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सामाजिक सर्वेक्षण

 

सामाजिक सर्वेक्षण

 ( SOCIAL SURVEY )

 

सामाजिक सर्वेक्षण एक वैज्ञानिक विधि है । इसके द्वारा सामाजिक घटनाओं का व्यवस्थित अध्ययन किया जाता है । सबसे पहले ली प्ले ( Le Plav ) और उसके साथियों ने सामाजिक सर्वेक्षण विधि का उपयोग किया । इनके पहले भी सर्वेक्षण विधि का उपयोग हुआ था किन्तु उनमें वैषयिकता एवं वैज्ञानिकता का अभाव था । किन्तु सामाजिक सर्वेक्षण के प्रमाण काफी प्राचीन काल से प्राप्त होते हैं । सामाजिक सर्वेक्षण विधि को आरम्भ में जोन होबार्ड , फ्रेडरिक ली प्ले , चार्ल्स बूथ , राउन्ट्री तथा बोबले से बहुत सहायता मिली है । जॉन होवार्ड ( 1726 – 1799 ) ने इंगलैंड की जेल व्यवस्था का सर्वेक्षण किया ।

फ्रेडरिक ली प्ले ( 1806 – 1882 ) ने 19वीं शताब्दी के मध्य में फ्रांस में आय – व्ययक ( budgets ) का अध्ययन किया । इस सर्वेक्षण में ली प्ले का मुख्य उद्देश्य यूरोप के श्रमिक वर्गों का उनके आय – व्ययक के आधार पर विभिन्न आय स्तर के अनुसार जीवन स्तर का निर्धारण करना था । एंजिल ने भी ली प्ले के समान परिवार के आय – व्ययक का अध्ययन किया । चार्ल्स बूथ ( 1840 – 1916 ) ने सर्वेक्षण द्वारा लन्दन की निर्धनता का सूक्ष्म और क्रमबद्ध अध्ययन करके ‘ दी लाइफ एण्ड लेबर ऑफ दी पीपुल ऑफ लंदन ‘ में प्रकाशित किया । इसी सन्दर्भ में राउन्ट्री ने निर्धनता का सर्वेक्षण करके अपनी पुस्तक ‘ पोवर्टी ‘ में प्रकाशित किया । बाँवले ने 1912 ई० में इसी प्रकार का अध्ययन करके अपनी पुस्तक ‘ लाइवीहूड एण्ड पोवर्टी ‘ में प्रकाशित किया । हस्ट का सर्वेक्षण , औद्योगिक नगरों का तुलनात्मक अध्ययन भी उल्लेखनीय है ।

इंगलैंड और फ्रांस के समान अमेरिका में भी सर्वेक्षण आन्दोलन हुआ । जेकब रीज ने 1890 में न्यूयार्क की गन्दी बस्तियों का सर्वेक्षण किया । लिंकन स्टिफेन्स ( 1904 ) ने भी औद्योगिक नगरों में पूँजीपतियों एवं मजदूरों का सर्वेक्षण किया । पॉल केलोग ने ( 1909 ) में पिट्सबर्ग नगर का अध्ययन किया । इसमें उन्होंने अन्तरानुशासनीय विधि का प्रयोग किया । ईटन और हैसीसन ने अमेरिका में किये गये सर्वेक्षणों की सूची तैयार कर प्रकाशित किया । यह सामाजिक सर्वेक्षण आन्दोलन के दिशा में महत्वपूर्ण साबित हुआ । शिकागो विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग द्वारा सामाजिक जीवन के विभिन्न क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया गया । अमेरिका में सामाजिक सर्वेक्षण आन्दोलन 1930 ई० में अपने चरमोत्कर्ष पर था । वहाँ आज भी सर्वेक्षण द्वारा अध्ययन हो रहे हैं । प्राचीन भारत में भी सर्वेक्षण के प्रमाण मिलते हैं ।

