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अंटार्कटिक विज्ञान: आपकी प्रतियोगी परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान प्रश्न

अंटार्कटिक विज्ञान: आपकी प्रतियोगी परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान प्रश्न

परिचय: नमस्कार, भविष्य के सरकारी अधिकारियों! प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य विज्ञान का खंड अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, जो आपके चयन को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अंटार्कटिका जैसे दूरस्थ और चरम वातावरण में वैज्ञानिक अनुसंधान, भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के सिद्धांतों को समझने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। यह अभ्यास सत्र आपको इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों के ज्ञान को ताज़ा करने और परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों के प्रारूप से परिचित कराने के लिए डिज़ाइन किया गया है। चलिए, अपनी सामान्य विज्ञान की तैयारी को एक नया आयाम देते हैं!


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. अंटार्कटिका में अनुसंधान जहाजों को किन भौतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, विशेष रूप से बर्फ की मोटाई और संरचना से संबंधित?

    • (a) अत्यधिक उच्च तापमान
    • (b) चुंबकीय क्षेत्रों में भिन्नता
    • (c) बर्फ की सघनता और घनत्व में भिन्नता
    • (d) वायुमंडलीय दबाव में अचानक वृद्धि

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): घनत्व, संपीड़न शक्ति और बर्फ की क्रिस्टलीय संरचना।

    व्याख्या (Explanation): अंटार्कटिका में बर्फ की मोटाई और घनत्व में काफी भिन्नता होती है, जो विभिन्न प्रकार की बर्फ (जैसे समुद्री बर्फ, ग्लेशियर बर्फ) पर निर्भर करती है। पतली समुद्री बर्फ आसानी से टूट सकती है, जबकि सघन, पुरानी बर्फ जहाज के पतवार को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। जहाज के डिजाइन और नेविगेशन को इन भिन्नताओं को ध्यान में रखना पड़ता है। उच्च तापमान (b) और वायुमंडलीय दबाव (d) भी कारक हैं, लेकिन बर्फ की सघनता और घनत्व (c) सबसे प्रत्यक्ष यांत्रिक चुनौती प्रस्तुत करते हैं। चुंबकीय क्षेत्रों में भिन्नता (b) का सीधा संबंध बर्फ की भौतिकी से नहीं है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  2. अंटार्कटिक महासागर में समुद्री बर्फ का निर्माण किस रासायनिक प्रक्रिया का एक उदाहरण है?

    • (a) वाष्पीकरण
    • (b) संघनन
    • (c) क्रिस्टलीकरण
    • (d) उदासीनीकरण

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अवस्था परिवर्तन (Phase Change) और क्रिस्टलीकरण (Crystallization)।

    व्याख्या (Explanation): समुद्री बर्फ तब बनती है जब समुद्र का पानी जम जाता है। इस प्रक्रिया में, पानी के अणु एक व्यवस्थित, क्रिस्टलीय संरचना बनाते हैं, जो एक ठोस अवस्था है। यह प्रक्रिया, विशेष रूप से जब एक तरल से एक ठोस क्रिस्टलीय रूप बनता है, क्रिस्टलीकरण कहलाती है। वाष्पीकरण (a) तरल से गैस में परिवर्तन है। संघनन (b) गैस से तरल में परिवर्तन है। उदासीनीकरण (d) एक एसिड और एक बेस के बीच प्रतिक्रिया है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  3. अंटार्कटिक महाद्वीप पर रहने वाले पेंगुइन की शारीरिक अनुकूलन (physiological adaptations) में से कौन सा एक उदाहरण है जो उन्हें अत्यधिक ठंडे तापमान में जीवित रहने में मदद करता है?

    • (a) पतली त्वचा
    • (b) अत्यधिक रक्त वाहिकाएं
    • (c) उपचर्म वसा (blubber) की एक मोटी परत
    • (d) कम चयापचय दर (metabolic rate)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ऊष्मारोधी (Insulation) और शरीर की गर्मी बनाए रखना।

    व्याख्या (Explanation): पेंगुइन, सील जैसे कई ध्रुवीय जानवर, अपने शरीर की गर्मी को बनाए रखने के लिए उपचर्म वसा (blubber) की एक मोटी परत पर निर्भर करते हैं। यह वसा एक उत्कृष्ट ऊष्मारोधी के रूप में कार्य करती है, जो शरीर की गर्मी को बाहरी ठंडे वातावरण में फैलने से रोकती है। पतली त्वचा (a) और अत्यधिक रक्त वाहिकाएं (b) गर्मी के नुकसान को बढ़ाएंगी। कम चयापचय दर (d) भी उन्हें जीवित रहने में मदद करती है, लेकिन यह मुख्य रूप से ऊर्जा संरक्षण के लिए है, न कि सीधे तौर पर गर्मी बनाए रखने के लिए; बल्कि, उच्च चयापचय दर से गर्मी उत्पन्न होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  4. अंटार्कटिक के बर्फ शीट्स (ice sheets) का अध्ययन करने के लिए उपयोग की जाने वाली मुख्य भौतिकी तकनीकें क्या हैं?

