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अमेरिका में भारतीय की हत्या: नफरत, बेरोजगारी और खोखली सुरक्षा का एक खौफनाक सच

अमेरिका में भारतीय की हत्या: नफरत, बेरोजगारी और खोखली सुरक्षा का एक खौफनाक सच

चर्चा में क्यों? (Why in News?):

हाल ही में अमेरिका में एक भारतीय नागरिक की दुखद हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। मारे गए व्यक्ति की अंतिम पोस्ट में नस्लीय नफरत और जानबूझकर भोजन में जहर मिलाए जाने का जिक्र, और यह जानकारी कि वह एक साल से बेरोजगार था, इस घटना को केवल एक आम अपराध से कहीं ज़्यादा बना देती है। यह मामला अमेरिका में अप्रवासियों के सामने आने वाली चुनौतियों, विशेष रूप से नस्लीय भेदभाव, आर्थिक असुरक्षा और व्यक्तिगत सुरक्षा के मुद्दों पर प्रकाश डालता है। यह घटना भारत में भी चिंता का विषय बन गई है, और विदेश में बसे भारतीयों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है।

पृष्ठभूमि: एक दुखद अंत की कहानी (Background: A Tragic End to a Story)

यह घटना अमेरिका में जीवन की अनिश्चितताओं और संभावित खतरों का एक मार्मिक उदाहरण है। पीड़ित, एक भारतीय नागरिक, जिसका हाल ही में अमेरिका में निधन हो गया, ने अपने अंतिम संदेशों में गंभीर चिंताओं को व्यक्त किया था। उसने न केवल नस्लीय नफरत का सामना करने का दावा किया, बल्कि यह भी आशंका जताई कि उसके भोजन में जानबूझकर जहर मिलाया गया था। इससे भी बढ़कर, यह पता चला कि वह पिछले एक वर्ष से बेरोजगार था। ये सभी कारक मिलकर एक ऐसी तस्वीर पेश करते हैं जो न केवल व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि व्यापक सामाजिक और आर्थिक समस्याओं का भी प्रतिबिंब है।

यह मामला उन लाखों भारतीयों के लिए एक चेतावनी है जो बेहतर अवसरों की तलाश में विदेशों का रुख करते हैं। यह याद दिलाता है कि “अमेरिकन ड्रीम” हमेशा वैसा नहीं होता जैसा दिखता है, और विदेश में सफलता की राह अक्सर अनगिनत बाधाओं से भरी होती है।

नस्लीय नफरत: एक सतत चिंता (Racial Hatred: A Persistent Concern)

पीड़ित की अंतिम पोस्ट में “नस्लीय नफरत” का उल्लेख अमेरिका में नस्लीय पूर्वाग्रहों की गहरी जड़ें होने का संकेत देता है। भले ही अमेरिका को विविध संस्कृतियों के मिलनसार के रूप में देखा जाता है, लेकिन समय-समय पर नस्लीय भेदभाव और नफरत की घटनाएं सामने आती रहती हैं। विशेष रूप से, एशियाई मूल के लोगों के खिलाफ नफरत अपराधों में वृद्धि देखी गई है।

“नस्लीय नफरत एक अदृश्य दीवार की तरह है जो समाजों को विभाजित करती है, अवसरों को सीमित करती है और असुरक्षा की भावना पैदा करती है।”

विभिन्न संदर्भों में नस्लीय नफरत:

  • रोज़गार में भेदभाव: कई अप्रवासी, अपनी योग्यताओं के बावजूद, केवल अपनी त्वचा के रंग या जातीयता के कारण नौकरी पाने या पदोन्नति प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करते हैं।
  • सामाजिक बहिष्करण: उन्हें अक्सर सामाजिक समारोहों, समुदायों या यहां तक कि सार्वजनिक स्थानों पर भी बहिष्कृत महसूस कराया जाता है।
  • हिंसक अपराध: दुर्लभ मामलों में, यह नफरत हिंसक अपराधों में परिणत हो सकती है, जैसा कि इस दुखद घटना में देखा गया।

