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आतंक का मास्टरमाइंड मूसा ढेर: पाक पूर्व पैरा कमांडो का पर्दाफाश, सेना ने कैसे किया सफाया?

आतंक का मास्टरमाइंड मूसा ढेर: पाक पूर्व पैरा कमांडो का पर्दाफाश, सेना ने कैसे किया सफाया?

चर्चा में क्यों? (Why in News?):**

हाल ही में, जम्मू और कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में सुरक्षा बलों के साथ हुई एक मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के शीर्ष कमांडर और 2020 के पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड, मोहम्मद शरीफ उर्फ ​​’मूसा’ को मार गिराया गया। यह भारतीय सेना के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है, क्योंकि मूसा न केवल एक खूंखार आतंकी था, बल्कि उसके पाकिस्तानी सेना के पूर्व पैरा कमांडो होने की भी पुष्टि हुई है। यह घटना जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद की प्रकृति, नियंत्रण रेखा के पार से निर्देशित अभियानों और भारतीय सुरक्षा बलों की सर्जिकल परिशुद्धता पर फिर से प्रकाश डालती है।

यह लेख न केवल इस विशिष्ट घटना का विस्तृत विश्लेषण करेगा, बल्कि UPSC उम्मीदवारों के लिए प्रासंगिक विभिन्न पहलुओं को भी उजागर करेगा, जिसमें आतंकवाद का इतिहास, सीमा पार आतंकवाद, सुरक्षा बलों की रणनीति, ऑपरेशनल चुनौतियाँ और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े व्यापक मुद्दे शामिल हैं।

1. पहलगाम हमला और मास्टरमाइंड मूसा: एक पृष्ठभूमि

पहलगाम, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, हाल के वर्षों में आतंकवाद का निशाना रहा है। 2020 में, पहलगाम में सुरक्षा बलों पर हुए एक बड़े आतंकी हमले में कई जवान शहीद हुए थे। इस हमले ने राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों को हिला दिया था और हमले के पीछे के मास्टरमाइंड की पहचान करने और उसे बेअसर करने का दबाव बढ़ गया था।

मोहम्मद शरीफ उर्फ ​​’मूसा’, जो इस हमले का मुख्य षड्यंत्रकारी माना जाता है, कोई साधारण आतंकवादी नहीं था। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, मूसा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का निवासी था और उसने पाकिस्तानी सेना में पैराट्रूपर (पैरा कमांडो) के रूप में सेवा दी थी। यह जानकारी अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सीधे तौर पर सीमा पार से समर्थित आतंकवाद की ओर इशारा करती है, जहाँ प्रशिक्षित सैन्यकर्मी अपनी विशेषज्ञता का उपयोग विध्वंसक गतिविधियों के लिए करते हैं।

मूसा की पृष्ठभूमि के मुख्य बिंदु:

  • पाकिस्तानी सेना से जुड़ाव: उसकी पूर्व सैनिक पृष्ठभूमि उसे विशेष प्रशिक्षण, जैसे गुरिल्ला युद्ध, विस्फोटक, और सामरिक संचालन का ज्ञान प्रदान करती है। यह ज्ञान उसे अधिक खतरनाक और प्रभावी बनाता है।
  • जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ: संभावना है कि उसने घुसपैठ कर भारतीय क्षेत्र में प्रवेश किया और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों में शामिल हो गया।
  • संगठनात्मक क्षमता: एक पूर्व सैनिक होने के नाते, वह अन्य आतंकवादियों को प्रशिक्षित करने, हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने में सक्षम था।
  • पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड: 2020 के पहलगाम हमले के लिए उसकी भूमिका महत्वपूर्ण मानी गई, जहाँ उसने योजना बनाने से लेकर निष्पादन तक में सक्रिय भूमिका निभाई।

इस प्रकार, मूसा का सफाया न केवल एक आतंकवादी का अंत था, बल्कि सीमा पार से निर्देशित, सैन्य-प्रशिक्षित आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी रणनीतिक जीत थी।