कौटिल्य , अकबर तथा ईस्ट इण्डिया कम्पनी के द्वारा किये गये अध्ययनों का उल्लेख प्राप्त हुए हैं । कौटिल्य तथा अकबर के समय के सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण तथा ईस्ट इन्डिया कम्पनी द्वारा ‘ गजेटियर्स ‘ तैयार करवाया गया था । भारत में आज भी अनेक नगरों एवं क्षेत्रों का सामाजिक सर्वेक्षण हो रहा है । सरकार द्वारा किया गया जनगणना रिपोर्ट सामाजिक सर्वेक्षण का बढिया उदाहरण है । इसके अतिरिक्त विभिन्न संस्थाओं एवं एजेन्सियों द्वारा विभिन्न विषयों एवं घटनाओं से सम्बन्धित सर्वेक्षण होते रहते हैं । उदाहरणस्वरूप ‘ National Institute of Sample Survey ‘ , बैंकों , विश्वविद्यालयों तथा विभिन्न Research Institute द्वारा सर्वेक्षण किया जाता है । सामाजिक सर्वेक्षण का अर्थ एवं परिभाषा A ( Meaning and Definition of Social Survey ) सर्वेक्षण शब्द अंग्रेजी भाषा के ‘ Survey ‘ शब्द का हिन्दी रूपान्तर है । Survey शब्द दो विभिन्न स्थानों के शब्दों को मिलाकर बना है । पहला शब्द ‘ sur ‘ की उत्पत्ति फ्रेंच भाषा से हुई है और दूसरा शब्द ‘ veeir ‘ लैटिन भाषा से लिया गया है । दोनों का क्रमश : अर्थ ‘ ऊपर ‘ तथा ‘ देखना ‘ है । इस प्रकार curvey का मालिक अर्थ ‘ ऊपर देखना ‘ । ( to look over ) है । ‘

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 डिक्शनरी ऑफ सोशियोलोजी ‘ के अनसार ” एक जीवन या उसके किसी एक पक्ष के सम्बन्ध में व्यवस्थित और पूर्ण तथ्य संकलन और तथ्य विश्लेषण का नाम ही सर्वेक्षण के सर्वेक्षण द्वारा प्राप्त तथ्यों के आधार पर सामान्यीकरण किये जाते हैं . उसके बाद सामान्य एवं वैज्ञानिक नियमों का प्रतिपादन किया जाता है । वेबस्टर शब्दकोष के अनुसार ” वास्तविक सचना प्राप्त करने के लि किया लसनामक अवलोकन ही सामाजिक सर्वेक्षण है । ” सामाजिक सर्वेक्षण के सम्बन्ध में विभिन्न विद्वानों ने अपने – अपने शब्दों में परिभाषा दिया है । कुछ प्रमुख विद्वानों के विचार इस प्रकार हैं

 हैरिसन ( Harrison ) के अनुसार , ” सामाजिक सर्वेक्षण एक सहकारी प्रयत्न है जिसके अन्तर्गत किसी विशेष भौगोलिक क्षेत्र में पायी जानेवाली सामाजिक दशाओं तथा समस्याओं के अध्ययन और विश्लेषण के लिए वैज्ञानिक पद्धति का प्रयोग किया जाता है । ।

 

मोर्स ( H . N . Morse ) ने लिखा है , ” संक्षेप में सामाजिक सर्वेक्षण वैज्ञानिक एवं व्यवस्थित विश्लेषण की एक पद्धति है जिसके द्वारा निश्चित एवं सुपरिभाषित उद्देश्यों के अनुरूप किसी सामाजिक घटना , समस्या अथवा जनसंख्या का अध्ययन किया जाता है ।

 

बोगार्डस ( Bogardus ) ने सर्वेक्षण की परिभाषा देते हुए लिखा है , ” विस्तृत अर्थ में , सामाजिक सर्वेक्षण का तात्पर्य किसी विशेष समुदाय के लोगों के जीवन और कार्य की दशाओं से सम्बद्ध तथ्यों का संकलन करना है । ” म अब्रामस ( Abrams ) के अनुसार , “ एक सामाजिक सर्वेक्षण एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक समुदाय की संरचना एवं क्रियाओं के सामाजिक पक्ष के बारे में ऋणात्मक तथ्य एकत्रित किये जाते हैं । “

 

 बर्गेस ( Burgess ) के अनुसार ” एक समुदाय का सर्वेक्षण सामाजिक विकास की रचनात्मक योजना प्रस्तुत करने के उद्देश्य से किया गया इसकी दशाओं एवं आवश्यकताओं का अध्ययन है । “

 

 पी . वी . यंग ( P . V . Young ) ने सामाजिक सर्वेक्षण का बहुत ही लम्बा एवं स्पष्ट परिभाषा देते हुए लिखा है , ” सामाजिक सर्वेक्षण किसी सामाजिक व्याधिशास्त्रीय प्रकृति की वर्तमान अथवा तात्कालिक दशाओं , जिनकी निश्चित भौगोलिक सीमाएँ एवं निश्चित सामाजिक अर्थ तथा सामाजिक महत्व है , के सुधार एवं उन्नति हेतु एक रचनात्मक कार्यक्रम के निमाण से सम्बन्धित है । ” इस परिभाषा से तीन बातें स्पष्ट होती हैं जिनका सम्बन्ध सामाजिक सर्वेक्षण से है । पहला , सामाजिक सर्वेक्षण निश्चित भौगोलिक सीमा में अध्ययन से सम्बन्धित है । दूसरा , सामाजिक सर्वेक्षण का सम्बन्ध महत्वपूर्ण सामाजिक व्याधिशास्त्रीय समस्याओं से है । तीसरा , सामाजिक सर्वेक्षण का सम्बन्ध समस्याओं के समाधान एवं सामाजिक सुधार के लिए रचनात्मक कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने से है । इन सारी बातों से प्रतीत होता है कि सामाजिक सर्वेक्षण सामाजिक व्याधिशास्त्रीय समस्याओं के अध्ययन एवं उनके समाधान तथा सुधार से अधिक सम्बन्धित है । 1 .

