अहमदाबाद क्रैश का रहस्य: ब्लैक बॉक्स की खामोशी और ‘रिप्स’ सिस्टम का अंधेरा – एक विस्तृत पड़ताल!
चर्चा में क्यों? (Why in News?):**
हाल ही में अहमदाबाद के पास एक विमान दुर्घटना ने उड्डयन सुरक्षा की दुनिया में चिंता की लहरें दौड़ा दी हैं। हालांकि, इस दुखद घटना की जांच एक गंभीर बाधा का सामना कर रही है: विमान के “ब्लैक बॉक्स” (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) से महत्वपूर्ण डेटा का गायब होना। विशेष रूप से, दुर्घटना से ठीक पहले के अंतिम 10 मिनट का डेटा रिकॉर्ड नहीं हो पाया है, जिससे दुर्घटना के कारणों का पता लगाना बेहद मुश्किल हो गया है। यह घटना कई गंभीर सवाल खड़े करती है, जिनमें सबसे प्रमुख है विमान के ‘रिप्स’ (RIPS – Runway Inclination Protection System) सिस्टम की भूमिका। क्या यह सिस्टम दुर्घटना से पहले ही निष्क्रिय था? यह एक ऐसा प्रश्न है जो पूरी जांच की दिशा को प्रभावित कर सकता है। यह ब्लॉग पोस्ट इस मामले की तह तक जाएगा, ब्लैक बॉक्स के महत्व, डेटा के नुकसान के निहितार्थ, ‘रिप्स’ सिस्टम की कार्यप्रणाली और एविएशन सेफ्टी के व्यापक संदर्भों पर प्रकाश डालेगा।
विमान दुर्घटनाओं की जांच: ब्लैक बॉक्स का महत्व
जब भी कोई विमान दुर्घटना होती है, तो सबसे पहले जो चीज़ें खोजी जाती हैं, वे हैं फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR), जिन्हें सामूहिक रूप से “ब्लैक बॉक्स” के नाम से जाना जाता है। ये चमकीले नारंगी रंग के डिब्बे, जो वास्तव में काले नहीं होते, विमान के सबसे महत्वपूर्ण “गवाह” होते हैं।
- फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR): यह विमान के प्रदर्शन से संबंधित सैकड़ों मापदंडों को रिकॉर्ड करता है। इसमें ऊंचाई, गति, इंजन प्रदर्शन, नियंत्रण सतहों की स्थिति, ऑटोपायलट की सेटिंग्स, लैंडिंग गियर की स्थिति और यहां तक कि पायलटों द्वारा किए गए इनपुट जैसी जानकारी शामिल होती है। यह हमें बताता है कि ‘क्या’ हुआ।
- कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR): यह कॉकपिट के अंदर की सभी आवाज़ों को रिकॉर्ड करता है। इसमें पायलटों के बीच बातचीत, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) के साथ संचार, इंजन की आवाज़ें, अलार्म और कॉकपिट के अंदर होने वाली कोई भी अन्य ध्वनि शामिल होती है। यह हमें बताता है कि ‘क्यों’ हुआ, यानी पायलटों की प्रतिक्रियाएं और उनके निर्णय क्या थे।
इन दोनों रिकॉर्डरों से प्राप्त डेटा विमान दुर्घटना के कारणों को समझने के लिए अमूल्य होता है। यह पायलटों की गलती, यांत्रिक विफलता, खराब मौसम, वायु यातायात नियंत्रण में त्रुटि, या इन सभी कारकों के संयोजन का पता लगाने में मदद करता है। बिना इस डेटा के, जांचकर्ता केवल भौतिक साक्ष्य (जैसे विमान के टुकड़े) और गवाहों के बयानों पर निर्भर रह जाते हैं, जो अक्सर अपर्याप्त साबित होते हैं।
क्यों महत्वपूर्ण हैं ये अंतिम 10 मिनट?