    • (a) रेडियो तरंगें और सोनार
    • (b) लेजर और गुरुत्वाकर्षण माप
    • (c) भूकंपीय सर्वेक्षण और रडार
    • (d) इन्फ्रारेड इमेजिंग और एक्स-रे

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): तरंगों का प्रतिबिंब (Reflection of waves) और पृथ्वी की आंतरिक संरचना का अध्ययन।

    व्याख्या (Explanation): बर्फ शीट्स की मोटाई, आंतरिक संरचना और नीचे की जमीन का अध्ययन करने के लिए भूकंपीय सर्वेक्षण (Seismic surveys) और रडार (Radar) का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। भूकंपीय सर्वेक्षण ध्वनि तरंगों का उपयोग करते हैं जो बर्फ की विभिन्न परतों से परावर्तित होती हैं। रडार (जैसे आइस-पेनेट्रेटिंग रडार) विद्युत चुम्बकीय तरंगों का उत्सर्जन करता है जो बर्फ में प्रवेश करती हैं और विभिन्न परतों से परावर्तित होती हैं। रेडियो तरंगें (a) और लेजर (b) का उपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जबकि गुरुत्वाकर्षण माप (b) पृथ्वी के द्रव्यमान वितरण को समझने में मदद करता है। इन्फ्रारेड इमेजिंग (d) सतह के तापमान के लिए उपयोगी है, और एक्स-रे (d) आमतौर पर इस पैमाने पर उपयोग नहीं किए जाते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  5. अंटार्कटिक क्षेत्र में पाया जाने वाला ‘ड्राई वैलीज’ (Dry Valleys) एक अत्यंत शुष्क वातावरण है। वहाँ जीवन की अनुपस्थिति या अत्यधिक कमी के लिए कौन सी रासायनिक या भौतिक कारक मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं?

    • (a) उच्च ऑक्सीजन सांद्रता
    • (b) भूमिगत जल की प्रचुरता
    • (c) अत्यंत कम तापमान और नमी की कमी
    • (d) उच्च कार्बन डाइऑक्साइड स्तर

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जीवन के लिए आवश्यक शर्तें (Basic requirements for life) – जल, तापमान, वायु।

    व्याख्या (Explanation): ‘ड्राई वैलीज’ अत्यधिक ठंडे (कम तापमान) और अत्यंत शुष्क (नमी की कमी) वातावरण के लिए जाने जाते हैं। जीवन के लिए तरल पानी एक मौलिक आवश्यकता है, और इन घाटियों में इसकी अनुपस्थिति, साथ ही बहुत कम तापमान, अधिकांश जीवन रूपों के पनपने के लिए एक बड़ी बाधा है। उच्च ऑक्सीजन सांद्रता (a) और उच्च कार्बन डाइऑक्साइड स्तर (d) जीवन के लिए सीधे तौर पर हानिकारक नहीं हैं, और अक्सर कुछ जीवों के लिए आवश्यक हो सकते हैं। भूमिगत जल की प्रचुरता (b) इन घाटियों की विशेषता नहीं है, बल्कि इसके विपरीत, वे अत्यंत शुष्क हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  6. अंटार्कटिक महासागर में समुद्री जल की लवणता (salinity) में मौसमी बदलावों को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक क्या हैं?

    • (a) हवा का दबाव और वायुमंडलीय आर्द्रता
    • (b) समुद्री बर्फ का बनना और पिघलना
    • (c) भूकंपीय गतिविधि और ज्वालामुखी
    • (d) सूर्य की तीव्रता और वायुमंडलीय तापमान

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): लवणता पर जमने और पिघलने का प्रभाव।

    व्याख्या (Explanation): जब समुद्री जल जमता है (समुद्री बर्फ का बनना), तो नमक बाहर निकल जाता है, जिससे आसपास का पानी अधिक खारा हो जाता है। इसके विपरीत, जब समुद्री बर्फ पिघलती है, तो यह ताजे पानी को समुद्र में छोड़ती है, जिससे लवणता कम हो जाती है। हवा का दबाव (a) और वायुमंडलीय आर्द्रता (a) का लवणता पर प्रत्यक्ष प्रभाव कम होता है। भूकंपीय गतिविधि (c) और ज्वालामुखी (c) महासागर की लवणता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित नहीं करते हैं। सूर्य की तीव्रता (d) और वायुमंडलीय तापमान (d) वाष्पीकरण को प्रभावित कर सकते हैं, जो लवणता को बढ़ाता है, लेकिन समुद्री बर्फ का बनना/पिघलना (b) एक अधिक प्रत्यक्ष और महत्वपूर्ण मौसमी कारक है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  7. अंटार्कटिक महाद्वीप पर पाए जाने वाले कुछ सूक्ष्मजीव (microorganisms) जो बर्फ के अंदर रहते हैं (cryophiles), वे किन रासायनिक प्रक्रियाओं का उपयोग करके ऊर्जा प्राप्त करते हैं?

