समाजीकरण

  समाजीकरण  ( Socialization )  मनुष्य जन्म से मृत्युपर्यन्त तक कुछ – न – कुछ सीखता ही रहता है । व्यक्ति जब जन्म लेता है , उस समय वह सिर्फ हाड़ – मांस का एक जीवित पुतला होता है ।…

 संघर्ष

     संघर्ष (CONFLICT)     संघर्ष के अन्तर्गत एक व्यक्ति या समूह दूसरे व्यक्ति या समूह की इच्छाओं का दमन करके या उन्हें हानि करने के बारे में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास करता है।  संघर्ष नए…

विघटनकारी सामाजिक प्रक्रियाएँ

  विघटनकारी सामाजिक प्रक्रियाएँ (DISSOCIATIVE SOCIAL PROCESSES) प्रतिस्पर्धा (COMPETITION) ।  दुनिया में शायद केवल ऐसा कोई समाज नहीं है जहाँ यह नहीं पायी जाती है।  समाज सिर्फ सहयोग मात्र से नहीं चलता है।  लेस्ली ‘(लेसली) ने यह स्पष्ट किया है। …

एकीकरण

एकीकरण  (INTEGRATION) एकीकरण वह सामाजिक प्रक्रिया है जिसमें समाज की विभिन्न इकाइयाँ समाहित होकर एक पूर्ण इकाई बन जाती है।  सहयोगी सामाजिक प्रक्रियाओं में एकीकरण भी एक प्रमुख प्रक्रिया है।  इस प्रक्रिया के द्वारा सामाजिक संरचना और सामाजिक व्यवस्था की…

 समायोजन

   समायोजन ( ACCOMODATION) समाज में व्यक्तियों और समूहों का अलग – अलग स्वार्थ होता है जिसके कारण विभिन्न व्यक्तियों और समूहों के बीच टकराव होता है।  कुछ व्यक्तियों या समूहों।के बीच संघर्ष उत्पन्न होता है जो किसी भी समाज…

सामाजिक प्रक्रियाएँ, सहयोग

  सामाजिक प्रक्रियाएँ   (SOCIAL PROCESSES)  जब भी एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आता है तो उनके बीच विचारों और भावनाओं का अंतःकरण होता है।  इसमें दोनों एक – दूसरे को प्रभावित करते हैं और प्रभावित होते हैं। …

सभ्यता

  सभ्यता  ( Civilization )   सामान्यतः ” सभ्यता शब्द का प्रयोग लोग संस्कृति के अर्थ में करते हैं अर्थात आम – बोल – चाल में इन दोनों को । एक ही अर्थ में समझते हैं । सभ्यता के अन्तर्गत…

संस्कृति के प्रकार

संस्कृति के प्रकार   ऑगर्बन एवं निमकॉफ ने संस्कृति के दो प्रकारों की चर्चा की है –    भौतिक संस्कृति एवं अभौतिक संस्कृति । 1 . भौतिक संस्कृति   -1.भौतिक संस्कृति के अर्न्तगत उन सभी भौतिक एवं मूर्त वस्तुओं का…

संस्कृति

संस्कृति ( Culture )    सामान्यतः संस्कृति शब्द का प्रयोग हम दिन – प्रतिदिन के जीवन में ( अकरार ) निरन्तर करते रहते हैं । साथ ही संस्कृति शब्द का प्रयोग भिन्न – भिन्न अर्थों में भी करते हैं ।…

सामाजिक मानदण्ड, सामाजिक मूल्य

    सामाजिक मानदण्ड    (NORMS) आदश नियम समाज व समह स्वीकत व्यवहार के वे मानक ( Standard ) हैं जिनके निर्वाह की अपेक्षा समाज व समह के व्यक्तियों से की जाती है । यह एक प्रकार का अकुश या…

भूमिका

    भूमिका ( Role )   भूमिका प्रस्थिति का गतिशील या व्यवहारिक पहलू है । प्रस्थितियाँ धारण की जाती हैं जबकि भूमिकाओं का निर्वाह किया जाता है । एक व्यक्ति जिस प्रकार एक प्रस्थिति से संबंधित दायित्वों का निर्वाह…

प्रदत्त प्रस्थिति के निर्धारण के आधार

  प्रदत्त प्रस्थिति के निर्धारण के आधार ( Bases of determination of Ascribed Status )    किसी भी व्यक्ति की प्रस्थिति का निर्धारण अनेक आधारों पर होता है । प्रदत्त प्रस्थिति निर्धारण के कुछ प्रमुख आधार इस प्रकार हैं ।…

