StudyPoint24

गेन-ऑफ-फंक्शन शोध: NIH प्रतिबंध, जैव-सुरक्षा और वैश्विक स्वास्थ्य का भविष्य (UPSC विस्तृत विश्लेषण)

image 76 6

गेन-ऑफ-फंक्शन शोध: NIH प्रतिबंध, जैव-सुरक्षा और वैश्विक स्वास्थ्य का भविष्य

चर्चा में क्यों? (Why in News?):** हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) ने ‘गेन-ऑफ-फंक्शन’ (Gain-of-Function – GoF) चिंताओं के कारण दर्जनों रोगजनक अध्ययनों को निलंबित कर दिया है। यह विषय UPSC परीक्षा के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह GS पेपर II – शासन (Governance), GS पेपर III – विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (Science & Technology), आंतरिक सुरक्षा (Internal Security) और GS पेपर IV – नीतिशास्त्र (Ethics) से संबंधित है। यह जैव-सुरक्षा, जैव-नियंत्रण, वैज्ञानिक नैतिकता, वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय सहयोग जैसे बहुआयामी पहलुओं को समाहित करता है।


‘गेन-ऑफ-फंक्शन’ शोध: एक विस्तृत विश्लेषण

विषय का परिचय

आज की दुनिया में, जहाँ वैज्ञानिक प्रगति तेजी से हो रही है, ‘गेन-ऑफ-फंक्शन’ (GoF) शोध ने विज्ञान और सुरक्षा के बीच एक जटिल बहस छेड़ दी है। यह सिर्फ एक तकनीकी शब्द नहीं, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य, जैव-आतंकवाद के जोखिम और वैज्ञानिक स्वतंत्रता की सीमाओं को परिभाषित करने वाला एक महत्वपूर्ण अवधारणा है। सरल शब्दों में, गेन-ऑफ-फंक्शन शोध में ऐसे परिवर्तनों के साथ सूक्ष्मजीवों (जैसे वायरस या बैक्टीरिया) का अध्ययन करना शामिल है जो उन्हें अधिक संक्रामक, विषैला (घातक), या उपचार के प्रति अधिक प्रतिरोधी बनाते हैं।

इस शोध का प्राथमिक उद्देश्य रोगजनकों (pathogens) के विकास, अनुकूलन और संचरण को समझना है, ताकि भविष्य की महामारियों को रोकने या उनका इलाज करने के लिए टीके और एंटीवायरल विकसित किए जा सकें। हालाँकि, इस शोध की अंतर्निहित प्रकृति – ‘क्षमता में वृद्धि’ – अनजाने में या दुर्भावनापूर्ण रूप से प्रयोगशाला से बाहर निकलने पर गंभीर जोखिम पैदा करती है, जैसा कि COVID-19 महामारी के संभावित प्रयोगशाला रिसाव सिद्धांत ने वैश्विक चिंता का विषय बना दिया था। इसी पृष्ठभूमि में, NIH (जो अमेरिका में चिकित्सा अनुसंधान का प्रमुख केंद्र है) का यह कदम महत्वपूर्ण है और यह दर्शाता है कि वैज्ञानिक समुदाय इन उच्च जोखिम वाले अध्ययनों से जुड़े संभावित खतरों को कितनी गंभीरता से ले रहा है। यह निर्णय जैव-सुरक्षा, नैतिकता और नियामक निरीक्षण की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है।

प्रमुख प्रावधान / मुख्य बिंदु

‘गेन-ऑफ-फंक्शन’ शोध को समझना और NIH के निलंबन के निहितार्थों का विश्लेषण करने के लिए, हमें इसकी अवधारणा, जोखिम और संबंधित सुरक्षा उपायों की गहराई से जाँच करनी होगी।

पक्ष और विपक्ष (Pros and Cons)

गेन-ऑफ-फंक्शन शोध विज्ञान और समाज के लिए महत्वपूर्ण लाभ और गंभीर जोखिम दोनों प्रस्तुत करता है। इन दोनों पहलुओं को समझना महत्वपूर्ण है।

सकारात्मक पहलू (Positives)

GoF शोध के समर्थकों का तर्क है कि इसके कई संभावित लाभ हैं जो सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए आवश्यक हैं।

नकारात्मक पहलू / चिंताएँ (Negatives / Concerns)

लाभ के बावजूद, GoF शोध के साथ महत्वपूर्ण और गंभीर चिंताएं जुड़ी हुई हैं, जिनके कारण NIH जैसे संगठनों ने इसे निलंबित करने का निर्णय लिया है।

चुनौतियाँ और आगे की राह (Challenges and Way Forward)