2. सेना ने कैसे खोजकर ढेर किया? ऑपरेशन की रणनीति और निष्पादन

आतंकवादी मूसा जैसे हाई-वैल्यू टारगेट को ट्रैक करना और उसे बेअसर करना एक अत्यंत जटिल और जोखिम भरा ऑपरेशन होता है। इसमें खुफिया जानकारी जुटाने, निगरानी, ​​रणनीतिक योजना और फिर निष्पादन का एक सावधानीपूर्वक समन्वय शामिल होता है।

खुफिया जानकारी का जाल:

सुरक्षा बलों की सफलता का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम विश्वसनीय खुफिया जानकारी का एक मजबूत नेटवर्क तैयार करना है। इस मामले में, इसमें शामिल हो सकते हैं:

  • मानव स्रोत (Human Intelligence – HUMINT): स्थानीय आबादी से मुखबिरों का नेटवर्क, जो आतंकवादियों की गतिविधियों और ठिकानों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।
  • इलेक्ट्रॉनिक निगरानी (Electronic Intelligence – ELINT) और सिग्नल इंटेलिजेंस (SIGINT): आतंकवादियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले संचार उपकरणों (मोबाइल फोन, रेडियो) को इंटरसेप्ट करना और उनका विश्लेषण करना।
  • ड्रोन और सैटेलाइट इमेजरी: संदिग्ध क्षेत्रों की हवाई निगरानी के लिए ड्रोन और उपग्रहों का उपयोग।
  • पूर्व में पकड़े गए आतंकवादियों से पूछताछ: उनसे मिली जानकारी भी मूसा जैसे मास्टरमाइंड तक पहुंचने में सहायक हो सकती है।

ऑपरेशन का निष्पादन:

एक बार जब मूसा के ठिकाने के बारे में पर्याप्त विश्वसनीय जानकारी मिल गई, तो सेना ने एक विशेष ऑपरेशन की योजना बनाई। ऐसी कार्रवाइयां आमतौर पर निम्नलिखित सिद्धांतों पर आधारित होती हैं:

  • ‘कॉर्डन एंड सर्च’ (Cordon and Search): किसी विशेष क्षेत्र को चारों ओर से घेरना और फिर व्यवस्थित रूप से तलाशी लेना।
  • ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ (Surgical Strike): सटीकता के साथ दुश्मन पर हमला करना, जिससे न्यूनतम नुकसान (नागरिकों या स्वयं सैनिकों का) हो।
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    UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

    प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

    1. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
    I. पहलगाम हमला 2020 में हुआ था।
    II. इस हमले का मास्टरमाइंड, मूसा, पाकिस्तानी सेना का पूर्व पैरा कमांडो था।
    III. मूसा हिज्बुल मुजाहिदीन का शीर्ष कमांडर था।

    उपरोक्त कथनों में से कौन से सही हैं?
    (a) केवल I और II
    (b) केवल II और III
    (c) केवल I और III
    (d) I, II और III

    उत्तर: (d) I, II और III
    व्याख्या: तीनों कथन दिए गए समाचार के अनुसार सही हैं। पहलगाम हमला 2020 में हुआ था, इसका मास्टरमाइंड मूसा पाकिस्तान के पूर्व पैरा कमांडो के रूप में पहचाना गया था और वह हिज्बुल मुजाहिदीन का एक महत्वपूर्ण कमांडर था।

    2. ‘ऑपरेशनल एफिशिएंसी’ (Operational Efficiency) के संदर्भ में, भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा ‘मास्टरमाइंड’ जैसे आतंकी को बेअसर करने में निम्नलिखित में से कौन सा कारक सबसे महत्वपूर्ण होता है?
    (a) केवल भारी हथियारों का प्रयोग
    (b) स्थानीय आबादी का पूर्ण समर्थन
    (c) विश्वसनीय खुफिया जानकारी और सटीक निष्पादन
    (d) अंतरराष्ट्रीय समुदाय का दबाव

    उत्तर: (c) विश्वसनीय खुफिया जानकारी और सटीक निष्पादन
    व्याख्या: किसी आतंकी ऑपरेशन की सफलता के लिए, विशेषकर उच्च-मूल्य वाले लक्ष्यों के लिए, सटीक और समय पर खुफिया जानकारी का होना सर्वोपरि है, जो लक्षित हमले (surgical strike) को संभव बनाता है।