किसी भी उड़ान के अंतिम क्षण, विशेष रूप से टेक-ऑफ और लैंडिंग के दौरान, सबसे अधिक जोखिम भरे होते हैं। इसी अवधि में अधिकांश विमान दुर्घटनाएं होती हैं। अंतिम 10 मिनट में अक्सर विमान अपनी सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं से गुजर रहा होता है, जैसे कि क्रूज ऊंचाई तक पहुंचना, या लैंडिंग के लिए अंतिम दृष्टिकोण बनाना। इस दौरान पायलटों को कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने होते हैं, सिस्टम के साथ इंटरैक्ट करना होता है, और अप्रत्याशित परिस्थितियों (जैसे अचानक मौसम परिवर्तन या उपकरण की खराबी) पर प्रतिक्रिया करनी होती है। इस प्रकार, इन अंतिम क्षणों का डेटा दुर्घटना के तात्कालिक कारणों को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अहमदाबाद क्रैश के मामले में, इन 10 मिनट के डेटा का न होना एक बहुत बड़ी चुनौती है।
‘रिप्स’ (RIPS) सिस्टम: एक संभावित कड़ी?
अहमदाबाद क्रैश जांच में ‘रिप्स’ (Runway Inclination Protection System) सिस्टम पर सवाल उठना इस घटना को एक तकनीकी आयाम देता है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि ‘रिप्स’ क्या है और यह विमान संचालन में क्या भूमिका निभा सकता है:
‘रिप्स’ (RIPS) सिस्टम क्या है?
‘रिप्स’ (Runway Inclination Protection System) एक सुरक्षा प्रणाली है जिसे कुछ विमानों में, विशेष रूप से बड़े यात्री जेट में, स्थापित किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य रनवे पर विमान के झुकाव (inclination) को नियंत्रित करना और गलत दिशा में या अनियंत्रित तरीके से झुकाव को रोकना है। विशेष रूप से, यह टैक्सीिंग (runway पर धीमी गति से चलना) या टर्न लेते समय विमान की ओर से असामान्य झुकाव को महसूस कर सकता है और पायलटों को सचेत कर सकता है या स्वचालित रूप से सिस्टम को निष्क्रिय कर सकता है ताकि विमान को अस्थिर होने से बचाया जा सके।
‘रिप्स’ और दुर्घटना का संभावित संबंध
यह संभव है कि ‘रिप्स’ सिस्टम को विमान की किसी असामान्य स्थिति, जैसे कि इंजन की समस्या, ब्रेकिंग सिस्टम में गड़बड़ी, या किसी अन्य यांत्रिक खराबी के कारण ट्रिगर होने के लिए डिज़ाइन किया गया हो, जो संभवतः रनवे पर या उसके पास हुई हो। यदि यह सिस्टम दुर्घटना से पहले सक्रिय हो गया और पायलटों को सूचित किया, या यदि यह स्वयं कोई समस्या पैदा कर रहा हो, तो यह घटना के कारणों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है।
सवाल यह उठता है:
- क्या ‘रिप्स’ सिस्टम ने कोई खराबी का संकेत दिया था?
- क्या पायलटों को इस सिस्टम से संबंधित कोई अलर्ट मिला था?
- क्या यह सिस्टम दुर्घटना के क्षणों में किसी तरह से शामिल था?
- यदि ‘रिप्स’ सिस्टम वास्तव में दुर्घटना का कारण या कारक था, तो यह पहले से बंद (inactive) क्यों था? क्या इसे जानबूझकर बंद किया गया था, या यह अपनी खराबी के कारण बंद हो गया?