UPSC परिप्रेक्ष्य: यह मुद्दा भारतीय समाज के लिए अंतर्राष्ट्रीय संबंधों, सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों जैसे विषयों के तहत प्रासंगिक है। यह विदेशी धरती पर भारतीयों के अधिकारों और सुरक्षा से संबंधित भी है।

बेरोजगारी और आर्थिक असुरक्षा (Unemployment and Economic Insecurity)

पीड़ित का एक साल से बेरोजगार होना एक महत्वपूर्ण कारक है। अमेरिका जैसे विकसित देश में भी, अप्रवासियों के लिए नौकरी की सुरक्षा एक बड़ी चिंता का विषय हो सकती है। विभिन्न कारण उन्हें इस स्थिति में धकेल सकते हैं:

  • वीज़ा संबंधी मुद्दे: वीज़ा की स्थिति में बदलाव या समाप्त होने से नौकरी छूट सकती है।
  • कौशल का बेमेल होना: कभी-कभी, भारत में अर्जित कौशल अमेरिका के नौकरी बाजार की मांगों से मेल नहीं खाते।
  • प्रतिस्पर्धा: उच्च-कुशल नौकरियों के लिए भी कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है।
  • आर्थिक मंदी: वैश्विक या स्थानीय आर्थिक मंदी से अप्रवासी, जो अक्सर अपनी नौकरी में कम सुरक्षित माने जाते हैं, सबसे पहले प्रभावित होते हैं।

आर्थिक असुरक्षा के परिणाम:

  • मानसिक तनाव: वित्तीय अनिश्चितता गंभीर मानसिक तनाव और अवसाद का कारण बन सकती है।
  • स्वास्थ्य समस्याएं: तनाव और उचित स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच की कमी से स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।
  • सामाजिक अलगाव: आर्थिक तंगी लोगों को सामाजिक गतिविधियों से दूर कर सकती है।
  • संभावित जोखिम: हताशा में, व्यक्ति ऐसे रास्तों पर भी जा सकता है जो जोखिम भरे हों।

UPSC परिप्रेक्ष्य: यह मुद्दा अर्थव्यवस्था (रोज़गार सृजन, अप्रवासी श्रम बल), सामाजिक न्याय (आर्थिक असमानता), और अंतर्राष्ट्रीय संबंध (प्रवासी नीतियां) जैसे विषयों से जुड़ा है।

सुरक्षा की खोखली गारंटी? (A Hollow Guarantee of Safety?)

जब कोई व्यक्ति अमेरिका में “नस्लीय नफरत” का सामना करने और “भोजन में जहर” दिए जाने का आरोप लगाता है, तो यह उस देश में सुरक्षा की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाता है। यह सिर्फ एक व्यक्तिगत अनुभव नहीं हो सकता, बल्कि यह एक पैटर्न का हिस्सा हो सकता है जहाँ अप्रवासी असुरक्षित महसूस करते हैं।

सुरक्षा संबंधी चिंताएँ:

  • अपर्याप्त कानून प्रवर्तन: क्या नस्लीय अपराधों की रिपोर्टिंग और जांच प्रभावी ढंग से की जाती है?
  • सांस्कृतिक संवेदनशीलता की कमी: क्या स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियां ​​विविध समुदायों की चिंताओं को समझने में सक्षम हैं?
  • सामुदायिक समर्थन का अभाव: क्या अप्रवासी समुदायों के पास अपनी सुरक्षा के लिए पर्याप्त समर्थन संरचनाएं हैं?
  • अंतर्राष्ट्रीय समझौते: क्या भारत और अमेरिका के बीच ऐसे समझौते हैं जो विदेशों में अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं?

