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इतिहास का ज्ञान: आज की 25 प्रश्नोत्तरी में अपनी पकड़ मजबूत करें!

इतिहास का ज्ञान: आज की 25 प्रश्नोत्तरी में अपनी पकड़ मजबूत करें!

नमस्कार, भविष्य के प्रशासकों! इतिहास के विशाल सागर में डुबकी लगाने और अपने ज्ञान की गहराई को परखने का समय आ गया है। हर दिन की तरह, हम आपके लिए लाए हैं 25 बहुमूल्य प्रश्न, जो प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक युग और विश्व इतिहास तक फैली एक रोमांचक यात्रा पर आपको ले जाएंगे। क्या आप तैयार हैं कल की चुनौतियों का सामना करने के लिए? आइए, अपने अध्ययन को एक नई दिशा दें!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के निम्नलिखित किस स्थल को ‘मेसोपोटामिया का व्यापारिक केंद्र’ माना जाता है?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. धोलावीरा

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: लोथल को मेसोपोटामिया का व्यापारिक केंद्र माना जाता है। यह स्थल गुजरात में भोगवा नदी के तट पर स्थित था और यहाँ से मिले साक्ष्यों से पता चलता है कि यह एक प्रमुख बंदरगाह और व्यापारिक केंद्र था, जहाँ मेसोपोटामिया जैसे सुदूर क्षेत्रों से व्यापार होता था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: लोथल में एक कृत्रिम गोदी (dockyard) का साक्ष्य मिला है, जो उस समय के उन्नत शहरी नियोजन और समुद्री व्यापार की क्षमता को दर्शाता है। यहाँ से मिली मुहरें (seals) भी विदेशी व्यापार के प्रमाण प्रस्तुत करती हैं।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो प्रमुख शहरी केंद्र थे, लेकिन लोथल का महत्व विशेष रूप से बंदरगाह और व्यापारिक हब के रूप में था। धोलावीरा एक महत्वपूर्ण स्थल है, लेकिन यह अपनी जल प्रबंधन प्रणाली के लिए अधिक प्रसिद्ध है, न कि मेसोपोटामिया से सीधे व्यापारिक संबंध के लिए।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस वैदिक नदी को वर्तमान में ‘काबुल नदी’ के नाम से जाना जाता है?

  1. परुष्णी
  2. वितस्ता
  3. कुभा
  4. सिन्धु

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: वैदिक काल की ‘कुभा’ नदी को वर्तमान में काबुल नदी के नाम से जाना जाता है। यह नदी अफगानिस्तान से होकर बहती है और ऋग्वेद में इसका उल्लेख एक महत्वपूर्ण नदी के रूप में मिलता है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: ऋग्वेद में कई नदियों का उल्लेख है, जो तत्कालीन आर्यों के भौगोलिक विस्तार को दर्शाती हैं। कुभा (काबुल), सिंधु (सिंधु), वितस्ता (जेहलम), परुष्णी (रावी), अस्किनी (चेनाब) जैसी नदियाँ उनके जीवन का अभिन्न अंग थीं।
  • गलत विकल्प: परुष्णी नदी को रावी, वितस्ता को झेलम कहा जाता है। सिंधु स्वयं एक महत्वपूर्ण नदी है।

प्रश्न 3: कौटिल्य के ‘अर्थशास्त्र’ में ‘सीताध्यक्ष’ का क्या कार्य बताया गया है?

  1. भूमि का सर्वेक्षण करना
  2. कृषि का निरीक्षण और प्रबंधन करना
  3. राजस्व एकत्र करना
  4. न्याय प्रदान करना

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: कौटिल्य के ‘अर्थशास्त्र’ में ‘सीताध्यक्ष’ पद का कार्य राजकीय भूमि से प्राप्त आय का निरीक्षण और प्रबंधन करना था, जिसमें कृषि उत्पादन का ध्यान रखना शामिल था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: ‘अर्थशास्त्र’ मौर्य काल की प्रशासनिक और आर्थिक व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। इसमें विभिन्न विभागों और अधिकारियों के कार्यों का विस्तृत वर्णन है। सीताध्यक्ष उस समय कृषि के महत्व और राजकीय नियंत्रण को दर्शाता है।
  • गलत विकल्प: भूमि का सर्वेक्षण ‘प्रदेष्टा’ जैसे अधिकारी करते थे। राजस्व ‘समाहर्ता’ एकत्र करता था, और न्याय ‘धर्मस्थ’ जैसे अधिकारी प्रदान करते थे।

प्रश्न 4: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ कहने का मुख्य कारण क्या था?

