अपनी राजव्यवस्था पर पकड़ मजबूत करें: आज का विशेष टेस्ट
नमस्ते, भावी अधिकारियों! भारतीय संविधान और राजव्यवस्था की गहरी समझ ही आपकी सफलता की नींव है। क्या आप अपनी अवधारणाओं को परखने और परीक्षा के लिए तैयार होने के लिए उत्सुक हैं? आइए, आज की इस विशेष प्रश्नोत्तरी के साथ अपने ज्ञान को चुनौती दें और अपनी तैयारी को नई धार दें!
भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्दों को किस संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया था?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना भारतीय संविधान का परिचय है। 42वें संशोधन अधिनियम, 1976, जिसे ‘लघु संविधान’ भी कहा जाता है, द्वारा ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ (धर्मनिरपेक्ष) और ‘अखंडता’ शब्दों को प्रस्तावना में जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इन शब्दों को जोड़ने का उद्देश्य भारत को एक समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और एकीकृत गणराज्य के रूप में स्थापित करना था। ये भारतीय गणराज्य के मूलभूत आदर्शों को दर्शाते हैं।
- गलत विकल्प: 44वां संशोधन (1978) ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 73वां संशोधन (1992) ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया। 52वां संशोधन (1985) ने दल-बदल विरोधी प्रावधानों को जोड़ा।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद भारत के राष्ट्रपति के पद की शपथ से संबंधित है?
- अनुच्छेद 58
- अनुच्छेद 60
- अनुच्छेद 61
- अनुच्छेद 62
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 60 राष्ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान के बारे में प्रावधान करता है। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति पद ग्रहण करने से पहले भारत के मुख्य न्यायाधीश (या उनकी अनुपस्थिति में, उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश) द्वारा पद की शपथ दिलाई जाएगी।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति की शपथ इस बात की होती है कि वे विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान का ‘जैसी भी स्थिति हो, पालन’ करेंगे, ‘अपनी पूरी क्षमता से’ भारत के राष्ट्रपति के पद के कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे, और ‘जितना संभव हो सके’ भारत के लोगों की सेवा और कल्याण में लगे रहेंगे।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 58 राष्ट्रपति के चुनाव के लिए पात्रता की शर्तें बताता है। अनुच्छेद 61 राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया का वर्णन करता है। अनुच्छेद 62 राष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए चुनाव कराने के बारे में है।
प्रश्न 3: भारतीय संविधान के किस भाग में राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का उल्लेख है?
- भाग III
- भाग IV
- भाग IV-A
- भाग V
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का उल्लेख भारतीय संविधान के भाग IV में किया गया है, जिसमें अनुच्छेद 36 से अनुच्छेद 51 तक शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: ये तत्व नागरिकों के प्रति राज्य के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निर्धारित करते हैं, भले ही वे न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय न हों। इनका उद्देश्य भारत में एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना है।
- गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग IV-A मूल कर्तव्यों से संबंधित है। भाग V संघ की कार्यपालिका, संसद, उच्चतम न्यायालय आदि से संबंधित है।
प्रश्न 4: भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की नियुक्ति कौन करता है?
- प्रधानमंत्री
- भारत के राष्ट्रपति
- वित्त मंत्री
- लोकसभा अध्यक्ष
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 148(1) के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सार्वजनिक धन का संरक्षक होता है। वह केंद्र और राज्य सरकारों के लेखाओं का लेखा-परीक्षण करता है और अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है, जो संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखी जाती है। CAG का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो) होता है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है, लेकिन CAG की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं। वित्त मंत्री या लोकसभा अध्यक्ष की नियुक्ति या पद की शक्ति CAG से संबंधित नहीं है।
प्रश्न 5: भारत में ‘लोकसभा’ के अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया का वर्णन किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 93
- अनुच्छेद 94
- अनुच्छेद 95
- अनुच्छेद 96
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 93 के अनुसार, “लोकसभा यथाशीघ्र, अपने दो सदस्यों को अपना अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनेगी, और जब-जब पद रिक्त होगा, तब-तब वह दूसरे सदस्य को इन पदों में भरेगी।”
- संदर्भ और विस्तार: अध्यक्ष का चुनाव लोकसभा की पहली बैठक के बाद किया जाता है। अध्यक्ष सदन की कार्यवाही का संचालन करता है, व्यवस्था बनाए रखता है, और सदन के विशेषाधिकारों का संरक्षक होता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 94 अध्यक्ष या उपाध्यक्ष के पद रिक्त होने, त्यागपत्र देने या पद से हटाए जाने से संबंधित है। अनुच्छेद 95 अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष या अन्य किसी सदस्य की शक्तियों के बारे में है। अनुच्छेद 96 राष्ट्रपति को संबोधित करके अध्यक्ष द्वारा त्यागपत्र देने की प्रक्रिया से संबंधित है।
प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सी एक ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Body) नहीं है?
