Get free Notes

सफलता सिर्फ कड़ी मेहनत से नहीं, सही मार्गदर्शन से मिलती है। हमारे सभी विषयों के कम्पलीट नोट्स, G.K. बेसिक कोर्स, और करियर गाइडेंस बुक के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Click Here

आकाशगंगा में तरंगें: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न

आकाशगंगा में तरंगें: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न

परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की गहरी समझ अत्यंत महत्वपूर्ण है। विभिन्न विषयों – भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान – के आधारभूत सिद्धांतों को स्पष्ट करने वाले प्रश्नों का नियमित अभ्यास आपको परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करता है। आइए, आज हम एक रोमांचक खगोलीय घटना को विषय बनाते हुए, इन महत्वपूर्ण विज्ञान वर्गों से संबंधित 25 बहुविकल्पीय प्रश्नों का अभ्यास करें और अपनी तैयारी को और मजबूत करें!


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. अंतरिक्ष में एक विशाल तरंग का अनुभव होना, जो ब्रह्मांडीय संरचनाओं को प्रभावित कर सकती है, न्यूटन के किस गति के नियम से सबसे अधिक संबंधित है?

    • (a) प्रथम नियम (जड़त्व का नियम)
    • (b) द्वितीय नियम (F=ma)
    • (c) तृतीय नियम (क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम)
    • (d) सार्वभौमिक गुरुत्वाकर्षण का नियम

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सार्वभौमिक गुरुत्वाकर्षण का नियम बताता है कि ब्रह्मांड में प्रत्येक कण, द्रव्यमान वाले प्रत्येक अन्य कण को ​​एक बल के साथ आकर्षित करता है। यह बल उनके द्रव्यमान के गुणनफल के समानुपाती और उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

    व्याख्या (Explanation): अंतरिक्ष में विशाल तरंगें, चाहे वे किसी भी कारण से उत्पन्न हों, अंततः द्रव्यमान वाले पिंडों (जैसे तारे, ग्रह) के बीच गुरुत्वाकर्षण बलों में परिवर्तन से संबंधित होंगी। न्यूटन का सार्वभौमिक गुरुत्वाकर्षण का नियम इन बलों और उनके प्रभावों को समझने का मूल आधार है। द्वितीय नियम (F=ma) भी बल के प्रभाव को बताता है, लेकिन गुरुत्वाकर्षण बल की प्रकृति को सार्वभौमिक नियम ही स्पष्ट करता है। प्रथम और तृतीय नियम तरंगों के सीधे कारण या प्रभाव से उतने संबंधित नहीं हैं जितना कि गुरुत्वाकर्षण का नियम।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  2. यदि आकाशगंगा में तरंगें प्लाज्मा (आयनीकृत गैस) के माध्यम से यात्रा कर रही हैं, तो प्लाज्मा में विद्युत आवेशित कणों पर लगने वाले बल के लिए कौन सा मौलिक बल जिम्मेदार होगा?

    • (a) गुरुत्वाकर्षण बल
    • (b) विद्युत चुम्बकीय बल
    • (c) प्रबल नाभिकीय बल
    • (d) दुर्बल नाभिकीय बल

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विद्युत चुम्बकीय बल वह बल है जो विद्युत आवेशित कणों के बीच कार्य करता है। यह गुरुत्वाकर्षण बल की तुलना में बहुत मजबूत होता है और प्रकाश (विद्युत चुम्बकीय तरंगों) के प्रसार के लिए जिम्मेदार है। प्लाज्मा, जिसमें आयन और इलेक्ट्रॉन जैसे आवेशित कण होते हैं, विद्युत चुम्बकीय अंतःक्रियाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होता है।

    व्याख्या (Explanation): प्लाज्मा, आवेशित कणों से बना होने के कारण, विद्युत और चुंबकीय क्षेत्रों से प्रभावित होता है। अंतरिक्ष में तरंगों का प्रसार, विशेष रूप से यदि यह प्लाज्मा से संबंधित है, तो इन आवेशित कणों के बीच विद्युत चुम्बकीय बलों द्वारा संचालित होता है। गुरुत्वाकर्षण बल बहुत कमजोर होता है, और नाभिकीय बल केवल परमाणु नाभिक के भीतर ही प्रभावी होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  3. आकाशगंगा में ऊर्जा का एक रूप जो तरंगों के रूप में यात्रा करता है, अक्सर विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम का हिस्सा होता है। निम्न में से कौन विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम का हिस्सा नहीं है?

