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हमारे जीवंत लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने का समय आ गया है! भारतीय राजव्यवस्था और संविधान की गहरी समझ विकसित करने के लिए तैयार हो जाइए। आइए, आज इन 25 चुनिंदा प्रश्नों के माध्यम से अपनी वैचारिक स्पष्टता को परखें और अपने ज्ञान की सीमा को विस्तृत करें!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द का क्या अर्थ है?
- भारत एक स्वतंत्र राज्य होगा।
- भारत का कोई भी वंशानुगत शासक नहीं होगा, बल्कि राष्ट्राध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से एक निश्चित अवधि के लिए किया जाएगा।
- सभी नागरिकों को समान स्वतंत्रता प्राप्त होगी।
- राज्य का कोई धर्म नहीं होगा।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द का अर्थ है कि राज्य का प्रमुख वंशानुगत नहीं होगा, बल्कि जनता द्वारा एक निश्चित अवधि के लिए अप्रत्यक्ष रूप से चुना जाएगा। भारत में, राष्ट्रपति राष्ट्राध्यक्ष होते हैं, जिनका चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है। यह भारतीय लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है।
- संदर्भ और विस्तार: यह शब्द प्रस्तावना में भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में परिभाषित करता है। इसका अर्थ है कि अंतिम सत्ता जनता के हाथों में है और राष्ट्राध्यक्ष का पद खुला है।
- गलत विकल्प: (a) ‘स्वतंत्र राज्य’ संप्रभुता (Sovereignty) का हिस्सा है। (c) ‘समान स्वतंत्रता’ का संबंध मौलिक अधिकारों से है। (d) ‘राज्य का कोई धर्म नहीं’ पंथनिरपेक्षता (Secularism) को दर्शाता है।
प्रश्न 2: किस संवैधानिक संशोधन द्वारा ‘संपत्ति के अधिकार’ को मौलिक अधिकार की सूची से हटाकर एक सामान्य कानूनी अधिकार बना दिया गया?
- 42वाँ संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वाँ संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वाँ संशोधन अधिनियम, 1985
- 61वाँ संशोधन अधिनियम, 1989
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 ने ‘संपत्ति के अधिकार’ (Right to Property) को मौलिक अधिकार (Article 31) की श्रेणी से हटा दिया। इसे संविधान के भाग III से हटाकर भाग XII में एक नए अनुच्छेद 300-A के तहत एक सामान्य कानूनी अधिकार (Legal Right) बना दिया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का मुख्य उद्देश्य संपत्ति के अधिकार से संबंधित अनिश्चितताओं को दूर करना और सरकार के लिए सामाजिक-आर्थिक सुधारों को लागू करना आसान बनाना था।
- गलत विकल्प: 42वाँ संशोधन (मिनी-संविधान) ने प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्द जोड़े। 52वाँ संशोधन दलबदल विरोधी कानून से संबंधित है। 61वाँ संशोधन ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष की।
प्रश्न 3: राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के अंतर्गत आती है?
- अनुच्छेद 72
- अनुच्छेद 123
- अनुच्छेद 143
- अनुच्छेद 161
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति (Pardoning Power) अनुच्छेद 72 के तहत प्रदान की गई है। इसके तहत राष्ट्रपति मृत्युदंड को स्थगित या माफ कर सकते हैं, और किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराए गए व्यक्ति की सजा को कम कर सकते हैं, या उसकी सजा का स्वरूप बदल सकते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति केवल संघीय कानूनों के उल्लंघन पर लागू होती है। राज्यपाल के पास भी समान शक्ति अनुच्छेद 161 के तहत होती है, लेकिन उनकी शक्ति राष्ट्रपति की तुलना में कुछ सीमित होती है (जैसे मृत्युदंड को माफ करने की शक्ति राज्यपाल को प्राप्त नहीं है)।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति के अध्यादेश जारी करने की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 143 सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 161 राज्यपाल की क्षमादान शक्ति से संबंधित है।
प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सा कथन राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) के बारे में सही नहीं है?