गेन-ऑफ-फंक्शन शोध के साथ जुड़ी जटिलताएं और जोखिम इसे दुनिया के सामने सबसे महत्वपूर्ण वैज्ञानिक, नैतिक और सुरक्षा चुनौतियों में से एक बनाते हैं। इसका प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है।

चुनौतियाँ

इस पहल/नीति/घटना के कार्यान्वयन में कई चुनौतियाँ हैं, जैसे कि:

आगे की राह: इन चुनौतियों से निपटने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें वैश्विक सहयोग, मजबूत नियामक ढाँचा और नैतिक दिशानिर्देशों का विकास शामिल होना चाहिए।

  • मजबूत नियामक ढाँचा (Robust Regulatory Framework): GoF शोध के लिए कठोर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय नियामक ढाँचे विकसित करना आवश्यक है। इसमें स्पष्ट दिशानिर्देश, अनिवार्य जोखिम मूल्यांकन, लाइसेंसिंग प्रक्रियाएं, और नियमित निरीक्षण शामिल होने चाहिए। भारत को भी अपनी जैव-सुरक्षा नीतियों को और मजबूत करना चाहिए और इन वैश्विक चर्चाओं में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए।
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और मानक (International Collaboration & Standards): एक वैश्विक सहमति और मानक प्रोटोकॉल विकसित करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाना महत्वपूर्ण है। एक देश की सुरक्षा की कमी अन्य सभी के लिए खतरा बन सकती है।
  • नैतिक दिशा-निर्देशों का विकास (Development of Ethical Guidelines): वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं और नैतिक विशेषज्ञों को एक साथ आकर GoF शोध के लिए व्यापक नैतिक दिशानिर्देश विकसित करने चाहिए, जो मानव जाति के सर्वोत्तम हित को प्राथमिकता दें।
  • वैकल्पिक शोध पद्धतियाँ (Alternative Research Methodologies): ऐसे सुरक्षित विकल्पों में निवेश करना जो उच्च जोखिम वाले GoF प्रयोगों के बिना समान अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकें (जैसे कम्प्यूटेशनल मॉडलिंग, इन विट्रो अध्ययन)।
  • जोखिम संचार और सार्वजनिक शिक्षा (Risk Communication & Public Education): GoF शोध के लाभों और जोखिमों के बारे में पारदर्शी और सुलभ तरीके से जनता को शिक्षित करना आवश्यक है, ताकि गलत सूचना को रोका जा सके और सार्वजनिक विश्वास बनाया जा सके।
  • बायोसेफ्टी इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश (Investment in Biosecurity Infrastructure): विशेष रूप से विकासशील देशों में उच्च-सुरक्षा प्रयोगशालाओं के निर्माण और रखरखाव में निवेश करना, साथ ही कर्मचारियों के लिए व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करना।
  • भारत के लिए निहितार्थ: भारत को अपने मौजूदा जैव-सुरक्षा और जैव-नियंत्रण प्रोटोकॉल की समीक्षा करनी चाहिए, विशेष रूप से उभरते रोगजनकों पर शोध के संबंध में। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सक्रिय रूप से भाग लेना और वैश्विक मानदंडों को अपनाने में योगदान करना आवश्यक है। हमें अपनी स्वयं की प्रयोगशालाओं में सुरक्षा मानकों को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी और उच्च जोखिम वाले शोध के लिए स्पष्ट नीतियां बनानी होंगी।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

  1. ‘गेन-ऑफ-फंक्शन’ (GoF) शोध के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
    1. इसमें सूक्ष्मजीवों को संशोधित करना शामिल है ताकि वे अधिक संक्रामक या विषैले बन सकें।
    2. इसका प्राथमिक उद्देश्य भविष्य की महामारियों के लिए टीके और उपचार विकसित करना है।
    3. यह ‘दोहरे उपयोग के अनुसंधान’ (DURC) की श्रेणी में नहीं आता है।

    उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

    • (a) केवल I और II
    • (b) केवल II और III
    • (c) केवल I और III
    • (d) I, II और III

    उत्तर: (a)

    व्याख्या: कथन I और II सही हैं। GoF शोध में सूक्ष्मजीवों की क्षमताओं में वृद्धि की जाती है ताकि उनके व्यवहार को समझा जा सके और उपचार विकसित किए जा सकें। कथन III गलत है क्योंकि GoF शोध अक्सर DURC की श्रेणी में आता है, जिसका अर्थ है कि इसके वैध वैज्ञानिक अनुप्रयोगों के साथ-साथ इसका दुरुपयोग भी किया जा सकता है।

