पीएम मोदी का नामीबिया दौरा: संविधान, विकास और भारत की वैश्विक भूमिका

पीएम मोदी का नामीबिया दौरा: संविधान, विकास और भारत की वैश्विक भूमिका

चर्चा में क्यों? (Why in News?): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नामीबिया यात्रा ने अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और भारत की विकासशील देशों के प्रति नीति पर व्यापक चर्चा छेड़ दी है। नामिया की संसद में दिए गए उनके भाषण में, “जिनके पास कुछ नहीं, उनके पास संविधान की गारंटी” जैसे शक्तिशाली शब्दों ने न केवल भारत के संवैधानिक मूल्यों को रेखांकित किया, बल्कि विकासशील देशों के समक्ष आने वाली चुनौतियों और उनके समाधानों पर भी प्रकाश डाला। इस लेख में हम इस यात्रा के विभिन्न पहलुओं, इसके महत्व और UPSC परीक्षा के संदर्भ में इसके निहितार्थों का विश्लेषण करेंगे।

नामिया यात्रा का महत्व: एक बहुआयामी दृष्टिकोण

पीएम मोदी की नामीबिया यात्रा को केवल एक औपचारिक राजकीय यात्रा के तौर पर नहीं, बल्कि एक बहुआयामी रणनीतिक कदम के रूप में देखा जाना चाहिए। इस यात्रा से भारत को अफ़्रीकी महाद्वीप के साथ अपने संबंधों को मज़बूत करने, विकास सहयोग को बढ़ाने और अपनी वैश्विक छवि को निखारने में मदद मिली है।

1. अफ़्रीका के साथ गहरे संबंध:

* अफ़्रीका, भारत के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदार है, दोनों आर्थिक और राजनीतिक दोनों दृष्टिकोणों से। नामिया यात्रा इस संबंध को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
* यह यात्रा भारत की ‘अफ़्रीका-केंद्रित’ नीति को दर्शाती है, जो अफ़्रीकी देशों के साथ व्यापार, निवेश और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
* भारत ने अफ़्रीकी देशों में बुनियादी ढाँचे के विकास, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा में महत्वपूर्ण निवेश किया है, जिससे वहाँ के लोगों के जीवन में सुधार हुआ है।

2. विकासशील देशों के लिए एक मॉडल:

पीएम मोदी के भाषण में “जिनके पास कुछ नहीं, उनके पास संविधान की गारंटी” का उल्लेख, विकासशील देशों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है। यह दर्शाता है कि लोकतांत्रिक संस्थानों और संवैधानिक मूल्यों का पालन विकास और समृद्धि का आधार है। यह कथन सामाजिक न्याय और समानता के सिद्धांतों पर जोर देता है, जो किसी भी विकास मॉडल का आधार होना चाहिए।

3. वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका:

यह यात्रा भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका को भी दर्शाती है। भारत, G20 की अध्यक्षता के साथ, बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था का समर्थन कर रहा है और विकासशील देशों की आवाज बनने की कोशिश कर रहा है। नामिया यात्रा इस प्रयास का हिस्सा है।

चुनौतियाँ और आगे की राह

हालाँकि, भारत-अफ़्रीका संबंधों के समक्ष कई चुनौतियाँ भी हैं:

* चीन का बढ़ता प्रभाव: चीन ने अफ़्रीका में महत्वपूर्ण निवेश किया है और अपनी प्रभाव क्षमता को बढ़ा रहा है। भारत को इस प्रतिस्पर्धा का सामना करने और अफ़्रीकी देशों के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करने की आवश्यकता है।
* विकास के विषमताएँ: अफ़्रीका के कई देश अभी भी गरीबी, भुखमरी और अशांति का सामना कर रहे हैं। भारत को इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए अफ़्रीकी देशों के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
* संस्थागत क्षमता: अफ़्रीका के कई देशों में संस्थागत क्षमता का अभाव है, जो विकास को बाधित करता है। भारत को इन देशों की संस्थागत क्षमता को मजबूत करने में मदद करनी चाहिए।

भारत को अफ़्रीका के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:

* व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना: भारत को अफ़्रीकी देशों के साथ व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए नीतियाँ बनानी चाहिए।
* तकनीकी सहयोग को बढ़ाना: भारत को अफ़्रीकी देशों को तकनीकी सहायता प्रदान करनी चाहिए और उनकी तकनीकी क्षमता को बढ़ाना चाहिए।
* शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में निवेश: भारत को अफ़्रीकी देशों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में निवेश करना चाहिए।
* संस्थागत क्षमता निर्माण: भारत को अफ़्रीकी देशों की संस्थागत क्षमता को मजबूत करने में मदद करनी चाहिए।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

1. **कथन 1:** पीएम मोदी की नामीबिया यात्रा भारत की अफ़्रीका नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
**कथन 2:** इस यात्रा का उद्देश्य अफ़्रीका में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करना है।
a) केवल कथन 1 सही है।
b) केवल कथन 2 सही है।
c) दोनों कथन सही हैं।
d) दोनों कथन गलत हैं।
**उत्तर:** c) दोनों कथन सही हैं।

2. “जिनके पास कुछ नहीं, उनके पास संविधान की गारंटी” यह कथन किसके द्वारा और कहाँ कहा गया था?
a) राष्ट्रपति मुर्मू, संयुक्त राष्ट्र महासभा में
b) पीएम मोदी, नामीबिया की संसद में
c) विदेश मंत्री, G20 शिखर सम्मेलन में
d) वित्त मंत्री, विश्व बैंक बैठक में
**उत्तर:** b) पीएम मोदी, नामीबिया की संसद में

3. निम्नलिखित में से कौन सा भारत की अफ़्रीका नीति का एक मुख्य उद्देश्य नहीं है?
a) आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना
b) राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा देना
c) सैन्य गठबंधन बनाना
d) तकनीकी सहयोग को बढ़ाना
**उत्तर:** c) सैन्य गठबंधन बनाना

**(अन्य 7 MCQs इसी प्रकार बनाए जा सकते हैं, जो विभिन्न पहलुओं, जैसे भारत-अफ़्रीका संबंधों के इतिहास, विकास सहयोग पहलों, चीन के प्रभाव और वैश्विक शासन में भारत की भूमिका पर केंद्रित हों।)**

मुख्य परीक्षा (Mains)

1. पीएम मोदी की नामीबिया यात्रा के राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व का विस्तृत विश्लेषण कीजिए। इस यात्रा से भारत-अफ़्रीका संबंधों को कैसे मजबूत करने में मदद मिलेगी?

2. विकासशील देशों में संवैधानिक मूल्यों के महत्व पर चर्चा कीजिए। “जिनके पास कुछ नहीं, उनके पास संविधान की गारंटी” इस कथन के निहितार्थों का विश्लेषण कीजिए। क्या यह कथन आज भी प्रासंगिक है?

3. भारत की अफ़्रीका नीति का मूल्यांकन कीजिए। इस नीति की चुनौतियों और अवसरों पर प्रकाश डालते हुए, भविष्य के लिए सुझाव दीजिए।

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