- ये संविधान के भाग IV में उल्लिखित हैं।
- ये मौलिक अधिकार नहीं हैं, इसलिए न्यायालय द्वारा लागू नहीं कराए जा सकते।
- ये सरकार को जन कल्याणकारी राज्य स्थापित करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
- ये राज्य के शासन के लिए मूलभूत हैं और कानून बनाते समय राज्य का यह कर्तव्य होगा कि वह इन सिद्धांतों को लागू करे।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: कथन (d) गलत है। अनुच्छेद 37 स्पष्ट रूप से कहता है कि ‘इन सिद्धांतों को लागू करना राज्य का कर्तव्य होगा’, लेकिन साथ ही यह भी कहता है कि ‘इस भाग के उपबंध किसी भी न्यायालय द्वारा लागू नहीं कराए जाएँगे’। इसका मतलब है कि ये न्यायोचित (justiciable) नहीं हैं, हालांकि वे राज्य के शासन के लिए मूलभूत हैं।
- संदर्भ और विस्तार: DPSP सकारात्मक निर्देश हैं जो राज्य को कुछ करने के लिए कहते हैं, जबकि मौलिक अधिकार नकारात्मक प्रतिबंध हैं जो राज्य को कुछ करने से रोकते हैं।
- गलत विकल्प: (a) DPSP भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक हैं। (b) यह सही है कि ये मौलिक अधिकार नहीं हैं और न्यायालय द्वारा सीधे लागू नहीं कराए जा सकते (वाद योग्य नहीं हैं)। (c) ये जन कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को बढ़ावा देते हैं।
प्रश्न 5: भारत में ‘संसदीय सम्प्रभुता’ (Parliamentary Sovereignty) की अवधारणा किस हद तक लागू होती है?
- यह पूर्णतः ब्रिटिश मॉडल की तरह लागू होती है।
- यह अमेरिकी मॉडल की तरह लागू होती है।
- यह भारतीय संविधान की सीमाओं के अधीन सीमित है।
- संसद किसी भी कानून को बना या रद्द कर सकती है, जो सर्वोच्च है।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संसद की सम्प्रभुता पूर्ण नहीं है। यह भारतीय संविधान के प्रावधानों, विशेष रूप से न्यायिक पुनरावलोकन (Judicial Review) की शक्ति (अनुच्छेद 13, 32, 226) और संविधान की सर्वोच्चता (Preamble) द्वारा सीमित है।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि संसद कानून बनाने में शक्तिशाली है, वह उन कानूनों को नहीं बना सकती जो संविधान के मौलिक ढांचे (Basic Structure) का उल्लंघन करते हों। केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने यह सिद्धांत स्थापित किया।
- गलत विकल्प: (a) ब्रिटिश मॉडल पूर्ण संसदीय सम्प्रभुता का पालन करता है, जो भारत में नहीं है। (b) अमेरिकी मॉडल शक्ति पृथक्करण और संघीय व्यवस्था पर अधिक केंद्रित है। (d) संसद सर्वोच्च हो सकती है, लेकिन संविधान की सीमाओं के भीतर।
प्रश्न 6: ‘लोकपाल’ (Lokpal) की अवधारणा किस देश के ‘Ombudsman’ के समान है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- यूनाइटेड किंगडम
- स्कैंडिनेवियाई देश
- कनाडा
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और संदर्भ: ‘लोकपाल’ की अवधारणा स्कैंडिनेवियाई देशों (जैसे स्वीडन, नॉर्वे, डेनमार्क) में प्रचलित ‘Ombudsman’ के पद से प्रेरित है। ‘Ombudsman’ का अर्थ है ‘जनता का प्रतिनिधि’ जो सरकारी अधिकारियों द्वारा कदाचार या अन्याय के खिलाफ शिकायतों की जांच करता है।
- संदर्भ और विस्तार: भारत में लोकपाल एक अखिल भारतीय प्राधिकरण है जो भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित मामलों को देखता है। इसका उद्देश्य सार्वजनिक पदाधिकारियों को जवाबदेह ठहराना है।
- गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और कनाडा में भी भ्रष्टाचार विरोधी निकाय हैं, लेकिन ‘Ombudsman’ की विशिष्ट अवधारणा स्कैंडिनेवियाई देशों से ली गई है।
प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सही सुमेलित नहीं है?