यदि ‘रिप्स’ सिस्टम दुर्घटना से पहले ही बंद था, तो इसका मतलब यह हो सकता है कि सिस्टम का वह पहलू जो शायद विमान को खतरे से आगाह करता या उसे नियंत्रित करता, काम नहीं कर रहा था। इससे यह सवाल उठता है कि क्या सिस्टम की खराबी को पहले पहचाना गया था, या क्या यह एक अनदेखा खतरा था जो अंततः घातक साबित हुआ।
डेटा लॉस के निहितार्थ: जांच पर प्रभाव
अंतिम 10 मिनट के डेटा का ब्लैक बॉक्स से गायब होना, विशेष रूप से CVR और FDR दोनों से, विमान दुर्घटना जांच के लिए एक भयानक झटका है। इसके कई गंभीर निहितार्थ हैं:
- कारणों की पहचान में कठिनाई: जांचकर्ताओं के पास सबसे महत्वपूर्ण समय अवधि का प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं होगा, जब विमान अपनी अंतिम उड़ान के चरणों में था। इससे दुर्घटना के सटीक कारण का पता लगाना अत्यंत कठिन हो जाएगा।
- सिद्धांतों पर निर्भरता: जांचकर्ताओं को ब्लैक बॉक्स डेटा पर निर्भर रहने के बजाय, अन्य उपलब्ध साक्ष्यों, जैसे एयर ट्रैफिक कंट्रोल रिकॉर्ड, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर से उपलब्ध पहले का डेटा, विमान के मलबे के विश्लेषण, और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों पर बहुत अधिक निर्भर रहना होगा।
- ‘रिप्स’ सिस्टम पर अधिक ध्यान: चूंकि ब्लैक बॉक्स से तत्काल डेटा नहीं है, इसलिए ‘रिप्स’ सिस्टम जैसी अन्य संभावित कमियों या तकनीकी मुद्दों पर जांचकर्ताओं का ध्यान और भी अधिक केंद्रित हो जाएगा।
- निर्णायक साक्ष्य की कमी: ऐसे मामलों में, जहां ब्लैक बॉक्स डेटा पूरी तरह से उपलब्ध नहीं होता, कारण-प्रभाव संबंध स्थापित करना मुश्किल हो जाता है, जिससे अदालती मामलों या क्षतिपूर्ति के दावों में जटिलताएं आ सकती हैं।
- भविष्य की सुरक्षा में बाधा: दुर्घटनाओं से सीखकर भविष्य की उड़ानों को सुरक्षित बनाने का प्राथमिक लक्ष्य प्रभावित होता है, क्योंकि सटीक कारण का पता नहीं चल पाता।
यह स्थिति विमानन सुरक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी है, जो यह रेखांकित करती है कि ब्लैक बॉक्स जैसी रिकॉर्डिंग प्रणालियों की अखंडता और डेटा की निरंतरता कितनी महत्वपूर्ण है।
एविएशन सेफ्टी: चुनौतियाँ और भविष्य की राह
यह घटना विमानन सुरक्षा के व्यापक संदर्भ में कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाती है:
प्रमुख चुनौतियाँ:
- तकनीकी विफलताएं: चाहे वह ब्लैक बॉक्स रिकॉर्डिंग की विफलता हो या ‘रिप्स’ जैसे सिस्टम की खराबी, तकनीकी असफलताएं हमेशा एक चिंता का विषय रहती हैं।
- मानवीय त्रुटि: पायलटों, ग्राउंड क्रू या एयर ट्रैफिक कंट्रोल द्वारा की गई गलतियां अभी भी दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण हैं।
- मौसम: खराब मौसम की स्थिति, जैसे तूफान, कोहरे या तेज हवाएं, दुर्घटनाओं के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
- सिस्टम की जटिलता: आधुनिक विमान अत्यधिक जटिल मशीनों के रूप में विकसित हो गए हैं, जहां विभिन्न सिस्टम एक-दूसरे पर निर्भर करते हैं। एक सिस्टम की विफलता दूसरे को प्रभावित कर सकती है।
- नियामक अनुपालन: यह सुनिश्चित करना कि सभी एयरलाइंस और निर्माता सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन करें, एक सतत चुनौती है।
- रखरखाव और निरीक्षण: विमानों का नियमित और गहन रखरखाव उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
