
- धार्मिक मामले
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: सल्तनत काल में ‘दीवान-ए-अर्ज’ (या ‘आरिज-ए-मुमालिक’) सैन्य विभाग का प्रमुख था, जो सेना के संगठन, भर्ती, वेतन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होता था।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह विभाग सीधे सुल्तान के अधीन कार्य करता था और राज्य की सैन्य शक्ति को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। बलबन ने इस विभाग को अत्यधिक महत्व दिया था।
- गलत विकल्प: राजस्व संग्रह ‘दीवान-ए-मुस्तखराज’ या ‘दीवान-ए-विजारत’ से संबंधित था। न्याय व्यवस्था ‘दीवान-ए-कजा’ से संबंधित थी। धार्मिक मामले ‘दीवान-ए-इस्तिहाक’ या ‘दीवान-ए-सदर’ से जुड़े हो सकते थे।
प्रश्न 11: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना कब और कहाँ हुई थी?
- 1905, लंदन
- 1913, सैन फ्रांसिस्को
- 1920, बर्लिन
- 1907, पेरिस
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: गदर पार्टी की स्थापना 1913 में सैन फ्रांसिस्को, संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई थी।
- संदर्भ एवं विस्तार: इस पार्टी की स्थापना लाला हरदयाल, सोहन सिंह भकना और अन्य भारतीय देशभक्तों ने की थी, जिनका उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र क्रांति के माध्यम से भारत की स्वतंत्रता प्राप्त करना था। यह पार्टी ‘गदर’ नामक एक साप्ताहिक समाचार पत्र भी प्रकाशित करती थी।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प गलत वर्ष या स्थान प्रस्तुत करते हैं। 1905 में भारत में स्वदेशी आंदोलन हुआ था।
प्रश्न 12: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- स्कंदगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: गुप्त वंश के शासक समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। यह उपाधि उन्हें उनके विस्तृत विजय अभियानों और अजेय सैन्य क्षमता के कारण ब्रिटिश इतिहासकार वी. ए. स्मिथ ने दी थी।
- संदर्भ एवं विस्तार: समुद्रगुप्त ने अपने साम्राज्य का विस्तार लगभग पूरे भारतीय उपमहाद्वीप तक किया था, जिसमें उत्तरी भारत के कई राज्य और दक्षिण भारत के भी कुछ राज्य शामिल थे। प्रयाग प्रशस्ति (जो हरिषेण द्वारा रचित है) में उसकी विजयों का विस्तृत वर्णन मिलता है।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का संस्थापक था। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने अपने शासनकाल में कला और साहित्य को बढ़ावा दिया और मालवा को जीता। स्कंदगुप्त ने हूणों के आक्रमणों का सफलतापूर्वक सामना किया।
प्रश्न 13: ‘पंचशील समझौता’ भारत और किस देश के मध्य हुआ था?
- पाकिस्तान
- नेपाल
- श्रीलंका
- चीन
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: पंचशील समझौता 29 अप्रैल 1954 को भारत और चीन के बीच हुआ था।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह समझौता तिब्बत के संबंध में भारत-चीन के बीच हुआ था और इसमें शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों का उल्लेख किया गया था। ये सिद्धांत थे: एक-दूसरे की प्रादेशिक अखंडता और संप्रभुता का सम्मान, एक-दूसरे पर आक्रमण न करना, एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना, समानता और पारस्परिक लाभ, और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व।
- गलत विकल्प: पाकिस्तान, नेपाल और श्रीलंका भारत के पड़ोसी देश हैं, लेकिन पंचशील समझौता विशेष रूप से चीन के साथ हुआ था।
प्रश्न 14: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का नारा क्या था?
