छायावादित्तर हिंदी कविता
छायावाद (Chhayavadi) एक प्रमुख काव्यधारा थी, जो हिंदी कविता में 20वीं सदी के प्रारंभ में उत्पन्न हुई। इस काव्यधारा का प्रभाव 1910 के आसपास देखा गया था और इसके प्रमुख कवि जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा और निराला थे। इस काव्यधारा में व्यक्तित्व की गहनता, भावनाओं का उत्कर्ष, और प्रकृति के प्रति विशेष रुझान देखने को मिलता है।
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