    • (a) प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis)
    • (b) कीमोसिंथेसिस (Chemosynthesis)
    • (c) श्वसन (Respiration)
    • (d) किण्वन (Fermentation)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ऊर्जा स्रोत के आधार पर जीवों के चयापचय मार्ग।

    व्याख्या (Explanation): बर्फ के नीचे या बर्फ के भीतर रहने वाले कई ‘cryophiles’ प्रकाश की अनुपस्थिति में रहते हैं, इसलिए प्रकाश संश्लेषण (a) संभव नहीं है। श्वसन (c) और किण्वन (d) आम चयापचय प्रक्रियाएं हैं, लेकिन ये अक्सर अन्य पोषक तत्वों की उपलब्धता पर निर्भर करती हैं। कीमोसिंथेसिस (b) वह प्रक्रिया है जहाँ जीव रासायनिक प्रतिक्रियाओं से ऊर्जा प्राप्त करते हैं, अक्सर अकार्बनिक यौगिकों (जैसे सल्फर यौगिक) को ऑक्सीकृत करके, जो बर्फ के नीचे या खनिजों से उपलब्ध हो सकते हैं। यह चरम वातावरणों में रहने वाले जीवों के लिए एक सामान्य ऊर्जा स्रोत है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  8. अंटार्कटिक बर्फ शीट्स से पिघला हुआ पानी, जो समुद्र में मिल जाता है, समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र पर क्या भौतिक प्रभाव डालता है?

    • (a) समुद्री जल के घनत्व में वृद्धि
    • (b) समुद्री जल के pH में वृद्धि
    • (c) समुद्री जल के घनत्व में कमी और तापमान में कमी
    • (d) समुद्री जल की लवणता में वृद्धि

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): घनत्व, तापमान और लवणता के बीच संबंध।

    व्याख्या (Explanation): पिघली हुई बर्फ मूल रूप से ताजा पानी है, जिसमें कम घनत्व और कम तापमान होता है। जब यह समुद्री जल में मिलता है, तो यह आसपास के समुद्री जल के घनत्व को कम कर देता है (क्योंकि ताजे पानी का घनत्व खारे पानी से कम होता है) और स्थानीय तापमान को भी कम कर सकता है। यह समुद्री जल की लवणता (d) को कम करता है, न कि बढ़ाता है। समुद्री जल के pH (b) पर इसका सीधा प्रभाव नहीं होता है। घनत्व में वृद्धि (a) गलत है; घनत्व घटता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  9. अंटार्कटिक के तूफानों के दौरान, वायुमंडलीय दबाव में तेजी से गिरावट (rapid drops in atmospheric pressure) भौतिकी के किस नियम या अवधारणा से संबंधित है?

    • (a) आर्किमिडीज का सिद्धांत
    • (b) बर्नोली का सिद्धांत
    • (c) न्यूटन के गति के नियम
    • (d) ऊष्मप्रवैगिकी के नियम

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): वायुमंडलीय दबाव और हवा की गति के बीच संबंध (न्यूटन के गति के तीसरे नियम का अनुप्रयोग)।

    व्याख्या (Explanation): वायुमंडलीय दबाव में गिरावट और तेजी से चलने वाली हवाएं (जैसे तूफानों में) न्यूटन के गति के नियमों से जुड़ी होती हैं, विशेष रूप से वायुगतिकी (aerodynamics) और द्रव गतिकी (fluid dynamics) के संदर्भ में। उदाहरण के लिए, बैरोमेट्रिक दबाव में तेजी से गिरावट अक्सर तूफान की तीव्रता से जुड़ी होती है। हालांकि बर्नोली का सिद्धांत (b) हवा की गति और दबाव के बीच संबंध का वर्णन करता है, यह सीधे दबाव में ‘गिरावट’ की मूल भौतिकी का वर्णन नहीं करता जैसा कि तूफान प्रणाली में देखा जाता है, जो एक बड़े पैमाने पर गति और दबाव प्रणालियों का परिणाम है, जो न्यूटन के नियमों द्वारा शासित होते हैं। आर्किमिडीज का सिद्धांत (a) उत्प्लावकता से संबंधित है, और ऊष्मप्रवैगिकी के नियम (d) ऊर्जा और तापमान के हस्तांतरण से संबंधित हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  10. अंटार्कटिक की शुष्क घाटियों में पाए जाने वाले कुछ शैवाल (algae) जो बर्फ के नीचे या सतह पर जीवित रहते हैं, वे सूर्य से आने वाली पराबैंगनी (UV) विकिरण से खुद को बचाने के लिए किस रासायनिक यौगिक का उत्पादन करते हैं?

