गुजरात पुल हादसा: 13 मौतें, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन में खामियां उजागर
चर्चा में क्यों? (Why in News?): गुजरात के मोरबी जिले में एक झूलता हुआ पुल 30 अक्टूबर, 2022 को ढह गया, जिससे 130 से अधिक लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। यह घटना राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन में मौजूद कमियों को उजागर करती है और बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा और रखरखाव की आवश्यकता पर ज़ोर देती है।
मोरबी में हुई यह त्रासदी सिर्फ़ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक कड़वी सच्चाई है जो हमारे राष्ट्र के बुनियादी ढाँचे की कमज़ोरियों और आपदा प्रबंधन की चुनौतियों को उजागर करती है। इस घटना से कई महत्वपूर्ण प्रश्न उठते हैं, जिन पर गहन विचार-विमर्श और जाँच की आवश्यकता है।
Table of Contents
- घटना का विवरण (Details of the Incident)
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन की चुनौतियाँ (Challenges in National Disaster Management)
- बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा और रखरखाव (Infrastructure Safety and Maintenance)
- आगे की राह (The Way Forward)
- UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)
- प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs
- मुख्य परीक्षा (Mains)
घटना का विवरण (Details of the Incident)
30 अक्टूबर, 2022 को, मच्छु नदी पर बना एक ऐतिहासिक झूलता हुआ पुल, जिसका निर्माण 1879 में ब्रिटिश शासनकाल में हुआ था, अचानक ढह गया। पुल पर उस समय सैकड़ों लोग मौजूद थे, जो दीपावली के उत्सव का आनंद लेने आए थे। घटना के परिणामस्वरूप दर्जनों लोग मारे गए और कई घायल हुए। बचाव कार्य कई घंटों तक चला और कई लोगों को नदी से बाहर निकाला गया।
- मृतकों की संख्या: 130 से अधिक (अधिकृत आँकड़ों की प्रतीक्षा है)
- घायलों की संख्या: अनेक
- कारण: पुल के रखरखाव में लापरवाही, अधिक भार, पुल की पुरानी अवस्था आदि संभावित कारण माने जा रहे हैं।
- प्रभाव: दक्षिण गुजरात का सौराष्ट्र से संपर्क प्रभावित हुआ।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन की चुनौतियाँ (Challenges in National Disaster Management)
यह घटना कई महत्वपूर्ण चुनौतियों को उजागर करती है जो भारत के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन तंत्र का सामना कर रहा है:
- पूर्वानुमान और निवारक उपाय: पुराने ढाँचों का नियमित निरीक्षण और समय पर मरम्मत का अभाव।
- आपातकालीन प्रतिक्रिया: त्वरित बचाव और राहत कार्यों में कमी।
- जिम्मेदारी और जवाबदेही: घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों और संस्थाओं को जवाबदेह ठहराने में कठिनाई।
- समन्वय: विभिन्न सरकारी एजेंसियों और स्वयंसेवी संगठनों के बीच समन्वय की कमी।
- संसाधन: पर्याप्त संसाधनों, प्रशिक्षित कर्मचारियों और उपकरणों की कमी।
बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा और रखरखाव (Infrastructure Safety and Maintenance)
भारत में बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा और रखरखाव एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। पुराने ढाँचों का नियमित निरीक्षण और समय पर मरम्मत ज़रूरी है। इसके लिए एक प्रभावी निगरानी तंत्र और पर्याप्त धन आवंटन की आवश्यकता है। इस घटना से सीख लेते हुए, हमें बुनियादी ढाँचे के नियमित निरीक्षण और रखरखाव पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
आगे की राह (The Way Forward)
इस त्रासदी से सबक लेते हुए, हमें निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:
- नियमित निरीक्षण और रखरखाव: सभी पुराने ढाँचों का नियमित निरीक्षण और समय पर मरम्मत सुनिश्चित करना।
- प्रौद्योगिकी का उपयोग: उन्नत तकनीकों का उपयोग करके ढाँचों की स्थिति का आकलन करना।
- मानव संसाधन विकास: आपदा प्रबंधन में प्रशिक्षित कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि करना।
- जवाबदेही सुनिश्चित करना: लापरवाही के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों और संस्थाओं को जवाबदेह ठहराना।
- आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना: प्रभावी आपातकालीन प्रतिक्रिया योजनाएँ तैयार करना और नियमित रूप से अभ्यास करना।
UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)
प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs
- हाल ही में गुजरात में हुए पुल हादसे से किस प्रकार की आपदा प्रबंधन की कमियों का पता चला है?