- निर्वाचन आयोग
- संघ लोक सेवा आयोग
- राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
- वित्त आयोग
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) एक ‘संवैधानिक निकाय’ नहीं है, बल्कि एक ‘सांविधिक निकाय’ (Statutory Body) है। इसका गठन मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका उल्लेख सीधे संविधान में होता है और उनके गठन, शक्तियाँ और कार्य संविधान द्वारा परिभाषित होते हैं। निर्वाचन आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315) और वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) संवैधानिक निकाय हैं।
- गलत विकल्प: निर्वाचन आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315), और वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) तीनों संवैधानिक निकाय हैं, क्योंकि इनका प्रावधान सीधे भारतीय संविधान में है।
प्रश्न 7: आपातकालीन प्रावधानों के तहत, मूल अधिकारों का निलंबन किस अनुच्छेद के अंतर्गत किया जाता है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 358
- अनुच्छेद 359
- अनुच्छेद 360
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 358 यह प्रावधान करता है कि जब राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) लागू होता है, तब अनुच्छेद 19 द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार स्वतः निलंबित हो जाते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 359 के तहत, राष्ट्रपति किसी अन्य मौलिक अधिकार के प्रवर्तन को निलंबित कर सकते हैं, सिवाय अनुच्छेद 20 और 21 के। अनुच्छेद 358 केवल अनुच्छेद 19 के अधिकारों को राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा के साथ ही निलंबित करता है, जबकि अनुच्छेद 359 के लिए एक अलग आदेश की आवश्यकता होती है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा से संबंधित है। अनुच्छेद 359 अन्य मौलिक अधिकारों के निलंबन से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है।
प्रश्न 8: भारतीय संविधान में ‘अवशिष्ट शक्तियाँ’ (Residuary Powers) किसे सौंपी गई हैं?
- संघ को
- राज्यों को
- संघ और राज्यों दोनों को
- किसी को नहीं
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची में विधायी शक्तियों का वितरण करती है। अवशिष्ट शक्तियों, यानी वे मामले जो किसी भी सूची में शामिल नहीं हैं, के बारे में अनुच्छेद 248 के तहत प्रावधान है, जो कहता है कि ऐसी शक्तियों पर कानून बनाने का अधिकार केवल संघ को है।
- संदर्भ और विस्तार: अवशिष्ट शक्तियाँ संघ को सौंपना भारतीय संघवाद की एक विशेषता है, जो भारत के संविधान को कनाडाई संविधान के समान बनाता है। यह संघ को उभरते हुए या अप्रत्याशित मुद्दों पर कानून बनाने की क्षमता प्रदान करता है।
- गलत विकल्प: राज्य सूची में केवल राज्यों को कानून बनाने का अधिकार है, और समवर्ती सूची में संघ और राज्य दोनों को, लेकिन अवशिष्ट शक्तियाँ विशेष रूप से संघ के पास हैं।
प्रश्न 9: पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा किस संशोधन अधिनियम द्वारा प्रदान किया गया?
- 72वां संशोधन अधिनियम, 1991
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 82वां संशोधन अधिनियम, 1999
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया। इसने संविधान में भाग IX जोड़ा, जिसमें अनुच्छेद 243 से 243-O तक शामिल हैं, और 11वीं अनुसूची भी जोड़ी।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य पंचायती राज को अधिक प्रभावी और स्वायत्त बनाना था, ताकि यह स्थानीय स्तर पर स्व-शासन की संस्थाओं के रूप में कार्य कर सके।
- गलत विकल्प: 72वां संशोधन पंचायती राज से संबंधित नहीं है। 74वां संशोधन शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है। 82वां संशोधन सेवाओं में आरक्षण के आधार पर वर्षों की गणना से संबंधित है।
प्रश्न 10: उच्चतम न्यायालय द्वारा ‘संविधान की मूल संरचना’ (Basic Structure) का सिद्धांत किस वाद में प्रतिपादित किया गया था?
