श्रावणी मेला 2024: देवघर की आस्था, UPSC परीक्षा का नजरिया
चर्चा में क्यों? (Why in News?): हर साल श्रावण मास में देवघर, झारखंड में आयोजित होने वाला श्रावणी मेला, लाखों शिवभक्तों को बाबा बैद्यनाथ धाम में आकर्षित करता है। यह मेला अपनी धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक महत्व के कारण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा में रहता है, साथ ही UPSC परीक्षा में भी इसके विभिन्न पहलुओं से जुड़े प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
श्रावणी मेला, सिर्फ़ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह एक जटिल सामाजिक-आर्थिक परिघटना है जिसका अध्ययन UPSC परीक्षा की तैयारी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस लेख में हम श्रावणी मेले के विभिन्न आयामों पर चर्चा करेंगे, साथ ही UPSC परीक्षा की दृष्टि से इसकी प्रासंगिकता को समझने का प्रयास करेंगे।
Table of Contents
धार्मिक महत्व (Religious Significance):
श्रावणी मेला का मुख्य केंद्र बाबा बैद्यनाथ मंदिर है, जो 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। श्रावण मास को शिवजी को समर्पित माना जाता है और इस दौरान भक्त बड़ी संख्या में गंगा नदी से जल लेकर बाबा बैद्यनाथ धाम में जलाभिषेक करते हैं। यह आस्था और भक्ति का एक विशाल प्रदर्शन है जो सदियों से जारी है। यह हिंदू धर्म की आस्था, रीति-रिवाजों और त्योहारों के महत्व को समझने का एक महत्वपूर्ण उदाहरण प्रस्तुत करता है।
सामाजिक आयाम (Social Dimensions):
श्रावणी मेला एक विशाल सामाजिक समागम है जहाँ विभिन्न जातियों, धर्मों और वर्गों के लोग मिलते हैं। यह एक ऐसा मंच है जहाँ सामाजिक एकता और भाईचारे का प्रदर्शन होता है। हालाँकि, इस विशाल भीड़ के प्रबंधन और सुरक्षा सुनिश्चित करने में कई चुनौतियाँ भी आती हैं। इस मेले से जुड़ी सामाजिक गतिशीलता, जनसांख्यिकी, और सामाजिक एकीकरण जैसे पहलू UPSC परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- जातीय और धार्मिक विविधता: मेले में विभिन्न जातियों और धर्मों के लोग भाग लेते हैं, जो भारत की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है।
- लिंग समानता: मेले में महिलाओं की महत्वपूर्ण भागीदारी होती है, जो लिंग समानता के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण बिंदु है।
- सामाजिक असमानताएँ: मेले में सामाजिक असमानताओं का भी प्रदर्शन होता है, जैसे कि आर्थिक असमानता और जातिगत भेदभाव।
आर्थिक प्रभाव (Economic Impact):
श्रावणी मेला स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है। यह रोजगार के अवसर पैदा करता है, व्यापार को बढ़ावा देता है, और स्थानीय लोगों की आय में वृद्धि करता है। होटल, परिवहन, खानपान, और स्मृति चिन्हों के विक्रेता इस मेले से काफी लाभान्वित होते हैं। UPSC परीक्षा में मेले के आर्थिक महत्व, स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव और टिकाऊ विकास के पहलुओं से जुड़े प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
चुनौतियाँ (Challenges):
श्रावणी मेला के आयोजन में कई चुनौतियाँ भी आती हैं, जैसे:
- भीड़ प्रबंधन: लाखों भक्तों की भीड़ का प्रबंधन एक बड़ी चुनौती है, जिसके लिए कुशल योजना और संसाधन आवंटन आवश्यक है।
- स्वच्छता: इतनी बड़ी भीड़ के कारण स्वच्छता बनाए रखना एक महत्वपूर्ण चुनौती है।
- सुरक्षा: भीड़ में सुरक्षा सुनिश्चित करना और अपराध को रोकना भी एक बड़ा काम है।