पीड़ित की अंतिम पोस्ट का महत्व: इस तरह की पोस्टें न केवल एक व्यक्तिगत चीख हैं, बल्कि उन अनकही कहानियों का प्रतीक भी बन जाती हैं जो अप्रवासी रोज़मर्रा के जीवन में झेलते हैं। यह कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक चेतावनी संकेत है कि कुछ गलत हो रहा है।

UPSC परिप्रेक्ष्य: यह शासन (सुरक्षा, कानून और व्यवस्था), अंतर्राष्ट्रीय संबंध (कूटनीति, प्रवासी मुद्दे), और सामाजिक न्याय (अल्पसंख्यकों के अधिकार) से संबंधित है।

अमेरिका में भारतीय अप्रवासियों की स्थिति (The Situation of Indian Immigrants in America)

अमेरिका में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग रहते हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। वे डॉक्टर, इंजीनियर, उद्यमी, शिक्षक और कई अन्य व्यवसायों में सक्रिय हैं। हालांकि, उन्हें भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है:

  • “ड्राफ्ट” और “ओवरकिल” की स्थिति: कई भारतीय अत्यधिक कुशल होने के बावजूद, अक्सर निम्न-स्तरीय या अपनी योग्यता से कम नौकरियों में काम करने को मजबूर हो जाते हैं, जिसे “ओवरकिल” कहा जाता है।
  • सांस्कृतिक भिन्नताएँ: नई संस्कृति, भाषा और जीवन शैली के साथ तालमेल बिठाना हमेशा आसान नहीं होता।
  • पारिवारिक अलगाव: अपने परिवार को भारत में छोड़कर आना एक भावनात्मक बोझ होता है।
  • “इकोनॉमिक इमिग्रेशन” बनाम “टैलेंट इमिग्रेशन”: अमेरिका में विभिन्न प्रकार के अप्रवासी होते हैं, और उनकी अनुभव भिन्न हो सकते हैं।

सकारात्मक पहलू: यह भी महत्वपूर्ण है कि अमेरिका में भारतीय समुदाय ने एक मजबूत नेटवर्क बनाया है। कई भारतीय-अमेरिकी सफल हुए हैं और उन्होंने अमेरिकी समाज में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस घटना को पूरे समुदाय के अनुभव का प्रतिनिधि नहीं माना जाना चाहिए, लेकिन यह निश्चित रूप से एक चिंताजनक संकेत है।

भारत सरकार की भूमिका और जिम्मेदारी (Role and Responsibility of the Indian Government)

इस तरह की घटनाओं से भारत सरकार पर अपने नागरिकों की विदेशों में सुरक्षा सुनिश्चित करने का दबाव बढ़ जाता है। सरकार निम्नलिखित कदम उठा सकती है:

  • कूटनीतिक प्रयास: अमेरिका के साथ उच्च-स्तरीय वार्ता कर प्रवासी मुद्दों, विशेष रूप से सुरक्षा और भेदभाव को संबोधित करना।
  • दूतावास और वाणिज्य दूतावासों को मजबूत करना: विदेशों में भारतीय दूतावासों को अप्रवासियों की मदद के लिए अधिक संसाधन और अधिकार देना, जैसे कानूनी सहायता और परामर्श।
  • जागरूकता अभियान: अमेरिका जाने वाले भारतीयों को वहां की संभावित चुनौतियों और अपने अधिकारों के बारे में सूचित करना।
  • पारगमन सहायता: यदि कोई भारतीय नागरिक विदेश में संकट में है, तो उसे तुरंत सहायता प्रदान करना, जिसमें प्रत्यावर्तन (repatriation) भी शामिल हो सकता है।
  • कानूनी सहायता: भेदभाव या अन्याय के शिकार अप्रवासियों को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए तंत्र विकसित करना।

“प्रोटेक्शन ऑफ इंडियंस अब्रॉड” पर नीतियाँ: भारत को विदेशों में अपने नागरिकों के लिए एक मजबूत कानूनी और सहायता ढांचा विकसित करने की आवश्यकता है, जैसा कि कई विकसित देश अपने नागरिकों के लिए करते हैं।