    • (a) क्लोरोफिल
    • (b) कैरोटीनॉयड
    • (c) मायोस्पोरिन-लाइक एमिनो एसिड (MAAs)
    • (d) एंथोसायनिन

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पराबैंगनी विकिरण से सुरक्षा के लिए जीवों द्वारा उत्पादित वर्णक (pigments)।

    व्याख्या (Explanation): मायोस्पोरिन-लाइक एमिनो एसिड (MAAs) ऐसे यौगिक हैं जो कई जीव, विशेष रूप से जो तीव्र पराबैंगनी (UV) विकिरण के संपर्क में आते हैं, द्वारा उत्पादित किए जाते हैं। वे UV विकिरण को अवशोषित करके और इसे गैर-हानिकारक गर्मी के रूप में उत्सर्जित करके एक सनस्क्रीन की तरह कार्य करते हैं। क्लोरोफिल (a) प्रकाश संश्लेषण के लिए प्रकाश को अवशोषित करता है। कैरोटीनॉयड (b) और एंथोसायनिन (d) भी UV सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं, लेकिन MAAs को विशेष रूप से ध्रुवीय और उच्च-ऊंचाई वाले वातावरण में जीवों के लिए एक प्रमुख UV-सुरक्षात्मक यौगिक माना जाता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  11. अंटार्कटिक में ओजोन परत का क्षरण (ozone layer depletion) एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय चिंता है। यह मुख्य रूप से किस रासायनिक प्रजाति (chemical species) के कारण होता है?

    • (a) कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)
    • (b) क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFCs)
    • (c) सल्फर डाइऑक्साइड (SO2)
    • (d) मीथेन (CH4)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ओजोन परत के क्षरण में योगदान करने वाले रसायन।

    व्याख्या (Explanation): ओजोन परत के क्षरण के लिए मुख्य रूप से क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFCs) जैसे रसायन जिम्मेदार हैं, जो रेफ्रिजरेंट, एरोसोल प्रणोदक और सॉल्वैंट्स में उपयोग किए जाते थे। जब CFCs समताप मंडल (stratosphere) में पहुंचते हैं, तो वे क्लोरीन और ब्रोमीन मुक्त कण छोड़ते हैं, जो ओजोन (O3) अणुओं को नष्ट कर देते हैं। कार्बन मोनोऑक्साइड (a), सल्फर डाइऑक्साइड (c), और मीथेन (d) ग्रीनहाउस गैसें हैं और अन्य पर्यावरणीय समस्याएं पैदा करती हैं, लेकिन ओजोन परत के क्षरण के लिए प्रमुख कारण नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  12. अंटार्कटिक में ‘एल्डिवाइर’ (Aldivare) जैसा अनुसंधान पोत, जो बर्फ के माध्यम से अपना रास्ता बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, का पतवार (hull) आमतौर पर किस प्रकार की सामग्री से बना होता है ताकि यह अत्यधिक दबाव का सामना कर सके?

    • (a) एल्यूमीनियम मिश्र धातु
    • (b) टाइटेनियम मिश्र धातु
    • (c) उच्च-शक्ति वाले स्टील
    • (d) प्रबलित फाइबरग्लास

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सामग्री की शक्ति, स्थायित्व और दबाव प्रतिरोध।

    व्याख्या (Explanation): बर्फ तोड़ने वाले जहाजों (icebreakers) के पतवार को बहुत उच्च दबाव और घर्षण का सामना करना पड़ता है। इसके लिए असाधारण शक्ति और स्थायित्व वाली सामग्री की आवश्यकता होती है। उच्च-शक्ति वाले स्टील (high-strength steel) सबसे आम और प्रभावी सामग्री है जिसका उपयोग इस उद्देश्य के लिए किया जाता है क्योंकि यह प्रभाव और घर्षण के तहत टूटे बिना भारी दबाव को झेल सकता है। एल्यूमीनियम मिश्र धातु (a) बहुत हल्के होते हैं और पर्याप्त मजबूत नहीं होते। टाइटेनियम मिश्र धातु (b) बहुत मजबूत और हल्के होते हैं, लेकिन निर्माण की लागत बहुत अधिक होती है। प्रबलित फाइबरग्लास (d) के पास आवश्यक शक्ति नहीं होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  13. अंटार्कटिक के समुद्री जल में घुलित ऑक्सीजन (dissolved oxygen) की उच्च सांद्रता के लिए कौन सा भौतिक कारक जिम्मेदार है?