  2. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन जैव-सुरक्षा (Biosecurity) को सबसे अच्छी तरह परिभाषित करता है?
    • (a) खतरनाक जैविक एजेंटों को प्रयोगशाला के भीतर सुरक्षित रूप से रखने के उपाय।
    • (b) जैविक एजेंटों के अनधिकृत पहुँच, चोरी, दुरुपयोग या दुर्भावनापूर्ण रिहाई को रोकने के उपाय।
    • (c) किसी महामारी के दौरान संक्रमित व्यक्तियों को अलग-थलग करने की प्रक्रिया।
    • (d) जैविक हथियार बनाने के लिए आनुवंशिक इंजीनियरिंग तकनीकों का उपयोग।

    उत्तर: (b)

    व्याख्या: जैव-सुरक्षा का संबंध दुर्भावनापूर्ण या अनधिकृत उपयोग से खतरनाक जैविक एजेंटों की सुरक्षा से है। विकल्प (a) जैव-नियंत्रण (Biocontainment) को परिभाषित करता है।

  3. बायोसेफ्टी स्तर (BSL) के संबंध में, BSL-4 प्रयोगशालाएँ किसके लिए डिज़ाइन की गई हैं?
    • (a) उन एजेंटों के लिए जो मनुष्यों में ज्ञात बीमारी पैदा नहीं करते।
    • (b) मध्यम जोखिम वाले एजेंटों के लिए जो गंभीर बीमारी का कारण नहीं बनते।
    • (c) गंभीर या घातक बीमारी पैदा करने वाले एजेंटों के लिए जिनके लिए टीके या उपचार उपलब्ध हैं।
    • (d) अत्यधिक खतरनाक और आसानी से संचरित होने वाले एजेंटों के लिए जिनके लिए कोई ज्ञात टीका या उपचार नहीं है।

    उत्तर: (d)

    व्याख्या: BSL-4 उच्चतम सुरक्षा स्तर है, जो सबसे खतरनाक और लाइलाज रोगजनकों के साथ काम करने के लिए है, जिसमें अत्यधिक सख्त नियंत्रण और पृथक्करण प्रोटोकॉल शामिल हैं।

  4. निम्नलिखित में से कौन-सा संगठन अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियम (IHR) 2005 का प्रमुख संरक्षक है?
    • (a) संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP)
    • (b) विश्व व्यापार संगठन (WTO)
    • (c) विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
    • (d) अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA)

    उत्तर: (c)

    व्याख्या: अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियम (IHR) 2005, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिमों से निपटना है, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा प्रशासित है।

  5. NIH (National Institutes of Health) द्वारा गेन-ऑफ-फंक्शन शोध के निलंबन का प्राथमिक कारण क्या था?
    • (a) धन की कमी
    • (b) शोधकर्ताओं की कमी
    • (c) ‘गेन-ऑफ-फंक्शन’ चिंताओं से जुड़े संभावित जोखिम
    • (d) अन्य ग्रहों पर जीवन की खोज पर ध्यान केंद्रित करना

    उत्तर: (c)

    व्याख्या: NIH का निलंबन मुख्य रूप से GoF शोध से जुड़े संभावित जोखिमों, विशेष रूप से प्रयोगशाला रिसाव या दुर्भावनापूर्ण उपयोग की संभावना के बारे में बढ़ती चिंताओं के कारण था।

  6. जैव-नियंत्रण (Biocontainment) और जैव-सुरक्षा (Biosecurity) के बीच मुख्य अंतर क्या है?
    • (a) जैव-नियंत्रण दुर्भावनापूर्ण कृत्यों से बचाव पर केंद्रित है, जबकि जैव-सुरक्षा दुर्घटनाओं से बचाव पर।
    • (b) जैव-नियंत्रण प्रयोगशाला के भीतर एजेंटों को सुरक्षित रखने से संबंधित है, जबकि जैव-सुरक्षा उनके अनधिकृत पहुँच को रोकने से।
    • (c) जैव-नियंत्रण केवल वायरस के लिए है, जबकि जैव-सुरक्षा बैक्टीरिया के लिए।
    • (d) कोई अंतर नहीं है, वे समानार्थी शब्द हैं।

    उत्तर: (b)

    व्याख्या: जैव-नियंत्रण का उद्देश्य प्रयोगशाला के भीतर खतरनाक जैविक एजेंटों को सुरक्षित रूप से रखना और उन्हें अनजाने में बाहर निकलने से रोकना है। जैव-सुरक्षा का उद्देश्य जैविक एजेंटों को अनधिकृत पहुँच, चोरी, या दुर्भावनापूर्ण उपयोग से बचाना है।

  7. GoF शोध के नकारात्मक पहलुओं में से एक ‘जोखिम-लाभ विश्लेषण की जटिलता’ है। इसका क्या अर्थ है?
    • (a) GoF शोध हमेशा लाभहीन होता है।
    • (b) GoF शोध से जुड़े संभावित लाभ और जोखिमों का मूल्यांकन करना बेहद आसान है।
    • (c) GoF शोध के संभावित लाभ प्रायः काल्पनिक या दीर्घकालिक होते हैं, जबकि जोखिम ठोस और तत्काल होते हैं, जिससे संतुलन बनाना कठिन होता है।
    • (d) यह विश्लेषण केवल सरकार द्वारा किया जा सकता है, वैज्ञानिकों द्वारा नहीं।