  1. इस काल में सोने के सिक्कों का अत्यधिक प्रचलन
  2. कला, साहित्य और विज्ञान के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति
  3. साम्राज्य का अत्यधिक विस्तार
  4. व्यापार में भारी वृद्धि

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ कहने का मुख्य कारण कला, साहित्य, विज्ञान, वास्तुकला, दर्शन और खगोल विज्ञान जैसे क्षेत्रों में हुई अभूतपूर्व प्रगति है। इस काल में कालिदास, आर्यभट्ट, वराहमिहिर जैसे महान विद्वानों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  • संदर्भ एवं विस्तार: चंद्रगुप्त प्रथम से लेकर स्कंदगुप्त तक गुप्त शासकों के अधीन कला का विकास विशेष रूप से अजंता की गुफाओं के चित्रकला, सारनाथ की बुद्ध प्रतिमाओं और महरौली के लौह स्तंभ में परिलक्षित होता है।
  • गलत विकल्प: यद्यपि सोने के सिक्कों का प्रचलन और व्यापार में वृद्धि हुई थी, तथापि कला, साहित्य और विज्ञान में हुई समग्र प्रगति ही इस काल को ‘स्वर्ण युग’ का दर्जा दिलाती है। साम्राज्य का विस्तार अन्य कालों में भी हुआ था।

प्रश्न 5: निम्नलिखित में से किस मंदिर का निर्माण चोल वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण माना जाता है?

  1. खजुराहो का मंदिर
  2. महाबलीपुरम का शोर मंदिर
  3. तंजावुर का बृहदेश्वर मंदिर
  4. एलोरा का कैलाश मंदिर

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: तंजावुर का बृहदेश्वर मंदिर, जिसे राजाराज चोल प्रथम ने बनवाया था, चोल वास्तुकला का एक अद्वितीय और उत्कृष्ट नमूना है। यह द्रविड़ शैली का एक प्रमुख उदाहरण है, जिसमें विशाल विमान (गर्भगृह के ऊपर का शिखर) और नंदी मंडपम (नंदी की मूर्ति वाला मंडप) विशेष आकर्षण हैं।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस मंदिर की निर्माण शैली, मूर्तिकला और विशालता चोल साम्राज्य की शक्ति और कलात्मक निपुणता को दर्शाती है। इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में भी मान्यता प्राप्त है।
  • गलत विकल्प: खजुराहो के मंदिर चंदेल शासकों द्वारा बनवाए गए थे। महाबलीपुरम के मंदिर पल्लव वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण हैं, और एलोरा का कैलाश मंदिर राष्ट्रकूट शासकों की कृति है।

प्रश्न 6: बहमनी साम्राज्य की राजधानी निम्नलिखित में से कौन सी थी?

  1. विजय प्रदेश
  2. बीजापुर
  3. गुलबर्गा (अलांद)
  4. दिल्ली

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: बहमनी साम्राज्य की प्रारंभिक राजधानी गुलबर्गा (आधुनिक नाम अलांद) थी। बाद में राजधानी को बीदर स्थानांतरित कर दिया गया था, लेकिन गुलबर्गा प्रारंभिक काल का महत्वपूर्ण केंद्र रहा।
  • संदर्भ एवं विस्तार: बहमनी सल्तनत की स्थापना 1347 ई. में हसन गंगू (अलाउद्दीन बहमन शाह) द्वारा की गई थी। यह दक्षिण भारत की एक महत्वपूर्ण मुस्लिम सल्तनत थी जिसने लगभग 150 वर्षों तक शासन किया।
  • गलत विकल्प: बीजापुर बाद में बहमनी साम्राज्य के विघटन के बाद बने बीजापुर सल्तनत की राजधानी बना। दिल्ली सल्तनत की राजधानी थी। विजय प्रदेश (विजय प्रदेश) कोई ज्ञात राजधानी नहीं है।

प्रश्न 7: विजयनगर साम्राज्य के किस शासक को ‘आंध्र भोज’ कहा जाता था?