प्रस्थिति तथा भूमिका

प्रस्थिति तथा भूमिका ( Status and Role )      सामान्यतः प्रस्थिति या स्टेटस से व्यक्ति किसी की हैसियत समझने की कोशिष करता है कि किसी भी व्यक्ति की हैसियत किससे ऊची या नीची है । लेकिन जब हम समाज…

 परिवार की समस्याएँ

   परिवार की समस्याएँ  ( Problems of Family )    वर्तमान समय में परिवार में कुछ ऐसे परिवर्तन हुए हैं जिससे इसके सामने कई समस्याएँ उत्पन्न हुई है । ये समस्याएँ सिर्फ सामाजिक जीवन को ही नहीं , बल्कि परिवार…

परिवार के कार्य एवं महत्त्व

परिवार के कार्य एवं महत्त्व ( Functions and Importance of Family )   परिवार एक अनोखा संगठन है । इसका निर्माण स्वत : होता है और यह मानव के लिए अनिवार्य भी है । परिवार के द्वारा व्यक्ति के ऐसे…

परिवार के प्रकार

परिवार के प्रकार ( Types of Family ) परिवार एक सार्वभौमिक समूह है । यह प्रत्येक समाज में किसी – न – किसी रूप में अवश्य पाया जाता है । विभिन्न समाज में परिवार के भिन्न – भिन्न रूप देखने…

परिवार

  परिवार  ( Family ) विश्व का ऐसा कोई भी समाज नहीं है , जहाँ परिवार नाम की संस्था नहीं है । यह प्रत्येक समाज में किसी – न – किसी रूप में अवश्य पाया जाता है । परिवार के…

संदर्भ समूह की अवधारणा

    संदर्भ समूह की अवधारणा ( Consept of Reference Group )      सर्वप्रथम सन्र्दभ समूह की चर्चा हर्बर्ट हाईमन ( H . H . Hyman ) ने अपनी पुस्तक ‘ द साइक्लोजी आफ स्टेटस ( The Psychology of…

द्वितीयक समूह

    द्वितीयक समूह (SECONDRY GROUP)   प्राथमिक समूह के विपरीत विशेषता वाले समूह को द्वितीयक समूह कहते हैं।  कूले ने प्राथमिक समूह की अवधारणा का उल्लेख किया और इसी अवधारणा के कारण द्वितीयक समूह की अवधारणा का विकास हआ। …

प्राथमिक समूह

  प्राथमिक समूह (PRIMARY GROUP) कूले ने प्राथमिक समूह को स्वीकार करने के लिए लिखा है – “प्राथमिक समूह से तात्पर्य उन समूहों से है, जिनके नाम स्नेह – सामने का घनिष्ठ सम्बन्ध एवं पारस्परिक सहयोग है । ये समूह…

सामाजिक समूहों का वर्गीकरण

सामाजिक समूहों का वर्गीकरण  ( Classification of Social Groups ) समाज में विभिन्न प्रकार के समूह पाये जाते हैं । समूहों के वर्गीकरण का कोई एक आधार नहीं होता । सामाजिक समूहों के स्वरूप में काफी भिन्नता पायी जाती है…

सामाजिक समूह

    सामाजिक समूह ( Social Group ) मनुष्य की आवश्यकताएँ अनन्त हैं । कोई भी व्यक्ति अकेला रहकर अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं कर सकता । इसलिए वह समूह से बाहर रहकर जीवन व्यतीत करना नहीं चाहता है ।…

संस्था

  संस्था  (INSTITUTION) मानव की जरूरतें अनंत हैं।  इन जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रकार की समितियों और संगठनों का गठन किया गया है।  इन समितियों के कुशल कामकाज के लिए कुछ नियम और प्रक्रियाएँ बनाई जाती हैं,…

समिति

  समिति ( Association )  समिति किसी विशेष हित या हितों की पूर्ति के लिए बनाया जाता है । परिवार , विद्यालय , व्यापार संघ , चर्च ( धार्मिक संघ ) , राजनीतिक दल , राज्य इत्यादि समितियाँ हैं ।…

समुदाय

समुदाय  ( Community )   समाजशास्त्र के अन्तर्गत ‘ समुदाय ‘ शब्द का प्रयोग विशेष अर्थ में होता है । समुदाय एक वृहत् मानव समूह है जो एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में निवास करता है । यह एक मूर्त संगठन…