    • (a) उच्च तापमान
    • (b) कम तापमान
    • (c) उच्च लवणता
    • (d) कम वायुमंडलीय दबाव

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): तापमान का गैसों की घुलनशीलता पर प्रभाव।

    व्याख्या (Explanation): ठंडे पानी में गर्म पानी की तुलना में अधिक गैसें घुल सकती हैं। अंटार्कटिक का समुद्री जल बहुत ठंडा होता है, जिसके कारण इसमें वायुमंडल से घुलित ऑक्सीजन की उच्च सांद्रता होती है। उच्च तापमान (a) ऑक्सीजन की घुलनशीलता को कम कर देता है। उच्च लवणता (c) ऑक्सीजन की घुलनशीलता को थोड़ा कम कर देती है, लेकिन तापमान का प्रभाव अधिक महत्वपूर्ण होता है। कम वायुमंडलीय दबाव (d) का ऑक्सीजन की घुलनशीलता पर सीधा और महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ता है, बल्कि यह वायुमंडल में ऑक्सीजन की मात्रा को निर्धारित करता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  14. अंटार्कटिक क्षेत्र में क्रिल (krill) जैसे समुद्री जीवों का अध्ययन जीव विज्ञान की किस शाखा के अंतर्गत आता है?

    • (a) जीवाश्म विज्ञान (Paleontology)
    • (b) पारिस्थितिकी (Ecology)
    • (c) आनुवंशिकी (Genetics)
    • (d) कोशिका विज्ञान (Cytology)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जीव विज्ञान की विभिन्न शाखाएं और उनके अध्ययन का विषय।

    व्याख्या (Explanation): पारिस्थितिकी (Ecology) जीवों और उनके पर्यावरण के बीच संबंधों का अध्ययन है। अंटार्कटिक में क्रिल जैसे जीवों का अध्ययन, उनके वितरण, प्रचुरता, व्यवहार और वे अपने समुद्री वातावरण के साथ कैसे इंटरैक्ट करते हैं, यह सब पारिस्थितिकी के अंतर्गत आता है। जीवाश्म विज्ञान (a) विलुप्त जीवों के जीवाश्मों का अध्ययन है। आनुवंशिकी (c) वंशानुक्रम और जीनों का अध्ययन है। कोशिका विज्ञान (d) कोशिकाओं की संरचना और कार्य का अध्ययन है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  15. अंटार्कटिक बर्फ की कोर (ice cores) में फंसी हवा के बुलबुले (air bubbles) हमें किस प्रकार की जानकारी प्रदान करते हैं, जो भूविज्ञान और जलवायु विज्ञान के लिए महत्वपूर्ण है?

    • (a) वर्तमान वायुमंडलीय प्रदूषण का स्तर
    • (b) पृथ्वी के पिछले वायुमंडल की संरचना और तापमान
    • (c) अंटार्कटिक वनस्पतियों का इतिहास
    • (d) महासागर धाराओं की दिशा

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): आइस कोर विश्लेषण और जलवायु पुनर्निर्माण (climate reconstruction)।

    व्याख्या (Explanation): बर्फ की कोर के अंदर फंसे हवा के बुलबुले उन समय के वायुमंडल का एक प्रत्यक्ष नमूना होते हैं जब बर्फ जमा हुई थी। इन नमूनों का विश्लेषण करके, वैज्ञानिक पिछले वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों (जैसे CO2, मीथेन) की सांद्रता और समस्थानिक संरचना (isotopes) को माप सकते हैं, जो उस समय के तापमान का संकेत देते हैं। यह पृथ्वी के पिछले जलवायु का एक अमूल्य रिकॉर्ड प्रदान करता है। वर्तमान प्रदूषण (a) या वनस्पतियों (c) के सीधे माप के बजाय, यह ऐतिहासिक डेटा देता है। महासागर धाराओं (d) के बारे में जानकारी अन्य तरीकों से प्राप्त की जाती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  16. अंटार्कटिक में शोध को रोकने के लिए एकल अनुसंधान बर्फ तोड़ने वाले (research icebreaker) को समाप्त करने का निर्णय मुख्य रूप से किस कारक से प्रेरित है?