  1. कृष्ण देव राय
  2. देव राय द्वितीय
  3. बुक्का प्रथम
  4. हरिहर प्रथम

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: विजयनगर साम्राज्य के महान शासक कृष्ण देव राय को ‘आंध्र भोज’ या ‘भोज’ की उपाधि से भी जाना जाता था। वे तेलुगु साहित्य के महान संरक्षक थे और उन्होंने स्वयं ‘अमुक्तमाल्यद’ नामक तेलुगु महाकाव्य की रचना की।
  • संदर्भ एवं विस्तार: कृष्ण देव राय (1509-1529 ई.) विजयनगर साम्राज्य के सबसे प्रतापी शासकों में से थे। उनके शासनकाल को साहित्य, कला और वास्तुकला के उत्कर्ष का काल माना जाता है। उन्होंने तुंगभद्रा नदी पर बाँध का निर्माण भी करवाया था।
  • गलत विकल्प: अन्य शासक भी महत्वपूर्ण थे, लेकिन ‘आंध्र भोज’ की उपाधि विशेष रूप से कृष्ण देव राय से जुड़ी है, जो उनकी साहित्यिक और सांस्कृतिक उपलब्धियों का प्रतीक है।

प्रश्न 8: प्रसिद्ध ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ का लेखक कौन है?

  1. अमीर खुसरो
  2. जियाउद्दीन बरनी
  3. इब्न बतूता
  4. अल-बिरूनी

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ के लेखक जियाउद्दीन बरनी हैं। यह ग्रंथ ग्यासुद्दीन तुगलक से लेकर फिरोजशाह तुगलक के शासनकाल तक के इतिहास का विवरण प्रस्तुत करता है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: जियाउद्दीन बरनी (1285-1357 ई.) तुगलक वंश का एक महत्वपूर्ण इतिहासकार और राजनीतिक विचारक था। ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ के अलावा उन्होंने ‘फतवा-ए-जहाँदारी’ भी लिखी, जिसमें राज्य-शासन संबंधी विचार व्यक्त किए गए हैं।
  • गलत विकल्प: अमीर खुसरो ने ‘किताब-उल-हिंद’ लिखी थी। इब्न बतूता मोरक्को का यात्री था जिसने ‘रेहला’ लिखी, और अल-बिरूनी के साथ काम किया था।

प्रश्न 9: चौरी-चौरा घटना, जिसने असहयोग आंदोलन को समाप्त करने का निर्णय लिया, कब हुई थी?

  1. 5 फरवरी 1922
  2. 10 मार्च 1922
  3. 30 अप्रैल 1922
  4. 1 अगस्त 1920

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: चौरी-चौरा की हिंसक घटना 5 फरवरी 1922 को गोरखपुर जिले के चौरी-चौरा नामक स्थान पर हुई थी। इस घटना में गुस्साई भीड़ ने एक पुलिस थाने को आग लगा दी थी, जिसमें 22 पुलिसकर्मी मारे गए थे।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस घटना से महात्मा गांधी बहुत दुखी हुए और उन्होंने अहिंसा के सिद्धांत पर बल देते हुए 12 फरवरी 1922 को असहयोग आंदोलन को स्थगित करने का निर्णय लिया। यह भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
  • गलत विकल्प: 10 मार्च 1922 को गांधीजी को गिरफ्तार किया गया था। 1 अगस्त 1920 को असहयोग आंदोलन की शुरुआत हुई थी।

प्रश्न 10: ‘The Spirit of Islam’ पुस्तक के लेखक कौन हैं?

  1. सर सैयद अहमद खान
  2. अब्दुल कलाम आजाद
  3. सय्यद अमीर अली
  4. मोहम्मद इकबाल

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: ‘The Spirit of Islam’ पुस्तक के लेखक सय्यद अमीर अली हैं। यह पुस्तक इस्लामी इतिहास, दर्शन और समाज पर एक महत्वपूर्ण कार्य है, जो इस्लाम के आधुनिक दृष्टिकोण को प्रस्तुत करती है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: सय्यद अमीर अली 19वीं सदी के एक प्रमुख मुस्लिम सुधारक, विद्वान और राष्ट्रवादी थे। उनकी रचनाएँ मुस्लिम समुदाय के बीच शिक्षा और आधुनिकता के प्रसार में सहायक सिद्ध हुईं।
  • गलत विकल्प: सर सैयद अहमद खान अलीगढ़ आंदोलन के प्रवर्तक थे। अब्दुल कलाम आजाद ने ‘इंडिया विन्स फ्रीडम’ लिखी। मोहम्मद इकबाल एक प्रसिद्ध कवि थे।

प्रश्न 11: भारत में प्रथम पुर्तगाली गवर्नर कौन था?

