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आज दीपावली: बाजारों में बहार, गोवा का नरकासुर और अयोध्या का दिव्य संगम

आज दीपावली: बाजारों में बहार, गोवा का नरकासुर और अयोध्या का दिव्य संगम

चर्चा में क्यों? (Why in News?):** आज, पूरे भारत में और दुनिया भर के भारतीय समुदायों में बड़े उत्साह और उल्लास के साथ दीपावली का पावन पर्व मनाया जा रहा है। इस अवसर पर, बाजारों में अभूतपूर्व रौनक देखी जा रही है, जो देश की आर्थिक गतिशीलता को दर्शाती है। वहीं, गोवा जैसे राज्यों में नरकासुर के पुतले जलाकर बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया गया। दूसरी ओर, अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी, जो न केवल एक धार्मिक तीर्थस्थल के रूप में बल्कि राष्ट्रीय चेतना के केंद्र के रूप में भी उभर रहा है। यह उत्सव कई स्तरों पर महत्वपूर्ण है, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, धार्मिक आस्था और जीवंत अर्थव्यवस्था का प्रतीक है।

यह ब्लॉग पोस्ट दीपावली के इस बहुआयामी उत्सव का गहन विश्लेषण प्रस्तुत करता है, जिसमें इसकी सांस्कृतिक परंपराएं, धार्मिक महत्व, आर्थिक प्रभाव और समसामयिक प्रासंगिकता को UPSC परीक्षा के दृष्टिकोण से समझा जाएगा।

दीपावली: प्रकाश का पर्व और उसके अनगिनत आयाम

दीपावली, जिसे ‘दिवाली’ के नाम से भी जाना जाता है, भारत के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह सिर्फ एक दिन का उत्सव नहीं है, बल्कि अक्सर पांच दिनों की अवधि में मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और भाई दूज पर समाप्त होती है। यह पर्व मुख्य रूप से ‘अंधकार पर प्रकाश की विजय’, ‘अज्ञान पर ज्ञान की विजय’, और ‘बुराई पर अच्छाई की विजय’ का प्रतीक है।

इस पर्व के साथ विभिन्न पौराणिक कथाएँ और ऐतिहासिक घटनाएँ जुड़ी हुई हैं, जो इसे भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक टेपेस्ट्री का एक अभिन्न अंग बनाती हैं।

प्रमुख कथाएँ और उनका महत्व:

  • भगवान राम का अयोध्या आगमन: सबसे प्रचलित कथा के अनुसार, दीपावली का पर्व भगवान राम के १४ वर्षों के वनवास को पूरा करके अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। उनके स्वागत में अयोध्यावासियों ने दीप जलाए थे, जिससे यह परंपरा शुरू हुई। यह कथा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि न्याय, धर्म और मर्यादा पुरुषोत्तम के आदर्शों को भी स्थापित करती है।
  • भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर का वध: एक अन्य महत्वपूर्ण कथा भगवान कृष्ण से जुड़ी है, जिन्होंने नरकासुर नामक एक शक्तिशाली असुर का वध किया था। नरकासुर ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग करके १८,००० स्त्रियों को बंदी बना लिया था। कृष्ण ने उन्हें मुक्त कराया और १६,००० स्त्रियों से विवाह भी किया। नरकासुर का वध दीपावली से ठीक एक दिन पहले (नरक चतुर्दशी) मनाया जाता है, और गोवा जैसे क्षेत्रों में आज भी नरकासुर के पुतले जलाकर इसी विजय का उत्सव मनाया जाता है। यह बुराई के विनाश और मुक्ति का प्रतीक है।
  • देवी लक्ष्मी की पूजा: दीपावली को धन और समृद्धि की देवी, लक्ष्मी का भी प्रमुख पर्व माना जाता है। भक्त धन, वैभव और सुख-समृद्धि की कामना के लिए देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष पूजा करते हैं। यह पहलू त्योहार के आर्थिक महत्व को भी रेखांकित करता है।
  • जैन धर्म में महत्व: जैन धर्म में, दीपावली का दिन भगवान महावीर के निर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • सिख धर्म में महत्व: सिख समुदाय के लिए, दीपावली का दिन ‘बंदी छोड़ दिवस’ के रूप में मनाया जाता है, जब गुरु हरगोबिंद को मुगल सम्राट जहाँगीर द्वारा जेल से रिहा किया गया था।