    • (a) एक्स-रे
    • (b) ध्वनि तरंगें
    • (c) माइक्रोवेव
    • (d) रेडियो तरंगें

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम में विद्युत चुम्बकीय तरंगों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है, जैसे रेडियो तरंगें, माइक्रोवेव, अवरक्त विकिरण, दृश्य प्रकाश, पराबैंगनी विकिरण, एक्स-रे और गामा किरणें। इन सभी तरंगों को यात्रा करने के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है।

    व्याख्या (Explanation): ध्वनि तरंगें यांत्रिक तरंगें होती हैं, जिन्हें यात्रा करने के लिए एक माध्यम (जैसे हवा, पानी, ठोस) की आवश्यकता होती है। वे विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम का हिस्सा नहीं हैं। एक्स-रे, माइक्रोवेव और रेडियो तरंगें सभी विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के विभिन्न भाग हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  4. यदि तरंगें आकाशगंगा में पदार्थ को संपीड़ित और विरल कर रही हैं, तो यह किस प्रकार की तरंगों का एक उदाहरण हो सकता है?

    • (a) अनुप्रस्थ तरंगें (Transverse Waves)
    • (b) अनुदैर्ध्य तरंगें (Longitudinal Waves)
    • (c) दोनों (a) और (b)
    • (d) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अनुदैर्ध्य तरंगें वे तरंगें होती हैं जिनमें कणों का विस्थापन तरंग के प्रसार की दिशा के समानांतर होता है। ध्वनि तरंगें इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण हैं, जहाँ माध्यम के कण आगे-पीछे संपीड़ित और विरल होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): तरंगें जो पदार्थ को संपीड़ित (compression) और विरल (rarefaction) करती हैं, वे अनुदैर्ध्य तरंगें होती हैं। ध्वनि तरंगें इसी प्रकार की होती हैं। अनुप्रस्थ तरंगों में, माध्यम के कण तरंग के प्रसार की दिशा के लंबवत दोलन करते हैं (जैसे पानी की सतह पर लहरें)। यदि आकाशगंगा में तरंगें ऐसे संपीड़न और विरलीकरण पैदा कर रही हैं, तो वे मुख्य रूप से अनुदैर्ध्य प्रकृति की होंगी, या उनमें अनुदैर्ध्य घटक शामिल होगा।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  5. अंतरिक्ष में, तरंगों की गति पर निर्वात (vacuum) का क्या प्रभाव पड़ता है?

    • (a) गति धीमी हो जाती है
    • (b) गति बढ़ जाती है
    • (c) गति अपरिवर्तित रहती है
    • (d) निर्वात तरंगों को अवशोषित कर लेता है

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विद्युत चुम्बकीय तरंगें (जैसे प्रकाश, रेडियो तरंगें) निर्वात में यात्रा कर सकती हैं और उनकी गति प्रकाश की गति (c ≈ 3 x 10^8 m/s) होती है, जो एक स्थिरांक है। यांत्रिक तरंगों को निर्वात में यात्रा करने के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है, लेकिन यदि प्रश्न किसी ऐसे “तरंग” को संदर्भित करता है जो निर्वात में यात्रा कर सकती है, तो यह विद्युत चुम्बकीय तरंगों की ओर इशारा करता है।

    व्याख्या (Explanation): विद्युत चुम्बकीय तरंगें, जैसे कि प्रकाश या रेडियो तरंगें, निर्वात में बिना किसी माध्यम के अधिकतम गति से यात्रा करती हैं। निर्वात में कोई प्रतिरोध नहीं होता जो उनकी गति को धीमा कर सके। यदि “तरंग” का अर्थ विद्युत चुम्बकीय तरंग है, तो निर्वात में इसकी गति अपरिवर्तित रहती है। यदि इसका अर्थ कोई यांत्रिक तरंग है, तो वह निर्वात में यात्रा ही नहीं कर पाएगी। लेकिन सामान्य संदर्भ में, अंतरिक्ष में “तरंग” अक्सर विद्युत चुम्बकीय प्रकृति की होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  6. एक सामान्य तारकीय वातावरण में, पदार्थ का कौन सा अवस्था (state) सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो इन तरंगों के प्रसार को प्रभावित कर सकता है?