  1. वास्को डी गामा
  2. अल्फांसो डी अल्बुकर्क
  3. फ्रांसिस्को डी अल्मेडा
  4. नीनो डी कुन्हा

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: भारत में प्रथम पुर्तगाली गवर्नर फ्रांसिस्को डी अल्मेडा था। वह 1505 ई. में भारत आया और उसने ‘ब्लू वॉटर पॉलिसी’ (शांत जल की नीति) को अपनाया, जिसका उद्देश्य भारतीय महासागर में पुर्तगाली प्रभुत्व स्थापित करना था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: वास्को डी गामा 1498 ई. में भारत आया था, लेकिन वह केवल एक खोजकर्ता था, गवर्नर नहीं। अल्बुकर्क दूसरा गवर्नर था जिसने वास्तव में पुर्तगाली शक्ति को मजबूत किया।
  • गलत विकल्प: वास्को डी गामा भारत आने वाला पहला पुर्तगाली था। अल्बुकर्क ने गोवा पर कब्जा किया था। नीनो डी कुन्हा ने गवर्नर का पद बाद में संभाला।

प्रश्न 12: ‘नील दर्पण’ नाटक के लेखक कौन हैं, जो नील किसानों की दुर्दशा को दर्शाता है?

  1. बंकिम चंद्र चटर्जी
  2. दीनबंधु मित्र
  3. रवींद्रनाथ टैगोर
  4. शरत चंद्र चट्टोपाध्याय

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: ‘नील दर्पण’ नाटक के लेखक दीनबंधु मित्र हैं। यह नाटक 1859-60 के नील विद्रोह के समय लिखा गया था और इसने ब्रिटिश बागान मालिकों द्वारा नील किसानों पर किए जा रहे अत्याचारों और शोषण को मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस नाटक का मंचन बंगाल में बहुत लोकप्रिय हुआ और इसने तत्कालीन समाज को नील किसानों की पीड़ा से अवगत कराया, जिससे जनमानस में ब्रिटिश विरोधी भावना को बल मिला।
  • गलत विकल्प: बंकिम चंद्र चटर्जी ने ‘आनंद मठ’ लिखा। रवींद्रनाथ टैगोर और शरत चंद्र चट्टोपाध्याय अन्य प्रसिद्ध बंगाली लेखक हैं, लेकिन ‘नील दर्पण’ दीनबंधु मित्र की कृति है।

प्रश्न 13: 1857 के विद्रोह के दौरान, निम्नलिखित में से किसने ‘कानपुर’ में विद्रोहियों का नेतृत्व किया?

  1. रानी लक्ष्मीबाई
  2. कुंवर सिंह
  3. बेगम हजरत महल
  4. नाना साहेब

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: 1857 के विद्रोह के दौरान कानपुर में विद्रोहियों का नेतृत्व नाना साहेब ने किया था। वह पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र थे और ब्रिटिश सरकार द्वारा पेंशन बंद करने के कारण असंतुष्ट थे।
  • संदर्भ एवं विस्तार: नाना साहेब ने कानपुर में अपनी सरकार स्थापित की और तात्या टोपे उनके प्रमुख सहयोगी थे। उन्होंने अपनी सेना के साथ अंग्रेजों का मुकाबला किया।
  • गलत विकल्प: रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी से, कुंवर सिंह ने जगदीशपुर (बिहार) से और बेगम हजरत महल ने लखनऊ से नेतृत्व किया था।

प्रश्न 14: ‘गदर पार्टी’ का मुख्यालय कहाँ स्थित था?