    • (a) वैज्ञानिक प्रगति की कमी
    • (b) उच्च परिचालन लागत और रखरखाव
    • (c) अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक मतभेद
    • (d) नई और बेहतर तकनीक की उपलब्धता

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सरकारी बजट, संसाधन आवंटन और परियोजना व्यवहार्यता।

    व्याख्या (Explanation): समाचार शीर्षक को देखते हुए, एकल अनुसंधान बर्फ तोड़ने वाले को समाप्त करने का निर्णय आमतौर पर उच्च परिचालन लागत और रखरखाव (high operational costs and maintenance) जैसे वित्तीय और लॉजिस्टिक कारणों से प्रेरित होता है। अंटार्कटिक जैसे दूरस्थ और चरम वातावरण में काम करने वाले बड़े जहाजों को चलाना और बनाए रखना बहुत महंगा होता है। जबकि वैज्ञानिक प्रगति (a), राजनीतिक मतभेद (c), या नई तकनीक (d) भी अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर सकते हैं, वित्तीय व्यावहारिकता अक्सर ऐसे निर्णयों का एक प्रमुख कारण होती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  17. अंटार्कटिक में रहने वाले सील (seals) अपनी त्वचा के नीचे वसा की मोटी परत (blubber) को कैसे बनाए रखते हैं, जो उन्हें ठंडे पानी से बचाने में मदद करती है?

    • (a) उच्च वसा वाले भोजन का सेवन
    • (b) चयापचय से उत्पन्न गर्मी का उपयोग
    • (c) रक्त वाहिकाओं का संकुचन (vasoconstriction)
    • (d) कम पसीना

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): वसा ऊतक का गठन और कार्य।

    व्याख्या (Explanation): सील अपनी वसा की मोटी परत (blubber) का निर्माण और रखरखाव मुख्य रूप से उच्च वसा वाले भोजन, जैसे मछली और क्रिल, के सेवन से करते हैं। यह वसा न केवल एक ऊष्मारोधी (insulator) के रूप में कार्य करती है, बल्कि ऊर्जा भंडारण के लिए भी महत्वपूर्ण है। चयापचय से उत्पन्न गर्मी (b) और रक्त वाहिकाओं का संकुचन (c) शरीर की गर्मी को बनाए रखने के तरीके हैं, लेकिन वसा की परत का निर्माण सीधे भोजन से होता है। कम पसीना (d) एक सामान्य स्तनपायी अनुकूलन है, लेकिन ध्रुवीय जानवरों के लिए वसा की परत अधिक महत्वपूर्ण है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  18. अंटार्कटिक बर्फ शीट्स में दरारें (crevasses) बनाने वाली भौतिक प्रक्रिया क्या है?

    • (a) अपघर्षण (Abrasion)
    • (b) हिमस्खलन (Avalanche)
    • (c) तनाव और फ्रैक्चर (Stress and fracturing)
    • (d) रासायनिक अपक्षय (Chemical weathering)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ठोस पदार्थों में दरारें बनने के कारण।

    व्याख्या (Explanation): बर्फ शीट्स के भीतर तनाव (stress) के कारण, जो गति, गुरुत्वाकर्षण और तापमान में परिवर्तन से उत्पन्न होता है, बर्फ के बड़े खंडों में फ्रैक्चर (fracturing) या दरारें (crevasses) बनती हैं। अपघर्षण (a) सतहों के घर्षण से होने वाला कटाव है। हिमस्खलन (b) बर्फ के एक बड़े द्रव्यमान का ढलान से नीचे गिरना है। रासायनिक अपक्षय (d) चट्टानों या खनिजों का रासायनिक प्रतिक्रियाओं द्वारा टूटना है, जो बर्फ के लिए प्रासंगिक नहीं है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  19. अंटार्कटिक में, कुछ बैक्टीरिया प्रकाश संश्लेषण के बजाय किन अकार्बनिक यौगिकों को ऑक्सीकृत करके ऊर्जा प्राप्त करते हैं?

    • (a) शर्करा (Sugars)
    • (b) ऑक्सीजन (Oxygen)
    • (c) नाइट्रेट्स और सल्फेट्स
    • (d) लिपिड (Lipids)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कीमोसिंथेटिक बैक्टीरिया (Chemosynthetic bacteria) और उनके ऊर्जा स्रोत।

    व्याख्या (Explanation): कीमोसिंथेसिस एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें जीव रासायनिक प्रतिक्रियाओं से ऊर्जा प्राप्त करते हैं। अंटार्कटिक जैसे चरम वातावरण में, कुछ बैक्टीरिया अकार्बनिक यौगिकों जैसे नाइट्रेट्स (nitrates), सल्फेट्स (sulfates) या अमोनिया (ammonia) को ऑक्सीकृत करके ऊर्जा प्राप्त करते हैं। शर्करा (a) और लिपिड (d) कार्बनिक यौगिक हैं जो ऊर्जा के लिए उपयोग किए जाते हैं (जैसे श्वसन में), लेकिन कीमोसिंथेसिस में प्राथमिक ऊर्जा स्रोत नहीं होते। ऑक्सीजन (b) एक ऑक्सीडाइज़र है, लेकिन स्वयं ऊर्जा स्रोत नहीं है; यह प्रतिक्रिया में भाग लेता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  20. अंटार्कटिक महासागर में समुद्री धाराओं का अध्ययन करने के लिए उपयोग की जाने वाली एक महत्वपूर्ण भौतिकी विधि क्या है, जो महासागरों की गर्मी और पोषक तत्वों के परिवहन को समझने में मदद करती है?

