देश में बाढ़ का कहर: हिमाचल, बंगाल, महाराष्ट्र में तबाही, UPSC परीक्षा की तैयारी कैसे करें?
चर्चा में क्यों? (Why in News?): हाल ही में हिमाचल प्रदेश, बंगाल और महाराष्ट्र में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ ने जानमाल का व्यापक नुकसान किया है। यह घटना जलवायु परिवर्तन के प्रभावों और आपदा प्रबंधन की चुनौतियों पर प्रकाश डालती है, जो UPSC परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण विषय हैं।
भारत एक भौगोलिक रूप से विविध देश है, जहाँ विभिन्न मौसमी घटनाएँ जैसे मानसून, चक्रवात और बाढ़ आम हैं। इन घटनाओं के कारण होने वाले नुकसान को कम करने के लिए प्रभावी आपदा प्रबंधन योजनाएँ आवश्यक हैं। हाल ही में हुई बाढ़ ने इन योजनाओं की कमियों और सुधार की आवश्यकता को उजागर किया है।
Table of Contents
बाढ़ की घटना का विस्तृत विश्लेषण:
हिमाचल प्रदेश के सात जिलों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है, जबकि बंगाल और महाराष्ट्र में भारी बारिश हो रही है। कई बड़ी नदियाँ उफान पर हैं, जिससे व्यापक क्षति हुई है। इस घटना में कई लोगों की जान गई है और लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। यह घटना जलवायु परिवर्तन के प्रभावों, भूगर्भीय कारकों, वन कटाई और शहरीकरण के प्रभावों का एक स्पष्ट उदाहरण है।
कारण (Causes):
- अत्यधिक वर्षा: मानसून की अप्रत्याशित तीव्रता और अत्यधिक वर्षा प्रमुख कारण है।
- जलवायु परिवर्तन: वैश्विक तापमान में वृद्धि से अतिवृष्टि की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि हो रही है।
- वन कटाई: वनों की कटाई से मृदा अपरदन बढ़ता है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है।
- अनियोजित शहरीकरण: नदियों के किनारे अतिक्रमण और अनियोजित शहरीकरण से जल निकासी व्यवस्था प्रभावित होती है।
- नदी तंत्र का क्षरण: नदियों की प्राकृतिक जल निकासी क्षमता घटने से बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है।
प्रभाव (Impacts):
- मानवीय क्षति: जान-माल का नुकसान।
- आर्थिक क्षति: कृषि, उद्योग और अवसंरचना को भारी नुकसान।
- पर्यावरणीय क्षति: जैव विविधता का नुकसान और प्रदूषण।
- विस्थापन: हजारों लोग अपने घरों से विस्थापित हुए हैं।
- रोगों का प्रकोप: बाढ़ के बाद संक्रामक रोगों का प्रकोप हो सकता है।
सरकारी प्रतिक्रिया (Government Response):
सरकार ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया है। सेना, NDRF और राज्य सरकारें प्रभावित क्षेत्रों में सक्रिय हैं। हालांकि, प्रतिक्रिया की प्रभावशीलता और समयबद्धता पर सवाल उठ रहे हैं।
भविष्य की राह (Way Forward):
- सतत विकास: पर्यावरण के अनुकूल विकास के लिए योजनाएँ बनाना।
- वृक्षारोपण: वनों के संरक्षण और वृक्षारोपण को बढ़ावा देना।
- जल संसाधन प्रबंधन: जल संसाधनों के कुशल प्रबंधन के लिए नीतियाँ बनाना।
- बाढ़ नियंत्रण उपाय: बाढ़ नियंत्रण के लिए बांध, तटबंध और जल निकासी प्रणाली का निर्माण।
- जागरूकता अभियान: बाढ़ के खतरों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना।
- प्रौद्योगिकी का उपयोग: बाढ़ की भविष्यवाणी और चेतावनी प्रणाली में प्रौद्योगिकी का उपयोग करना।
- समन्वित प्रयास: केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है।
UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)
प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs
- हाल ही में आई बाढ़ किस कारण से मुख्य रूप से हुई है?
- केवल अत्यधिक वर्षा
- अत्यधिक वर्षा और जलवायु परिवर्तन
- केवल जलवायु परिवर्तन
- केवल वन कटाई
उत्तर: b) अत्यधिक वर्षा और जलवायु परिवर्तन
- निम्नलिखित में से कौन सा बाढ़ के कारण होने वाले प्रभावों में शामिल नहीं है?
- मानवीय क्षति
- आर्थिक क्षति
- पर्यावरणीय क्षति
- जनसंख्या वृद्धि
उत्तर: d) जनसंख्या वृद्धि
- NDRF का पूर्ण रूप क्या है?
- बाढ़ प्रबंधन में प्रौद्योगिकी का क्या महत्व है?
- भारत में बाढ़ के लिए उत्तरदायी भौगोलिक कारक क्या हैं?
- बाढ़ के जोखिम को कम करने के लिए सरकार द्वारा क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
- बाढ़ की चेतावनी प्रणाली को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है?
- बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए?
- बाढ़ के प्रभाव को कम करने में समुदाय की भूमिका क्या है?
- जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में बाढ़ के जोखिमों को कैसे कम किया जा सकता है?
मुख्य परीक्षा (Mains)
- भारत में बाढ़ की समस्या का विस्तृत विश्लेषण करें। इसके कारणों, प्रभावों और भविष्य की राह पर चर्चा करें।
- जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में बाढ़ के जोखिमों को कम करने के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार करें।
- भारत में बाढ़ प्रबंधन में चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा करें।
- बाढ़ से निपटने में समुदाय की भागीदारी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए एक निबंध लिखें।