- शंकर प्रसाद बनाम भारत संघ
- सज्जन सिंह बनाम राजस्थान राज्य
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
- गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘संविधान की मूल संरचना’ का सिद्धांत 1973 के ‘केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य’ मामले में उच्चतम न्यायालय की एक ऐतिहासिक पीठ द्वारा प्रतिपादित किया गया था। इस निर्णय ने संसद की संशोधन शक्ति को सीमित कर दिया, यह कहते हुए कि वह संविधान के मूल ढांचे को नहीं बदल सकती।
- संदर्भ और विस्तार: इस सिद्धांत के अनुसार, संविधान के कुछ मूलभूत तत्व हैं जिन्हें संसद द्वारा सामान्य संशोधन प्रक्रिया (अनुच्छेद 368) के माध्यम से भी नहीं बदला जा सकता। इसमें लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, संघवाद, न्यायपालिका की स्वतंत्रता आदि शामिल हैं।
- गलत विकल्प: ‘शंकर प्रसाद’ (1951) और ‘सज्जन सिंह’ (1965) वादों में न्यायालय ने माना था कि अनुच्छेद 368 के तहत संसद मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग को संशोधित कर सकती है। ‘गोलकनाथ’ (1967) वाद में न्यायालय ने कहा था कि संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन नहीं कर सकती।
प्रश्न 11: भारतीय संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अधिकार एक _________ है।
- मौलिक अधिकार
- संवैधानिक अधिकार
- सांविधिक अधिकार
- कानूनी अधिकार
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: उच्चतम न्यायालय ने ‘नवीन जिंदल बनाम भारत संघ’ (2004) मामले में फैसला सुनाया कि राष्ट्रीय ध्वज फहराना अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ का एक अंतर्निहित हिस्सा है। इसलिए, यह एक मौलिक अधिकार है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अधिकार ‘राष्ट्रीय ध्वज संहिता’ और ‘तिरस्कार निवारण अधिनियम, 1971’ द्वारा शासित होता है। हालांकि, इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के माध्यम से मौलिक अधिकार का दर्जा प्राप्त है, जिसे अनुच्छेद 19(1)(a) द्वारा संरक्षित किया गया है।
- गलत विकल्प: हालांकि इसका एक सांविधिक आधार भी है, लेकिन इसके मौलिक अधिकार के रूप में होने के कारण अन्य विकल्प उतने व्यापक नहीं हैं। संवैधानिक अधिकार एक व्यापक शब्द है, लेकिन यहाँ विशिष्ट मौलिक अधिकार का उल्लेख अधिक उपयुक्त है।
प्रश्न 12: राष्ट्रपति पद के चुनाव में निम्नलिखित में से कौन भाग नहीं लेता है?
- लोकसभा के निर्वाचित सदस्य
- राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य
- राज्य विधानमंडलों के निर्वाचित सदस्य
- दिल्ली और पुडुचेरी विधानमंडलों के निर्वाचित सदस्य
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति के चुनाव में केवल संसद (लोकसभा और राज्यसभा) के निर्वाचित सदस्य और दिल्ली व पुडुचेरी संघ राज्य क्षेत्रों के विधानमंडलों के निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं। यह अनुच्छेद 54 में वर्णित है।
- संदर्भ और विस्तार: राज्य विधानमंडलों के मनोनीत सदस्य भी इसमें भाग नहीं लेते हैं, ठीक उसी प्रकार जैसे संसद के मनोनीत सदस्य भाग नहीं लेते।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (d) सभी राष्ट्रपति के चुनाव मंडल का हिस्सा हैं। राज्य विधानमंडलों के निर्वाचित सदस्य (c) राष्ट्रपति के चुनाव में मतदान नहीं करते हैं।
प्रश्न 13: संसद के सत्रों को बुलाना, स्थगित करना और भंग करना, किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति की शक्ति है?