 

उपर्युक्त सभी परिभाषाओं में सामाजिक घटना या सामाजिक समस्या का उल्लेख किया गया है किन्तु सभा सामाजिक घटना या समस्या को सामाजिक सर्वेक्षण के अध्ययन का विषय नहीं बनाया जा सकता । केवल व ही घटनाएँ या सामाजिक समस्याएँ सामाजिक सर्वेक्षण की विषय – वस्तु बन सकती हैं जो भौगोलिक रूप से सीमित अथवा निश्चित है जिससे अध्ययनकर्ता स्वयं क्षेत्र में जाकर सम्बन्धित तथ्यों को संकलित कर सके । इस प्रकार यह स्पष्ट होता है कि सामाजिक सर्वेक्षण सामाजिक अध्ययन की एक वैज्ञानिक पद्धति है जिसके अन्तर्गत एक विशेष भौगोलिक क्षेत्र में किसी समस्या से सम्बन्धित तथ्यों का बिना पक्षपात के संकलन होता है तथा तथ्यों के आधार पर ऐसे निष्कर्ष निकाले जाते हैं जिनकी सहायता से सामाजिक विकास तथा जन – कल्याण कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक लागू किया जा सके । –  

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सामाजिक सर्वेक्षण की विशेषताएँ

( Characteristics of Social Survey )

 

 सामाजिक सर्वेक्षण के सम्बन्ध में विभिन्न विद्वानों द्वारा दिये गये परिभाषाओं के विश्लेषण से कुछ विशेषताएँ परिलक्षित होती हैं । ये विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

 

1.. समस्याओं का अध्ययन एवं उपचार ( Study and Solution of the Problems , ॥ स्त्राय समस्याओं का अध्ययन होता है । इसके अन्तर्गत सिर्फ समस्याओं का अध्ययन ही नहीं उपचार का रूपरेखा तैयार करता है । समस्याओं के अध्ययन के द्वारा उसके कारणों को जानने का प्रयास किया जाता है ताकि उनके उपचार व सधार के लिए योजनाएँ बनाने में सुविधा हो । बगस बताया कि सर्वेक्षण से प्राप्त निष्कर्षों द्वारा समस्या के समाधान तथा सधार के लिए सुझाव दिया जाता हा अर्थात् सर्वेक्षण समस्या के अध्ययन से ही नहीं बल्कि उसके सुधार से भी सम्बन्धित होता है ।

 

 .2. परिमाणात्मक अध्ययन ( Ouantitative Study ) सामाजिक सर्वेक्षण एक परिमाणात्मक अध्ययन है । इसके द्वारा जो तथ्य संकलित किये जाते हैं उन्हें परिमाणात्मक रूप में प्रकट किया जाता है । सामाजिक सर्वेक्षण द्वारा गुणात्मक तथ्य संकलित होते हैं किन्तु इसके अन्तर्गत संख्यात्मक तथ्यों को एकत्रित करने का प्रयास किया जाता है । वर्तमान समय में सामाजिक सर्वेक्षण एवं अनुसंधानों में सांख्यिकीय विधियों एवं सांख्यिकी का प्रयोग दिनों – दिन बढ़ता ही जा रहा है । कहने का अभिप्राय यह है कि आँकडे विभिन्न प्रकार से संकलित किये जाते हैं किन्तु निष्कर्ष सांख्यिकी के रूप में प्रस्तुत होता है ।

 

  1. तुलनात्मक अध्ययन ( Comparative Study ) – सामाजिक सर्वेक्षण एक प्रकार का तुलनात्मक अध्ययन है । वर्तमान समय में तुलनात्मक अध्ययन करना सामाजिक सर्वेक्षण की महत्वपूर्ण विशेषता बन गई । सामाजिक सर्वेक्षण में पर्यावरण के साथ सामाजिक समस्याओं एवं दशाओं का सम्बन्ध जोड़ा जाता है । तुलनात्मक अध्ययन का उद्देश्य किसी समस्या अथवा घटना का दूसरे तथ्यों की तुलना में जानकारी प्राप्त करना होता है ।

