देशव्यापी बाढ़: चुनौतियाँ, समाधान और UPSC परीक्षा के लिए तैयारी

देशव्यापी बाढ़: चुनौतियाँ, समाधान और UPSC परीक्षा के लिए तैयारी

चर्चा में क्यों? (Why in News?): हाल ही में देश के कई हिस्सों में हुई भारी बारिश और बाढ़ ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। त्रिपुरा में बाढ़ से सैकड़ों लोग बेघर हुए हैं, जबकि वाराणसी में कई घाट जलमग्न हो गए हैं। यह घटना UPSC परीक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपदा प्रबंधन, जल संसाधन प्रबंधन, पर्यावरणीय मुद्दे और शासन जैसे विभिन्न विषयों से जुड़ी है।

भारत एक भौगोलिक रूप से विविध देश है, जहाँ बाढ़ एक आवर्ती समस्या है। हिमालय से निकलने वाली नदियाँ और मानसून की अनियमितताएँ बाढ़ का प्रमुख कारण हैं। हालांकि, मानव गतिविधियाँ जैसे वनों की कटाई, अवैज्ञानिक शहरीकरण और नदी घाटियों में अतिक्रमण से बाढ़ की समस्या और भी जटिल हो गई है।

बाढ़ की चुनौतियाँ (Challenges Posed by Floods):

  • मानवीय क्षति: बाढ़ से जान-माल का भारी नुकसान होता है, लोग बेघर हो जाते हैं और जीवनयापन के साधन छिन जाते हैं।
  • आर्थिक नुकसान: कृषि, उद्योग और बुनियादी ढाँचे को भारी आर्थिक नुकसान होता है।
  • स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ: बाढ़ के बाद संक्रामक रोगों का प्रकोप आम बात है।
  • पर्यावरणीय क्षरण: बाढ़ से मिट्टी का कटाव, जैव विविधता का नुकसान और जल प्रदूषण होता है।
  • सामाजिक अशांति: बाढ़ से संसाधनों के लिए प्रतिस्पर्धा और सामाजिक अशांति पैदा हो सकती है।

बाढ़ प्रबंधन के उपाय (Flood Management Measures):

बाढ़ प्रबंधन एक बहुआयामी दृष्टिकोण की मांग करता है जिसमें निम्नलिखित उपाय शामिल हैं:

  • नदी घाटी विकास: नदियों के प्राकृतिक प्रवाह को बनाए रखने और बाढ़ के मैदानों का संरक्षण करना।
  • जल संसाधन प्रबंधन: वर्षा जल संचयन, जल संरक्षण और कुशल सिंचाई तकनीकों को अपनाना।
  • बाढ़ पूर्वानुमान और चेतावनी प्रणाली: आधुनिक तकनीक का उपयोग करके बाढ़ का पूर्वानुमान लगाना और समय पर चेतावनी जारी करना।
  • बाढ़ नियंत्रण संरचनाएँ: बाँध, तटबंध और जल निकासी प्रणाली का निर्माण।
  • बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विकास योजनाएँ: बाढ़ के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों में विकास योजनाएँ बनाते समय बाढ़ के खतरे को ध्यान में रखना।
  • जन जागरूकता और शिक्षा: बाढ़ से बचाव और राहत के उपायों के बारे में लोगों को जागरूक करना।
  • शहरी योजना और प्रबंधन: शहरी क्षेत्रों में जल निकासी प्रणाली का सुधार और बाढ़ प्रभावी संरचनाओं का निर्माण।

केस स्टडी: वाराणसी और त्रिपुरा की बाढ़ (Case Studies: Varanasi and Tripura Floods)

वाराणसी में घाटों के जलमग्न होने से पर्यटन और धार्मिक गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। त्रिपुरा में बाढ़ से व्यापक क्षति हुई है, जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। इन दोनों घटनाओं से पता चलता है कि बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए एक समन्वित और प्रभावी दृष्टिकोण कितना आवश्यक है।

बाढ़ प्रबंधन में चुनौतियाँ (Challenges in Flood Management):

  • वित्तीय संसाधनों की कमी: प्रभावी बाढ़ प्रबंधन के लिए बड़े पैमाने पर निवेश की आवश्यकता होती है।
  • तकनीकी विशेषज्ञता की कमी: आधुनिक बाढ़ प्रबंधन तकनीकों में प्रशिक्षित विशेषज्ञों की कमी।
  • असमान विकास: शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ प्रबंधन की क्षमता में अंतर।
  • जलवायु परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन से बाढ़ की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि हो रही है।
  • जल संसाधनों का असमान वितरण: कुछ क्षेत्रों में पानी की कमी और अन्य क्षेत्रों में बाढ़ की समस्या।