- अनुच्छेद 85
- अनुच्छेद 86
- अनुच्छेद 87
- अनुच्छेद 88
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 85(1) के अनुसार, राष्ट्रपति, समय-समय पर, संसद के प्रत्येक सदन को ऐसे समय और स्थान पर जो वह उचित समझे, बैठक के लिए आहूत करेगा, परन्तु उसके एक सत्र की अंतिम बैठक और आगामी सत्र की प्रथम बैठक के बीच छह मास की अवधि का अंतर नहीं होगा। अनुच्छेद 85(2) के अनुसार, राष्ट्रपति, लोकसभा का विघटन कर सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति राष्ट्रपति को मंत्रिपरिषद की सलाह पर प्रयोग करनी होती है। सत्र को स्थगित करने का अधिकार सदन के अध्यक्ष के पास होता है, लेकिन सत्र को आहूत करने और विघटन का अधिकार राष्ट्रपति का है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 86 राष्ट्रपति द्वारा सदनों में अभिभाषण या संदेश भेजने से संबंधित है। अनुच्छेद 87 विशेष अवसरों पर राष्ट्रपति द्वारा अभिभाषण से संबंधित है। अनुच्छेद 88 मंत्रियों और महान्यायवादी के सदन में अधिकार से संबंधित है।
प्रश्न 14: निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के तहत, राज्य उच्च न्यायालयों के लिए एक सामान्य उद्देश्य का प्रावधान है?
- अनुच्छेद 214
- अनुच्छेद 215
- अनुच्छेद 216
- अनुच्छेद 217
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 214 कहता है कि प्रत्येक राज्य के लिए एक उच्च न्यायालय होगा। यह स्पष्ट रूप से उच्च न्यायालयों के अस्तित्व और उनके लिए एक समान आधार को स्थापित करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह भारत के एकल न्यायिक प्रणाली का हिस्सा है, जिसमें उच्च न्यायालय सर्वोच्च न्यायालय के अधीन कार्य करते हैं। 7वें संशोधन अधिनियम, 1956 द्वारा दो या दो से अधिक राज्यों के लिए एक ही उच्च न्यायालय की स्थापना का भी प्रावधान किया गया।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 215 कहता है कि प्रत्येक उच्च न्यायालय अभिलेख न्यायालय (Court of Record) होगा। अनुच्छेद 216 कहता है कि प्रत्येक उच्च न्यायालय का गठन भारत के राष्ट्रपति द्वारा ऐसी व्यवस्था के अनुसार किया जाएगा जो वे विनिर्दिष्ट करें। अनुच्छेद 217 न्यायाधीशों की नियुक्ति और पद की शर्तों से संबंधित है।
प्रश्न 15: ‘सरकारीया आयोग’ (Sarkaria Commission) का गठन निम्नलिखित में से किस विषय पर सिफारिशें देने के लिए किया गया था?
- आपराधिक कानून सुधार
- चुनाव सुधार
- केंद्र-राज्य संबंध
- पंचायती राज संस्थाएं
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: सरकारीया आयोग का गठन 1983 में राष्ट्रपति द्वारा केंद्र-राज्य संबंधों के कामकाज की जांच करने और मौजूदा व्यवस्था के भीतर और उसमें सुधार के लिए सिफारिशें करने के लिए किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: आयोग ने संविधान के ढांचे के भीतर केंद्र-राज्य सहयोग और समन्वय को मजबूत करने पर जोर दिया। इसकी रिपोर्ट में केंद्र द्वारा राज्यों की शक्तियों में हस्तक्षेप को कम करने और वित्तीय संबंधों को बेहतर बनाने के सुझाव शामिल थे।
- गलत विकल्प: अन्य आयोगों जैसे थुंगोन समिति (पंचायती राज), तारकुंडे समिति (चुनाव सुधार) आदि ने अन्य विषयों पर काम किया था।
प्रश्न 16: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) के पदेन अध्यक्ष कौन होते हैं?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- वित्त मंत्री
- नीति आयोग के उपाध्यक्ष
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) की स्थापना 1952 में हुई थी। इसके पदेन अध्यक्ष भारत के प्रधानमंत्री होते हैं। NDC एक कार्यकारी निकाय है, जिसका संविधान में कोई उल्लेख नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: NDC पंचवर्षीय योजनाओं को अंतिम रूप देने और राष्ट्रीय विकास के लिए नीतियां बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसमें प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति राज्य के प्रमुख होते हैं, सरकार के नहीं। वित्त मंत्री योजना का हिस्सा होते हैं लेकिन अध्यक्ष नहीं। नीति आयोग के उपाध्यक्ष महत्वपूर्ण होते हैं, लेकिन पदेन अध्यक्ष प्रधानमंत्री ही होते हैं।
प्रश्न 17: अनुच्छेद 32 (संवैधानिक उपचारों का अधिकार) के तहत, उच्चतम न्यायालय कितने प्रकार की रिट जारी कर सकता है?