    उत्तर: (c)

    व्याख्या: GoF शोध में यह तय करना एक बड़ी चुनौती है कि क्या अनुमानित भविष्य के लाभ (जैसे महामारी की तैयारी) उन वास्तविक और वर्तमान जोखिमों (जैसे दुर्घटना या दुरुपयोग) से अधिक हैं।

  8. निम्नलिखित में से कौन-सा देश GoF शोध पर वैश्विक मानक और विनियम स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है?
    • (a) केवल वे देश जिनके पास BSL-4 प्रयोगशालाएँ हैं।
    • (b) केवल G7 देश।
    • (c) सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देश, विशेष रूप से प्रमुख वैज्ञानिक शक्तियाँ।
    • (d) केवल विकासशील देश।

    उत्तर: (c)

    व्याख्या: चूंकि GoF शोध के परिणाम वैश्विक हो सकते हैं, इसलिए वैश्विक मानक और विनियम स्थापित करने के लिए सभी देशों, विशेष रूप से वैज्ञानिक रूप से उन्नत देशों के बीच व्यापक सहयोग की आवश्यकता है।

  9. ‘दोहरे उपयोग के अनुसंधान’ (Dual Use Research of Concern – DURC) की अवधारणा का सबसे अच्छा उदाहरण क्या है?
    • (a) एक सौर पैनल विकसित करना जो केवल ऊर्जा उत्पन्न करता है।
    • (b) एक नई दवा विकसित करना जिसका उपयोग केवल बीमारियों के इलाज के लिए किया जा सकता है।
    • (c) एक कृषि उपकरण विकसित करना जो फसलों की कटाई को आसान बनाता है।
    • (d) एक जीवाणु पर शोध जो मानवीय बीमारियों का इलाज कर सकता है, लेकिन जिसे जैव-हथियार के रूप में भी संशोधित किया जा सकता है।

    उत्तर: (d)

    व्याख्या: DURC का तात्पर्य ऐसे शोध से है जिसके वैध वैज्ञानिक उद्देश्य हैं, लेकिन जिसके परिणाम या ज्ञान का उपयोग सार्वजनिक स्वास्थ्य या सुरक्षा को नुकसान पहुँचाने के लिए भी किया जा सकता है, जैसा कि विकल्प (d) में दर्शाया गया है।

  10. GoF शोध पर NIH के निलंबन से निम्नलिखित में से किस क्षेत्र पर सीधा प्रभाव पड़ने की संभावना है?
    • (a) अंतरिक्ष अन्वेषण प्रौद्योगिकी
    • (b) जैव-सुरक्षा और नैतिक दिशानिर्देशों का विकास
    • (c) नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत
    • (d) प्राचीन इतिहास का अध्ययन

    उत्तर: (b)

    व्याख्या: NIH का निलंबन सीधे जैव-सुरक्षा, जैव-नियंत्रण और GoF शोध के लिए नैतिक दिशानिर्देशों की समीक्षा और विकास की आवश्यकता को उजागर करता है।

मुख्य परीक्षा (Mains)

  1. “गेन-ऑफ-फंक्शन’ शोध मानव जाति के लिए एक दोधारी तलवार है।” इस कथन के आलोक में, इसके संभावित लाभों और निहित जोखिमों का समालोचनात्मक विश्लेषण करें। आप इस संवेदनशील शोध को विनियमित करने के लिए कौन से अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय उपाय सुझाएँगे?
  2. जैव-सुरक्षा और जैव-नियंत्रण के बीच अंतर स्पष्ट करें। वैश्विक महामारियों के जोखिम को कम करने में ‘बायोसेफ्टी स्तर’ (BSL) प्रयोगशालाओं की भूमिका का मूल्यांकन करें। भारत को अपनी जैव-सुरक्षा अवसंरचना को मजबूत करने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए?
  3. ‘वैज्ञानिक स्वतंत्रता’ और ‘सार्वजनिक सुरक्षा’ के बीच संतुलन स्थापित करना वर्तमान समय में एक बड़ी नीतिगत चुनौती है, विशेषकर ‘गेन-ऑफ-फंक्शन’ जैसे उच्च जोखिम वाले शोध के संदर्भ में। इस कथन का विश्लेषण करें और इस चुनौती का सामना करने के लिए एक नैतिक और नियामक ढाँचा कैसे विकसित किया जा सकता है, इस पर अपने विचार प्रस्तुत करें।
Exit mobile version