- पूर्ण स्वराज
- करो या मरो
- दिस इज द टाइम
- दिल्ली चलो
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ (1942) के दौरान महात्मा गांधी द्वारा दिया गया प्रसिद्ध नारा ‘करो या मरो’ (Do or Die) था।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह नारा आंदोलनकारियों को ब्रिटिश शासन को समाप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करने का आह्वान करता था, यहाँ तक कि अपने जीवन का बलिदान देने के लिए भी। इस आंदोलन का उद्देश्य भारत को तुरंत आजादी दिलाना था।
- गलत विकल्प: ‘पूर्ण स्वराज’ की मांग 1929 के लाहौर अधिवेशन में की गई थी। ‘दिल्ली चलो’ सुभाष चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज का नारा था। ‘दिस इज द टाइम’ सीधे तौर पर किसी प्रमुख आंदोलन का नारा नहीं था।
प्रश्न 15: किस चोल शासक ने ‘गंगा कोंड चोलपुरम’ की उपाधि धारण की थी?
- राजराज प्रथम
- राजेंद्र प्रथम
- कुलोत्तुंग प्रथम
- विक्रम चोल
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: राजेंद्र प्रथम (1014-1044 ई.) ने ‘गंगा कोंड चोल’ (गंगा को जीतने वाला) की उपाधि धारण की थी।
- संदर्भ एवं विस्तार: राजेंद्र प्रथम ने उत्तरी भारत तक एक सफल सैन्य अभियान चलाया था, जिसके दौरान उसने गंगा नदी तक पहुँचकर अपनी विजय का प्रतीक यह उपाधि धारण की। उसने एक नई राजधानी ‘गंगा कोंड चोलपुरम’ की भी स्थापना की।
- गलत विकल्प: राजराज प्रथम ने तंजौर के बृहदीश्वर मंदिर का निर्माण करवाया था। कुलोत्तुंग प्रथम और विक्रम चोल भी महत्वपूर्ण चोल शासक थे, लेकिन गंगा कोंड चोल की उपाधि राजेंद्र प्रथम से जुड़ी है।
प्रश्न 16: ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ की स्थापना कब हुई थी?
- 1885
- 1890
- 1905
- 1919
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को हुई थी।
- संदर्भ एवं विस्तार: इसकी स्थापना ए. ओ. ह्यूम, एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी, ने की थी। इसका पहला अधिवेशन बॉम्बे (अब मुंबई) में व्योमेश चंद्र बनर्जी की अध्यक्षता में हुआ था। कांग्रेस का उद्देश्य भारतीयों को राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों के बारे में संगठित करना था।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प महत्वपूर्ण वर्ष हैं, लेकिन वे कांग्रेस की स्थापना से संबंधित नहीं हैं। 1905 स्वदेशी आंदोलन का वर्ष है, और 1919 जलियांवाला बाग हत्याकांड और रॉलेट एक्ट का वर्ष है।
प्रश्न 17: ‘खुदाई खिदमतगार’ संगठन के संस्थापक कौन थे?
- महात्मा गांधी
- सरदार पटेल
- खान अब्दुल गफ्फार खान
- मौलाना अबुल कलाम आज़ाद
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘खुदाई खिदमतगार’ (अर्थात् ‘ईश्वर के सेवक’) संगठन के संस्थापक खान अब्दुल गफ्फार खान थे, जिन्हें ‘सीमांत गांधी’ के नाम से भी जाना जाता है।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह संगठन 1930 के दशक में पश्चिमोत्तर सीमा प्रांत (वर्तमान खैबर पख्तूनख्वा, पाकिस्तान) में अहिंसक सविनय अवज्ञा आंदोलन के हिस्से के रूप में स्थापित किया गया था। इस आंदोलन के सदस्य लाल शर्ट पहनते थे, इसलिए उन्हें ‘लाल कुर्ती’ के नाम से भी जाना जाता था।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी, सरदार पटेल और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे, लेकिन खुदाई खिदमतगार संगठन के संस्थापक खान अब्दुल गफ्फार खान थे।
प्रश्न 18: ‘अलबेरूनी’ किसके साथ भारत आया था?