- तीन
- चार
- पांच
- छह
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 32 के तहत, उच्चतम न्यायालय पांच प्रकार की रिट जारी कर सकता है: बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus), परमादेश (Mandamus), प्रतिषेध (Prohibition), उत्प्रेषण (Certiorari) और अधिकार पृच्छा (Quo Warranto)।
- संदर्भ और विस्तार: ये रिट मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ये न्यायपालिका को राज्य के अत्याचारों से नागरिकों की रक्षा करने की शक्ति प्रदान करती हैं। उच्च न्यायालय भी अनुच्छेद 226 के तहत समान रिट जारी कर सकते हैं, लेकिन अनुच्छेद 32 मौलिक अधिकारों के लिए सीधे उच्चतम न्यायालय जाने का अधिकार देता है, जिसे डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने ‘संविधान का हृदय और आत्मा’ कहा था।
- गलत विकल्प: अन्य संख्याएँ सही प्रकार की रिटों की कुल संख्या को नहीं दर्शाती हैं।
प्रश्न 18: भारतीय संविधान के किस संशोधन द्वारा मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई?
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1988
- 60वां संशोधन अधिनियम, 1988
- 59वां संशोधन अधिनियम, 1988
- 58वां संशोधन अधिनियम, 1987
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 61वें संशोधन अधिनियम, 1988 ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 में संशोधन करके लोक सभा और राज्य विधान सभाओं के चुनावों में मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य युवा पीढ़ी को चुनावी प्रक्रिया में अधिक सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना था, जब वे वयस्कता प्राप्त कर लेते हैं।
- गलत विकल्प: अन्य संशोधन अधिनियमों का मतदान की आयु से कोई सीधा संबंध नहीं है।
प्रश्न 19: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है?
- विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा (अनुच्छेद 21)
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
- भेदभाव के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 15)
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 15, 16, 19, 29 और 30 में दिए गए मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त हैं। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर किसी भी नागरिक के विरुद्ध विभेद का प्रतिषेध करता है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा) सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) के लिए उपलब्ध हैं। अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता) भी सभी व्यक्तियों पर लागू होता है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) में उल्लिखित अधिकार सभी व्यक्तियों पर लागू होते हैं, न कि केवल भारतीय नागरिकों पर।
प्रश्न 20: महान्यायवादी (Attorney General of India) के पद का प्रावधान किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 76
- अनुच्छेद 77
- अनुच्छेद 78
- अनुच्छेद 79
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 76 भारत के महान्यायवादी के पद का प्रावधान करता है। राष्ट्रपति भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और भारत के सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार रखता है। वह सरकार का प्रतिनिधित्व करता है। उसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और वह राष्ट्रपति की प्रसन्नता पर्यंत पद धारण करता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 77 भारत सरकार के कार्यों के संचालन से संबंधित है। अनुच्छेद 78 राष्ट्रपति को सूचना देने आदि के संबंध में प्रधानमंत्री के कर्तव्यों से संबंधित है। अनुच्छेद 79 संसद के गठन से संबंधित है।
प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन सी अनुसूची दलबदल के आधार पर अयोग्यता से संबंधित है?
- सातवीं अनुसूची
- आठवीं अनुसूची
- नौवीं अनुसूची
- दसवीं अनुसूची
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: दसवीं अनुसूची, जिसे 52वें संशोधन अधिनियम, 1985 द्वारा संविधान में जोड़ा गया था, संसद और राज्य विधानमंडलों के सदस्यों को दलबदल के आधार पर अयोग्य घोषित करने के प्रावधानों को निर्दिष्ट करती है।
- संदर्भ और विस्तार: इस अनुसूची का उद्देश्य राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा देना और विधायकों को दल बदलने से रोकना है। हालांकि, इसके कुछ प्रावधानों को न्यायिक समीक्षा का सामना करना पड़ा है।
- गलत विकल्प: सातवीं अनुसूची शक्तियों के वितरण से संबंधित है, आठवीं अनुसूची भाषाओं से, और नौवीं अनुसूची कुछ अधिनियमों और विनियमों के बारे में है।
प्रश्न 22: भारतीय संघवाद की प्रणाली में, ‘अवशिष्ट विधायी शक्तियाँ’ (Residuary Legislative Powers) किसके पास हैं?