भविष्य की राह:
- उन्नत रिकॉर्डिंग सिस्टम: यह सुनिश्चित करने के लिए कि डेटा हानि न हो, ब्लैक बॉक्स की विश्वसनीयता और डेटा अखंडता को बढ़ाने के लिए नई प्रौद्योगिकियों पर शोध और विकास। उदाहरण के लिए, अंडरवाटर लोकेटर बीकन (ULB) की बैटरी लाइफ बढ़ाना या अन्य तरीकों से डेटा ट्रांसमिशन सुनिश्चित करना।
- ‘रिप्स’ जैसे सिस्टम का गहन परीक्षण: ‘रिप्स’ जैसे सुरक्षा-महत्वपूर्ण प्रणालियों का अधिक कठोर परीक्षण, कैलिब्रेशन और निरंतर निगरानी।
- बेहतर दोष निदान: विमानों में ऐसे सिस्टम विकसित करना जो खराबी का पता लगाने और पायलटों को समय पर सूचित करने में सक्षम हों, ताकि वे समय रहते सुधारात्मक कार्रवाई कर सकें।
- पायलट प्रशिक्षण: अप्रत्याशित घटनाओं, विशेष रूप से सिस्टम की विफलता की स्थितियों से निपटने के लिए पायलटों को निरंतर और उन्नत प्रशिक्षण प्रदान करना।
- डेटा एनालिटिक्स: बड़ी मात्रा में उड़ान डेटा का विश्लेषण करके संभावित सुरक्षा जोखिमों की पहचान करना और निवारक उपाय लागू करना।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: सुरक्षा मानकों और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए विभिन्न देशों के उड्डयन नियामकों और निर्माताओं के बीच मजबूत सहयोग।
अहमदाबाद क्रैश, खासकर ब्लैक बॉक्स डेटा के अभाव और ‘रिप्स’ सिस्टम पर उठे सवालों के साथ, विमानन सुरक्षा के प्रति हमारी निरंतर सतर्कता की आवश्यकता को एक बार फिर रेखांकित करता है। यह घटना न केवल उन लोगों के लिए त्रासदी है जो इसमें शामिल थे, बल्कि विमानन उद्योग के लिए एक सीख भी है कि कैसे हम अपने सबसे महत्वपूर्ण डेटा स्रोतों को सुरक्षित रख सकते हैं और अपनी प्रौद्योगिकियों की जटिलताओं को पूरी तरह से समझ सकते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच एक नाजुक दौर से गुजर रही है, जहां ब्लैक बॉक्स के अंतिम 10 मिनट के डेटा का न होना एक बड़ी चुनौती है। ‘रिप्स’ सिस्टम पर उठाए गए सवाल जांच की दिशा तय करेंगे, और यह उम्मीद की जाती है कि अन्य साक्ष्य और विश्लेषण इस रहस्य को सुलझाने में मदद करेंगे। इस घटना से यह स्पष्ट है कि विमानन सुरक्षा एक बहुआयामी प्रयास है जिसमें प्रौद्योगिकी, मानव निरीक्षण और निरंतर सीखना शामिल है। सभी हितधारकों को यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और उड़ानें हमेशा सुरक्षित रहें।
UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)
प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs
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प्रश्न: विमान दुर्घटना जांच में “ब्लैक बॉक्स” का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?
(a) विमान की ईंधन दक्षता की निगरानी करना।
(b) उड़ान के दौरान चालक दल की गतिविधियों और विमान के प्रदर्शन का रिकॉर्ड रखना।
(c) यात्रियों की संख्या का सटीक लेखा-जोखा रखना।
(d) मौसम की भविष्यवाणी करना।
उत्तर: (b)
व्याख्या: ब्लैक बॉक्स में फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) शामिल होते हैं, जो उड़ान के महत्वपूर्ण मापदंडों और चालक दल की बातचीत को रिकॉर्ड करते हैं। -
प्रश्न: फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) निम्नलिखित में से कौन सी जानकारी रिकॉर्ड करता है?