समाज

    समाज  समाज की अवधारणा  एवं विशेषताएँ  ( Concept and Characteristics of Society )  समाज , समाजशास्त्र की प्राथमिक अवधारणाओं । में प्रथम एवं मौलिक है । सामान्य बोलचाल में समाज शब्द का प्रयोग ‘ मनुष्यों के समूह ‘…

समाजशास्त्र का अन्य सामाजिक विज्ञानों से सम्बन्ध

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    समाजशास्त्र का अन्य सामाजिक विज्ञानों से सम्बन्ध (Relation of Sociology with other Social Sciences )      समाजशास्त्र और अन्य विज्ञानों के बीच किस प्रकार का सम्बन्ध पाया जाता है इस विषय में विभिन्न विद्वानों द्वारा अलग – अलग…

समाजशास्त्र की विषय – वस्तु

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    M   समाजशास्त्र की विषय – वस्तु  (SUBJRCT MATTER OF SOCIOLOGY)   साधारणतया लोग क्षेत्र (क्षेत्र) और विषय – वस्तु (विषय – पदार्थ) को एक ही अर्थ में समझते हैं।  ऐसा समझना गलत है।  अध्ययन – क्षेत्र और…

समाजशास्त्र का क्षेत्र

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    समाजशास्त्र का क्षेत्र ( Scope of Sociology  ) किसी भी विषय के सम्बन्ध में परिभाषा देने के बाद उनके अध्ययन क्षेत्र की बात आती है । समाजशास्त्र की परिभाषा जानने के बाद यह जानना आवश्यक है कि समाजशास्त्र…

समाजशास्त्र का परिचय

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समाजशास्त्र समाजशास्त्र का अर्थ परिभाषा (Meaning  and Definition of Sociology ) एक विषय के रूप में ‘ समाजशास्त्र ‘ नवीन शब्द है जबकि समाज प्राचीन है । जैसा कि बीरस्टीड ने अपनी पुस्तक ‘ The Social Order ‘ ( 1970…

प्रश्नावलियां

प्रश्नावलियां ( Questionnaires )   प्रश्नावली ( Questionnaire ) सामाजिक अनुसन्धान प्रक्रिया में अनुसन्धानकर्ता आँकड़े एकत्रित करने के लिए जिन विधियों क प्रयोग करता है , उनमें प्रश्नावली ( Questionnaire ) का स्थान अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है । प्रश्नावली अनेक प्रश्नों…

तथ्यों के प्राथमिक तथा द्वितीयक स्त्रोत

तथ्यों के प्राथमिक तथा द्वितीयक स्त्रोत ( Primary and Secondary Sources of Data ) । अनुसन्धान या शोध की सफलता इसी बात पर निर्भर रहती है कि अनुसन्धानकर्ता अपने अध्ययन – विषय के सम्बन्ध में कितने वास्तविक निर्भरयोग्य सूचनाओं और…

अनुसन्धान प्ररचना का वर्गीकरण या प्रकार

अनुसन्धान प्ररचना का वर्गीकरण या प्रकार   ( Classifications or Types of Research Design )     विभिन्न अनुसन्धान प्ररचनाओं को अनेक प्राधारों पर वर्गीकृत किया गया है । सामान्यतः अनुसन्धान का वर्गीकरण दो अाधारों पर किया जा सकता है…

शोध अभिकल्प 

MUST READ THIS शोध अभिकल्प  ( Research Design )    अन्वेषण ( Inquiry ) प्रारम्भ करने से पूर्व हम प्रत्येक अनुसन्धान समस्या के विषय में उचित रूप से सोच – विचार करने के पश्चात् यह निर्णय ले लें कि हम…

उपकल्पना के प्रकार

उपकल्पना के प्रकार ( Types of Hypotheses )  सामाजिक घटनाओं , तथ्यों एवं समस्याओं की प्रकृति अति जटिल होती है , इसलिए वैज्ञानिक शोध में अनेक प्रकार की प्राक्कल्पनाएँ प्रयोग में लाई जाती हैं । गुडे तथा हॉट के अनुसार…

उपकल्पना

 उपकल्पना ( Hypothesis )     उपकल्पना का शाब्दिक अर्थ है ‘ पूर्व – चिन्तन ‘ अर्थात् पहले से सोचा गया कोई विचार या चिन्तन । अनुसन्धानकर्ता के लिए यह आवश्यक है कि वह किसी भी अपरिचित क्षेत्र में ऐसे…