यह विविधता दर्शाती है कि कैसे एक ही पर्व भारत के विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक समुदायों के लिए अलग-अलग लेकिन महत्वपूर्ण अर्थ रखता है।

बाजारों में रौनक: अर्थव्यवस्था की धड़कन

जैसा कि समाचार में बताया गया है, दीपावली के दौरान बाजारों में अभूतपूर्व रौनक देखी जाती है। यह केवल उत्सव का माहौल नहीं है, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण अवधि भी है।

“त्योहारी सीजन, विशेष रूप से दीपावली, भारतीय खुदरा क्षेत्र और उपभोक्ता व्यय के लिए एक महत्वपूर्ण उत्प्रेरक का काम करता है। यह न केवल व्यवसायों के लिए राजस्व वृद्धि का अवसर प्रदान करता है, बल्कि रोजगार सृजन और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देता है।”

आर्थिक प्रभाव के प्रमुख बिंदु:

  • उपभोक्ता व्यय में वृद्धि: लोग नए कपड़े, उपहार, घरेलू सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स, सोने के गहने और मिठाइयाँ खरीदते हैं। इस बढ़ी हुई मांग के कारण बिक्री में भारी उछाल आता है।
  • खुदरा क्षेत्र को बढ़ावा: छोटे दुकानदार से लेकर बड़े शॉपिंग मॉल तक, सभी इस अवधि में अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए विशेष छूट और ऑफर देते हैं।
  • विनिर्माण और सेवा क्षेत्र पर प्रभाव: मांग बढ़ने से विनिर्माण इकाइयों में उत्पादन बढ़ता है, और परिवहन, ई-कॉमर्स, और आतिथ्य जैसे सेवा क्षेत्र भी लाभान्वित होते हैं।
  • रोजगार सृजन: त्योहारों के मौसम में अस्थायी श्रमिकों की मांग बढ़ जाती है, विशेष रूप से खुदरा, ई-कॉमर्स और वितरण क्षेत्रों में।
  • निवेश का अवसर: सोने और चांदी जैसी कीमती धातुओं की खरीद भी इस दौरान बढ़ जाती है, जो इसे निवेश के लिए एक महत्वपूर्ण समय बनाता है।

सरकारी आंकड़े अक्सर त्योहारी सीजन के बाद सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में वृद्धि दर्शाते हैं, जो इस अवधि के आर्थिक महत्व को रेखांकित करता है।

गोवा का नरकासुर: एक अनूठी परंपरा

गोवा में दीपावली से पहले की शाम को नरकासुर के बड़े-बड़े पुतलों को जलाया जाता है। यह परंपरा उत्तर भारत की रामलीला के दौरान रावण दहन से मिलती-जुलती है, लेकिन इसका अपना विशिष्ट महत्व है।

नरकासुर दहन का महत्व:

  • बुराई पर अच्छाई की विजय: जैसा कि कथा में वर्णित है, भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर का वध बुराई पर अच्छाई की अंतिम विजय का प्रतीक है।
  • क्षेत्रीय पहचान: यह परंपरा गोवा की अपनी एक विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान को दर्शाती है, जो इसे भारतीय त्योहारों की विविधता का एक उत्कृष्ट उदाहरण बनाती है।
  • सामुदायिक भागीदारी: इन पुतलों को स्थानीय समुदायों द्वारा मिलकर बनाया और जलाया जाता है, जिससे सामाजिक जुड़ाव बढ़ता है।
  • नकारात्मकता का अंत: यह अंधेरे की समाप्ति और एक नए, उज्ज्वल भविष्य की शुरुआत का भी संकेत देता है।

गोवा में इस प्रथा को ‘नरक चतुर्दशी’ के दिन मनाया जाता है, और यह दीपावली के उत्सव का एक अविभाज्य अंग है।

अयोध्या राम मंदिर: भक्ति, आस्था और राष्ट्रीय भावना का संगम

अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण और उसमें भक्तों की भारी भीड़ का उमड़ना वर्तमान समय में राष्ट्रीय चेतना का एक महत्वपूर्ण केंद्र बिंदु है।

समाचार में उल्लेखित ‘भक्तों की भीड़’ केवल धार्मिक आस्था का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह एक ऐसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक क्षण का प्रतीक है जिसने सदियों से भारतीय समाज को प्रभावित किया है।