- विमान की ऊंचाई और गति
- इंजन का प्रदर्शन
- लैंडिंग गियर की स्थिति
- पायलटों के बीच बातचीत
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:
(a) केवल i, ii और iii
(b) केवल ii, iii और iv
(c) केवल i, iii और iv
(d) i, ii, iii और iv
उत्तर: (a)
व्याख्या: FDR विमान के प्रदर्शन से संबंधित डेटा रिकॉर्ड करता है, जबकि CVR कॉकपिट में होने वाली बातचीत को रिकॉर्ड करता है। इसलिए, विकल्प (a) सही है। -
प्रश्न: कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) निम्नलिखित में से किस प्रकार की ध्वनि को रिकॉर्ड करता है?
(a) केवल पायलटों के बीच संचार
(b) केवल एयर ट्रैफिक कंट्रोल से प्राप्त निर्देश
(c) पायलटों के बीच बातचीत, ATC संचार, अलार्म और कॉकपिट की अन्य आवाजें
(d) विमान के बाहर का वातावरण
उत्तर: (c)
व्याख्या: CVR कॉकपिट के अंदर की सभी महत्वपूर्ण आवाजों को रिकॉर्ड करता है, जिसमें पायलटों की बातचीत, ATC से संचार और कोई भी अलर्ट या अलार्म शामिल हैं। -
प्रश्न: किसी विमान दुर्घटना के विश्लेषण में, उड़ान के “अंतिम 10 मिनट” विशेष रूप से महत्वपूर्ण क्यों माने जाते हैं?
(a) क्योंकि इस दौरान विमान अपनी सबसे कम गति पर होता है।
(b) क्योंकि यह वह समय होता है जब सबसे अधिक यात्री कॉकपिट में प्रवेश करते हैं।
(c) क्योंकि यह वह अवधि होती है जब विमान टेक-ऑफ या लैंडिंग जैसी सबसे जोखिम भरी प्रक्रियाएं कर रहा होता है।
(d) क्योंकि इस दौरान ईंधन की खपत सबसे कम होती है।
उत्तर: (c)
व्याख्या: उड़ान के अंतिम क्षण, जैसे टेक-ऑफ और लैंडिंग, सबसे अधिक जोखिम वाले होते हैं क्योंकि इसी दौरान अधिकांश दुर्घटनाएं होती हैं। -
प्रश्न: ‘रिप्स’ (RIPS) सिस्टम का प्राथमिक कार्य क्या है?
(a) विमान के इंजन के तापमान को नियंत्रित करना।
(b) रनवे पर विमान के झुकाव (inclination) को नियंत्रित करना और असामान्य झुकाव को रोकना।
(c) कॉकपिट केबिन के दबाव को नियंत्रित करना।
(d) रेडियो संचार की गुणवत्ता को बढ़ाना।
उत्तर: (b)
व्याख्या: ‘रिप्स’ (Runway Inclination Protection System) विमान के रनवे पर टैक्सीिंग या टर्न लेते समय असामान्य झुकाव को रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया है। -
प्रश्न: यदि ब्लैक बॉक्स का डेटा उपलब्ध नहीं है, तो विमान दुर्घटना जांच किस पर अधिक निर्भर हो सकती है?
- प्रत्यक्षदर्शियों के बयान
- एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) रिकॉर्ड
- विमान के मलबे का भौतिक विश्लेषण
- मौसम संबंधी रिपोर्ट
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:
(a) केवल i, ii और iii
(b) केवल ii, iii और iv
(c) केवल i, iii और iv
(d) i, ii, iii और iv
उत्तर: (d)
व्याख्या: ब्लैक बॉक्स डेटा की अनुपस्थिति में, जांचकर्ता अन्य सभी उपलब्ध साक्ष्यों पर निर्भर होते हैं। -
प्रश्न: विमानन सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए, निम्न में से कौन सा एक महत्वपूर्ण पहलू है?