भविष्य की राह: निवारण और समाधान (The Way Forward: Prevention and Solutions)

यह घटना एक वेक-अप कॉल है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने और अप्रवासियों के जीवन को सुरक्षित बनाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: भारत और अमेरिका को मिलकर काम करना चाहिए ताकि नस्लीय भेदभाव और अप्रवासियों के खिलाफ अपराधों को रोका जा सके।
  • नीतियों में सुधार: अमेरिका को अपनी आव्रजन नीतियों की समीक्षा करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे निष्पक्ष और मानवीय हैं।
  • जागरूकता और शिक्षा: दोनों देशों में नस्लीय संवेदनशीलता और सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देने के लिए शैक्षिक कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए।
  • अप्रवासी सहायता समूह: स्थानीय समुदायों को अप्रवासी सहायता समूहों का समर्थन करना चाहिए जो उन्हें कानूनी, सामाजिक और भावनात्मक सहायता प्रदान कर सकें।
  • मानसिक स्वास्थ्य सहायता: आर्थिक तंगी और सामाजिक अलगाव से जूझ रहे अप्रवासियों के लिए सुलभ मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना।
  • शिकायत निवारण तंत्र: अप्रवासियों के लिए एक सुलभ और प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करना, जहां वे अपनी चिंताओं को बिना किसी डर के व्यक्त कर सकें।

यह घटना एक व्यक्तिगत त्रासदी से कहीं अधिक है; यह एक सामाजिक और राजनीतिक मुद्दे का प्रतिबिंब है। जब तक हम नस्लीय नफरत, आर्थिक असुरक्षा और सुरक्षा की कमी जैसी अंतर्निहित समस्याओं का समाधान नहीं करते, तब तक “अमेरिकन ड्रीम” या किसी भी देश में एक सुरक्षित जीवन का सपना अधूरा रहेगा।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