अनुसूची निर्माण की प्रक्रिया

अनुसूची निर्माण की प्रक्रिया ( Process of Schedule Preparing )  अनुसूची का निर्माण करना एक कठिन कार्य है । इसकी रचना क्योंकि अनुसन्धान की समस्या के विभिन्न पहलुओं के बारे में प्रमाणित , आवश्यक एवं व्यवस्थित सूचनाएँ संकलन करने के…

अनुसूची

अनुसूची ( Schedule ) अनुसूचियों ( Schedunes ) तथ्य – सामग्री को संकलित करने की एक और प्रविधि है – वह है अनुसूचियों का प्रयोग । अनुसूची प्रश्नों की एक लिखित सूची है जो अध्ययनकर्ता द्वारा अध्ययन विषय को ध्यान…

समाजशास्त्र में क्षेत्र – कार्य

  समाजशास्त्र में क्षेत्र – कार्य ( Field work in Sociology )   समाजशास्त्रीय अध्ययनों में क्षेत्र कार्य का विशेष महत्त्व है । अधिकांश समाजशास्त्री इस तथ्य को स्वीकार करते हैं कि जिक घटनाओं के अध्ययन के लिए क्षेत्र –…

अवलोकन विधि के प्रकार

  अवलोकन विधि के प्रकार ( Types of Observation Method ) अवलोकन योग्य सामाजिक घटनाओं की प्रकृति विविध एवं जटिल है । फलस्वरूप सामाजिक अनुसंधान में अवलोकन के कई रूपों का विभिन्न स्थितियों में प्रयोग किया गया है । अत…

अवलोकन विधि का महत्त्व या गुण

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अवलोकन विधि का महत्त्व या गुण  ( Importance or Merits of Observation Method )   अवलोकन विधि सभी वैज्ञानिक अन्वेषणों का आधार है । विज्ञान की शुरुआत अवलोकनों के द्वारा ही हुई है । सामाजिक अनुसंधान में अवलोकन विधि का…

अवलोकन

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अवलोकन ( Observation ) प्राकृतिक विज्ञानों की भांति , सामाजिक विज्ञानों में भी अवलोकन के महत्व को कम नहीं आंका जा सकता । निरीक्षण पद्धति का प्रयोग समाज – वैज्ञानिक द्वारा वर्ग , समुदाय , स्त्री – पुरुष , संस्थाओं…

वास्तविक साक्षात्कार का संचालन

वास्तविक साक्षात्कार का संचालन ( The Execution of Real Interview )    इन तैयारियों के पश्चात् , साक्षात्कार का . साक्षात्कारदाता से मिलने को जाता है । यह उसकी चतुरता और बुद्धिमानी पर निर्भर करता है कि वह किस प्रकार…

साक्षात्कार विधि का महत्त्व या गुण

साक्षात्कार विधि का महत्त्व या गुण या लाभ या उपयोगिता ( Importance or Merits of Interview Method )    सामाजिक अनुसंधान एवं सर्वेक्षण में साक्षात्कार विधि कई रूपों में उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण है । इसके माध्यम से लोगा की मनोवृत्तियों…

साक्षात्कार के प्रकार

साक्षात्कार के प्रकार ( Types of Interview )   साक्षात्कारों को अनेक भागों में विभाजित किया जाता है । यह वर्गीकरण . सुविधा की दृष्टि से निम्नलिखित प्रकार से किया जा सकता है – – –   ( 1 )…

साक्षात्कार विधि के प्रमुख चरण

  साक्षात्कार विधि के प्रमुख चरण ( Main Steps of Interview Method )   साक्षात्कार सम्पन्न करना एक कला है । इसके संचालन के लिए बहुत सावधानी और सतर्कता की आवश्यकता रहती है । इसके परिणामों को विश्वसनीय एवं उपयोगी…

वैज्ञानिक पद्धति के प्रमुख चरण

    वैज्ञानिक पद्धति के प्रमुख चरण ( Main Steps in Scientific Method )    वैज्ञानिक पद्धति एक व्यवस्थित एवं क्रमबद्ध पद्धति है । इसके अन्तर्गत अनेक प्रक्रियाएँ संलग्न हैं । इन प्रक्रियाओं के क्रमबद्धता के सम्बन्ध में विभिन्न विद्वानों…

वैज्ञानिक पद्धति

वैज्ञानिक पद्धति ( SCIENTIFIC METHOD )     वैज्ञानिक पद्धति का तात्पर्य अनुसन्धान की किसी भी ऐसी पद्धति से है , जिसके द्वारा निष्पक्ष एवं व्यवस्थित ज्ञान को प्राप्त किया जाता है । ” ए . वल्फ कहते हैं कि…