राम मंदिर का महत्व:

  • धार्मिक श्रद्धा: लाखों भक्तों के लिए, यह भगवान राम के जन्मस्थान पर उनके दिव्य निवास के दर्शन का एक ऐतिहासिक अवसर है, जो उनकी गहरी धार्मिक आस्था को दर्शाता है।
  • सांस्कृतिक पुनर्जागरण: राम मंदिर का निर्माण कई लोगों द्वारा भारतीय संस्कृति और विरासत के पुनर्जागरण के रूप में देखा जा रहा है।
  • राष्ट्रीय एकता: यह परियोजना विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों को एक साथ लाती है, जो राष्ट्रीय एकता और समरसता को बढ़ावा देती है।
  • पर्यटन और अर्थव्यवस्था: अयोध्या एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में उभर रहा है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
  • समसामयिक राजनीति: राम मंदिर का मुद्दा भारतीय राजनीति में भी एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, और इसका निर्माण राष्ट्रवाद और सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा हुआ है।

दीपावली जैसे पवित्र अवसर पर अयोध्या में भक्तों की भारी भीड़ इस मंदिर के असाधारण महत्व को दर्शाती है।

दीपावली के उत्सव में चुनौतियाँ और भविष्य की राह

जहां दीपावली आनंद और उल्लास का पर्व है, वहीं इसके उत्सव से जुड़ी कुछ चुनौतियाँ भी हैं जिन पर ध्यान देना आवश्यक है, खासकर UPSC जैसे विश्लेषणात्मक परीक्षाओं के उम्मीदवारों के लिए।

प्रमुख चुनौतियाँ:

  • पर्यावरण प्रदूषण: पटाखों के अत्यधिक उपयोग से वायु और ध्वनि प्रदूषण होता है, जो स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए हानिकारक है।
  • भीड़ प्रबंधन: धार्मिक स्थलों और बाजारों में भारी भीड़ सुरक्षा के लिए एक चुनौती पेश करती है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।
  • आर्थिक असमानता: त्योहारों के दौरान अत्यधिक खर्च और प्रदर्शनवाद उन लोगों के लिए दबाव बना सकता है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं।
  • सुरक्षा संबंधी चिंताएँ: त्योहारी सीजन में, सार्वजनिक स्थानों पर भीड़भाड़ का फायदा उठाकर आपराधिक गतिविधियां भी बढ़ सकती हैं।
  • जल संकट (कुछ क्षेत्रों में): कुछ क्षेत्रों में, त्योहारों के दौरान पानी की मांग बढ़ सकती है।

भविष्य की राह:

  • टिकाऊ उत्सव: पर्यावरण के अनुकूल दीपावली मनाने के लिए जागरूकता बढ़ाना, जैसे कि हरित पटाखों का उपयोग, प्लास्टिक-मुक्त सजावट, और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना।
  • सुरक्षित भीड़ प्रबंधन: प्रशासन द्वारा सुविचारित योजनाएँ, जैसे कि पुलिस की उपस्थिति बढ़ाना, डायवर्जन मार्ग बनाना, और आपातकालीन सेवाओं को तैयार रखना।
  • जागरूकता अभियान: सामाजिक सुरक्षा, साइबर धोखाधड़ी से बचाव और जिम्मेदार उपभोक्तावाद पर अभियान चलाना।
  • सामुदायिक भागीदारी: उत्सवों को अधिक समावेशी बनाने के लिए सामुदायिक कार्यक्रमों और स्वयंसेवा को प्रोत्साहित करना।
  • डिजिटल नवाचार: ऑनलाइन शॉपिंग और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना, जिससे बाजारों में अत्यधिक भीड़भाड़ कम हो सके।

निष्कर्ष

दीपावली का यह पर्व, जैसा कि समाचार में दर्शाया गया है, भारत की आत्मा का एक जीवंत प्रतिबिंब है। बाजारों की रौनक अर्थव्यवस्था की ताक़त दिखाती है, गोवा का नरकासुर सांस्कृतिक विविधता का उत्सव है, और अयोध्या में राम मंदिर के प्रति अपार श्रद्धा राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है। यह त्योहार हमें परंपराओं, आस्था और आर्थिक प्रगति के बीच संतुलन साधने का अवसर देता है। UPSC उम्मीदवारों के लिए, यह न केवल सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व का विषय है, बल्कि अर्थव्यवस्था, सामाजिक मुद्दों और शासन से जुड़े कई महत्वपूर्ण पहलुओं का भी अध्ययन है। इस प्रकाश के पर्व का आनंद लेते हुए, हमें इसकी चुनौतियों पर भी विचार करना चाहिए और एक सुरक्षित, टिकाऊ और समावेशी भविष्य की ओर बढ़ना चाहिए।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