  1. लंदन
  2. सैन फ्रांसिस्को
  3. बर्लिन
  4. न्यूयॉर्क

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: ‘गदर पार्टी’ का मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को, संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित था। इसकी स्थापना 1913 में लाला हरदयाल और सोहन सिंह भकना जैसे भारतीय देशभक्तों द्वारा की गई थी।
  • संदर्भ एवं विस्तार: गदर पार्टी का उद्देश्य विदेश में बसे भारतीयों को संगठित कर भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराना था। पार्टी ने ‘गदर’ नामक एक समाचार पत्र भी प्रकाशित किया, जो क्रांतिकारी विचारों का प्रचार करता था।
  • गलत विकल्प: लंदन में इंडिया हाउस जैसे संगठन सक्रिय थे, लेकिन गदर पार्टी का मुख्य केंद्र सैन फ्रांसिस्को था। बर्लिन में भी कुछ भारतीय देशभक्त सक्रिय थे, लेकिन वह गदर पार्टी का मुख्यालय नहीं था।

प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन से वायसराय ‘लॉर्ड कर्जन’ से संबंधित हैं?

  1. भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 1904
  2. बंगाल का विभाजन, 1905
  3. पुलिस सुधार, 1902
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: लॉर्ड कर्जन (1899-1905) के कार्यकाल में भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम (1904) पारित हुआ, जिसने विश्वविद्यालयों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाया। उन्होंने 1905 में बंगाल का विभाजन भी किया, जिससे देशव्यापी विरोध हुआ। इसके अतिरिक्त, उन्होंने 1902 में पुलिस सुधारों को लागू किया।
  • संदर्भ एवं विस्तार: लॉर्ड कर्जन की नीतियाँ भारतीय राष्ट्रवाद को दबाने और प्रशासनिक नियंत्रण को मजबूत करने के उद्देश्य से थीं, लेकिन इनसे स्वतंत्रता आंदोलन को अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा मिला।
  • गलत विकल्प: तीनों ही कथन लॉर्ड कर्जन के कार्यकाल की प्रमुख घटनाएं हैं।

प्रश्न 16: ‘रॉलेट एक्ट’ किस वर्ष पारित हुआ था?

  1. 1915
  2. 1919
  3. 1920
  4. 1921

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: ‘रॉलेट एक्ट’ (या अराजक और क्रांतिकारी अपराध अधिनियम) 1919 में पारित हुआ था। यह एक ऐसा कानून था जो ब्रिटिश सरकार को बिना किसी मुकदमे के किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने और जेल में डालने का अधिकार देता था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस अधिनियम को ‘काला कानून’ कहा गया और इसका गांधीजी के नेतृत्व में देशव्यापी विरोध हुआ, जिसके चलते जलियाँवाला बाग नरसंहार (13 अप्रैल 1919) हुआ।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प रॉलेट एक्ट के पारित होने के वर्ष से संबंधित नहीं हैं।

प्रश्न 17: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, संयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रपति कौन था?

  1. फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट
  2. हैररी एस. ट्रूमैन
  3. वुड्रो विल्सन
  4. ड्वाइट डी. आइजनहावर

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) के अधिकांश समय के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट थे। उन्होंने युद्ध में अमेरिका के प्रवेश का नेतृत्व किया और मित्र राष्ट्रों की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • संदर्भ एवं विस्तार: रूजवेल्ट की मृत्यु अप्रैल 1945 में हुई थी, जिसके बाद हैररी एस. ट्रूमैन राष्ट्रपति बने और उन्होंने जापान पर परमाणु बम गिराने का आदेश दिया, जिसने युद्ध का अंत किया।
  • गलत विकल्प: वुड्रो विल्सन प्रथम विश्व युद्ध के समय राष्ट्रपति थे। आइजनहावर युद्ध के बाद के वर्षों में राष्ट्रपति बने।

प्रश्न 18: ‘गांधी-इर्विन समझौता’ किस वर्ष हुआ था?

  1. 1929
  2. 1930
  3. 1931
  4. 1932

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: गांधी-इर्विन समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था। यह समझौता भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और ब्रिटिश सरकार के बीच सविनय अवज्ञा आंदोलन के संबंध में हुआ था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस समझौते के तहत, कांग्रेस ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित कर दिया और गोलमेज सम्मेलन (दूसरे) में भाग लेने के लिए सहमत हुई, जबकि सरकार ने राजनीतिक कैदियों को रिहा करने और कुछ आंदोलनकारी गतिविधियों की अनुमति देने पर सहमति व्यक्त की।
  • गलत विकल्प: 1929 में लाहौर अधिवेशन हुआ था, 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ था, और 1932 में पूना पैक्ट हुआ था।

प्रश्न 19: प्रसिद्ध ‘सोनहरा दरवाजा’ (Golden Gateway) किस शहर के मकबरे से जुड़ा है?