  1. हाल ही में अमेरिका में एक भारतीय नागरिक की हत्या के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
    1. पीड़ित ने अपनी अंतिम पोस्ट में नस्लीय नफरत का उल्लेख किया।
    2. पीड़ित एक साल से बेरोजगार था।
    3. पीड़ित ने आशंका जताई थी कि उसके भोजन में जहर मिलाया गया था।
    उपरोक्त में से कौन से कथन सत्य हैं?
    (a) केवल 1 और 2
    (b) केवल 2 और 3
    (c) केवल 1 और 3
    (d) 1, 2 और 3
    उत्तर: (d)
    व्याख्या: तीनों कथन घटना के रिपोर्ट किए गए तथ्यों के अनुसार सत्य हैं।
  2. अमेरिका में अप्रवासियों द्वारा सामना की जाने वाली नस्लीय नफरत से संबंधित निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
    1. यह केवल दक्षिण एशियाई मूल के लोगों को प्रभावित करती है।
    2. यह रोज़गार में भेदभाव, सामाजिक बहिष्कार और हिंसक अपराधों का रूप ले सकती है।
    3. हाल के वर्षों में एशियाई मूल के लोगों के खिलाफ नफरत अपराधों में वृद्धि देखी गई है।
    उपरोक्त में से कौन से कथन सत्य हैं?
    (a) केवल 1
    (b) केवल 2 और 3
    (c) केवल 1 और 3
    (d) 1, 2 और 3
    उत्तर: (b)
    व्याख्या: नस्लीय नफरत केवल एक विशिष्ट समूह तक सीमित नहीं है, लेकिन कथन 2 और 3 घटना के संदर्भ में और सामान्य रूप से प्रासंगिक हैं।
  3. अमेरिका में अप्रवासियों की आर्थिक असुरक्षा के कारणों में निम्नलिखित में से कौन सा एक शामिल हो सकता है?
    1. वीज़ा संबंधी मुद्दे
    2. कौशलों का बेमेल होना
    3. उच्च शिक्षा की कमी
    4. आर्थिक मंदी
    नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनें:
    (a) केवल 1, 2 और 4
    (b) केवल 1, 3 और 4
    (c) केवल 2, 3 और 4
    (d) 1, 2, 3 और 4
    उत्तर: (a)
    व्याख्या: उच्च शिक्षा की कमी एक कारक हो सकती है, लेकिन वीज़ा मुद्दे, कौशल बेमेल और आर्थिक मंदी प्रत्यक्ष और प्रमुख कारण हैं।
  4. “इकोनॉमिक इमिग्रेशन” शब्द का क्या अर्थ है?
    (a) आर्थिक रूप से वंचित देशों से लोगों का पलायन
    (b) बेहतर आर्थिक अवसरों की तलाश में लोगों का पलायन
    (c) उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए लोगों का पलायन
    (d) राजनीतिक शरण लेने के लिए लोगों का पलायन
    उत्तर: (b)
    व्याख्या: इकोनॉमिक इमिग्रेशन मुख्य रूप से बेहतर रोज़गार, आय और जीवन स्तर की तलाश में होता है।
  5. विदेशों में अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए जा सकने वाले कदमों में निम्नलिखित में से कौन सा शामिल है?
    1. अमेरिका के साथ कूटनीतिक वार्ता
    2. दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों को मजबूत करना
    3. केवल वित्तीय सहायता प्रदान करना
    4. केवल प्रत्यावर्तन (repatriation) की व्यवस्था करना
    नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनें:
    (a) केवल 1 और 2
    (b) केवल 1, 2 और 4
    (c) केवल 2, 3 और 4
    (d) 1, 2, 3 और 4
    उत्तर: (a)
    व्याख्या: सरकार को व्यापक सहायता प्रदान करनी होती है, जिसमें कानूनी, परामर्श और आवश्यक होने पर प्रत्यावर्तन शामिल है, न कि केवल वित्तीय सहायता।
  6. “ओवरकिल” (Overkill) शब्द का प्रयोग अप्रवासी संदर्भ में किस स्थिति को दर्शाता है?
    (a) जब अप्रवासी अपने मूल देश में बहुत अधिक शिक्षित होते हैं।
    (b) जब अप्रवासी अपनी योग्यता से कम या निम्न-स्तरीय नौकरियों में काम करने को मजबूर होते हैं।
    (c) जब अप्रवासी अपने नए देश में बहुत अधिक प्रतिस्पर्धा का सामना करते हैं।
    (d) जब अप्रवासियों को उनके देश में वापस भेज दिया जाता है।
    उत्तर: (b)
    व्याख्या: ओवरकिल तब होता है जब किसी व्यक्ति की शिक्षा और कौशल उसकी वर्तमान नौकरी के लिए बहुत अधिक होते हैं।
  7. अमेरिका में नस्लीय भेदभाव से निपटने के लिए निम्नलिखित में से कौन सी रणनीति प्रभावी हो सकती है?
    1. नस्लीय संवेदनशीलता प्रशिक्षण
    2. मजबूत कानून प्रवर्तन
    3. अप्रवासी विरोधी नीतियों को बढ़ावा देना
    4. अंतर-सांस्कृतिक संवाद को प्रोत्साहित करना
    नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनें:
    (a) केवल 1, 2 और 4
    (b) केवल 2, 3 और 4
    (c) केवल 1, 3 और 4
    (d) 1, 2, 3 और 4
    उत्तर: (a)
    व्याख्या: अप्रवासी विरोधी नीतियों को बढ़ावा देना भेदभाव को कम करने के बजाय बढ़ाएगा।
  8. “प्रत्यावर्तन” (Repatriation) शब्द का क्या अर्थ है?
    (a) किसी देश में नए लोगों का स्वागत करना
    (b) किसी व्यक्ति को उसके मूल देश वापस भेजना
    (c) किसी देश की नागरिकता प्राप्त करना
    (d) विदेश में काम करने का परमिट प्राप्त करना
    उत्तर: (b)
    व्याख्या: प्रत्यावर्तन का अर्थ है किसी व्यक्ति को उसकी राष्ट्रीयता के देश में वापस भेजना।
  9. हाल की घटना में पीड़ित द्वारा “भोजन में जहर मिलाना” का उल्लेख किस प्रकार की चिंता को इंगित करता है?
    1. व्यक्तिगत सुरक्षा के प्रति गंभीर खतरा
    2. जानबूझकर नुकसान पहुंचाने का इरादा
    3. स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ
    4. केवल मनोवैज्ञानिक तनाव
    नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनें:
    (a) केवल 1, 2 और 3
    (b) केवल 2, 3 और 4
    (c) केवल 1, 3 और 4
    (d) 1, 2, 3 और 4
    उत्तर: (a)
    व्याख्या: यदि यह सच होता, तो यह व्यक्तिगत सुरक्षा के प्रति एक गंभीर खतरा, जानबूझकर नुकसान पहुंचाने का इरादा और गंभीर स्वास्थ्य चिंताएँ पैदा करता। मनोवैज्ञानिक तनाव इसका परिणाम हो सकता है।
  10. अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के संदर्भ में, विदेशों में अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना एक महत्वपूर्ण तत्व है। यह निम्नलिखित में से किस अवधारणा से संबंधित है?
    (a) सॉफ्ट पावर
    (b) कूटनीति और कांसुलर संबंध
    (c) आर्थिक सहायता
    (d) सांस्कृतिक आदान-प्रदान
    उत्तर: (b)
    व्याख्या: कूटनीति और कांसुलर संबंध विशेष रूप से विदेशों में अपने नागरिकों के अधिकारों और सुरक्षा की रक्षा के लिए स्थापित किए जाते हैं।