1. **निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:**
1. दीपावली को जैन धर्म में भगवान महावीर के निर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
2. सिख समुदाय दीपावली को ‘बंदी छोड़ दिवस’ के रूप में मनाता है।
3. नरकासुर का वध भगवान राम ने किया था।
**उपरोक्त में से कौन से कथन सही हैं?**
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

**उत्तर:** (a) केवल 1 और 2
**व्याख्या:** कथन 1 और 2 सही हैं। नरकासुर का वध भगवान कृष्ण ने किया था, भगवान राम ने नहीं।

2. **भारत के निम्नलिखित क्षेत्रों में से किसमें ‘नरकासुर के पुतले जलाने’ की परंपरा दीपावली उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है?**
(a) राजस्थान
(b) केरल
(c) गोवा
(d) पश्चिम बंगाल

**उत्तर:** (c) गोवा
**व्याख्या:** गोवा में नरकासुर के पुतले जलाने की परंपरा दीपावली से एक दिन पहले (नरक चतुर्दशी) मनाई जाती है।

3. **दीपावली पर्व के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘बुराई पर अच्छाई की विजय’ का प्रतिनिधित्व करता है?**
1. भगवान राम का १४ वर्ष के वनवास के उपरांत अयोध्या आगमन।
2. भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर का वध।
3. देवी लक्ष्मी की धन-समृद्धि के लिए पूजा।
**नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनें:**
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

**उत्तर:** (a) केवल 1 और 2
**व्याख्या:** भगवान राम का आगमन और नरकासुर का वध दोनों ही बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक हैं। देवी लक्ष्मी की पूजा धन और समृद्धि से संबंधित है।

4. **निम्नलिखित में से कौन सा क्षेत्र दीपावली से जुड़ा एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल बन गया है, जहाँ हाल के वर्षों में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई है?**
(a) वाराणसी
(b) मथुरा
(c) हरिद्वार
(d) अयोध्या

**उत्तर:** (d) अयोध्या
**व्याख्या:** अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद, यह दीपावली जैसे अवसरों पर भक्तों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन गया है।

5. **दीपावली के दौरान बाजारों में देखी जाने वाली ‘रौनक’ का निम्नलिखित में से कौन सा आर्थिक प्रभाव सबसे प्रत्यक्ष है?**
(a) सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में गिरावट
(b) उपभोक्ता व्यय में भारी वृद्धि
(c) प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में कमी
(d) मुद्रास्फीति में कमी

**उत्तर:** (b) उपभोक्ता व्यय में भारी वृद्धि
**व्याख्या:** त्योहारी सीजन में लोग अधिक खरीदारी करते हैं, जिससे उपभोक्ता व्यय बढ़ता है।

6. **दीपावली के उत्सव से जुड़ी निम्नलिखित पर्यावरणीय चिंताओं पर विचार करें:**
1. वायु प्रदूषण (पटाखों से)
2. ध्वनि प्रदूषण (पटाखों से)
3. जल प्रदूषण (रंगों और अन्य सामग्रियों के कारण)
**उपरोक्त में से कौन से दीपावली से जुड़े हैं?**
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

**उत्तर:** (d) 1, 2 और 3
**व्याख्या:** सभी तीनों कथन दीपावली से जुड़ी पर्यावरणीय चिंताएँ हैं।

7. **भारत में दीपावली के संदर्भ में, ‘धनतेरस’ का क्या महत्व है?**
(a) यह भगवान राम के जन्म का दिन है।
(b) यह धन और समृद्धि की देवी, लक्ष्मी की पूजा का दिन है।
(c) यह नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत का दिन है।
(d) यह नरकासुर के वध का दिन है।