- भारत की संसद
- राज्य विधानमंडल
- उच्चतम न्यायालय
- राष्ट्रपति
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: जैसा कि पहले भी प्रश्न 8 में बताया गया है, अनुच्छेद 248 के अनुसार, वे विषय जो संघ सूची, राज्य सूची या समवर्ती सूची में सूचीबद्ध नहीं हैं, उन पर कानून बनाने की अवशिष्ट शक्ति केवल संसद के पास है।
- संदर्भ और विस्तार: यह भारतीय संविधान के संघीय ढांचे की एक महत्वपूर्ण विशेषता है, जो संघ को उन विषयों पर भी कानून बनाने का अधिकार देता है जो विधायी सूचियों में शामिल नहीं हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि अप्रत्याशित मुद्दों से निपटा जा सके।
- गलत विकल्प: राज्य विधानमंडल केवल राज्य सूची के विषयों पर और समवर्ती सूची के विषयों पर (संघ के कानून के अधीन) कानून बना सकते हैं। उच्चतम न्यायालय और राष्ट्रपति विधायी निकाय नहीं हैं।
प्रश्न 23: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में ‘समान नागरिक संहिता’ (Uniform Civil Code) का उल्लेख है?
- अनुच्छेद 40
- अनुच्छेद 44
- अनुच्छेद 42
- अनुच्छेद 45
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 44 राज्य को निर्देश देता है कि वह भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता प्राप्त करने का प्रयास करे। यह राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का हिस्सा है।
- संदर्भ और विस्तार: समान नागरिक संहिता का अर्थ है कि सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने आदि जैसे व्यक्तिगत मामलों को नियंत्रित करने के लिए एक ही कानून होना चाहिए, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो। वर्तमान में, भारत में विभिन्न धर्मों के लिए अलग-अलग व्यक्तिगत कानून हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 40 ग्राम पंचायतों के गठन का निर्देश देता है। अनुच्छेद 42 काम की न्यायसंगत और मानवीय स्थितियों और मातृत्व राहत का उपबंध करने का निर्देश देता है। अनुच्छेद 45 प्रारंभिक बाल्यावस्था की देखभाल और 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की शिक्षा का प्रावधान करता है।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) को पद से हटा सकता है?
- प्रधानमंत्री
- राष्ट्रपति
- लोकसभा
- राज्यसभा
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त को केवल उसी प्रक्रिया द्वारा हटाया जा सकता है जो भारत के राष्ट्रपति को कदाचार या असमर्थता के आधार पर हटाया जाने के लिए निर्धारित है, जैसा कि अनुच्छेद 317 में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए वर्णित है। इसका मतलब है कि उन्हें संसद के दोनों सदनों द्वारा विशेष बहुमत से पारित महाभियोग प्रस्ताव के आधार पर राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: मुख्य चुनाव आयुक्त का पद अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए उन्हें निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए समान सुरक्षा प्राप्त है जैसी सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को होती है। चुनाव आयुक्तों को राष्ट्रपति हटा सकते हैं, लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त की सलाह पर।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री या संसद के किसी एक सदन के पास अकेले मुख्य चुनाव आयुक्त को हटाने की शक्ति नहीं है।
प्रश्न 25: स्थानीय स्व-शासन की व्यवस्था भारत के संविधान की _________ सूची का विषय है।
- संघ सूची
- राज्य सूची
- समवर्ती सूची
- अवशिष्ट सूची
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: स्थानीय स्व-शासन, जिसे पंचायती राज और शहरी स्थानीय निकायों के रूप में लागू किया जाता है, सातवीं अनुसूची की राज्य सूची के अंतर्गत प्रविष्टि 5 (Entry 5 of State List) के तहत आता है।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि, 73वें और 74वें संवैधानिक संशोधन अधिनियमों ने पंचायती राज और नगर पालिकाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया और उनके लिए कुछ मार्गदर्शक सिद्धांत निर्धारित किए, लेकिन विधायी शक्ति मुख्य रूप से राज्यों के पास ही है।
- गलत विकल्प: संघ सूची में वे विषय हैं जिन पर केवल केंद्र सरकार कानून बना सकती है। समवर्ती सूची में वे विषय हैं जिन पर केंद्र और राज्य दोनों कानून बना सकते हैं, लेकिन राष्ट्रीय हित में केंद्र का कानून प्रभावी होता है। अवशिष्ट सूची में वे विषय होते हैं जो किसी भी सूची में नहीं हैं, जिनकी शक्ति संघ के पास है।