मुख्य परीक्षा (Mains)

  1. अमेरिका में अप्रवासियों के समक्ष आने वाली नस्लीय नफरत, आर्थिक असुरक्षा और व्यक्तिगत सुरक्षा की चुनौतियों का विश्लेषण करें। ऐसी घटनाओं को रोकने और प्रभावित व्यक्तियों की सहायता के लिए भारत और अमेरिका को संयुक्त रूप से क्या कदम उठाने चाहिए? (250 शब्द)
  2. “अमेरिकन ड्रीम” की अवधारणा अक्सर अवसरों की भूमि के रूप में प्रचारित की जाती है, लेकिन हाल की घटनाएं इस धारणा पर सवाल उठाती हैं। विदेश में बसे भारतीयों के अनुभवों के प्रकाश में इस कथन का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें, विशेष रूप से नस्लीय भेदभाव और बेरोजगारी के पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करें। (150 शब्द)
  3. किसी भी देश के लिए अपने नागरिकों की विदेशों में सुरक्षा सुनिश्चित करना एक प्रमुख कूटनीतिक और प्रशासनिक जिम्मेदारी है। इस संदर्भ में, भारत सरकार द्वारा विदेशों में रहने वाले भारतीयों की सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाले संभावित कदमों और चुनौतियों पर चर्चा करें। (150 शब्द)
  4. मानव तस्करी, अवैध आव्रजन और प्रताड़ना के जोखिमों पर प्रकाश डालते हुए, संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों में भारतीय अप्रवासियों के सामने आने वाली जटिलताओं पर विस्तृत निबंध लिखें। (250 शब्द)

सफलता सिर्फ कड़ी मेहनत से नहीं, सही मार्गदर्शन से मिलती है। हमारे सभी विषयों के कम्पलीट नोट्स, G.K. बेसिक कोर्स, और करियर गाइडेंस बुक के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
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