  1. सिकंदरा (अकबर का मकबरा)
  2. सासाराम (शेर शाह सूरी का मकबरा)
  3. बीजापुर (गोल गुम्बद)
  4. दिल्ली (हुमायूं का मकबरा)

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: ‘सोनहरा दरवाजा’ (Golden Gateway) सासाराम, बिहार में स्थित शेरशाह सूरी के मकबरे का एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार है। यह इंडो-इस्लामिक वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: शेरशाह सूरी का मकबरा, जिसे अक्सर भारतीय इस्लामी वास्तुकला का मोती कहा जाता है, अफगान शैली का उत्कृष्ट नमूना है। इसके चारों ओर बने नहर और प्रवेश द्वार इसकी भव्यता में चार चाँद लगाते हैं।
  • गलत विकल्प: अकबर का मकबरा सिकंदरा में है, लेकिन उसका मुख्य प्रवेश द्वार ‘बारादरी’ कहलाता है। बीजापुर का गोल गुम्बद अपनी विशाल गुंबद के लिए प्रसिद्ध है। हुमायूं का मकबरा दिल्ली में है और उसकी वास्तुकला भी विशिष्ट है, लेकिन ‘सोनहरा दरवाजा’ की पहचान शेरशाह के मकबरे से है।

प्रश्न 20: ‘अभिनव भारत’ नामक क्रांतिकारी संगठन की स्थापना किसने की थी?

  1. भगत सिंह
  2. चंद्रशेखर आजाद
  3. विनायक दामोदर सावरकर
  4. खुदीराम बोस

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: ‘अभिनव भारत’ नामक गुप्त क्रांतिकारी संगठन की स्थापना विनायक दामोदर सावरकर और उनके भाई गणेश दामोदर सावरकर ने 1904 ई. में नासिक, महाराष्ट्र में की थी।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यह संगठन शुरू में ‘मित्र मेला’ के नाम से जाना जाता था और इसका उद्देश्य सशस्त्र क्रांति के माध्यम से भारत को स्वतंत्रता दिलाना था। सावरकर ने लंदन से भी क्रांतिकारी गतिविधियों का संचालन किया।
  • गलत विकल्प: भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और खुदीराम बोस अन्य प्रमुख क्रांतिकारी थे, लेकिन उन्होंने अलग-अलग संगठनों से जुड़े थे।

प्रश्न 21: निम्नलिखित में से किस शासक ने ‘दीन-ए-इलाही’ नामक नया धर्म चलाया?

  1. हुमायूं
  2. अकबर
  3. शाहजहाँ
  4. औरंगजेब

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ई. में ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) नामक एक संश्लेषणवादी धर्म की स्थापना की थी। इसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों के मूल तत्वों को मिलाकर एक ऐसा सार्वभौमिक धर्म बनाना था जो सभी के लिए स्वीकार्य हो।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यह धर्म बहुत लोकप्रिय नहीं हुआ और कुछ ही लोगों ने इसे अपनाया, जिनमें वीरबल भी शामिल थे। यह अकबर की धार्मिक सहिष्णुता और सभी धर्मों को समझने की उसकी इच्छा को दर्शाता है।
  • गलत विकल्प: अन्य मुगल बादशाहों ने इस प्रकार का कोई नया धर्म नहीं चलाया था।

प्रश्न 22: प्रसिद्ध ‘प्लासी का युद्ध’ कब हुआ था?

  1. 1757
  2. 1764
  3. 1776
  4. 1857

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: प्रसिद्ध ‘प्लासी का युद्ध’ 23 जून 1757 को हुआ था। यह युद्ध ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच लड़ा गया था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस युद्ध में रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व वाली कंपनी की सेना विजयी हुई। नवाब के सेनापति मीर जाफर के विश्वासघात के कारण सिराजुद्दौला की हार हुई, जिसके परिणामस्वरूप बंगाल पर ब्रिटिश नियंत्रण की नींव पड़ी।
  • गलत विकल्प: 1764 में बक्सर का युद्ध हुआ था, जो प्लासी के युद्ध से भी अधिक निर्णायक साबित हुआ। 1776 अमेरिका की स्वतंत्रता का वर्ष है, और 1857 भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम।

प्रश्न 23: भारत की ‘गर्म दल’ विचारधारा के प्रमुख नेता निम्नलिखित में से कौन थे?