- भाग IX: पंचायती राज
- भाग IV-A: मौलिक कर्तव्य
- भाग XIV: संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं
- भाग VII: राज्यों का पहला अनुसूची में वर्गीकरण
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भाग VII को सातवें संशोधन अधिनियम, 1956 द्वारा निरस्त कर दिया गया था। यह भारतीय राज्यों के पहली अनुसूची में वर्गीकरण से संबंधित था, जिसे समाप्त कर दिया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: भाग IX पंचायती राज से संबंधित है (अनुच्छेद 243 से 243-O)। भाग IV-A मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है (अनुच्छेद 51-A), जिसे 42वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया था। भाग XIV संघ और राज्यों के अधीन लोक सेवाओं और अधिकरणों से संबंधित है (अनुच्छेद 308-323)।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (c) सही सुमेलित हैं। (d) में भाग VII को निरस्त कर दिया गया था, इसलिए यह वर्तमान में लागू नहीं है।
प्रश्न 8: भारत के राष्ट्रपति के महाभियोग की प्रक्रिया का उल्लेख किस अनुच्छेद में किया गया है?
- अनुच्छेद 56
- अनुच्छेद 61
- अनुच्छेद 63
- अनुच्छेद 74
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति पर महाभियोग (Impeachment) चलाने की प्रक्रिया का उल्लेख अनुच्छेद 61 में किया गया है। महाभियोग का आधार ‘संविधान का उल्लंघन’ (Violation of the Constitution) है।
- संदर्भ और विस्तार: महाभियोग की प्रक्रिया संसद के किसी भी सदन (लोकसभा या राज्यसभा) द्वारा शुरू की जा सकती है। इसके लिए उस सदन के कुल सदस्यों के कम से कम एक-चौथाई सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित आरोप-पत्र के साथ एक प्रस्ताव पारित किया जाता है। प्रस्ताव को उस सदन की कुल सदस्यता के दो-तिहाई बहुमत से पारित होना चाहिए। फिर दूसरा सदन आरोपों की जांच करता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 56 राष्ट्रपति के कार्यकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 63 भारत के उपराष्ट्रपति के पद से संबंधित है। अनुच्छेद 74 राष्ट्रपति को सलाह देने के लिए मंत्रिपरिषद के बारे में है।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सी भारतीय संविधान की ‘प्रस्तावना’ की विशेषता नहीं है?
- संविधान का स्रोत
- राज्य की प्रकृति
- संविधान लागू होने की तिथि
- नागरिकों के उद्देश्य
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और संदर्भ: प्रस्तावना में संविधान के लागू होने की तिथि का स्पष्ट उल्लेख नहीं है। हालांकि, प्रस्तावना के अंत में “आज, इस 26वें दिन नवंबर, 1949 को, इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं” लिखा है, यह संविधान के लागू होने की आधिकारिक तिथि (26 जनवरी 1950) नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना संविधान के स्रोत (हम, भारत के लोग), राज्य की प्रकृति (संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, गणराज्य) और नागरिकों के उद्देश्य (न्याय, स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व) को बताती है।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (c) प्रस्तावना की विशेषताएं हैं। (d) गलत है क्योंकि संविधान लागू होने की तिथि (26 जनवरी 1950) को प्रस्तावना में सीधे तौर पर नहीं बताया गया है।
प्रश्न 10: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद ‘संसद के विशेषाधिकारों’ (Privileges of Parliament) से संबंधित है?