    • (a) ठोस
    • (b) द्रव
    • (c) प्लाज्मा
    • (d) गैस

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ब्रह्मांड का अधिकांश पदार्थ प्लाज्मा अवस्था में मौजूद है। तारे प्लाज्मा के विशाल गोले हैं, और अंतरतारकीय माध्यम (interstellar medium) में भी प्लाज्मा प्रचुर मात्रा में है। प्लाज्मा आयनों और इलेक्ट्रॉनों से बना एक आवेशित गैस है।

    व्याख्या (Explanation): तारे, सुपरनोवा अवशेष, और अंतरतारकीय बादल अक्सर अत्यधिक गर्म और आयनित होते हैं, जिससे वे प्लाज्मा बनाते हैं। प्लाज्मा में आवेशित कणों की उपस्थिति तरंगों के साथ जटिल अंतःक्रियाओं को जन्म देती है, जैसे कि प्लाज्मा तरंगें और विद्युत चुम्बकीय विकिरण का प्रसार। ठोस, द्रव और गैसें भी मौजूद हैं, लेकिन तारे और अंतरतारकीय पदार्थ की विशाल मात्रा प्लाज्मा के रूप में है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  7. यदि आकाशगंगा में यह “विशाल तरंग” डार्क मैटर (Dark Matter) के वितरण से संबंधित है, तो डार्क मैटर के बारे में निम्न में से कौन सा कथन सही है?

    • (a) यह प्रकाश उत्सर्जित करता है
    • (b) यह विद्युत चुम्बकीय रूप से अंतःक्रिया करता है
    • (c) इसका केवल गुरुत्वाकर्षण प्रभाव होता है
    • (d) यह सामान्य पदार्थ से बना होता है

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): डार्क मैटर एक काल्पनिक प्रकार का पदार्थ है जिसके अस्तित्व का पता इसके गुरुत्वाकर्षण प्रभाव से चलता है। यह विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के साथ बहुत कम या कोई अंतःक्रिया नहीं करता है, जिसका अर्थ है कि यह प्रकाश को उत्सर्जित, अवशोषित या परावर्तित नहीं करता है।

    व्याख्या (Explanation): हम डार्क मैटर को सीधे नहीं देख सकते क्योंकि यह प्रकाश के साथ अंतःक्रिया नहीं करता है। इसके अस्तित्व का अनुमान आकाशगंगाओं और आकाशगंगाओं के समूहों के घूर्णन वक्र (rotation curves) और गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग (gravitational lensing) जैसे प्रेक्षणों से लगाया जाता है। यह केवल गुरुत्वाकर्षण के माध्यम से ही अन्य पदार्थों को प्रभावित करता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  8. आकाशगंगाओं में तारों और गैसों के घनत्व में भिन्नता, जो तरंगों के प्रसार को प्रभावित कर सकती है, किसकी एक विशेषता है?

    • (a) न्यूट्रॉन तारे
    • (b) ब्लैक होल
    • (c) नेबुला
    • (d) पल्सर

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): नेबुला (Nebulae) गैस (मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम) और धूल के विशाल बादल होते हैं जो अंतरिक्ष में फैले होते हैं। कुछ नेबुला नए तारों के निर्माण के स्थल होते हैं, जबकि अन्य सुपरनोवा विस्फोटों के अवशेष होते हैं। इनमें घनत्व में काफी भिन्नता पाई जाती है।

    व्याख्या (Explanation): नेबुला में गैस और धूल के बादल अत्यंत भिन्न घनत्व वाले क्षेत्रों से बने हो सकते हैं। ये सघन क्षेत्र (जैसे आणविक बादल) कम सघन क्षेत्रों से भिन्न होते हैं। जब तरंगें इन क्षेत्रों से गुजरती हैं, तो घनत्व में अंतर उनके प्रसार, अवशोषण या प्रकीर्णन को प्रभावित कर सकता है। न्यूट्रॉन तारे, ब्लैक होल और पल्सर बहुत सघन वस्तुएं हैं, लेकिन वे पूरे नेबुला जितने विशाल नहीं होते और पूरे आकाशगंगा में घनत्व भिन्नता का उतना व्यापक कारण नहीं बनते।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  9. यदि तरंगें किसी तारे के अंदर से उत्पन्न हो रही हैं, तो तारे के कोर में होने वाली प्रमुख ऊर्जा उत्पादन प्रक्रिया कौन सी है?