    3. सीमा पार आतंकवाद (Cross-border Terrorism) के संदर्भ में, एक पूर्व सैनिक का आतंकवादी समूह में शामिल होना क्या इंगित करता है?
    (a) आतंकवाद की प्रकृति में तकनीकी गिरावट
    (b) आतंकवाद के संचालन में सैन्य-प्रशिक्षित व्यक्तियों की बढ़ती भूमिका
    (c) केवल स्थानीय युवाओं का कट्टरपंथ
    (d) आतंकवाद का पूर्ण रूप से अंत

    उत्तर: (b) आतंकवाद के संचालन में सैन्य-प्रशिक्षित व्यक्तियों की बढ़ती भूमिका
    व्याख्या: जब पूर्व सैनिक आतंकी गतिविधियों में शामिल होते हैं, तो यह दर्शाता है कि आतंकवाद अब केवल अनौपचारिक समूहों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें संगठित सैन्य प्रशिक्षण और विशेषज्ञता का भी प्रयोग हो रहा है, जो इसे और अधिक खतरनाक बनाता है।

    4. निम्नलिखित में से कौन सा संगठन भारतीय सुरक्षा बलों के साथ मूसा का जुड़ाव दर्शाता है?
    (a) लश्कर-ए-तैयबा (LeT)
    (b) जैश-ए-मोहम्मद (JeM)
    (c) हिज्बुल मुजाहिदीन (HM)
    (d) अल-कायदा

    उत्तर: (c) हिज्बुल मुजाहिदीन (HM)
    व्याख्या: समाचार के अनुसार, मूसा हिज्बुल मुजाहिदीन का शीर्ष कमांडर था।

    5. ‘कॉर्डन एंड सर्च’ (Cordon and Search) ऑपरेशन का प्राथमिक उद्देश्य क्या होता है?
    (a) विदेशी पर्यटकों को बचाना
    (b) किसी क्षेत्र को घेरकर आतंकवादियों या संदिग्धों की तलाश करना
    (c) शांतिपूर्ण प्रदर्शन आयोजित करना
    (d) स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना

    उत्तर: (b) किसी क्षेत्र को घेरकर आतंकवादियों या संदिग्धों की तलाश करना
    व्याख्या: कॉर्डन और सर्च ऑपरेशन एक सैन्य रणनीति है जिसका उपयोग किसी क्षेत्र में मौजूद आतंकवादियों, हथियारों या अन्य अवैध गतिविधियों की खोज और उन्हें पकड़ने के लिए किया जाता है।

    6. जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारतीय सेना द्वारा अपनाई जाने वाली प्रमुख रणनीतियों में निम्नलिखित में से कौन शामिल है?
    (a) केवल राजनीतिक वार्ता
    (b) केवल आर्थिक विकास
    (c) खुफिया जानकारी, ग्रिड-आधारित संचालन, और स्थानीय सहयोग
    (d) अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता

    उत्तर: (c) खुफिया जानकारी, ग्रिड-आधारित संचालन, और स्थानीय सहयोग
    व्याख्या: भारत आतंकवाद के खिलाफ एक बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाता है, जिसमें खुफिया जानकारी जुटाना, प्रभावी ग्रिड-आधारित संचालन (जैसे कॉर्डन एंड सर्च), और स्थानीय आबादी का विश्वास जीतना और सहयोग प्राप्त करना शामिल है।

    7. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
    I. मूसा की पाकिस्तानी सेना से संबद्धता सीमा पार से निर्देशित आतंकवाद के बढ़ते खतरे को उजागर करती है।
    II. ऐसे ऑपरेशनों की सफलता के लिए मानवीय खुफिया जानकारी (HUMINT) की भूमिका गौण है।

    उपरोक्त कथनों में से कौन सा/से सही नहीं है/हैं?
    (a) केवल I
    (b) केवल II
    (c) I और II दोनों
    (d) न तो I और न ही II

    उत्तर: (b) केवल II
    व्याख्या: कथन I सही है क्योंकि पूर्व सैनिकों का आतंकी समूहों में शामिल होना सीमा पार से समर्थन का एक मजबूत संकेत है। हालांकि, कथन II गलत है। ऐसे ऑपरेशनों में मानवीय खुफिया जानकारी (HUMINT) अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यह जमीनी स्तर पर सटीक जानकारी प्रदान करती है।