- अनुच्छेद 105
- अनुच्छेद 118
- अनुच्छेद 122
- अनुच्छेद 139
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 105 भारतीय संसद के सदनों और उनके सदस्यों के विशेषाधिकारों, छूटों आदि से संबंधित है। यह उन्हें कुछ कार्रवाईयों के संबंध में प्रतिरक्षा प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: इन विशेषाधिकारों में भाषण की स्वतंत्रता, समितियों में भाग लेने का अधिकार, और सदन की कार्यवाही के दौरान और सत्रों के दौरान गिरफ्तारी से सुरक्षा (कुछ मामलों को छोड़कर) शामिल हैं। संसद द्वारा इन विशेषाधिकारों को संहिताबद्ध करने के लिए कानून बनाया जा सकता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 118 संसद की प्रक्रिया के नियमों के बारे में है। अनुच्छेद 122 यह सुनिश्चित करता है कि संसद की कार्यवाही की वैधता को किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती। अनुच्छेद 139 कुछ रिट जारी करने के लिए उच्च न्यायालयों की शक्ति से संबंधित है।
प्रश्न 11: किस अनुच्छेद के तहत सर्वोच्च न्यायालय को ‘संवैधानिक सलाहकार’ (Constitutional Advisor) के रूप में भी देखा जाता है?
- अनुच्छेद 131
- अनुच्छेद 132
- अनुच्छेद 137
- अनुच्छेद 143
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति को लोक महत्व के किसी भी प्रश्न पर सर्वोच्च न्यायालय की राय या सलाह लेने की शक्ति प्रदान करता है। इस प्रकार, सर्वोच्च न्यायालय राष्ट्रपति के लिए एक ‘संवैधानिक सलाहकार’ के रूप में कार्य करता है।
- संदर्भ और विस्तार: हालाँकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी गई सलाह राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी नहीं है। यह केवल एक सलाह है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 131 सर्वोच्च न्यायालय के मूल अधिकार क्षेत्र से संबंधित है। अनुच्छेद 132 उच्च न्यायालयों से अपील के मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के अपीलीय अधिकार क्षेत्र से संबंधित है। अनुच्छेद 137 सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों या आदेशों की पुनरीक्षा की शक्ति से संबंधित है।
प्रश्न 12: भारतीय संविधान के किस भाग में ‘संघ और राज्यों के बीच विधायी संबंध’ (Legislative Relations between Union and States) का वर्णन है?
- भाग XI
- भाग XII
- भाग XIII
- भाग XIV
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग XI (अनुच्छेद 245 से 263) केंद्र और राज्यों के बीच विधायी, प्रशासनिक और वित्तीय संबंधों का वर्णन करता है। विशेष रूप से, इसके अध्याय I (अनुच्छेद 245-255) संघ और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों के वितरण से संबंधित हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह भाग संसद और राज्य विधानमंडलों की विधायी शक्तियों की क्षेत्रीय सीमा, विधियों का विस्तार, और संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची के आधार पर शक्तियों का विभाजन निर्धारित करता है।
- गलत विकल्प: भाग XII वित्त, संपत्ति, अनुबंध और वाद से संबंधित है। भाग XIII भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम से संबंधित है। भाग XIV संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं से संबंधित है।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से किस आयोग ने केंद्र-राज्य संबंधों में सुधार हेतु ‘सर्किया आयोग’ (Sarkaria Commission) की रिपोर्ट की समीक्षा की थी?