    • (a) परमाणु विखंडन (Nuclear Fission)
    • (b) परमाणु संलयन (Nuclear Fusion)
    • (c) रासायनिक अभिक्रियाएँ
    • (d) गुरुत्वाकर्षण पतन

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): तारों के कोर में, अत्यधिक दबाव और तापमान के कारण परमाणु संलयन की प्रक्रिया होती है। इस प्रक्रिया में, हल्के परमाणु नाभिक (जैसे हाइड्रोजन) मिलकर भारी नाभिक (जैसे हीलियम) बनाते हैं, जिससे भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है।

    व्याख्या (Explanation): सूर्य जैसे तारों में, मुख्य रूप से प्रोटॉन-प्रोटॉन श्रृंखला (proton-proton chain) या CNO चक्र के माध्यम से हाइड्रोजन का हीलियम में संलयन होता है। यह संलयन ऊर्जा का स्रोत है जो तारों को प्रकाशमान रखता है और तरंगों (जैसे प्रकाश और गर्मी) को उत्सर्जित करता है। परमाणु विखंडन आमतौर पर परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में होता है, रासायनिक अभिक्रियाएँ कम ऊर्जा उत्पन्न करती हैं, और गुरुत्वाकर्षण पतन ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है लेकिन यह मुख्य, निरंतर ऊर्जा स्रोत नहीं है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  10. रसायन विज्ञान के दृष्टिकोण से, ब्रह्मांड में सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला तत्व कौन सा है, जो तारों और अंतरतारकीय माध्यम का एक महत्वपूर्ण घटक है?

    • (a) ऑक्सीजन
    • (b) कार्बन
    • (c) हीलियम
    • (d) हाइड्रोजन

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ब्रह्मांड में सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला तत्व हाइड्रोजन है, जो ब्रह्मांड के कुल द्रव्यमान का लगभग 75% है। इसके बाद हीलियम (लगभग 24%) का स्थान आता है।

    व्याख्या (Explanation): हाइड्रोजन सबसे सरल तत्व है, जिसका परमाणु क्रमांक 1 है। तारों का मुख्य ईंधन हाइड्रोजन ही है। अंतरतारकीय माध्यम में भी हाइड्रोजन सबसे आम गैस है। हीलियम दूसरा सबसे आम है, और अन्य सभी तत्व मिलकर शेष 1% से भी कम बनाते हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  11. यदि आकाशगंगा में तरंगें उच्च-ऊर्जा कणों (जैसे कॉस्मिक किरणें) के कारण उत्पन्न हो रही हैं, तो इन कणों का स्रोत क्या हो सकता है?

    • (a) परमाणु ऊर्जा संयंत्र
    • (b) सुपरनोवा विस्फोट और सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक
    • (c) ज्वालामुखी
    • (d) समुद्री ज्वार

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कॉस्मिक किरणें, जो अत्यधिक ऊर्जावान कण होते हैं, मुख्य रूप से ब्रह्मांडीय घटनाओं जैसे सुपरनोवा विस्फोटों, सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक (जैसे क्वासर) और ब्लैक होल के आसपास की प्रक्रियाओं से उत्पन्न होती हैं।

    व्याख्या (Explanation): सुपरनोवा विस्फोटों में शक्तिशाली सदमे की लहरें होती हैं जो कणों को प्रकाश की गति के करीब तक त्वरित कर सकती हैं। सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक, जिनमें सुपरमैसिव ब्लैक होल होते हैं, भी विशाल मात्रा में ऊर्जा उत्सर्जित करते हैं और कणों को गति दे सकते हैं। परमाणु ऊर्जा संयंत्र, ज्वालामुखी और समुद्री ज्वार पृथ्वी पर होने वाली घटनाएँ हैं और इतने उच्च ऊर्जावान कणों को उत्पन्न नहीं करतीं जो कॉस्मिक किरणों के समान हों।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  12. यदि तरंगें आकाशगंगा में चुंबकीय क्षेत्रों में परिवर्तन के कारण हैं, तो निम्न में से कौन सा पदार्थ चुंबकीय क्षेत्रों के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील होता है?

    • (a) कुचालक (Insulators)
    • (b) अर्धचालक (Semiconductors)
    • (c) अनुचुंबकीय (Paramagnetic) और लौहचुंबकीय (Ferromagnetic) पदार्थ
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अनुचुंबकीय पदार्थ चुंबकीय क्षेत्र की उपस्थिति में कमजोर रूप से आकर्षित होते हैं, जबकि लौहचुंबकीय पदार्थ (जैसे लोहा, कोबाल्ट, निकल) बहुत मजबूती से आकर्षित होते हैं और चुंबकीयकरण बनाए रख सकते हैं। कुचालक और अर्धचालक चुंबकीय क्षेत्रों के प्रति कम संवेदनशील होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): आकाशगंगा में प्लाज्मा और विभिन्न प्रकार के खगोलीय पदार्थ होते हैं। इनमें से, अनुचुंबकीय और लौहचुंबकीय गुण वाले पदार्थ चुंबकीय क्षेत्रों में होने वाले परिवर्तनों के प्रति सबसे अधिक प्रतिक्रिया दिखाते हैं, जिससे संभवतः तरंगें उत्पन्न हो सकती हैं या प्रभावित हो सकती हैं। हालाँकि, अंतरिक्ष में मौजूद पदार्थ की प्रकृति अत्यंत जटिल होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  13. एक रासायनिक तत्व जिसका परमाणु क्रमांक 26 है, ब्रह्मांड में मौजूद है और जिसे पृथ्वी पर लोहे के रूप में जाना जाता है। यह तत्व किस प्रकार के खगोलीय पिंडों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है?