    8. पहलगाम जैसे पर्यटन स्थलों पर आतंकवाद का प्रभाव निम्नलिखित में से किस पर पड़ता है?
    (a) केवल स्थानीय पर्यटन उद्योग
    (b) स्थानीय अर्थव्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय छवि
    (c) केवल सुरक्षा बलों का मनोबल
    (d) केवल राजनीतिक स्थिरता

    उत्तर: (b) स्थानीय अर्थव्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय छवि
    व्याख्या: पर्यटन स्थलों पर आतंकवाद का प्रभाव व्यापक होता है। यह स्थानीय अर्थव्यवस्था (विशेषकर पर्यटन से संबंधित) को बुरी तरह प्रभावित करता है, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौतियाँ पैदा करता है, और देश की अंतरराष्ट्रीय छवि को भी नुकसान पहुंचाता है।

    9. ‘ऑपरेशनल काउंटर-टेररिज्म’ (Operational Counter-Terrorism) में ‘प्रिसिजन स्ट्राइक’ (Precision Strike) का क्या महत्व है?
    (a) बड़े पैमाने पर विनाशकारी कार्रवाई करना
    (b) बिना किसी जोखिम के लक्षित दुश्मन पर सटीक वार करना
    (c) आतंकवादियों के साथ बातचीत करना
    (d) केवल निगरानी बढ़ाना

    उत्तर: (b) बिना किसी जोखिम के लक्षित दुश्मन पर सटीक वार करना
    व्याख्या: प्रिसिजन स्ट्राइक का उद्देश्य न्यूनतम सहवर्ती क्षति (collateral damage) के साथ केवल लक्षित आतंकवादियों या ठिकानों पर हमला करना है, जो उच्च-मूल्य वाले लक्ष्यों को बेअसर करने के लिए महत्वपूर्ण है।

    10. निम्नलिखित में से कौन सी एजेंसी भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों में प्रमुख भूमिका निभाती है?
    (a) भारतीय वायु सेना (IAF)
    (b) भारतीय सेना (Indian Army)
    (c) राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG)
    (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d) उपरोक्त सभी
    व्याख्या: भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों में भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना (विशेषकर लॉजिस्टिक्स और सहायता में), और NSG जैसी विशेष एजेंसियां ​​विभिन्न भूमिकाएँ निभाती हैं, अक्सर संयुक्त अभियानों में। राज्य पुलिस बल भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

    मुख्य परीक्षा (Mains)

    1. पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड, मोहम्मद शरीफ उर्फ ​​’मूसा’ की पाकिस्तानी सेना में पूर्व सैनिक के रूप में पहचान, सीमा पार आतंकवाद के बदलते स्वरूप और भारत के लिए इसके निहितार्थों पर प्रकाश डालती है। इस संदर्भ में, सीमा पार आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत की वर्तमान रणनीतियों का विश्लेषण करें और भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा करें।

    2. जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद के खात्मे के लिए भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा अपनाई जाने वाली ‘कॉर्डन एंड सर्च’ जैसी रणनीतियों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करें। इन ऑपरेशनों से जुड़ी चुनौतियों (जैसे नागरिक सहभागिता, सूचना लीक, और मानवाधिकार संबंधी चिंताएं) पर भी चर्चा करें।

    3. पाकिस्तान द्वारा प्रशिक्षित और समर्थित आतंकवाद का मुकाबला करने में भारत को किन प्रमुख बाधाओं का सामना करना पड़ता है? सफल आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए खुफिया जानकारी, सैन्य कार्रवाई और कूटनीतिक प्रयासों के बीच समन्वय की भूमिका पर विस्तार से लिखें।

    4. पहलगाम जैसी घटनाओं को देखते हुए, राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए भारत को किस प्रकार के संस्थागत, तकनीकी और नीतिगत सुधारों को अपनाने की आवश्यकता है? ‘मास्टरमाइंड’ जैसे व्यक्तिगत आतंकवादियों के खतरे को कम करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण का प्रस्ताव दें।

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