- पूर्वानुमान और निवारक उपायों में कमी
- आपातकालीन प्रतिक्रिया में कमी
- समन्वय और संसाधनों की कमी
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d) उपरोक्त सभी
- मोरबी पुल हादसे के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य नहीं है?
- यह एक झूलता हुआ पुल था।
- यह ब्रिटिश काल का पुल था।
- इसमें 100 से अधिक लोग मारे गए थे।
- यह 21वीं सदी में बनाया गया था।
उत्तर: (d) यह 21वीं सदी में बनाया गया था।
- मोरबी पुल हादसे से किस क्षेत्र की कमजोरियों का पता चला है?
- शहरी नियोजन
- बुनियादी ढाँचा रखरखाव
- कृषि नीति
- शिक्षा नीति
उत्तर: (b) बुनियादी ढाँचा रखरखाव
- निम्नलिखित में से कौन सा कारक मोरबी पुल हादसे में योगदान दे सकता है?
- पुल की पुरानी अवस्था
- रखरखाव में लापरवाही
- अधिक भार
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d) उपरोक्त सभी
- मोरबी पुल हादसा किस राज्य में हुआ?
- महाराष्ट्र
- गुजरात
- मध्य प्रदेश
- राजस्थान
- इस हादसे के बाद किस प्रकार के सुधारों की आवश्यकता है?
- पुराने ढांचों का नियमित निरीक्षण
- आपदा प्रबंधन योजनाओं में सुधार
- जिम्मेदारी सुनिश्चित करना
- उपरोक्त सभी
- मोरबी पुल हादसा किस नदी पर हुआ?
- नर्मदा नदी
- ताप्ती नदी
- मच्छु नदी
- गोदावरी नदी
- इस हादसे से किस क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता है?
- बुनियादी ढांचा रखरखाव
- आपदा प्रबंधन
- जवाबदेही
- उपरोक्त सभी
- मोरबी पुल हादसे में कितने लोग मारे गए (लगभग)?
- 50
- 100
- 130 से अधिक
- 200 से अधिक
- मोरबी पुल हादसे ने किस राज्य के संपर्क को प्रभावित किया?
- गुजरात और महाराष्ट्र
- गुजरात और राजस्थान
- दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र
- मध्य प्रदेश और गुजरात
उत्तर: (b) गुजरात
उत्तर: (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (c) मच्छु नदी
उत्तर: (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (c) 130 से अधिक
उत्तर: (c) दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र
मुख्य परीक्षा (Mains)
- गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे का विस्तृत विश्लेषण कीजिए। इस हादसे के कारणों, प्रभावों और आपदा प्रबंधन में सुधार के लिए सुझाव दीजिये।
- भारत में बुनियादी ढाँचे के रखरखाव की स्थिति का आकलन कीजिए और इस क्षेत्र में सुधार के लिए व्यापक रणनीति तैयार कीजिए। मोरबी पुल हादसे से प्राप्त सबक पर विशेष ध्यान दीजिये।
- भारत में आपदा प्रबंधन तंत्र की कमियों की विस्तार से चर्चा कीजिए। मोरबी पुल हादसे का उदाहरण देते हुए इन कमियों को दूर करने के लिए सुझाव दीजिये।
- मोरबी पुल हादसे के संदर्भ में, जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए? क्या यह हादसा प्रशासनिक लापरवाही का उदाहरण है?