    • (a) भूचुम्बकीय सर्वेक्षण (Geomagnetic surveys)
    • (b) वेधशालाएं (Observatories)
    • (c) फ्लोट ट्रैकिंग (Float tracking) और सेटेलाइट अल्टीमेट्री
    • (d) दूरबीन अवलोकन (Telescopic observations)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): महासागरीय धाराओं को ट्रैक करने की तकनीकें।

    व्याख्या (Explanation): आधुनिक महासागरीय विज्ञान में, फ्लोट ट्रैकिंग (जैसे अर्गो फ्लोट्स) जो महासागर की गहराई में स्वायत्त रूप से यात्रा करते हैं और डेटा भेजते हैं, और सेटेलाइट अल्टीमेट्री (satellite altimetry) जो समुद्र की सतह की ऊंचाई को मापती है, समुद्री धाराओं के पैटर्न और वेग को समझने के लिए सबसे महत्वपूर्ण भौतिकी-आधारित विधियाँ हैं। भूचुम्बकीय सर्वेक्षण (a) पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन करते हैं। वेधशालाएं (b) विशिष्ट स्थानों पर मापन करती हैं। दूरबीन अवलोकन (d) खगोलीय पिंडों के लिए उपयोग किए जाते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  21. अंटार्कटिक में जीवन के लिए ‘बायोएकेस्टिक’ (bioacoustics) का अध्ययन क्यों महत्वपूर्ण हो सकता है?

    • (a) यह बर्फ की मोटाई मापता है।
    • (b) यह जानवरों द्वारा उत्पन्न ध्वनियों का अध्ययन करता है, जो उनके व्यवहार और संचार को समझने में मदद करता है।
    • (c) यह वायुमंडलीय दबाव में बदलाव का पता लगाता है।
    • (d) यह रासायनिक प्रदूषण के स्तर को मापता है।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): बायोएकेस्टिक्स की परिभाषा और अनुप्रयोग।

    व्याख्या (Explanation): बायोएकेस्टिक्स (Bioacoustics) जीवों द्वारा उत्पन्न और प्राप्त ध्वनियों का वैज्ञानिक अध्ययन है। अंटार्कटिक जैसे वातावरण में, जहाँ दृश्यता कम हो सकती है (जैसे पानी के नीचे या खराब मौसम में), कई समुद्री जीव (जैसे व्हेल, डॉल्फ़िन, सील) ध्वनियों पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं। इन ध्वनियों का अध्ययन करके, वैज्ञानिक उनके संचार, नेविगेशन, शिकार करने की रणनीति और प्रजनन के व्यवहार के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अन्य विकल्प (a, c, d) बायोएकेस्टिक्स से संबंधित नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  22. अंटार्कटिक समुद्री शैवाल (seaweed) में एक विशेष एंजाइम पाया गया है जो बहुत कम तापमान पर भी सक्रिय रहता है। यह किस प्रकार की प्रोटीन संरचना या कार्य से संबंधित है?

    • (a) विकृतीकरण (Denaturation)
    • (b) एंजाइम कैनेटीक्स (Enzyme kinetics)
    • (c) सब्सट्रेट विशिष्टता (Substrate specificity)
    • (d) एंजाइम अवरोध (Enzyme inhibition)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): एंजाइमों की गतिविधि पर तापमान का प्रभाव।

    व्याख्या (Explanation): एंजाइम कैनेटीक्स (Enzyme kinetics) एंजाइमों की दर और तंत्र का अध्ययन है। बहुत कम तापमान पर भी सक्रिय रहने वाला एंजाइम ‘साइक्रोफिलिक’ (psychrophilic) एंजाइम कहलाता है। इसकी सक्रियता की दर (rate of activity) या कैनेटीक्स, तापमान से प्रभावित होती है। विकृतीकरण (a) तब होता है जब प्रोटीन अपनी संरचना खो देता है, आमतौर पर उच्च तापमान पर। सब्सट्रेट विशिष्टता (c) एंजाइम की अपने विशिष्ट सब्सट्रेट से जुड़ने की क्षमता है। एंजाइम अवरोध (d) तब होता है जब कोई पदार्थ एंजाइम की गतिविधि को रोकता है। यहाँ मुख्य बिंदु एंजाइम की तापमान-निर्भर गतिविधि है, जो कैनेटीक्स का एक हिस्सा है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  23. अंटार्कटिक में ‘ब्लू आइस’ (Blue Ice) के बनने की भौतिक प्रक्रिया क्या है, जो आमतौर पर बहुत घनी और पुरानी बर्फ होती है?