- सिकंदर
- हुमायूं
- महमूद गजनवी
- मुहम्मद गोरी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: फारसी विद्वान अलबेरूनी (जिसे अबू रेहान अल-बिरूनी भी कहा जाता है) 11वीं शताब्दी की शुरुआत में तुर्की आक्रमणकारी महमूद गजनवी के साथ भारत आया था।
- संदर्भ एवं विस्तार: अलबेरूनी ने भारत में लगभग 15 वर्षों तक रहकर भारतीय समाज, संस्कृति, धर्म, विज्ञान और भूगोल का गहन अध्ययन किया। उसने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘किताब-उल-हिंद’ (या ‘तहकीक-ए-हिंद’) में इन प्रेक्षणों को दर्ज किया, जो भारतीय इतिहास के अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
- गलत विकल्प: सिकंदर (सिकंदर महान) ईसा पूर्व चौथी शताब्दी में भारत आया था। हुमायूं मुगल बादशाह था। मुहम्मद गोरी ने 12वीं शताब्दी के अंत और 13वीं शताब्दी की शुरुआत में भारत पर आक्रमण किए थे।
प्रश्न 19: ‘मुगल काल’ की निम्नलिखित में से कौन सी वास्तुकला शैली का उदाहरण है?
- खजुराहो के मंदिर
- कोणार्क का सूर्य मंदिर
- लोटस टेम्पल
- फतेहपुर सीकरी की जामा मस्जिद
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: फतेहपुर सीकरी की जामा मस्जिद मुगल वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसे अकबर के शासनकाल (1571-1574 ई.) के दौरान बनाया गया था।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह मस्जिद इंडो-इस्लामिक शैली का बेहतरीन नमूना है, जिसमें मेहराब, मीनारें और गुंबद का प्रयोग हुआ है। इसकी भव्यता और जटिल नक्काशी मुगल वास्तुकला की समृद्धि को दर्शाती है।
- गलत विकल्प: खजुराहो के मंदिर चंदेल वास्तुकला के उदाहरण हैं। कोणार्क का सूर्य मंदिर पूर्वी गंग राजवंश की वास्तुकला का है। लोटस टेम्पल एक आधुनिक (20वीं सदी) संरचना है।
प्रश्न 20: ‘आधुनिक भारत का अग्रदूत’ किसे कहा जाता है?
- स्वामी विवेकानंद
- राजा राममोहन राय
- महात्मा गांधी
- बाल गंगाधर तिलक
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: राजा राममोहन राय को ‘आधुनिक भारत का अग्रदूत’ (Father of Modern India) या ‘आधुनिक भारत का पैगंबर’ कहा जाता है।
- संदर्भ एवं विस्तार: उन्होंने 19वीं शताब्दी में समाज सुधार, शिक्षा और धार्मिक पुनरुद्धार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए। उन्होंने सती प्रथा के उन्मूलन, विधवा पुनर्विवाह, और पश्चिमी शिक्षा के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने ब्रह्म समाज की स्थापना भी की।
- गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद एक महान संत और समाज सुधारक थे, लेकिन अग्रदूत की उपाधि राजा राममोहन राय को दी जाती है। महात्मा गांधी और बाल गंगाधर तिलक राष्ट्रीय आंदोलन के प्रमुख नेता थे।
प्रश्न 21: ‘बासेल III’ (Basel III) का संबंध किससे है?
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार
- अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण समझौते
- बैंकों के लिए पूंजी पर्याप्तता मानक
- मानवाधिकार कानून
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: बासेल III (Basel III) का संबंध बैंकों के लिए पूंजी पर्याप्तता (Capital Adequacy) और तरलता (Liquidity) के अंतर्राष्ट्रीय मानकों से है।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह बेसल कमेटी ऑन बैंकिंग सुपरविजन (BCBS) द्वारा जारी किए गए नियमों का एक सेट है, जो 2007-08 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद बैंकिंग क्षेत्र को अधिक मजबूत और स्थिर बनाने के उद्देश्य से विकसित किया गया था। इसका उद्देश्य बैंकों को अधिक पूंजी रखने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि वे वित्तीय झटकों का सामना कर सकें।
- गलत विकल्प: यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, पर्यावरण समझौते या मानवाधिकार कानून से सीधे तौर पर संबंधित नहीं है, हालांकि इसका अप्रत्यक्ष प्रभाव इन क्षेत्रों पर पड़ सकता है।
प्रश्न 22: ‘आर्य समाज’ की स्थापना किसने की थी?