4.. सामाजिक जागरूकता ( Social Awareness ) – सामाजिक सर्वेक्षण के अन्तर्गत सिर्फ सम्बन्धित तथ्यों का संकलन ही नहीं बल्कि उनके सम्बन्ध में जागरूकता पैदा करना होता है । सामाजिक घटनाओं अथवा समस्याओं की उचित व सही जानकारी से तथ्यों का प्रचार – प्रसार होता है । इससे इनके प्रति लोगों में जागरूकता उत्पन्न होती है और जनसहयोग भी मिलता है ।

 

5.. सामाजिक सर्वेक्षण एक वैज्ञानिक पद्धति सामाजिक सर्वेक्षण की विशेषताएँ है ( Social Survey is a scientific method ) वास्तव में सामाजिक सर्वेक्षण एक वैज्ञानिक पद्धति है सामाजिक सर्वेक्षण एक वैज्ञानिक विशेषता है । जिसके द्वारा किसी विशेष सामाजिक परिस्थिति , समस्या अथवा समूह का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है ।

 

  1. सामान्य सामाजिक घटनाओं का अध्ययन सामाजिक सर्वेक्षण एक वस्तुनिष्ठ ( Study of General socials अध्ययन है । इसमें पक्षपात एवं पूर्वाग्रह से बचने का हर संभव प्रयास किया जाता है । प्रश्नावली , साक्षात्कार , निश्चित भौगोलिक क्षेत्र अनुसूची आदि विधियों के द्वारा अध्ययनकर्ता तथ्य संकलित करता है । इन तथ्यों के आधार पर विभिन्न

 सहकारी – प्रक्रिया घटनाओं के बारे में कार्य – कारण सम्बन्धों का पता लगाया जाता है । प्राप्त निष्कर्षों से सामान्यीकरण

 समस्याओं का अध्ययन एवं उपचार किया जाता है तथा नियमों व सिद्धान्तों का प्रतिपादन भी होता है । अर्थात् सामाजिक सर्वेक्षण में वैज्ञानिक विधि के विभिन्न चरणों द्वारा क्रमबद्ध अध्ययन किया जाता है । सामाजिक सर्वेक्षण के अन्तर्गत सामान्य सामाजिक घटनाओं का अध्ययन किया जाता है । अर्थात् यह किसी वैयक्तिक घटना का अध्ययन नहीं करता । सामाजिक सर्वेक्षण सामान्य सामाजिक घटनाओं , जीवन दशाओं , समस्याओं , उनके कारणों इत्यादि का अध्ययन करता है ताकि सामाजिक जीवन एवं सामाजिक घटनाओं को सही रूप में जान सके ।

 

 .7. निश्चित भौगोलिक क्षेत्र ( Definite Geographical Area ) सामाजिक सर्वेक्षण का सम्बन्ध विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में निवास करनेवाले समूह अथवा समुदाय से होता है । सामाजिक सर्वेक्षण के अन्तर्गत केवल उन्हीं सामाजिक घटनाओं अथवा समस्याओं का अध्ययन किया जाता है जो भौगोलिक रूप से सीमित होती है । सर्वेक्षण के लिए एक विशेष गाँव , नगर अथवा क्षेत्र को चुना जाता है ताकि अध्ययन वैज्ञानिक विधि द्वारा किया जा सके । इस सन्दर्भ में हैरिसन ने कहा है , ” सम्पूर्ण समाज को सामाजिक सर्वेक्षण का विषय – वस्तु नहीं बनाया जा सकता । बल्कि वैसी समस्याएँ एवं घटनाएं का विषय – वस्तु बनाया जा सकता है जो भौगोलिक रूप से सीमित एवं निश्चित सामाजिक सर्वेक्षण एक सहकारी प्रक्रिया है ।

 

  8.सहकारी प्रक्रिया ( Aco – operative undertaking ) सामाजिक सवक्षण एक आमतौर पर सामाजिक सर्वेक्षण का क्षेत्र बहुत ही विस्तृत एवं व्यापक होता है । इस पर का क्षत्र बहुत ही विस्तृत एवं व्यापक होता है । इस स्थिति में एक व्यक्ति द्वारा काम करना सम्भव नहीं होता । इसके लिए एक दल की आवश्यकता होती है । विभिन्न विषया कवि अध्ययनकर्ता का समूह बनाते हैं और अध्ययन – कार्य को सम्पन्न करते हैं । इस दृष्टिकोण से सामाजिक को एक सहकारी प्रयत्न कहा जाता है । सामाजिक सर्वेक्षण में आजकल अन्तरानशासनीय विधि का प्रयोग ज्यादा हो रहा है । विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शकाण स तथ्य संकलित करते हैं और अन्त में एक साथ मिलकर सामान्य निष्कर्ष देते हैं ।

 

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