अशोधित मृत्यु दर से क्या तात्पर्य है

 अशोधित मृत्यु दर से क्या तात्पर्य है

 What is the meaning of crude death rate ?

 अशोधित मृत्यु दर ( Crude Death Rate )

अशोधित मृत्यु दर मृत्यु की दर मापने की सबसे आसान विधि है । यह किसी वर्ष विशेष में पंजीकृत हुई , मृत्युओं से सम्पूर्ण जनसंख्या के अनुपात को प्रदर्शित करती है । अर्थात् , किसी दिए हुए वर्ष के लिए अशोधित मृत्यु दर उस वर्ष विशेष में होने वाली मृत्युओं ने जनसंख्या को किस दर से कम किया है इसे प्रदर्शित करते हैं । इसे ” मृत्यु प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष ” भी कहते हैं । इसे प्रति हजार के रूप में व्यक्त करते हैं । अशोधित मृत्यु दर को ज्ञात करने के लिए किसी समय विशेष में हुई कुल मृत्युओं को मध्यवर्षीय जनसंख्या से भाग दे दिया जाता है । प्राप्त भागफल को 1000 से गुणा करने पर जो राशि प्राप्त होती है उसे अशोधित मृत्यु दर प्रति हजार कहा जाता है । सूत्र रूप में , अशोधित मृत्यु दर = कुल मृत्युओं की संख्या मध्यवर्षीय जनसंख्या C.D.R. = या जहाँ C.D.R. = अशोधित मृत्यु दर प्रति हजार ED EP x 1000 x 1000 ED = किसी वर्ष विशेष में हुई किसी क्षेत्र की कुल मृत्युओं की संख्या EP = वर्ष विशेष में उस क्षेत्र विशेष की कुल जनसंख्या प्रो ० डेविड एम ० हीर के अनुसार , ” इसे उस अनुपात के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो किसी दी हुई जनसंख्या में किसी वर्ष विशेष में हुई मृत्युओं तथा उसी वर्ष के मध्य की जनसंख्या के बीच होता है । “

अशोधित मृत्यु दर के गुण ( Merits of Crude Dealth Rate ) —

अशोधित मृत्यु दर के गुण इस प्रकार हैं

  1. यह मृत्यु दर को व्यक्त करने वाला सबसे आसान सूचकांक है जिसकी गणना आसानी की जा सकती है ।
  2. इसकी गणना में कम जीवन समंकों की आवश्यकता पड़ती है ।
  3. किसी देश की समस्त जनसंख्या की मृत्यु दर को केवल एक ही अंक में व्यक्त कर देने के कारण वार्षिक पुस्तिकाओं एवं सांख्यिकीय प्रकाशनों दर का उल्लेख होता है ।
  4. अशोधित मृत्यु दर द्वारा ग्रामीण व शहरी अथवा भिन्न – भिन्न जातियों या आय वर्गों अथवा स्त्री व पुरुषों के बीच मृत्यु दर ज्ञात कर सकते हैं और उनकी तुलना कर सकते हैं । साथ ही यह दो विभिन्न देशों में व्याप्त मृत्यु दरों की तुलना में भी उपयोगी है ।

  1. इसके द्वारा लोगों के जीवन काल की अवधि का बाहरी तौर पर अनुमान लगाया जा सकता है ।

अशोधित मृत्यु दर के दोष

 ( Demerits of Crude Death Rate ) –

 अशोधित मृत्यु दर के दोष निम्नवत् हैं

  1. मृत्यु दर की गणना करते समय जनसंख्या की संरचना को ध्यान में नहीं रखा जाता है । इसमें जनसंख्या के भिन्न – भिन्न मृत्यु दर वाले समुदायों को मिश्रित कर औसत निकाला जाता है , जो सभी वर्गों के लिए निकलता है , जिसका पणिाम कभी – कभी समुदाय विशेष के लिए विपरीत होता है ।
  2. इससे विभिन्न आयु वर्गों व विभिन्न तत्त्वों के अन्तरों व प्रभावों का ज्ञान नहीं हो पाता है । अतः इससे प्राप्त निष्कर्षों से नीति निर्धारण जोखिम पूर्ण हो सकता है ।
  3. इसकी गणना करते समय समंकों को दो भिन्न स्रोतों से लिया जाता है । कुल जनसंख्या का स्रोत जनगणना होती है जबकि कुल मृत्युओं की संख्या का स्रोत पंजीकरण होता है । दो भिन्न स्रोतों के आधार पर लिए गए आँकड़ों का सांख्यिकीय विश्लेषण करना अवैज्ञानिक प्रक्रिया है ।

  1. जनगणना 10 वर्ष पश्चात् होती है जबकि मृत्यु का पंजीकरण किसी वर्ग विशेष में होता है । अतः दो विभिन्न समयावधियों में प्राप्त आँकड़ों के आधार पर प्राप्त परिणाम वैज्ञानिक एवं तथ्यपूर्ण नहीं कहे जा सकते ।

 आयु विशिष्ट मृत्यु दर से आप क्या समझते हैं

What do you understand by Age Specific Death Rate ?

आयु विशिष्ट मृत्यु दर ( Age Specific Death Rate ) आयु विशिष्ट मृत्यु दर को भी आयु विशिष्ट प्रजनन दर के समान परिकलित किया जाता है । इसमें सम्पूर्ण जनसंख्या को विभिन्न आयु वर्गों में वर्गीकृत कर दिया जाता है और उसके उपरान्त प्रत्येक आयु वर्ग में मरने वाले व्यक्तियों की संख्या को उसी आयु वर्ग की जनसंख्या से भाग देकर भाजनफल को 1000 से गुणा कर इस विशिष्ट आयु वर्ग की मृत्यु दर ज्ञात की जाती है ।

  1. किसी देश की समस्त जनसंख्या की मृत्यु दर को केवल एक ही अंक में व्यक्त कर देने के कारण वार्षिक पुस्तिकाओं एवं सांख्यिकीय प्रकाशनों दर का उल्लेख होता है । प्राय : इस 4. अशोधित मृत्यु दर द्वारा ग्रामीण व शहरी अथवा भिन्न – भिन्न जातियों या आय वर्गों अथवा स्त्री व पुरुषों के बीच मृत्यु दर ज्ञात कर सकते हैं और उनकी तुलना कर सकते हैं । साथ ही यह दो विभिन्न देशों में व्याप्त मृत्यु दरों की तुलना में भी उपयोगी है । 5. इसके द्वारा लोगों के जीवन काल की अवधि का बाहरी तौर पर अनुमान लगाया जा सकता है ।
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