- पर्यावरणीय प्रभाव: मेले के दौरान पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करना भी महत्वपूर्ण है।
भविष्य की राह (Way Forward):
श्रावणी मेले को और अधिक सुचारू और सुरक्षित बनाने के लिए, कुछ सुधारों की आवश्यकता है, जैसे:
- बेहतर बुनियादी ढाँचा: बेहतर सड़क, परिवहन और शौचालय सुविधाओं की आवश्यकता है।
- प्रभावी भीड़ प्रबंधन: अधिक कुशल भीड़ प्रबंधन योजना की आवश्यकता है।
- सतत विकास: मेले को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के उपाय करने चाहिए।
- सुरक्षा उपाय: सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की आवश्यकता है।
श्रावणी मेला न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक संरचना को समझने का एक महत्वपूर्ण उदाहरण भी है। इसके विभिन्न पहलुओं का गहन अध्ययन UPSC परीक्षा की तैयारी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)
प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs
1. **श्रावणी मेला किस राज्य में आयोजित होता है?**
a) बिहार b) पश्चिम बंगाल c) झारखंड d) उत्तर प्रदेश
**उत्तर: c) झारखंड**
2. **श्रावणी मेला किस देवता को समर्पित है?**
a) विष्णु b) गणेश c) शिव d) सूर्य
**उत्तर: c) शिव**
3. **श्रावणी मेले में भक्त किस नदी का जल लेकर आते हैं?**
a) यमुना b) गंगा c) गोदावरी d) ब्रह्मपुत्र
**उत्तर: b) गंगा**
4. **श्रावणी मेला किस महीने में आयोजित होता है?**
a) भाद्रपद b) श्रावण c) कार्तिक d) आषाढ़
**उत्तर: b) श्रावण**
5. **श्रावणी मेले का स्थानीय अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है?**
a) कोई प्रभाव नहीं b) नकारात्मक प्रभाव c) सकारात्मक प्रभाव d) अनिश्चित प्रभाव
**उत्तर: c) सकारात्मक प्रभाव**
6. **श्रावणी मेले में आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या लगभग कितनी होती है?**
a) लाखों b) हजारों c) सैकड़ों d) दर्जनों
**उत्तर: a) लाखों**
7. **श्रावणी मेले से जुड़ी प्रमुख चुनौतियों में से एक क्या है?**
a) कम वर्षा b) भीड़ प्रबंधन c) कम तापमान d) प्राकृतिक आपदाएँ
**उत्तर: b) भीड़ प्रबंधन**
8. **श्रावणी मेले के सतत विकास के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?**
a) प्लास्टिक के उपयोग में कमी b) जल संरक्षण c) अपशिष्ट प्रबंधन d) उपरोक्त सभी
**उत्तर: d) उपरोक्त सभी**
9. **बाबा बैद्यनाथ मंदिर किस ज्योतिर्लिंग में से एक है?**
a) 11वाँ b) 12वाँ c) 10वाँ d) 9वाँ
**उत्तर: b) 12वाँ**
10. **श्रावणी मेला किस प्रकार के सामाजिक समावेश को प्रदर्शित करता है?**
a) केवल जातिगत b) केवल धार्मिक c) जातिगत और धार्मिक दोनों d) कोई नहीं
**उत्तर: c) जातिगत और धार्मिक दोनों**
मुख्य परीक्षा (Mains)
1. श्रावणी मेले के सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक महत्व पर विस्तृत चर्चा करें। इसके आयोजन में आने वाली चुनौतियों का विश्लेषण करें और सतत विकास के लिए सुझाव दें।
2. श्रावणी मेले के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक विविधता और सामाजिक एकता के पहलुओं पर प्रकाश डालें। क्या इस मेले में सामाजिक असमानताएँ भी परिलक्षित होती हैं? विश्लेषण करें।
3. श्रावणी मेले के आयोजन में प्रशासनिक चुनौतियों और इन चुनौतियों के समाधान के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का आकलन करें। क्या ये कदम पर्याप्त हैं? तर्क सहित उत्तर दें।