  1. दादाभाई नौरोजी
  2. गोपाल कृष्ण गोखले
  3. बाल गंगाधर तिलक
  4. सुरेन्द्रनाथ बनर्जी

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: बाल गंगाधर तिलक को ‘गर्म दल’ (उग्रवादी विचारधारा) के प्रमुख नेताओं में गिना जाता है। उनके साथ लाल-बाल-पाल (लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, बिपिन चंद्र पाल) की तिकड़ी कांग्रेस के भीतर उग्रवादी विचारों का प्रतिनिधित्व करती थी।
  • संदर्भ एवं विस्तार: गर्म दल के नेता मानते थे कि ब्रिटिश सरकार से याचना या प्रार्थनाओं से कोई लाभ नहीं होगा, बल्कि स्वराज्य प्राप्ति के लिए प्रत्यक्ष कार्रवाई, जन आंदोलन और बहिष्कार जैसे तरीके अपनाने होंगे। तिलक ने ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा’ का नारा दिया।
  • गलत विकल्प: दादाभाई नौरोजी और गोपाल कृष्ण गोखले ‘नरम दल’ के प्रमुख नेता थे, जो संवैधानिक तरीकों में विश्वास रखते थे। सुरेंद्रनाथ बनर्जी भी नरम दल के नेता थे।

प्रश्न 24: निम्नलिखित में से किस घटना को ‘गदर क्रांति’ का प्रतीक माना जाता है?

  1. जलियाँवाला बाग हत्याकांड
  2. काकोरी रेल डकैती
  3. कामागाटामारू घटना
  4. चटगांव शस्त्रागार हमला

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: कामागाटामारू घटना (1914) को गदर क्रांति का एक महत्वपूर्ण उत्प्रेरक माना जाता है। यह घटना कनाडा की ओर जा रहे एक जहाज से संबंधित थी, जिस पर बैठे कई भारतीय अप्रवासियों को कनाडा में प्रवेश से रोक दिया गया था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: जहाज को अंततः भारत लौटने के लिए मजबूर किया गया, और जब वह कलकत्ता के पास बज-बज पहुंचा, तो ब्रिटिश सरकार ने यात्रियों पर गोलीबारी की, जिससे कई लोग मारे गए। इस घटना ने विदेश में बसे भारतीयों के बीच ब्रिटिश विरोधी भावना को तीव्र किया और गदर आंदोलन को बल दिया।
  • गलत विकल्प: जलियाँवाला बाग हत्याकांड (1919) और काकोरी रेल डकैती (1925) महत्वपूर्ण क्रांतिकारी घटनाएं थीं, लेकिन कामागाटामारू घटना गदर क्रांति के प्रारंभिक दौर से अधिक जुड़ी है।

प्रश्न 25: मोहनजोदड़ो से प्राप्त प्रसिद्ध ‘नर्तकी’ की मूर्ति किस धातु से बनी थी?

  1. तांबा
  2. कांस्य
  3. सोना
  4. पत्थर

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: मोहनजोदड़ो से प्राप्त प्रसिद्ध ‘नर्तकी’ की मूर्ति कांस्य (bronze) धातु से बनी है। यह सिंधु घाटी सभ्यता की कला और मूर्तिकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यह मूर्ति लगभग 4 इंच लंबी है और इसकी निर्माण तकनीक, जिसे ‘लॉस्ट-वैक्स कास्टिंग’ (lost-wax casting) कहा जाता है, तत्कालीन समय की उन्नत धातु कला का प्रमाण है। यह मूर्ति भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के संग्रहालय में रखी है।
  • गलत विकल्प: तांबा भी एक महत्वपूर्ण धातु थी, लेकिन यह विशिष्ट मूर्ति कांस्य की है। सोने और पत्थर की कलाकृतियाँ भी मिली हैं, लेकिन नर्तकी की प्रसिद्ध मूर्ति कांस्य की है।

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