- पुंछी आयोग
- इंद्रजीत गुप्ता समिति
- वेंकटचलैया आयोग
- तारापुर समिति
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और संदर्भ: मदन मोहन पुंछी की अध्यक्षता में आयोग को 2007 में नियुक्त किया गया था ताकि केंद्र-राज्य संबंधों के कामकाज की समीक्षा की जा सके और ऐसे सुझाव दिए जा सकें जो केंद्र-राज्य संबंधों को मजबूत बना सकें। इसने सर्किया आयोग की सिफारिशों की भी समीक्षा की।
- संदर्भ और विस्तार: पुंछी आयोग ने कई महत्वपूर्ण सिफारिशें कीं, जिनमें राज्यपाल की भूमिका, आपातकालीन प्रावधान और वित्तीय हस्तांतरण जैसे मुद्दे शामिल थे।
- गलत विकल्प: इंद्रजीत गुप्ता समिति चुनाव सुधारों से संबंधित थी। वेंकटचलैया आयोग ने संवैधानिक सुधारों पर विचार किया था। तारापुर समिति ने पूंजी खाता परिवर्तनीयता पर विचार किया था।
प्रश्न 14: भारत में ‘प्रथम नागरिक’ (First Citizen) किसे माना जाता है?
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- भारत के प्रधान मंत्री
- भारत के राष्ट्रपति
- लोकसभा के अध्यक्ष
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और संदर्भ: भारत में ‘प्रथम नागरिक’ का खिताब भारत के राष्ट्रपति को दिया जाता है। यह पद राज्य का प्रमुख होने के नाते और राष्ट्र की एकता और अखंडता का प्रतिनिधित्व करने के कारण महत्वपूर्ण है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति न केवल कार्यपालिका के प्रमुख होते हैं, बल्कि वे देश के संवैधानिक मुखिया भी होते हैं। औपचारिक रूप से, वे किसी भी नागरिक से ऊँचे पद पर होते हैं।
- गलत विकल्प: मुख्य न्यायाधीश न्यायपालिका के प्रमुख हैं। प्रधान मंत्री सरकार के प्रमुख हैं। लोकसभा अध्यक्ष विधायी शाखा के प्रमुख हैं।
प्रश्न 15: ‘लोकतंत्र में जनमत’ (Public Opinion in Democracy) पर सबसे अधिक ध्यान किस वाद में दिया गया, जहाँ सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि संसदीय विशेषाधिकारों को जनहित के ऊपर नहीं रखा जा सकता?
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
- मेनका गांधी बनाम भारत संघ
- अनुच्छेद 105 के तहत विशेषाधिकार मामले (1964)
- एस.पी. गुप्ता बनाम भारत संघ
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 105 के तहत विशेषाधिकार मामले (1964) में, भारत के राष्ट्रपति द्वारा संदर्भित मामले में, सर्वोच्च न्यायालय ने यह सिद्धांत स्थापित किया कि संसदीय विशेषाधिकारों को जनता की स्वतंत्रता और सार्वजनिक हित के ऊपर नहीं रखा जा सकता।
- संदर्भ और विस्तार: इस मामले में, न्यायालय ने यह माना कि संसद के सदस्यों के विशेषाधिकारों को जनता के अधिकारों का हनन करने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। यह न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
- गलत विकल्प: केशवानंद भारती ने ‘मौलिक ढांचे’ का सिद्धांत दिया। मेनका गांधी ने ‘व्यक्तिगत स्वतंत्रता’ के दायरे का विस्तार किया। एस.पी. गुप्ता मामले ने ‘न्यायिक सक्रियता’ की ओर इशारा किया।
प्रश्न 16: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिए गठित समिति में निम्नलिखित में से कौन शामिल नहीं होता है?
- भारत के प्रधान मंत्री
- लोकसभा के अध्यक्ष
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- लोकसभा में विपक्ष के नेता
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति एक चयन समिति द्वारा की जाती है जिसमें भारत के प्रधान मंत्री (अध्यक्ष), लोकसभा के अध्यक्ष, भारत के गृह मंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और राज्य सभा में विपक्ष के नेता शामिल होते हैं। कुछ मामलों में, भारत के मुख्य न्यायाधीश को सलाह के लिए शामिल किया जा सकता है, लेकिन वे समिति के सदस्य नहीं होते।
- संदर्भ और विस्तार: NHRC का गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत किया गया था। अध्यक्ष आम तौर पर भारत के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश या सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश होते हैं।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (d) इस समिति के सदस्य होते हैं। (c) भारत के मुख्य न्यायाधीश समिति के सदस्य नहीं होते।
प्रश्न 17: पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा किस संशोधन अधिनियम द्वारा प्रदान किया गया?