    • (a) केवल गैस दानव (Gas Giants)
    • (b) केवल चट्टानी ग्रह (Rocky Planets)
    • (c) तारों के कोर और सुपरनोवा अवशेषों में
    • (d) धूमकेतु (Comets)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): लोहे (परमाणु क्रमांक 26) का निर्माण तारों के कोर में परमाणु संलयन की अंतिम अवस्थाओं में होता है, या यह सुपरनोवा विस्फोटों के दौरान उत्पन्न होता है। भारी तत्व, जैसे लोहा, आमतौर पर चट्टानी ग्रहों के कोर में भी पाए जाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): तारे अपनी जीवन अवधि के अंत में लोहे जैसे भारी तत्वों का निर्माण करते हैं। सुपरनोवा विस्फोट इन तत्वों को अंतरिक्ष में बिखेर देते हैं। पृथ्वी जैसे चट्टानी ग्रहों का कोर लोहे और निकल से बना है। इसलिए, लोहे का वितरण तारों के कोर और सुपरनोवा अवशेषों में सबसे अधिक संबंधित है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  14. यदि आकाशगंगा में ये तरंगें पदार्थ के घूर्णन (rotation) से उत्पन्न हो रही हैं, तो एक घूर्णन करती हुई वस्तु के लिए अभिकेन्द्रीय त्वरण (centripetal acceleration) का सूत्र क्या है?

    • (a) a = v/r
    • (b) a = v^2/r
    • (c) a = vr
    • (d) a = v^2r

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): एक वृत्ताकार पथ पर गतिमान वस्तु के लिए अभिकेन्द्रीय त्वरण (centripetal acceleration), जो हमेशा वृत्त के केंद्र की ओर निर्देशित होता है, का सूत्र a = v^2/r होता है, जहाँ v वस्तु का वेग है और r वृत्त की त्रिज्या है।

    व्याख्या (Explanation): जब आकाशगंगाएं घूमती हैं, या जब उनके भीतर के घटक (जैसे तारे, गैस) घूमते हैं, तो यह घूर्णन एक अभिकेन्द्रीय बल और त्वरण उत्पन्न करता है। इस त्वरण का मान वस्तु के वेग के वर्ग (v^2) और त्रिज्या (r) के अनुपात से दिया जाता है। इस बल के कारण पदार्थ में खिंचाव या तरंगें उत्पन्न हो सकती हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  15. जीव विज्ञान के संदर्भ में, यदि हम “जीवन” के दृष्टिकोण से आकाशगंगा में संभावित तरंगों पर विचार करें, तो इनमें से कौन सा कारक अलौकिक जीवन (extraterrestrial life) के अस्तित्व के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है?

    • (a) उच्च विकिरण स्तर
    • (b) तरल पानी की उपस्थिति
    • (c) अत्यंत ठंडे तापमान
    • (d) ज्वलनशील गैसों की अधिकता

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पृथ्वी पर जीवन के विकास के लिए तरल पानी की उपस्थिति को एक मूलभूत आवश्यकता माना जाता है। यह एक सार्वभौमिक विलायक (universal solvent) है जो जीवन के लिए आवश्यक रासायनिक प्रतिक्रियाओं को संभव बनाता है।

    व्याख्या (Explanation): भले ही हम अलौकिक जीवन के बारे में अनुमान लगा रहे हों, वैज्ञानिक इसे अक्सर पृथ्वी पर जीवन के ज्ञात रूपों के आधार पर मानते हैं। इन रूपों के लिए तरल पानी आवश्यक है। अन्य कारक, जैसे विकिरण, तापमान, और गैसें, जीवन के अस्तित्व को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन तरल पानी को अक्सर सबसे महत्वपूर्ण प्रारंभिक कारक माना जाता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  16. यदि कोई जीव तरंगों के प्रति संवेदनशील है, तो यह किस प्रकार के कोशिका अंग (cell organelle) का उपयोग ऊर्जा प्राप्त करने या संकेत संचारित करने के लिए कर सकता है?