    • (a) बर्फ का बार-बार पिघलना और जमना
    • (b) बर्फ के अंदर हवा के बुलबुले का फंसना
    • (c) बर्फ का संघनन (compaction) और पुरानी बर्फ से हवा का निकलना
    • (d) ग्लेशियर की सतह पर पराबैंगनी विकिरण का प्रभाव

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): बर्फ का घनत्व और उसमें हवा की भूमिका।

    व्याख्या (Explanation): ‘ब्लू आइस’ तब बनती है जब पुरानी बर्फ बहुत अधिक संकुचित (compacted) हो जाती है, जिससे उसमें से हवा के बुलबुले निकल जाते हैं। हवा के बुलबुले सफेद प्रकाश को बिखेरते हैं, जिससे बर्फ सफेद दिखती है। जब हवा निकल जाती है, तो बर्फ बहुत घनी हो जाती है और लाल और पीली तरंग दैर्ध्य के प्रकाश को अवशोषित कर लेती है, जिससे नीली तरंग दैर्ध्य (blue wavelengths) अवशोषित नहीं होती और प्रकाश गुजर जाता है, जिससे बर्फ नीली दिखाई देती है। बर्फ का बार-बार पिघलना/जमना (a) और हवा के बुलबुले का फंसना (b) नीली बर्फ के निर्माण के लिए जिम्मेदार नहीं है। पराबैंगनी विकिरण (d) का सीधा संबंध नहीं है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  24. अंटार्कटिक में समुद्री बर्फ का निर्माण समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह निम्नलिखित में से किस पर प्रभाव डालता है?

    • (a) केवल प्लवक (plankton) की वृद्धि
    • (b) केवल समुद्री पक्षियों का प्रवासन
    • (c) प्रकाश के प्रवेश, पोषक तत्वों की उपलब्धता और कुछ जीवों के आवास पर
    • (d) ओजोन परत की मोटाई पर

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): समुद्री बर्फ का पारिस्थितिक महत्व।

    व्याख्या (Explanation): समुद्री बर्फ का बनना और पिघलना अंटार्कटिक समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण ‘नियंत्रण’ (driver) है। यह पानी में प्रकाश के प्रवेश को सीमित करता है (जो प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करता है), बर्फ के नीचे रहने वाले फाइटोप्लांकटन (phytoplankton) जैसे जीवों के लिए एक आधार (substrate) प्रदान करता है, पोषक तत्वों के वितरण को प्रभावित करता है, और पेंगुइन और सील जैसे जानवरों के लिए एक महत्वपूर्ण आवास और मंच प्रदान करता है। यह केवल प्लवक (a) या पक्षियों (b) तक सीमित नहीं है। ओजोन परत (d) पर अप्रत्यक्ष प्रभाव हो सकते हैं, लेकिन समुद्री बर्फ का प्राथमिक पारिस्थितिक महत्व ऊपर वर्णित कारकों में निहित है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  25. अंटार्कटिक के महाद्वीपीय शेल्फ (continental shelf) पर तलछट (sediment) जमा होने की प्रक्रिया, जो वैज्ञानिकों को पिछली जलवायु और हिमनदों के विस्तार के बारे में जानकारी देती है, जीव विज्ञान की किस शाखा से संबंधित है?

    • (a) भूविज्ञान (Geology)
    • (b) विष विज्ञान (Toxicology)
    • (c) माइकोलॉजी (Mycology)
    • (d) परजीवी विज्ञान (Parasitology)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पृथ्वी के इतिहास का अध्ययन करने वाली वैज्ञानिक शाखाएँ।

    व्याख्या (Explanation): तलछटों का अध्ययन, उनका गठन, जमाव और संरचना, पृथ्वी के भूवैज्ञानिक इतिहास को समझने का एक मूलभूत हिस्सा है। अंटार्कटिक शेल्फ तलछट हिमनदों की गति, बर्फ की चादरों के विस्तार और पिछली जलवायु स्थितियों के बारे में मूल्यवान डेटा संग्रहीत करते हैं। यह भूविज्ञान (Geology) का एक क्षेत्र है। विष विज्ञान (b) विषाक्त पदार्थों का अध्ययन है। माइकोलॉजी (c) कवक का अध्ययन है। परजीवी विज्ञान (d) परजीवियों का अध्ययन है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

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