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- स्वामी विवेकानंद
- राजा राममोहन राय
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘आर्य समाज’ की स्थापना 1875 में स्वामी दयानंद सरस्वती ने की थी।
- संदर्भ एवं विस्तार: आर्य समाज एक हिंदू सुधार आंदोलन था जिसका मुख्य उद्देश्य वेदों के प्रामाणिकता पर जोर देना और मूर्ति पूजा, कर्मकांड तथा जाति व्यवस्था जैसी बुराइयों का विरोध करना था। स्वामी दयानंद सरस्वती का प्रसिद्ध नारा था ‘वेदों की ओर लौटो’।
- गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण मिशन के संस्थापक थे। राजा राममोहन राय ब्रह्म समाज के संस्थापक थे। ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने विधवा पुनर्विवाह का समर्थन किया और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दिया।
प्रश्न 23: ‘पहला विश्व युद्ध’ कब समाप्त हुआ?
- 1914
- 1916
- 1918
- 1920
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: पहला विश्व युद्ध 11 नवंबर 1918 को समाप्त हुआ।
- संदर्भ एवं विस्तार: युद्ध का अंत जर्मनी द्वारा मित्र राष्ट्रों के साथ युद्धविराम संधि पर हस्ताक्षर करने के साथ हुआ। इस युद्ध ने यूरोप के राजनीतिक मानचित्र को मौलिक रूप से बदल दिया और इसने द्वितीय विश्व युद्ध के बीज भी बोए।
- गलत विकल्प: 1914 में युद्ध शुरू हुआ था। 1916 और 1920 युद्ध की अवधि या उसके बाद के समझौते से जुड़े हैं, लेकिन समाप्ति का वर्ष 1918 है।
प्रश्न 24: ‘अहोम विद्रोह’ (Ahom Rebellion) किस क्षेत्र से संबंधित था?
- पंजाब
- बंगाल
- आसाम
- महाराष्ट्र
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: अहोम विद्रोह (1828-1833) मुख्य रूप से आसाम क्षेत्र से संबंधित था।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह विद्रोह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के आसाम पर कब्जा करने और अहोम शासक को पदच्युत करने के विरोध में हुआ था। गोमधर कुंवर के नेतृत्व में यह विद्रोह ब्रिटिश विस्तारवादी नीतियों के खिलाफ स्थानीय लोगों के प्रतिरोध का एक उदाहरण है।
- गलत विकल्प: पंजाब, बंगाल और महाराष्ट्र भारत के अन्य क्षेत्र हैं, लेकिन अहोम विद्रोह का संबंध आसाम से है।
प्रश्न 25: ‘मार्ले-मिंटो सुधार’ (Morley-Minto Reforms) किस वर्ष पारित हुए?
- 1905
- 1909
- 1919
- 1935
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘मार्ले-मिंटो सुधार’, जिन्हें भारतीय परिषद अधिनियम 1909 (Indian Councils Act 1909) के नाम से भी जाना जाता है, 1909 में पारित हुए थे।
- संदर्भ एवं विस्तार: इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य भारतीयों को शासन में कुछ प्रतिनिधित्व देना था, लेकिन इसका सबसे विवादास्पद पहलू ‘सांप्रदायिक निर्वाचन’ (Communal Electorates) की शुरुआत थी, जिसने मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचक मंडल की व्यवस्था की। इस अधिनियम ने भारतीयों को पहली बार केंद्रीय और प्रांतीय विधान परिषदों में प्रवेश दिया।
- गलत विकल्प: 1905 में बंगाल का विभाजन हुआ था। 1919 में मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार आए, और 1935 में भारत सरकार अधिनियम आया।