(a) ब्लैक बॉक्स रिकॉर्डिंग की विश्वसनीयता बढ़ाना।
(b) पायलटों के लिए उन्नत प्रशिक्षण।
(c) सुरक्षा-महत्वपूर्ण प्रणालियों का कठोर परीक्षण।
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर: (d)
व्याख्या: विमानन सुरक्षा एक बहुआयामी क्षेत्र है जिसमें प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण और प्रणालीगत अखंडता सभी महत्वपूर्ण हैं। -
प्रश्न: ‘रिप्स’ (RIPS) सिस्टम से संबंधित संभावित जांच प्रश्न क्या हो सकता है यदि वह दुर्घटना से पहले निष्क्रिय पाया जाए?
(a) क्या सिस्टम में खराबी थी?
(b) क्या सिस्टम को जानबूझकर निष्क्रिय किया गया था?
(c) क्या सिस्टम की खराबी की पहचान की गई थी?
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर: (d)
व्याख्या: यदि कोई सुरक्षा-महत्वपूर्ण प्रणाली निष्क्रिय पाई जाती है, तो यह सवाल उठता है कि क्या यह स्वतः हुआ, जानबूझकर किया गया, या पहले पहचाना गया था। -
प्रश्न: विमान दुर्घटना जांच में ब्लैक बॉक्स डेटा की अनुपलब्धता का सबसे गंभीर निहितार्थ क्या है?
(a) जांचकर्ताओं के पास सबसे महत्वपूर्ण अवधि का प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं होता।
(b) दुर्घटना के कारण की पहचान करना अत्यंत कठिन हो जाता है।
(c) भविष्य की उड़ानों को सुरक्षित बनाने के लिए सीख प्राप्त करना प्रभावित होता है।
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर: (d)
व्याख्या: डेटा की अनुपलब्धता जांच की हर प्रक्रिया को जटिल बनाती है और सुरक्षा सुधारों को बाधित करती है। -
प्रश्न: ‘रिप्स’ (RIPS) सिस्टम आम तौर पर किस प्रकार के विमानों में पाया जाता है?
(a) छोटे प्रशिक्षण विमान
(b) सैन्य लड़ाकू जेट
(c) बड़े यात्री जेट
(d) हेलिकॉप्टर
उत्तर: (c)
व्याख्या: ‘रिप्स’ जैसे जटिल सिस्टम अक्सर बड़े और अधिक उन्नत विमानों में पाए जाते हैं।
मुख्य परीक्षा (Mains)
- प्रश्न: विमान दुर्घटनाओं की जांच में ब्लैक बॉक्स (FDR और CVR) के महत्व पर चर्चा करें। ब्लैक बॉक्स से महत्वपूर्ण डेटा के खो जाने की स्थिति में जांच प्रक्रिया पर पड़ने वाले संभावित प्रभावों का विश्लेषण करें। (लगभग 250 शब्द)
- प्रश्न: ‘रिप्स’ (Runway Inclination Protection System) जैसे विमान सुरक्षा प्रणालियों की भूमिका और महत्व को स्पष्ट करें। यदि ऐसे सिस्टम दुर्घटनाओं से पहले निष्क्रिय पाए जाते हैं, तो यह विमानन सुरक्षा के लिए क्या निहितार्थ रखता है? (लगभग 250 शब्द)
- प्रश्न: विमानन सुरक्षा को बढ़ाने के लिए अपनाई जाने वाली वर्तमान विधियों और भविष्य की संभावित दिशाओं पर प्रकाश डालें, विशेष रूप से तकनीकी विफलताओं और डेटा अखंडता के मुद्दों के संदर्भ में। (लगभग 150 शब्द)
- प्रश्न: अहमदाबाद प्लेन क्रैश जैसे घटनाक्रम, जहां ब्लैक बॉक्स का डेटा उपलब्ध नहीं है, विमानन नियामक निकायों और विमान निर्माताओं के लिए किस प्रकार की चुनौतियाँ पेश करते हैं? इन चुनौतियों से निपटने के लिए क्या सुधारात्मक उपाय किए जा सकते हैं? (लगभग 150 शब्द)