**उत्तर:** (b) यह धन और समृद्धि की देवी, लक्ष्मी की पूजा का दिन है।
**व्याख्या:** धनतेरस को धन और समृद्धि के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, और लोग अक्सर इस दिन सोना, चांदी या बर्तन खरीदते हैं।

8. **निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:**
1. दीपावली भारत का सबसे बड़ा हिंदू त्योहार है।
2. यह केवल भारत में मनाया जाता है।
**उपरोक्त में से कौन सा कथन सही है/हैं?**
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

**उत्तर:** (a) केवल 1
**व्याख्या:** दीपावली भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। यह दुनिया भर में भारतीय समुदायों द्वारा भी मनाया जाता है, न कि केवल भारत में।

9. **गोवा में नरकासुर के पुतले जलाना किस प्रकार की बुराई के अंत का प्रतीक माना जाता है?**
(a) अज्ञान पर ज्ञान की विजय
(b) आर्थिक मंदी पर समृद्धि की विजय
(c) शारीरिक बुराई और अत्याचार पर धार्मिक विजय
(d) सामाजिक असमानता पर समरसता की विजय

**उत्तर:** (c) शारीरिक बुराई और अत्याचार पर धार्मिक विजय
**व्याख्या:** नरकासुर को एक अत्याचारी असुर के रूप में चित्रित किया गया है, जिसके वध को शारीरिक बुराई पर विजय के रूप में देखा जाता है।

10. **निम्नलिखित में से कौन सा समसामयिक पहलू दीपावली के समाचार से जुड़ा है, जो UPSC के लिए प्रासंगिक है?**
(a) केवल पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन
(b) धार्मिक स्थलों पर भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा
(c) केवल मिठाइयों और उपहारों का आदान-प्रदान
(d) आतिशबाजी के ऐतिहासिक स्रोत

**उत्तर:** (b) धार्मिक स्थलों पर भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा
**व्याख्या:** राम मंदिर जैसे स्थलों पर भारी भीड़ का प्रबंधन और सुरक्षा सुनिश्चित करना एक महत्वपूर्ण शासन और समसामयिक मुद्दा है।

मुख्य परीक्षा (Mains)

1. **दीपावली, भारत के सांस्कृतिक ताने-बाने का एक महत्वपूर्ण धागा है, जिसमें विभिन्न धार्मिक समुदायों और क्षेत्रीय परंपराओं का समावेश है। चर्चा करें कि कैसे दीपावली के उत्सव के विभिन्न पहलू (जैसे नरकासुर दहन, राम मंदिर में भक्तों की भीड़, और पारंपरिक पूजा) भारतीय समाज की विविधता और राष्ट्रीय चेतना को प्रतिबिंबित करते हैं। (250 शब्द)**

2. **त्योहारी सीजन, विशेष रूप से दीपावली, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण अवधि है। बाजारों में देखी जाने वाली रौनक के आर्थिक प्रभावों का विश्लेषण करें, जिसमें उपभोक्ता व्यय, खुदरा क्षेत्र, विनिर्माण और रोजगार सृजन जैसे कारकों पर ध्यान केंद्रित करें। इसके साथ ही, इस अवधि से जुड़ी संभावित आर्थिक चुनौतियों और उन्हें दूर करने के उपायों पर प्रकाश डालें। (250 शब्द)**

3. **दीपावली के उत्सवों से जुड़ी पर्यावरणीय और सामाजिक चुनौतियों (जैसे प्रदूषण, भीड़ प्रबंधन, और संसाधनों का अत्यधिक उपयोग) पर प्रकाश डालें। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए सरकार, नागरिक समाज और व्यक्तियों द्वारा उठाए जाने वाले ठोस कदमों और टिकाऊ प्रथाओं का प्रस्ताव दें। (150 शब्द)**

4. **समसामयिक संदर्भ में, अयोध्या राम मंदिर का उद्भव एक राष्ट्रीय और सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में हुआ है। दीपावली के अवसर पर यहाँ उमड़ने वाली भक्तों की भीड़ के बहुआयामी महत्व का विश्लेषण करें, जिसमें धार्मिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक आयाम शामिल हों। (150 शब्द)**

सफलता सिर्फ कड़ी मेहनत से नहीं, सही मार्गदर्शन से मिलती है। हमारे सभी विषयों के कम्पलीट नोट्स, G.K. बेसिक कोर्स, और करियर गाइडेंस बुक के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
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