    • (a) नाभिक (Nucleus)
    • (b) माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria)
    • (c) गॉल्जी उपकरण (Golgi Apparatus)
    • (d) लाइसोसोम (Lysosome)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का ‘ऊर्जा घर’ कहा जाता है। यह कोशिकीय श्वसन (cellular respiration) के माध्यम से एटीपी (ATP) के रूप में ऊर्जा उत्पन्न करता है, जो कोशिका की सभी गतिविधियों के लिए आवश्यक है।

    व्याख्या (Explanation): हालांकि प्रश्न सीधा नहीं है, यदि “तरंगें” ऊर्जा का स्रोत हैं या जीवन के लिए आवश्यक ऊर्जा को संसाधित करने की आवश्यकता है, तो माइटोकॉन्ड्रिया वह अंग है जो इस ऊर्जा को जैव-उपलब्ध रूप (ATP) में परिवर्तित करता है। नाभिक आनुवंशिक सामग्री रखता है, गॉल्जी उपकरण प्रोटीन को संसाधित और पैकेज करता है, और लाइसोसोम अपशिष्ट को पचाते हैं। ये सीधे ऊर्जा उत्पादन से उतने संबंधित नहीं हैं जितना माइटोकॉन्ड्रिया।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  17. यदि हम तरंगों के कारण कोशिकाओं में होने वाले आणविक परिवर्तनों पर विचार करें, तो डीएनए (DNA) में उत्परिवर्तन (mutation) का कारण क्या हो सकता है?

    • (a) प्रोटीन संश्लेषण
    • (b) जीन अभिव्यक्ति
    • (c) विकिरण या रासायनिक एजेंट
    • (d) कोशिका विभाजन

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): उत्परिवर्तन डीएनए अनुक्रम में एक स्थायी परिवर्तन है। यह स्वाभाविक रूप से हो सकता है या बाहरी कारकों, जिन्हें म्यूटाजन (mutagens) कहा जाता है, के कारण हो सकता है, जैसे कि कुछ प्रकार के विकिरण (जैसे पराबैंगनी प्रकाश, एक्स-रे) और कुछ रसायन।

    व्याख्या (Explanation): यदि “तरंगें” उच्च-ऊर्जा विकिरण (जैसे ब्रह्मांडीय किरणें) से संबंधित हैं, तो वे डीएनए को नुकसान पहुंचा सकती हैं और उत्परिवर्तन का कारण बन सकती हैं। प्रोटीन संश्लेषण, जीन अभिव्यक्ति और कोशिका विभाजन सामान्य सेलुलर प्रक्रियाएं हैं जो उत्परिवर्तन के कारण नहीं होती हैं, हालांकि वे उत्परिवर्तित डीएनए के परिणामों से प्रभावित हो सकती हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  18. यदि आकाशगंगा में विशाल तरंगें सुपरनोवा विस्फोटों से जुड़ी हैं, तो सुपरनोवा के बाद अंतरिक्ष में कौन से तत्व भारी मात्रा में बिखरे हुए पाए जाते हैं?

    • (a) केवल हाइड्रोजन और हीलियम
    • (b) केवल कार्बन और नाइट्रोजन
    • (c) भारी तत्व जैसे लोहा, सोना और यूरेनियम
    • (d) केवल पानी के अणु

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सुपरनोवा विस्फोट, विशेष रूप से टाइप II सुपरनोवा, संलयन प्रक्रियाओं के माध्यम से या न्यूट्रॉन कैप्चर (n-capture) प्रक्रियाओं द्वारा भारी तत्वों (लोहे से भारी) के उत्पादन और वितरण के लिए जिम्मेदार होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): तारे अपने जीवनकाल में हाइड्रोजन और हीलियम से शुरू करते हैं और धीरे-धीरे कार्बन, ऑक्सीजन, सिलिकॉन जैसे तत्व बनाते हैं। सुपरनोवा विस्फोट की चरम स्थितियों में, लोहा और उससे भी भारी तत्व, जैसे सोना, प्लैटिनम और यूरेनियम, बनते हैं और पूरे ब्रह्मांड में फैल जाते हैं। यही कारण है कि हमें पृथ्वी पर ये तत्व मिलते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  19. कोशिका झिल्ली (cell membrane) में पाए जाने वाले लिपिड (lipids), जो द्रव अवस्था में होते हैं, को बनाए रखने के लिए निम्न में से कौन सा भौतिक गुण महत्वपूर्ण है?