- 73वाँ संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वाँ संशोधन अधिनियम, 1992
- 64वाँ संशोधन अधिनियम, 1989
- 65वाँ संशोधन अधिनियम, 1990
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया और संविधान में भाग IX जोड़ा, जिसमें अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायती राज से संबंधित प्रावधान शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने पंचायती राज को एक स्व-शासन की संस्था के रूप में स्थापित किया, जिसमें ग्राम पंचायत, मध्यवर्ती पंचायत और जिला पंचायत जैसी तीन-स्तरीय संरचना का प्रावधान है। इसने पंचायतों को 29 विषयों पर कार्य करने का अधिकार भी दिया।
- गलत विकल्प: 74वाँ संशोधन शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है। 64वें और 65वें संशोधन पंचायती राज से संबंधित थे लेकिन वे पारित नहीं हुए थे।
प्रश्न 18: राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) की घोषणा राष्ट्रपति किस अनुच्छेद के तहत कर सकते हैं, यदि भारत की सुरक्षा को युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण गंभीर खतरा हो?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 365
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 352 राष्ट्रपति को राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करने की शक्ति देता है, यदि वह यह समाधान कर ले कि युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण भारत या उसके किसी भाग की सुरक्षा को गंभीर खतरा है।
- संदर्भ और विस्तार: 1978 के 44वें संशोधन ने ‘आंतरिक अशांति’ (Internal Disturbance) शब्द को बदलकर ‘सशस्त्र विद्रोह’ (Armed Rebellion) कर दिया, ताकि आपातकाल की घोषणा अधिक गंभीरता से की जा सके। आपातकाल की घोषणा को संसद के दोनों सदनों द्वारा एक महीने के भीतर अनुमोदित किया जाना चाहिए।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन (राज्य आपातकाल) से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 365 केंद्र के निर्देशों का अनुपालन करने में विफलता के बारे में है, जो राष्ट्रपति शासन का आधार बन सकता है।
प्रश्न 19: निम्नलिखित में से कौन सी ‘समवर्ती सूची’ (Concurrent List) की प्रविष्टि है?
- रक्षा
- रेलवे
- वन
- जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और संदर्भ: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची की समवर्ती सूची (Concurrent List) में वे विषय शामिल हैं जिन पर केंद्र और राज्य दोनों कानून बना सकते हैं। ‘जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन’ (Population control and family planning) समवर्ती सूची की एक प्रविष्टि है (प्रविष्टि 20A)।
- संदर्भ और विस्तार: जब समवर्ती सूची के किसी विषय पर केंद्र और राज्य दोनों द्वारा कानून बनाया जाता है, तो राज्य कानून पर संघीय कानून का वर्चस्व होता है (अनुच्छेद 254)।
- गलत विकल्प: ‘रक्षा’ (Union List, Entry 5), ‘रेलवे’ (Union List, Entry 22) संघ सूची के विषय हैं, जिन पर केवल केंद्र सरकार कानून बना सकती है। ‘वन’ (Forests) अब समवर्ती सूची की प्रविष्टि (Entry 17A) है, जिसे 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था, लेकिन प्रश्न के संदर्भ में, ‘जनसंख्या नियंत्रण’ एक अधिक विशिष्ट और प्रत्यक्ष उत्तर है जो समवर्ती सूची का क्लासिक उदाहरण है। (यदि प्रश्न पुराने पाठ्यक्रमानुसार या बहुत संकीर्ण रूप से पूछा गया हो, तो ‘वन’ भी समवर्ती सूची में आता है, पर ‘जनसंख्या नियंत्रण’ अधिक सटीक समवर्ती सूची का विषय है।)
प्रश्न 20: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति किसके द्वारा की जाती है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधान मंत्री
- संसदीय समिति
- लोकसभा के अध्यक्ष
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति अनुच्छेद 148 के तहत भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सभी सरकारी खातों की जाँच करता है और सार्वजनिक धन के दुरुपयोग को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह संसद की लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee) को अपनी रिपोर्टें प्रस्तुत करता है।
- गलत विकल्प: CAG की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा होती है, न कि प्रधान मंत्री, संसदीय समिति या लोकसभा अध्यक्ष द्वारा।
प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार भारत के संविधान में ‘समानता के अधिकार’ (Right to Equality) के अंतर्गत शामिल नहीं है?