भविष्य की राह (The Way Forward):

भारत को जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बाढ़ प्रबंधन रणनीति विकसित करने की आवश्यकता है। इसमें जल संसाधन प्रबंधन, बाढ़ पूर्वानुमान, और समुदाय-आधारित आपदा प्रबंधन शामिल होना चाहिए। शहरी नियोजन में बाढ़ के खतरों को ध्यान में रखना भी आवश्यक है। साथ ही, जन जागरूकता और शिक्षा के माध्यम से लोगों को बाढ़ से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक करना महत्वपूर्ण है।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

1. **कथन 1:** बाढ़ केवल प्राकृतिक कारणों से होती है।
**कथन 2:** मानव गतिविधियाँ बाढ़ की तीव्रता और आवृत्ति को बढ़ा सकती हैं।
a) केवल कथन 1 सही है।
b) केवल कथन 2 सही है।
c) दोनों कथन सही हैं।
d) दोनों कथन गलत हैं।
**उत्तर: b)**

2. निम्नलिखित में से कौन सा बाढ़ प्रबंधन का एक प्रभावी उपाय नहीं है?
a) बाँधों का निर्माण
b) नदी घाटी विकास
c) वनों की कटाई
d) बाढ़ पूर्वानुमान प्रणाली
**उत्तर: c)**

3. बाढ़ से होने वाले प्रमुख आर्थिक नुकसान में शामिल हैं:
a) कृषि का नुकसान
b) बुनियादी ढाँचे का नुकसान
c) उद्योगों को नुकसान
d) उपरोक्त सभी
**उत्तर: d)**

4. भारत में बाढ़ का सबसे प्रमुख कारण क्या है?
a) भूकंप
b) ज्वालामुखी
c) मानसून की अनियमितताएँ
d) समुद्री तूफ़ान
**उत्तर: c)**

5. निम्नलिखित में से कौन सा बाढ़ के स्वास्थ्य संबंधी प्रभावों में शामिल नहीं है?
a) डायरिया
b) मलेरिया
c) कुपोषण
d) उच्च रक्तचाप
**उत्तर: d)**

6. बाढ़ प्रबंधन में जन सहभागिता क्यों महत्वपूर्ण है?
a) प्रभावी राहत और पुनर्वास के लिए
b) बाढ़ पूर्वानुमान और चेतावनी प्रणाली में
c) बाढ़ के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों में विकास योजनाओं में
d) उपरोक्त सभी
**उत्तर: d)**

7. निम्नलिखित में से कौन सा जल संसाधन प्रबंधन का एक उदाहरण है?
a) वर्षा जल संचयन
b) कुशल सिंचाई तकनीकें
c) जल संरक्षण
d) उपरोक्त सभी
**उत्तर: d)**

8. शहरी बाढ़ प्रबंधन के लिए क्या आवश्यक है?
a) जल निकासी प्रणाली में सुधार
b) बाढ़ प्रभावी संरचनाओं का निर्माण
c) शहरी नियोजन में बाढ़ के खतरों को ध्यान में रखना
d) उपरोक्त सभी
**उत्तर: d)**

9. जलवायु परिवर्तन बाढ़ को कैसे प्रभावित करता है?
a) बाढ़ की आवृत्ति को कम करता है
b) बाढ़ की तीव्रता को कम करता है
c) बाढ़ की आवृत्ति और तीव्रता दोनों को बढ़ाता है
d) कोई प्रभाव नहीं पड़ता
**उत्तर: c)**

10. बाढ़ प्रबंधन में तकनीकी विशेषज्ञता की कमी किस चुनौती का प्रतिनिधित्व करती है?
a) वित्तीय संसाधनों की कमी
b) मानव संसाधनों की कमी
c) तकनीकी क्षमता का अभाव
d) उपरोक्त सभी
**उत्तर: c)**

मुख्य परीक्षा (Mains)

1. भारत में बाढ़ प्रबंधन की चुनौतियों का विस्तृत विश्लेषण करें और इन चुनौतियों से निपटने के लिए प्रभावी रणनीतियाँ सुझाएँ।

2. जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में भारत में बाढ़ की बढ़ती समस्या पर चर्चा करें और इसके शमन के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत करें।

3. बाढ़ से प्रभावित समुदायों के पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार करें, जिसमें सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय पहलुओं पर ध्यान दिया जाए।

4. वाराणसी और त्रिपुरा में हाल ही में आई बाढ़ के मामले का अध्ययन करें और इन क्षेत्रों में बाढ़ प्रबंधन के लिए दीर्घकालिक समाधान सुझाएँ।

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