    • (a) पृष्ठ तनाव (Surface Tension)
    • (b) श्यानता (Viscosity)
    • (c) आसंजन (Adhesion)
    • (d) वाष्पीकरण (Evaporation)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): श्यानता (Viscosity) किसी तरल पदार्थ के प्रवाह के प्रतिरोध को मापती है। कोशिका झिल्ली की तरलता (fluidity) और उसके घटकों की गतिशीलता श्यानता से संबंधित है।

    व्याख्या (Explanation): कोशिका झिल्ली में लिपिड बाइलेयर (lipid bilayer) एक अर्ध-तरल (semi-fluid) अवस्था में होती है। इसकी तरलता (fluidity) कोशिका के कई कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है, जैसे परिवहन, संकेत पारगमन (signal transduction) और कोशिका विभाजन। श्यानता इस तरलता का एक माप है; कम श्यानता का अर्थ है अधिक तरलता। पृष्ठ तनाव सतहों पर होता है, आसंजन विभिन्न सतहों के बीच आकर्षण है, और वाष्पीकरण एक अवस्था परिवर्तन है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  20. यदि आकाशगंगा में पदार्थ का घनत्व परिवर्तनशील है, तो प्रकाश (जो विद्युत चुम्बकीय तरंग है) के घनत्व में परिवर्तन के साथ यात्रा करते समय क्या प्रभाव पड़ेगा?

    • (a) प्रकाश की गति बदल जाएगी
    • (b) प्रकाश की दिशा बदल जाएगी (अपवर्तन)
    • (c) प्रकाश विचलित हो जाएगा (विवर्तन)
    • (d) प्रकाश अवशोषित हो जाएगा

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करता है जहाँ उसका अपवर्तनांक (refractive index) भिन्न होता है (जैसे घनत्व में परिवर्तन), तो प्रकाश की गति बदल जाती है और वह अपनी मूल दिशा से मुड़ जाता है। इस घटना को अपवर्तन (refraction) कहते हैं।

    व्याख्या (Explanation): आकाशगंगा में गैस और धूल के बादल असमान घनत्व वाले होते हैं। जब प्रकाश इन विभिन्न घनत्व वाले क्षेत्रों से गुजरता है, तो यह अपवर्तित होता है। यह वही सिद्धांत है जो लेंस को काम करने में मदद करता है या जब प्रकाश हवा से पानी में प्रवेश करता है तो मुड़ जाता है। विवर्तन (diffraction) तब होता है जब प्रकाश अवरोधों के किनारों पर मुड़ता है, और अवशोषण तब होता है जब प्रकाश ऊर्जा खो देता है। गति में परिवर्तन भी होता है, लेकिन दिशा में परिवर्तन (अपवर्तन) अधिक प्रत्यक्ष और प्रेक्षणीय प्रभाव है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  21. यदि “तरंगें” किसी तारे की सतह से उत्सर्जित हो रही हैं, तो उस तारे का रंग उसके तापमान के बारे में क्या बताता है?

    • (a) लाल तारे सबसे गर्म होते हैं
    • (b) नीले तारे सबसे गर्म होते हैं
    • (c) पीले तारे सबसे ठंडे होते हैं
    • (d) सभी तारे समान तापमान के होते हैं

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): किसी वस्तु का रंग उसके द्वारा उत्सर्जित विकिरण के तरंग दैर्ध्य (wavelength) पर निर्भर करता है। उच्च तापमान पर, वस्तुएं छोटी तरंग दैर्ध्य (नीला, बैंगनी) वाले प्रकाश का उत्सर्जन करती हैं, जबकि कम तापमान पर, वे लंबी तरंग दैर्ध्य (लाल, नारंगी) वाले प्रकाश का उत्सर्जन करती हैं।

    व्याख्या (Explanation): तारे काले पिंड (blackbody) की तरह विकिरण उत्सर्जित करते हैं। सबसे गर्म तारे नीले या सफेद रंग के दिखाई देते हैं क्योंकि वे छोटी तरंग दैर्ध्य (उच्च आवृत्ति) पर अधिकतम विकिरण उत्सर्जित करते हैं। सूर्य जैसे पीले तारे मध्यम तापमान के होते हैं, और लाल तारे अपेक्षाकृत ठंडे होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  22. रसायन विज्ञान में, एक यौगिक जो जीवन के लिए आवश्यक है और पानी का एक बहुलक (polymer) है, वह क्या है?