- कानून के समक्ष समानता
- धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध
- लोक नियोजन के मामलों में अवसर की समानता
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण’ (Protection of life and personal liberty) मौलिक अधिकार अनुच्छेद 21 के तहत आता है, जो ‘स्वतंत्रता के अधिकार’ (Right to Freedom) का हिस्सा है (अनुच्छेद 19-22)।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 14 ‘कानून के समक्ष समानता’ की बात करता है। अनुच्छेद 15 ‘धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध’ करता है। अनुच्छेद 16 ‘लोक नियोजन के मामलों में अवसर की समानता’ प्रदान करता है। ये सभी अनुच्छेद 14-18 के तहत ‘समानता के अधिकार’ का हिस्सा हैं।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (c) समानता के अधिकार के अंतर्गत आते हैं। (d) स्वतंत्रता के अधिकार के अंतर्गत आता है।
प्रश्न 22: ‘संसदीय समितियों’ (Parliamentary Committees) के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन सी ‘स्थायी समिति’ (Standing Committee) का उदाहरण नहीं है?
- लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee)
- प्राक्कलन समिति (Estimates Committee)
- सरकारी आश्वासन समिति (Committee on Government Assurances)
- रेलवे कन्वेंशन समिति (Railway Convention Committee)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और संदर्भ: लोक लेखा समिति, प्राक्कलन समिति और सरकारी आश्वासन समिति (साथ ही नियम समिति, विशेषाधिकार समिति, कार्य सलाहकार समिति आदि) स्थायी समितियाँ हैं क्योंकि वे निरंतर कार्य करती हैं। रेलवे कन्वेंशन समिति एक ‘तदर्थ समिति’ (Ad hoc Committee) या ‘विशिष्ट समिति’ (Select Committee) का एक प्रकार मानी जा सकती है, जो एक विशिष्ट उद्देश्य के लिए गठित होती है और कार्य पूरा होने पर समाप्त हो जाती है, या विशिष्ट अवधि के लिए होती है। हालाँकि, कई संदर्भों में इसे स्थायी समिति के रूप में भी वर्गीकृत किया जाता है। यदि हमें एक स्पष्ट ‘तदर्थ’ उदाहरण चुनना हो, तो यह रेलवे कन्वेंशन समिति हो सकती है, क्योंकि इसका कार्य विशिष्ट होता है (रेलवे यात्री किराए की दरें तय करना)।
- संदर्भ और विस्तार: स्थायी समितियाँ वे हैं जिनका गठन संसद के नियमों के अनुसार नियमित रूप से किया जाता है और वे वर्ष भर काम करती हैं। तदर्थ समितियाँ विशेष प्रयोजनों के लिए बनाई जाती हैं और उनका कार्य पूरा होने पर समाप्त हो जाती हैं।
- गलत विकल्प: (a), (b), (c) निश्चित रूप से स्थायी समितियाँ हैं। रेलवे कन्वेंशन समिति के वर्गीकरण में थोड़ी भिन्नता है, लेकिन तुलनात्मक रूप से यह एक विशिष्ट उद्देश्य के लिए है, जबकि अन्य अधिक सामान्य वित्तीय या प्रशासनिक निरीक्षण करती हैं। (एक अधिक सटीक प्रश्न में, हम एक स्पष्ट तदर्थ समिति का विकल्प दे सकते थे, जैसे कोई संयुक्त संसदीय समिति।)
प्रश्न 23: किस संवैधानिक संशोधन द्वारा ‘नीति निदेशक सिद्धांतों’ को कुछ मौलिक अधिकारों पर वरीयता दी गई, ताकि कुछ खास DPSP को प्रभावी बनाया जा सके?