    • (a) अमोनिया (NH3)
    • (b) मीथेन (CH4)
    • (c) पानी (H2O)
    • (d) कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पानी (H2O) एक यौगिक है जो पृथ्वी पर जीवन के लिए मौलिक है। जबकि यह तकनीकी रूप से एक ‘बहुलक’ नहीं है (जो मोनोमर इकाइयों से बना होता है), यह स्वयं एक ध्रुवीय अणु है जो हाइड्रोजन बांड के माध्यम से बड़ी संख्या में अन्य पानी के अणुओं से जुड़ सकता है, जिससे इसके अद्वितीय गुण बनते हैं। प्रश्न में ‘बहुलक’ शब्द थोड़ा भ्रामक हो सकता है, लेकिन संदर्भ में पानी जीवन के लिए आवश्यक है।

    व्याख्या (Explanation): पानी अपने अद्वितीय गुणों (जैसे उच्च विशिष्ट ऊष्मा, पृष्ठ तनाव, विलायक क्षमता) के कारण जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह रासायनिक रूप से स्थिर है और कई जैव रासायनिक प्रतिक्रियाओं का माध्यम है। अमोनिया, मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड भी महत्वपूर्ण अणु हैं, लेकिन पृथ्वी पर जीवन के लिए पानी जितनी मूलभूत आवश्यकता नहीं हैं, और ये बहुलक नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  23. यदि कोई जीव प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) करता है, तो वह अपने विकास के लिए ऊर्जा प्राप्त करने हेतु किन तरंगों का उपयोग करेगा?

    • (a) अवरक्त तरंगें (Infrared waves)
    • (b) पराबैंगनी तरंगें (Ultraviolet waves)
    • (c) दृश्य प्रकाश तरंगें (Visible light waves)
    • (d) रेडियो तरंगें (Radio waves)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे और कुछ अन्य जीव सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी को ग्लूकोज (एक प्रकार की शर्करा) और ऑक्सीजन में परिवर्तित करते हैं। यह प्रक्रिया मुख्य रूप से दृश्य प्रकाश स्पेक्ट्रम के नीले और लाल क्षेत्रों में होती है।

    व्याख्या (Explanation): क्लोरोफिल, वह वर्णक जो पौधों को हरा रंग देता है, दृश्य प्रकाश स्पेक्ट्रम के नीले और लाल तरंग दैर्ध्य को अवशोषित करता है और हरे रंग को परावर्तित करता है। यह अवशोषित प्रकाश संश्लेषण के लिए ऊर्जा प्रदान करता है। अवरक्त, पराबैंगनी और रेडियो तरंगें प्रकाश संश्लेषण के लिए ऊर्जा का प्रमुख स्रोत नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  24. यदि कोई तरंग घन माध्यम (dense medium) से विरल माध्यम (rare medium) में प्रवेश करती है, तो क्या होता है?

    • (a) तरंग सीधी रेखा में चलती रहती है
    • (b) तरंग सामान्य (normal) की ओर झुक जाती है
    • (c) तरंग सामान्य से दूर झुक जाती है
    • (d) तरंग पूरी तरह से परावर्तित हो जाती है

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जब कोई तरंग (जैसे प्रकाश) एक सघन माध्यम (जैसे पानी) से विरल माध्यम (जैसे हवा) में तिरछे प्रवेश करती है, तो यह सामान्य (normal) से दूर झुक जाती है। इसके विपरीत, जब यह विरल से सघन माध्यम में प्रवेश करती है, तो यह सामान्य की ओर झुक जाती है।

    व्याख्या (Explanation): इसका कारण माध्यमों के अपवर्तनांक (refractive indices) में अंतर है। सघन माध्यम का अपवर्तनांक अधिक होता है, और विरल माध्यम का कम। प्रकाश की गति विरल माध्यम में सघन माध्यम की तुलना में अधिक होती है। जब तरंग सघन से विरल माध्यम में जाती है, तो वह तेज हो जाती है और अपनी दिशा बदल लेती है, सामान्य से दूर की ओर।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

सफलता सिर्फ कड़ी मेहनत से नहीं, सही मार्गदर्शन से मिलती है। हमारे सभी विषयों के कम्पलीट नोट्स, G.K. बेसिक कोर्स, और करियर गाइडेंस बुक के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
[कोर्स और फ्री नोट्स के लिए यहाँ क्लिक करें]

Leave a Comment