- 25वाँ संशोधन अधिनियम, 1971
- 38वाँ संशोधन अधिनियम, 1975
- 42वाँ संशोधन अधिनियम, 1976
- 52वाँ संशोधन अधिनियम, 1985
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 ने संविधान में अनुच्छेद 31C जोड़ा। इस अनुच्छेद के अनुसार, यदि कोई कानून जो DPSP (अनुच्छेद 39(b) और 39(c) के तहत वर्णित राज्य की नीति के निदेशक सिद्धांतों को लागू करता है) को प्रभावी करने के लिए बनाया गया है, तो वह मौलिक अधिकारों (अनुच्छेद 14, 19, 31) का उल्लंघन करने के आधार पर अमान्य नहीं होगा।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने DPSP को मौलिक अधिकारों पर वरीयता दी, हालांकि केशवानंद भारती मामले (1973) में सर्वोच्च न्यायालय ने पहले ही अनुच्छेद 31C की कुछ शक्तियों को सीमित कर दिया था, जिससे यह केवल 39(b) और 39(c) के लिए लागू हो।
- गलत विकल्प: 25वाँ संशोधन अनुच्छेद 31C के कुछ हिस्सों को लाया था, लेकिन 42वें संशोधन ने इसे और मजबूत किया। 38वाँ और 52वाँ संशोधन अन्य मुद्दों से संबंधित थे।
प्रश्न 24: भारत में ‘निर्वाचन आयोग’ (Election Commission of India) की संरचना के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
- यह एक एकल-सदस्यीय निकाय है।
- इसमें एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दो अन्य निर्वाचन आयुक्त होते हैं।
- मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 324, भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना और शक्तियों का प्रावधान करता है। 1993 के बाद से, निर्वाचन आयोग एक बहु-सदस्यीय निकाय बन गया है, जिसमें एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त (Chief Election Commissioner) और दो अन्य निर्वाचन आयुक्त (Election Commissioners) होते हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: निर्वाचन आयोग देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है।
- गलत विकल्प: चूंकि (a), (b), और (c) सभी कथन सत्य हैं, इसलिए (d) सही उत्तर है।
प्रश्न 25: ‘भारतीय संघ’ (Union of India) की कार्यपालिका शक्ति किसमें निहित है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधान मंत्री
- केंद्रीय मंत्रिमंडल
- भारत के राष्ट्रपति, जिनका प्रयोग वह अपने अधिकारियों के माध्यम से करते हैं
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 53(1) के अनुसार, संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी और वह इसका प्रयोग इस संविधान के अनुसार या तो स्वयं या अपने अधीनस्थ अधिकारियों के माध्यम से करेगा।
- संदर्भ और विस्तार: वास्तव में, राष्ट्रपति एक नाममात्र के प्रमुख (Nominal Head) हैं, और सभी वास्तविक शक्तियाँ प्रधान मंत्री और मंत्रिपरिषद (Article 74) द्वारा प्रयोग की जाती हैं। लेकिन संवैधानिक रूप से, कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित है।
- गलत विकल्प: (a) केवल राष्ट्रपति में निहित है, लेकिन वे इसका प्रयोग अपने अधिकारियों के माध्यम से करते हैं, इसलिए यह अधूरा है। (b) और (c) वास्तविक कार्यकारी हैं, लेकिन नाममात्र के नहीं। (d) सबसे सटीक उत्तर है जो संवैधानिक स्थिति को दर्शाता है।